11
G:\1- Copy.doc - 1 - (भारत सरकार, गृह मंालय, राजभाषा विभाग ारा ितत) काययिृत तृतीय तृतीय तृतीय समीा बैठक दिनांक दिनांक दिनांक : बुधिार बुधिार बुधिार , , 2 2 1 1 / / 0 0 9 9 / / 2 2 0 0 1 1 6 6

तृती सीक्षा ैठक दिनांक ुधिाुधिाुधिा,,, 2 22111///0 00999 ...164.100.160.134/narakas/agendaminutes/2016/M1_195_2016.pdf ·

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(भारत सरकार, गह मतरालय, राजभाषा विभाग दवारा परिरततत)

काययित त

ततीयततीयततीय समीकषा बठक

दिनाक दिनाक दिनाक : बधिारबधिारबधिार,,, 222111///000999///222000111666

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नगर राजभाषा काराान रन मिति , कोटा (बक) की ीमरी मतीकषा बठक दिनााक 21/9/2016

कारा त

दिनाक 21/09/2016 को स / बक क ब बीकान/र डज जयरर, कोा अचल कायायलय क/ सयोजन म/

होल चजीराम, कोा म नगर राजभाषा कायायन ियन सवमवत, कोा (बक क) की तीसरी समीकषा

बठक 12:00 बज/ आयोवजत की गई। बठक की अध यकषता ी जग राल िसह, उरमहापरबधक

डसबीबीज/ कोा दवारा की गई। बठक म सिस य बक क क/ कायायलय परमो डि राजभाषा सिगय क/

अवधकाररय डि परभारी राजभाषा अवधकारी न/ सहभावगता िी । इस बठक म सवमवत क/ अध यकष,

सिस य क/ अवतररा त भारत सरकार, गह मतरालय राजभाषा विभाग, कष/तरीय कायायन ियन कायायलय

(मध य कष/तर ) क/ सहायक वनि/शक ी हरीश िसह चौहान भी उरवसित हड। बठक म सियपरिम

सिस य सवचि ी रजनीश कमार यािि दवारा उरवसित समस त सिस य कायायलय क/ कायायलय

परमो /शाो ा परमो तिा राजभाषा अवधकाररय का स िागत दकया गया । कोा नगर म वसित

रजाब न/शनल बक क क/ सहायक महापरबधक ी री क/ िमाय, स / बक क ब ररयाला क/ मय य

परबधक ी अरण कमार जन दवारा तिा सहायक महापरबधक ी सी डम को /चा दवारा अध यकष

महोिय डि ी हरीश िसह चौहान, गह मतरालय परवतवनवध का स िागत दकया गया । काययकरम की

शरआत, अध यकष नराकास कोा (बक क) , गह मतरालय परवतवनवध भारत सरकार तिा उरवसित

सहायक महापरबधक डि सिस य सवचि क/ दवारा िीर पर िलन कर परारभ दकया गया । इसक/

रश चात मचासीन अवतवि का सम मान भी दकया गया ।

(अध यकष महोिय डि गह मतरालय परवतवनवध का सम मान करत/ हड सिस य उमपर /समपर)

(िीर पर िलन )

(गह मतरालय क/ परवतवनवध का अध यकष महोिय दवारा सम मान)

ति माख रा : 1 पररचर मतर

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रररचय सतर क/ िौरान अध यकष महोिय ी जग राल िसह डि सिस य सवचि सवहत समस त सिस य

का रररचय दिया गया । रररचय क/ िौरान, समीकषाधीन छमाही म सिस य कायायलय दवारा

राजभाषा िहिी क/ परगामी परयोग को बढािा दिड जान/ िाल/ कायो का सवकषप त वििरण भी परस तत

दकया गया।

(रररचय-सतर)

ति माख रा : 2 पपछली बठक क कारा त की पषटट

सिस य सवचि न/ दिनाक 13/04/2016 को आयोवजत िसरी बठक क/ काययित त की विवभन न मि

स/ सवमवत को अिगत कराया और सभी सिस य स/ वनि/िन दकया दक वरछली बठक क/ काययित त क/

सबध म यदि कोई सशोधन या सझाि हो तो सवमवत को अिगत कराड अन यिा बठक क/ काययित त

की रवि कर । सभी सिस य न/ सियसम मवत स/ वरछली बठक क/ काययित त की रवि की।

ति माख रा: 3 मिस र काराालर की छताीी ररपोटा पर मतीकषा

सिस य सवचि दवारा सभी सिस य कायायलय क/ छमाही रररो य की समीकषा की गई । रररो य म राई

गई कवमय को समझात/ हड तिा उसक/ वनराकरण सबधी सझाि दिड गड तिा अध यकष महोिय

डि गह मतरालय क/ परवतवनवध न/ तत काल इन कवमय को िर करन/ क/ आि/श दिड। सिस य सवचि

न/ सवमवत क/ सिस य क/ दवारा सराहनीय कायय करन/ िाल की परशसा की तिा भारत सरकार, गह

मतरालय, राजभाषा विभाग दवारा वनधायररत िारतषक काययकरम डि लकषय य क/ बार/ म समस त सिस य

को सविस तार बताया । अध यकष महोिय न/ इस सबध म बताया दक हमन/ उा त िारतषक काययकरम

को त िररत सिभय क/ वलड हमारी नराकास की रवतरका चबल भारती म भी परकावशत दकया ह तादक

इसका लाभ सभी सिस य कायायलय ल/ सक ।

पराप त छमाही रररो य क/ आधार रर अध यकष महोिय न/ सभी सिस य कायायलय स/ वनम नवलवो त

मि रर विश/ष ध यान ि/न/ क/ वलड कहा ।

राजभाषा अवधवनयम 1963 की धारा 3(3) क/ िस ताि/ज का वदवभाषीकरण ।

राजभाषा वनयम 1976 क/ वनयम -5 क/ तहत िहिी म पराप त रतर क/ उत तर िहिी म दिड

जान/ सबधी वनयम रर ।

राजभाषा वनयम 1976 क/ वनयम 11, वनयम -12 को भी स रष दकया गया ।

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समीकषा क/ िौरान वनम नवलवो त मि रर सवकषप त चचाय की गई ।

1. रजाब न/शनल बक क क/ डमसीबी शाो ा दवारा कायो की सराहना की गई डि इस परकार क/

कायय करन/ क/ वलड सभी सिस य को पर/ररत दकया गया ।

2. अध यकष महोिय न/ िहिी दििस डि िहिी रो िा / क/ िौरान आयोवजत काययकरम को

सविस तार रररो य क/ साि िशायन/ को कहा।

3. सभी सिस य कायायलयो न/ रररो य पर/वषत की ल/दकन समय स/ रररो य पर/वषत करन/ का आि/श

दिया गया तादक समीकषा क/ वलड भी उवचत समय वमल सक/ ।

4. छोी-छोी तररय स/ बचन/ क/ वलड तिा उवचत डि यिाियररक रररो य करन/ को कहा

गया ।

5. सिस य सवचि न/ परत य/क मि रर समीकषा करत/ हड परत य/क कायायलय क/ अछ छ/ गण को

अनसरण करत/ हड अरनाड जान/ क/ वलड कहा ।

(कारयिाई : समस त सिस य कायायलय)

मि सय या : 5 ‘नगर राजभाषा कायायन ियन सवमवत, कोा (बक क) की अधयिारतषक रवतरका

‘चबल भारती‘ का परकाशन डि अनािरण

नगर राजभाषा कायायन ियन सवमवत की तीसरी बठक म सवमवत की अधयिारतषक रवतरका ‘चबल

भारती’ क/ वदवतीय अक का परकाशन डि अनािरण दकया गया । इस िौरान अध यकष महोिय, गह

मतरालय क/ परवतवनवध, सिस य सवचि सवहत उर महापरबधक बक क ब ब ौिा, सहायक

महापरबधक ी को /चा सटरल बक क ब इवजया, ी री क/ िमाय (समपर रजाब न/शनल बक क) को

भी आमवतरत दकया गया डि रवतरका अनािरण करत/ हड समस त सिस य म वदवतीय अक को

वितररत दकया गया ।

‘चबल भारती’ रवतरका क/ वदवतीय अक का अनािरण

5(क) - नराकास कोा (बक क) की रवतरका चबल भारती क/ बार/ म सिस य सवचि डि सरािक

ी रजनीश यािि न/ बताया दक यह रवतरका अध यकष महोिय ी जग राल िसह क/ मागयिशयन म

माननीय परधान मतरी ी नर/न र मोिी जी क/ फलगवशर काययकरम ‘ब/ी बचाओ –ब/ी रढाओ’ को

क रीय भाि म रो कर तयार दकया गया ह और नगर क/ समस त बक क क/ माध यम स/ इस अवभयान

को डक सामवजक आिोलन बनाड जान/ का डक परयास दकया गया ह। अध यकष महोिय डि

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सिस य सवचि क/ इस परयास को समस त सिस य डि गह मतरालय क/ परवतवनवध दवारा करतल

ध िवन स/ स िागत दकया गया ।

ति माख रा :6 नराकाम क मषचार माचालन क िलए अाशिान रािश पर चचाा

सिस य सवचि न/ अिगत कराया दक क/ िल डक ही बक क क/ दवारा वरछली िो बठको क/ िौरान

अशिान नही दिया गया िा ककत उनक/ परधान कायायलय स/ सरकय करत/ हड इस िषाात तक

समस त सिस य कायायलय स अशिान की रावश पराप त कर ली गई । अध यकष महोिय न/ सभी

सिस य कायायलय स/ आगामी िषय क/ वलड अशिान की रावश रर रनरतिचार क/ रश चात अपरल

माह स/ ल/कर माचय तक का िषय वनधायररत दकया डि इस सबध म सिस य सवचि ी रजनीश

यािि न/ सवमवत को अिगत कराया की वरछल/ बठक म हड व यय डि आगामी व यय को ि/ो त/

हड ितयमान अशिान की रावश ररय/ 10,000.00 (ररय/ िस हजार) िारतषक, इस िषय क/ वलड

भी जारी रो / जान/ का परस ताि रो ा । इस सबध म समस त सिस य कायायलय न/ अरनी सहमवत

व या त की डि समस त सिस य की सियसम मवत स/ अशिान ररय/ 10,000 .00 (ररय/ िस हजार

िारतषक) जारी िषय क/ वलड तय दकया गया। अशिान क/ माध यम स/ राजभाषा की सवमवत को

सहयोग ि/न/ सबधी तत काल रतर वलो न/ क/ बार/ म अध यकष महोिय दवारा कहा गया ।

(कारयिाई : समस त सिस य कायायलय)

ति माख रा : 7 नराकाम कलडर क अनषमार आगाती ताी त काराकरत का आरोजन ककरा जाना

सिस य सवचि ी यािि न/ अिगत कराया दक वजस परकार हमार/ नराकास की बठक क/ वलड

कलजर वनधायररत हक उसी तरह हम विवभन न काययकरम का कलजर वनधायररत करना होगा डि

नराकास की गवतविवधय को सचार रर स/ गवतमान रो ना होगा । इस सबध म रजाब

न/शनल बक क क/ सहायक महापरबधक ी री क/ िमाय न/ सियपरिम स ि/छ छा स/ काययकरम आयोजन क/

बार/ म अरनी सहमवत िी । इसक/ रश चात, बक क ब बजौिा तिा सटरल बक क ब इवजया तिा

इलाहाबाि बक क डि स / बक क ब ररयाला क/ शाो ा परबधक /कायायलय परमो न/ भी

स ि/छ छा स/ काययकरम क/ आयोजन ह/त सहमवत िी । अध यकष महोिय न/ परस तावित काययकरम का

नाम डि महीना का वििरण डक सप ताह क/ भीतर नराकास सवचिालय को सवचत करन/ का

वनि/श दिया । (कारााई : मतस मिस र काराालर)

ति माख रा : 8 नगर राजभाषा काराान रन मिति की बमाटट का िनताा

सिस य सवचि न/ अिगत कराया दक नराकास की ि/बसाइ का वनमायण दकया जाना ह इस

सबध म सभी अरन/ सझाि भ/ज । इस सबध म गह मतरालय क/ परवतवनवध ी हरीश िसह

चौहान न/ बताया दक ि/बसाइ का वनमायण कायय समस त सिस य कायायलय आरस म बा ल/

तादक नराकास की ि/बसाइ वनयवमत रर स/ वनमायण होन/ क/ रश चात अयतनतन होता रह/।

रजाब न/शनल बक क/ सहायक महापरबधक ी री क/ िमाय न/ नराकास कोा की ि/बसाइ ह/त

अरना योगिान दिड जान/ का सझाि सियपरिम सवमवत क/ समकष रो ा। अध यकष महोिय न/

रजाब न/शनल बक क क/ इस सझाि का स िागत दकया डि इस दिशा म कायय करन/ का सझाि

दिया । (कारााई : मतस मिस र काराालर/ पाजाब नशनल बक )

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ति माख रा 9: तल रााकन क आ ार पर पषरस कार प र सिस य सवचि न/ अिगत कराया दक वरछली छमाही अिायत 01 जनिरी 2016 स/ 30 जन 2016

तक क/ छमाही क/ वलड नगर वसित सिस य कायायलय स/ िहिी क/ परगामी परयोग की म याकन

की गई वजसम वनम नवलवो त कायायलय को ररस कत दकया गया ।

पाजाब नशनल बक – परथत पषरस कार मटरल बक ऑफ टाडडरा – दप ीर पषरस कार स टट बक ऑफ तरा कोर – ीर पषरस कार

उा त बक क क/ कायायलय परमो को अध यकष महोिय डि गह मतरालय परवतवनवध क/ कर कमल स/

शी ज परिान की गई डि सबवधत बक क क/ राजभाषा अवधकारी/ राजभाषा परभारी को परमाण

रतर परिान दकड गड ।

(परिम ररस कार) (वदवतीय ररस कार)

(ततीय ररस कार)

मि सय या :10 गह मतरालय , राजभाषा विभाग क/ परवतवनवध दवारा समीकषा डि म याकन

डि मागयिशयन

सियपरिम गह मतरालय, राजभाषा विभाग , भारत सरकार क/ कष/तरीय कायायन ियन कायायलय

(मध य कष/तर ) स/ रधार/ सहायक वनि/शक ी हरीश िसह चौहान न/ गह मतरालय की ओर स/

समस त सिस य का अवभनिन करत/ हड कहा दक नराकास कोा (बक क) की यह तीसरी बठक ह

और सिस य कायायलय की उरवसिवत डि सदकरय भागीिारी तिा वरछली बठक म उनकी

सदकरयता को ि/ो त/ हड यह वन:सि/ह बधाई का रातर ह । नराकास कोा (बक क) की तीसरी

बठक होन/ क/ बािजि यह नराकास दकसी भी मामल/ म ररान/ नराकास की तलना म कम नही

ह । ी चौहान न/ सिस य सवचि का उत साह िधयन करत/ हड उनक/ दवारा सिस य कायायलय की

म याकन रररो य रर की गई चचाय की मा त कठ स/ सराहना की । इसक/ रश चात भारत सरकार

क/ वनयम की चचाय करत/ हड सिस यो को वनयम/ अवधवनयम डि सक र क/ बार/ म अिगत

कराया । उन ह न/ इस बात रर जोर ि/त/ हड कहा दक ससिीय सवमवत की बठक म नराकास की

बठक म दकतन/ लोग उरवसित रह/ इस रर गभीरता स/ विचार दकया जाता ह और उन ह न/

स रष दकया दक बठक म यदि कायायलय परमो की उरवसिवत नही ह तो उस कायायलय को

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अनरवसित की सजञा िी जाड । इस िौरान उन ह न/ कहा दक यदि दकसी अरररहायय कारण स/

कायायलय परमो बठक म उरवसित नही हो रा रह/ हक तो तत काल नराकास अध यकष/ सिस य

सवचि क/ सजञान म यह बात ई म/ल/ बा स क/ माध यम स/ लाया जाड डि बठक म उनक/ बाि क/

अवधकारी की उरवसिवत क/ सिभय ि/त/ हड इस सबध म अनमवत भी ली जाड ।

अरन/ उदबोधन क/ िौरान ी हरीश िसह चौहान न/ सरल – सहज िहिी क/ परयोग रर

जोर दिया तिा अिगत कराया दक भाषा म शबद ि का परिाह कई ोोत स/ वलया

जाता ह। यह भाषा आम आिमी तक जानी चावहड इस ह/त विश/ष ध यान दिया जाड।

ी चौहान न/ अरन/ सबोधन म यह भी कहा दक हमारा ि/श का आधार बहसास कवतक

ह और इस रररि/श म िहिी सबस/ यािा कारगर डि जजाि की भाषा ह ।

सवमवत क/ सिस य कायायलय को मागयिशयन परिान करत/ हड गह मतरालय क/ परवतवनवध

ी हरीश िसह चौहान न/ कहा दक रररो य भ/जत/ समय गभीरता स/ ध यान दिया जाड,

रणय तस ली क/ बाि इस/ भ/ज/ और सभी कायायलय ईमानिारी स/ यिािय आक / परस तत

कर ।

सिस य सवचि न/ अिगत दकया दक गह मतरालय, राजभाषा विभाग, दवारा हमार/ नराकास क/

वलड अपरल डि वसतबर माह तया दकया गया ह । सभी सिस य को अपरल -2017 माह म होन/

िाल/ आगामी समीकषा बठक क/ वलड तयार रहन/ ह/त तिा अवनिाययत: अरनी उरवसिवत ि/न/

ह/त कहा गया । बठक की वतवि डि स िान को बाि म सवचत दकड जान/ का वनणयय वलया गया।

(गह मतरालय क/ परवतवनवध ी हरीश िसह चौहान दवारा समीकषा / मागयिशयन )

ति माख रा : 11 अध रकषीर माबो न : अध यकषीय सबोधन क/ िौरान सियपरिम अध यकष महोिय न/ सिस य कायायलय की उरवसिवत ह/त

सभी सिस य को बधाई िी साि ही परसन नता व या त दकया दक कायायलय परमो की उरवसिवत

स/ सवमवत को शवि वमलती ह, इस ह/त उन ह न/ सभी कायायलय को बधाई िी और क हा दक यह

अत यत गिय का विषय ह दक गह मतरालय न/ वजस भािना स/ हम यह िावयत ि दिया ह, उसकी

रवितरता को बनाड रो न/ म आर सभी का इसी परकार योगिान वमलता रह/, तो हमारी सवमवत

न क/ िल अछ छा कायय कर/गी िरन इस परकार की भािना स/ वन:सि/ह ही िहिी क/ परगामी परयोग

को यिािय रर स/ बढािा वमल/गी । सिस य सवचि क/ यिािय रररोग की बात को आग/ बढात/

हड अध यकष महोिय न/ सभी सिस य स/ कहा दक ि/ यिािय रर स/ िहिी म यदि कायय करग/ तो

रररोग क/ साि- साि िहिी भी सही मायन/ म अरन/ गौरिमयी स िान को पराप त कर सक/ गी।

समीकषाधीन छमाही क/ िौरान आयोवजत काययकरम क/ वलड आयोजक कायायलय क/ परयास की

सराहना करत/ हड अध यकष महोिय न/ सभी वि ज/ताओ को बधाई िी तिा सभी सिस य

कायायलय को सदकरयता स/ नराकास क/ काययकरम म उरवसिवत सवनवित करन/ को कहा । इसक/

अलािा नराकास की रवतरका ‘चबल भारती’ क/ वलड योगिान ि/न/ िाल/ समस त कायायलय को

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G:\1- Copy.doc - 8 -

भी बधाई िी । इसक/ रश चात अध यकष महोिय न/ िहिी क/ सबध म वनम नवलवो त अरन/ विचार

रो / ।

अध यकष महोिय न/ बताया दक भाषा सिाि डि सपर/षण का माध यम हक और इसम िहिी

सबस/ यािा सशा त माध यम बनन/ की कषमता स/ या त ह। ररा भारत ि/श िहिी

समझता ह और यदि राजभाषा िहिी म कायय रर/ मनोयोग स/ दकया जाड तो िह न

क/ िल शासन –परशासन की रारिरतशता का परतीक होगा अवरत यह ‘बहजन वहताय –

बहजन सो ाय ‘ होगा ।

अध यकष महोिय न/ सिन को सबोवधत करत/ हड कहा दक िास ति म िहिी का परयोग

मानवसकता स/ ज ा हआ सिाल ह । िहिी को हीन भािना क/ बजाड गिय की भािना

स/ स िीकार करन/ की आिश यकता ह।

सावहवतयक भाषा क/ बजाड आम बोलचाल की भाषा का परयोग कर ।

िहिी की स/िा िस तत: ि/श की स/िा ह । इस विषय रर अध यकष महोिय क/ विचार स/

समस त सिन करतल ध िवन स/ गज उठा ।

अध यकष महोिय न/ बताया दक िहिी का गौरिशाली इवतहास रहा ह और यह लोग

को जो न/ िाली भाषा ह वजसन/ ि/श क/ स िततरता आन िोलन क/ िौरान महत िरणय

भवमका वनभाया िा । िहिी म जो ताकत ह िह दकसी अन य भाषा म नही ह ।

अत म सभी स/ अनरोध करत/ हड उन ह न/ कहा दक िहिी क/ परवत पर/म, कतयव य की

भािना जागत कर ।

(अध यकषीय सबोधन : ी जग राल िसह अध यकष नराकास, कोा बक क)

अन र गि पि राा :

1. नगर राजभाषा कायायन ियन सवमवत क/ तत िािधान म आयोवजत िहिी जञान परवतयोवगता क/ वलड

ररस कार वितरण :

सिस य सवचि ी रजनीश यािि न/ अिगत कराया दक दिनाक 0709/2016 सन टरल बक क इवजया

दवारा नराकास कोा क/ तत िािधान म िहिी जञान परवतयोवगता आयोवजत की गई िी वजसम नगर

म वसित सभी सिस य कायायलय स/ परवतभागी उरवसित ि/ । परवतयोवगता म वनम नवलवो त

परवतभावगय को ररस कार डि परमाण रतर परिान दकया गया ।

1. म/जर िीर/न र िसह राठौ , परिम ररस कार, स / बक क ब बीकान/र डज जयरर , कोा

2. ी ओम परकाश मीना , वदवतीय ररस कार बजौािा कष/तरीय रामामीण बक क,कोा

3. ी रिन अरामिाल, ततीय ररस कार, डसबीबीज/, कोा

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2. नगर राजभाषा कायायन ियन सवमवत, कोा (बक क) क/ तत िािधान म रजाब न/शनल बक क क/

डमसीबी शाो ा कोा दवारा राजभाषा िहिी म वनबध परवतयोवगता का आयोजन दकया वजसम

नगर क/ सिस य कायायलय स/ परवतभागी उरवसित हड डि वनम नवलवो त ररस कत हड ।

1. परिम ररस कार सी ििना ो तरी (भारतीय मवहला बक क , कोा )

2. वदवतीय ररस कार ी गोराल चौधरी ( स / बक क ब तरािणकोर, कोा )

3. ततीय ररस कार सी रवत माह/श िरी (यनाइ /ज बक क ब इवजया, कोा )

ररस कार रामहण करत/ हड विज/ता

ररस कत हड विज/ता

3. नगर राजभाषा कायायन ियन सवमवत, कोा (बक क) क/ तत िािधान म दिनाक 07/09/2016 को

राजभाषा िहिी जञान परवतयोवगता का आयोजन सटरल बक क ब इवजया कष/तरीय कायायलय दवारा

दकया गया तिा दिनाक 08/09/2016 को रजाब रजाब न/शनल बक क क/ दवारा आयोवजत

राजभाषा िहिी म परधान मतरी महोिय क/ फलगवशर काययकरम – ‘ब/ी बचाओ – ब/ी रढाओ विषय

रर सगोष ठी का आयोजन दकया गया । वजसम कोा नगर सिस य कायायलय स/ सगोष ठी म

उरवसित नारी शवि का सम मान भी दकया गया ।

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धन यिाि जञारन डि आभार परिशयन : ी राजीि िायमा, सहायक महा परबधक (नाबाजय) दवारा

सभी सिस य की सदकरयता स/ भागीिारी, अध यकष महोिय डि गह मतरालय परवतवनवध का विश/ष

आभार व या त करत/ हड आभार परिशयन दकया डि धन यिाि जञावरत दकया गया । धन यिाि जञावरत

करत/ हड ी िायमा न/ सिस य सवचि ी रजनीश यािि क/ नराकास क/ बठक क/ सबल आयोजनो

ह/त दकड जान/ िाल/ परयास की सराहना की डि सिस य सवचि दवारा की जान/ िाली अनितत

कारयिाई , वनयवमत सरकय डि रवतरका स/ ल/कर नराकास की हर गवतविवधयो म सदकरय भागीिारी

सवनवित करन/ ह/त, सदकरय दकरयान ियन सवनवित करन/ ह/त शभकामनाड तिा आभार व या त

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दकया। अध यकष अध यकष महोिय डि गह मतरालय परवतवनवध का विश/ष मागयिशयन डि सहयोग ह/त

धन यिाि दिया तिा नराकास कोा को और भी नया ऊचाई और आयाम स रशय करन/ की मगल

कामना की ।

(सहायक महापरबधक , नाबाजय ी राजीि िायमा आभार परिशयन करत/ हड)