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TripurastavarajaH 1 रातवराजः (पचमीतवराजः) मडल ाथना ीनाथादग यं गणपतं पीठयं भैरवं सौघं वट कयं पदय गं तीमं म!डलम वीरा&’(य)ट चत )कषि)टनवक ं वीरावल-प.चक ं ीम&मालनम&राजसहतं व&दे रोम3!डलम १॥ भगवती यानम ् सेवे स&द रसंदोहस &दर6वा7गभास राम कणाप रपीय षकटा8ां लनायकाम २॥ शरस योगपीठिथत गुयानम ् (:वनें (:वभ जं शा&तं प<ासनि6थतम योगपीठ े समासीनं नमाम शरस ि6थतम ३॥ नमाम स(ग शा&तं >?य8शव@:पणम शरसा योगपीठ6थं िAतकामाथ3सये॥ ४॥ पचमी यानम ् या न?या परमा शिAतज3गCचैत&य@:पणी। तां नमाम महादेवीं प.चमीं मात @:पणीम ५॥ य6याः सव3म सम ?प&नं य6याम(या:प त)ठत। लयमे)यत य6यां तां प.चमीं >णमाGयहम ६॥

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Hymn of praise on Shri Mahatripursundari. Recitation yieds fruit of Navavarna puja.

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TripurastavarajaH

1

�ी ��परातवराजः (प�चमीतवराजः) ग�म�डल �ाथ�ना

�ीनाथा�दग�य गणप�त पीठ�य भरव

�स�ौघ वटक�य पदयग दती�म म!डलम।

वीरा&'(य)ट चत)कषि)टनवक वीरावल-प.चक

�ीम&मा�ल�नम&�राजस�हत व&द गरोम3!डलम॥ १॥

भगवती �यानम

सव �स&दरसदोहस&दर6वा7गभासराम।

कणापरपीयषकटा8ा कलना�यकाम॥ २॥

शर स योगपीठिथत ग��यानम

(:वन� (:वभज शा&त ग प<ासनि6थतम।

योगपीठ समासीन नमा�म �शर�स ि6थतम॥ ३॥

नमा�म स(ग शा&त >?य8�शव@:पणम।

�शरसा योगपीठ6थ मिAतकामाथ3�स�य॥ ४॥

प�चमी �यानम

या �न?या परमा शिAतज3गCचत&य@:पणी।

ता नमा�म महादवी प.चमी मात@:पणीम॥ ५॥

य6याः सव3म सम?प&न य6याम(या:प �त)ठ�त।

लयम)य�त य6या ता प.चमी >णमाGयहम॥ ६॥

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TripurastavarajaH

2

भगवती म'दर �यानम

�ीम?कIपतरोम3ल भवा&या र?नमि&दर।

र?न�सहासन द'याः �ीच� >णमाGयहम॥ ७॥

�ीच) वण�नम

भगह गणरखाLय वद(वारोपशो�भतम। M�व?त षोडशदळ तथा)टदळकPण3कम॥ ८॥

मनकोण (:व�दAकोण वसकोण M�कोणकम॥

मRय Mब&दमहाच� �न?य �ीM�परामयम॥ ९॥

प�चकटा.मक प�च/व0या सम1ारः

UVमा!डाधारशिAतXच कला6मरपर&दराः।

एताः सयोZय परतः ईXवर- योजयिCछव॥ १०॥

च&^बीज तदा�द6थ �शवबीज �नयोजयत।

मादन श�बीज6थ योजय?भवनXवर-म॥ ११॥

�शव बीज मादन6थ श�षि)ट समि&वतम।

स_तम तCच श�6थ मायाबीज सम�रत॥ १२॥

त7गा8र �शवा�द6थ म�द&^ समि&वतम।

धर&धरसता बीज एक�ा:प �नयोजयत॥ १३॥

बक तर-य बीजाधः �ोधीश च �नयोजयत।

:पनाकश च&^ स6थ आकाश रAत सि6थतम ॥१४॥

चतथ36वरसयAत नादMब&दसमि&वतम ।

सव3मक� सयोZय प.चप.च8ार- ** भवत ॥ १५ ॥

प.चकटाि?मका :व(या सव3त&�ष गो:पता ।

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TripurastavarajaH

3

:व(याचडामPणदaवी >ोAता सवb?तमो?तमा ॥ १६॥

तव 6नहा&मयाcयाता न आcयया य6य क6यdचत॥ १७॥

** प�चमी

िवा - कएईलe- हसकलe- हकहलe- कहयलe- हकलसe-

An existing version of the M�परा6तवराजः or प.चमी 6तवराजः of Guhananda

mandali gives the प.चकटा?मक प.च:व(या सम�ारः as follows:

UVमा!डाधारशिAतXच कला6मरपर&दराः।

एताः सयोZय परत ईXवर- योजयिCछव॥ १०॥

च&^बीज Mब&दस6थ �शवबीज �नयोजयत।

मादन श�बीज6थ योजयfवनXवर-म॥ ११॥

�शवबीज मादन6थ श�षि)टसमि&वतम।

स_तम तCच श�6थ मायाबीज सम�रत॥ १२॥

त7गा8र �शवा�द6थ म�द&^समि&वतम।

धर&धरसताबीजमक�ा:प �नयोजयत॥ १३॥

बगळातर-यबीजाधः षोडश च �नयोजयत। वाA6थ तर-यक बीज शा�बीज �नयोजयत॥ १४॥

:पनाकश च&^स6थमाकाश रससि6थतम। चतथ36वरसयAत नादMब&दसमि&वतम॥ १५॥

सव3मक� सयोZय प.चप.च8ार- * भवत।

प.चकटाि?मका :व(या सव3त&�ष गो:पता॥ १६॥

:व(याचडामPणदaवी >ोAता सवb?तमो?तमा। तव 6नहा&मयाcयाता नाcयया य6य क6यdचत॥ १७॥

* क ए ई ल �� ह स क ल �� ह क ह ल �� ह क ए ल �� ह क ल स ��

Sadhakas may derive their conclusions on which version to use after seeking

their guru’s guidance.

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TripurastavarajaH

4

दश'द2पाल व3दनम

इ&^ो मा र8य?>ाCयामाhनiयामिhनदवता।

याGय यमः सदा पात नऋत �नऋ�तXच माम॥ १८॥

पिXचम वणः पात वाय'य वायदवता। धनदXचो?तर पात ऐशा&यामीXवरोऽवत॥ १९॥

ऊRवn >जाप�तः पायादधXचान&तदवता।

एव दश �दशो र8ा कव3&?वाशाdधदवताः॥ २०॥

गणशा'द-र6ादवतानसधानम

गणशः सव3दा पात 8�शो र8य?सदा।

(वार�ीः सव3दा पात दहळी पात सव3दा॥ २१॥

गणनाथः सदा पात दगा3 मा पoरर8त।

वटको भरवXचा&त 8�पालोऽ�भर8त॥ २२॥

सह र?या 6वप?&या च कामदवXच सव3दा। >ी?या सह वस&तोऽ:प पात मा न&दन वन॥ २३॥

च�6य पिXचम(वार भवा&या र?नमि&दर।

श7खप<�नधी र8ा कता काम�स�य॥ २४॥

पात मा र?नसोपान परमXवय3शो�भतम।

र8य?पिXचम(वार भवा&या र?नमि&दर॥ २५॥

सर6वती महालpमीमा3या दगा3 :वभतय।

भ^काळी तथा 6वि6त 6वाहा चव शभकर-॥ २६॥

गौर- च लोकधा�ी च वागीXवया3दयो मम। एताXचा� ि6थताः सवा3 र8ा कव3&त सव3दा॥ २७॥

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TripurastavarajaH

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/व8नो.सारण

पाष!डाचाoरणो भता भमौ य चा&तर-8गाः।

�द:व लोक ि6थता य च त गCछ&त �शवाqया॥ २८॥

0वीपनाथ पजा

वा6तनामdधपो UVमा r)टा र8त सव3दा।

कलनाथः सदा पात (वीपनाथोऽ:प सव3दा ॥ २९॥

आसन पजा

�शव कव3&त ताः सवा3 आसन प.चदवताः ।

पिsव ?वया धता लोका द:व ?व :व)णना धता।

?व च धारय मा द:व प:व� क चासनम॥ ३०॥

�ीपा� म�डल �यानम

च�6य दt8ण भाग �ीम?पा�6य म!डल।

प.चर?ना�न म पा&त पजकाना च �स�य॥ ३१॥

अि;नम�डल �यानम

त� पा�ासन प!य सव3दा विVनम!डल। वVनXच म!डल पात कलद'याXच पजन॥ ३२॥

दश वि<नकला =न>पणम -

धuाdच3@)मा Zव�लनी Zवा�लनी :व6फ�ल7dगनी।

स�ीः स@पा क:पला ह'यक'यवह दश॥ ३३॥

वVनद3शकला qयाः सव3धम3फल>दाः।

एता�भः स�हतो र8ा कया3(वXवानरो मम॥ ३४॥

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TripurastavarajaH

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सय�म�डल �यानम

त� पा�वर �द'य �ीमदा�द?यम!डल।

सय36य म!डल पात मम सवा3थ3�स�य॥ ३५॥

0वादश सय�कला =न>पणम

त:पनी ता:पनी धuा मर-dचZवा3�लनी dचः। सषGना भोगदा :वXवा बोdधनी धाoरणी 8मा॥ ३६॥

कभा(यण3यता भानोः ठडा&ता (वादशoरताः।

एताः कला6त सय36य सय3म!डलसि6थताः।

एता�भः स�हतो र8ामा�द?यः >करोत म॥ ३७॥

सोमम�डल �यानम

त� पा�ामत �द'य सोम6यामतम!डल।

अमत सव3दा पात भरवान&दहतकम॥ ३८॥

षोडश सोमकला =न>पणम

अमता मान&दा पषा ति)टः प)ट- र�तध3�तः।

श�शनी चि&^का काि&तZयb?6ना �ीः >ी�तर7गदा॥ ३९॥

पणा3 पणा3मता कामदा�य&यः 6वरजाः कलाः।

सोमम!डलमRय6था र8ा कव3&त सव3दा॥ ४०॥

सधाम�डल �यानम

र:ववदकलापणa सधासपण3म!डल।

न8�ाdधपती र8ा करोत मम भतय॥ ४१॥

सया3िhनम!डल �द'य सपणa श�शम!डल। पात मा खचर-बीज दोषकादशनाशकत॥ ४२॥

शिAतयAत सरान&द भरवा(यः सशिAत�भः।

आन&दभरवो र8ा करोत मम सव3दा॥ ४३॥

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TripurastavarajaH

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त� पणा3मत प!य शिAतया3 वाणी कला।

आन&द@:पणी र8ा करोत मम सव3दा॥ ४४॥

दश @<मकला =न>पणम (सिBट)

सि)टब3:�ः 6म�तमaधा काि&तल3pमी(3य�तः ि6थरा।

ि6थ�तः �स:�oर�त cयाताः कचवग3कला दश॥ ४५॥

अकारात UVमणो?प&नाः सि)टकम3Pण त?पराः।

एता�भः स�हतः पायात UVमा मा वाA>दः सदा॥ ४६॥

दश /वBणकला =न>पणम (िथ=त)

जरा च पा�लनी शाि&तर-Xवर- र�तका�मक।

वरदा Vला�दनी >ी�तदxघा3 च टतवग3गाः॥ ४७॥

उकारा(:व)णसभताः ि6थ�तकम3Pण त?पराः।

एता�भः स�हतः पाया&मा :व)णः पि)टदायकः॥ ४८॥

दश �Cकला =न>पणम (सहार)

तीpणा रौ^- भया �न^ा त&^- 8त �ोdधनी z�या।

उ(गारा म?य@पा च पयवग3कला दश॥ ४९॥

मकारा^ सभताः सहार�नरताः सदा।

एता�भः स�हतो ^ो मा पाया&म?यनाशकः॥ ५०॥

चतE ईGवरकला =न>पणम (=तरोधान)

�तर6कoर!यः पश{?प.चि&^य:वमोहनाः ।

अन&ता&ता6त ताः प.च पीता Xवताणा�सता॥ ५१॥

Mब&दोर-Xवरसभताः षळवग3कला6तथा।

�तरोधानपरा�भमा3म पायादता�भर-Xवरः॥ ५२॥

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TripurastavarajaH

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षोडश सदा शवकला =न>पणम (अनHह)

�नवि?तXच >�त)ठा च :व(या शाि&त6तथव च।

इि&धका द-:पका च�त रdचका मोdचका परा॥ ५३॥

सpमा स8ामता qानामता आ_या�यनी तथा। 'या:पनी 'योम@पा च अन&ता च�त षोडश॥ ५४॥

एताः 6वरकलानादा?सदा�शवसमfवाः ॥ ५५॥

अन|ह>दा �न?य सव3�स:�>दा�यकाः।

एता�भः स�हतः पाया?सदापव3ः �शव6त माम॥ ५६॥

@<मा�ड=नकाय वण�नम

मातका �यानम

मातका पात मा �न?य सव3म&�6व@:पणी।

अख!डकरसान&दकर- मा पात सव3दा॥ ५७॥

मल/व0या �यानम

अमतशी सदा पात द-:पनी पात सव3दा।

मल:व(या च मा पात �ीमि?�परस&दर-॥ ५८॥

=न.याकलानसधानम

कामXवया3�द�भय3Aता �न?या�भः पात मा सदा।

सव3धोम!डकाकार ^ः कालानलो :वभः॥ ५९॥

मल�क=त दवी �यानम

र8ा करोत म �न?य या मल>क�तः सदा।

ततXचाधारशिAतया3 मम र8ा करोत सा॥ ६०॥

कमा�ऽन3तवराह �यानम

कम36त सतत पायादन&तो र8य?सदा।

त6य मि}न3 ि6थतः Xवतवराहः पoरर8त॥ ६१॥

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TripurastavarajaH

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पJवी �यानम

द&त त6य ि6थता पsवी पात �न?य वस&धरा। सKतसमC �यानम

सम^ः सव3दा पात सर?नरमतज3लः॥ ६२॥

मLण0वीप वण�नम

र?न(वीप च म र8ा करोत 6वण3पव3तः।

पात मा न&दनो(यान पा&त मा कIपभहः॥ ६३॥

अध6तषा सदा पात :वdच�ा र?नभ�मका।

वालकाः प.च मा पा&त पा&त दवमह-हः॥ ६४॥

नवर?नमया6त� >ाकाराः पा&त मा नव। Mच3तामLणगह वण�नम

�ीर?नमि&दर �द'य dच&तामPण:वभ:षतम॥ ६५॥

त� प< महा�द'य >भाम!डलव�दका। XवतC~� सदा पात र?नमAतामPण>भम॥ ६६॥

र.न सहासन वण�नम

>भामRयि6थत पात र?न�सहासन च माम।

�सहासन6य पाXव36थ धमn qान च र8त॥ ६७॥

वराhय र8यि&न?यमXवयn र8य?सदा।

अधमb र8यि&नतयमqान पoरर8त॥ ६८॥

अवराhय त मा पायादनXवयn त सव3दा।

�सहासन6य मRय6था दगा3 मा पoरर8त॥ ६९॥

माया मा पात त�व :व(या मा पoरर8त।

�ी:व(या श�:व(या च मात7गी भवनXवर-॥ ७०॥

वाराह- च समाcयाताः प.च :व(याXच पा&त माम।

अन&तो र8यि&न?य फणप.चदशाि&वतः॥ ७१॥

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त&मRयफणमRय6थ महाप< च र8त।

पात चान&दक&द मा qाननाळ च सव3दा॥ ७२॥

दळा >क�त@पा मा >क?याकारकसरः।

पात मा पात �न?य सा त?व@पा च कPण3का॥ ७३॥

सय36य म!डल पात पात मा सोमम!डलम।

वVनXच म!डल पात स?व र8त सव3दा।

रजXच पात मा �न?य पात �न?य तमोगणः॥ ७४॥

आ?मा चवा&तरा?मा च परमा?मा च र8त।

qाना?मा च तथा र8ा करोत मम सव3दा॥ ७५॥

आ?मत?व शिAतत?व :व(यात?व तथव च।

सदा�शव6य य?त?व त?सवn पात मा सदा॥ ७६॥

qान माया कला:व(या त?वा?मानो :वभतयः। र?न�सहासन द'या र8ा कव3&त सव3दा॥ ७७॥

महा�तासन �यानम

UVमा :व)णXच ^Xच ईXवरXच सदा�शवः।

एत प.च महा>ता र8ा कव3&त सव3दा॥ ७८॥

�ीदNयासनानसधानम

सधाण3वासन पात पात पोताGबजासनम।

द'यासन सदा पात पात च�ासन च माम॥ ७९॥

सव3म&�ासन पात साRय�स�ासन तथा। नवयो&यासन पात सव3दा मम र8णम॥ ८०॥

करोत कलस&दया3ः काम@प �शवासनम।

त�व सि6थता द'यो र8ा कव3&त सव3दा॥ ८१॥

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नवच)GवरOदवी =न>पणम

M�परा M�परशी च M�परा(या च स&दर-।

M�परवा�सनी पXचात M�परा�ीXच मा�लनी॥ ८२॥

�स�ाGबा भरवी?यताि6�परा(याXच पा&त माम।

ग�म�डल-ओघ�य =न>पणम

गरवो �द'य�स�ौघमानवौघाि6�धा ि6थताः॥ ८३॥

म�नवदनागसcया र8ा कव3&त सव3दा।

नवयोMगनीदवता =न>पणम

सम6त>कटा ग_ता6तथा ग_ततराXच याः॥ ८४॥

स>दायाः कलो?तीणा3 �नगभा3Xच रह6यकाः।

तथवा�तरह6याXच परापररह6यकाः॥ ८५॥

नवधा पजन त� योdगनीना :वधीयत।

एता6त सतत र8ा कव3ता योdगनीगणाः॥ ८६॥

�थमावरणम �लो2यमोहनच)ाराधनम

�थमरखाया अLणमा'द दश स/1दवता =न>पणम

�लोAयमोहन च� >थम पoरर8त।

अPणमा पिXचम पात ल�घमा चो?तर तथा॥ ८७॥

पव3(वार च म�हमा ई�शता पात दt8ण।

व�शता मात पात >ाकाGया ?वीशक तथा॥ ८८॥

भिAत�स:�6तथाhनiया�मछा र8त नऋत।

अधः पात सदा >ाि_तः सव3काम>दा�यनी॥ ८९॥

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सव3कामा सदा पात ऊRवa चोRव3�नवा�सनी।

एताः >थमरखाया सवा3ः >कटपoरताः॥ ९०॥

0/वतीयरखाया सभरव @<Tया'द-अBटमातकादवता =न>पणम

भरवXचा�सता7गो यः काम@प6य पीठक।

UVमाणीस�हतः पवa (वार मा पoरर8त॥ ९१॥

मलय चािhन�दhभाग सि6थतो भरवः।

माहशीस�हतः पात कलाचार6य �स�य॥ ९२॥

च!डः कोलdगरौ र8ा कौमार-स�हतो यम।

करोत भरवो �न?य पजकाना च �स�य॥ ९३॥

व)णवीस�हतः �ोधः कळा&त पीठराजक। नऋत सव3दा पात भोगमो8ाथ3�स�य॥ ९४॥

चौहायa पिXचम पीठ वाराह-स�हतः सदा।

उ&म?तभरवो र8ा करोत मम �स�य॥ ९५॥

जाल&धर महापीठ कपाल- भरवः सदा।

इ&^ाणीस�हतो र8ा वाय'य >करोत म॥ ९६॥

ओ�याण चो?तर पीठ चाम!डास�हतः सदा।

भीषणो भरवः पात साधकाना च �स(Rय॥ ९७॥

सहारXचि!डकायAतो दवीको)ठ च पीठक। ऐशा&या र8यि&नत कलाचार6य �स�य॥ ९८॥

एत (:वतीयरखाया सि6थताXचतर�गाः।

ततीयरखाया दशमCादवता =न>पणम

सव3स8ो�भणी म^ा पिXचम पात सव3दा॥ ९९ ॥

^ा:वणी चो?तर पात पवa चाकष3णी सदा।

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याGय वXया सदा पात उ&मादा मात सदा॥ १००॥

ईश महा7कशा पात M�ख!डा पात चानल।

नऋत बीजम^ा च ऊRवa र8त खचर-॥ १०१॥

महाम^ा ?वधः पात योdगनी यो�न@:पणी।

�थमावरणदवता समिBट-�यानम

स�स�यो म�^काXच भरवाः सह मात�भः॥ १०२॥

एताXच�ि6थता �न?य सव3कामफल>दाः।

चतर� M�रखास र8ा कव3&त सव3दा॥ १०३॥

0/वतीयावरणम – सवा�शापVरपरकच)ाराधनम

कामाकष��या'द षोडशकलादवी =न>पणम

सवा3शापरक च� (:वतीय पoरर8त। कामाकष3ण@पा च ब(Rयाकष3ण@:पणी॥ १०४॥

अहकाराकष3णी च श�दाकष3ण@:पणी।

6पशा3कष3ण@पा च @पाकष3ण@:पणी॥ १०५॥

रसाकष3ण@पा च ग&धाकष3ण@:पणी।

dच?ताकष3ण@पा च धया3कष3ण@:पणी॥ १०६॥

6म?याकष3ण@पा च नामाकष3ण@:पणी।

बीजाकष3ण@पा च आ?माकष3ण@:पणी॥ १०७॥

अमताकष3णी दवी शर-राकष3णी तथा।

एताXच�ि6तथा �न?य 6वराणा3 षोडश दल॥ १०८॥

सवा3भी)ट>दा द'यो र8ा कव3&त सव3दा।

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ततीयावरणम – सव�स6ोभणच)ाराधनम

अनWगकसमा'द-अBटदवता =न>पणम

सव3स8ोभण च� ततीय पoरर8त॥ १०९॥

अन7गकसमा पवa दt8णऽन7गमखला।

पिXचमऽन7गमदना उ?तर मदनातरा॥ ११०॥

अन7गरखा चाhनiया नऋतऽन7गवdगनी।

वातऽन7गा7कशा चव ईश चान7गमा�लनी॥ १११॥

कवगा3(य)टवग36था अ)टौ चान7गशAतयः। र8ा कव3&त ताः सवा3 द'यXचा)टदल ि6थताः॥ ११२॥

तरOयावरणम – सव�सौभा;यदायकच)ाराधनम

सव�स6ो भ�या'द चतद�शशि2तदवता =न>पणम

सव3सौभाhयद च� चतथn पoरर8त।

सव3स8ो�भणी शिAतः सव3:व^ा:वणी तथा॥ ११३॥

सवा3कष3णशिAतXच सवा3Vलाद6व@:पणी।

सव3समो�हनी शिAतः सव36तGभन@:पणी ॥ ११४॥

सव3जGभणशिAतXच सव3तोवXय@:पणी।

सव3र.जनशिAतXच सवb&माद6व@:पणी॥ ११५॥

सवा3थ3साdधनी शिAतः सव3सपि?तपरणी। सव3म&�मयी शिAतः सव3(व&(व8यकर-॥ ११६॥

चतद3शारच�6था र8ा कव3&त सव3दा।

प�चमावरणम – सवा�थ�साधकच)ाराधनम

सव� स/1�दा'द ब'हद�शार दशदवता =न>पणम

सवा3थ3साधक च� प.चम पoरर8त॥ ११७॥

सव3�स:�>दा दवी सव3सप?>दा�यनी।

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TripurastavarajaH

15

सव3:>यकर- शिAतः सव3म7गलकाoरणी॥ ११८॥

सव3काम>दा दवी सव3दःख:वमोdचनी।

सव3म?य>शमनी सव3:व}न�नवाoरणी॥ ११९ ॥

सवा37गस&दर- दवी सव3सौभhयदा�यनी। ब�हद3शारच�6था र8ा कव3&त सव3दा॥ १२०॥

षBठावरणम – सव�र6ाकरच)ाराधनम

सव�Zा'द-अ3तद�शार दशदवता =न>पणम

सव3र8ाकर च� ष)ठ र8त सव3दा। सव3qा सव3शिAतXच सव�Xवय3फल>दा॥ १२१॥

सव3qानमयी दवी सव3'याdध:वना�शनी।

सवा3धार6व@पा च सव3पापहरा तथा॥ १२२॥

सवा3न&दमयी दवी सव3र8ा6व@:पणी।

तथव �ह महादवी सवaि_सतफल>दा॥ १२३॥

अ&तद3शारच�6था र8ा कव3&त सव3दा।

सKतमावरणम – सव�रोगहरच)ाराधनम

वा;दNया'द-अBटवा;दवता =न>पणम

सव3रोगहर च� स_तम पoरर8त॥ १२४॥

वाhदवी व�शनी पात पात कामXवर- च माम।

मो�दनी :वमला पात अणा ज�यनी च माम॥ १२५॥

सवaXवर- च म र8ा कता कौ�लनी तथा।

वाhद'यो वरदाः स&त सवा36त)य&त पिजताः॥ १२६॥

अ)टकोणा&तर वा!यो र8ा कव3&त सव3दा।

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TripurastavarajaH

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अBटमावरणम – सव� स/1�दच)ाराधनम

सव3�स:�>द च�म)टम पoरर8त॥ १२७॥

आयधदवता पजनम

अ)टकोणा&तर6थान M�कोण ब�हरायधाः।

�ीम?पाशा7कशधनबा3णाXचायधदवताः॥ १२८॥

षडWगदवता पजनम

षड7गदवताः पा&त अ7ग6थाXचा7गदवताः।

महाद'याXच�स6था र8ा कव3&त सव3दा॥ १२९॥

कामGवया�'द चतBपीठदवता =न>पणम

�ीमि?�कोणमRय त त� कोण�यष च।

मRय च सव3दा पा&त चतrः पीठदवताः॥ १३०॥

काम कामXवर- पात पणa व�Xवर- तथा।

जाल&धर महापीठ पात मा भगमा�लनी॥ १३१॥

ओ�याणक महापीठ महाM�परस&दर-।

नवमावरणम – सवा�न3दमयच)ाराधनम

�ीमहा��परस3दरO यजनम

सवा3न&दमय च� नवम पoरर8त॥ १३२॥

सयa&दविVनपीठ त Mब&दच��नवा�सनी।

UVम6व@:पणी पात �ीमि?�परस&दर-॥ १३३॥

षोडश=न.यानसधानम

यो�नमRय त पoरतो �न?याषोडशशAतयः।

द'याः �ीच�मRय6था र8ा कव3&त सव3दा॥ १३४॥

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TripurastavarajaH

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नवच)GवरO दवता =न>पणम

�लोAयमोहन च� चतर� सशोभन।

पात माम�नश दवी M�परा परमXवर-॥ १३५॥

सवा3शापरक च� षोडशार मनोहर। त� च�Xवर- �न?य पात माम M�परXवर-॥ १३६॥

तथा अ)टदळच� त सव3स8ोभकारक।

त� च�Xवर- �न?य पायात M�परस&दर-॥ १३७॥

चतद3शार च� त शभ सौभाhयदायक।

त� च�Xवर- �न?य पायात M�परवा�सनी॥ १३८॥

सवा3थ3 साधक भाVय दशार च�-राजक।

M�परा �ीः सदा पात मम कIयाण हतव॥ १३९॥

अ&तद3शार च� त सव3 र8ाकर पर।

�न?य च�Xवर- दवी पायात M�परमा�लनी॥ १४०॥

अथ अ)टकोण च� त सव3 रोगहर पर।

पात मा M�परा �स�ा दवी च�Xवर- सदा॥ १४१॥

सव3 �स:�>द च� गण कोण मनोहर।

च�Xवर- च म र8ा करोत M�पराMबका॥ १४२॥

सवा3न&दमय च� मRय Mब&दौ सशोभन।

महा च�Xवर- पात �ीमत M�परभरवी॥ १४३॥

=तMथ=न.या दवताराधनम

�न?या कामXवर- पात पात माम भगमा�लनी।

�न?यिAल&ना च मा पात भ!डा पात सव3दा॥ १४४॥

मा विVनवा�सनी पात महा व�Xवर- तथा।

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पात मा �शवद�त च ?वoरता र8यत सदा॥ १४५॥

कलस&दर- मा पात �न?या�न?या च पात माम।

�न?या नीलपताका च :वजया पात सव3दा॥ १४६॥

�ीसव3म7गळा पात �न?या Zवालाशमा�लनी। :वdच�ा सव3दा पात षोडशी पात स&दर-॥ १४७॥

षोडशी >थमा �न?या M�प.च�तdथगा�मनी।

अनलोम:वलोमन �ीमि?�परस&दर-॥ १४८॥

महा:व(या तर-या त पात मा बह@:पणी।

महास_तदशी �न?या �न?यमान&द@:पणी॥ १४९॥

षडाTनाय दवता पजनम

पव3 दt8णपXचाCच उ?तरोRव3मन?तर।

ष[दश�न पजनम

बौ�व�दकशवाXच सौरव)णवशाAतकाः॥ १५०॥

समयादवी यजनम

सि)टि6थ�तलयाcयाना वासो र8त सव3दा।

चतrः समयाद'यो योdग&यः पा&त सव3दा॥ १५१॥

मलाधारा'द च)िथत योMगनीदवता यजनम

चतरr महाच� तारा मा पoरर8त।

डाzकनी राzकणी पात लाzकनी काzकनी तथा।

साzकनी हाzकनी पात याzकनी सव3@:पणी॥ १५२॥

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वण36था मातकाः सवा3 दह6था मातकाXच याः।

र8ा कव3&त ताः सवा3Xच�राज त पिजताः॥ १५३॥

�ीच� पिजता या याः पिजता या न पिजताः।

सवा36ताः पिजताः स&त �ीमि?�परस&दर-॥ १५४॥

नवच) दवताराधनम

चतर� महाच� ब�ो मा पoरर8त।

पात माम�नश दवः षोडशार >जाप�तः॥ १५५॥

तथा)टदळच� त �शवो मा पoरर8त।

चतद3शारच� त भा6करो र8यत सदा॥ १५६॥

(:वदशार तथा पात >भना3रायणो हoरः।

अ)टार मRयच� त पात मा भवनXवर-॥ १५७॥

अ)टारा&ति6�कोण त का�ळका पात सव3दा। M�कोणा&तरच� त पात का?यायनी च माम॥ १५८॥

नवच�Xवर- �न?या या �न?या परमा कला।

पात माम�नश दवी �ीमि?�परस&दर-॥ १५९॥

प�चमीदवी समाराधनम

महाM�परस&दया3िXच&तनीया च या परा।

UVम6व@:पणी पात प.चमी परदवता॥ १६०॥

प.चमी पात सतत �न?य र8त प.चमी।

शाि&त करोत सा �न?या प.चमी परदवता॥ १६१॥

सा पनः प.चमी शिAत�न3?यचत&य@:पणी।

कारणान&दमRय6था पात मा प.चमी सदा॥ १६२॥

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प.चत?व तथा प.च यि?कि&चत प.चम 6मतम।

�न?य प.चगणः पात प.चमी परदवता॥ १६३॥

प.चप.चा8रम3&�ः प.चकटXच प.च�भः।

प.चमी पात सतत �न?य र8त प.चमी॥ १६४॥

प�चपि�चका =न>पणम

प�चल\Tयबाः

�ी:व(या च तथा लpमीम3हालpमी6तथव च।

M�शिAतः सव3साuाZयलpमीः प.च >क��त3ताः॥ १६५॥

प�चकोशाबाः

�ी:व(या च परZयो�तः परा �न)कळशाGभवी।

अजपा मातका च�त प.च कोशाः >क��त3ताः॥ १६६॥

प�चक]पलताबाः

�ी:व(या ?वoरता चव पाoरजातXवर- तथा। M�पटा प.चबाणशी प.चकIपलताः 6मताः॥ १६७॥

प�चकामदघाबाः

�ी:व(याऽमतपीठशी सधासरमतXवर-।

अ&नपणa�त :वcयाताः प.च कामदघा 6मताः॥ १६८॥

प�चर.नाबाः

�ी:व(या �स�लpमीXच मात7गी भवनXवर-।

वाराह- प.चर?नानामीXवरXच >क��त3ताः॥ १६९॥

ब लदवता यजनम

गणशो वटकXचव 8�शो योdगनीगणाः।

त:प3ता ब�लपा�ाPण सवa र8&त पिजताः॥ १७०॥

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ऐशा&या सव3दा पात �न?य �नमा3Iयवा�सनी।

श:षका स&दर- पात Mब&दच��नवा�सनी॥ १७१॥

कामकला �यानम

�न?य कामकला पात म^ा मा पात खचर-।

शिAतमा सव3दा पात या मलाधारवा�सनी॥ १७२॥

�ीमहा��परस3दरO मरणम

म^ाम&�ोपचार6त सम6ता दवताXच याः।

ताः �ीXच पिजता चा6त �ीमि?�परस&दर-॥ १७३॥

�ीमि?�परस&दया3ः 6तवराज मनोहरम।

पजा�मण कdथत साधकाना सखावहम॥ १७४॥

तवराज पारायण फल�=तः

�मणानन :वdधना �ीमि?�परस&दर-म।

सपZय साधक�)ठो र8ाम&� सदा पठत॥ १७५॥

>ातःकाल शdचभ3?वा �नशायामध3रा�क।

अथवा सकट >ा_त राज6थान सदग3म॥ १७६॥

जल वाऽथ 6थल वा:प Xमशान दग3म dगरौ।

य� य� भय >ा_त स त�व पठ&नरः॥ १७७॥

सवा3वयवभावन दवी सdच&?य साधकः।

र8ा कव�त य?नन सवा3शभ:वना�शनीम॥ १७८॥

6तो� चाfतमवद �लोAय चा:प दल3भम।

गोपनीय >य?नन यद-Cछदा?मनो �हतम॥ १७९॥

य6म क6म न दात'य न वAत'य कदाचन।

�श)याय भिAतयAताय साधकाय >काशयत॥ १८०॥

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�)ट�यः साधक�योऽ:प बा&धव�यो न दश3यत।

द?त च �स:�हा�नः 6या�द?याqा शाकर- कता॥ १८१॥

म&�ाः परा7मखा याि&त ��ा भव�त स&दर-।

अशभ च भव?त6य त6मा(य?नन गोपयत॥ १८२॥

य(गह :व(यत 6तो� |&थ �लPखतम?तमम।

च.चला:प ि6थरा भ?वा कमला त� �त)ठ�त॥ १८३॥

त6मा(य?ना�दम |&थ पजय(ग&धप)पकः।

पजाफल लभि&न?य स&दर-स�नdधभ3वत॥ १८४॥

6तवराज�मम प!य यः पठ?ससमा�हतः।

य?फल लभत त6माCछणRव साधको?तमाः॥ १८५॥

वारमक त योऽधीयात स पजाफलमXनत।

व�दता मातच�6य साधको भ:व जायत॥ १८६॥

मासमत?�मणव पठ?भिAतपरायणः।

6वगaऽ:प :व�दतो भ?वा दवीभAत6त भतल॥ १८७॥

भA?या च धारय(य6त �लPख?वा 6तो�म?तमम।

�शखायामथवा क!ठ बाहौ वा भिAतसयतः॥ १८८॥

स भव?साधक�)ठो मातणा च सदा :>यः।

लभत सव3कामा&व पर 6व6?ययन भवत॥ १८९॥

त6मा�दद >य?नन धारय(:वdधना तथा। प�ठ?वा पज:व?वा च �लोAय वशमानयत॥ १९०॥

भAताय ददत त6म म&� र8ाकर परम।

ध?वा सौवण3मRय6था सव3कामा&नरो लभत॥ १९१॥

या�न वा.छ�त कामा�न भिAतमिAतकराPण च।

लभत ना� सदहो भ:व 6वगa रसातल॥ १९२॥

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�)�वा च साधक�)ठ |हरा8स�हसकाः।

दरादव पलाय&त न समथा3Xच �ह�सतम॥ १९३॥

:वष �न:व3षता या�त पाप �नया3�त स8यम।

दवव&मानवो भ?वा भनिAत बहल सखम॥ १९४॥

त6माि&न?य पठ�ीमा&मिAतकामाथ3�स�य।

भA?या च धारय�वी 6वर8ा सव3दाचरत॥ १९५॥

पव3जा�तपoरqानव(य ज&मसहrकम।

न पनजा3यत योनौ मरण नाि6त चापरम॥ १९६॥

ग&धव3@पवान भ?वा सपZय परमXवर-म।

र8ाम&� प�ठ?वा च दव?व लभत �वम॥ १९७॥

अप�ो लभत प� दoर^ो लभत धन।

य य वा:प 6मरि&न?य त तमा_नो�त �निXचतम॥ १९७॥

अ�तदःखालय क)ट भीम �नगळब&धन।

सक?पाठ कत �न?य �नगळा&मCयत �वम॥ १९९॥

द)कतर�भचारXच रोगय3pमा�द�भXच यः।

पर>यAत|36तोऽ:प पठना&मCयत नरः॥ २००॥

इम M�परस&दया3ः 6तवराज मनोहरम।

र8ाम&� च शभद �शवन पoरक��त3तम।

यः पठ?>यतो भA?या स(यो रोगा?स मCयत॥ २०१॥

आयरारोhयमXवयn भिAत मिAत च :व&द�त।

सवा3&कामानवा_नो�त दव&^6या:प दल3भान॥ २०२॥

इ�त �ी^यामळ M�परा6तवराजः समा_तः

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TripurastavarajaH

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सव� स/1क.तो�म

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