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gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa गोामी तुलसीदास कृत िवनयपिऽका Document Information Text title : Vinaypatrika File name : Vinaypatrika_i.itx Category : tulasIdAsa, raama Location : doc_z_otherlang_hindi Author : Goswami Tulasidas Transliterated by : Mr. Balram J. Rathore, Ratlam, M.P., a retired railway driver Description-comments : Converted from ISCII to ITRANS Acknowledge-Permission: Dr. Vineet Chaitanya, [email protected] Latest update : March 12, 2015 Send corrections to : [email protected] This text is prepared by volunteers and is to be used for personal study and research. The file is not to be copied or reposted without permission, for promotion of any website or individuals or for commercial purpose. Please help to maintain respect for volunteer spirit. Please note that proofreading is done using Devanagari version and other language/scripts are generated using sanscript. August 9, 2020 sanskritdocuments.org

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gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

Document Information

Text title Vinaypatrika

File name Vinaypatrika_iitx

Category tulasIdAsa raama

Location doc_z_otherlang_hindi

Author Goswami Tulasidas

Transliterated by Mr Balram J Rathore Ratlam MP a retired railway driver

Description-comments Converted from ISCII to ITRANS

Acknowledge-Permission Dr Vineet Chaitanya vciiitnet

Latest update March 12 2015

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This text is prepared by volunteers and is to be used for personal study and research The

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Please note that proofreading is done using Devanagari version and other languagescripts

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August 9 2020

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gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम िवषयानबमिणका

िवषय पदा िवषय पदाौी गणश-ित १ ौी राम ित ४३-४५सय -ित २ ौीराम-नाम-वना ४६िशव-ित ३-१४ ौीराम-आरती ४७-४८दवी-ित १५-१६ हिरशरी-पद ४९गा-ित १७-२० ौीराम-ित ५५६यमना-ित २१ ौीरग-ित ५७-५९काशी-ित २२ ौीनर-नारायण-ित ६०िचऽकट-ित २३-२४ ौीिवमाधव-ित ६१-६३हनमत -ित २५-३६ ौीरामवना ६४लण-ित ३७-३८ ौीराम-नाम-जप ६५-७०भरत-ित ३९ िवनयावली ७१-२७९शऽ-ित ४० mdash mdash

ौीसीता-ित ४१-४२ mdash mdash

राग-सचौआसावरी ६२१८३-१८८ िबहाग १०७-१३४काण २०८-२११२१४-२७९ भरव २२६५-७३कारा २४२०४-२०७ भरवी १९८-२०३कदारा ४१-४४२१२-२१३ मलार १६१गौरी ३१३६४५१८९-१९७ मा १५

1

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जतौी ६३८३-८४ रामकली ६-९१६-२०४६-६११०६टोड़ी ७८-८२ लिलत ७५-७७दडक ३७ िवभास ७४धनाौी ४-५११२२५-२९ सारग ३०१५५-१५७

३८-४०८५-१०५ सहो िबलावल १३५-१३६नट १५८-१६० सोरठ १६२-१७८बस १३-१४२३६४ mdash mdash

िबलावल १-३२१३२-३५१०७ mdash mdash

१३४१३७-१५४१७९-१८२ mdash mdash

राम ौी हनमत नमः

दो०ौीग चरन सरोज रज िनज मन मक सधािरबरनउ रघबर िबमल जस जो दायक फल चािर बिहीन तन जािनक सिमरौ पवन-कमारबल बि िवा द मोिह हर कलस िबकार

चौपाईजय हनमान ान गन सागर जय कपीस ित लोक उजागर राम त अतिलत बल धामा अजिन-पऽ पवनसत नामा महाबीर िबबम बजरगी कमित िनवार समित क सगी कचन बरन िबराज सबसा कानन कडल किचत कसा हाथ बळ और जा िबराज काध मज जनऊ साज सकर सवन कसरीनदन तज ताप महा जग बदन िबावान गनी अित चातर राम काज किरब को आतर भ चिरऽ सिनब को रिसया राम लखन सीता मन बिसया स प धिर िसयिह िदखावा िबकट प धिर लक जरावा भीम प धिर असर सहार रामच क काज सवार

2 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लाय सजीवन लखन िजयाय ौीरघबीर हरिष उर लाय रघपित कीी बत बडाई तम मम िय भरतिह सम भाई सहस बदन तरो जस गाव अस किह ौीपित कठ लगाव सनकािदक ािद मनीसा नारद सारद सिहत अहीसा जम कबर िदगपाल जहा त किब कोिबद किह सक कहा त तम उपकार समीविह कीा राम िमलाय राज पद दीा तरो मऽ िबभीषण माना लकर भए सब जग जाना जग सहॐ जोजन पर भान लीो तािह मधर फल जान भ मििका मिल मख माही जलिध लािघ गय अचरज नाह ग म काज जगत क जत सगम अनमह तर तत राम आर तम रखवार होत न आा िबन पसार सब सख लह तारी सरना तम रक का को डरना आपन तज सहारो आप तीनो लोक हाक त काप भत िपसाच िनकट निह आव महाबीर जब नाम सनाव नास रोग हर सब पीरा जपत िनरतर हनमत बीरा सकट त हनमान डाव मन बम बचन ान जो लाव सब पर राम तपी राजा ितन क काज सकल तम साजा और मनोरथ जो कोई लाव सोइ अिमत जीवन फल पाव चारो जग परताप तारा ह परिस जगत उिजयारा साध सत क तम रखवार असर िनकदन राम लार अ िसि नौ िनिध क दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तर पासा सदा रहो रघपित क दासा तर भजन राम को पाव जनम जनम क ख िबसराव अत काल रघबर पर जाई जहा ज हिर-भ कहाई और दवता िच न धरई हनमत सइ सब सख करई सकट कट िमट सब पीरा जो सिमर हनमत बलबीरा ज ज ज हनमान गोसाई कपा कर गदव की नाई जो सत बार पाठ कर कोई टिह बिद महासख होई जो यह पढ हनमान चालीसा होय िसि साखी गौरीसा तलसीदास सदा हिर चरा कीज नाथ दय मह डरा

दो०

Vinaypatrika_ipdf 3

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पवनतनय सकट हरन मगल मरित पराम लखन सीता सिहत दय बस सर भप

इित िसयावर रामच की जय पवनसत हनमान की जय उमापित महादव की जय बोलो भाइ सब सत की जय

ौी सीतारामाा नमः िवनय-पिऽकाराग िबलावलौीगणश-ित१

गाइय गनपित जगबदन सकर-सवन भवानी नदन १ िसि-सदन गज बदन िबनायक कपा-िसधस दर सब-लायक २ मोदक-िय मद-मगल-दाता िबा-बािरिधबि िबधाता ३ मागत तलिसदास कर जोर बसिह रामिसय मानस मोर ४

सय -ित२

दीन-दया िदवाकर दवा कर मिनमनजसरासर सवा १ िहम-तम-किर कहिर करमाली दहन दोष-ख-िरत-जाली २ कोक-कोकनद-लोक-कासी तज-ताप-प-रस-रासी ३ सारिथ-पगिद रथ-गामी हिर-सकर-िबिध-मरित ामी ४ बद परान गट जस जाग तलसी राम-भगित बर माग ५

िशव ित३

को जािचय सभ तिज आनदीनदया भगत-आरित-हरसब कार समरथ भगवान १ कालकट-जर जरत सरासरिनज पन लािग िकय िबष पानदान दनजजगत-खदायक मारउ िऽपर एक ही बान २

4 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो गित अगम महामिन लभकहत सतौितसकल परानसो गित मरन-काल अपन पर दत सदािसव सबिह समान ३ सवत सलभउदार कलपतपारबती-पित परम सजानद काम-िरप राम-चरन-रिततलिसदास कह कपािनधान ४

राग धनाौी४

दानी क सकर-सम नाहदीन-दया िदबोई भावजाचक सदा सोहाह १ मािरक मार थौ जगमजाकी थम रख भट माहता ठाकरकौ रीिझ िनवािजबौकौ परत मो पाह २ जोग कोिट किर जो गित हिरसमिन मागत सकचाहबद-िबिदत तिह पद परािर-परकीट पतग समाह ३ ईस उदार उमापित पिरहिरअनत ज जाचन जाहतलिसदास त मढ़ मागनकब न पट अघाह ४

५बावरो रावरो नाह भवानीदािन बड़ो िदन दत दय िबनबद-बडाई भानी १ िनज घरकी बरबात िबलोकहौ तम परम सयानीिसवकी दई सपदा दखत ौी-सारदा िसहानी २ िजनक भाल िलखी िलिप मरी सखकी नह िनसानीितन रकनकौ नाक सवारतह आयो नकबानी ३ ख-दीनता खी इनक खजाचकता अकलानीयह अिधकार सौिपय औरिहभीख भली म जानी ४ म-ससा-िबनय-गजतसिन िबिधकी बर बानीतलसी मिदत महस मनिह मनजगत-मात मसकानी ५

राग रामकली६

Vinaypatrika_ipdf 5

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

6 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

Vinaypatrika_ipdf 7

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

Vinaypatrika_ipdf 9

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

10 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

Vinaypatrika_ipdf 11

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

12 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

Vinaypatrika_ipdf 13

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

Vinaypatrika_ipdf 59

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

134 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

Vinaypatrika_ipdf 135

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम िवषयानबमिणका

िवषय पदा िवषय पदाौी गणश-ित १ ौी राम ित ४३-४५सय -ित २ ौीराम-नाम-वना ४६िशव-ित ३-१४ ौीराम-आरती ४७-४८दवी-ित १५-१६ हिरशरी-पद ४९गा-ित १७-२० ौीराम-ित ५५६यमना-ित २१ ौीरग-ित ५७-५९काशी-ित २२ ौीनर-नारायण-ित ६०िचऽकट-ित २३-२४ ौीिवमाधव-ित ६१-६३हनमत -ित २५-३६ ौीरामवना ६४लण-ित ३७-३८ ौीराम-नाम-जप ६५-७०भरत-ित ३९ िवनयावली ७१-२७९शऽ-ित ४० mdash mdash

ौीसीता-ित ४१-४२ mdash mdash

राग-सचौआसावरी ६२१८३-१८८ िबहाग १०७-१३४काण २०८-२११२१४-२७९ भरव २२६५-७३कारा २४२०४-२०७ भरवी १९८-२०३कदारा ४१-४४२१२-२१३ मलार १६१गौरी ३१३६४५१८९-१९७ मा १५

1

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जतौी ६३८३-८४ रामकली ६-९१६-२०४६-६११०६टोड़ी ७८-८२ लिलत ७५-७७दडक ३७ िवभास ७४धनाौी ४-५११२२५-२९ सारग ३०१५५-१५७

३८-४०८५-१०५ सहो िबलावल १३५-१३६नट १५८-१६० सोरठ १६२-१७८बस १३-१४२३६४ mdash mdash

िबलावल १-३२१३२-३५१०७ mdash mdash

१३४१३७-१५४१७९-१८२ mdash mdash

राम ौी हनमत नमः

दो०ौीग चरन सरोज रज िनज मन मक सधािरबरनउ रघबर िबमल जस जो दायक फल चािर बिहीन तन जािनक सिमरौ पवन-कमारबल बि िवा द मोिह हर कलस िबकार

चौपाईजय हनमान ान गन सागर जय कपीस ित लोक उजागर राम त अतिलत बल धामा अजिन-पऽ पवनसत नामा महाबीर िबबम बजरगी कमित िनवार समित क सगी कचन बरन िबराज सबसा कानन कडल किचत कसा हाथ बळ और जा िबराज काध मज जनऊ साज सकर सवन कसरीनदन तज ताप महा जग बदन िबावान गनी अित चातर राम काज किरब को आतर भ चिरऽ सिनब को रिसया राम लखन सीता मन बिसया स प धिर िसयिह िदखावा िबकट प धिर लक जरावा भीम प धिर असर सहार रामच क काज सवार

2 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लाय सजीवन लखन िजयाय ौीरघबीर हरिष उर लाय रघपित कीी बत बडाई तम मम िय भरतिह सम भाई सहस बदन तरो जस गाव अस किह ौीपित कठ लगाव सनकािदक ािद मनीसा नारद सारद सिहत अहीसा जम कबर िदगपाल जहा त किब कोिबद किह सक कहा त तम उपकार समीविह कीा राम िमलाय राज पद दीा तरो मऽ िबभीषण माना लकर भए सब जग जाना जग सहॐ जोजन पर भान लीो तािह मधर फल जान भ मििका मिल मख माही जलिध लािघ गय अचरज नाह ग म काज जगत क जत सगम अनमह तर तत राम आर तम रखवार होत न आा िबन पसार सब सख लह तारी सरना तम रक का को डरना आपन तज सहारो आप तीनो लोक हाक त काप भत िपसाच िनकट निह आव महाबीर जब नाम सनाव नास रोग हर सब पीरा जपत िनरतर हनमत बीरा सकट त हनमान डाव मन बम बचन ान जो लाव सब पर राम तपी राजा ितन क काज सकल तम साजा और मनोरथ जो कोई लाव सोइ अिमत जीवन फल पाव चारो जग परताप तारा ह परिस जगत उिजयारा साध सत क तम रखवार असर िनकदन राम लार अ िसि नौ िनिध क दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तर पासा सदा रहो रघपित क दासा तर भजन राम को पाव जनम जनम क ख िबसराव अत काल रघबर पर जाई जहा ज हिर-भ कहाई और दवता िच न धरई हनमत सइ सब सख करई सकट कट िमट सब पीरा जो सिमर हनमत बलबीरा ज ज ज हनमान गोसाई कपा कर गदव की नाई जो सत बार पाठ कर कोई टिह बिद महासख होई जो यह पढ हनमान चालीसा होय िसि साखी गौरीसा तलसीदास सदा हिर चरा कीज नाथ दय मह डरा

दो०

Vinaypatrika_ipdf 3

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पवनतनय सकट हरन मगल मरित पराम लखन सीता सिहत दय बस सर भप

इित िसयावर रामच की जय पवनसत हनमान की जय उमापित महादव की जय बोलो भाइ सब सत की जय

ौी सीतारामाा नमः िवनय-पिऽकाराग िबलावलौीगणश-ित१

गाइय गनपित जगबदन सकर-सवन भवानी नदन १ िसि-सदन गज बदन िबनायक कपा-िसधस दर सब-लायक २ मोदक-िय मद-मगल-दाता िबा-बािरिधबि िबधाता ३ मागत तलिसदास कर जोर बसिह रामिसय मानस मोर ४

सय -ित२

दीन-दया िदवाकर दवा कर मिनमनजसरासर सवा १ िहम-तम-किर कहिर करमाली दहन दोष-ख-िरत-जाली २ कोक-कोकनद-लोक-कासी तज-ताप-प-रस-रासी ३ सारिथ-पगिद रथ-गामी हिर-सकर-िबिध-मरित ामी ४ बद परान गट जस जाग तलसी राम-भगित बर माग ५

िशव ित३

को जािचय सभ तिज आनदीनदया भगत-आरित-हरसब कार समरथ भगवान १ कालकट-जर जरत सरासरिनज पन लािग िकय िबष पानदान दनजजगत-खदायक मारउ िऽपर एक ही बान २

4 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो गित अगम महामिन लभकहत सतौितसकल परानसो गित मरन-काल अपन पर दत सदािसव सबिह समान ३ सवत सलभउदार कलपतपारबती-पित परम सजानद काम-िरप राम-चरन-रिततलिसदास कह कपािनधान ४

राग धनाौी४

दानी क सकर-सम नाहदीन-दया िदबोई भावजाचक सदा सोहाह १ मािरक मार थौ जगमजाकी थम रख भट माहता ठाकरकौ रीिझ िनवािजबौकौ परत मो पाह २ जोग कोिट किर जो गित हिरसमिन मागत सकचाहबद-िबिदत तिह पद परािर-परकीट पतग समाह ३ ईस उदार उमापित पिरहिरअनत ज जाचन जाहतलिसदास त मढ़ मागनकब न पट अघाह ४

५बावरो रावरो नाह भवानीदािन बड़ो िदन दत दय िबनबद-बडाई भानी १ िनज घरकी बरबात िबलोकहौ तम परम सयानीिसवकी दई सपदा दखत ौी-सारदा िसहानी २ िजनक भाल िलखी िलिप मरी सखकी नह िनसानीितन रकनकौ नाक सवारतह आयो नकबानी ३ ख-दीनता खी इनक खजाचकता अकलानीयह अिधकार सौिपय औरिहभीख भली म जानी ४ म-ससा-िबनय-गजतसिन िबिधकी बर बानीतलसी मिदत महस मनिह मनजगत-मात मसकानी ५

राग रामकली६

Vinaypatrika_ipdf 5

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

6 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

Vinaypatrika_ipdf 7

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

Vinaypatrika_ipdf 9

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

६६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

Vinaypatrika_ipdf 69

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

Vinaypatrika_ipdf 71

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

१७५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

१८२

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

132 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

134 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

Vinaypatrika_ipdf 135

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जतौी ६३८३-८४ रामकली ६-९१६-२०४६-६११०६टोड़ी ७८-८२ लिलत ७५-७७दडक ३७ िवभास ७४धनाौी ४-५११२२५-२९ सारग ३०१५५-१५७

३८-४०८५-१०५ सहो िबलावल १३५-१३६नट १५८-१६० सोरठ १६२-१७८बस १३-१४२३६४ mdash mdash

िबलावल १-३२१३२-३५१०७ mdash mdash

१३४१३७-१५४१७९-१८२ mdash mdash

राम ौी हनमत नमः

दो०ौीग चरन सरोज रज िनज मन मक सधािरबरनउ रघबर िबमल जस जो दायक फल चािर बिहीन तन जािनक सिमरौ पवन-कमारबल बि िवा द मोिह हर कलस िबकार

चौपाईजय हनमान ान गन सागर जय कपीस ित लोक उजागर राम त अतिलत बल धामा अजिन-पऽ पवनसत नामा महाबीर िबबम बजरगी कमित िनवार समित क सगी कचन बरन िबराज सबसा कानन कडल किचत कसा हाथ बळ और जा िबराज काध मज जनऊ साज सकर सवन कसरीनदन तज ताप महा जग बदन िबावान गनी अित चातर राम काज किरब को आतर भ चिरऽ सिनब को रिसया राम लखन सीता मन बिसया स प धिर िसयिह िदखावा िबकट प धिर लक जरावा भीम प धिर असर सहार रामच क काज सवार

2 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लाय सजीवन लखन िजयाय ौीरघबीर हरिष उर लाय रघपित कीी बत बडाई तम मम िय भरतिह सम भाई सहस बदन तरो जस गाव अस किह ौीपित कठ लगाव सनकािदक ािद मनीसा नारद सारद सिहत अहीसा जम कबर िदगपाल जहा त किब कोिबद किह सक कहा त तम उपकार समीविह कीा राम िमलाय राज पद दीा तरो मऽ िबभीषण माना लकर भए सब जग जाना जग सहॐ जोजन पर भान लीो तािह मधर फल जान भ मििका मिल मख माही जलिध लािघ गय अचरज नाह ग म काज जगत क जत सगम अनमह तर तत राम आर तम रखवार होत न आा िबन पसार सब सख लह तारी सरना तम रक का को डरना आपन तज सहारो आप तीनो लोक हाक त काप भत िपसाच िनकट निह आव महाबीर जब नाम सनाव नास रोग हर सब पीरा जपत िनरतर हनमत बीरा सकट त हनमान डाव मन बम बचन ान जो लाव सब पर राम तपी राजा ितन क काज सकल तम साजा और मनोरथ जो कोई लाव सोइ अिमत जीवन फल पाव चारो जग परताप तारा ह परिस जगत उिजयारा साध सत क तम रखवार असर िनकदन राम लार अ िसि नौ िनिध क दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तर पासा सदा रहो रघपित क दासा तर भजन राम को पाव जनम जनम क ख िबसराव अत काल रघबर पर जाई जहा ज हिर-भ कहाई और दवता िच न धरई हनमत सइ सब सख करई सकट कट िमट सब पीरा जो सिमर हनमत बलबीरा ज ज ज हनमान गोसाई कपा कर गदव की नाई जो सत बार पाठ कर कोई टिह बिद महासख होई जो यह पढ हनमान चालीसा होय िसि साखी गौरीसा तलसीदास सदा हिर चरा कीज नाथ दय मह डरा

दो०

Vinaypatrika_ipdf 3

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पवनतनय सकट हरन मगल मरित पराम लखन सीता सिहत दय बस सर भप

इित िसयावर रामच की जय पवनसत हनमान की जय उमापित महादव की जय बोलो भाइ सब सत की जय

ौी सीतारामाा नमः िवनय-पिऽकाराग िबलावलौीगणश-ित१

गाइय गनपित जगबदन सकर-सवन भवानी नदन १ िसि-सदन गज बदन िबनायक कपा-िसधस दर सब-लायक २ मोदक-िय मद-मगल-दाता िबा-बािरिधबि िबधाता ३ मागत तलिसदास कर जोर बसिह रामिसय मानस मोर ४

सय -ित२

दीन-दया िदवाकर दवा कर मिनमनजसरासर सवा १ िहम-तम-किर कहिर करमाली दहन दोष-ख-िरत-जाली २ कोक-कोकनद-लोक-कासी तज-ताप-प-रस-रासी ३ सारिथ-पगिद रथ-गामी हिर-सकर-िबिध-मरित ामी ४ बद परान गट जस जाग तलसी राम-भगित बर माग ५

िशव ित३

को जािचय सभ तिज आनदीनदया भगत-आरित-हरसब कार समरथ भगवान १ कालकट-जर जरत सरासरिनज पन लािग िकय िबष पानदान दनजजगत-खदायक मारउ िऽपर एक ही बान २

4 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो गित अगम महामिन लभकहत सतौितसकल परानसो गित मरन-काल अपन पर दत सदािसव सबिह समान ३ सवत सलभउदार कलपतपारबती-पित परम सजानद काम-िरप राम-चरन-रिततलिसदास कह कपािनधान ४

राग धनाौी४

दानी क सकर-सम नाहदीन-दया िदबोई भावजाचक सदा सोहाह १ मािरक मार थौ जगमजाकी थम रख भट माहता ठाकरकौ रीिझ िनवािजबौकौ परत मो पाह २ जोग कोिट किर जो गित हिरसमिन मागत सकचाहबद-िबिदत तिह पद परािर-परकीट पतग समाह ३ ईस उदार उमापित पिरहिरअनत ज जाचन जाहतलिसदास त मढ़ मागनकब न पट अघाह ४

५बावरो रावरो नाह भवानीदािन बड़ो िदन दत दय िबनबद-बडाई भानी १ िनज घरकी बरबात िबलोकहौ तम परम सयानीिसवकी दई सपदा दखत ौी-सारदा िसहानी २ िजनक भाल िलखी िलिप मरी सखकी नह िनसानीितन रकनकौ नाक सवारतह आयो नकबानी ३ ख-दीनता खी इनक खजाचकता अकलानीयह अिधकार सौिपय औरिहभीख भली म जानी ४ म-ससा-िबनय-गजतसिन िबिधकी बर बानीतलसी मिदत महस मनिह मनजगत-मात मसकानी ५

राग रामकली६

Vinaypatrika_ipdf 5

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

6 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

Vinaypatrika_ipdf 9

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

10 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

Vinaypatrika_ipdf 11

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

Vinaypatrika_ipdf 13

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

Vinaypatrika_ipdf 15

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

Vinaypatrika_ipdf 21

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

६६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

Vinaypatrika_ipdf 69

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

Vinaypatrika_ipdf 71

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

१७५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

१८२

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

132 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

134 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लाय सजीवन लखन िजयाय ौीरघबीर हरिष उर लाय रघपित कीी बत बडाई तम मम िय भरतिह सम भाई सहस बदन तरो जस गाव अस किह ौीपित कठ लगाव सनकािदक ािद मनीसा नारद सारद सिहत अहीसा जम कबर िदगपाल जहा त किब कोिबद किह सक कहा त तम उपकार समीविह कीा राम िमलाय राज पद दीा तरो मऽ िबभीषण माना लकर भए सब जग जाना जग सहॐ जोजन पर भान लीो तािह मधर फल जान भ मििका मिल मख माही जलिध लािघ गय अचरज नाह ग म काज जगत क जत सगम अनमह तर तत राम आर तम रखवार होत न आा िबन पसार सब सख लह तारी सरना तम रक का को डरना आपन तज सहारो आप तीनो लोक हाक त काप भत िपसाच िनकट निह आव महाबीर जब नाम सनाव नास रोग हर सब पीरा जपत िनरतर हनमत बीरा सकट त हनमान डाव मन बम बचन ान जो लाव सब पर राम तपी राजा ितन क काज सकल तम साजा और मनोरथ जो कोई लाव सोइ अिमत जीवन फल पाव चारो जग परताप तारा ह परिस जगत उिजयारा साध सत क तम रखवार असर िनकदन राम लार अ िसि नौ िनिध क दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तर पासा सदा रहो रघपित क दासा तर भजन राम को पाव जनम जनम क ख िबसराव अत काल रघबर पर जाई जहा ज हिर-भ कहाई और दवता िच न धरई हनमत सइ सब सख करई सकट कट िमट सब पीरा जो सिमर हनमत बलबीरा ज ज ज हनमान गोसाई कपा कर गदव की नाई जो सत बार पाठ कर कोई टिह बिद महासख होई जो यह पढ हनमान चालीसा होय िसि साखी गौरीसा तलसीदास सदा हिर चरा कीज नाथ दय मह डरा

दो०

Vinaypatrika_ipdf 3

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पवनतनय सकट हरन मगल मरित पराम लखन सीता सिहत दय बस सर भप

इित िसयावर रामच की जय पवनसत हनमान की जय उमापित महादव की जय बोलो भाइ सब सत की जय

ौी सीतारामाा नमः िवनय-पिऽकाराग िबलावलौीगणश-ित१

गाइय गनपित जगबदन सकर-सवन भवानी नदन १ िसि-सदन गज बदन िबनायक कपा-िसधस दर सब-लायक २ मोदक-िय मद-मगल-दाता िबा-बािरिधबि िबधाता ३ मागत तलिसदास कर जोर बसिह रामिसय मानस मोर ४

सय -ित२

दीन-दया िदवाकर दवा कर मिनमनजसरासर सवा १ िहम-तम-किर कहिर करमाली दहन दोष-ख-िरत-जाली २ कोक-कोकनद-लोक-कासी तज-ताप-प-रस-रासी ३ सारिथ-पगिद रथ-गामी हिर-सकर-िबिध-मरित ामी ४ बद परान गट जस जाग तलसी राम-भगित बर माग ५

िशव ित३

को जािचय सभ तिज आनदीनदया भगत-आरित-हरसब कार समरथ भगवान १ कालकट-जर जरत सरासरिनज पन लािग िकय िबष पानदान दनजजगत-खदायक मारउ िऽपर एक ही बान २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो गित अगम महामिन लभकहत सतौितसकल परानसो गित मरन-काल अपन पर दत सदािसव सबिह समान ३ सवत सलभउदार कलपतपारबती-पित परम सजानद काम-िरप राम-चरन-रिततलिसदास कह कपािनधान ४

राग धनाौी४

दानी क सकर-सम नाहदीन-दया िदबोई भावजाचक सदा सोहाह १ मािरक मार थौ जगमजाकी थम रख भट माहता ठाकरकौ रीिझ िनवािजबौकौ परत मो पाह २ जोग कोिट किर जो गित हिरसमिन मागत सकचाहबद-िबिदत तिह पद परािर-परकीट पतग समाह ३ ईस उदार उमापित पिरहिरअनत ज जाचन जाहतलिसदास त मढ़ मागनकब न पट अघाह ४

५बावरो रावरो नाह भवानीदािन बड़ो िदन दत दय िबनबद-बडाई भानी १ िनज घरकी बरबात िबलोकहौ तम परम सयानीिसवकी दई सपदा दखत ौी-सारदा िसहानी २ िजनक भाल िलखी िलिप मरी सखकी नह िनसानीितन रकनकौ नाक सवारतह आयो नकबानी ३ ख-दीनता खी इनक खजाचकता अकलानीयह अिधकार सौिपय औरिहभीख भली म जानी ४ म-ससा-िबनय-गजतसिन िबिधकी बर बानीतलसी मिदत महस मनिह मनजगत-मात मसकानी ५

राग रामकली६

Vinaypatrika_ipdf 5

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

6 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

10 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

Vinaypatrika_ipdf 15

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

६६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

Vinaypatrika_ipdf 69

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

Vinaypatrika_ipdf 71

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

१७५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

१८२

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

132 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

134 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पवनतनय सकट हरन मगल मरित पराम लखन सीता सिहत दय बस सर भप

इित िसयावर रामच की जय पवनसत हनमान की जय उमापित महादव की जय बोलो भाइ सब सत की जय

ौी सीतारामाा नमः िवनय-पिऽकाराग िबलावलौीगणश-ित१

गाइय गनपित जगबदन सकर-सवन भवानी नदन १ िसि-सदन गज बदन िबनायक कपा-िसधस दर सब-लायक २ मोदक-िय मद-मगल-दाता िबा-बािरिधबि िबधाता ३ मागत तलिसदास कर जोर बसिह रामिसय मानस मोर ४

सय -ित२

दीन-दया िदवाकर दवा कर मिनमनजसरासर सवा १ िहम-तम-किर कहिर करमाली दहन दोष-ख-िरत-जाली २ कोक-कोकनद-लोक-कासी तज-ताप-प-रस-रासी ३ सारिथ-पगिद रथ-गामी हिर-सकर-िबिध-मरित ामी ४ बद परान गट जस जाग तलसी राम-भगित बर माग ५

िशव ित३

को जािचय सभ तिज आनदीनदया भगत-आरित-हरसब कार समरथ भगवान १ कालकट-जर जरत सरासरिनज पन लािग िकय िबष पानदान दनजजगत-खदायक मारउ िऽपर एक ही बान २

4 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो गित अगम महामिन लभकहत सतौितसकल परानसो गित मरन-काल अपन पर दत सदािसव सबिह समान ३ सवत सलभउदार कलपतपारबती-पित परम सजानद काम-िरप राम-चरन-रिततलिसदास कह कपािनधान ४

राग धनाौी४

दानी क सकर-सम नाहदीन-दया िदबोई भावजाचक सदा सोहाह १ मािरक मार थौ जगमजाकी थम रख भट माहता ठाकरकौ रीिझ िनवािजबौकौ परत मो पाह २ जोग कोिट किर जो गित हिरसमिन मागत सकचाहबद-िबिदत तिह पद परािर-परकीट पतग समाह ३ ईस उदार उमापित पिरहिरअनत ज जाचन जाहतलिसदास त मढ़ मागनकब न पट अघाह ४

५बावरो रावरो नाह भवानीदािन बड़ो िदन दत दय िबनबद-बडाई भानी १ िनज घरकी बरबात िबलोकहौ तम परम सयानीिसवकी दई सपदा दखत ौी-सारदा िसहानी २ िजनक भाल िलखी िलिप मरी सखकी नह िनसानीितन रकनकौ नाक सवारतह आयो नकबानी ३ ख-दीनता खी इनक खजाचकता अकलानीयह अिधकार सौिपय औरिहभीख भली म जानी ४ म-ससा-िबनय-गजतसिन िबिधकी बर बानीतलसी मिदत महस मनिह मनजगत-मात मसकानी ५

राग रामकली६

Vinaypatrika_ipdf 5

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

6 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

Vinaypatrika_ipdf 9

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

Vinaypatrika_ipdf 11

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

Vinaypatrika_ipdf 13

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

Vinaypatrika_ipdf 15

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

Vinaypatrika_ipdf 17

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

Vinaypatrika_ipdf 21

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

Vinaypatrika_ipdf 23

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

Vinaypatrika_ipdf 25

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

६६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

१७५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

१८२

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

134 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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Vinaypatrika_ipdf 137

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो गित अगम महामिन लभकहत सतौितसकल परानसो गित मरन-काल अपन पर दत सदािसव सबिह समान ३ सवत सलभउदार कलपतपारबती-पित परम सजानद काम-िरप राम-चरन-रिततलिसदास कह कपािनधान ४

राग धनाौी४

दानी क सकर-सम नाहदीन-दया िदबोई भावजाचक सदा सोहाह १ मािरक मार थौ जगमजाकी थम रख भट माहता ठाकरकौ रीिझ िनवािजबौकौ परत मो पाह २ जोग कोिट किर जो गित हिरसमिन मागत सकचाहबद-िबिदत तिह पद परािर-परकीट पतग समाह ३ ईस उदार उमापित पिरहिरअनत ज जाचन जाहतलिसदास त मढ़ मागनकब न पट अघाह ४

५बावरो रावरो नाह भवानीदािन बड़ो िदन दत दय िबनबद-बडाई भानी १ िनज घरकी बरबात िबलोकहौ तम परम सयानीिसवकी दई सपदा दखत ौी-सारदा िसहानी २ िजनक भाल िलखी िलिप मरी सखकी नह िनसानीितन रकनकौ नाक सवारतह आयो नकबानी ३ ख-दीनता खी इनक खजाचकता अकलानीयह अिधकार सौिपय औरिहभीख भली म जानी ४ म-ससा-िबनय-गजतसिन िबिधकी बर बानीतलसी मिदत महस मनिह मनजगत-मात मसकानी ५

राग रामकली६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

6 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

10 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

Vinaypatrika_ipdf 11

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

12 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

Vinaypatrika_ipdf 59

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

Vinaypatrika_ipdf 135

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािचय िगिरजापित कासी जास भवन अिनमािदक दासी १ औढर-दािन िवत पिन थोर सकत न दिख दीन करजोर २ सख-सपितमित-सगित सहाई सकल सलभ सकर-सवकाई ३ गय सरन आरितक ली िनरिख िनहाल िनिमषमह की ४ तलिसदास जाचक जस गाव िबमल भगित रघपितकी पाव ५

७कस न दीनपर िव उमाबर दान िबपित हरन कनाकर १ बद-परान कहत उदार हर हमिर बर कस भय किपनतर २ कविन भगित कीी गनिनिध िज होइ स दी िसव पद िनज ३ जो गित अगम महामिन गाविह तव पर कीट पतग पाविह ४ द काम-िरप राम -चरन-रित तलिसदास भ हर भद-मित ५

८दव बड़दाता बड़ सकर बड़ भोरिकय र ख सबिनक िज-िज कर जोर १ सवा सिमरन पिजबौ पात आखत थोरिदय जगत जह लिग सबसखगजरथघोर २ गाव बसत बामदव म कब न िनहोरअिधभौितक बाधा भई त िककर तोर ३ बिग बोिल बिल बरिजय करतित कठोरतलसी दिल ो चह सठ सािख िसहोर ४

९िसव िसव होइ स क दायाकनामय उदार कीरितबिल जाउ हर िनज माया १ जलज-नयनगन-अयनमयन-िरपमिहमा जान न कोईिबन तव कपा राम-पद-पकज सपन भगित न होई २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िरषयिसमिनमनजदनजसरअपर जीव जग माहतव पद िबमख न पार पाव कोउ कलप कोिट चिल जाह ३ अिहभषनषन-िरप-सवक दव-दव िऽपरारीमोह-िनहार-िदवाकर सकर सरन सोक-भयहारी ४ िगिरजा-मन-मानस-मराल कासीस मसान-िनवासीतलिसदास हिर-चरन-कमल-बर द भगित अिबनासी ५

राग धनाौी१०

दवमोह-तम-तरिणहरिसकरशरणहरणमम शोक लोकािभरामबाल-शिश-भालसिवशाल लोचन-कमल काम-सतकोिट-लावय-धाम १ कब-कद-कप र-िवमह िचर तण-रिव-कोिट तन तज ाजभ सवाग अधाग शलाजा ाल-नकपाल-माला िवराज २ मौिलसकल जटा-मकट िवटा तिटिन-वर-वािर हिर-चरण-पतौवण कडलगरल कठ कणाकदसिदानद वदऽवधत ३ शल-शायक िपनाकािस-करशऽ-वन-दहन इव धमजवषभ-यानाय-गज-चम-पिरधानिवान-घनिस-सर-मिन-मनज-समान ४ ताडिवत-नपरडम िडिडम वरअशभ इव भाित काणाराशीमहाकात ाड-मडल-दवन भवन कलास आसीन काशी ५ तसवयश अतिवभोिव भवदशसभव परारीिचिाक वणािवसमतयमअिच भवदि सवा िधकारी अकल िनपािधिनग णिनरजन कम-पथमकमज िनिव कारअिखलिवमहउमपिशवभपसर सवगतशव सवपकार ७ ान-वरायधन-धमकव-सख सभग सौभाय िशवसानकलतदिप नर मढ आढ ससार-पथ मत भविवमख तव पादमल ८ नमित अितक-रतखद-गत दास तलसी शभ-शरण आयादिह कामािर ौीराम-पद-पकज भि अनवरत गत-भद-माया ९

भरवप िशव-ित

Vinaypatrika_ipdf 7

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

११दवभीषणाकारभरवभयकरभत-त-मथािधपितिवपित-हता मोह-मषक-माजा रससार-भय-हरणतारण-तरणअभय कता १ अतल बल िवपलिवारिवमहगौर अमल अित धवल धरणीधराभिशरिस सकिलत-कल-जट िपगलजटा पटल शत-कोिट-िवटाभ २ ाज िवबधापगा आप पावन परम मौिल-मालव शोभा िविचऽलिलत लाटपर राज रजनीशकल कलाधरनौिम हर धनद-िमऽ ३ इ-पावक-भान-नयनमदन-मयन गण-अयनान-िवान-परमण-िगिरजाभवन भधरािधप सदा ौवण कडलवदनछिव अनप ४ चम-अिस-शल-धरडम-शर-चाप-कर यान वषभशकणा-िनधानजरत सर-असरनरलोक शोकाकल मलिचतअिजतकत गरलपान ५ भ तन-भषणाय-चमा र उरग-नर-मौिल उर मालधारीडािकनीशािकनीखचरभचर यऽ-मऽ-भजनबल कषारी ६ काल-अितकालकिलकालालािद-खग िऽपर-मदनभीम-कम भारीसकल लोका-का शलाम कत िदगजा-गण नकारी ७ पाप-सताप-घनघोर ससित दीन मत जग योिन निह कोिप ऽातापािह भरव-प राम-पी िबधगजनकजननीिवधाता ८ य गण-गण गणित िवमल मित शारधािनगम नारद-मख चारीशषसवशआसीन आनदवनदास टलसी णत-ऽासहारी ९

१२सदा-शकरश दसनानददशल-का-वरपरमरकाम-मदमोचनतामरस-लोचनवामदव भज भावग १ कब-कद-कप र-गौर िशवस दर सिदानदकदिस-सनकािद-योगि-वदारकािव-िविध-व चरणारिवद २ -कल-वभसलभ मित लभिवकट-वषिवभ वदपारनौिम कणाकरगरल-गगाधरिनम लिनग णिनिव कार ३

8 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लोकनाथशोक-शल-िनम िलनशिलन मोह-तम-भिर-भान कालकालकलातीतमजर हरकिठन-किलकाल-कानन-कशान ४ तमान-पाथोिध-घटसभव सवग सवसौभायमलचर-भव-भजनणत-जन-रजनदास तलसी शरण सानकल ५

१३राग वस

सव िसव-चरन-सरोज-रन कान-अिखल-द कामधन १ कप र-गौर कना-उदार ससार-सारभजग-हार २ सख-जभिममिहमा अपार िनग न गननायकिनराकार ३ ऽयनयनमयन-मदन महस अहकार िनहार-उिदत िदनस ४ बर बाल िनसाकर मौिल ाज ऽलोक-सोकहर मथराज ५ िज कह िबिध सगित न िलखी भाल ित की गित कासीपित कपाल ६ उपकारी कोऽपर हर-समान सर-असर जरत कत गरल पान ७ ब क उपायन किर अनक िबन सभ-कपा निह भव-िबबक ८ िबयान-भवनिगिरसता-रमन कह तलिसदास मम ऽाससमन ९

१४दखो दखो बन बो आज उमाकत मान दखन तमिह आई िरत बसत १ जन तनित चपक-कसम-माल बर बसन नील नतन तमाल २ कलकदिल जघ पद कमल लाल सचत किट कहिर गित मराल ३ भषन सन ब िबिबध रग नपर िकिकिन कलरव िबहग ४ कर नवल बकल-पव रसाल ौीफल कच कचिकलता-जाल ५ आनन सरोज कच मधप ग ज लोचन िबसाल नव नील कज ६ िपक बचन चिरत बर बिह कीर िसत समन हासलीला समीर ७ कह तलिसदास सन िसव सजान उर बिस पच रच पचबान ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किर कपा हिरय म-फद काम जिह दय बसिह सखरािस राम ९ दवी-ितराग मा१५

सह दोष-खदलिन क दिव दायािव-मलाऽिसजन-सानकलाऽिसकर शलधािरिण महामलमाया १ तिडत गभा सवा सर लसत िद पट भ भषण िवराजबालमग-मज खजन-िवलोचिनचवदिन लिख कोिट रितमार लाज २ प-सख-शील-सीमाऽिसभीमाऽिसरामाऽिसवामाऽिस वर बि बानीछमख हरब-अबािसजगदिबकशभ-जायािस जय जय भवानी ३ चड-भजदड-खडिनिबहडिन मिहष म ड-मद-भग कर अग तोरश भ-िनःश भ कीश रण-कशिरिणबोध-वारीश अिर-व बोर ४ िनगम-आगम-अगम गिव तव गन-कथन उिव धर करत जिह सहसजीहादिह मामोिह पन म यह नम िनज राम घनयाम तलसी पपीहा ५

राग रामकली१६

जय जय जगजनिन दिव सर-नर-मिन-असर-सिवभि-मि-दायनीभय-हरिण कािलका

मगल-मद-िसि-सदिनपव शव रीश-वदिनताप-ितिमर-तण-तरिण-िकरणमािलका १

वम चम कर कपाण शल-शल-धनषबाण

धरिणदलिन दानव-दलरण-करािलकापतना-िपशाच-त-डािकनी-शािकनी-समत

भत-मह-बताल-खग-मगािल-जािलका २ जय महश-भािमनी अनक-प-नािमनी

सम-लोक-ािमनीिहमशल-बािलकारघपित-पद परम मतलसी यह अचल नम

द स पािह णत-पािलका ३

10 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

गगा-ितराग रामकली१७

जय जय भगीरथनििनमिन-चय चकोर-चििननर-नाग-िबबध-बििन जय ज बािलका

िब-पद-सरोजजािसईस-सीसपर िबभािस

िऽपथगािसपरािसपाप-छािलका १ िबमल िबपल बहिस बािर सीतल ऽयताप-हािर

भवर बर िबभगतर तरग-मािलकापरजन पजोपहारसोिभत सिस धवलधार

भजन भव-भार भि-कथािलका २ िनज तटबासी िबहग जल-थल-चर पस-पतग

कीटजिटल तापस सब सिरस पािलकातलसी तव तीर तीर सिमरत रघबस-बीर

िबचरत मित दिह मोह-मिहष-कािलका ३ १८

जयित जय सरसरी जगदिखल-पावनीिव-पदकज-मकरद इव अवर वहिसख दहिसअघव-िविािवनी १ िमिलतजलपाऽ-अजय-हिरचरणरजिवरज-वर-वािर िऽपरािर िशर-धािमनीज-का धपयकत सगर-सतभधरिोिण-िवरिणबनािमनी २ यगधव मिनिकरोरगदनजमनज मिह सकत-प ज यत-कािमनीग -सोपानिवान-ानदमोह-मद-मदन-पाथोज-िहमयािमनी ३ हिरत गभीर वानीर तीरवरम धारा िवशदिव अिभरािमनीनील-पय क-कत-शयन सपश जनसहस सीसावली ोत सर-ािमनी ४ अिमत-मिहमाअिमतपभपावली-मकट-मिनव ऽलोक पथगािमनीदिह रघबीर-पद-ीित िनभ र मात दासतलसी ऽासहरिण भवभािमनी ५

१९हरिन पाप िऽिबध ताप सिमरत सरसिरत

Vinaypatrika_ipdf 11

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबलसित मिह क-बिल मद-मनोरथ-फिरत १ सोहत सिस धवल धार सधा-सिलल-भिरतिबमलतर तरग लसत रघबरक-स चिरत २ तो िबन जगदब गग किलजग का किरत

घोर भव अपारिसध तलसी िकिम तिरत ३ २०

ईस-सीस बसिस िऽपथ लसिस नभ-पताल-धरिनसर-नर-मिन-नाग-िस-सजन मगल-करिन १ दखत ख-दोष-िरत-दाह-दािरद-दरिनसगर-सवन सासित-समिनजलिनिध जल भरिन २ मिहमाकी अविध करिस ब िबिध हिर-हरिनतलसी क बािन िबमल िबमल बािर बरिन ३

यमना-ितराग िबलावल२१

जमना य लागी बाढ़न सकत-सभट किल भपिह िनदिर लग ब काढ़न १ जल मलीन जमगन मख मलीन लह आढ़ नतलिसदास जगदघ जवास अनघमघ लग डाढ़न २

काशी-ितराग भरव२२

सइअ सिहत सनह दह भिर कामधन किल कासीसमिन सोक-सताप-पाप-जसकल-समगल-रासी १ मरजादा चओर चरनबरसवत सरपर-बासीतीरथ सब सभ अग रोम िसविलग अिमत अिबनासी २ अतराइन ऐन भलथन फल ब बद-िबासीगलकबल बना िबभाित जनम लसितसिरताऽसी ३

12 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दडपािन भरव िबषान मलिच-खलगन-भयदा-सीलोलिदनस िऽलोचन लोचनकरनघट घटा-सी ४ मिनकिन का बदन-सिस स दरसरसिर-सख सखमा-सीारथ परमारथ पिरपरनपचकोिस मिहमा-सी ५ िबनाथ पालक कपािचतलालित िनत िगिरजा-सीिसि सची सारद पजिह मन जोगवित रहित रमा-सी ६ पचारी ानमद माधवग सपचनदा-सी-जीव-सम रामनाम जगआखर िब िबकासी ७ चािरत चरित करम ककरम किरमरत जीवगन घासीलहत परमपद पय पावन जिह चहत पच-उदासी ८ कहत परान रची कसव िनज कर-करतित कला-सीतलसी बिस हरपरी राम जपजो भयो चह सपासी ९

िचऽकट-ितराग बस२३

सब सोच-िबमोचन िचऽकट किलहरनकरन कान बट १ सिच अविन सहाविन आलबाल कानन िबिचऽबारी िबसाल २ मदािकिन-मािलिन सदा सच बर बािरिबषम नर-नािर नीच ३ साखा ससगभह-सपात िनरझर मधबरम मलय बात ४ सकिपकमधकरमिनबर िबहा साधन सन फल चािर चा ५ भव-घोरघाम-हर सखद छाह थो िथर भाव जानकी-नाह ६ साधक-सपिथक बड भाग पाइ पावत अनक अिभमत अघाइ ७ रस एकरिहत-गन-करम-काल िसय राम लखन पालक कपाल ८ तलसी जो राम पद चिहय म सइय िगिर किर िनपािध नम ९

राग कारा२४

Vinaypatrika_ipdf 13

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब िचत चित िचऽकटिह चकोिपत किल लोिपत मगल मग िबलसत बढ़त मोह-माया-म १ भिम िबलोक राम-पद-अिकत बन िबलोक रघबर-िबहारथसल-सग भवभग-हत लख दलन कपट-पाखड-दभ-ड २ जह जनम जग-जनक जगपित िबिध-हिर पिरहिर पच छसकत बस करत जिह आॐम िबगत-िबषाद भय पारथ न ३ न क िबलब िबचा चामित बरष पािछल सम अिगल पमऽ सो जाइ जपिह जो जिप भ अजर अमर हर अचइ हलाह ४ रामनाम-जप जाग करत िनत मत पय पावन पीवत जकिरह राम भावतौ मनकौ सख-साधन अनयास महाफ ५ कामदमिन कामताकलपत सो जग-जग जागत जगतीततलसी तोिह िबसिष बिझय एक तीित ीित एक ब ६

हनमत-ितराग धनाौी२५

जयजनी-गभ -अभोिध-सभत िवध िवबध-कल-करवानदकारीकसरी-चा-लोचन चकोरक-सखद लोकगन-शोक-सतापहारी १ जयित जय बालकिप किल-कौतक उिदत-चडकर-मडल-मासका रा-रिव-शब-पिव-गव-खवकरण शरण-भयहरण जय भवन-भता २ जयित रणधीर रघवीरिहतदवमिणि-अवतार ससार-पातािव-सर-िस-मिन-आिशषाकारवपषिवमलगणबि-वािरिध-िवधाता ३ जयित समीव-ऋािद-रण-िनपणबािल-बलशािल-बध-महतजलिध-लघन िसह िसिहका-मद-मथनरजिनचर-नगर-उात-कत ४ जयित भनिनी-शोच-मोचन िविपन-दलन घननादवश िवगतशकामलीलाऽनल-ालमालाकिलत होिलकाकरण लकश-लका ५ जयित सौिमऽ रघनदनानदकरऋ-किप-कटक-सघट-िवधायीब-वािरिध-सत अमर-मगल-हतभानकलकत-रण-िवजयदायी ६

14 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित जय वळतन दशन नख मख िवकटचड-भजदड त-शल-पानीसमर-तिलक-यऽ ितल-तमीचर-िनकरपिर डार सभट घािल घानी ७ जयित दशकठ-घटकण-वािरद-नाद-कदन-कारनकालनिम-हताअघटघटना-सघट सघट-िवघटन िवकटभिम-पाताल-जल-गगन-गता ८ जयित िव-िवात बानत-िवदावलीिवष बरनत वद िवमल बानीदास तलसी ऽास शमन सीतारमण सग शोिभत राम-राजधानी ९

२६जयित मकटाधीश मगराज-िवबममहादवमद-मगलालयकपालीमोह-मद-बोध-कामािद-खल-सकलाघोर ससार-िनिश िकरणमाली १ जयित लसदजनाऽिदितजकिप-कसरी-कयप-भवजगदाि हा लोक-लोकप-कोक-कोकनद-शोकहरहस हनमान कानकता २ जयित सिवशाल-िवकराल-िवमहवळसार सवाग भजदड भारीकिलशनख दशनवर लसतबालिध बहद विर-शाधर कधरधारी ३ जयित जानकी-शोच-सताप-मोचनरामलणानद-वािरज-िवकासीकीस-कौतक-किल-म-लका-दहनदलन कानन तण तजरासी ४ जयित पाथोिध-पाषाण-जलयानकरयातधान-चर-हष -हातारावण-कभकण -पाकािरिजत-ममिभत कम-पिरपाक-दाता ५ जयित भवननकभषणिवभीषणवरदिविहत कत राम-समाम साकाजयित पर-यऽमऽािभचार-मसनकारमन-कट-कािद-हताशािकनी-डािकनी-पतना-त-वताल-भत-मथ-यथ-यता ७ पकाढ़ सौिमिऽ-सीता-सिहतभान-कलभान-कीरित-पताका जयित वदािवद िविवध-िवा-िवशदवद-वदागिवद वादीान- िवान-वराय-भाजन िवभोिवमल गण गनित शकनारदादी ८ जयित काल-गण-कम-माया-मथन िनलानोत-सरतधमचारीिस-सरवद-योगि-सवित सदादास तलसी णत भय-तमारी ९

२७जयित मगलागार ससारभारापहरवानराकारिवमह परारीराम-रोषानल-ालमाला-िमष ातर-सलभ-सहारकारी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित मदजनामोद-मिदरनतमीव समीव-खःखकबधोयातधानोत-ब-कालािहरिस-सर-सनानद-िसधो २ जयित िामणीिव-वामणी िविवात-भट-चबवतसामगातामणीकामजतामणीरामिहतरामभानवत ३ जयितसमामजय रामसदसहरकौशला-कशल-काणभाषीराम-िवरहाक -सत-भरतािद-नरनािर-शीतलकरण कशाषी ४ जयित िसहासनासीन सीतारमणिनरिख िनभ रहरण नकारीराम स ाज शोभा-सिहत सवदा तलिसमानस-रामपर-िवहारी ५

२८जयित वात-सजातिवात िवबमबहाबलिबपलबालिधिबसालाजातपाचलाकारिवमहलसोम िवता ालमाला १ जयित बालाक वर-वदनिपगल-नयनकिपश-ककश-जटाजटधारीिवकट भकटीवज दशन नखविर-मदम-कजर-प ज-कजरारी २ जयित भीमाज न-ालसदन-गवहर धनजय-रथ-ऽाण-कतभी-िोण-कणा िद-पािलतकालक सयोधन-चम-िनधन-हत ३ जयित गतराजदातारहतार ससार-सकटदनज-दप हारीईित-अित-भीित-मह-त-चौरानल-ािधबाधा-शमन घोर मारी ४ जयित िनगमागम ाकरण करणिलिपकाकौतक-कला-कोिट-िसधोसामगायक भ-कामदायकवामदवौीराम-िय-म बधो ५ जयित घमा श-सदध-सपाित-नवप-लोचन-िद-दहदाताकालकिल-पापसताप-सकल सदाणत तलसीदास तात-माता ६

२९जयित िनभ रानद-सदोह किपकसरीकसरी-सवन भवनकभता िदभजना-मजलाकर-मणभ-सताप-िचतापहता १ जयित धमाथ -कामापवग दिवभो लोकािद-वभव-िवरागीवचन-मानस-कम स-धमोतीजानकीनाथ-चरणानरागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िबहगश-बलबि-बगाित-मद-मथनमनमथ-मथनऊरतामहानाटक-िनपनकोिट-किवकल-ितलकगानगण-गव-गधव -जता ३ जयित मदोदरी-कश-कष णिवमान दशकठ भट-मकट मानीभिमजा-ःख-सजात रोषातकत-जातनाजत कत जातधानी ४ जयित रामायण-ौवण-सजात-रोमाचलोचन सजल िशिथल वाणीरामपदप-मकरद-मधकर पािहदास तलसी शरणशलपाणी ५

राग सारग३०

जाक गित ह हनमानकीताकी पज पिज आई यह रखा किलस पषानकी १ अघिटत-घटन सघट-िबघटनऐसी िबदाविल निह आनकीसिमरत सकट-सोच-िबमोचन मरित मोद-िनधानकी २ तापर सानकल िगिरजा हर लषन राम अ जानकीतलसी किपकी कपा-िबलोकिन खािन सकल कानकी ३

राग गौरी३१

तािकह तमिक ताकी ओर कोजाको ह सब भाित भरोसो किप कसरी-िकसोरको १ जन-रजन अिरिगन-गजन मख-भजन खल बरजोरकोबद-परान-गट पषारथ सकल-सभट-िसरमोर को २ उथप-थपनथप उथपन पनिबबधबद बिदछोर कोजलिध लािघ दिह लक बल बल दलन िनसाचर घोर को ३ जाको बालिबनोद समिझ िजय डरत िदवाकर भोरकोजाकी िचबक-चोट चरन िकय रद-मद किलस कठोरको ४ लोकपाल अनकल िबलोिकवो चहत िबलोचन-कोरकोसदा अभयजय मद-मगलमय जो सवक रनरोरको ५ भगत-कामत नाम राम पिरपरन चद चकोरकोतलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राग िबलावल३२

ऐसी तोही न बिझय हनमान हठीलसाहब क न रामस तोस न उसील १ तर दखत िसहक िसस मढक लीलजानत ह किल तरऊ मन गनगन कील २ हाक सनत दसकधक भय बधन ढीलसो बल गयो िकध भय अब गरबगहील ३ सवकको परदा फट त समरथ सीलअिधक आपत आपनो सिन मान सही ल ४ सासित तलसीदासकी सिन सजस तही लितकाल ितनको भल ज राम-रगील ५

३३समरथ सअन समीरकरघबीर-िपयारमोपर कीबी तोिह जो किर लिह िभया र १ तरी मिहमा त चल िचिचनी-िचया रअिधयारो मरी बार ोिऽभवन-उिजयार २ किह करनी जन जािनक सनमान िकया रकिह अघ औगन आपन कर डािर िदया र ३ खाई खची मािग म तरो नाम िलया रतर बलबिलआज ल जग जािग िजया र ४ जो तोस होतौ िफर मरो हत िहया रतौ कय बदन दखावतो किह बचन इयार ५ तोसो यान-िनधान को सरबय िबया रह समझत साई-िोहकी गित छार िछया र ६ तर ामी राम सािमनी िसया रतह तलसीक कौनको काको तिकया र ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

३४अित आरत अित ारथी अित दीन-खारीइनको िबलग न मािनय बोलिह न िबचारी १ लोक-रीित दखी सनी ाकल नर-नारीअित बरष अनबरष दिह दविह गारी २ नाकिह आय नाथस सासित भय भारीकिह आयो कीबी छमा िनज ओर िनहारी ३ सम साकर सिमिरय समरथ िहतकारीसो सब िबिध ऊबर कर अपराध िबसारी ४ िबगरी सवककी सदासाहबिह सधारीतलसीपर तरी कपा िनपािध िनरारी ५

३५कट किहय गाढ पर सिन समिझ ससाकरिह अनभलउ को भलो आपनी भलाई १ समरथ सभ जो पाइय बीर पीर पराईतािह तक सब नदी बािरिध न बलाई २ अपन अपनको भलो चह लोग गाईभाव जो जिह तिह भज सभ असभ सगाई ३ बाह बोिल द थािपय जो िनज बिरआईिबन सवा स पािलय सवककी ना ४ चक-चपलता मिरय त बड़ो बड़ाईहोत आदर ढीठ ह अित नीच िनचाई ५ बिदछोर िबदावली िनगमागम गाईनीको तलसीदासको तिरय िनकाई ६

राम गौरी३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मगल-मरित मात-नदन सकल-अमगल-मल-िनकदन १ पवनतनय सतन िहतकारी दय िबराजत अवध-िबहारी २ मात-िपतागगनपितसारद िसवा समत सभसकनारद ३ चरन बिद िबनव सब का द रामपद-नह-िनबा ४ बद राम-लखन-बदही ज तलसीक परम सनही ५

लण-ितदडक३७

लाल लािडल लखन िहत हौ जनकसिमर सकटहारी सकल समगलकारी पालक कपा अपन पनक १ धरनी-धरनहार भजन-भवनभार

अवतार साहसी सहसफनक ससध सत परम धरमरत

िनरमल करम बचन अ मन क २ पक िनधान धन-बान पािनतन किट महाबीर िबिदत िजतया बड़ रनक सवक-सख-दायक सबल सब लायक

गायक जानकीनाथ गनगनक ३ भावत भरत क सिमऽा-सीताक लार चातक चतर राम ाम घनक बभ उरिमलाक सलभ सनहबस

धनी धन तलसीस िनरधनक ४ राग धनाौी३८

जयितलणानत भगवत भधर भजग-

राज भवनश भभारहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

लय-पावक-महाालमाला-वमनशमन-सताप लीलावतारी १ जयित दाशरिथ समर-समरथ सिमऽा-सवन शऽसदन राम-भरत-बधोचा-चपक-वरन वसन-भषन-धरनिदतर भ लावय-िसध २ जयित गाधय-गौतम-जनक-सख-जनक

िव-कटक-किटल-कोिट-हतावचन-चय-चातरी-परशधर-गरबहरसवदा रामभिानगता ३ जयित सीतश-सवासरस िबषयरस-

िनरस िनपािध धरधम धारीिवपलबलमल शा लिवबम जलद-नाद-मदन महावीर भारी ४ जयित समाम-सागर-भयकर-तरनरामिहत-करण वरबा-सतउिम ला-रवन काण-मगल-भवनदासतलसी-दोष-दवन-हत ५

भरत-ित३९

जयितभिमजा-रमण-पदकज-मकरद-रस-

रिसक-मधकर भरत भिरभागीभवन-भषण भानवश-भषण भिमपाल-

मिन रामचिानरागी १ जयित िवबधश-धनदािद-लभ-महा-

राज-स ाज-सख-पद-िवरागीख-धाराोती-थमरखा कट

शमित-यवित पित-मपागी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जयित िनपािध-भिभाव-यिऽत-दय

बध-िहत िचऽकटािि-चारीपाका-नप-सिचवपिम-पालक परम

धरम-धर-धीर वरवीर भारी ३ जयित सजीवनी-समय-सकट हनमान

धनबान-मिहमा बखानीबाबल िबपल परिमित पराबम अतल

गढ गित जानकी-जािन जानी ४ जयित रण-अिजर गव-गण-गवहर

िफर िकय रामगणगाथ-गातामाडवी-िच-चातक-नवाबद-बरन

सरन तलसीदास अभय दाता ५ शऽ-ितराग धनाौी४०

जयित जय शऽ-किर-कसरी शऽहनशऽतम-तिहनहर िकरणकत

दव-मिहदव-मिह-धन-सवक सजन-िसि-मिन-सकल-काण-हत १

जयित सवागसदर सिमऽा-सवनभवन-िवात-भरतानगामी

वम चमा सी-धन-बाण-तणीर-धरशऽ-सकट-समय यणामी २

जयित लवणािनिध-कभसभव महा-दनज-ज नदवन िरतहािर

लणानज भरत-राम-सीता-चरण-

रण-भिषत-भाल-ितलकधारी ३ जयित ौितकीित -वभ सलभ सलभ

नमत नमद भिमिदातादासतलसी चरण-शरण सीदत िवभो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पािह दीना -सताप-हाता ४ ौीसीता-ितराग कदारा४१

कबक अब अवसर पाइमिरऔ सिध ाइबीक कन-कथा चलाइ १ दीन सब अगहीनछीनमलीनअघी अघाइनाम ल भर उदर एक भ-दासी-दास कहाइ २ बिझह rsquoसो ह कोनrsquo किहबी नाम दसा जनाइसनत राम कपाक मरी िबगरीऔ बिन जाइ ३ जानकी जगजनिन जनकी िकय बचन सहाइतर तलसीदास भव तव नाथ-गन-गन गाइ ४

४२कब समय सिध याबीमरी मात जानकीजन कहाइ नाम लत हिकय पन चातक ास-म-पानकी १ सरल कहाई कित आप जािनए कना-िनधानकीिनजगनअिरकत अनिहतौदास-दोष सरित िचत रहत न िदय दानकी बािन िबसारनसील ह मानद अमानकीतलसीदास न िबसािरयमन करम बचन जाकसपन गित न आनकी

ौीराम-ित४३

जयितसिदापकानद पर-पद िवमह- लीलावतारीिवकल ािदसरिससकोचवशिवमल गण-गह नर-दह-धारी १जयितकोशलाधीश काण कोशलसताकशल कव-फल चा चारीवद-बोिधत करम-धरम-धरनीधनिव-सवक साध-मोदकारी २ जयित ऋिष-मखपालशमन-सन-सालशापवश मिनवध-पापहारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भिज भवचापदिल दाप भपावलीसिहत भगनाथ नतमाथ भारी ३ जयित धारिमक-धरधीर रघवीर गर-मात-िपत-बध-वचनानसारीिचऽकटािि िवािि दडकिविपनधकत पकानन-िवहारी ४ जयित पाकािरसत-काक-करतित-फलदािन खिन गत गोिपत िवराधािद दवी वश दिख लिख िनिशचरी जन िवडिबत करी िवबाधा ५ जयित खर-िऽिशर-षण चतद श-सहस-सभट-मारीच-सहारकता गी-शबरी-भि-िववश कणािसधचिरत िनपािधिऽिवधाित हता ६ जयित मद-अध ककबध बिधबािल बलशािल बिधकरन समीव राजासभट मकट-भा-कटक-सघट सजतनमत पद रावणानज िनवाजा ७ जयित पाथोिध-कत-सत कौतक हतकाल-मन अगम लई ललिक लकासकलसानजसदल दिलत दशकठ रणलोक-लोकप िकय रिहत-शका ८ जयित सौिमिऽ-सीता-सिचव-सिहत चल पकाढ िनज राजधानीदासतलसी मिदत अवधवासी सकलराम भ भप वदिह रानी ९

४४जयितराज-राजि राजीवलोचनराम

नाम किल-कामतसाम-शालीअनय-अभोिध-कभजिनशाचर-िनकर-

ितिमर-घनघोर-खरिकरणमाली १ जयित मिन-दव-नरदव दसरक

दव-मिन-व िकय अवध-वासीलोक नायक-कोक-शोक-सकट-शमन

भानकल-कमल कानन-िवकासी २ जयित श गार-सर तामरस-दामित-

दहगणगहिवोपकारी ३ सकल सौभाय-सदय -सषमाप

मनोभव कोिट गवा पहारी ३ (जयित) सभग सारग सिनखग सायक शि

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चा चमा िस वर वम धारीधम धरधीररघवीरभजबल अतल

हलया दिलत भभार भारी ४ जयित कलधौत मिण-मकटकडलितलक-

झलक भिल भालिवध-वदन-शोभािद भषनबसन पीतउपवीत

िकय ान कान-भाजन न को भा ५ (जयित)भरत-सौिमिऽ-शऽ-सिवतसमख

सिचव-सवक-सखद सवदाता अधमआरतदीनपिततपातक-पीन

सकत नतमाऽ किह rsquoपािहrsquo पाता ६ जयित जय भवन दसचािर जस जगमगत

पमयध जय रामराजाचिरत-सरसिरत किव-म िगिर िनःसिरत

िपबतमत मिदत सत-समाजा ७ जयित वणा ौमाचारपर नािर-नर

स-शम-दम-दया-दानशीलािवगत ख-दोषसतोस सख सवदा

सनतगावत राम राजलीला ८ जयित वराय-िवान-वारािनध

नमत नम दपाप-ताप-हता दास तलसी चरण शरण सशय-हरण

दिह अवलब वदिह-भता ९ राग गौरी४५

ौी रामचि कपा भज मन हरण भवभय दाणनवकज-लोचनकज-मखकर-कजपद कजाण १ कदप अगिणत अिमत छिवनविनल नीरद स दरपट पीत मान तिड़त िच शिच नौिम जनक सतावर २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भज दीनबध िदनश दानव-द-वश िनकदनरघनद आनदकद कोशलचद दशरथ-नदन ३ िसर मकट कडल ितलक चा उदा अग िवभषणआजानभज शर-चाप-धरसमाम-िजत-खरषण ४ इित वदित तलसीदास शकर-शष-मिन-मन-रजनमम दय कज िनवास क कामािद खल-दल-गजन ५

राग रामकली४६

सदाराम जपराम जपराम जप राम जप राम जप मढअन बार बारसकल सौभाय-सख-खािन िजय जािन शठमािन िवास वद वदसार कोशल नव-नीलकजाभतनमदन-िरप-कजिद-चचरीकजानकीरवन सखभवन भवनकभसमर-भजनपरम कानीक २ दनज-वन धमधजपीन आजानभजदड-कोदडवर चड बानअनकर चरण मख नयन राजीवगन-अयनब मयन-शोभा-िनधान ३ वासनावद-करव-िदवाकर काम-बोध-मद कज-कानन-तषारलोभ अित म नागि पचानन भिहत हरण ससार-भार ४ कशवशहकश-विदत पद- मदािकनी-मलभतसव दानद-सदोहमोहापह घोर-ससार-पाथोिध-पोत ५ शोक-सदह-पाथोदपटलािनल पाप-पव त-किठन-किलशपसतजन-कामधक-धनिवौामद नाम किल-कष-भजन अनप ६ धम-किमाराम हिरधाम-पिथ सबल मलिमदमव एकभि-वराय िवान-शम-दान-दम नाम आधीन साधन अनक ७ तन ततदमवािखल तन सव कत कम जालयन ौीरामनामामत पानकतमिनशमनवमवलो काल ८ पचखलिभयवनािद हिरलोकगत नामबल िवपल मित मल न परसीािग सब आससऽासभवपास अिस िनिसत हिरनाम जप दासतलसी

४७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसी आरती राम रघबीरकी करिह मनहरन खद गोिबद आनघन १

अचरचर प हिरसरबगतसरबदा बसतइित बासना धप दीजदीप िनजबोधगत-कोह-मद-मोह-तमौढऽिभमान िचतबित छीज २भाव अितशय िवशद वर नव शभ ौीरमण परम सतोषकारीम-ताबल गत शल सशय सकलिवपल भव-बासना-बीजहारी ३अशभ-शभकम-घतपण दश वित कााग पावक सतोगण कासभि-वराय-िवान दीपावलीअिप नीराजन जगिनवास ४ िबमल िद-भवन कत शाित-पय क शभशयन िवौाम ौीरामरायामा-कणा मख तऽ पिरचािरकायऽ हिर तऽ निह भद-माया ५एिहआरती-िनरत सनकािदौितशषिशवदविरिषअिखलमिन त-दरसीकर सोइ तरपिरहर कामािद मलवदित इित अमलमित-दास तलसी ६

४८हरित सब आरती आरती रामकीदहन ख-दोषिनरमिलनी कामकी १ सरभ सौरभ धप दीपबर मािलकाउड़त अघ-िबहग सिन ताल करतािलका २ भ-िद-भवन अान-तम-हािरनीिबमल िबयानमय तज-िबािरनी ३ मोह-मद-कोह-किल-कज-िहमजािमनीमिकी ितकादह-ित दािमनी ४ नत-जन-कमद-बन-इ-कर-जािलकातलिस अिभमान-मिहषस ब कािलका ५

हिरशकरी पद४९

दव-दनज-बन-दहनगन-गहनगोिवद नदािद-आनद-दाताऽिवनाशी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

शभिशविशकरभयकरभीमघोरतजायतनबोध-राशी १ अनतभगवत-जगदत-अतक-ऽास-शमनौीरमनभवनािभरामभधराधीश जगदीश ईशानिवानघनान-कान-धाम २ वामनापावनपरावरिवभोकट परमातमाकित-ामीचिशखरशलपािणहरअनघअजअिमतअिविछवशभश-गामी ३ नीलजलदाभ तन यामब काम छिव राम राजीवलोचन कपालाकब -कप र-वप धवलिनम ल मौिल जटासर-तिटिनिसत समन माला ४ वसन िकजधरचब-सारग-दर-कज-कौमोदकी अित िवशालामार-किर-म-मगराजऽननहरनौिम अपहरण ससार-जाला ५ ककणाभवनदवन कालीय खलिवपल कसािद िनव शकारीिऽपर-मद-भगकरमगज-चमधरअकोरग-मसन पगारी ६ ापकअकलसकलपरपरमिहतयानगोतीतगण-वि-हा िसधसत-गव-िगिर-वळगौरीशभव द-मख अिखल िवसका ७ भिियभजन-कामधक धनहिर हरण घ ट िवकट िवपित भारीसखदनमदवरदिवरजअनवऽिखलिविपन-आनद-वीिथन-िवहारीिचर हिरशकरी नाम-मऽावली ख हरिनआनदखानीिव-िशव-लोक-सोपान-सम सवदा वदित तलसीदास िवशद बानी ८

५०दव-भानकल-कमल-रिवकोिट कद प-छिवकाल-किल-ालिमव वनतयबल भजदड परचड-कोदड-धर तणवर िविशख बलममय १ अण राजीवदल-नयनसषमा-अयनयाम तन-काित वर वािरदाभत काचन-वश-िवा-िनपणिस-सर-सपाथोजनाभ अिखल लावय-गहिव-िवमहपरम ौढगणगढ़मिहमा उदारध ष रग ग-अपवग -पितभ ससार-पादप कठार ३

शापवश मिनवध-मकतिविहतय-रण-दपकता जनक-नप-सदिस िशवचाप-भजनउम भाग वागव -गिरमापहता ४ ग-िगरा-गौरवामर-सज रा ौीसिहत सौिमिऽ-ाता

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सग जनकाजामनजमनस अज-वध-िनरतऽलोऽाता ५ दडकारय कतपय पावन चरणहरण मारीच-मायाकरगबािल बलम गजराज इव कसरीस द-समीव-ख-रािश-भग ६ ऋमकट िवकट सभट उदट समरशल-सकाश िरप ऽासकारीबपाथोिधसर-िनकर-मोचनसकल दलन दससीस-भजबीस भारी ७ िवबधािर-सघातअपहरण मिह-भारअवतार कारण अनपअमलअनवअतिनग णसग ण सिमरािम नरभप-प ८ शष-ौित-शारदा-शभ-नारद-सनक गनत गन अत नह तव चिरऽसोइ राम कामािर-िय अवधपित सवदा दासतलसी-ऽास-िनिध विहऽ ९

५१दवजानकीनाथरघनाथरागािद-तम-तरिणतायतनतजधामसिदानदआनदकदाकरिव-िवौामरामािभराम १ नीलनव-वािरधर-सभग-शभकाितकिट पीत कौशय वर वसनधारीर-हाटक-जिटत-मकट-मिडत-मौिलभान-शत-सश उोतकारी २ ौवण कडलभाल ितलकभिचर अितअण अभोज लोचन िवशालवब-अवलोकऽलोक-शोकापहमार-िरप-दय-मानस-मराल ३ नािसका चा सकपोलिज वळितअधर िबबोपमामधरहासकठ दरिचबक वरवचन गभीरतरस-सक

सरऽास-नास ४ समन सिविचऽ नव तलिसकादल-यत मल वनमाल उर ाजमानमत आमोदवश म मधकर-िनकरमधरतर मखर कव ि गान ५ सभग ौीवकयरककणहारिककणी-रटिन किट-तट रसालवाम िदिस जनकजासीन-िसहासन कनक-मवित त तमाल ६ आजान भजदड कोदड-मिडत वाम बा दिण पािण बाणमकअिखल मिन-िनकरसरिसगधव वर नमत नर नाग अविनप अनक अनघ अिविछसवसवश ख सवतोभि-दाताऽसमाकणतजन-खद-िवद-िवा-िनपण नौिम ौीराम सौिमिऽसाक ८

Vinaypatrika_ipdf 29

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यगल पदपसखस पालय िच किलशािद शोभाित भारीहनमत-िद िवमल कत परममिदर सदातलसी-शरण शोकहारी

५२दवndashकोशलाधीशजगदीशजगदकिहत अिमतगणिवपल िवार लीलागायित तव चिरत सपिवऽ ौित-शष-शक-शभ-सनकािद मिन मननशीला १ वािरचर-वपष धिर भ-िनारपर धरिणकत नाव मिहमाितगवसकल याशमय उम िवमह बोड़ मिद दनजश उरण उव २ कमठ अित िवकट तन किठन पोपरी मत मदर कड-सख मरारीकटकत अमतगोइिदराइ वदारकावद-आनदकारी ३ मनज-मिन-िस-सर-नाग-ऽासक दनज िज-धम-मरजाद-हा अतल मगराज-वपधिरत िविरत अिर भ हलाद-अहलाद-का ४ छलन बिल कपट-वटप वामन भवन पयत पद तीन करणचरण-नख-नीर-ऽलोक-पावन परम िवबध-जननी-सह-शोक-हरण ५ िऽयाधीश-किरिनकर-नव-कसरी परशधर िव-सस-जलदपबीस भजदड दससीस खडन चड वग सायक नौिम राम भप ६ भिमभर-भार-हरकट परमातमा नरपधर भहतवि-कल-कमद-राकश राधारमण कस-बसाटवी-धमकत ७ बल पाखड मिह-मडलाकल दिख िनकत अिखल मख कम-जालश बोधकघनान-गणधाम अज बौ-अवतार वद कपाल ८ कालकिलजिनत-मल-मिलनमन सव नर मोह िनिश-िनिबड़यवनाधकारिवयश पऽ कलकी िदवाकर उिदत दासतलसी हरण िवपितभार ९

५३दवndashसकल सौभायद सवतोभि-िनिध सवसवशसवा िभरामशव-िद-कज-मकरद-मधकर िचर-प भपालमिण नौिम राम १ सवसख-धाम गणमाम िवौामपद नाम सवसपदमित पनीतिनम ल शातसिवशबोधायतन बोध-मद-हरणकणा-िनकत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अिजतिनपािधगोतीतम िवभमकमनवमजमितीयाकतकट परमातमापरमिहत रकानत वद तरीय ३ भधर सरौीवरमदन-मद-मथन सौय -सीमाितराार ससारहरसलभमभाव-ग सकतसरतसोतसवदा पसतसकहारीधम वम िन कमबोधकिवप यजनियमरारी ५ िनिनम मिनमिनमा न हिरानघनसिदानद मलसव रक सवभकाकट गढािच भानकल ६ िस-साधक-सावा-वाचकप मऽ-जापक-जासि-ापरम कारणकनाभजलदाभतन सगणिनग णसकल य-िा ७ ोम-ापकिवरजवरदश वकठ वामन िवमल चारीिस-वदारकावदविदत सदा खिड पाखड-िनम लकारी ८ परनानदसदोह अपहरन समोह-अान गण-सिपातबचन-मन-कम-गत शरण तलसीदास ऽास-पाथोिध इव कभजात ९

५४दवndashिव-िवातिवशिवायतन िवमरजादालािरगामीवरदशवागीशापकिवमल िवपलबलवानिनवा नामी १ कितमहतशािद गणदवता ोममदिअमलाबउवबिमनइिियाणिचातमा कालपरमाणिचि गव २ सवमवाऽ िप भपालमिण म गतभदिवोभवन भवदगकामािर-विदत पद मदािकनी-जनक िजो ३ आिदमातभगवत सव गतमीश पयि य वादीयथा पट-ततघट-मितका सप -गदाकिरकनक-कटकागदादी ४ गढ़गभीरगवगढाथ िवतगगोतीतगयान-यातायययानियचर गिरमागार घोर-ससार-पर पार दाता ५ ससकअितककातकतकनातीतअिह-तवासीवनज-लोचनवनज-नाभ वनदाभ-वप वनचरज-कोिट-लावयरासी ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकरःकररारा सनहरग ष गा ि हा वदगभा भ कादभ -गनगव अवागपर-गव-िनवा प-का ७ भ-अनकलभवशल-िनम लकर तल-अघ-नाम पावक-समानतरलता-तमी-तरिणधरणीधरण शरण-भयहरणकणािनधान ८ बल वदारकावद-वदा-पद- मदार-मालोर-धारीपािह मामीश सताप-सकल सदा दास तलसी णत रावणारी ९

५५दवndashसत-सतापहरिव-िवौामकर रामकामािरअिभरामकारीश बोधायतनसिदानदघन सनानद-वध नखरारी १ शील-समता-भवनिवषमता-मित-शमनरामरमारमनरावनारीखकर चमवरवम धरिचरल किट तणशर-शि-सारगधारी २ ससधानिनवा नदसविहत सवगण-ान-िवानशालीसघन-तम-घोर-ससार-भर-शवरी नाम िदवसष खर-िकरणमाली ३ तपन तीन तन तीो ताप तपपतनभपतमपरतपीमान-मद-मदन-मर-मनोरथ-मथन मोह-अभोिध-मदरमनी ४ वद िवातवरदशवामनिवरजिवमलवागीशवकठामीकाम-बोधािदमदनिववध नछमा-शाित-िवमहिवहगराज-गामी ५ परम पावनपाप-प ज-म जावटी-अनल इव िनिमष िनम लका भवन-भषणषणािर-भवनशभनाथौितमाथ जय भवनभता ६ अमलअिवचलअकलसकलसत-किल-िवकलता-भजनानदरासीउरगनायक-शयनतणपकज-नयनछीरसागर-अयनसववासी ७ िस-किव-कोिवकानद-दायक पद मदामनज रापयऽ सभत अितपत जल सरसरी दशनादव अपहरित पाप ८ िन िनम सयगणिनग णानदभगवतामकिनयतािव-पोषण-भरणिव-कारण-करण शरण तलसीदास ऽास-हता ९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दवndashदनजसदन दयािसधदभापहन दहन दषदपा पहा तादमनदमभवनःखौघहर ग वा सना नाश का १ भिरभषणभानमतभगवत भवभजनाभयदभवनश भारीभावनातीतभववभवभिहत भिमउरणभधरण-धारी २ वरदवनदाभवागीशिवाा िवरजवकठ-मिर-िवहारीापक ोमवदावामनिवभोिवदिचतापहारी ३ सहज सरसमखसमनशभ सवदा शसवछचारीसव कतसवभतसविजतसविहत स-सककातकारी ४ िनिनमहिनग णिनरजन िनजानदिनवा णिनवा णदातािनभ रानदिनःकपिनःसीमिनम िनपािधिनम मिवधाता ५ महामगलमलमोद-मिहमायतनमध-मध-मथनमानदअमानीमदनमदनमदातीतमायारिहत मज मानाथपाथोजपानी ६ कमल-लोचनकलाकोशकोदडधरकोशलाधीशकाणराशीयातधान चर मकिर-कसरी भमन-पय-आरयवासी ७ अनघअतअनवअअज अिमत अिवकारआनदिसधोअचलअिनकतअिवरलअनामय अनारभअभोदनादहन-बधो ८ दासतलसी खदिखआप इह शोकसप अितशय सभीतणतपालक राम परम कणाधाम पािह मामिव पितिव नीत ९

५७दवndashदिह सतसग िनज-अग ौीरग भवभग-कारण शरण-शोकहारीय त भवदियपव-समािौत सदा भिरतिवगतसशयमरारी १ असरसरनागनरयगधव खगरजिनचरिसय चािप असत-ससग ऽवग परपरमपदा िनागित िय स २ वऽबिलबाणहलादमयाधगजगीिजब िनजधमागीसाधपद-सिलल-िनध त-कष सकलपच-यवनािद कव-भागी ३ शातिनरपिनम मिनरामयअगणशकपरानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दसमककिवगत अित परमितपरमरितिवरित तव चबपानी ४ िव-उपकारिहत मिचत सवदामदमकत पयरासीयऽ ितितऽव अज शव हिर सिहत गि ीरािवासी ५ वद-पयिसधसिवचार मदरमहा अिखल-मिनवद िनमथ नकता सार सतसगमद ध इित िनित वदित ौीक वदिभ भता ६ शोक-सदहभय-हष तम-तष गणसाध-सि िवदकारीयथा रघनाथ-सायक िनशाचर-चम-िनचय-िनद लन-पट-वग-भारी ७ यऽ कऽािप मम ज िनजकमवश मत जगजोिन सकट अनकतऽ िसन-समागम सदा भवत म राम िवौाममक ८ बल भव-जिनत ऽािध-भषज भगित भ भषमतदरसीसत-भगवत अतर िनरतर नह िकमिप मित मिलन कह दासतलसी ९

५८दवndashदिह अवलब कर कमलकमलारमनदमन-खशमन-सताप भारीअान-राकश-मासन िवधतदगव-काम-किरम-हिरषणारी १ वपष ाड स वि लका-ग रिचत मन दनज मय-पधारीिविवध कोशौघ अित िचर-मिदर-िनकरसगण मख ऽकटककारी २ कणप-अिभमान सागर भयकर घोर िवपल अवगाहर अपारनब रागािद-सकल मनोरथ सकल सग-सक वीची-िवकार ३ मोह दशमौिल तात अहकार पाकािरिजत काम िवौामहारीलोभ अितकायमर महोदर बोध पािप-िवबधातकारी ४ ष म खदभ खर अकपन कपट दप मनजाद मद शलपानीअिमतबल परम ज य िनशाचर-िनकर सिहत षडवग गो-यातधानी ५ जीव भवदिय-सवक िवभीषण बसत म ाटवी मिसतिचतािनयम-यम-सकल सरलोक-लोकश लकश-वश नाथ अत भीता ६ ान-अवधश-गह गिहनी भि शभतऽ अवतार भभार-हता भ-सक अवलोिक िपत-वा कत गमन िकय गहन वदिह-भता ७

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कव-साधन अिखल भा मकट िवपल ान-समीवकत जलिधसतबल वराय दाण भजन-तनय िवषय वन भवनिमव धमकत ८ दनजश िनव शकत दासिहत िवख-हरण बोधकरासीअनज िनज जानकी सिहत हिर सव दा दासतलसी दय कमलवासी ९

५९दवndashदीन-उरण रघवय कणाभवन शमन-सताप पापौघहारीिवमल िवान-िवमहअनमहपभपवर िवबधनमदखरारी १ ससार-कातार अित घोरगभीरघनगहन तकमसकलमरारीवासना वि खर-कटकाकल िवपल िनिबड़ िवटपाटवी किठन भारी २ िविवध िचतवित-खग िनकर यनोककाक वक गी आिमष-अहारीअिखल खलिनपण छलिछि िनरखत सदा जीवजनपिथकमन-खदकारी ३ बोध किरममगराजकदप मद-दप वक-भा अित उमकमा मिहष मर बरलोभ शकरपफ छलदभ माजा रधमा ४ कपट मकट िवकटाय पाखडमखखद मगोातउातकता दय अवलोिक यह शोक शरणागतपािह मा पािह भो िवभता ५ बल अहकार रघट महीधरमहामोह िगिर-गहा िनिबड़ाधकारिच वतालमनजाद मनतगनरोगभोगौघ विक-िवकार ६ िवषय-सख-लालसा दश-मशकािदखल िझि पािद सब सप ामीतऽ आि तव िवषम माया नाथअध म मदालादगामी ७ घोर अवगाह भव आपगा पापजलपररअपारामकर षग गो नब चबाकलाकल शभ-अशभख तीो धारा ८ सकल सघट पोच शोचवश सवदा दासतलसी िवषम गहनमऽािह रघवशभषण कपा करकिठन काल िवकराल-किलऽास-ऽ ९

६०दवndashनौिम नारायण नर कणायन ान-पारायणान-मलअिखल ससार-उपकार-कारण सदयदयतपिनरतणतानकल १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

याम नव तामरस-दामित वपष छिव कोिट मदनाक अगिणत काशतण रमणीय राजीव-लोचन लिलत वदन राकशकर-िनकस-हास २ सकल सदय -िनिधिवपल गणधाम िविध-वद-बध-शभ-सिवतअमानअण पदकज-मकरद मदािकनी मधप-मिनवद कव ि पान ३ शब-िरत घोर मदन मद-भगकत बोधगतबोधरतचारीमाक डय मिनवय िहत कौतकी िबनिह कात भ लयकारी ४ पय वन शलसिर बििकाौम सदासीन पासनएक पिस-योगी-वदारकानददभिदायक दरस अित अनप ५ मान मनभगिचतभगमदबोधा लोभािद पव तग भवन-भा ष-मर-राग बल ह ितभिर िनद यबर कम का ६ िवकटतर वब रधार मदातीो दप कदप खर खधाराधीर-गभीर-मन-पीर-कारकतऽ क वराका वय िवगतसारा ७ परम घ ट पथ खल-असगत साथनाथ निह हाथ वर िवरित-यीदशनारत दासऽिसत माया-पाशऽािह हिरऽािह हिरदास की ८ दासतलसी दीन धम -सबलहीनौिमत अितखदमित मोह नाशीदिह अवलब न िवलब अभोज-करचबधर-तजबल शमराशी ९

६१दवndashसकल सखकद आनदवन-पयकतिबमाधव -िवपितहारीयाियपाथोज अज-शभ-सनकािद-शक-शष-मिनवद-अिल-िनलयकारी १ अमल मरकत यामकाम शतकोिट छिवपीतपट तिड़त इव जलदनीलअण शतपऽ लोचनिवलोकिन चाणतजन-सखदकणािशील २ काल-गजराज-मगराजदनजश-वन-दहन पावकमोह-िनिश-िदनशचािरभज चब-कौमोदकी-जलज-दर सरिसजोपिर यथा राजहस ३ मकटकडलितलकअलक अिलोातइवभकिटिजअधरवरचानासािचर सकपोलदर मीव सखसीवहिरइकर-कदिमव मधरहासा ४ उरिस वनमाल सिवशाल नवमजरी ाज ौीव-लाछन उदार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परम अितधगतमअजअिमतबलिवपल मिहमा अपार ५ हार-कयरकर कनक ककन रतन-जिटत मिण-मखला किटदशयगल पद नपरामखर कलहसवत सभग सवाग सौय वश ६ सकल सौभाय-सय ऽलो-ौी दि िदिश िचर वारीश-काबसत िवबधापगा िनकट तट सदनवर नयन िनरखित नर तऽित धा ७ अिखल मगल-भवनिनिबड़ सशय-शमन दमन-विजनाटवीकहा िवधतिविहतअिजतगोतीतिशविवपालनहरणिवका ८ ान-िवान-वराय-ऐय -िनिधिसि अिणमािद द भिरदानमिसत-भव-ाल अितऽास तलसीदासऽािह ौीराम उरगािर-यान ९

६२इह परम फपरम बड़ाईनखिसख िचर िबमाधव छिब िनरखिह नयन अघाई १ िबसद िकसोर पीन स दर बपयाम सिच अिधकाईनीलकजबािरदतमालमिनइ तनत ित पाई २ मल चरन शभ िचपदजनख अित अभत उपमाईअन नील पाथोज सव जन मिनजत दल-समदाई ३ जातप मिन-जिटत-मनोहर नपर जन-सखदाईजन हर-उर हिर िबिबध प धिर रह बर भवन बनाई ४ किटतट रटित चा िकिकिन-रवअनपमबरिन न जाईहम जलज कल किलत म जनमधकर मखर सहाई ५ उर िबसाल भगचरन चा अितसचत कोमलताईककन चा िबिबध भषन िबिधरिच िनज कर मन लाई ६ गज-मिनमाल बीच ाजत किह जाित न पदक िनकाईजन उडगन-मडल बािरदपरनवमह रची अथाई ७ भजगभोग-भजदड कज दर चब गदा बिन आईसोभासीव मीविचबकाधरबदन अिमत छिब छाई ८ किलसकद-कडमलदािमिन-ितदसनन दिख लजाई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नासा-नयन-कपोललिलत ौित कडल मोिह भाई ९ किचत कच िसर मकटभाल परितलक कह समझाईअलप तिड़त जग रख इ महरिह तिज चचलताई १० िनरमल पीत कल अनपमउपमा िहय न समाईब मिनजत िगिर नील िसखरपर कनक-बसन िचराई ११ द भाग अनराग-सिहत इिदरा अिधक लिलताईहमलता जन त तमाल िढगनील िनचोल ओढ़ाई १२ सत सारदा सष ौित िमिलकसोभा किह न िसराईतलिसदास मितमद दरत कह कौन िबिध गाई १३

राग जतौी६३

मन इतनोई या तनको परम फसब अग सभग िबमाधव-छिबतिज सभावअवलोक एक प १ तन अन अभोज चरन मनख-ित दय-ितिमर-हारीकिलस-कत-जव-जलज रख बरअकस मन-गज-बसकारी २ कनक-जिटत मिन नपरमखलकिट-तट रटित मधर बानीिऽबली उदरगभीर नािभ सरजह उपज िबरिच यानी ३ उर बनमालपिदक अित सोिभतिब-चरन िचत कह करषाम तामरस-दाम-बरन बप पीत बसन सोभा बरष ४ कर ककन कयर मनोहरदित मोद मििक ारीगदा कज दर चा चबधरनाग-स ड-सम भज चारी ५ कबमीवछिबसीव िचबक िजअधर अनउत नासानव राजीव नयनसिस आननसवक-सखद िबसद हासा ६ िचर कपोलौवन कडलिसर मकटसितलक भाल ाजलिलत भकिटस दर िचतविनकच िनरिख मधप-अवली लाज ७ प-सील-गन-खािन द िदिसिसध-सता रत-पद-सवाजाकी कपा-कटा चहत िसविबिधमिनमनजदनजदवा ८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तलिसदास भव-ऽास िमट तबजब मित यिह सप अटकनािहत दीन मलीन हीनसखकोिट जनम िम िम भटक ९

राग बस६४

बदौ रघपित कना-िनधान जात ट भव-भद-यान १ रघबस-कमद-सखद िनसस सवत पद-पकज अज महस २ िनज भ-दय-पाथोज-भग लाव बपष अगिनत अनग ३ अित बल मोह-तम-मारतड अयान-गहन-पावक चड ४ अिभमान-िसध-कभज उदार सररजनभजन भिमभार ५ रागािद-सप गन-पगािर कदप -नाग-मगपितमरािर ६ भव-जलिध-पोत चरनारिबद जानकी-रवन आनद-कद ७ हनमत-म-बापी-मराल िनाम कामधक गो दयाल ८ ऽलोक-ितलकगनगहन राम कह तलिसदास िबौाम-धाम ९

राग भरव६५

राम राम रमराम राम रट राम राम जप जीहारामनाम-नवनह-महकोमन हिठ होिह पपीहा १ सब साधन-फल कप-सिरत-सरसागर-सिलल-िनरासारामनाम-रित-ाित-सधा-सभ-सीकर मिपयासा २ गरिजतरिजपाषान बरिष पिवीित परिख िजय जानअिधक अिधक अनराग उमग उर पर परिमित पिहचान ३ रामनाम-गित रामनाम-मित राम-नाम-अनरागी गयहज होिहग तइ िऽभवन गिनयत बड़भागी ४ एक अग मग अगम गवन कर िबलम न िछन िछन छाहतलसी िहत अपनो अपनी िदिसिनपिध नम िनबाह ५

६६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम जपराम जप राम जप बावरघोर भव-नीर-िनिध नाम िनज नाव र १ एक ही साधन सब िरि-िसि सािध रमस किल-रोग जोग-सजम-समािध र २ भलो जो हपोच जो हदािहनो जोबाम रराम-नाम ही स अत सब ही को काम र ३ जग नभ-बािटका रही ह फिल फिल रधवा कस धौरहर दिख त न भिल र ४ राम-नाम छािड़ जो भरोसो कर और रतलसी परोसो ािग माग कर कौर र ५

६७राम राम जप िजय सदा सानराग र

किल न िबरागजोगजागतपाग र १ राम सिमरत सब िबिध ही को राज र

रामको िबसािरबो िनषध-िसरताज र २ राम-नाम महामिनफिन जगजाल र

मिन िलयफिन िजयाकल िबहाल र ३ राम-नाम कामत दत फल चािर र

कहत परानबदपिडतपरािर र ४ राम-नाम म-परमारथको सार र

राम-नाम तलसीको जीवन-अधार र ५ ६८

राम राम राम जीह जौल त न जिपहतौलत क जाय ित ताप तिपह १ सरसिर-तीर िबन नीर ख पाइहसरत तर तोिह दािरद सताइह २ जागतबागत सपन न सख सोइह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जनम जनमजग जग जग रोइह ३ िटबक जतन िबसष बाधो जायगोह िबष भोजन जो सधा-सािन खायगो ४ तलसी ितलोकित काल तोस दीनकोरामनाम ही की गित जस जल मीनको ५

६९सिम सनहस त नाम रामरायकोसबल िनसबलकोसखा असहायको १ भाग ह अभागकोगन गनहीनकोगाहक गरीबकोदया दािन दीनको २ कल अकलीनकोसो ह बद सािख हपागरको हाथ-पायआधरको आिख ह ३ माय-बाप भखको अधार िनराधारकोसत भव-सागरको हत सखसारको ४ पिततपावन राम-नाम सो न सरोसिमिर सभिम भयो तलसी सो ऊसरो ५ u ७०भलो भली भाित ह जो मर कह लािगहमन राम-नामस सभाय अनरािगह १ राम-नामको भाउ जािन जड़ी आिगहसिहत सहाय किलकाल भी भािगह २ राम-नामस िबरागजोगजप जािगहबाम िबिध भाल न करम दाग दािगह ३ राम-नाम मोदक सनह सधा पािगहपाइ पिरतोष त न ार ार बािगह ४ राम-नाम काम-त जोइ जोइ मािगहतलिसदास ारथ परमारथ न खािगह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

७१ऐस साहबकी सवा स होत चो र

आपनी न बझ न कह को राडरो र १ मिन-मन-अगमसगम माइ-बाप स

कपािसधसहज सखा सनही आप स २ लोक-बद-िबिदत बड़ो न रघनाथ स

सब िदन दब दस सबिहक साथ स ३ ामी सरबय स चल न चोरी चारकी

ीित पिहचािन यह रीित दरबारकी ४ काय न कलस-लस लत मान मनकी

सिमर सकिच िच जोगवत जनकी ५ रीझ बस होतखीझ दत िनज धाम र

फलत सकल फल कामत नाम र ६ बच खोटो दाम न िमल न राख काम र

सोऊ तलसी िनवाो ऐसो राजाराम र ७ ७२

मरो भलो िकयो राम आपनी भलाईह तो साई-िोही प सवक-िहत साई १

रामस बड़ो ह कौन मोस कौन छोटोराम सो खरो ह कौन मोस कौन खोटो २

लोक कह रामको गलाम ह कहावएतो बड़ो अपराध भौ न मन बाव ३

पाथ माथ चढ़ तन तलसी नीचोबोरत न बािर तािह जािन आप सीचो ४

७३जागजागजीव जड़ जोह जग-जािमनी

दह-गह-नह जािन जस घन-दािमनी १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सोवत सपन सह ससित-सताप रबो मग-बािर खायो जवरीको साप र २

कह बद-बधत तो बिझ मनमािह रदोष-ख सपनक जाग ही प जािह र ३

तलसी जागत जाय ताप ित ताय रराम-नाम सिच िच सहज सभाय र ४ राग िवभास७४

जानकीसकी कपा जगावती सजान जीवजागी ािग मढ़ताऽनराग ौीहर

किर िबचारतिज िबकारभज उदार रामचिभििसध दीनबध बद बदत र १

मोहमय क-िनसा िबसाल काल िबपल सोयोखोयो सो अनप प सपन ज पर

अब भात गट यान-भानक काश

बासनासराग मोह-ष िनिबड़ तम टर २ भाग मद-मान चोर भोर जािन जातधान

काम-कोह-लोभ-छोभ-िनकर अपडरदखत रघबर-ताप बीत सताप-पाप

ताप िऽिबध म-आप र ही कर ३ ौवन सिन िगरा गभीर जाग अित धीर बीर

बर िबराग-तोष सकल सत आदरतलिसदास भकपा िनरिख जीव जन िबहा

भो भव-जाल परम मगलाचर ४ राग लिलत७५

खोटो खरो रावरो हरावरी स रावरस झठ कहगोजानो सब ही क मनकी

करम-बचन-िहयकह न कपट िकय ऐसी हठ जसी गािठ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पानी पर सनकी १ सरोभरोसो नािह बासना उपासनाकी बासविबरिच

सर-नर-मिनगनकीारथ क साथी मरहाथी ान लवा दईका तो न पीर

रघबीर दीन जनकी २ साप-सभा साबर लबार भय दव िदसह सासित कीज

आग ही या तनकीसाच परपाऊ पानपचम पन मानतलसी चातक आस

राम ामघनकी ३ ७६

रामको गलामनाम रामबोला राौ राम

काम यह नाम हौ कब कहत हरोटी-गा नीक राखआगकी बद भाख

भलो ह तरोतात आनद लहत ह १ बाौ ह करम जड़ गरब गढ़ िनगड़

सनत सह ह तौ सासित सहत हआरत-अनाथ-नाथकौसलपाल कपाल

लीौ छीन दीन दो िरत दहत ह २ बयौ हीकोम चरो हौ रावरो ज

मरो कोऊ क नािह चरन गहत हमजो ग पीठअपनाइ गिह बाहबोिल

सवक-सखदसदा िबरद बहत ह ३ लोग कह पोचसो न सोच न सकोच मर

ाह न बरखीजाित-पाित न चहत हतलसी अकाज-काज राम ही क रीझ-खीझ

ीितकी तीित मन मिदत रहत ह ४ ७७

जानकी-जीवनजग-जीवनजगत-िहतजगदीसरघनाथराजीवलोचन राम

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सरद-िबध-बदनसखसीलौीसदनसहज स दर तनसोभा अगिनत काम १

जग-सिपतासमातसगसिहतसमीतसबको दािहनोदीनबकाको न बाम

आरितहरनसरनदअतिलत दािननतपाकपापितत-पावन नाम २

सकल िब-बिदतसकल सर-सिवतआगम-िनगम कह रावरई गनमाम

इह जािन तलसी ितहारो जन भयोारो क गिनबो जहा गन गरीब गलाम ३ राग टोडी७८

दव-दीनको दया दािन सरो न कोऊजािह दीनता कह ह दख दीन सोऊ १ सरनरमिनअसरनागसािहब तौ घनर(प) तौ ल ज ल रावर न नक नयन फर २ िऽभवनित काल िबिदतबद बदित चारीआिद-अत-म राम साहबी ितहारी ३ तोिह मािग मागनो न मागनो कहायोसिन सभाव-सील-सजस जाचन जन आयो ४ पाहन-पस िबटप-िबहग अपन किर लीमहाराज दसरथक रक राय की ५ त गरीबको िनवाज ह गरीब तरोबारक किहय कपा तलिसदास मरो ६

७९दव-त दया दीन ह त दािन ह िभखारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह िस पातकी त पाप-प ज-हारी १ नाथ त अनाथको अनाथ कौन मोसोमो समान आरत निह आरितहर तोसो २ त ह जीव त ह ठाकरह चरोतात-मातग-सखा त सब िबिध िहत मरो ३ तोिह मोिह नात अनक मािनय जो भाव तलसी कपा चरन-सरन पाव ४

८०दवndashऔर कािह मािगय को मािगबो िनवारअिभमतदातार कौन ख-दिरि दार १ धरमधाम राम काम-कोिट-प रोसाहब सब िबिध सजान दान-खडग-सरो २ ससमय िदन िनसान सबक िार बाजकसमय दसरथक दािन त गरीब िनवाज ३ सवा िबन गनिबहीन दीनता सनायज ज त िनहाल िकय फल िफरत पाय ४ तलसीदास जाचक-िच जािन दान दीजरामचि चि त चकोर मोिह कीज ५

८१दीनबध सखिसध कपाकर कानीक रघराईसन नाथ मन जरत िऽिबध जर करत िफरत बौराई १ कब जोगरत भोग-िनरत सठ हठ िबयोग-बस होईकब मोहबस िोह करत ब कब दया अित सोई २ कब दीनमितहीन रकतरकब भप अिभमानीकब मढ पिडत िबडबरतकब धम रत यानी ३ कब दव जग धनमय िरपमय कब नािरमय भास

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ससित-सिनपात दान ख िबन हिर-कपा न नास ४ सजमजपतपनमधरम तब भषज-समदाईतलिसदास भव-रोग रामपद-म-हीन निह जाई ५

८२मोहजिनत मल लाग िबिबध िबिध कोिट जतन न जाईजनम जनम अास-िनरत िचत अिधक अिधक लपटाई १ नयन मिलन परनािर िनरिखमन मिलन िबषय सग लागदय मिलन बासना-मान मद जीव सहज सख ाग २ परिनदा सिन ौवन मिलन भ बचन दोष पर गायसब कार मलभार लाग िनज नाथ-चरन िबसराय ३ तलिसदास त-दान यान-तप सिहत ौित गावराम-चरन-अनराग-नीर िबन मल अित नास न पाव ४

राग जतौी८३

क न आई गयो जनम जायअित रलभ तन पाइ कपट तिज भज न राम मन बचन- काय १ लिरकाई बीती अचत िचत चचलता चौगन चायजोबन-जर जबती कप किर भयो िऽदोष भिर मदन बाय २ म बयस धन हत गवाई कषी बिनज नाना उपायराम-िबमख सख लो न सपन िनिसबासर तयौ ित ताय ३ सय निह सीतापित-सवक साध समित भिल भगित भायसन न पलिक तन कह न मिदत मन िकय ज चिरत रघबसराय ४ अब सोचत मिन िबन भअग ो िबकल अग दल जरा धायिसर धिन-धिन पिछताय मिज कर कोउ न मीत िहत सह दाय ५ िज लिग िनज परलोक िबगार यौ त लजात होत ठाढ़ ठायतलसी अज सिमिर रघनाथिहतर यौ गयद जाक एक नाय ६

८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ त पिछतह मन मिज हाथभयो ह सगम तोको अमर-अगम तनसमिझध कत खोवत अकाथ १ सख-साधन हिरिबमख बथा जस ौम फल घतिहत मथ पाथयह िबचािर तिज कपथ-कसगित चिल सपथ िमिल भल साथ २ दख-राम-सवक सिन कीरित रटिह नाम किर गान गाथदय आन धनबान-पािन भलस मिनपट किट कस भाथ ३ तलिसदास पिरहिर पच सब नाउ रामपद-कमल माथजिन डरपिह तोस अनक खल अपनाय जानकीनाथ ४

राग धनाौी८५

मन माधवको नक िनहारिहसन सठ सदा रकक धन ोिछन-िछन भिह सभारिह १ सोभा-सील-यान-गन-मिदर स दर परम उदारिहरजन सत अिखल अघ-गजन भजन िबषय-िबकारिह २ जो िबन जोग-जय-त-सयम गयो चह भव-पारिहतौ जिन तलिसदास िनिस- बासर हिर-पद कमल िबसारिह ३

८६इह को सत बद चौीरघबीर-चरन-िचतन तिज नािहन ठौर क १ जाक चरन िबरिच सइ िसिध पाई सकरसक-सनकािद मकत िबचरत तउ भजन करत अज २ जिप परम चपल ौी सतत िथर न रहित कतहिर-पद-पकज पाइ अचल भइकरम-बचन-मन ३ कनािसधभगत-िचतामिनसोभा सवतऔर सकल सरअसर-ईस सब खाय उरग छ ४ सिच को सोइ स तात अित पष बचन जबतलिसदास रघनाथ-िबमख निह िमटइ िबपित कब ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

८७सन मन मढ िसखावन मरोहिर-पद-िबमख लो न का सख सठ यह समझ सबरो १ िबर सिस-रिब मन-ननिनत पावत ख बतरोमत ौिमत िनिस-िदवस गगन महतह िरप रा बडरो २ जिप अित पिनत सरसिरता ित पर सजस घनरोतज चरन अज न िमटत िनतबिहबो ता करो ३ ट न िबपित भज िबन रघपित ौित सद िनबरोतलिसदास सब आस छािड किर हो रामको चरो ४

८८कब मन िबौाम न माोिनिसिदन मत िबसािर सहज सख जह तह इििन ताो १ जदिप िबषय-सग सो सह ख िबषम जाल अझाोतदिप न तजत मढ़ ममताबसजानत निह जाो २ जनम अनक िकय नाना िबिध करम-कीच िचत साोहोइ न िबमल िबबक-नीर िबन बद परान बखाो ३ िनज िहत नाथ िपता ग हिरस हरिष हद निह आोतलिसदास कब तषा जाय सर खनतिह जनम िसराो ४

८९मरो मन हिरज हठ न तजिनिसिदन नाथ दउ िसख ब िबिध करत सभाउ िनज १ ो जवती अनभवित सव अित दान ख उपज अनकल िबसािर सल सठ पिन खल पितिह भज २ लोप म गहपस जह तह िसर पदऽान बजतदिप अधम िबचरत तिह मारग कब न मढ़ लज ३ ह हार यौ किर जतन िबिबध िबिध अितस बल अजतलिसदास बस होइ तबिह जब रक भ बरज ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

९०ऐसी मढ़ता या मनकीपिरहिर राम-भगित-सरसिरताआस करत ओसकनकी १ धम-समह िनरिख चातक ो तिषत जािन मित घनकीनिह तह सीतलता न बािर पिन हािन होित लोचनकी २ ो गच-काच िबलोिक सन जड छाह आपन तनकीटटत अित आतर अहार बस छित िबसािर आननकी ३ कह ल कह कचाल कपािनिध जानत हौ गित जनकीतलिसदास भ हर सह ख कर लाज िनज पनकी ४

९१नाचत ही िनिस-िदवस मर योतब ही त न भयो हिर िथर जबत िजव नाम धर यो १ ब बासना िबिबध कचिक भषन लोभािद भर योचर अ अचर गगन जल थलमकौन न ाग कर यो २ दव-दनजमिननागमनज निह जाचत कोउ उबर योमरो सह दिरि दोषख का तौ न हर यो ३ थक नयन पद पािन समित बल सग सकल िबर योअब रघनाथ सरन आयो जनभवभय िबकल डर यो ४ जिह गनत बस हो रीिझ किर सो मोिह सब िबसर योतलिसदास िनज भवन-ार भ दीज रहन पर यो ५

९२माधवजमोसम मद न कोऊजिप मीन-पतग हीनमित मोिह निह पज ओऊ १ िचर प-आहार-ब उ पावक लोह न जाोदखत िबपित िबषय न तजत ह तात अिधक अयाो २ महामोह-सिरता अपार मह सतत िफरत बोौीहिर- चरन-कमल-नौका तिजिफिर िफिर फन गो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अि परातन िधत ान अित भिर मख पकरिनज तागत िधर पान किरमन सतोष धर ४ परम किठन भव-ाल-मिसत भयो अित भारीचाहत अभय भक सरनागत खगपित-नाथ िबसारी ५ जलचर-बद जाल-अतरगत होत िसिमिट इक पासाएकिह एक खात लालच-बस निह दखत िनज नासा ६ मर अघ सारद अनक जग गनत पार निह पावतलिसदास पितत-पावन भ यह भरोस िजय आव ७

९३कपा सो ध कहा िबसारी रामजिह कना सिन ौवन दीन-ख धावत हौ तिज धाम १ नागराज िनज बल िबचािर िहय हािर चरन िचत दीआरत िगरा सनत खगपित तिज चलत िबलब न की २ िदितसत-ऽास-ऽिसत िनिसिदन हलाद-ितया राखीअतिलत बल मगराज-मनज-तन दनज हो ौित साखी ३ भप-सदिस सब नप िबलोिक भ-राख को नर- नारीबसन पिरअिर-दरप िर किर भिर कपा दनजारी ४ एक एक िरपत ऽािसत जनतम राख रघबीरअब मोिह दत सह ख ब िरप कस न हर भव-पीर ५ लोभ-माह दनजस-बोध कराज-बध खल मारतलिसदास भ यह दान ख भज राम उदार ६

९४काह त हिर मोिह िबसारोजानत िनज मिहमा मर अघतदिप न नाथ सभारो १ पितत-पनीतदीनिहतअसरन-सरन कहत ौित चारोह निह अधमसभीतदीन िकध बदन मषा पकारो २ खग-गिनका-गज-ाध-पाित जह तह हौ बठारो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अब किह लाज कपािनधान परसत पनवारो फारो ३ जो किलकाल बल अित होतो तव िनदसत ारोतौ हिर रोष भरोस दोष गन तिह भजत तिज गारो ४ मसक िबरिचिबरिच मसक सम कर भाउ तारोयह सामरथ अछत मोिह ाग नाथ तहा क चारो ५ नािहन नरक परत मोकह डरजिप ह अित हारोयह बिड ऽास दासतलसी भनाम पाप न जारो ६

९५त न मर अघ-अवगन गिनह जौ जमराज काज सब पिरहिर इह ाल उर अिनह १ चिलह िट प ज पािपनक असमजस िजय जिनह दिख खलल अिधकार भस (मरी) भिर भलाई भिनह २ हिस किरह परतीित भगतकी भगत-िसरोमिन मिनह तलिसदास कोसलपित अपनायिह पर बिनह ३

९६जौ प िजय धिरहौ अवगन जनक तौ कटत सकत-नखत मो प िबपल बद अघ-बनक १ किहह कौन कष मर कत करम बचन अ मनक हारिह अिमत सष सारद ौित िगनत एक-एक छनक २ जो िचत चढ़ नाम-मिहमा िनज गनगन पावन पनक तो तलिसिह तािरहौ िब दसन तोिर जमगनक ३

९७जौ प हिर जनक औगन गहत तौ सरपित कराज बािलस कत हिठ बर िबसहत १ जौ जप जाग जोग त बरिजत कवल म न चहत तौ कत सर मिनबर िबहाय ज गोप-गह बिस रहत २ जौ जह-तह न रािख भगतको भजन-भाउ न कहत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ किल किठन करम-मारग जड़ हम किह भाित िनबहत ३ जौ सतिहत िलय नाम अजािमलक अघ अिमत न दहत तौ जमभट सासित-हर हमस बषभ खोिज खोिज नहत ४ जौ जगिबिदत पिततपावन अित बाकर िबरद न बहत तौ बकलप किटल तलसीस सपन सगित न लहत ५

९८ऐसी हिर करत दासपर ीित िनज भता िबसािर जनक बस होत सदा यह रीित १ िजन बाध सर-असर नाग-नर बल करमकी डोरी सोइ अिबिछ जसमित हिठ बाो सकत न छोरी २ जाकी मायाबस िबरिच िसव नाचत पार न पायो करतल ताल बजाय वाल-जवित सोइ नाच नचायो ३ िबभर ौीपित िऽभवनपितबद-िबिदत यह लीख बिलस क न चली भता ब ह िज मागी भीख ४ जाको नाम िलय टत भव-जनम-मरन ख-भार अबरीष-िहत लािग कपािनिध सोइ जनम दस बार ५ जोग-िबराग ान-जप-तप किर जिह खोजत मिन यानी बानर-भा चपल पस पामर नाथ तहा रित मानी ६ लोकपालजमकालपवनरिबसिस सब आयाकारी तलिसदास भ उमसनक ार बत कर धारी ७

९९िबरद गरीबिनवाज रामको गावत बद-परान सभ-सक गट भाउ नामको १ ीवहलादिबभीषनकिपपितजडपतगपाडवसदामको लोक सजस परलोक सगितइम को ह राम कामको २ गिनका कोलिकरातआिदकिब इत अिधक बाम कोबािजमध कब िकयो अजािमल गज गायो कब सामको ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छलीमलीनहीन सब ही अग तलसी सो छीन छामकोनाम-नरस-ताप बल जग जग-जग चालत चामको ४

१००सिन सीतापित-सील-सभाउमोद न मनतन पलकनयन जलसो नर खहर खाउ १ िससपनत िपतमातबधगसवकसिचवसखाउकहत राम-िबध-बदन िरसोह सपन लो न काउ २ खलत सग अनज बालक िनत जोगवत अनट अपाउजीित हािर चचकािर लारत दत िदवावत दाउ ३ िसला साप-सताप-िबगत भइ परसत पावन पाउदई सगित सो न हिर हरष िहय चरन एको पिछताउ ४ भव-धन भिज िनदिर भपित भगनाथ खाइ गय ताउछिम अपराध छमाइ पाय पिर इतौ न अनत समाउ ५ को राज बन िदयो नािरबस गिर गलािन गयो राउता कमातको मन जोगवत िनज तन मरम कघाउ ६ किप-सवा-बस भय कनौड़ कौ पवनसत आउदबको न क िरिनया ह धिनक त पऽ िलखाउ ७ अपनाय समीव िबभीषन ितन न तो छल-छाउभरत सभा सनमािनसराहत होत न दय अघाउ ८ िनज कना करतित भगत पर चपत चलत चरचाउसकत नाम नत जल बरनत सनत कहत िफिर गाउ ९ समिझ समिझ गनमाम रामक उर अनराग बढ़ाउतलिसदास अनयास रामपद पाइह म-पसाउ १०

१०१जाउ कहा तिज चरन तारकाको नाम पितत-पावन जग किह अित दीन िपयार १ कौन दव बराइ िबरद-िहत हिठ हिठ अधम उधार

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खगमगाधपषानिबटप जड़ जवन कवन सर तार २ दवदनजमिननागमनज सब माया-िबबस िबचारितनक हाथ दासतलसी भ कहा अपनपौ हार ३

१०२हिर तम बत अनमह कीोसाधन-धाम िबबध रलभ तन मोिह कपा किर दी १ कोिट मख किह जात न भक एक एक उपकारतदिप नाथ क और मािगह दीज परम उदार २ िबषय-बािर मन-मीन िभ निह होत कब पल एकतात सह िबपित अित दान जनमत जोिन अनक ३ कपा-डोिर बनसी पद अकस परम म-म-चारोएिह िबिध बिध हर मरो ख कौतक राम ितहारो ४ ह ौित-िबिदत उपाय सकल सर किह किह दीन िनहोरतलिसदास यिह जीव मोह-रज जिह बाो सोइ छोर ५

१०३यह िबनती रघबीर गसाईऔर आस-िबास-भरोसो हरो जीव-जड़ताई १ चह न सगितसमितसपित क िरिध-िसिध िबपल बड़ाईहत-रिहत अनराग राम-पद बढ़ अनिदन अिधकाई २ किटल करम ल जािह मोिह जह जह अपनी बिरआईतह तह जिन िछन छोह छािड़यो कमठ-अडकी नाई ३ या जगम जह लिग या तनकी ीित तीित सगाईत सब तलिसदास भ ही स होिह िसिमिट इक ठाई ४

१०४जानकी-जीवनकी बिल जहिचत कह रामसीय-पद पिरहिर अब न क चिल जह १ उपजी उर तीित सपन सख भ-पद-िबमख न पह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मन समत या तनक बािस इह िसखावन दह २ ौवनिन और कथा निह सिनह रसना और न गहरोिकह नयन िबलोकत औरिह सीस ईस ही नह ३ नातो-नह नाथस किर सब नातो-नह बहहयह छर भार तािह तलसी जग जाको दास कहह ४

१०५अबलौ नसानी अब न नसहराम-कपा भव-िनसा िसरानी जाग िफिर न डसह १ पायउ नाम चा िचतामिन उर कर त न खसहामप सिच िचर कसौटी िचत कचनिह कसह २ परबस जािन हो इन इििन िनज बस न हसहमन मधकर पनक तलसी रघपित-पद-कमल बसह ३

राग रामकली१०६

महाराज रामादर यो ध सोईगअगनरािससरबयसकतीसरसील-िनिधसाध तिह सम न कोई १ उपलकवटकीसभािनिसचरसबिरगीध सम-दम-दया-दान-हीननाम िलय राम िकय परम पावन सकल नर तरत ितनक गनगान कीन २ ाध अपराधकी साध राखी कहा िपगल कौन मित भगित भईकौन ध सोमजाजी अजािमल अधम कौन गजराज ध बाजपयी ३ पाड-सतगोिपकािबरकबरीसबिरस िकय सता लस कसोम लिख क िकय आपन ितनको सजस ससार हिरहरको जसो ४ कोलखसभीलजवनािद खल राम किह नीच ऊच पद को न पायोदीन-ख-दवन ौीरवन कना-भवन पितत-पावन िवरद बद गायो ५ मदमितकिटलखल-ितलक तलसी सिरस भो न ित लोक ित काल कोऊनामकी कािन पिहचािन पन आपनो मिसत किल-ाल राो सरन सोऊ ६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबहागराग mdashmdashmdash

िबलावल१०७

ह नीको मरो दवता कोसलपित रामसभग सरोह लोचन सिठ स दर ाम १

िसय-समत सोहत सदा छिब अिमत अनगभज िबसाल सर धन धर किट चा िनषग २

बिललपजा चाहत नह चाहत एक ीितसिमरत ही मान भलो पावन सब रीित ३

दिह सकल सखख दह आरत-जन-बधगन गिह अघ-औगन हर अस कनािसध ४

दस-काल-परन सदा बद बद परानसबको भसबम बससबकी गित जान ५

को किर कोिटक कामना पज ब दवतलिसदास तिह सइय सकर जिह सव ६

१०८बीर महा अवरािधय साध िसिध होय

सकल काम परन कर जान सब कोय १ बिगिबलब न कीिजय लीज उपदस

बीज महा मऽ जिपय सोई जो जपत महस २ म-बािर-तरपन भलो घत सहज सन

ससय-सिमध अिगिन छमा ममता-बिल द ३ अघ-उचािट मन बस कर मार मद मार

आकरष सख-सपदा-सतोष-िबचार ४ िज यिह भाित भजन िकयो िमल रघपित तािह

तलिसदास भपथ चढ यौ जौ ल िनबािह ५ १०९

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कस न कर कना हर खहरन मरािरिऽिबधताप-सदह-सोक-ससय-भय-हािर १ इक किलकाल-जिनत मल मितमद मिलन-मनतिहपर भ निह कर सभार किह भाित िजय जन २ सब कार समरथ भो म सब िबिध दीनयह िजय जािन िवौ नह म करम िबहीन ३ मत अनक जोिन रघपित पित आन न मोरख-सख सह रह सदा सरनागत तोर ४ तो सम दव न कोउ कपा समझ मनमाहतलिसदास हिर तोिषय सो साधन नाह ५

११०क किह किहय कपािनध भव-जिनत िबपित अितइििय सकल िबकल सदा िनज िनज सभाउ रित १ ज सख-सपित सरग-नरक सतत सग लागीहिर पिरहिर सोइ जतन करत मन मोर अभागी २ म अित दीन दया दव सिन मन अनरागजो न िव रघबीर धीर ख काह न लाग ३ जिप म अपराध-भवन ख-समन मरारतलिसदास कह आस यह ब पितत उधार ४

१११कसव किह न जाइ का किहयदखत तव रचना िबिचऽ हिर समिझ मनिह मन रिहय १ स भीित पर िचऽ रग निह तन िबन िलखा िचतरधोय िमटइ न मरइ भीित ख पाइय एिह तन हर २ रिबकर-नीर बस अित दान मकर प तिह माहबदन-हीन सो मस चराचर पान करन ज जाह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोउ कह सझठ कह कोऊ जगल बल कोउ मानoslash

तलिसदास पिरहर तीन म सो आपन पिहचान ४ ११२

कसव कारन कौन गसाईजिह अपराध असाध जािन मोिह तजउ अयकी नाई १ परम पनीत सत कोमल-िचत ितनिह तमिह बिन आईतौ कत िबाधगिनकिह तार क रही सगाई २ कालकरमगित अगित जीवकी सब हिर हाथ तारसोइ क कर हर ममता भ िफरउ न तमिह िबसार ३ जौ तम तज भज न आन भ यह मान पन मोरमन-बच-करम नरक-सरपर जह तह रघबीर िनहोर ४ जिप नाथ उिचत न होत अस भ स कर िढठाईतलिसदास सीदत िनिसिदन दखत तािर िनठराई ५ y

११३माधव अब न िव किह लखनतपाल पन तोर मोर पन िजअ कमलपद दख १ जब लिग म न दीनदया त म न दास त ामीतब लिग जो ख सहउ कहउ निह जिप अतरजामी २ त उदार म कपन पितत म त पनीत ौित गावबत नात रघनाथ तोिह मोिह अब न तज बिन आव ३ जनक-जनिनगबधसदकल-पित सब कार िहतकारीतप तम-कप पर निह अस क जतन िबचारी ४ oslash

सन अद कना बािरजलोचन मोचन भय भारीतलिसदास भ तव कास िबन ससय टर न टारी ५ u ११४माधव मो समान जग माह

Vinaypatrika_ipdf 59

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सब िबिध हीनमलीनदीन अित लीन-िबषय कोउ नाह १ तम सम हतरिहत कपा आरत-िहत ईस न ागीम ख-सोक-िबकल कपा किह कारन दया न लागी २ नािहन क औगन तार अपराध मोर म मानायान-भवन तन िदय नाथ सोउ पाय न म भ जाना ३ बन करीलौीखड बसतिह षन मषा लगावसार-रिहत हत-भाय सरिभ पव सो क िकिम पाव ४ सब कार म किठनमल हिरढ़ िबचार िजय मोरतलिसदास भ मोह-सखला िटिह तार छोर ५

११५माधव मोह-फास टटबािहर कोिट उपाय किरय अतर मि न ट १ घतपरन कराह अतरगत सिस-ितिबब िदखावधन अनल लगाय कलपसत औटत नास न पाव २ त-कोटर मह बस िबहग त काट मर न जससाधन किरय िबचार-हीन मन स होइ निह तस ३ अतर मिलन िबषय मन अित तन पावन किरय पखारमरइ न उरग अनक जतन बलमीिक िबिबध िबिध मार ४ तलिसदास हिर-ग-कना िबन िबमल िबबक न होईिबन िबबक ससार-घोर-िनिध पार न पाव कोई ५

११६माधव अिस तािर यह माया किर उपाय पिच मिरय तिरय निह जब लिग कर न दाया १ सिनयगिनयसमिझयसमझाइयदसा दय निह आव जिह अनभव िबन मोहजिनत भव दान िबपित सताव २ -िपयष मधर सीतल जो प मन सो रस पाव तौ कत मगजल-प िबषय कारन िनिस-बासर धाव ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जिहक भवन िबमल िचतामिनसो कत काच बटोर सपन परबस पर जािग दखत किह जाइ िनहोर ४ यान-भगित साधन अनक सब सझ ठ क नाही तलिसदास हिर-कपा िमट म यह भरोस मनमाह ५

११७ह हिर कवन दोष तोिह दीज जिह उपाय सपन रलभ गित सोइ िनिस-बासर कीज १ जानत अथ अनथ -प तमकप परब यिह लाग तदिप न तजत ान अज खर ो िफरत िबषय अनराग २ भत-िोह कत मोह-ब िहत आपन म न िबचारो मद-मर-अिभमान यान-िरप इन मह रहिन अपारो ३ बद-परान सनत समझत रघनाथ सकल जगापी बधत निह ौीखड बन इव सारहीन मन पापी ४ म अपराध-िसध कनाकर जानत अतरजामी तलिसदास भव-ाल-मिसत तव सरन उरग-िरप-गामी ५

११८ह हिर कवन जतन सख मान गज-दसन तथा मम करनी सब कार तम जान १ जो क किहय किरय भवसागर तिरय बपद जस रहिन आन िबिध किहय आन हिरपद-सख पाइय कस २ दखत चा मयर बयन सभ बोिल सधा इव सानी सिबष उरग-आहारिनठर असयह करनी वह बानी ३ अिखल-जीव-वल िनरमरदरन-कमल-अनरागी त तव िय रघबीर धीरमित अितसय िनज-पर-ागी ४ जिप मम औगन अपार ससार-जोय रघराया तलिसदास िनज गन िबचािर कनािनधान क दाया ५

११९

Vinaypatrika_ipdf 61

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह हिर कवन जतन म भाग दखतसनतिबचारत यह मन िनज सभाउ निह ाग १ भगित-यान-बराय सकल साधन यिह लािग उपाई कोउ भल कहउदउ क अिस बासना न उरत जाई २ जिह िनिस सकल जीव सतिह तव कपापाऽ जन जाग िनज करनी िबपरीत दिख मोिह समिझ महा भय लाग ३ जिप भ-मनोरथ िबिधबस सख इत ख पाव िचऽकार करहीन जथा ारथ िबन िचऽ बनाव ४ षीकश सिन नाउ जाउ बिल अित भरोस िजय मोर तलिसदास इििय-सभव ख हर बिनिह भ तोर ५

१२०ह हिर कस न हर म भारी जिप मषा स भास जबलिग निह कपा तारी १ अथ अिबमान जािनय ससित निह जाइ गोसाई िबन बाध िनज हठ सठ परबस पर यो कीरकी नाई २ सपन ािध िबिबध बाधा जन म उपित आई बद अनक उपाय कर जाग िबन पीर न जाई ३ ौित-ग-साध-समित-समत यह य असत खकारी तिह िबन तज भज िबन रघपित िबपित सक को टारी ४ ब उपाय ससार-तरन कह िबमल िगरा ौित गाव तलिसदास म-मोर गय िबन िजउ सख कब न पाव ५

१२१ह हिर यह मकी अिधकाई दखत सनत कहत समझत ससय-सदह न जाई १ जो जग मषा ताप-ऽय-अनभव होइ कह किह लख किह न जाय मगबािर सम त ख होइ िबसख २ सभग सज सोवत सपन बािरिध बड़त भय लाग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कोिट नाव न पार पाव सो जब लिग आप न जाग ३ अनिबचार रमनीय सदा ससार भयकर भारी सम-सतोष-दया-िबबक त वहारी सखकारी ४ तलिसदास सब िबिध प जग जदिप झठ ौित गाव रघपित-भगित सत-सगित िबन को भव-ऽास नसाव ५

१२२म हिर साधन करइ न जानी जस आमय भषज न की तसदोष कहा िदरमानी १ सपन नप कह घट िब-बध िबकल िफर अघ लाग बािजमध सत कोिट कर निह स होइ िबन जाग २ ग मह सप िबपल भयदायक गट होइ अिबचार ब आयध धिर बल अनक किर हारिह मरइ न मार ३ िनज म त रिबकर-सव सागर अित भय उपजाव अवगाहत बोहोत नौका चिढ़ कब पार न पाव ४ तलिसदास जग आप सिहत जब लिग िनरमल न जाई तब लिग कोिट कलप उपाय किर मिरय तिरय निह भाई ५

१२३अस क समिझ परत रघराया िबन तव कपा दया दास-िहत मोह न ट माया १ बा-यान अत िनपन भव-पार न पाव कोई िनिस गहम दीपकी बात तम िनबत निह होई २ जस कोइ इक दीन िखत अित असन-हीन ख पाव िचऽ कलपत कामधन गह िलख न िबपित नसाव ३ षटरस बकार भोजन कोउ िदन अ रिन बखान िबन बोल सतोष-जिनत सख खाइ सोइ प जान ४ जबलिग निह िनज िद कास अ िबषय-आस मनमाह तलिसदास तबलिग जग-जोिन मत सपन सख नाह ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१२४जौ िनज मन पिरहर िबकारातौ कत त-जिनत ससित-खससयसोक अपारा १ सऽिमऽमतीिन य मन की बिरआईागनगहनउपनीयअिह हाटक तनकी नाई २ असनबसनपस ब िबिबध िबिधसब मिन मह रह जससरगनरकचर-अचर लोक ब बसत म मन तस ३ िबटप-म पतिरकासत मह कचिक िबनिह बनायमन मह तथा लीन नाना तन गटत अवसर पाय ४ रघपित-भगित-बािर-छािलत-िचत िबन यास ही सझतलिसदास कह िचद-िबलास जग बझत बझत बझ ५

१२५म किह कह िबपित अित भारी ौीरघबीर धीर िहतकारी १ मम दय भवन भ तोरा तह बस आइ ब चोरा २ अित किठन करिह बरजोरा मानिह निह िबनय िनहोरा ३ तममोहलोभअहकारा मदबोधबोध-िरप मारा ४ अित करिह उपिव नाथा मरदिह मोिह जािन अनाथा ५ म एकअिमत बटपारा कोउ सन न मोर पकारा ६ भाग निह नाथ उबारा रघनायक कर सभारा ७ कह तलिसदास सन रामा टिह तसकर तव धामा ८ िचता यह मोिह अपारा अपजस निह होइ तारा ९

१२६मन मरमानिह िसख मरी जो िनज भगित चह हिर करी १ उर आनिह भ-कत िहत जत सविह त ज अपनपौ चत २ ख-सख अ अपमान-बड़ाई सब सम लखिह िबपित िबहाई ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सन सठ काल-मिसत यह दही जिन तिह लािग िबषिह कही ४ तलिसदास िबन अिस मित आय िमलिह न राम कपट-लौ लाय ५

१२७म जानीहिरपद-रित नाह सपन निह िबराग मन माह १ ज रघबीर चरन अनराग ित सब भोग रोगसम ाग २ काम-भजग डसत जब जाह िबषय-नब कट लगत न ताही ३ असमजस अस दय िबचारी बढ़त सोच िनत नतन भारी ४ जब कब राम-कपा ख जाई तलिसदास निह आन उपाई ५

१२८सिम सनह-सिहत सीतापित रामचरन तिज निहन आिन गित १ जपतपतीरथजोग समाधी किलमत िबकलन क िनपाधी २ करत सकत न पाप िसराह रकतबीज िजिम बाढ़त जाह ३ हरित एक अघ-असर-जािलका तलिसदास भ-कपा-कािलका ४

१२९िचर रसना त राम राम राम न रटतसिमरत सख-सकत बढ़त अघ-अमगल घटत १ िबन ौम किल-कषजाल कट कराल कटतिदनकरक उदय जस ितिमर-तोम फटत २ जोगजागजपिबरागतप सतीरथ-अटतबािधबको भव-गयद रनकी रज बटत ३ पिरहिर सर-मिन सनाम ग जा लिख लटतलालच लघ तरो लिख तलिस तोिह हटत ४

१३०राम रामराम रामराम राम जपतमगल-मद उिदत होत किल-मल-छल छपत १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

क क लह फल रसाल बबर बीज बपतहाहिर जिन जनम जाय गाल गल गपत २ कालकरमगनसभाउ सबक सीस तपतराम-नाम-मिहमाकी चरचा चल चपत ३ साधन िबन िसि सकल िबकल लोग लपतकिलजग बर बिनज िबपल नाम-नगर खपत ४ नाम स तीित-ीित दय सिथर थपतपावन िकय रावन-िरप तलिस-स अपत ५

१३१पावन म राम-चरन-कमल जनम ला परमरामनाम लत होत सलभ सकल धरम १ जोगमखिबबकिबरतबद-िबिदत करमकिरब कह कट कठोर सनत मधरनरम २ तलसी सिन जािन-बिझ भलिह जिन भरमतिह भको होिह जािह सब ही की सरम ३

१३२राम-स ीतमकी ीित-रिहत जीव जाय िजयतजिह सख सख मािन लत सख सो समझ िकयत १ जह जह जिह जोिन जनम मिह पतालिबयततह-तह त िबषय-सखिह चहत लहत िनयत २ कत िबमोह लोफो गगन मगन िसयततलसी भ-सजस गाइ न सधा िपयत ३

१३३तोसो ह िफिर िफिर िहतिय पनीत स बचन कहतसिन मनगिनसमिझ न सगम समग गहत १ छोटो बड़ोखोटो खरो जग जो जह रहतअपनो अपनको भलो कह को न चहत २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िबिध लिग लघ कीट अविध सख सखी ख दहतपस ल पसपाल ईस बाधत छोरत नहत ३ िबषय मद िनहार भार िसर काध बहतयोह िजय जािनमािन सठ त सासित सहत ४ पायो किह घत िबचा हिरन-बािर महततलसी तक तािह सरन जात सब लहत ५

१३४तात ह बार बार दव ार पिर पकार करतआरितनितदीनता कह भ सकट हरत १ लोकपाल सोक-िबकल रावन-डर डरतका सिन सकच कपा नर-सरीर धरत २ कौिसकमिन-तीय जनक सोच-अनल जरतसाधन किह सीतल भय सो न समिझ परत ३ कवटखगसबिर सहज चरनकमल न रतसनमख तोिह होत नाथ कतiacuteसफ फरत ४ बध-बर किप-िबभीषन ग गलािन गरतसवा किह रीिझ राम िकय सिरस भरत ५ सवक भयो पवनपत सािहब अनहरतताको िलय नाम राम सबको सढर ढरत ६ जान िबन राम-रीित पिच पिच जग मरतपिरहिर छल सरन गय तलिस-स तरत ७

राग सहो िबलावल१३५

राम सनही स त न सनह िकयोअगम जो अमरिन सो तन तोिह िदयो

िदयो सकल जनमसरीर स दर हत जो फल चािरकोजो पाइ पिडत परमपद पावत परािर-मरािरको यह भरतखडसमीप सरसिरथल भलोसगित भली

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरी कमित कायर कलप-बी चहित ह िबष फल फली १

अज समिझ िचत द सन परमारथuह िहत सो जग जािहत ारथ

ारथिह ियारथ सो का त कौन बद बखानईदख खलअिह-खल पिरहिरसो भिह पिहचानाई िपत-मातगामीअपनपौितयतनयसवकसखािय लगत जाक मसिबन हत िहत त निह लखा २

िर न सो िहत हिर िहय ही हछलिह छािड़ सिमर छो िकय ही ह

िकय छो छाया कमल करकी भगतपर भजतिह भजजगदीशजीवन जीवको जो साज सब सबको सज हिरिह हिरतािबिधिह िबिधतािसविह िसवता जो दईसोइ जानकी-पित मधर मरितमोदमय मगल मई ३

ठाकर अितिह बड़ोसीलसरलसिठान अगम िसवभो कवट उिठ

भिर अक भो सजल नयन सनह िसिथल सरीर सोसरिसमिनकिब कहत कोउ न मिय रघबीर सोखगसबिरिनिसचरभाकिप िकय आप त बिदत बड़तापर ित िक सवा सिमिर िजय जात जन सकचिन गड़ ४

ामीको सभाव को सो जब उर आिनहसोच सकल िमिटह राम भलो मन मािनह

भलो मािनह रघनाथ जोिर जो हाथ माथो नाइहततकाल तलसीदास जीवन-जनमको फल पाइह जिप नाम करिह नामकिह गन-मामरामिह धिर िहयिबचरिह अविन अवनीस-चरनसरोज मन-मधकर िकय ५

१३६

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

(१)िजव जबत हिरत िबलगाो तबत दह गह िनज जाो मायाबस प िबसरायो तिह मत दान ख पायो पायो जो दान सह ख सख-लस सपन निह िमोभव-सलसोक अनक जिह तिह पथ त हिठ हिठ चो ब जोिन जनमजरािबपित मितमद हिर जाो नहौीराम िबन िबौाम मढ़ िबचा लिख पायो कह

(२)आनद-िसध-म तव बासा िबन जान कस मरिस िपयासा मग-म-बािर स िजय जानी तह त मगन भयो सख मानी

तह मगन मिसपान किरऽयकाल जल नाह जहािनज सहज अनभव प तव खल भिल अब आयो तहा िनरमलिनरजनिनरिबकारउदारसख त पिरहर योिनःकाज राज िबहाय नप इव सपन कारागह पर यो

(३)त िनज करम-डोिर ढ़ की अपन करिन गािठ गिह दी तात परबस पर यो अभाग ता फल गरभ-बास-ख आग

आग अनक समह ससत उदरगत जाो सोऊिसर हठऊपर चरन सकट बात निह पछ कोऊ सोिनत-परीष जो मऽ-मल किम-कदमावत सोवईकोमल सरीरगभीर बदन सीस धिन-धिन रोवई

(४)त िनज करम-जालल जह घरो ौीहिर सग तो निह तरो बिबिध ितपालन भ की परम कपा यान तोिह दी

तोिह िदयो यान-िबबकजनम अनककी तब सिध भईतिह ईसकी ह सरन जाकी िबषम माया गनमई जिह िकय जीव-िनकाय बसरसहीनिदन-िदन अित नईसो करौ बिग सभािर ौीपितिबपित मह जिह मित दई

(५)पिन बिबिध गलािन िजय मानी अब जग जाइ भज चबपानी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ऐसिह किर िबचार चप साधी सव-पवन रउ अपराधी र यो जो परम चड मातक नाना त सोसो यानानिबरागअनभव जातना-पावक दो अित खद ाकलअलप बलिछन एक बोिल न आवईतव तीो क न जान कोउ सब लोग हरिषत गावई

(६)बाल दसा जत ख पाय अित असीम निह जािह गनाय धा-ािध-बाधा भइ भारी बदन निह जान महतारी

जननी न जान पीर सोकिह हत िसस रोदन करसोइ कर िबिबध उपाय जात अिधक तव छाती जर कौमारससव अ िकसोर अपार अघ को किह सकितरक तोिह िनरदय महाखल आन क को सिह सक

(७)जोबन जवती सग रग राो तब त महा मोह-मद माो तात तजी धरम-मरजादा िबसर तब सब थम िबषादा

िबसर िबषादिनकाय-सकट समिझ निह फाटत िहयोिफिर गभ गत-आवत ससितचब जिह होइ सोइ िकयो किम-भ-िबट-पिरनाम तन तिह लािग जग बरी भयोपरदारपरधनिोहपरससार बाढ़ िनत नयो

(८)दखत ही आई िबधाई जो त सपन नािह बलाई ताक गन क कह न जाह सो अब गट दख तन माह

सो गट तन जरजर जराबसािधसल सतावईिसर-कपइिय-सि ितहतबचन का न भावई गहपालत अित िनरादरखान-पान न पावईऐिस दसा न िबराग तहता-तरग बढ़ावई

(९)किह को सक महाभव तर जनम एकक कक गनर चािर खािन सतत अवगाह अज न क िबचार मन माह

अज िबचािबकार तिज भज राम जन-सखदायक

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भविसध र जलरथ भज चबधर सरनायक िबन हत कनाकरउदार अपार-माया-तारनकव-पितजगपितरमापितानपितगितकारन

(१०)रघपित-भगित सलभसखकारी सो ऽयताप-सोक-भय-हारी िबन सतसग भगित निह होई त तब िमल िव जब सोई

जब िव दीनदलया राघव साध-सगित पाइयजिह दरस-परस-समागमािदक पापरािस नसाइय िजनक िमल ख-सख समान अमानतािदक गन भयमद-मोह लोभ-िबषाद-बोध सबोधत सहजिह गय

(११)सवत साध त-भय भाग ौीरघबीर-चरन लय लाग दह-जिनत िवकार सब ाग तब िफिर िनज प अनराग

अनराग सो िनज प जो जगत िबलन दिखयसोषसमसीतलसदा दम दहवत न लिखय िनरमलिनरामयएकरसतिह हरष-सोक न ापईऽलोक-पावन सो सदा जाकी दसा ऐसी भई

(१२)जो तिह पथ चल मन लाई तौ हिर काह न होिह सहाईजो मारग ौित-साध िदखाव तिह पथ चलत सब सख पाव

पाव सदा सख हिर-कपाससार-आसा तिज रहसपन नह सख त-दरसन बात कोिटक को कह िजदवगहिरसत िबन ससार-पार न पाइययह जािन तलसीदास ऽासहरन रमापित गाइय

१३७जो प कपा रघपित कपाकी बर औरक कहा सरहोइ न बाको बार भगतको जो कोउ कोिट उपाय कर १ तक नीच जो मीच साधकी सो पामर तिह मीच मर बद-िबिदत हलाद-कथा सिन को न भगित-पथ पाउ धर २ गज उधािर हिर थो िबभीषन ीव अिबचल कब न टर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अबरीष की साप सरित किर अज महामिन लािन गर ३ स ध कहा ज न िकयो सजोधन अबध आपन मान जरभ-साद सौभाय िबजय-जस पाडवन बिरआइ बर ४ जोइ जोइ कप खनगो परकह सो सठ िफिर तिह कप परसपन सख न सतिोहीकह सरत सोउ िबष-फरिन फर ५ ह काक सीस ईसक जौ हिठ जनकी सीव चरतलिसदास रघबीर-बाबल सदा अभय का न डर ६

१३८कब सो कर-सरोज रघनायक धिरहौ नाथ सीस मरजिह कर अभय िकय जन आर बारकल िबबस नाम टर १ जिह कर-कमल कठोर सभधन भिज जनक-ससय मोजिह कर-कमल उठाइ बध परम ीती कवट भो २ जिह कर-कमल कपा गीधकह िपड दइ िनजधाम िदयोजिह कर बािल िबदािर दास-िहत किपकल-पित समीव िकयो ३ आयो सरन सभीत िबभीषन जिह कर-कमल ितलक कीजिह कर गिह सर चाप असर हित अभयदान दव दी ४ सीतल सखद छाह जिह करकी मटित पापोतापमायािनिस-बासर तिह कर सरोजकी चाहत तलिसदास छाया ५

१३९दीनदयािरत दािरद ख नी सह ित ताप तई हदव वार पकारत आरत सबकी सब सख हािन भई ह १ भक बचनबद-बध-सतrsquoमम मरित मिहदवमई हrsquoितनकी मित िरस-राग-मोह-मदलोभ लालची लीिल लई ह २ राज-समाज कसाज कोिट कट कलिपत कष कचाल नई हनीिततीितीित परिमत पित हतबाद हिठ हिर हई ह ३ आौम-बरन-धरम-िबरिहत जग लोक-बद-मरजाद गई हजा पिततपाखड-पापरत अपन अपन रग रई ह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

साितससभरीित गई घिटबढ़ी करीितकपट-कलई हसीदत साधसाधता सोचितखल िबलसतलसित खलई ह ५ परमारथ ारथसाधन भय अफलसफल निह िसि सई हकामधन-धरनी किल-गोमर-िबबस िबकल जामित न बई ह ६ किल-करनी बरिनय कहा लकरत िफरत िबन टहल टई हतापर दात पीिस कर मजत को जान िचत कहा ठई ह ७ नीच चढ़त िसर ऊपर सीलबस ढील दई हसष बरिज तरिजय तरजनी किलह कड़की जई ह ८ दीज दािद दिख ना तौ बिल मिह मोद-मगल िरतई हभर भाग अनराग लोग कह राम कपा-िचतविन िचतई ह ९ िबनती सिन सानद हिर हिस कना-बािर भिम िभजई हराम-राज भयो काजसगन सभ राजा राम जगत-िबजई ह १० समरथ बड़ोसजान ससाहब सकत-सन हारत िजतई हसजन सभाव सराहत सादर अनायास सासित िबतई ह ११ उथप थपनउजािर बसावन गई बहोिर िबरद सदई हतलसी भ आरत-आरितहर अभयबाह किह किह न दई ह १२

१४०त नर नरकप जीवत जग भव-भजन-पद-िबमख अभागीिनिसबासर िचपाप असिचमनखलमित-मिलनिनगमापथ-ागी १ निह सतसग भजन निह हिरकोवन न राम-कथा-अनरागीसत-िबत-दार-भवन-ममता-िनिस सोवत अित न कब मित जागी २ तलिसदास हिरनाम-सधा तिज सठ हिठ िपयत िबषय-िबष मागीसकर-ान-सगालसिरस जन जनमत जगत जनिन-ख लागी ३

१४१रामचि रघनायक तमस ह िबनती किह भाित करअघ अनक अवलोिक आपन अनघ नाम अनमािन डर १ पर-ख खी सखी पर-सख त सत-सील निह दय धर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिख आनकी िबपित परम सख सिन सपित िबन आिग जर २ भगित-िबराग-यान साधन किह ब िबिध डहकत लोग िफरिसव-सरबस सखधाम नाम तव बिच नरकद उदर भर ३ जानत ह िनज पाप जलिध िजय जल-सीकर सम सनत लररज-सम-पर अवगन सम किर गन िगिर-सम रजत िनदर ४ नाना बष बनाय िदवस-िनिस पर-िबत जिह तिह जगित हरएकौ पल न कब अलोल िचत िहत द पद-सरोज सिमर ५ जो आचरन िबचार मरोकलप कोिट लिग औिट मरतलिसदास भ कपा-िबलोकिनगोपद- भविसध तर ६

१४२सकचत ह अित राम कपािनिध किर िबनय सनावसकल धरम िबपरीत करतकिह भाित नाथ मन भावौ १ जानत ह हिर प चराचर म हिठ नयन न लावअजन-कस-िसखा जवती तह लोचन-सलभ पठाव २ वनिनको फल कथा तारी यह समझसमझावित वनिन परदोष िनरतर सिन सिन भिर भिर ताव ३ जिह रसना गन गाइ ितहार िबन यास सख पावतिह मख पर-अपवाद भक रिट-रिट जनम नसाव ४ rsquoकर दय अित िबमल बसिह हिरrsquo किह किह सबिह िसखावह िनज उर अिभमान-मोह-मद खल-मडली बसाव ५ जो तन धिर हिरपद साधिह जन सो िबन काज गवावहाटक-घट भिर धर यो सधा गह तिज नभ कप खनाव ६ मन-बम-बचन लाइ की अघ त किर जतन रावपर-िरत इरषा बस कबक िकय क सभसो जनाव ७ िब-िोह जन बाट पर यो हिठ सबस बर बढ़ावौतापर िनज मित-िबलास सब सतन माझ गनाव ८ िनगम सस सारद िनहोिर जो अपन दोष कहाव

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तौ न िसरािह कलप सत लिग भ कहा एक मख गाव ९ जो करनी आपनी िबचार त िक सरन ह आवमल सभाउ सील रघपितको सो बल मनिह िदखाव १० तलिसदास भ सो गन निह जिह सपन तमिह िरझावनाथ-कपा भविसध धनपद सम जो जािन िसराव ११

१४३सन राम रघबीर गसाई मन अनीित-रत मरोचरन-सरोज िबसािर ितहार िनिसिदन िफरत अनरो १ मानत नािह िनगम-अनसासन ऽास न का करोभो सल करम-को ितल ब बारिन परो २ जह सतसग कथा माधवकी सपन करत न फरोलोभ-मोह-मद-काम-कोह-रत ितस म घनरो ३ पर-गन सनत दाह पर-षन सनत हरख बतरोआप पापको नगर बसावत सिह न सकत पर खरो ४ साधन-फलौित-सार नाम तव भव-सिरता कह बरोसो पर-कर कािकनी लािग सठ बिच होत हिठ चरो ५ कबक ह सगित-भावतजाउ समारग नरोतब किर बोध सग कमनोरथ दत किठन भटभरो ६ इक ह दीनमलीनहीनमितिबपितजाल अित घरोतापर सिह न जाय कनािनिध मनको सह दररो ७ हािर पर यो किर जतन बत िबिध तात कहत सबरोतलिसदास यह ऽास िमट जब दय कर तम डरो ८

१४४सो धौ को जो नाम-लाज त निह राो रघबीरकानीक िबन कारन ही हिर हरी सकल भव-भीर १ बद-िबिदतजग-िबिदत अजािमल िबबध अघ-धामघोर जमालय जात िनवार यो सत-िहत सिमरत नाम २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

पस पामर अिभमान-िसध गज मो आइ जब माहसिमरत सकत सपिद आय भ हर यो सह उर दाह ३ ाधिनषादगीधगिनकािदक अगिनत औगन-मलनाम-औटत राम सबिनकी िर करी सब सल ४ किह आचरन घािट ह ितनत रघकल-भषन भपसीदत तलिसदास िनिसबासर पर यो भीम तम-कप ५

१४५कपािसध जन दीन वार दािद न पावत काहजब जह तमिह पकारत आरत तह ितक ख दाह १ गजहलादपाडसतकिप सबको िरप-सकट मोनतबध-भय-िबकलिबभीषनउिठ सो भरत भो २ म तरो लइ नाम माम इक उर आपन बसावभजनिबबकिबरागलोग भल म बम-बम किर ाव ३ सिन िरस भर किटल कामािदक करिह जोर बिरआईितिह उजािर नािर-अिर-धन पर राखिह राम गसा ४ सम-सवा-छल-दान-दड ह रिच उपाय पिच हार योिबन कारनको कलह बड़ो ख भस गिट पकार यो ५ सर ारथीअनीसअलायकिनठरदया िचत नाहजाउ कहा को िबपित-िनवारक भवतारक जग माही ६ तलसी जदिप पोचतउ तरो और न का करोदीज भगित-बाह बारक सबस बस अब खरो ७

१४६ह सब िबिध राम रावरो चाहत भयो चरोठौर ठौर साहबी होत ह ाल काल किल करो १ काल-करम-इिियिबषय गाहकगन घरोह न कबलत बािध क मोल करत कररो २ बिद-छोर तरो नाम ह िबदत बड़रो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

म को तब छल-ीित क माग उर डरो ३ नाम-ओट अब लिग बो मलजग जग जरोअब गरीब जन पोिषय पाइबो न हरो ४ जिह कौतक बकखग ानको भ ाव िनबरोतिह कौतक किहय कपा rsquoतलसी ह मरोrsquo ५

१४७कपािसध तात रह िनिसिदन मन मारमहाराज लाज आपही िनज जाघ उघार १ िमल रह मार यौ चह कामािद सघातीमो िबन रह न मिरय जार छल छाती २ बसत िहय िहत जािन म सबकी िच पालीिकयो कथकको दड ह जड़ करम कचाली ३ दखी सनी न आज ल अपनायित ऐसीकरिह सब िसर मर ही िफिर पर अनसी ४ बड़ अलखी लिख पर पिरहर न जाहअसमजसम मगन ह लीज गिह बाह ५ बारक बिल अवलोिकय कौतक जन जी कोअनायास िमिट जाइगो सकट तलसीको ६

१४८कहौ कौन मह लाइ क रघबीर गसाईसकचत समझत आपनी सब साइ हाई १ सवत बससिमरत सखा सरनागत सो हगनगन सीतानाथक िचत करत न ह ह २ कपािसध बध दीनक आरत-िहतकारीनत-पाल िबदावली सिन जािन िबसारी ३ सइ न धइ न सिमिर क पद-ीित सधारीपाइ ससािहब राम स भिर पट िबगारी ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गरीबिनवाज हम गही न गरीबीतलसी भ िनज ओर त बिन पर सो कीबी ५

१४९कहा जाउ कास कह और ठौर न मरजनम गवायो तर ही ार िककर तर १ म तौ िबगारी नाथ स आरितक लीतोिह कपािनिध बन मरी-सी की २ िदन-रिदन िदन-रदसा िदन-ख िदन-षनजब ल त न िबलोिकह रघबस-िबभषन ३ दई पीठ िबन डीठ म तम िब िबलोचनतो स तही न सरो नत-सोच-िबमोचन ४ पराधीन दव दीन हाधीन गसाबोलिनहार स कर बिल िबनयकी झाई ५ आप दिख मोिह दिखय जन मािनय साचोबड़ी ओट रामनामकी जिह लई सो बाचो ६ रहिन रीित राम रावरी िनत िहय लसी ह भाव क कपा तरो तलसी ह ७

१५०रामभि मोिह आपनो सोच ह अ नाहजीव सकल सतापक भाजन जग माह १ नातो बड़ समथ स इक ओर िकध तोको मोस अित घन मोको एक त २ बड़ी गलािन िहय हािन ह सरबय गसाकर कसवक कहत ह सवककी नाई ३ भलो पोच रामको कह मोिह सब नरनारीिबगर सवक ान सािहब-िसर गारी ४ असमजस मनको िमट सो उपाय न सझ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दीनबध कीज सोई बिन पर जो बझ ५ िबदावली िबलोिकय ितम कोउ ह हतलसी भको पिरहर यो सरनागत सो ह ६

१५१जो प चराई रामकी करतो न लजातोतौ त दाम कदाम कर-कर न िबकातो १ जपत जीह रघनाथको नाम निह अलसातोबाजीगरक सम खल खह न खातो २ जौ त मन मर कह राम-नाम कमातोसीतापित सनमख सखी सब ठाव समातो ३ राम सोहात तोिह जौ त सबिह सोहातोकाल करम कल कारनी कोऊ न कोहातो ४ राम-नाम अनरागही िजय जो रितआतोारथ-परमारथ-पथी तोिह सब पितआतो ५ सइ साध सिन समिझ क पर-पीर िपरातोजनम कोिटको कादल द-दय िथरातो ६ भव-मग अगम अनत ह िबन ौमिह िसरातोमिहमा उलट नामकी मिन िकयो िकरातो ७ अमर-अगम तन पाइ सो जड़ जाय न जातोहोतो मगल-मल त अनकल िबधातो ८ जो मन-ीित-तीितस राम-नामिह रातो

नसातोतलसी रामसादस ितताप mdashmdash- ९

नसातो१५२

राम भलाई आपनी भल िकयो न काकोजग जग जानकीनाथको जग जागत साको १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ािदक िबनती करी किह ख बसधाकोरिबकल-करव-चद भो आनद-सधाको २ कौिसक गरत तषार तिक तज ितयाकोभ अनिहत िहत को िदयो फल कोप कपाको ३ हर यो पाप आप जाइक सताप िसलाकोसोच-मगन काो सही सािहब िमिथलाको ४ रोष-रािस भगपित धनी अहिमित ममताकोिचतवत भाजन किर िलयो उपसम समताको ५ मिदत मािन आयस चल बन मात-िपताकोधरम-धरधर धीरधर गन-सील-िजता को ६ गह गरीब गतयाित जिह िजउ न भखा को पायो पावन म त सनमान सखाको ७ सदगित सबरी गीधकी सादर करता को सोच-सव समीवक सकट-हरता को ८

अस काल-गहारािख िबभीषनको सक mdashmdashmdashndash को

तिह काल कहाआज िबराजत राज ह दसकठ जहाको ९ बािलस बासी अवधको बिझय न खाकोसो पावर पचो तहा जह मिन-मन थाको १० गित न लह राम-नामस िबिध सो िसिरजा को सिमरत कहत चािर क बभ िगिरजाको ११ अकिन अजािमलकी कथा सानद न भा को नाम लत किलकाल हिरपरिह न गा को १२ राम-नाम-मिहमा कर काम-भह आकोसाखी बद परान ह तलसी-तन ताको १३

१५३मर राविरय गित ह रघपित बिल जाउ

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलज नीच िनरधन िनरगन कह जग सरो न ठाकर ठाउ १ ह घर-घर ब भर ससािहब सझत सबिन आपनो दाउ बानर-बध िबभीषन-िहत िबन कोसलपाल क न समाउ २ नतारित- भजन जन-रजन सरनागत पिब-पजर नाउ कीज दास दासतलसी अब कपािसध िबन मोल िबकाउ ३

१५४दव सरो कौन दीनको दया सीलिनधान सजान-िसरोमिन सरनागत-िय नत-पा १ को समरथ सरबय सकल भ िसव-सनह-मानस मरा को सािहब िकय मीत ीितबस खग िनिसचर किप भील भा २ नाथ हाथ माया-पच सबजीव-दोष-गन-करम-का तलिसदास भलो पोच रावरो नक िनरिख कीिजय िनहा ३

१५५िबास एक राम-नामको मानत निह परतीित अनत ऐसोइ सभाव मन बामको १ पिढबो पर यो न छठी छ मत िरग जजर अथवन सामको त तीरथ तप सिन सहमत पिच मर कर तन छाम को २ करम-जाल किलकाल किठन आधीन ससािधत दामको यान िबराग जोग जप तप भय लोभ मोह कोह कामको ३ सब िदन सब लायक भव गायक रघनायक गन-मामको बठ नाम-कामत-तर डर कौन घोर घन घामको ४ को जान को जह जमपर को सरपर पर धामको तलिसिह बत भलो लागत जग जीवन रामगलामको ५

१५६किल नाम कामत रामको दलिनहार दािरद काल ख दोष घोर घन घामको १ नाम लत दािहनो होत मनबाम िबधाता बामको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कहत मनीस महस महातमउलट सध नामको २ भलो लोक-परलोक तास जाक बल लिलत-ललामको तलसी जग जािनयत नामत सोच न कच मकामको ३

१५७सइय ससािहब राम सो सखद ससील सजान सर सिच स दर कोिटक काम सो १ सारद सस साध मिहमा कह गनगन-गायक साम सो सिमिर सम नाम जास रित चाहत चि-ललाम सो २ गमन िबदस न लस कलसकोसकचत सकत नाम सो साखी ताको िबिदत िबभीषन बठो ह अिबचल धाम सो ३ टहल सहल जन महल-महलजागत चारो जग जाम सो दखत दोष न रीझत रीझत सिन सवक गन-माम सो ४ जाक भज ितलोक-ितलक भयिऽजग जोिन तन तामसो तलसी ऐस भिह भज जो न तािह िबधाता बाम सो ५

राग नट१५८

कस दउ नाथिह खोिर काम-लोप मत मन हिर भगित पिरहिर तोिर १ बत ीित पजाइब पर पिजब पर थोिरदत िसख िसखयो न मानतमढ़ता अिस मोिर २ िकय सिहत सनह ज अघ दय राख चोिर सग-बस िकय सभ सनाय सकल लोक िनहोिर ३ कर जो क धर सिच-पिच सकत-िसला बटोिर पिठ उर बरबस दयािनिध दभ लत अजोिर ४ लोभ मनिह नचाव किप गर आसा-डोिर बात कह बनाइ बध बर िबराग िनचोिर ५ एत पर तरो कहावतलाज अचई घोिर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनलजता पर रीिझ रघबर द तलिसिह छोिर ६ १५९

ह भ मरोई सब दोस सीलसध कपा नाथ अनाथ आरत-पोस १ बष बचन िबराग मन अघ अवगनिनको कोस राम ीती तीित पोली कपट-करतब ठोस २ राग-रग कसग ही स साध-सगित रोस चहत कहिर-जसिह सइ सगाल खरगोस ३ सभ-िसखवन रसन िनत राम-नामिह घोस दभ किल नाम कभज सोच-सागर-सोस ४ मोद-मगल-मल अित अनकल िनज िनरजोस रामनाम भाव सिन तलिस परम पिरतोस ५

१६०म हिर पितत-पावन सन म पितत तम पितत-पावन दोउ बानक बन १ ाध गिनका गज अजािमल सािख िनगमिन भन और अधम अनक तार जात काप गन २ जािन नाम अजािन ली नरक सरपर मन दासतलसी सरन आयो रािखय आपन ३

राग मलार१६१

त स भ जो प क कोउ होतो तो सिह िनपट िनरादर िनिसिदन रिट लिट ऐसो घिट को तो १ कपा-सधा-जलदान मािगबो कहा सो साच िनसोतो ाित-सनह-सिलल-सख चाहत िचत-चातक सो पोतो २ काल-करम-बस मन कमनोरथ कब कब कछ भो तो मदमय बिस मीन बािर तिज उछिर भभिर लत गोतो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िजतो राव दासतलसी उर किह आवत ओतो तर राज राय दसरथक लयो बयो िबन जोतो ४

रागसोरठ१६२

ऐसो को उदार जग माह िबन सवा जो िव दीनपर राम सिरस कोउ नाह १ जो गित जोग िबराग जतन किर निह पावत मिन यानी सो गित दत गीध सबरी कह भ न बत िजय जानी २ जो सपित दस सीस अरप किर रावन िसव पह ली सो सपदा िबभीषन कह अित सकच-सिहत हिर दीी ३ तलिसदास सब भाित सकल सख जो चाहिस मन मरो तौ भज राम काम सब परन कर कपािनिध तरो ४

१६३एक दािन-िसरोमिन साचोजोइ जाो सोइ जाचकताबस िफिर ब नाच न नाचो १ सब ारथी असर सर नर मिन कोउ न दत िबन पायकोसलपा कपा कलपतिवत सकत िसर नाय २ हिर और अवतार आपन राखी बद-बड़ाईल िचउरा िनिध दई सदामिह जिप बाल िमताई ३ किप सबरी समीव िबभीषन को निह िकयो अजाचीअब तलिसिह ख दित दयािनिध दान आस-िपसाची ४

१६४जानत ीित-रीित रघराईनात सब हात करी राखत राम सनह-सगाई १ नह िनबािह दह तिज दसरथ कीरित अचल चलाईऐस िपत त अिधक गीधपर ममता गन गआई २ ितय-िबरही समीव सखा लिख ानिया िबसराई

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रन पर यो बध िबभीषन ही को सोच दय अिधकाई ३ घर गगह िय सदन सासरभइ जब जह पनाई

तब तह किह सबरीक फलिनकी िच माधरी नपाई ४ सहज सप कथा मिन बरनत रहत सकिच िसर नाईकवट मीत कह सख मानत बानर बध बड़ाई ५ म-कनौड़ो रामसो भ िऽभवन ितकाल न भाईतरो िरनी ह को किप स ऐसी मानही को सवकाई ६ तलसी राम-सनह-सील लिख जो न भगित उर आईतौ तोिह जनिम जाय जननी जड़ तन-तनता गवाई ७

१६५रघबर राविर यह बड़ाईिनदिर गनी आदर गरीबपर करत कपा अिधकाई १ थक दव साधन किर सब सपन निह दत िदखाईकवट किटल भा किप कौनप िकयो सकल सग भाई २ िमिल मिनबद िफरत दडक बन सो चरचौ न चलाईबारिह बार गीध सबरीकी बरनत ीित सहाई ३ ान कह त िकयो पर बािहर जती गयद चढ़ाईितय-िनदक मितमद जा रज िनज नय नगर बसाई ४ यिह दरबार दीनको आदर रीित सदा चिल आईदीनदया दीन तलसीकी का न सरित कराई ५

१६६ऐस राम दीन-िहतकारीअितकोमल कनािनधान िबन कारन पर-उपकारी १ साधन-हीन दीन िनज अघ-बस िसला भई मिन-नारीगहत गविन परिस पद पावन घोर सापत तार२ िहसारत िनषाद तामस बप पस-समान बनचारी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भो दय लगाइ मबस निह कल जाित िबचारी ३ जिप िोह िकयो सरपित-सत कह न जाय अित भारीसकल लोक अवलोिक सोकहत सरन गय भय टारी ४ िबहग जोिन आिमष अहार पर गीध कौन तधारीजनक-समान िबया ताकी िनज कर सब भाित सवारी ५ अधम जाित सबरी जोिषत जड़ लोक-बद त ारीजािन ीित द दरस कपािनिध सोउ रघनात उधारी ६ किप समीव बध-भय-ाकल आयो सरन पकारीसिह न सक दान ख जनक हो बािलसिह गारी ७ िरपको अनज िबभीषन िनिशचर कौन भजन अिधकारीसरन गय आग ली भो भजा पसारी ८ असभ होइ िजनक सिमर त बानर रीछ िबकारीबद-िबिदत पावन िकय त सब मिहमा नाथ तारी ९ कह लिग कह दीन अगिनत िजकी तम िबपित िनवारीकिलमल-मिसत दासतलसीपर काह कपा िबसारी १०

१६७रघपित-भगित करत किठनाईकहत सगम करनी अपार जान सोइ जिह बिन आई १ जो जिह कला कसल ताकह सोइ सलभ सदा सखकारीसफरी सनमख जल-वाह सरसरी बह गज भारी २ सक रा िमल िसकता मह बलत न कोउ िबलगावअित रस सम िपपीिलका िबन यास ही पाव ३ सकल य िनज उदर मिल सोव िनिा तिज जोगीसोइ हिरपद अनभव परम सख अितसय त-िबयोगी ४ सोक मोह भय हरष िदवस-िनिस दस-काल तह नाहतलिसदास यिह दसाहीन ससय िनरमल न जाह ५

१६८

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जो प राम-चरन-रित होतीतौ कत िऽिबध सल िनिसबासर सहत िबपित िनसोती १ जो सतोष-सधा िनिसबासर सपन कबक पावतौ कत िबषय िबलोिक झ ठ जल मन-करग धाव २ जो ौीपित-मिहमा िबचािर उर भजत भाव बढ़ाएतौ कत ार-ार ककर िफरत पट खलाए ३ ज लोप भय दास आसक त सबहीक चरभ-िबास आस जीती िज त सवक हिर कर ४ निह एकौ आचरन भजनको िबनय करत ह तातकीज कपा दासतलसी पर नाथ नामक नात ५

१६९जो मोही राम लागत मीठतौ नवरस षटरस-रस अनरस जात सब सीठ १ बचक िबषय िबिबध तन धिर अनभव सन अ डीठयह जानत ह दय आपन सपन न अघाइ उबीठ २ तलिसदास भ स एिह बल बचन कहत अित ढीठनामकी लाज राम कनाकर किह न िदय कर चीठ ३

१७०य मन कब तमिह न लायो छल छािड़ सभाव िनरतर रहत िबषय अनरायो १ िचतई परनािर सन पातक-पच घर-घरक न साध सरसिर-तरग-िनरमल गनगन रघबरक २ नासा सगधरस-बस रसना षटरस-रित मानीराम-साद-माल जठन लिग न ललिक ललचानी ३ चदन-चदबदिन-भषन-पट चह पावर परो रघपित-पद-पम-परस को तन पातकी न तरो ४ सब भाती कदव कठाकर सय बप बचन िहय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

न राम सकतय ज सकचत सकत नाम िकय ५ चचल चरन लोभ लिग लोप ार-ार जग बागराम-सीय-आॐमिन चलत भय न ॐिमत अभाग ६ सकल अग पद-िबमख नाथ मख नामकी ओट लई हह तलिसिह परतीित एक भ-मरित कपामई ह ७

१७१कीज मोको जमजातनामईराम तमस सिच सद सािहबिह म सठ पीिठ दई १ गरभबास दस मास पािल िपत-मात-प िहत कीजड़िह िबबकससील खलिह अपराधिह आदर दी २ कपट कर अतरजािम स अघ ापकिह रावऐस कमित कसवक पर रघपित न िकयो मन बाव ३ उदर भर ककर कहाइ ब िबषयिन हाथ िहयो हमोस बचकको कपा छल छािड़ क छोह िकयो ह ४ पल-पलक उपकार रावर जािन बझी सिन नीकिभो न किलस त कठोर िचत कब म िसय-पीक ५ ामीकी सवक-िहतता सब क िनज साई-िोहाईम मित-तला तौिल दखी भइ मरिह िदिस गआई ६ एत पर िहत करत नाथ मरो किर आय अ किरहतलसी अपनी ओर जािनयत भिह कनौड़ो भिरह ७

१७२कबक ह यिह रहिन रहगोौीरघनाथ-कपा-कपात सत-सभाव गहगो १ जथालाभसतोष सदा का स क न चहगोपर-िहत-िनरत िनरतर मन बम बचन नम िनबहगो २ पष बचन अित सह ौवन सिन तिह पावक न दहगोिबगत मान सम शीतल मन परगन निह दोष कहगो ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

परहिर दह-जिनत िचता ख-सख समबि सहगोतलिसदास भ यिह पथ रिह अिबचल हिर-भगित लहगो ४

१७३नािहन आवत आन भरोसोयिह किलकाल सकल साधनत ह ॐम-फलिन फरो सो १ तपतीरथउपवासदानमख जिह जो च करो सोपायिह प जािनबो करम-फल भिर-भिर बद परोसो २ आगम-िबिध जप-जग करत नर सरत न काज खरो सोसख सपन न जोग-िसिध-साधन रोग िबयोग धरो सो ३ काम बोधमदलोभमोह िमिल यान िबराग हरो सोिबगरत मन सास लत जल नावत आम घरो सो ४ ब मत मिन ब पथ परानिन जहा-तहा झगरो सोग को राम-भजन नीको मिह लगत राज-डगरो सो ५ तलसी िबन परतीती ीित िफिर-िफिर पिच मर मरो सोरामनाम-बोिहत भव-सागर चाह तरन तरो सो ६

१७४जाक िय न राम-बदहीतिजय तािहmdashmdashndash कोिट बरी सम जिप परम सनही १ सो छािड़य तो िपता हलाद िबभीषन बध भरत महतारीबिल ग तो कत ज-बिनति भय मद-मगलकारी २ नात नह रामक मिनयत सद सस जहा लअजन कहा आिख जिह फट बतक कह कहा ल ३ तलिस सो सब भाित परम िहत प ानत ारोजास होय सनह राम-पद एतो मतो हमारो ४

१७५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

रहिनजो प mdashndashरामस नाह

लगनतौ नर खर ककर सकर सम बथा िजयत जग माह १ कामबोधमदलोभनदभयभखास सबहीकमनज दह सर-साध सराहत सो सनह िसय-पीक २ सरसजानसपत सलन गिनयत गन गआईिबन हिरभजन इदानक फल तजत नह कआई ३ कीरित कल करतित भित भिल सील सप सलोनतलसी भ-अनराग-रिहत जस सालन साग अलोन ४

१७६राो राम सामी स नीच नह न नातो एत अनादर तोिह त न हातो १जोर नय नात नह फोकट फीक दहक दाहक गाहक जीक २ अपन अपनको सब चाहत नीको मल को दया लह सीको ३ जीवको जीवन ानको ारो सखको सख रामसो िबसारो ४ िकयो करगो तोस खलको भलो ऐस ससाहब स त कचाल चलो ५ तलसी तरी भलाई अज बझ राढ़उ राउत होत िफिरक जझ ६

१७७जो तम ाग राम ह त नह ागो पिरहिर पाय कािह अनराग १ सखद स भ तम सो जगमाह ौवन-नयन मन गोचर नाह २ ह जड़ जीवईस रघराया तम मायापितह बस माया ३ ह तो कजाचकामी सदाता ह कपत तम िहत िपत-माता ४ जो प क कोउ बझत बातो तौ तलसी िबन मोल िबकातो ५

१७८भय उदास राम मर आस रावरी

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

आरत ारथी सब कह बात बावरी १ जीवनको दानी घन कहा तािह चािहयम नमक िनबाह चातक सरािहय २ मीनत न लाभ-लस पानी प पीनकोजल िबन थल कहा मीच िबन मीनको ३ बड़ ही की ओट बिल बािच आय छोट हचलत खरक सग जहा-तहा खोट ह ४ यिह दरबार भलो दािहन-बामकोमोको सभदायक भरोसो राम-नामको ५ कहत नसानी िहय नाथ नीकी हजानत कपािनधान तलसीक जीकी ह ६

राग िबलावल१७९

कहा जाउ कास कहौ कौन सन दीनकीिऽभवन तही गित सब अगहीनकी १ जग जगदीस घर घरिन घनर हिनराधारक अधार गनगन तर ह २ गजराज-काज खगराज तिज धायो कोमोस दोस-कोस पोस तोस माय जायो को ३ मोस कर कायर कपत कौड़ी आधकिकय बमोल त करया गीध-ौाधक ४ तलसीकी तर ही बनायबिलबनगीभकी िबलब-अब दोष-ख जनगी ५

१८०बारक िबलोिक बिल कीज मोिह आपनोराय दशरथक त उथपन-थापनो १ सािहब सरनपाल सबल न सरो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तरो नाम लत ही सखत होत ऊसरो २ बचन करम तर मर मन गड़ हदख सन जान म जहान जत बड़ ह ३ कौन िकयो समाधान सनमान सीलाकोभगनाथ सो िरषी िजतया कौन लीलाको ४ मात-िपत-ब-िहत लोक-बदपाल कोबोलको अचल नत करत िनहाल को ५ समही सनहबस अधम असाधकोगीध सबरीको कहौ किरह सराध को ६ िनराधारको अधार दीनको दया कोमीत किप-कवट-रजिनचर-भा को ७ रकिनरगनीनीच िजतन िनवाज हमहाराज सजन -समाज त िबराज ह ८ साची िबदावली न बिढ़ किह गई हसीलिसध ढील तलसीकी बर भई ह ९

१८१क भाित कपािसध मरी ओर हिरयमोको और ठौर न सटक एक तिरय १ सहस िसलात अित जड़ मित भई हकास कह कौन गित पाहिनिह दई ह २ पद-राग-जाग चह कौिसक िकयो हकिल-मल खल दिख भारी भीित िभयो ह ३ करम-कपीस बािल-बली ऽास-ऽो हचाहत अनाथ-नाथ तरी बाह बो ह ४ महा मोह-रावन िबभीषन हयो हऽािह तलसीस ऽािह ित ताप तयो ह ५

१८२

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नाथ गननाथ सिन होत िचत चाउ सोराम रीिझबको जान भगित न भाउ सो १ करमसभाउकाल ठाकर न ठाउ सोसधन न सतन नसमन सआउ सो २ जाच जल जािह कह अिमय िपयाउ सोकास कह का स न बढ़त िहयाउ सो ३ बाप बिल जाऊ आप किरय उपाउ सोतर ही िनहार पर हार सदाउ सो ४ तर ही सझाय सझ असझ सझाउ सोतर ही बझाय बझ अबझ बझाउ सो ५ नाम अवलब-अब दीन मीन-राउ सोभस बनाइ कह जीह जिर जाउ सो ६ सब भाित िबगरी ह एक सबनाउ-सोतलसी ससािहबिह िदयो ह जनाउ सो ७

राग आसावरी१८३

राम ीितकी रीित आप नीक जिनयत हबड़ की बड़ाई छोट की छोटाई िर कर

ऐसी िबदावली बिल बद मिनयत ह १ गीधको िकयो सराध भीलनीको खायो फल

सोऊ साध-सभा भलीभाित भिनयत हरावर आदर लोक बद आदिरयत

जोग यान त ग गिनयत ह २ भकी कपा कपा किठन किल काल

मिहमा समिझ उर अिनयत हतलसी पराय बस भय रस अनरस

दीनबध ार हठ ठिनयत ह ३ १८४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

राम-नामक जप जाइ िजयकी जरिनकिलकाल अपर उपाय त अपाय भय

जस तम नािसबको िचऽक तरिन १ करम-कलाप पिरताप पाप-सान सब

सफल फल त फोकट फरिनदभलोभलालचउपासना िबनािस नीक

सगित साधन भई उदर भरिन २ जोग न समािध िनपािध न िबराग-यान

बचन िबशष बष क न करिनकपट कपथ कोिट कहिन-रहिन खोिटसकल सराह िनज िनज आचरिन ३ मरत महस उपदस ह कहा करतसरसिर-तीर कासी धरम-धरिनराम-नामको ताप हर कह जप आपजग जग जान जग बद बरिन ४ मित राम-नाम ही स रित राम-नाम ही सगित राम नाम ही की िबपित-हरिनराम-नामस तीित ीित राख कबक

तलसी ढरग राम आपनी ढरिन ५ १८५

लाज न लागत दास कहावतसो आचरन िबसािर सोच तिज जो हिर तम कह भावत १ सकल सग तिज भजत जािह मिन जप तप जाग बनावतमो-सम मद महाखल पावर कौन जतन तिह पावत २ हिर िनरमल मलमिसत दय असमजस मोिह जनावतजिह सर काक कक बक सकर मराल तह आवत ३ जाकी सरन जाइ कोिबद दान ऽयताप बझावतत गय मद मोह लोभ अित सरग िमटत न सावत ४ भव-सिरता कह नाउ सत यह किह औरिन समझावत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ह ितनस हिर परम बर किर तम स भलो मनावत ५ नािहन और ठौर मो कह तात हिठ नातो लावतराख सरन उदार-चड़ामिन तलिसदास गन गावत ६

१८६कौन जतन िबनती किरयिनज आचरन िबचािर हािर िहय मािन जािन डिरय १ जिह साधन हिर िव जािन जन सो हिठ पिरहिरयजात िबपित-जाल िनिसिदन खतिह पथ अनसिरय २ जानत मन बचन करम पर-िहत की तिरयसो िबपरीत दिख पर-सख िबन कारन ही जिरय ३ ौित परान सबको मत यह सतसग सढ़ धिरयिनज अिभमान मोह इिरषा बस ितनिह न आदिरय ४ सतत सोइ िय मोिह सदा जात भविनिध पिरयकह अब नाथ कौन बलत ससार-सोग हिरय ५ जब कब िनज कना-सभावत िव तौ िनिरयतलिसदास िबास आिन निह कत पिच-पिच मिरय ६

१८७तािह त आयो सरन सबरयान िबराग भगित साधन क सपन नाथ न मर १ लोभ-मोह-मद-काम-बोध िरप िफरत रिन-िदन घरितनिह िमल मन भयो कपथ-रत िफर ितहारिह फर २ दोष-िनलय यह िबषय सोक-द कहत सत ौित टरजानत अनराग तहा अित सो हिर तरिह र ३ िबष िपयष सम कर अिगिन िहम तािर सक िबन बरतम सम ईस कपा परम िहत पिन न पाइह हर ४ यह िजय जािन रह सब तिज रघबीर भरोस तरतलिसदास यह िबपित बागरौ तिह स बन िनबर ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१८८म तोिह अब जाो ससारबािध न सकिह मोिह हिरक बलगट कपट-आगार १ दखत ही कमनीय क नािहन पिन िकय िबचार कदलीत-म िनहारत कब न िनकसत सार २तर िलय जनम अनक म िफरत न पाय पारमहामोह-मगजल-सिरता मह बोर यो ह बारिह बार ३ सन खल छल बल कोिट िकय बस होिह न भगत उदारसिहत सहाय तहा बिस अब जिह दय न नदकमार ४ तास कर चातरी जो निह जान मरम तारसो पिर डर मर रज-अिह त बझ निह वहार ५ िनज िहत सन सठहठ न करिहजो चहिह कसल पिरवारतलिसदास भक दासिन तिज भजिह जहा मद मार ६

राग गौरी१८९

राम कहत च राम कहत च राम कहत च भाई रनािह तौ भव-बगािर मह पिरह टत अित किठनाई र १ बास परान साज-सब अठकठ सरल ितकोन खटोला रहमिह िदहल किर किटल करमचद मद मोल िबन डोला र २ िबषम कहार मार-मद-मात चलिह न पाउ बटोरा रमद िबलद अभरा दलकन पाइय ख झकझौरा र ३ काट कराय लपटन लोटन ठाविह ठाउ बझाऊ रजस जस चिलय िर तस तस िनज बास न भट लगाऊ र ४ मारग अगम सग निह सबलनाउ गाउकर भला रतलिसदास भव ऽास हर अब हो राम अनकला र ५

१९०सहज सनही रामस त िकयो न सहज सनह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

तात भव-भाजन भयोसन अज िसखावन एह १ मख मकर िबलोिकय अ िचत न रह अनहािर सवत न आपन य मात-िपता सत-नािर २ द द समन ितल बािसक अ खिर पिरहिर रस लतारथ िहत भतल भर मन मचक तन सत ३ किर बीो अब करत ह किरब िहत मीत अपारकब न कोउ रघबीर सो नह िनबाहिनहार ४ जास सब नात फर तास न करी पिहचािनतात क समझ यो नह कहा लाभ कह हािन ५ साचो जाो झठकोझठ कह साचो जािनको न गयो को जात हको न जह किर िहतहािन ६ बद को बध कहत ह अ हौ कहत ह टिरतलसी भ साचो िहत त िहयकी आिखन हिर ७

१९१एक सनही सािचलो कवल कोसलपाम-कनोड़ो रामसो निह सरो दया १ तन-साथी सब ारथी सर वहार-सजानआरत-अधम-अनाथ िहत को रघबीर समान २ नाद िनठर समचर िसखी सिलल सनह न सरसिस सरोग िदनकबड़ पयद म-पथ कर ३ जाको मन जास बो ताको सखदायक सोइसरल सील सािहब सदा सीतापित सिरस न कोइ ४ सिन सवा सही को कर पिरहर को षन दिखकिह िदवान िदन दीन को आदर-अनराग िबसिख ५ खग-सबरी िपत-मात मान किप को िकय मीतकवट भ भरत ो ऐसो को क पितत-पनीत ६ दह अभागिह भाग को को राख सरन सभीत

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

बद-िबिदत िवदावली किब-कोिबद गावत गीत ७ कसउ पावर पातकी जिह लई नामकी ओटगाठी बाो दाम तो परो न फिर खर-खोट ८ मन मलीन किल िकलिबषी होत सनत जास कत-काजसो तलसी िकयो आपनो रघबीर गरीब-िनवाज ९

१९२जो प जानिकनाथ स नातो न न नीचारथ-परमारथ कहा किल किटल िबगोयो बीच १ धरम बरन आौमिनक पयत पोिथही परानकरतब िबन बष दिखय सरीर िबन ान २

िबिहतबदmdashndashसाधन सब सिनयत दायक फल चािरिबिदत

राम म िबन जािनबो जस सर-सिरता िबन बािर ३ नाना पथ िनरबानक नाना िबधान ब भािततलसी त मर कह जप राम-नाम िदन-राित ४

१९३अज आपन रामक करतब समझत िहत होइकह तकह कोसलधनी तोको कहा कहत सब कोइ १ रीिझ िनवाो कबिह त कब खीिझ दई तोिह गािरदरपन बदन िनहािरक सिबचािर मान िहय हािर २ िबगरी जनम अनककी सधरत पल लग न आधrsquoपािह कपािनिधrsquo मस कह को न राम िकयो साध ३ बालमीिक-कवट-कथा किप-भील-भा-सनमानसिन सनमख जो न रामस ितिह को उपदसिह यान ४ का सवा समीवकी का ीित-रीित-िनरबाजास बध बो ाध सो सनत सोहात न का ५

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भजन िबभीषनको कहा फल कहा िदयो रघराजराम गरीब-िनवाजक बड़ी बाह-बोलकी लाज ६ जपिह नाम रघनाथको चरचा सरी न चासमखसखदसािहबसधीसमरथकपानतपा ७ सजल नयनगदगदिगरा गहबर मनपलक सरीरगावत गनगन रामक किहकी न िमटी भव-भीर ८ भ कतय सरब हपिरह पािछली गलािनतलसी तोस रामस क नई न जान-पिहचािन ९

१९४जो अनराग न राम सनही सतौ लो ला कहा नर-दही स १

जो तन धिर पिरहिर सब सख भय समित राम-अनरागीसो तन पाइ अघाइ िकय अघ अवगन-उदिध अभागी २ यान-िबरागजोग-जपतप-मखजग मद-मग निह थोरराम-म िबन नम जाय जस मग-जल-जलिध-िहलोर ३ लोक-िबलोिक परान-बिद सिन समिझ-बिझ ग-यानीीित-तीित राम-पद-पकज सकल-समगल-खानी ४ अज जािन िजय मािन हािर िहय होइ पलक मह नीकोसिम सनहसिहत िहत रामिह मान मतो तलसीको ५

१९५बिल जाउ ह राम गसाकीज कपा आपनी ना १ परमारथ सरपर-साधन सब ारथ सखद भलाईकिल सकोप लोपी सचाल िनज किठन कचाल चलाई २ जह जह िचत िचतवत िहत तह िनत नव िबषाद अिधकाईिच-भावती भभिर भागिह समहािह अिमत अनभाई ३ आिध-मगन मन ािध-िबकल तनबचन मलीन झठाईएत पर तमस तलसीकी भ सकल सनह सगाई ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

१९६काहको िफरत मन करत ब जतन

िमट न ख िबमख रघकल-बीरकीज जो कोिट उपाइिऽिबध ताप न जाइ

को जो भज उठाय मिनबर कीर १ सहज टव िबसािर तही ध दख िबचािरिमल न मथत बािर घत िबन छीरसमिझ तजिह म भजिह पद-जगम

सवत सगम गन गहन गभीर २ आगम िनगम मथ िरिष-मिन सर-सतसब ही को एक मत सन मितधीरतलिसदास भ िबन िपयास मर पस

जिप ह िनकट सरसिर-तीर ३ १९७

नािहन चरन-रित तािह त सह िबपितकहत ौित सकल मिन मितधीरबस जो सिस-उछग सधा-ािदत करग

तािह म िनरिख रिबकर-नीर १ सिनय नाना परान िमटत नािह अयानपिढ़य न समिझय िजिम खग कीरबधत िबनिह पास समर-समन-आस

करत चरत तइ फल िबन हीर २ क न साधन-िसिध जान न िनगम-िबिध

निह जप-तप बस मन न समीरतलिसदास भरोस परम कना-कोस

भ हिरह िबषम भवभीर ३ राग भरवी१९८

मन पिछतह अवसर बीत

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रलभ दह पाइ हिरपद भज करम बचन अ ही त १ सहसबा दसबदन आिद नप बच न काल बलीतहम-हम किर धन-धाम सवार अत चल उिठ रीत २ सत बिनतािद जािन ारथरत न क नह सबही तअत तोिह तजग पामर त न तज अबही त ३ अब नाथिह अनराग जाग जड़ ाग रासा जी त

नबझmdash-काम अिगिन तलसी क िबषय-भोग ब घी त ४

िक१९९

काह को िफरत मढ़ मन धायोतिज हिर-चरन-सरोज सधारस रिबकर-जल लय लायो १ िऽजग दव नर असर अपर जग जोिन सकल िम आयोगह बिनता सत बध भय ब मात-िपता िज जायो २ जात िनरय-िनकाय िनरतर सोइ इ तोिह िसखायोतव िहत होइ कट भव-बधन सो मग तोिह न बतायो ३ अज िबषय कह जतन करत जिप बिबिध डहकायोपावक-काम भोग-घत त सठ कस परत बझायौ ४ िबषयहीन ख िमल िबपित अित सख सपन निह पायोउभय कार त-पावक धन खद ौित गायो ५ िछन-िछन छीन होत जीवन रलभ तन बथा गवायोतलिसदास हिर भजिह आस तिज काल -उरग जग खायो ६

२००ताब सो पीिठ मन तन पायोनीचमीच जानत न सीस पर ईस िनपट िबसरायो १ अविन रविन धन-धाम सद-सत को न इिह अपनायो काक भय गय सग काक सब सनह छल-छायो २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िज भपिन जग-जीित बािध जम अपनी बाह बसायोतऊ काल कलऊ की त िगनती कब आयो ३ दख िबचािर सार का साचोकहा िनगम िनज गायोभिजिह न अज समिझ तलसी तिहजिह महस मन लायो ४

२०१लाभ कहा मानष-तन पायकाय-बचन-मन सपन कबक घटत न काज पराय १ जो सख सरपर-नरक गह-बन आवत िबनिह बलायतिह सख कह ब जतन करत मन समझत निह समझाय २ पर-दारा परिोह मोहबस िकय मढ़ मन भायगरभबास खरािस जातना ती िबपित िबसराय ३ भय-िनिा मथन-अहार सबक समान जग जायसर-रलभ तन धिर न भज हिर मद अिभमान गवाय ४ गई न िनज-पर-बि स रह न राम-लय लायतलिसदास यह अवसर बीत का पिन क पिछताय ५

२०२काज कहा नरतन धिर सार योपर-उपकार सार ौितको जो सो धोख न िबचार यो १ त मल भय-सल सोक-फल भवत टर न टार यौरामभजन-तीछन कठार ल सो निह कािट िनवार यो २ ससय-िसध नाम बोिहत भिज िनज आतमा न तार योजनम अनक िववकहीन ब जोिन मत निह हार यो ३ दिख आनिक सहज सपदा ष-अनल मन-जार योसमदमदयादीन-पालन सीतल िहय हिर न सभार यो ४ भ ग िपता सखा रघपित त मन बम बचन िबसार योतलिसदास यिह आस सरन रािखिह जिह गीध उधार यो ५

२०३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ौीहिर-ग-पद-कमल भज मन तिज अिभमानजिह सवत पाइय हिर सख-िनधान भगवान १ पिरवा थम म िबन राम-िमलन अित िरजिप िनकट दय िनज रह सकल भिरपिर २ इज त-मित छािड़ चरिह मिह-मडल धीरिबगत मोह-माया-मद दय बसत रघबीर ३ तीज िऽगन-पर परम पष ौीरमन मकदगन सभाव ाग िबन रलभ परमानद ४ चौिथ चािर पिरहर बि-मन-िचत-अहकारिबमल िबचार परमपद िनज सख सहज उदार ५ पाचइ पाच परसरससगध अ पइ कर कहा न कीिजय बिर परब भव-कप ६ छठ षटबरग किरय जय जनकसता-पित लािगरघपित-कपा-बािर िबन नह बताइ लोभािग ७ सात सधात-िनरिमत तन किरय िबचारतिह तन कर एक फल कीज पर-उपकार ८ आठइ आठ कित-पर िनरिबकार ौीरामकिह कार पाइय हिर दय बसिह ब काम ९ नवमी नवार-पर बिस जिह न आप भल कीत नर जोिन अनक मत दान ख ली १० दसइ दस कर सजम जो न किरय िजय जािनसाधन बथा होइ सब िमलिह न सारगपािन११ एकादसी एक मन बस क सव जाइसोइ त कर फल पाव आवागमन नसाइ १२ ादिस दान द अस अभय होइ ऽलोकपरिहत-िनरत सो पारन बिर न ापत सोक १३ तरिस तीन अवा तज भज भगवतमन-बम-बचन-अगोचर ापक ा अनत १४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

चौदिस चौदह भवन अचर-चर-प गोपालभद गय िबन रघपित अित न हरिह जग-जाल १५ पन म-भगित-रस हिर-रस जानिह दाससम सीतल गत-मान यानरत िबषय-उदास १६ िऽिबध सल होिलय जर खिलय अब फागजो िजय चहिस परमसख तौ यिह मारग लाग १७ ौित-परान-बध-समत चाचिर चिरत मरािरकिर िबचार भव तिरय पिरय न कब जमधािर १८ ससय-समन दमन ख सखिनधान हिर एकसाध-कपा िबन िमलिह न किरय उपाय अनक १९ भव सागर कह नाव स सतनक चरनतलिसदास यास िबन िमलिह राम खहरन २०

राग कारा२०४

जो मन लाग रामचरन असदह-गह-सत-िबत-कलऽ मह मगन होत िबन जतन िकय जस १ रिहत गतमान यानरत िबषय-िबरत खटाइ नाना कससखिनधान सजान कोसलपित स क न हिह बस २ सवभत-िहत िनलीक िचत भगित-म ढ़ नम एकरसतलिसदास यह होइ तबिह जब िव ईस जिह हतो सीसदस ३

२०५जो मन भो चह हिर-सरततौ तज िबषय-िबकार सार भज अज जो म कह सोइ क १ समसतोष िबचार िबमल अित सतसगितयर चािर ढ़ किर धकाम- बोध अ लोभ-मोह-मद राग-ष िनसष किर पिरह २ ौवन कथा मख नाम दय हिर िसर नाम सवा कर अनसनयनिन िनरिख कपा-समि हिर अग-जग-प भप सीताब ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इह भगित बराय-यान यह हिर-तोषन यह सभ त आचतलिसदास िसव-मत मारग यिह चलत सदा सपन नािहन ड ४

२०६नािहन और कोउ सरन लायक जो ौीरघपित-सम िबपित-िनवारनकाको सहज सभाउ सवकबस कािह नत परीित अकारन १ जन-गन अलप गनत सम किर अवगन कोिट िबलोिक िबसारनपरम कपा भगत-िचतामिनिबरद पनीत पिततजन-तारन २ सिमरत सलभदास-ख हिर चलत तरत पटपीत सभार नसािख परान-िनगम-अगम सब जानत िपद-सता अ बारन ३ जाको जस गावत किब-कोिबद िजक लोभ-मोहमद-मार नतलिसदास तिज आस सकल भज कोसलपित मिनबध-उधारन ४

२०७भिजब लायक सखदायक रघनायक सिरस सरनद जो नािहनआनदभवन खदवन सोकसमन रमारमन गन गनत िसरािह न १ आरत अधम कजाित किटल खल पितत सभीत क ज समािह नसिमरत नाम िबबस बारक पावत सो पद जहा सर जािह न २ जाक पद-कमल मिन-मधकर िबरत ज परम सगित भािह नतलिसदास सठ तिह न भजिस कस कािनक जो अनाथिह दािहन ३

राग काण२०८

नाथ स कौन िबनती किह सनाविऽिबध िबिध अिमत अवलोिक अघ आपनसरन सनमख होत सकिच िसर नाव १ िबरिच हिरभगितको बष बर टािटकाकपट-दल हिरत पविन छावनामलिग लाइ लासा लिलत-बचन किहाध िबषय-िबहगिन बझाव २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

किटल सतकोिट मर रोमपर वािरयिहसाध गनतीम पहलिह गनावपरम बब र खब गब -पब त चोअय सब यजन-मिन जनाव ३साच िकध झठ मोको कहत कोउ-

कोउ राम रावरो ह तरो कहाविबरदकी लाज किर दास तलिसिह दवल अपनाइ अब द जिन बावौ ४

२०९नािहन नाथ अवलब मोिह आनकी

करम-मन-बचन पन स कनािनध

एक गित राम भवदीय पदऽानकी १ कोह-मद-मोह-ममतायतन जािन मन

बात निह जाित किह यान-िबयानकीकाम-सकलप उर िनरिख ब बासनिह

आस निह एक आक िनरबानकी २ बद-बोिधत करम धरम िबन अगम अितजदिप िजय लालसा अमरपर जानकीिस-सर-मनज दनजािदसवत किठनिविह हठजोग िदय भोग बिल ानकी ३ भगित रलभ परम सभ-सक-मिन-मधपास पदकज-मकरद-मधपानकीपितत-पावन सनत नाम िबॐामकतिमत पिन समिझ िचत मिथ अिभमानकी ४ नरक-अिधकार मम घोर ससार-तम-

कपकह भप मोिह सि आपानकीदासतलसी सोउ ऽास निह गनत मनसिमिर गह गीध गज याित हनमानकी ५

२१०

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

औ कह ठौ रघबस-मिन मरपितत-पावन नत-पाल असरन-सरन

बाकर िबद िबदत किह कर १ समिझ िजय दोस अित रोस किर राम जो

करत निह कान िबनती बदन फरतदिप िनडर ह कह कना-िसध

ऽब रिह जात सिन बात िबन हर २ म िच बिसबकी पर रावर

राम तिह िचिह कामािद गन घरअगम अपबरग अ सरग सकतकफल

नाम-बल बस जम-नगर नर ३ कत निह ठाउ कह जाउ कोसलनाथ

दीन िबतहीन ह िबकल िबन डरदास तलिसिह बास द अब किर कपा

बसत गज गीध ाधािद जिह खर ४ २११

कब रघबसमिन सो कपा करगजिह कपा ाध गज िब खल नर तर

ितिह सम मािन मोिह नाथ उरग १ जोिन ब जनिम िकय करम खल िबिबध िबिध

अधम आचरन क दय निह धरगदीनिहत अिजत सरबय समरथ नतपािल

िचत मल िनज गनिन अनसरग २ मोह-मद-मान-कामािद खलमडली

सकल िनरमल किर सह ख हरगजोग-जप-जय-िबयान त अिधक अित

अमल ढ़ भगित द परम सख भरग ३ मदजन-मौिलमिन सकल साधनहीन

किटल मन मिलन िजय जािन जो डरग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दासतलसी बद-िबिदत िबदावलीिबमल जस नाथ किह भाित िबरग ४

राग कदारा२१२

रघपित िबपित-दवनपरम कपा नत-ितपालक पितत-पावन १ कर किटल कलहीनदीनअित मिलन जवनसिमरत नाम राम पठय सब अपन भवन २ गज-िपगला-अजािमल-स खल गन ध कवनतलिसदास भ किह न दीि गित जानकी-रवन ३

२१३हिर-सम आपदा-हरननिह कोउ सहज कपा सह ख-सागर-तरन १ गज िनज बल अवलोिक कमल गिह गयो सरनदीन बचन सिन चल गड़ तिज सनाभ-धरन २ िपदसताको लयो सासन नगन करनrsquoहा हिर पािहrsquo कहत पर पट िबिबध बरन ३ इह जािन सर-नर-मिन-कोिबद सवत चरनतलिसदास भ को न अभय िकयो नग-उरन ४

राग कान२१४

ऐसी कौन भकी रीित

िबरद हत पनीत पिरहिर पावरिन पर ीित १ गई मारन पतना कच कालकट लगाईमातकी गित दई तािह कपा जादवराइ २ काममोिहत गोिपकिनपर कपा अतिलत कीजगत-िपता िबरिच िजक चरनकी रज ली ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नमत िससपाल िदन ित दत गिन गिन गािरिकयो लीन स आपम हिर राज-सभा मझािर ४ ाध िचत द चरन मार यो मढ़मित मग जािनसो सदह लोक पठयो गट किर िनज बािन ५ कौन ितकी कह िजक सकत अ अघ दोउगट पातकप तलसी सरन राो सोउ ६

२१५ौीरघबीरकी यह बािननीच स करत नह स ीित मन अनमािन १ परम अधम िनषाद पावर कौन ताकी कािन

िलयो सो उर लाइ सत मको पिहचािन २ गीध कौन दया जो िबिध रो िहसा सािन

जनक रघनाथ ताकह िदयो जल िनज पािन ३ कित-मिलन कजाित सबरी सकल अवगन-खािनखात ताक िदय फल अित िच बखािन बखािन ४ रजिनचर अ िरप िबभीषन सरन आयो जािनभरत उिठ तािह भटत दह-दसा भलािन ५ कौन सभग ससील बानर िजनिह सिमरत हािनिकय त सब सखा पज भवन अपन आिन ६ राम सहज कपा कोमल दीनिहत िदनदािनभजिह ऐस षभिह तलसी किटल कपट न ठािन ७

२१६हिर तज और भिजय कािह

नािहन कोउ राम सो ममता नतपर जािह १ कनककिसप िबरिचको जन करम मन अ बातसतिह खवत िबिध न बरो कालक घर जात २ सभ-सवक जान जग ब बार िदय दस सीस

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

करत राम-िबरोध सो सपन न हटो ईस ३ और दवनकी कहा कह ारथिहक मीतकब का न राख िलयो कोउ सरन गयउ सभीत ४ को न सवत दत सपित लोक यह रीितदासतलसी दीनपर एक राम ही की ीित ५

२१७जो प सरो कोउ होइतौ ह बारिह बार भ कत ख सनाव रोइ १ कािह ममता दीनपर काको पिततपावन नामपापमल अजािमलिह किह िदयो अपनो धाम २ रह सभ िबरिच सरपित लोकपाल अनकसोक-सिर बड़त करीसिह दई का न टक ३ िबपल-भपित-सदिह मह नर-नािर को rsquoभ पािहrsquoसकल समरथ रह का न बसन दी तािह ४ एक मख कह कनािसधक गन-गाथ

भिहत धिर दह काह न िकयो कोसलनाथ ५ आपस क सिपय मोिह जो प अितिह िघनातदासतलसी और िबिध चरन पिरहिर जात ६

२१८कबिह दखाइहौ हिर चरनसमन सकल कलस किल-मल सकल मगल- करन १ सरद-भव स दर तनतर अन-बािरज-बरनलि-लािलत-लिलत करतल छिब अनपम धरन २ गग-जनक अनग-अिर-िय कपट-बट बिल-छरनिबितय नग बिधकक ख-दोस दान दरन ३िस-सर-मिन-बद-बिदत सखद सब कह सरनसकत उर आनत िजनिह जन होत तारन-तरन ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कपािसध सजान रघबर नत-आरित-हरनदरस-आस-िपयास तलसीदास चाहत मरन ५

२१९ार ह भोर ही को आजरटत िरिरहा आिर और न कौर ही त काज १ किल कराल काल दान सब कभाित कसाजनीच जन मन ऊच जसी कोढमकी खाज २ हहिर िहयम सदय बयो जाइ साध-समाजमोस क कत कोउ ित को कोसलराज ३ दीनता-दािरद दल को कपाबािरिध बाजदािन दसरथरायक त बानइत िसरताज ४ जनमको भखो िभखारी ह गरीबिनवाजपट भिर तलिसिह जवाइय भगित-सधा सनाज ५

२२०किरय सभार कोसलराय

और ठौर न और गित अवलब नाम िबहाय १ बिझ अपनी आपनो िहत आप बाप न मायराम राउर नाम गरसरािमसखासहाय २ रामराज न चल मानस-मिलनक छल छायकोप तिह किलकाल कायर मएिह घालत घाय ३ लत कहिरको बयर भक हिन गोमायिह राम-गलाम जािन िनकाम दत कदाय ४ अकिन याक कपट-करतब अिमत अनय-अपायसिख हिरपर बसत होत परीिछतिह पिछताय ५ कपािसध िबलोिकय जन-मनकी सासित सायसरन आयो दव दीनदया दखन पाय ६ िनकट बोिल न बरिजय बिल जाउ हिनय न हाय

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दिखह हनमान गोमख नाहरिनक ाय ७ अन मख िबकट िपगल नयन रोष-कषायबीर सिमिर समीरको घिटह चपल िचत चाय ८ िबनय सिन िबहस अनजस बचनक किह भायrsquoभली कहीrsquo को लषन हिसबन सकल बनाय ९ दई दीनिह दािद सो सिन सजन-सदन बधायिमट सकट-सोच पोच-पच पाप-िनकाय १० पिख ीित-तीित जनपर अगन अनघ अमायदासतलसी कहत मिनगनrsquoजयित जय उगायrsquo ११

२२१नाथ कपाहीको पथ िचतवत दीन ह िदनराितहोइ ध किह काल दीनदया जािन न जाित १ सगन यान-िबराग-भगित स-साधनिनकी पाितभज िबकल िबलोिक किल अघ-अवगनिनकी थाित २ अित अनीित-करीित भइ भइ तरिन त ताितजाउ कह बिल जाउ क न ठाउ मित अकलाित ३ आप सिहत न आपनो कोउ बाप किठन कभाितामघन सिचय तलसी सािल सफल सखाित ४

२२२बिल जाउ और कास कह सदगनिसध ािम सवक-िहत क न कपािनिध-सो लह १ जह जह लोभ लोल लालचबस िनजिहत िचत चाहिन चहतह तह तरिन तकत उक भटिक कत-कोटर गह २ काल-सभाउ-करम िबिचऽ फलदायक सिन िसर धिन रहमोको तौ सकल सदा एकिह रस सह दाह दान दह ३ उिचत अनाथ होइ खभाजन भयो नाथ िककर न हअब रावरो कहाइ न बिझय सरनपाल सासित सह ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

महाराज राजीविबलोचन मगन-पाप-सताप हतलसी भजब तब जिह तिह िबिध राम िनरबह ५

२२३आपनो कब किर जािनहौराम गरीबिनवाज राजमिन िबरद-लाज उर आिनहौ १ सील-िसधस दरसब लायकसमरथ सदगन-खािन हौपाो हपालतपालग भ नत-म पिहचािनहौ २ बद-परान कहतजग जानत दीनदया िदन-दािन हौकिह आवत बिल जाऊमन मरी बार िबसार बािन हौ ३ आरत-दीन-अनाथिनक िहत मानत लौिकक कािन हौह पिरनाम भलो तलसीको सरनागत-भय-भािन हौ ४

२२४रघबरिह कब मन लािगह कपथकचालकमितकमनोरथ किटल कपट कब ािगह १ जानत गरल अिमय िबमोहबस अिमय गनत किर आिगहउलटी रीित-ीित अपनकी तिज भपद अनरािगह २ आखर अरथ मज म मोदक राम-म-पिग पािगहऐस गन गाइ िरझाइ ािमस पाइह जो म ह मािगह ३ त यिह िबिध सख-सयन सोइहिजयकी जरिन भिर भािगहराम-साद दासतलसी उर राम-भगित-जोग जािगह ४

२२५भरोसो और आइह उर ताकक क लह जो रामिह-सो सािहब क अपनो बल जाक १ क किलकाल कराल न सझत मोह-मार-मद छाकक सिन ािम-सभाउ न रो िचत जो िहत सब अग थाक २ ह जानत भिलभाित अपनपौ भ-सो सो न साकउपलभीलखगमग रजनीचर भल भय करतब काक ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मोको भलो राम-नाम सरत-सो रामसाद कपा कपाकतलसी सखी िनसोच राज बालक माय-बबाक ४

२२६भरोसो जािह सरो सो करोमोको तो रामको नाम कलपत किल कान फरो १ करम उपासनयानबदमत सो सब भाित खरोमोिह तो rsquoसावनक अधिहrsquo सझत रग हर २ चाटत रो ान पातिर कब न पट भरोसो ह सिमरत नाम-सधारस पखत पिस धरो ३ ारथ औ परमारथ को निह कजरो-नरोसिनयत सत पयोध पषानिन किर किप कटक-तरो ४ ीित-तीित जहा जाकी तह ताको काज सरोमर तो माय-बाप दोउ आखर ह िसस-अरिन अरो ५ सकर सािख जो रािख कह क तौ जिर जीह गरोअपनो भलो राम-नामिह त तलिसिह समिझ परो ६

२२७नाम राम रावरोई िहत मरारथ-परमारथ सािथ स भज उठाइ कह टर १ जनिन-जनक तो जनिम करम िबन िबिध सो अवडरमोसो कोउ-कोउ कहत रामिह को सो सग किह कर ३२ िफर यौ ललात िबन नाम उदर लिग खउ िखत मोिह हरनाम-साद लहत रसाल फल अब ह बबर बहर ३ साधत साध लोक-परलोकिहसिन गिन जतन घनरतलसीक अवलब नामको एक गािठ कइ फर ४

२२८िय रामनामत जािह न रामोताको भलो किठन किलकाल आिद-म-पिरनामो १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सकचत समिझ नाम-मिहमा मद-लोभ-मोह-कोह-कामोराम-नाम-जप-िनरत सजन पर करत छाह घोर घामो २ नाम-भाउ सही जो कह कोउ िसला सरोह जामोजो सिन सिमिर भाग-भाजन भइ सकतसील भील-भामो ३ बालमीिक-अजािमलक क तो न साधन सामोउलट पलट नाम-महातम ग जिन िजतो ललामो ४ रामत अिधक नाम-करतब जिह िकय नगर-गत गामोभय बजाइ दािहन जो जिप तलिसदासस बामो ५

२२९गरगी जीह जो कह औरको हजानकी-जीवन जनम-जनम जग ायो ितहारिह कौरको ह १ तीिन लोक ित काल न दखत सद रावर जोरको हतमस कपट किर कलप-कलप किम ह नरक घोरको ह २ कहा भयो जो मन िमिल किलकालिह िकयो भतवा भरको हतलिसदास सीतल िनत यिह बल बड़ ठकान ठौरको ह ३

२३०अकारन को िहत और को हिबरद rsquoगरीब-िनवाजrsquo कौनको भह जास जन जोह १ छोटो-बड़ो चहत सब ारथ जो िबरिच िबरचो हकोल किटल किप-भा पािलबो कौन कपािह सोह २ काको नाम अनख आलस कह अघ अवगनिन िबछोहको तलसीस कसवक समो सठ सब िदन सा िोह ३

२३१और मोिह को ह कािह किहह रक-राज मनको मनोरथ किह सनाइ सख लिहह १ जम-जातनाजोिन-सकट सब सह सह अ सिहहमोको अगमसगम तमको भ तउ फल चािर न चिहह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

खिलबको खग-मगत-ककर ह रावरो राम ह रिहहयिह नात नरक सच या िबन परमपद ख दिहह ३ इतनी िजय लालसा दासक कहत पानही गिहहदीज बचन िक दय आिनय rsquoतलिसको पन िनब िहहौrsquo ४

२३२दीनबध सरो कह पावो को तम िबन पर-पीर पाइ ह किह दीनता सनाव १ भ अकपाकपा अलायक जह-जह िचतिह डोलावइह समिझ सिन रह मौन ही किह म कहा गवाव २ गोपद बिड़ब जोग करम कर बातिन जलिध थहावअित लालचीकाम-िककर मन मख रावरो कहाव ३ तलसी भ िजयकी जानत सब अपनो कक जनावसो कीजजिह भाित छािड छल ार परो गन गाव ४

२३३मनोरथ मनको एक भाितचाहत मिन-मन-अगम सकत-फल मनसा अघ न अघाित १ करमभिम किल जनमकसगित मित िबमोह-मद-माितकरत कजोग कोिट कय पयत परमारथ-पद साित २ सइ साध-गसिन परान-ौित बयो राग बाजी तािततलसी भ सभाउ सरत-सो दरपन मख-काित ३

२३४जनम गयो बािदिह बर बीितपरमारथ पाल न पर यो क अनिदन अिधक अनीित १ खलत खात लिरकपन गो चिल जौबन जवितन िलयो जीितरोग-िबयोग-सोग-ौम-सकल बिड़ बय बथिह अतीित २ राग-रोष-इिरषा-िबमोह-बस ची न साध-समीितकह न सन गनगन रघबरक भइ न रामपद-ीित ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

दय दहत पिछताय-अनल अब सनत सह भवभीिततलसी भ त होइ सो कीिजय समिझ िबरदकी रीित ४

२३५ऐसिह जनम-समह िसरानाननाथ रघनाथ-स भ तिज सवत चरन िबरान १ ज जड जीव किटलकायरखल कवल किलमल-सानसखत बदन ससत ित कह हिरत अिधक किर मान २ सख िहत कोिट उपाय िनरतर करत न पाय िपरानसदा मलीन पथक जल ो कब न दय िथरान ३ यह दीनता र किरबको अिमत जतन उर आनतलसी िचत-िचता न िमट िबन िचतामिन पिहचान ४

२३६जो प िजय जानकी-नाथ न जानतौ सब करम-धरम ौमदायक ऐसइ कहत सयान १ ज सर िसमनीस जोगिबद बद-परान बखानपजा लतदत पलट सख हािन-लाभ अनमान २ काको नाम धोख सिमरत पातकप ज परानिब-बिधक गज-गीध कोिट खल कौनक पट समान ३ म-स दोष िर किर जनक रन-स गन उर आनतलिसदास तिह सकल आस तिज भजिह न अज अयान ४

२३७काह न रसना रामिह गाविह

िनसिदन पर-अपवाद बथा कत रिट-रिट राग बढ़ाविह १ नरमख स दर मिदर पावन बिस जिन तािह लजाविहसिस समीप रिह ािग सधा कत रिबकर-जल कह धाविह २ काम-कथा किल-करव-चदिन सनत ौवन द भाविहितनिह हटिक किह हिर-कल-कीरित करन कलक नसाविह ३

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जातप मित जगित िचर मिन रिच-रिच हार बनाविहसरन-सखद रिबकल-सरोज-रिब राम-नपिह पिहराविह ४ बाद-िबबाद ाद तिज भिज हिर सरस चिरत िचत लाविहतलिसदास भव तरिह ित पर त पनीत जस पाविह ५

२३८आपनो िहत रावरस जो प सझतौ जन तनपर अछत सीस सिध कबध जझ १ िनज अवगनगनराम रावर लिख-सिन-मित-मन-झरहिन-कहिन-समझिन तलसीकी को कपा िबन बझ २

२३९जाको हिर ढ़ किर अग कर योसोइ ससीलपनीतबदिबद िबा-गनिन भर यो १ उतपित पाड-सतनकी करनी सिन सतपथ डर योत ऽलो-प पावन जस सिन-सिन लोक तर यो २ जो िनज धरम बदबोिधत सो करत न क िबसर योिबन अवगन ककलास कप मित कर गिह उधर यो ३ िबिसख ाड दहन छम गभ न नपित जर योअजर-अमर किलस नािहन बध सो पिन फन मर यो ४ िब अजािमल अ सरपित त कहा जो निह िबगर योउनको िकयो सहाय बत उरको सताप हर यो ५ गिनका अ कदरपत जगमह अघ न करत उबर योितनको चिरत पिवऽ जािन हिर िनज िद-भवन धर यो ६ किह आचरन भलो मान भ सो तौ न जािन पर योतलिसदास रघनाथ-कपाको जोवत पथ खर यो ७

२४०सोइ सकतीसिच साचो जािह राम तम रीझगिनकागीधबिधक हिरपर गय ल कासी याग कब सीझ १

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

कब न डयो िनगम-मगत पग नग जग जािन िजत ख पायगजध कौन िदिछत जाक सिमरत ल सनाभ बाहन तिज धाय २ सर-मिन-िब िबहाय बड़ कल गोकल जनम गोपगह लीोबाय िदयो िबभव कपितको भोजन जाइ िबर-घर कीो ३ मानत भलिह भलो भगतिनत कक रीित पारथिह जनाईतलसी सहज सनह राम बस और सब जलकी िचकनाई ४

२४१तब तम मोस सठिनको हिठ गित न दतकस नाम लइ कोउ पामर सिन सादर आग लत १ पाप-खािन िजय जािन अजािमल जमगन तमिक तय ताको भ तिलयो ड़ाइ चल कर मजत पीसत दात गय िरस-रत २ गौतम-ितयगजगीधिबटपकिप ह नाथिह नीक माम जतित ित काजिनmdashmdashmdashmdashndash साध-समाज तिज कपािसध तब तब उिठग त ३ ित क काजअज अिधक आदर यिह ार पितत पनीत होत निह कतमर पासग न पिहह गयह होन खल जत ४ ह अबल करतित ितहािरय िचतवत तो न रावर चतअब तलसी पतरो बािधह सिह न जात मोप पिरहास एत ५

२४२तम सम दनबधन दीन कोउ मो सम सन नपित रघराईमोसम किटल-मौिलमन निह जग तमसम हिरन हरन किटलाई १ ह मन-बचन-कम पातक-रत तम कपा पिततन-गितदाईह अनाथ भ तम अनाथ-िहत िचत यिह सरित कब निह जाई २ ह आरतआरित-नासक तम कीरित िनगम परानिन गाईह सभीत तम हरन सकल भय कारन कवन कपा िबसराई ३ तम सखधाम राम ौम-भजन ह अित िखत िऽिबध ौम पाईयह िजय जािन दास तलसी कह राख सरन समिझ भताई ४

Vinaypatrika_ipdf 119

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२४३यह जािन चरनि िचत लायोनािहन नाथ अकारनको िहत तम समान परान-ौित गायो १ जनिन जनकसत-दार बधजन भय बत जह जह ह जायोसब ारथिहत ीित कपट िचतका निह हिरभजन िसखायो २ सर-मिनमनज-दनजअिह-िकर म तन धिर िसर कािह न नायोजरत िफरत ऽयताप पापबस का न हिर किर कपा जड़ायो ३ जतन अनक िकय सख-कारन हिरपद-िबमख सदा ख पायोअब थाो जलहीन नाव दखत िबपित-जाल जग छायो ४ मो कह नाथ बिझय यह गित सख-िनधान िनज पित िबसरायोअब तिज रौष कर कना हिर तलिसदास सरनागत आयो ५

२४४यािह त म हिर यान गवायोपिरहिर दय-कमल रघनाथिह बाहर िफरत िबकल भयो धायो १ करग िनज अग िचर मद अित मितहीन मरम निह पायोखोजत िगिरतलताभिम िबल परम सगध कहा त आयो २ सर िबमल बािर पिरपरन ऊपर क िसवार तन छायोजारत िहयो तािह तिज ह सठ चाहत यिह िबिध तषा बझायो ३ ापत िऽिबध ताप तन दान तापर सह दिरि सतायोअपनिह धाम नाम-सरत तिज िबषय-बबर-बाग मन लायो ४ तम-सम यान-िनधान मोिह सम मढ़ न आन परानिन गायोतलिसदास भ यह िबचािर िजय कीज नाथ उिचत मन भायो ५

२४५मोिह मढ़ मन बत िबगोयोयाक िलय सन कनामय म जग जनिम-जनिम ख रोयो १ सीतल मधर िपयष सहज सख िनकटिह रहत िर जन खोयो

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

ब भाितन ॐम करत मोहबस बथिह मदमित बािर िबलोयो २ करम-कीच िजय जािनसािन िचत चाहत किटल मलिह मल धोयोतषावत सरसिर िबहाय सठ िफिर-िफिर िबकल अकास िनचोयो ३ तलिसदास भ कपा कर अब म िनज दोष क निह गोयोडासत ही गइ बीित िनसा सब कब न नाथ नद भिर सोयो ४

२४६लोक-बद िबिदत बात सिन-समिझ

मोह-मोिहत िबकल मित िथित न लहितछोट-बड़खोट-खर मोटऊ बर

राम रावर िनबाह सबहीकी िनबहित १ होती जो आपन बस रहती एक ही रस

नी न हरष-सोक-सासित सहितचहतो जो जोई जोई लहतो सो सोई सोई

क भाित काकी न लालसा रहित २ करमकाल सभाउ गन-दोष जीव जग मायात

सो सभ भह चिकत चहितईसन-िदगीसिन जोगीसिनमनीसिन

छोड़ित छोड़ाय तगहाय त गहित ३ सतरजको सो राज काठको सब समाज

महाराज बाजी रची थम न हिततलसी भक हाथ हािरबो-जीितबो नाथ

ब बष ब मख सारदा कहित ४ २४७

राम जप जीह जािन ीित स तीत मािनरामनाम जप जह िजयकी जरिन

रामनामस रहिन रामनामकी कहिनकिटल किल-मल-सोक-सकट-हरिन १

रामनामको भाउ पिजयत गनराउ

िकयो न राउ कही आपनी करिन

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

भव-सागरको सत कासी सगित हतजपत सादर सभ सिहत घरिन २

बालमीिक ाध ह अगाध-अपराध-िनिध

rsquoमराrsquo rsquoमराrsquo जप पज मिन अमरिनरोो िब सोो िसध घटज नाम-बल

हार यो िहयखारो भयो भसर-डरिन ३ नाम-मिहमा अपार सष-सक बार बार

मित-अनसार बध बद बरिननामरित-कामधन तलसीको कामत

रामनाम ह िबमोह-ितिमर-तरिन ४ २४८

पािहपािह राम पािह रामभि रामचिसजस ॐवन सिन आयो ह सरन

दीनबध दीनता-दिरि-दाह-दोष-ख

दान सह दर-िरत-हरन १ जब जब जग-जाल ाकल करम काल

सब खल भप भय भतल-भरनतब तब तन धिर भिम-भार िर किर

थाप मिनसरसाध आॐम बरन २ बदलोकसब साखी काकी रती न राखी

रावनकी बिद लाग अमर मरनओक द िबसोक िकय लोकपित लोकनाथ

रामराज भयो धरम चािर चरन ३ िसलागहगीधकिपभीलभाराितचर

ाल ही कपा की तारन-तरनपील-उरन सीलिसध ढील दिखयत

तलसी प चाहत गलािन ही गरन ४ २४९

भली भाित पिहचान-जान सािहब जहा ल जग

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जड़ होत थोर थोर ही गरमीित न वीननीितहीनरीितक मलीन

मायाधीन सब िकय काल करम १ दानव-दनज बड़ महामढ़ मड़ चढ़

जीत लोकनाथ नाथ बलिन भरमरीिझ-रीिझ िदय बर खीझी-खीिझ घाल घर

आपन िनवाजकी न काको सरम २ सवा-सावधान त सजान समरथ साचो

सदगन-धाम राम पावन परमसखसमखएकरसएकपतोिह

िबिदत िबसिष घटघटक मरम ३ तोसो नतपाल न कपालन कगाल मो-सो

दयाम बसत दव सकल धरमराम कामत-छाह चाह िच मन माह

तलसी िबकलबिल किल-कधरम ४ २५०

त ह बार बार भिह पकािरक िखझावतो नजो प मोको होतो क ठाकर-ठह

आलसी-अभाग मोस त कपा पाल-पोस

राजा मर राजारामअवध सह १ सय न िदगीसन िदनसन गनस गौरी

िहत क न मान िबिध हिरउ न हरामनाम ही स जोग-छम नम म-पन

सधा सो भरोसो एसरो जह २ समाचार साथक अनाथ-नाथ कास कह

नाथ ही क हाथ सब चोरऊ पहिनज काज सरकाजआरतक काजराज

बिझय िबलब कहा क न गह ३ रीित सिन रावरी तीित-ीित रावर स

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

डरत ह दिख किलकालको कहकहही बनगी क कहायबिल जाउराम

rsquoतलसी त मरो हािर िहय न हहrsquo ४ २५१

राम रावरो सभाउ गन सील मिहमा भाउ

जाो हरहनमानलखनभरतिजक िहय-सथ राम-म-सरत

लसत सरस सख फलत फरत १ आप मान ामी क सखा सभाइ भाइपित

त सनह-सावधान रहत डरतसािहब-सवक-रीित ीित-पिरिमितनीित

नमको िनबाह एक टक न टरत २ सक-सनकािदक हलाद-नारदािद कह

रामकी भगित बड़ी िबरित-िनरतजान िबन भगित न जािनबो ितहार हाथ

समझी सयान नाथ पगिन परत ३ छ-मत िबमत न परान मतएक मत

नित-नित-नित िनत िनगम करतऔरिनकी कहा चली एक बात भल भली

राम-नाम िलय तलसी स तरत ४ २५२

बाप आपन करत मरी घनी घिट गईलालची लबारकी सधािरय बारकबिल

रावरी भलाई सबहीकी भली भई १ रोगबस तन कमनोरथ मिलन मन

पर-अपबाद िमा-बाद बानी हईसाधनकी ऐसी िबिध साधन िबना न िसिध

िबगरी बनाव कपािनिधकी कपा नई २ पितत-पावन िहत आरत-अनाथिनको

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

िनराधारको अधारदीनबधदईइम न एकौ भयो बिझ न जयो न जयो

तािहत िऽताप-तयो िनयत बई ३ ाग सधो साधको कचािल किलत अिधक

परलोक फीकी मित लोक-रग-रईबड़ कसमाज राज आजल जो पाय िदन

महाराज क भाित नाम-ओट लईः ४ राम नामको ताप जािनयत नीक आप

मोको गित सरी न िबिध िनरमईखीिझब लायक करतब कोिट कोिट कट

रीिझब लायक तलसीकी िनलजई ५ २५३

राम रािखय सरन रािख आय सब िदनिबिदत िऽलोक ित काल न दयाल जो

आरत-नत-पाल को ह भ िबन १ लाल पालपोष तोष आलसी-अभागी-अघी

नाथ प अनाथिनस भय न उिरनामी समरथ ऐसो ह ितहारो ज सो तसो

काल-चाल हिर होित िहय घनी िघन २ खीिझ-रीिझिबहिस-अनख एक बार

rsquoतलसी त मरोrsquo बिल किहयत िकनजािह सल िनरमल होिह सख अनकल

महाराज राम रावरी स तिह िछन ३ २५४

राम रावरो नाम मरो मात-िपत हसजन-सनही ग-सािहब सखा-सद

राम-नाम म-पन अिबचल िबत ह १ सतकोिट चिरत अपार दिधिनिध मिथ

िलयो कािढ़ वामदव नाम-घत ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

नामको भरो सो बल चािर फलको फल

सिमिरय छािड़ छल भलो कत ह २ ारथ-साधक परमारथ-दायक नाम

राम-नाम सािरखो न और िहत हतलसी सभाव कही सािचय परगी सही

सीतानाथ-नाम िनत िचतको िचत ह ३ २५५

रामरावरो नाम साध-सरत हसिमर िऽिबध घाम हरत परत काम

सकल सकत सरिसजको स ह १ लाभको लाभ सखको सख सरबस

पितत-पावन डरको ड हनीचको ऊचको रकको रावको

सलभ सखद आपनो-सो घ ह २ बद परान परािर पकािर को

नाम-म चािरफलको फ हऐस राम-नाम स न ीित न तीित मन

मर जान जािनबो सोई नर ख ह ३ नाम-सो न मात-िपत मीत-िहत बध-ग

सािहब सधी ससील सधाक हनामस िनबाह न दीनको दया द

दासतलसीको बिल बड़ो ब ह ४ २५६

कह िबन रो न परतकह राम रस न रहततमस ससािहबकी ओट जन खौटो-खरो

कालकी करमकी कसासित सहत १ करत िबचार सार पयत न क क

सकल बड़ाई सब कहा त लहत

नाथकी मिहमा सिन समिझ आपिन ओर

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हिर हािर क हहिर दय दहत २ सखा न ससवक न सितय न भ आप

माय-बाप तही साचो तलसी कहतमरी तौ थोरी ह सधरगी िबगिरयौबिल

राम रावरी स रही रावरी चहत ३ २५७

दीनबध िर िकय दीनको न सरी सरनआपको भल ह सब आपनको कोऊ क

सबको भलो ह राम रावरो चरन १ पाहनपसपतगकोलभीलिनिसचर

काच त कपािनधान िकय सबरनदडक-पिम पाय परिस पनीत भई

उकठ िबटप लाग फलन-फरन २ पितत-पावन नाम बाम दािहनो दव

नी न सह-ख-षन-दरनसीलिसध तोस ऊची-नीिचयौ कहत सोभा

तोसो तही तलसीको आरित-हरन ३ २५८

जािन पिहचािन म िबसार ह कपािनधानएतो मान ढीठ ह उलिट दत खौिर ह

करत जतन जास जोिरब को जोगीजनतास जरी सो अभागो बठो तोिर ह १

मोसो दोस-कोसको भवन-कोस सरो नआपनी समिझ सिझ आयो टकटोिर ह

गाड़ीक ानकी नामाया मोहकी बड़ाईिछनिह तजत िछन भजत बहोिर ह २

बड़ो सा-िोही न बराबरी मरीको कोऊ

नाथकी सपथ िकय कहत करोिर हिर कीज ारत लबार लालची पची

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

सधा-सो सिलल सकरी गहडोिरह ३ रािखय नीक सधािर नीचको डािरय मािर

ओरकी िबचािर अब न िनहोिरहतलसी कही ह साची रख बार बार खाची

ढील िकय नाम-मिहमाकी नाव बोिरह ४ २५९

रावरी सधारी जो िबगारी िबगरगी मरीकहबिलबदकी न लोक कहा कहगो

भको उदास-भाउ जनको पाप-भाउ

भाित दीनब दीन ख दहगो १ म तो िदयो छाती पिबलयो किलकाल दिब

सासित सहतपरबस को न सहगो बाकी िबदावली बनगी पाल ही कपा

अत मरो हाल हिर य न मन रहगो २ करमी-धरमी साध-सवक िबरत-रत

आपनी भलाई थल कहा कौन लहगो तर म ह फर मोस कायर-कपत-कर

लट लटपटिन को कौन पिरगहगो ३ काल पाय िफरत दसा दया सबहीकी

तोिह िबन मोिह कब न कोऊ चहगोबचन-करम-िहय कह राम सह िकय

तलसी प नाथक िनबाहई िनबहगो ४ २६०

सािहब उदास भय दास खास खीस होतमरी कहा चली ह बजाय जाय रो ह

लोकम न ठाउ परलोकको भरोसो कौन

ह तो बिल जाउरामनाम ही त लो ह १ करमसभाउकामकोहलोभमोह-

माह अित गहिन गरीबी गाढ़ गो ह

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

छोिरबको महाराजबािधबको कोिट भटपािह भ पािह ित ताप-पाप दो ह २

रीिझ-बिझ सबकी तीित-ीित एही ारधको जर यो िपयत फिक फिक मो ह

रटत-रटत लोजाित-पाित-भाित घोजठिनको लालची चह न ध-नो ह ३

अनत चो न भलोसपथ सचाल चोनीक िजय जािन इहा भलो अनचो ह

तलसी समिझ समझायो मन बार बारअपनो सो नाथ स किह िनरबो ह ४

२६१मरी न बन बनाय मर कोिट कलप ल

राम रावर बनाय बन पल पाउ मिनपट सयान हौ कपािनधान कहा कह

िलय बर बदिल अमोल मिन आउ म १ मानस मलीनकरतब किलमल पीन

जीह न जो नामबो आउ-बाउ मकपथ कचाल चो भयो न भिल भलो

बाल-दसा न खो खलत सदाउ म २ दखा-दखी दभ त िक सग त भई भलाई

किट जनाई िकयो िरत-राउ मदोष

राग रोषmdash- पोष गोगन समत मनष

इनकी भगित कीी इनही को भाउ म ३ आिगली-पािछली अबकी अनमान ही त

बिझयत गित क की तो न काउ मजग कह रामकी तीित-ीित तलसी

झठ-साच आसरो साहब रघराउ म ४

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२६२को न परतिबन कह न रो परत

बड़ो सख कहत बड़ सबिलदीनताभकी बड़ाई बड़ीआपनी छोटाई छोटी

भकी पनीतता आपनी पाप-पीनता १ ओर समिझ सकिच सहमत मन

सनमख होत सिन ामी-समीचीनतानाथ-गनगाथ गायहाथ जोिर माथ नाय

नीचऊ िनवाज ीित-रीितकी बीनता २ एही दरबार ह गरब त सरब-हािन

लाभ जोग-छमको गरीबी-िमसकीनतामोटो दसकध सो न बरो िबभीषण सो

बिझ परी रावरकी म-पराधीनता ३ यहाकी सयानपअयानप सहस सम

सधौ सतभाय कह िमटित मलीनतागीध-िसला-सबरीकी सिध सब िदन िकय

होइगी न साई स सनह-िहत-हीनता ४ सकल कामना दत नाम तरो कामत

सिमरत होत किलमल-छल-छीनताकनािनधान बरदान तलसी चहत

सीतापित-भि-सरसिर-नीर-मीनता ५ २६३

नाथ नीक क जािनबी ठीक जन-जीयकीरावरो भरोसो नाह क स-म-नम िलयो

िचर रहिन िच मित गित तीयकी १ ककत-सकत बस सब ही स सग पर यो

परखी पराई गित आपन कीयकीमर भलको गोसाई पोचकोन सोच-सक

ह िकय कह सह साची सीय-पीयकी २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

यान-िगराक ामीबाहर-अतरजामीयहा रगी बात मखकी औ हीयकी

तलसी ितहारोतमह प तलसीक िहतरािख कह ह तो जो प हौ माखी घीयकी ३

२६४मरो को सिन पिन भाव तोिह किर सो

चािर िबलोचन िबलोक त ितलोक महतरो ित काल क को ह िहत हिर-सो १

नय-नय नह अनभय दह-गह बिस

परख पची म परत उघिर सोसद-समाज दगाबािजहीको सौदा-सत

जब जाको काज तब िमल पाय पिर सो २ िबबध सयान पिहचान कध नाह नीक

दत एक गन लत कोिट गन भिर सोकरम-धरम ौम-फल रघबर िबन

राखको सो होम ह ऊसर कसो बिरसो ३ आिद-अत-बीच भलो भलो कर सबहीको

जाको जस लोक-बद रो ह बगिर-सोसीतापित सािरखो न सािहब सील-िनधान

कस कल पर सठ बठो सो िबसिर-सो ४ जीवको जीवन-ान ानको परम िहत

ीतमपनीतकत नीचन िनदिर सोतलसी तोको कपा जो िकयो कोसलपा

िचऽकटको चिरऽ चत िचत किर सो ५ २६५

तन सिचमनिच मख कह rsquoजन ह िसय-पीकोrsquoकिह अभाग जाो निह जो न होइ नाथ स नातो-नह न नीको १

जल चाहत पावक लह िबष होत अमीकोकिल-कचाल सतिन कही सोइ सही मोिह क फहम न तरिन तमीको २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

जािन अध अजन कह बन-बािघनी-घीकोसिन उपचार िबकारको सिबचार कर जब तब बिध बल हर हीको ३

भ स कहत सकचात ह पर जिन िफिर फीकोिनकट बोिलबिलबरिजयपिरहर ाल अब तलिसदास जड़ जीको ४

२६६ िनकट भयो चह कपा िर पर यो ह

तम च जग रस एक राम ह रावरो जदिप अघ अवगनिन भर यो ह बीच पाइ एिह नीच बीच ही छरिन छर यो ह

ह सबरन कबरन िकयो नपत िभखािर किर समितत कमित कर यो ह २ अगिनत िगिर-कानन िफरयो िबन आिग जर यो ह

िचऽकट गय ह लिख किलकी कचािल सब अब अपडरिन डर यो ह ३ माथ नाइ नाथ स कह हात जोिर खर यो ह

ची चोर िजय मािरह तलसी सो कथा सिन भस गदिर िनबर यो ह ४ २६७

पन किर ह हिठ आजत रामार पर यो हrsquoत मरोrsquoयह िबन कह उिठहौ न जनमभिर भकी सौकिर िनर यो ह १

द द धा जमभट थक टार न टर यो हउदर सह सासित सही बबार जनिम जग नरकिनदिर िनकर यो ह २

ह मचला ल छािड़ह जिह लािग अर यो हतम दयाबिनह िदयबिलिबलब न कीिजय जात गलािन गर यौ ह ३

गट कहत जो सकिचय अपराध-भर यो हतौ मनम अपनाइय तलसीिह कपा किर किल िबलोिक हहर यो ह ४

२६८तम अपनायो तब जािनहजब मन िफिर पिरह

जिह सभाव िबषयिन लयो तिह सहज नाथ स नह छािड़ छल किरह १ सतकी ीिततीित मीतकी नप डर डिरह

अपनो सो ारथ ािमस च िबिध चातक एक टकत निह टिरह २

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गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

हरिषह न अित आदर िनदर न जिर मिरहहािन-लाभ ख-सख सब समिचत िहत-अनिहतकिल-कचािल पिरहिरह ३

भ-गन सिन मन हरिषह नीर नयनिन ढिरहतलिसदास भयो रामको िबासम लिख आनद उमिग उर भिरह ४

२६९राम कब िय लािगहौ जस नीर मीनको

सख जीवन जीवको मिन फिनको िहत धन लोभ-लीनको १ सभाय िय लगित नागरी नागर नवीनको

मर मन लालसा किरय कनाकर पावन म पीनको २ मनसाको दाता कह ौित भ बीनको

तलिसदासको भावतोबिल जाउ दयािनिध दीज दान दीनको ३ २७०

कब कपा किर रघबीर मो िचतहोभलो-बरो जन आपनोिजय जािन दयािनिध अवगन अिमत िबतहो १

जनम जनम ह मन िजो अब मोिह िजतहोह सनाथ हौ सहीतम अनाथपित जो लघतिह न िभतहो २

िबनय कर अपभय त त परम िहत होतलिसदास कास कह तमही सब मरभ-गमात-िपत हो ३

२७१जसो ह तसो राम रावरो जन जिन पिरहिरय

कपािसधकोसलधनी सरनागत-पालक ढरिन आपनी ढिरय १ ह तौ िबगरायल और को िबगरो न िबगिरय

तम सधािर आय सदा सबकी सबही िबिध अब मिरयो सधिरय २ जग हिसह मर समह कत इिह डर डिरय

किप-कवट की सखा जिह सीलसरल िचत तिह सभाउ अनसिरय ३ अपराधी तउ आपनो तलसी न िबसिरय

टिटयो बाह गर पर फट िबलोचन पीर होत िहत किरय ४

Vinaypatrika_ipdf 133

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

२७२तम जिन मन मलो करो लोचन जिन फरो

सन राम िबन रावर लोक परलोक कोउ न क िहत मरो १ अधम

अगन-अलायक-आलसी जािनmdashmdash-अनरोअधन

ारथक सािथ तो ितजराको- सो टोटकऔचट उलिट न हरो २ भगितहीन बद-बािहरो लिख किलमल घरो

दविन दव पिरहरयो अाव नितनको ह अपराधीसब करो ३ नामकी ओट पट भरत ह प कहावत चरो

जगत-िबिदत बात परी समिझय ध अपन लोक िक बद बड़रो ४ ह जब-जब तमिह त तलसीको भलरो

दविदन--िदनmdashndashिबगिर हबिल जाउ िबलब िकयअपनाइय सबरो ५

दीन२७३

तम तिज ह कास कह और को िहत मर दीनबधसवकसखाआरतअनाथपर सहज छोह किह कर १

बत पितत भविनिध तर िबन तिर िबन बरकपा-कोप-सितभाय धोख-ितरछराम ितहारिह हर २

जो िचतविन सधी लग िचतइय सबरतलिसदास अपनाइय कीज न ढील अब िजवन-अविध अित नर ३

२७४जाउ कहा ठौर ह कहा दव िखत-दीनको

को कपा ामी-सािरखो राख सरनागत सब अग बल-िबहीनको १ गिनिहगिनिह सािहब लह सवा समीचीनको

अधमmdashndashअगन आलिसनको पािलबो फिब आयो रघनायक नवीनको २

134 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

अधनमखक कहा कह िबिदत ह जीकी भ बीनको

ित काल ित लोकम एक टक रावरी तलसीस मन मलीनको ३ २७५

ार ार दीनता कही कािढ़ रद पिर पाह दया नी दस िदसाख-दोष-दलन-छम िकयो न सभाषन का १

जोतनmdashmdash-किटल कीट त मात-िपताजनतऊ

काहको रोषदोष कािह धमर ही अभाग मोस सकचत इ सब छा २ िखत दिख सतन को सोच जिन मन मा

तोस पस-पावर-पातकी पिरहर न सरन गय रघबर ओर िबना ३ तलसी ितहारो भय भयो सखी ीती-तीित िबना

नामकी मिहमासील नाथको मरो भलो िबलोिक अब त सकचािसहा ४ २७६

कहा न िकयोकहा न गयो सीस कािह न नायो राम रावर िबन भय जन जनिम-जनिम जग ख दस िदिस पायो १

आस-िबबस खास दास नीच भिन जनायोहा हा किर दीनता कही ार-ार बार-बार परी न छारमह बायो २

असन-बसन िबन बावरो जह-तह उिठ धायोमान

मिहमाmdashmdashिय ानत तिज खोिल खलिन आग िखन-िखन पट खलायो ३ अस नाथ हाथ क नािह लयो लालच ललचायो

साच कहनाच कौन सो जो न मोिह लोभ लघ ह िनरल नचायो ४ मन

ौवन-नयन-मगmdashmdashलग सब थल पितयायोअग

Vinaypatrika_ipdf 135

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

मड़ मािरिहय हािरक िहत हिर हहिर अब चरन-सरन तिक आयो ५ दसरथक समरथ तह िऽभवन जस गायो

तलिस नमत अवलोिकयबाह-बोल बिल द िबदावली बलायो ६ २७७

राम राय िबन रावर मर को िहत साचो ामी-सिहत सबस कहसिन-गिन िबसिष कोउ रख सरी खाचो १

दह-जीव-जोगक सखा मषा टाचन टाचोिकय िबचार सार कदिल मिन कनकसग लघ लसत बीच िबच काचो२

rsquoिबनय-पिऽकाrsquo दीनकीबाप आप ही बाचोिहय हिर तलसी िलखीसो सभाय सही किर बिर पिछय पाचो ३

२७८पवन-सवन िरप-दवन भरतलाल लखन दीनकी

िनज िनज अवसर सिध िकयबिल जाउ दास-आस पिज ह खासखीनकी १ राज-ार भली सब कह साध-समीचीनकी

सकत-सजससािहब-कपाारथ-परमारथगित भय गित-िबहीनकी २ समय सभािर सधािरबी तलसी मलीनकी

ीित-रीित समझाइबी नतपाल कपािह परिमित पराधीनकी३ २७९

माित-मनिच भरतकी लिख लषन कही हकिलकाल नाथनाम स परतीित-ीित एक िककरकी िनबही ह १

सकल सभा सिन ल उठी जानी रीित रही हकपा गरीब िनवाजकीदखत गरीबको साहब बाह गही ह २

िबहिस राम को rsquoसहसिध म लही हrsquoरघनाथ

मिदत माथ नावत बनी तलसी अनाथकीपरीmdashmdashmdashसही ह ३ रघनाथ हाथ

ौीसीतारामाप णम

136 sanskritdocumentsorg

गोामी तलसीदास कत िवनयपिऽका

इितौी

gosvaamii tulasiidaasa kRita vinayapatrikaa

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Vinaypatrika_ipdf 137

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