8
कुन रॉय, अभिनेता, उडान भि आज से बीस साल पहले एक १२ साल की लकी लगभग बेहोशी की हालत म जगऔर मौत से लते ए हमारे पास पची I उसका पररवार पूरी तरह असहाय था कूक उनके पास अताल जाने के पैसे नह थे I हमने उस बी का पूरा उपचार मु तो ककया परु अगले २-३ दिन अताल म उसके पररवार के साथ समय बबता कर यह पता चला कक दपछले २ साल म diabetes के उपचार और बार बार अताल म भत के च के कारण, उस पररवार की पीठ टूट चुकी थी I वे, अब और ये च नह उठा सकते थे I ये कहानी जसर एक बे की नह थी I ढूँने पर पता चला कक यही कहानी अनेक ब की है I ये बे या तो जी नह पाते या समझौते का जीवन तीत कर रहे ह I "उान" का ज यहाँ आ I एक ऐसी सा जहाँ आजथक प से कमोर Type1 Diabetes( T1D) बोँ को आधार बमले I तब हमे कहाँ पता था क समा जसर पैसा नह है I दरर भी हमने शुआत की, ब को मु insulin , syringes , glucometeres और strips िे कर I कूक insulin के बबना ये बे जी नह सकते ह I लेककन जसर िेना ही काफी नह था I कूक इन ब और इनके पररवार वाल को इन सभी ची का सही इमाल कैसे कया जाये, ये पता नह था I तब हम एक किम और आगे बढे, और इन ब को जशा िेने का फै सला कया I दरर भी ब को व बेव मागिशन की रत पती थी I इसललए हमने चौबीस घे मिि क (24*7 Helpline) की शुवात की I जजससे ब का अ- ताल म भत होना काफी कम आ I साथ ही हमने ऐसी जशा णाली बनाई जजससे कनरर से सार, सभी मधुमेह की जकटलताओ को सरलता से समझ पाए I अब हमारा ान कदत आ बे और उनके परवार का मनोबल बाने की ओर I उ लगता था क जसफ उ के बे को diabetes है I जबक ऐसा नह है, आज भारत म कम से कम ५००००० T1D बे ि ह I हमने T1D पररवार को एक िूसरे से बमलाना शु कया, जो बत ही कारगर साबत आ I ब का आबवास तो बा ही साथ ही उनके पररवार को दहत बमली I इस तरह हमने Group Therapy की शुवात की, जजसके तहत साह म एक बार उान के सभी बे परवार के साथ बमला करते ह I साल 2005, उान म ब की सा 50 ई और पहली बार हमने आम जनता के लए कायम कया जजससे T1D की बात सभी तक पची I धीरे धीरे उान म ब की सा बती रही और बती रही हमारी जेिारी I हमे लग रहा था कक हमने T1D की समाओ को कर दिया है ले कन नह, इनकी ज गहरी थ I T1D बे का कोई िो न होना, समाज म उसे हीन भावना से िेखा जाना, ूल म उसके साथ adjust न करना, उनकी शािी न हो पाना, छोटे शहर और गाव म डॉस को T1D के बारे म बत कम जानकारी होना जजसके कारण emergency के समय उनसे मिि न बमल पाना I ऐसी ही कई और समाएँ I अब उान को अपने घर से कनकलकर ू ल, डॉस और िूसर के घर तक पचना था I उे, समाज के सभी वग को T1D के बारे म जागक करना I २० साल से उान, ७५० ब एव उनके पररवार का ाल रख रहा है I हम आसपास के कम से कम 50 गाव और शहर तक पँच चुके ह I आज Teachers Training ारा कई ू ल हमारे साथ ह I हमने गाव और छोटे शहर के डॉस को T1D manage करने की training िी I MyT Mom project के ारा T1D ब की माताओ को े कनंग िी गय जजससे वे अपने जैसे िूसरे ब का भी ाल रख सक I उान की सापक डॉ अचना सारडा ने एक ऐसा बमी का पॉट बनाया, जजसमे इुललन ठडा रखा जा सकता है ! जो fridge न होने की समा को हल करता है I उान picnic, adventure camp, workshops, road shows, street plays एव और भी कई माम का इमाल करके T1D ब का ाल रखता है I इन सभी काम म बत से Volunteers हमारी मिि करते ह I उान से जुे बे आज सम, सबल और ालबी होकर सपरवार, नए ब को े रत करते ह I हमारा सपना है, हर T1D बा अपना सुर भबव बनाने के ललए ू ल जाए, उसके ढेर सारे िो ह, समाज म उसे बतबत मुकाम बमले और एक सुखी परवार के साथ वह अपना जीवन बबताये I INDIA | APRIL 2020 | Issue #1 | www.udaankids.org मधुमेहाला, कृपया, घाब नका. मी एक अभिनेता आहे. आणि मला गत 20 वरापासून मधुमेह आहे. बाचवेळी अवेळी काम आणि कामाचा अननयमीत आराखडा असतो. तरी देखील मी माझा मधुमेह नयंिात ठेवू शकलो. नेहमी सकाराक राहा. उडान पररवारास अनेक शुिेा. -अशोक सराफ माा वर माा मधुमेही आई व नवाची संगोपनाची जवाबदारी आहे. अा काळजी वाहकांनी तः कधीच काळजीत पडून रा नये. आपा मनातली घालमेल चेहावर येऊ न ावी. आपि सकाराक राभहासच मधुमेही देखील सकाराकच राहतात हे ानुिावावन सांगू शकते. माझ, उडान या संेस तांा सव तोपरी यतांसाठी भवार अभिवादन व ल शुिेा. -ननवेभिता सराफ उडान याा संपाभिका के भिल से िनोरंजन की िु नया फोटो आहार से आरो सेहत और आप डॉर के डे से िन की श विषय सूची 1 4 5 2 3 6 7 8 आज से बीस साल पहले... उडान के उिंग की कहानउडन २० साल से उडान, ७५० एवं उनके पररवार का ाल रख रहा है I हि आसपास के कि से कि 50 गांव और शहर तक पहच चुके अब तक की उडान 2000 2005 2009 2017 2011 2013 2016 एक विचर की न ीि पहल सिजन नक कयम पहले १०० बे इं सुल लन को ठं ड रखने िले पॉट क न नमण “One Up” भरत क पहल T1D ेक क आयोजन उडन के १८ बे रीय र पर Young Leader of Diabetes in India(YLDI) चुने गये ७५० बे T1D के ल लए “National Centre of Excellence” घोवित “MyT1Mom” T1D ब की मतओं को डयवबटीज कोच बनने क अनोख कयम उडन, अंतररीय T1D सं ISPAD की Centre of Reference बनी 2019 2018 2020 हाथ धोने की भया

2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

  • Upload
    others

  • View
    1

  • Download
    0

Embed Size (px)

Citation preview

Page 1: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

कनदन रॉय, अभिनता, उडान भितर

आज स बीस साल पहल एक १२ साल की लडकी लगभग बहोशी की हालत म जिनदगी और मौत स लडत हए हमार पास पहची I उसका पररवार परी तरह असहाय था ककक उनक पास असपताल जान क पस नही थ I हमन उस बची का परा उपचार मफत तो ककया परन अगल २-३ दिन असपताल म उसक पररवार क साथ समय बबता कर यह पता चला कक दपछल २ साल म diabetes क उपचार और बार बार असपताल म भतती क खचच क कारण, उस पररवार की पीठ टट चकी थी I व, अब और य खचच नही उठा सकत थ I य कहानी जसरच एक बच की नही थी I ढढन पर पता चला कक यही कहानी अनक बचचो की ह I य बच या तो जी नही पात या समझौत का जीवन वयतीत कर रह ह I

"उडान" का जनम यहा हआ I एक ऐसी ससा जहा आजथथिक रप स कमिोर Type1 Diabetes( T1D) बचो को आधार बमल I तब हम कहा पता था कक समसा जसरच पसा नही ह I दरर भी हमन शरआत की, बचचो को मफत insulin , syringes , glucometeres और strips ि कर I ककक insulin क बबना य बच जी नही सकत ह I लककन जसरच िना ही काफी नही था I ककक इन बचचो और इनक पररवार वालचो को इन सभी चीिचो का सही इसतमाल कस ककया जाय, य पता नही था I तब हम एक किम और आग बढ, और इन बचचो को जशका िन का फसला ककया I दरर भी बचचो को वकत बवकत मागचिशचन की िररत पडती थी I इसललए हमन चौबीसचो घण मिि क दर (24*7 Helpline) की शरवात की I जजसस बचचो का असप-ताल म भतती होना काफी कम हआ I साथ ही हमन ऐसी जशका परणाली बनाई जजसस कनरकर स साकर, सभी वयजति मधमह की जकटलताओ को सरलता स समझ पाए I

अब हमारा धान क ददरत हआ बच और उनक पररवार का मनोबल बढान की ओर I उन लगता था कक जसफच उनी क बच को diabetes ह I जबकक ऐसा नही ह, आज भारत म कम स कम ५००००० T1D बच ििच ह I हमन T1D पररवारचो को एक िसर स बमलाना शर ककया, जो बहत ही कारगर साबबत हआ I बचचो का आतमबवशास तो बढा ही साथ ही उनक पररवार को दहममत बमली I इस तरह हमन Group Therapy की शरवात की, जजसक तहत सपाह म एक बार उडान क सभी बच पररवार क साथ बमला करत ह I साल 2005, उडान म बचचो की सखा 50 हई और पहली बार हमन आम जनता क ललए कायचकरम ककया जजसस T1D की बात सभी तक पहची I

धीर धीर उडान म बचचो की सखा बढती रही और बढती रही हमारी जिममिारी I हम लग रहा था कक हमन T1D की समसाओ को खतम कर दिया ह लककन नही, इनकी जड गहरी थी I T1D बच का कोई िोसत न होना, समाज म उस हीन भावना स िखा जाना, सल म उसक साथ adjust न करना, उनकी शािी न हो पाना, छोट शहरचो और गाव म डॉकटसच को T1D क बार म बहत कम जानकारी होना जजसक कारण emergency क समय उनस मिि न बमल पाना I ऐसी ही कई और समसाए I अब उडान को अपन घर स कनकलकर सल, डॉकटसच और िसरचो क घरचो तक पहचना था I उदशय, समाज क सभी वगगो को T1D क बार म जागरक करना I

२० सालचो स उडान, ७५० बचचो एव उनक पररवार का खाल रख रहा ह I हम आसपास क कम स कम 50 गाव और शहर तक पहच चक ह I आज Teachers Training दारा कई सल हमार साथ ह I हमन गाव और छोट शहरचो क डॉकटसच को T1D manage करन की training िी I MyT Mom project क दारा T1D बचचो की माताओ को टकनग िी गयी जजसस व अपन जस िसर बचचो का भी खाल रख सक I उडान की ससापक डॉ अचचना सारडा न एक ऐसा बमटी का पॉट बनाया, जजसम इनललन ठ डा रखा जा सकता ह ! जो fridge न होन की समसा को हल करता ह I उडान picnic, adventure camp, workshops, road shows, street plays एव और भी कई माधमचो का इसतमाल करक T1D बचचो का खाल रखता ह I इन सभी कामचो म बहत स Volunteers हमारी मिि करत ह I उडान स जड बच आज सकम, सबल और सालबी होकर सपररवार, नए बचचो को परररत करत ह I

हमारा सपना ह, हर T1D बचा अपना सनदर भबवषय बनान क ललए सल जाए, उसक ढर सार िोसत हचो, समाज म उस परबतबठित मकाम बमल और एक सखी पररवार क साथ वह अपना जीवन बबताय I

INDIA | APRIL 2020 | Issue #1 | www.udaankids.org

मधमहाला, कपया, घाबर नका. मी एक अभिनता आह. आणि मला गत 20 वराापासन मधमह आह. बऱाचवळी अवळी काम आणि कामाचा अननयमीत आराखडा असतो. तरी दखील मी माझा मधमह ननयतरिात ठव शकलो. नहमी सकारातमक राहा. उडान पररवारास अनक शिचा. -अशोक सराफ

माझा वर माझा मधमही आई व नवऱाची सगोपनाची जवाबदारी आह. अशा काळजी वाहकानी सवतः कधीच काळजीत पडन राह नय. आपला मनातली घालमल चहऱावर यऊ न दावी. आपि

सकारातमक राभहलासच मधमही दखील सकारातमकच राहतात ह सवानिावावरन साग शकत. माझ, उडान या ससस ताचा सववतोपरी परयतासाठी भतरवार अभिवादन व लकष शिचा.

-ननवभिता सराफ

उडान यातरा

सपाभिका क भिल स

िनोरजन की िननया

फोटो नयज

आहार स आरोगय

सहत और आप

डॉकटर क डसक स

िन की शकति

विषय सची

1

4

5

2

3

6

7

8

आज स बीस साल पहल...उडान क उिग की कहानी

उडान याता

२० सालो स उडान, ७५० बचो एव उनक पररवार का खाल रख

रहा ह I हि आसपास क कि स कि 50 गाव और शहर तक पहच चक ह

अब तक की उडान

2000

2005

2009

2017

2011

2013

2016

एक विचार की नीि

पहला सािवजननक कायवकरम

पहल १०० बच

इसललन को ठडा रखन िाल पॉट का ननममाण

“One Up” भारत का पहला T1D टक का आयोजन

उडान क १८ बच राषटीय सतर पर Young Leader of Diabetes in India(YLDI) चन गय

७५० बच

T1D क ललए “National Centre of Excellence” घोवित

“MyT1Mom” T1D बचचो की माताओ को डायवबटीज कोच बनान का अनोखा कायवकरम

उडान, अतरराषटीय T1D ससा ISPAD की Centre of Reference बनी

2019

2018

2020हाथ धोन की परभरिया

Page 2: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

लखक: भिपाली िशिखआहार तजञ

“औषध, वयायाम, आहार व मनःशाती या मधमह कनयोजन करणाऱा चौसती. यातील आहार हा सवााचा जजवाळाचा बवषय आह परत, सवाचसाठी एकच अस शकणारा ककवा मधमह कनयतीत करणारा असा काही बवषश आहार नसतो, ह सवाचनी समजन घतल पादहज.मधमह झालानतर सवाचत पदहला बवचार मनामध यतो तो महणज आहाराबवषयी. मधमह झालावर खाणा – दप-णावर भरपर बिी यणार ह �दहत धरल जात. परत, यावरील उपाय महणज , “ पट मथड ” . या पदधतीमळ आहारातील बवबवधता तर जोपासली जातच, जशवाय, आहाराच महतताच घटक योगय पधदतीन सतललत कल जातात. वासतबवकतः आजार होणापका, तो न होणा-साठी परयतन कल तर त अजधक महतताच. तामळ या थाळीकड आपण एक आरोगयिायी थाळी महणन बघा-वयास हरकत नाही. बवजानान जसधि कलानसार, आहा-रातील मख घटक पचनानतर रतिशकच रमध (गकोज) रपातररत होतात. तामळ ,मधमदहचा आहार हा इतर वयतितीपरमाणच असतो. शासतानसार, सपणच आहारातील कबबोिकाच परमाण ५० त ६० % , परजथनाच परमाण १५ त २० %,तर लनिगधत च परमाण २० त २५% एवढ असाव.

आहारातील िहतताच घटक

• कबबोिक ककवा दपषटमय पिाथच = शरीराला उजाच ितात.

• धानय पिाथच जस, भात , पोह , रवा, बड , बटाटा ई. मधन कबबोिक बमळतात.

• परजथन = शरीराचा बाधणीच कायच करतात.• अ ड (पाढरा भाग), मास , जचकन , डाळी व कडधानय

परजथन ितात.• लनिगध पिाथच = शरीराचा चयापचयाच कायच करतात.• तल , तप , लोणी ,चरबी , अ डातील दपवळा भाग

चरबीयति असतात.• ततमय पिाथच (रायबर) = रतिातील साखरची व

चरबीची पातळी कनयबमत करतात.• दहरवया पालभाजा, रळ , सलाि रायबर ितात.• आपला भारतीय जवणातील पोळी, भाकरी, भात,

भाजा इतािी पिाथाचत कबबोिक, परजथन व लनिगध पिाथच ह बमशर सरपात असतात. तातही, १ गरम का-बबोहायडटस आलण परजथन ४ कर लरीज तसच, १ गरम

लनिगध पिाथच ९ कर लरीज ितात.• मग काय खाव व कधी खाव ह ठरवताना वय, उची,

वजन ,कामाच सरप ह लकात घऊन अननघटक योगय पधितीन सतललत करण करमपराप ठरत.

• यासाठी “ पट मथड “ अथाचत सतललत थाळी उपयति ठरत , कशी त पाह –

• थाळीचा १/२ भाग हा िोन परकारचा भाजानी (१/४ भाग कची भाजी व १/४ भाग जशजलली भाजी) यानी वयापलला आह. यामळ आपलाला ततमय पिाथच बमळतात. जजतका जासत व बवबवध परकारचा भाजा तवढ उततम !

• यात रळाचा समावश करणास बवसर नका .• थाळीचा १/४ भाग हा धानय व साचचयति पिाथच ऊिा.

भात , पोह , उपमा .इतादिसाठी. कचोडासहीत धानय, हातसडीचा तािळ, बाऊन बड याचा समावश करण दहतकारक होय.

• थाळीचा उवचररत पण महततपणच १/४ भाग परजथनासा-ठी ऊिा. डाळी, कडधानय, मास, जचकन, िध . परत, चरबी, चीज, मटण यासारख पिाथच टाळाव.

• तलाचा वापर = आरोगयपणच व वनसपती जनय तलाचा वापर योगय परमाणात अवशय करावा जस, सयचरल, शगिाणा, तीळ, मोहरीच तल इ.

• परबतवयतिी परबतमदहना १/२ ललटर तल वापराव.• शीतपय तसच साखरयति पय टाळवीत.• िगधजनय पय १ त २ गास पयात जसबमत ठवाव.• पाणी तसच सप भरपर परमाणात घाव.• यासोबत सिव व भरपर कायचरत रहाव.

सतललत थाळीच धय कवळ रतिशकच रा कनयदतत करण एवढच नसन, वजन, कोलसरॉल कनयदतत करण, हियाच आरोगय कनयबमत करण हिखील आह. आहारा-तील घटकाचा िजाच जोपासला जावा हच धय असलली सतललत थाळी आपलीशी करा व वरील आजाराना कनय-दतत करणाचा सोपा मागच बमळवा.

UDAAN SMILE | APRIL 2020 | #1 2आहार स आरोगय

पट मथड आहार सतलनाचा सोपा मारग

चल

ी ची च

ि बदाम ि सफरचदाची खीर बीनस उततपा

साभहतय १/२ कप सररचि, ५ – ६ बिाम, ११/२ कप ससमड िध, २ मोठ चमच ओटस, १ – २ जचमट िालजचनी, गोडपणासाठी साखर ककवा गळ ककवा सससवया चवीपरमाण.

कती सररचि ककसन घा. बिाम बारीक करन घा. एक पसरट भाड घऊन तात िध, कदतम साखर आलण िालजचनी घऊन िधाला उकळी आणा. मग तात बारीक कलला बिाम व ओटस घालन २ – ३ बमकनट जशजवा. नतर तात सररचि घालन सतत हलवत रहा. गरम गरम सवच करा.

वशशषटयही खीर सररचि व ओटस यामळ रायबरयति असन ओटस मधील बीटा गकान कोलसरोल कमी करणास मित करतात.

साभहतय १ कप चवळी , १ छोटा चमचा जजर, १ जचमट दहग, चवीनसार मीठ, २ – ३ दहरवया बमरचा, आवडीनसार भाजा (गाजर, बीट, जशमला बमरची), कोजथबीर, २ – ३ जचमट इनो ककवा बककग सोडा, तल.

कती चवळी रातभर दभजवन ठवा (७ – ८ तास) नतर सचछ धवन बमकसर मध बारीक पस तयार करा. बमशरण पातळ होईल इतपत पाणी टाका. नतर तात दहग, मीठ, जजर , भाजा, बमरचीच तकड व इनो टाकन चागल बमकस करा. १ – २ बमकनट तसच ठवन दा. तवा गरम करा. तावर थोडस तल पसरवा. थोडस पीठ घऊन साधारणतः १/२” जाडीचा ऊततपा बनवा.िोनीही बाजन भाजा. चटणीसोबत गरमागरम सवच करा.

वशशषटयपरजथनानी यति असा हा उततपा जीवनसतत व रायबर ितातच जशवाय , सधाकाळचा नाशताचा उततम पयाचय आह.

Page 3: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

उडान नयस

"फिरन य र, बर वाटल".

'मी पाय मोकळ करन यतो'

चालण दह ककती सहज आलण कनत होणारी शारीररक हालचाल! आलण बोलता बोलता आपण ताच रायि पण सागतोच ना! पण शरीरास उपायकारक वहयवयास, 'चालण' ह कनतादिन व जशसतबदधच हव. साधारणपण आपण रोज 2000 त 3000 पाउल चालतो. ह जर आपण 10,000 पाउला पयचन नऊ शकलो, तर चालणाच रायि आपलाला अनभवता यतील. हया मध शरीरास अबत कषट पडत नाहीत तरी िखील हा उततम वयायाम असतो.

रोजचा चालणाला अजन 2500 पाऊलाची जोड दावी. आलण मग िर काही दिवसानी यात 500 पाऊलाची वाढ करावी. जथ जमल तथ रोजच काम िखील पाई चालन करावीत. व बवशष पाई जाणाचा वयायाम पण आखावा. 10,000 पाऊला पयात ही मजल नयावी, मग बघा, शरीरातील ऊजाच कशी

वाढलली वाटल. ' जरा चालन आलो, मसत वाटल' मह-णालच.

रोज ककती चालायच, अ तर ककती, वळ ककती ह आपण आपल ठरवाव, आलण ताच रोज पालन कराव. चालताना मात अ गात दढल कपड व पायात योगय अस बट घालावत. आलण हो! लाब पाई ररी मारताना, अ गा-तला पाणाच बासपिकरण होत असत, पाणाच परमाण कमी होऊ शकत. चालणा आधी व नतर पाणी, शरबत, ताक इतादिच सवन न बवसरता कराव.

मधमहीना, रोज 30 त 45 बमकनट चालणाच खप रायि होतात. जवण झालावर, 1 त 2 तासानी, रतिा-तील साखर व इनललन ससरावत, तवा चालण योगय असत. सकाळ चा वळी, इ सललनचा उच बबि नसतो.

महणन मधमहीना, बवशषता टाइप 1 मधमहीना, ही वळ चालणास अजधक उपयति असत. योगय

असत. सकाळ चा वळी, इ सललनचा उच बबि नसतो. मग ठरल तर, रोज चालणार आलण 10000 ककवा जासत पाउल चालणार. आपण सवच हा कनधाचर आज करच या.

योग साधना दह पराचीन वयायाम पदधबत आह जा मध वयजति चा मानजसक ,शारीररक, आलण आधा-ततमक अ गाचा सामदहक वापर होतो. योग वयायामात मध धान, शसन, तनाव कनवारण, व वगवगळा शारीररक ससतीचा उपयोग होऊन, बऱाच िीघच आजारा पासन मजति बमळ शकत ककवा आजार कनयदतत करणास मित होत.

योग साधनत पराणायामास अन-नयसाधारण महतव आह. तामध भलरिका, अनलोम बवलोम, कपा-लभाबत, भामरी, उदीत ओम उचा-रण इतादि परकार आहत जामळ

शरीरास अनक रायि होतात . तसच अनक आसन आहत. या आसनाचा शारीररक ससती मळ निाय, पाठ,

पचन ससा, शसन ससा बळकट होणास मित होत. अ ग लवजचक होउन सडौल रहत.

शरीराची आतररक कायचपदध-बत अजधक चागली झालामळ , योगाआभास करणाऱा मधमही-च साखरच कनयतण उततम राहत. रतिातील साखर चा कनयतणा मध इनललन व गकर गॉन ही िोन सपररक काम करतात. हया िोन सपररका वर एडनललन व नॉर-एडनललन हया 'सटस हामबोन' चा परभाव असतो. योगा मळ ही सटस हामबोन कमी होतात, गकर -गॉन कमी होत व इनललन अजधक

परभाव ी होऊन, साखरच

कनयतण सलभ होत. तसच निायनना वयायाम होऊन, तातील रतिादभस-रण वाढत. निाय ह रतिातील साखर इधन महणन वापरतात, व साखरच परमाण कमी होणास मित होत.

मधमहा मध उपयोगी असना मध, पोट, जठर( ललवर) , सािदपड ( प-दकरयास) व अतडयावर िाब पडन, ताच कायच अजधक चागल होत.या मळ अनन पचानास उपयति अशी काही आसन, मधमहाचा कनयतणात हातभार लावतात.

आजचा योरासन

परशन : ककच रोग अनवजशक आह का?

उततर : ककच रोग होणाच मख आलण शवटच कारण, पशीमधल बबघडलल जनक (genes)असत. काही जनक अनवजशकतन पीढी िर पीढी जाऊ शकतात, व हया जणका मळ होणार ककच रोग अनवजशक असतात. बाकी ककच रोग तमाख सारखा सवई, िबषत अनन, पयाचवरण या मळ होतात.

परशन : साखारचा अबत सवनान मधमह होऊ शकतो का?

उततर : मधमहाची मख कारण इनललन या सपररकाची कमतरता, व इनललन च ओसरता परभाव ह होय. टाइप2 मधमहाची जशजथल िनदिनी, अयोगय आहार सलता आलण वयायामचा अभाव ही मख जडलली कारण आहत. साखर सवन ह सरळ कारण नव.

परशन : आहारात योगय परमाणात परोटीन असनयासाठी आहार मासाहारी असण अकनवायच आह का?

उततर : शाकाहारी आहारात, शभर टक परोकटन नसतात. पण शाकाहारी आहाराच योगय कनयोजन कलास आवशयक ती सवच परोकटन हयातन बमळ शकतात

परशन : चालण हया वयायामास टडबमल बर की नसबगथिक जमीनी बऱा?

उततर : टडबमल वर चलावयाच असलास योगय तो बट कनवडावा. नसबगथिक जाबमनी वर चालण उततम.

परशन : टी वी चा बघणान मधमह होऊ शकतो का?

उततर : सतत टी वी बघण महणज अजधक बसन राहण, बसन राहललयान कमी होत चाललला BMR, तामळ ओसरलला इनललन चा परभाव, व पयाचयान होऊ पादहलला मधमह. महणन मधमहाला बसनयाचा आजार महणतात

मनातला शका3

सहत और आप चालण: एक उपयकत वायाम

योगा िळ होणार फायि:• योग मळ शारीररक वयायाम तर होतोच, आलण मानजसक तनाव कनवारण पण होत.

• जीवन पदधबत व बवचार पदधबतशी कनगकडत असलली दह पदधत, योगय आहार आलण मानजसक तनाव कनवारण अवलबबत.

• हियावर कमी ताण पडतो, हियाचा ताण कमी होतो.

• कठला दह खचच लागत नाही, जस महाग उपकरण, बट , बवशष कपड इतादि.

• मधमहा चा रगाना हयाचा बवशष रायिा होतो

# िररचासनबसन करायचा हया आसनात, पाठीला पीळ

पडतो, व पोटावर िाब पडतो. पोटाचा वरचा भागात असलली अवयव, जस जठर पोट आलण सािदपडचा मसाज होऊन,

तातील रतिादभसरण वाढन, ताच कायच उततम होत.

कती: जबमकनवर िोनीपाय सरळ करन िडाकासनात बसाव. उजवा पाय मडपन कनतबाचा जवळ घावा. शास सोडत पाठ उजवी कड वळवन डावया हातान उजवी माडी, जचतात िाखबवला परमाण, धरावी. शास घत पाठी चा

पीळ वाढवावा व खाि हलकच माव घावत. 30 सक ि त 1 बमकनट ही ससती बाधन ठवावी, व शास सोडत उकलावी. अशीच कती डावया बाजस करावी.

ककवा ही ससती एकबाजस 3 त 5 शास होई पयचन ठवावी, व सथपण ही ससती सोडन, िसऱा बाजस 3 त 5 शासापयात धारावी व

सोडावी. व सथपण ही ससती सोडन, िसऱा बाजस 3 त 5 शासापयात धारावी व सोडावी

िधिभहना चालणाच होणार फायि अस:• रतिातील साखरच

कनयतण सोप होत• इनललनचा मधमह

बवरोधी परभाव बळकट होतो

• सलता कमी होऊन बॉडी मास इ डकस व रतििाब सधारतो.

• पोटाचा घर बतथला चरबी मळ वाढतो, इथला घर हा मधम-हाशी कनगकडत असतो. चालणान हा घर, व पयाचयान मधमहाची शकता कमी होत.

• कोलसटॉल व रतिा-तील ततसम वाईट चरबी कमी होत, व तामळ हिय बवकाराच परमाण घटत.

• पायाच, पाठठच निायच काय, पण हियाच निाय िखील बळकट होतात. रफसा-ची कमता वाढत.

१0000

Page 4: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

दपरय उडान बमत,

आप सबको मरा सपरम नमसार। एक सोच लकर आप सब स जडना चाहती ह एक सोच जीवन की।

उडान क सकडचो पररवारचो क साथ रह कर, मन जाना कक जीवन का आनि तो बस जी पान म भी ह। जब एक बच को इसललन लकर तिरसत होत हए िखा और उसकी मा की आखचो का डर खशी म बिलता हआ िखा और उसी बच को बबना डर लखललखला कर हसत हए िखा, तो समझा कक जीवन की खशी जीन म ही छपी ह। इस जीवन क ललए परबत-दिन कतज होना मझ उडान न जसखाया।

उडान टाइमस पदतका क माधम स आप सब स बातचीत करन का खाल कई दिनचो स मन म था। आज कल हर दिशा स हम सचनाए बमलती ही रहती ह। कछ सच और सिर तो कछ झठ और कडवी। दिल न चाहा कक कचो ना ऐसी पदतका बनाए जो पर पररवार की सकारातमक जीवनशली पर क ददरत हो। सासथय ,आहार, वयायाम क बवषय क साथ साथ कछ कला, बवचार व आपक

पत हम 1 सत म बाध उडान टाइमस क रप म परसतत कर रह ह। मरा साथ ि रह ह सहसपािक क रप म मर उडान बमत डॉकटर अजय बोरालकर जो कक ककच रोग शल जचककतसक ह और क िन रॉय जो एक अदभनता ह। इस तमाजसक पदतका को आपक सझाव, योगिान एव परबतदकरया की परतीका रहगी।

इस कठठन समय म जब परा बवश और अपना िश कोवीड-१९ स जझ रहा ह, उडान अपन ७५० पररवारचो क साथ अटल खडा ह। गाव गाव म आवशयक इसललन, ससटपस इतािी पहचाई जा रही ह। २४ * ७ हलपलाइन सभी बचचो क ललए हमशा की तरह उपलबध ह। इस कायच मअनबगनत लोगचो का कन:साथच साथ बमला। इस सवा क ललए म आपकी हमशा ऋणी रहगी। आज हमलॉक-डाउन ससबत म अपन अपन घर म रह कर इस बवपिा स लडन म सहयोग ि रह ह। इस समय म अपन शारीररक सासथय क साथ अपन मानजसक व सामाजजक सासथय की ओर भी धान ि। बमलजलकर घर सभालना, भोजन बनाना, खलना, हसना, गाना बजाना, और बहत सी बात करना, य अपन आप म एक सशति उपचार ह। जो अकल ह उनस आप सपकच बनाए रख, उनका मनोबल

बढाए ! आप और हम बमलकर इस समय स जीत जाए ग, य परा बवशास ह .

डॉकटर अबल कलाम को म अपना आिशच मानती ह। उनकी कही एक बात आपस साझा करना चाहती ह। 'बचचो की डायबबटीि' क बवषय म कहतहए उनचोन कहा कक "हर बच का एक बडा सपना हो। उस सपन को साकार करन क ललए बचा सय हीइस डायबबटीि क पहाड को पार कर लगा" .

मरी भी आप सबक ललए आज यही कामना ह . एक ऐसा सपना जो

जीवन क सघषच स लडन की शजति ि।

जय दहनद. डॉ अचचना सारडा [email protected]

उडान क सकडो पररवारो क साथ रह कर, िन जाना नक जीवन का आनि तो बस जी

पान ि िी ह

UDAAN SMILE | APRIL 2020 | #1 4सपादिका क दिल स

हर बच का एक बडा सपना हो ...िरी जजनदगी का एक ही िकसि...

लखक: नसीि , एक उडान िा

दपरय सपादिका,

मर बच का नाम मनसब ह। उस २०११ म शगर हई। मर बच क साथ ही ऐसा कचो हआ और अपन बच क ललए शगर शब सनना बहत बरा लगता था।

कछ लोग मायक वालचो को िोष ित थ। तरह तरह की बात करत थ, पर उस कोई दहममत नही िता था। घर क हालात भी अचछ नही थ। मनसब क पापा घर म धान नही ित थ, कभी कभी खान को भी नही होता था। मनसब बहत रोता था। उसका रोना िखकर म भी बहत रोती थी। बाहर का इलाि भी करवाया। मगर कोई फायिा नही हआ। हमार पास दरिज, गकोमीटर नही था इसललए म ना ही मनसब कीशगर जाच कर पाती ना ही सही इनललन ि पाती औरबार बार मनसब को असपताल म भतती करना पडता था। मन दहममत छोड िी थी।

एक दिन मझ उडान क बार म पता चला. उडान म सभी मनसब स बहत ही पार स बमल। मर अब क पास अपनी बटी को छोडकर, मनसब को लकर म उडान म आया करती थी। घर स बाहर कनकलन म डर लगता था। अब क इतकाल क बाि तो उडान म आ पान की और दिककत होन लगी पर मन आना नही छोडा।

मनसब क पापा सपाह म एक ही बार घर आत थ.पस मागन पर मार-दपट करत थ.एक दिन तो उनचोन कहा "मनसब को िहर ि िो, सब ककसा ही खतम हो जाएगा?" तब मन कसम खा ली कक अब स िोनचो बचचो की मा और बाप म ही बनगी। मरी पढाई जािा नही होन क कारण मझ कछ नही आता था।

उडान म जो जसखाया जाता था, मन उस ही पर मन स सीखना शर ककया ताकक म िसरचो को भी वही जसखा सक। उडान स मझ एक नई पहचान बमली, जीन का मकसि बमला। मरी जिनदगी का अब एक ही मकसि ह कक मर बचचो क जस म उडान क सभी बचचो की अचछी िखभाल कर।

तमच पतर

उडान समान

Editor: Dr Archana SardaCoEditors: Dr Ajay Boralkar , Kundan RoyAdvisors: Dr Ambarish Darak, Dr Sampat Sarda, Shailaja Kekre, Designer: Vrishali Deshmukh

Do visit:4, Venkatesh Nagar, Jalna Road, Aurangabad. MH-431001, India

[email protected]

@child.diabetes.udaan

@udaan_t1d

@udaant1d

9822024117, 8550960555

#T1D चभपयन

कमलश चित, अपन १२ साल की डायबबटीज और सामाचिक अडिनो क बाविद आि राषटीय सतर का T1D लीडर ह ।

Page 5: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

परशन: इनललन या सपररकाचा शोध कधी लागला?उततर: इसवी सन 1922 मध बकटग आलण बस यानी परथम इसललन शोधल

परशन: एक समोसा खाऊन बमळालली ऊजाच खचच करणास ककती चालाव लागल?उततर: साधारणपण अडीच ककलोमीटर

परशन: एक 500 मी ली इतका शीतपया मध ककती साखर असत?उततर: जवळ जवळ 14 चमच.

परशन: कमरचा ककती घर कनरोगी नसलाच सचवत?उततर: परष 102 स.मी, सती 88 स.मी पका अजधक.

परशन: मधमह ककवा ककच रोग ससगचजनय आहत का?उततर: नाही, ककच रोग ककवा मधमह, ह ससजचनय नवत.

5

करम-बोडग

कविता कानगर

ननह कलाकार

परशािळी

मनोरजन की िननया

लखक: पनवचसटीवी एव भिलो ि लखक

हमार घर की जब भी घटी बजती थी तो वो मर और चीक क ललए िौड की घटी होती थी कक कौन पहल िरवािा खोलगा…इसकी िौड ?

मर आग का एक िात टडा ह…एक िर जब इसी तरह घर की घटी बजी थी और हम िोनचो िौड पड थ…िरवाि पर हम पहचन ही वाल थ की तभी चीक न मझ धका दिया और म बगर गया…उसी हािस म मरा आधा िात शहीि हो गया था. लककन हमन इस बात स कोई सबक नही ललया था.

अभी दरर घटी बजी ह…हम िौडकर िरवािा खोलत ह…चाची आइ ह और चाची क हाथ म “करम बोडच” ह.

‘करम बोडच’ य छोटी सी कहानी मर बचपन की ह जजसम म और मरा छोटा भाई चीक ह. खर, करम बोडच िखत ही हम िोनचो की आख चौजधया गई…कई दिनचो की जिि आज अचानक परी हो गई…चाची सबस अचछी लगन लगी. मन ही मन हम सोचन लग - ‘की बताओ, ककतनी अचछी ह, अममा तो कछ िती ही नही ह. मा को हम बडी

आसानी स निर अनदाि कर दिया करत थ…आज भी कर ित ह. खर, मन चीक की ओर िखा और चीक न मरी ओर दरर हमन एक साथ म पछा- ‘य ककसक ललए लाई हो?’ उसन मसराकर जवाब दिया- ‘तम िोनचो क ललए’ हमन मन ही मन सोचा ‘हम िोनचो क ललए एक चीि…य कस चलगा?’ उसन अपनी बात जारी रखत हए कहा- ‘तम िोनचो इस बमलकर खलना’ हमन बडी नमचता स सर दहलाकर जवाब दिया ‘ठीक ह’.

चाची न कभी नही सोचा होगा की एक करम बोडच लाना मर और चीक क बीच बहस का मदा बन जाएगा. मन कहा ‘य करम मर पास रहगा’. चीक न जवाब दिया ‘नही बटा…य मर कमर म रहगा’ ‘साल बटा मत बोल और याि करो दपछली बार जब िरबीन आइ थी तब भी तमन ही उस रख ललया था. मन जचढकर कहा. चीक न झट स मझ याि दिल दिया की MRF का bat मन अपन कब म कर ललया था. दरर मन कहा - ‘हा तो ठीक ह ना…म बडा भी तो ह…इसललय य मर पास रहगा’ चीक न अपना क धा मर क ध स सटाया और बोला - ‘बडका बड हो…मर बराबर हो समझ’

मझ उस पल खासी ठस पहची और मन उस कान क नीच एक चाटा रसीि कर दिया और तरत ही उसक

िातचो न मर हाथ को िबोच ललया!! हमम कटा जझझ मच गई कभी वो मर ऊपर…तो कभी म उसक.

हम िोनचो को अलग कर दिया गया…हम आखचो म आस क गबार ललए एक िसर को साला, कतता और सअर कह समोजधत कर रह थ !!!

मझ य तो याि नही की य बात ककसन कही थी पर फसला य हआ था की - ‘बोडच म रखगा और गदटया चीक क पास रहगी’.

मन उस बोडच को पलग क नीच सरका उसक आग बकसा रख दिया था और चीक न शायि अलमारी क ऊपर गदटयचो को छपा दिया था !!!

िो तीन दिन बीत गए करम बोडच आए पर अभी तक उस खला नही गया था. म अकल करम बोडच ललए बठा ह और उस पर अपनी छोटी छोटी उगललयचो स धल को छाटत हए एक रासता बना रहा ह…करम बोडच प थोडी थोडी धल जमी ह और उस पर उगललयचो स बन टढ मढ रासत ह.

चीक भी चवन पराश क कडब म रखी गदटयचो को अपन कान क पास बजा रहा ह.

हम िोनचो मन ही मन करम खलना

चाहत ह पर हमारा एहम हमार सामन पहाड की तरह खडा ह की हम कस पछ ल की करम खलोग?

अभी दिन का वकत ह…सब सो रह ह…मरा और चीक का आमना सामना आगन म हआ ह…उसक हाथ म गदटयचो का कडबा ह और मर हाथ म बोडच…हम िोनचो एक िसर का ििच समझ रह ह…

आगन का बढा पखा जो बाबा क िमान स वही लगा ह अपनी धीमी गबत स झम रहा ह ऐसा लग रहा ह मानो मसरा रहा ह…म धीर स बोडच को िमीन प रखता ह और चीक गदटयचो का कडबा उसम उडल िता ह !!!

दिन क चार बज क करीब जब मा चाय बनान क ललए रसोई म गई तो उसन लखडकी स िखा, की हम चप चाप करम खलन म मशगल ह…जसफच पख और सटाइकर की आवाि आ रही ह…टक…टक…टक…

तभी दरर घर की घटी बजती ह और म और चीक करम बोडच को वही आगन म तनहा छोड भागत ह की िख -

‘कौन पहल िरवािा खोलगा !!!’

ि निी ह बहती हई एक सिी ह बहती ह हर गाव स नहर स... शहर स...

चटानो स... तो कही पडो की छाव स ऊ च रत क टीलो स भिखती

जि जाऊ तो झीलो सी भिखती सरसराती हई... चिचिाती हई...

धप ि जलती सोचती ह रक जाऊ कही पर

आकर बठना ति िर पास अपनी उगशलयो स छय लना

खल लना िर साथ िःख का.. सख का..ि िना अपनी सौगात

जानती ह, सब तमार रीकत ररवाज िान, पण, किच, काड .. ला िझि उडल

िना लनकन बाधना न िझ

ि निी ह बहती हई एक सिी ह

भपरयशकर घोष कलाकार

Drawing by Ishika Dusad

Page 6: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

लखक: डॉ अजय बोराळकर

ककच रोग तजञ, कावय वाङियाची कवशष आवड

“अग आई, तीच ती मावशी, बतच कर नर च ऑपरशन झाल न ? बतच आली होती” मजळा सागत होती. बतचा मतीलण ची आई आली होती. मजळा ची आई चपापली. “अर िवा, काय त िभाच-गय! उरलल दिवस बर जाऊ ि र बाबा, बतच” आई महटली. “आई!! बतच कर नर च ऑपरशन आलण समणच उपचार होऊन पण आता आठ वषाच वर झाल. उरलल दिवस काय महणतस, ती अगिी ठणठणीत आह” .मजळा बोलली. आई बघतच रादहली. आठ वषष!!?

कर नर महटल की मतच वाटायच. लवकरच ही वयजति आपलात नसणार ही पोकळी, कनिान होताच जाणवायला लागायची. पण आता जचत बिलत आह, ककबहना बिललल आह. कर नर च उपचार घऊन, आपली काम करीत, उकदषट गाठठत, कौटतमक सहजीवना सदहत ककतक रगण जगताना दिसतात. आलण त ही हसत खळत.

“पण मग कर नर महणज नमक काय ग?” आपला ,नकताच डॉकटर झालला मलीला आईन कौतकान बवचारल. मजळान सदधा सगळ अतत सोपा भाषत साबगतल

“शरीरा मध पशी आपल कायच करन बवभाजतात, िोन मधील एक पशी नषट होत व िसरी काम करन बवभाजत, या मळ पशी च कायच होत आलण सखा पण सीबमत राहत आलण दह परदकरया अशीच सर राहत. ह पशीच नषट होण एक जबवक जसगलन होत असत. हा जसगल काही जनकीय बबघाडा मळ जर बि पडला तर पशीच नषट होण थाबत. व ता भागामध पशी वाढतच राहतात. हयाला टमर ककवा कर नर चा गोळा अस महटल जात.”

“अगगबाई, असय का? पण मग तो इकड बतकड पसरतो

कसा? ता भागाचा पशीमध बबघाड महणज बतथच वाढला पादहज ना ,ग?” आईला आता तात रस वाट लागला. “ आई आता बघ, आपला गलीतला सगळा मलामध बडा आलण दपटया कस बडखोर आहत, सगळावर िािाबगरी करतात, इकड बतकड दररत असतात. ऐकत नाहीतच कोणाच दह. तस काही पशी पण बडखोर असतात, ताना करमतच नाही ता भागात. मग ता रतिाचा नसतन ककवा ललमर चा नसतन टमर चा बाहर पडतात. अस हजारचो पशी सटलावर, एखािी पशी मग रफस, यकत, मि, हाडा मध रतन बसत. आलण अनक अशया रतन बसलला पशी मधली एखािीच कर नर पसरवत” मजळा न समजावल.

“अस तर! महणज सगळच कर नर काही पसरलल नसतात! असच ना!? आई न बवचारल. “ नाही पराथबमक अवसत महणज पदहला ककवा िसऱा पायरीतल कर नर पसरलला असायची शकता रार कमी असत. महणन पदहला ककवा िसऱा पायरी-तल कर नर समणच उपचार घतलास पणचपण िखील बर होऊ शकतात, हो, आलण आता बतसऱा पायरीतल सदधा आता बर होऊ लागल आहत, मजळा उततरली. “ हो का? ह रार दिलासा िणार आह, आमहाला तर वाटत होत कर नर महणज मत, पण कर नर बर होतात ह ऐकण दभतीच कमी झाली” आई ला हायस वाटल. “ हो, पण तासाठी आपण डॉकटर ला अगिी सरवातीला िाखवायला पादहज, महणज मग डॉकटर नी कलला उपचारा-ला अजधक यश यत” मजळा न साबगतल. “पण मग आमचा सरखानना पदहला िसऱा पायररतल कर नर कस कळावत? डॉकटर ला कधी िाखवाव? का तझ महणण आह की सतत डॉकटर ला िाखवत रहाव,? आजकाल डॉकटरकड जायच ककती

पस लागतात मादहती का? वतागन आई न बवचारल. मजळाला हस आवरल नाही. बत महणाली “ तस नाही आई, जस न भरणारी जखम, तचोडातला रोड ककवा जखम, सतत होत असलल अजीणच, शौचा चा सवयी मधला बिल, ककवा रतिसताव, सतत वाहणारा पाढरा ककवा लाल पिर, माजसक पाळी मध झालल अचानक बिल, न बरा होणारा खोकला, आलण आवाजात झालल बिल ह कर नर च लकण अस शकतात, व ह असलास तवररत डॉ-कटरला िाखवाव. वजन बवनाकारण कमी होण, भक कमी होण ह पण लकण अस शकत. आलण हो! बवसरलच कक!! ससतयानी सतनाचा गाठी बदल बवशष जागरक रहाव. सतनाचा कर नर पणचपण बरा होऊ शकतो.”

“आता कळल, कर नर लवकर कळावयास आपणच जागत रादहल पादहज” आई महणाली” कर नर होऊच नय बाई कोणालाच, पण काय ग मजळा कनर होऊ नय महणन काही करता यत का? मजळा महटली “ कर नर ची मख कारण , आपला सवयी असतात. वयसन नसण, योगय आहार, सलता नसण आलण योगय वयायामान कर नर टाळता यतो ककवा ताची शकता कमी होत.

तमाख, गटखा ,वीडी ,जसगरट, िार, हया सवयी कर नरला आमतण ितात. रळ, ताजा भाजा, परजथन भरपर खललास कर नर वायची शकता कमी असत. कनयबमत वयायाम कर-णाऱा लोकामध िखील कर नर कमी उदावतो. शीळी अनन, शारीररक असछता सदधा कर नर ची वाट सोपी करतात. आलण हो, आजकाल गभचमखाचा कर नरला टाळणासाठी लसी पण आहत बर. वयात यताना ितात “

बर झाल, ह सवच कळल, मी आमचा मडळात ह सवााना सागन. ककती गणी ग बाई माझी मजळा!! आई अस महणत कामाचा तयारीला लागली व मजळा िवाखाणाचा!!

लखक: डॉ अचचना सारडा

िधिह तजञ

वाढलला साखर सोबत डायबटीस मध यतात, ती थोडी भीबत आलण बराचसा मानजसक गचोधळ. पढयात काय वाढन ठवलय ही भीबत, आलण काय कराव ककवा कर नए हा गचोधळ. डॉकटराचा वदकीय उपचारा बरोबर बमळतात निहीजनाच 'हमखास' घरगती उपाय व रोरावलला सोशल मीकडया च 'तवररत' व 'सोप सहज' उपाय. इतका आतमबवशासान साबगतलल की तावर चटकन बवशास बसावा आलण तोच मागच सवबोततम वाटावा. गचोधळलली मन-ससबत मग 'मला काही ररक नाही पडत' पासन त 'आता माझ कस होणार', अशी िोलायमान होत. कारण परबळ आतमबवशासन, कनड-रतन, अशी कनिान मानय करण सवाानाच जमल अस नसत. आपण डायबटीस कड ताची घडी उकलत बघ या, महणज समाधान झालला मनाला पण कनशचत वाटल.

िधिहाच च परावतचन.(ररवहसचल)मधमह झाला तसा माघारी परतावा दह आपली पदहली इचछा

असणारच. पण डायबकटस बरा झाला अस तवाच महणता यईल जवा साखरच आवान दिलावर िखील रतिातील साखारच परमाण सामानय रादहल. जस टाइप1 मधमहामध एक ककजचत-वळ, 'हनीमन' ससती असत जवा रतिातील साखर इसललन न घता िखील सामानय असत. ककवा काही गभचवतीना होणारा मधमह परसबत नतर बरा होतो. मात हया गभचवतीना भबवषय काळात मधमहाची सभावना असत.टाइप2 डायबबटीज मध अनक िाव सागतात आहार, वयायाम आलण सतललत वजन मधमहाच परावतचन कर शकतात. जीवनशली मध सकारातमक बिल कलान कलपन पललकडल कनकाल बमळ शकतात. जस कनववळ वजन कमी कलान, इनललन बवरोध कमी होऊन शकच रा कनयतण अजधक सकम होत. 'सतवर मधमह कनयतण करा, हमखास आलण सहज' भीबत वाटत ती या उपायाची, जा मध

गोळा, जडीबटी आलण अबतरकी आहार सल िखील असतात. एक मात सतत लकात हव की, मधमह पर-तावला ककवा ताच परावतचन जरी झाल, तरी रतिा-तील साखरच परीकण कनयाबमत करायलाच हव.

िधिहाच ननलबन (रभिशन)ही ससती महणज मधमह कनलबबत होऊन 'परी डाय-

बकटस' ककवा मधमह पवच ससतीत यण. या मध मध-मदहच, जीवनशली मध बिल करन व औषधोपचारा जशवाय, रतिातील साखरच परमाण कनयदतत राहत. ही ससती तशी सागताहच असली तरी, पढ याच मधमहाच परावतचन ककवा मधम-हात रपातरण, िोनी होऊ शकत. ह नहमी लकात अस ित की मधमह पवच ससती जरी असल, तरी मधमह असलागत काळजी घण व साखरची तपासणी करण अपररहायच आह.

ननयकतरत िधिह (वल कटोलड डायबनटस)टाईप1, टाईप2 ककवा गभचधारणतला मधमह असावा तर हया

ससतीत, कारण जजथ कनयतण वयवससत, बतथ गतागत कमी. जीवनशलीबतल कलल सकारातमक बिल, मधमहावर कनयबमत िखरख आलण ततोतत औषधोपचार, आयषयाला मधमहाच सोबत िखील सखकर कर शकतात. जीवनशलीतील बिल अथाचत सतललत आहार, कनयबमत वयायाम, वळच कनयोजन, तणाव कनवारण आलण वयसनाना बवराम ह होय.

िखयिावमधमहाचा लढाईतील घालायची पदहली पायरी

आह सीकार. असीकार रति उपचारात उशीर कर शकतो. आलण ही दिरगाई पस आलण आरोगय, िोनी बाजन महाग ठर शकत. िसरी पायरी आह जानाची. योगय मादहती बमळवन मधमह परावबतथित ककवा कनय-दतत करणाचा मागच शोधण. आलण शवटन, सापडल-ला या मागाचवर भतिी भावा न चालण.

सव:परयोगकधी कधी आपलाला 'कायमचा उपचार' िणाऱा

पदधतीना अवलबायचा मोह आवरत नाही. मग त उपचार धाबमथिक असो, जािटोणा असो, वनसपती उपचार असो वा अबतबवशष ककवा अबतरकी आहार पदधत असो. कपया, अशया सवच पदधतीची वजाकनक अहचता तपासन पहावी. िीघचकाळ मधमह कनयतणात ठव शकणार अवतीभवती नकी असतीलच. त असला उपचाराब-दल आलण तानी अवलबबलला उपचार पदधतीबदल योगय मादहती नकी िऊ शकतील. ताचा सपकाचत

असाव.

नव उपचार आमलात आणताना आपला डॉकटराना ताची मादहती दावी. ताचा सललान व िखरखी खालीच ह उपचार अवलबवाव.

दभषटकोनआयषयातला सवचच अवहानाना पलताना ज महतवाच असत,

त महणज आपला ददषटकोन. मधमह वाटतो बततका तासिायक नकीच नसतो. खपशा लोकाना मधमह ताचच नव तर ताचा कटबाला सदधा आरोगय दिशा िाखवणारा एक सागाडी वाटतो.

मधमह, एक बवशष जीवनपदधती आह. आपण सोबतीन जाऊ या बतबमरातन तजा कड, अधारातन परकाशाकड, जशिोरीला जान, बवशास व आशा घऊन.

पराथभिक अवसत मणज पभहला नकवा

िसऱा पायरीतल कनसर पसरलला असायची शकयता फार किी असत.

मणयन पभहला नकवा िसऱा पायरीतल

कनसर समयणच उपचार घतलास पयणचपण िखील बर होऊ

शकतात

टाईप1, टाईप2 नकवा गिचधारणतला िधिह असावा

तर हा ससतीत, कारण जजथ

ननयतरण वयवससत, कतथ गतागत किी.

ककच रोग: भिथक नकवा तथय

UDAAN SMILE | APRIL 2020 | #1

डॉकटर क डसक स

एक ककग सिाद

मधमह आणण जीिन

6

Page 7: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

लखक: शलजा ककर

शशकषण तजञ

जशरीन माझा समोर बसलली होती, बतची नहबमचीच तकरार घऊन. बतची गोड मलगी, आयाच, बडबड रार करत, सतत बोलत, बोलण थाबतच नाही. ऐकत मळीच नाही. कधी पिर ओढल, कधी हात आलण "आई, ह बघ माझा बोडच." "आई, पहा न , माझ जचत." माझी ही मतीण न आई, अशी करत कक.." " ह बघ आई, माझी वगाचतली बसायची जागा" पण मी काही साबगतल तर पणच ि-लचक करत. जशरीन ठाम पण सागत , आयाच काहीच ऐकत नाही, मात ह सागताना ती िखील आयाच च बोलन ऐकत नसत.

जशरीन , अनक पालका परमान, माझा कड दह तकरार घऊन यतात की हली मल मळीच ऐकत नाहीत. अशया पालकाना माझा असा परबतपर-शन असतात की तमही मलाच महणण, बोलन एकता का? का तमचा ता-चाशी सवाि हा रति सचना परता असतो?

" आयाच, मला तास िऊ नको." "आयाच, गप बस, मी महतवाच बोलत आह." "टबल ला हात लाऊ

नकोस". "पसतक नीट ठव, ता काक रागावतील". मघा पासन मी पाहत आह, जशरीन, त आयाचशी अस बोलत आहस' मी जशरीन ला महटल.

आयाच सतत सकारातमक बोलत होती, पण जशरीनचा सवच सवाि वजा सचना नकारातमक होता, ह बतला समजत नवत. आपण हा जागतप-ण बवचार करावा, की कणी कणाच आलण कस व ककती ऐकायच!

महाभारतात, अदभमनयन चकर-वयव भि आई दरौपिी चा गभाचत जशकला. जशकवणी नवती, की सचना नवता. पण जशकला ना? मल मलभत दकरया ,जस हासण, बसण, उभा रहाण, एकण, ओळखण, ककवा परबतसाि िण, पदहला िोन वषाचत जशकतात. दह सगळी मलाची िगड, कठलाही जशकवणी सचना, ककवा परजशकणा जशवाय, मल गाठतात.

अस ओणव पडाव, अस रागाव,अ-स ऊभा रहाव काही काही साबगतला जात नाही. उलट परतक हालचाली

च खप कौतक होत. टाळा पडतात, पापी घतली जात. आनि वयति होतो.

जर मलाना अस सवच न जशकावता यत, तर कस वागाव ह का बर जशकवण गरजच वाटत? असा बवचार करन बघत का की घरी अस वातावरण कनमाचण करता यईल का? जण करन, कस वागाव ह मलाना नसगतीकररता, बघनच जशकता यईल? कारण मल नकल करनच जशकतात.

महणन माझा हा सला आह की, तमहीच ताच रोल मॉडल वा, ताना अनकरणीय वयजति आहात, वाट िया. त तमचाच सारख बोलणार, चालणार, ऐकणार व तामळ बवचार िखील तमचा सारखच करायच, जशकणार. महणन मलाच नहमी ऐका. रादत झोपताना ताना गोषटी वाचन ककवा बोलन साबगतलास ताना ऐकायची सवय पडत. मात तवा ताच परशन , बवचार ककवा मद आपण सदधा ऐकायला हव. नसती गोषटच नव तर तातील सबवचार, मल सदधा त

आतमसात करतात. झोपताना गोषटी सागणार आई बाबा मलाना सग-ळात जवळच वाटत असतात. तवा मल परसनन असत, ताला सरकीत वाटत असत, तामळ लक िऊन ऐकत असत. वारवार अस कलास, मलाचा आतमबवशास वादढस लागन, ताची सपरबतमा उजळत.

जवा तमही मलाना गोषटी सागत असतात, तवा मल तानसार ताच अनभव सागत. गोषटी चा ककती सरळ, नसगतीक आलण सकारातमक पररणाम! एवढाच नव तर, गोषटी चा या गपान मळ पालक आलण मलामध भावकनक जवळीक कनमाचण होत व ही जवळीक अजधक दढ होत जात.

हया भावकनक सरलकतत मळ, वाढता आतमबवशासा मळ, आपल ऐकल जात या सीकत असलाच जाणवला मळ

मल तमच ऐकायला लागतात, व ह शरवण सकारातमकच असत.

िलानी तिच कस ऐकाव तयाचा एक सोपा गरितर

घरट

पययािरण आणण पासटिक

7मन की शकति

लखक: शी एस क अगरवाल स. नन. सिसय डाकसवा बोडच

जनम स मत तक मनषय सख की खोज म रहता ह. जचो जचो बालक बडा होता जाता ह सख का क दर बिलता रहता ह - लखलौन, चॉकलट , बदढया मोबाइल, ऊची कडगी, अचछी नौकरी, मनचाहा पबत या पतनी, बच, अचछा घर व कार, बचो का अचछा भबवषय, बचचो क बचचो को िखन की लालसा. सख मग तषा जसा लगता ह. ऐसा परतीत होता ह कक

सख छाया की तरह ह. जब म उसक पीछ भागता ह वह और आग कनकल जाती ह.

सख कनवास की क जी ह - शाबत (अशातस कतः सखम- भगवि गीता) जब मन अशात ह तब सख कहा?

शाबत को कहा खोज? शाबत बाहय साधनचो स नही बमलती. धन स सबवधाए बमल सकती ह मानजसक

शजति नही बमल सकती. शात रहन क ललए हम शतषट बनना पडगा. मन म तो कामनाए उठती ही रहगी समनदर म लहरचो की तरह. जब कामनाए रपी लहर मर मन रपी समदर को उदललत न कर पाए तब ही म सतषट या शात कहला सकता ह.

सतोष पान क ललए हम पररसबत को सीकार करना सीखना ह. दिन क बाि हम रात को सीकारत ह.

गमती क बाि शीत को सहज सी-कारत ह. उसी परकार जीवन म कोई भी पररसबत आय - लाभ/हाकन, मान/अपमान, यश/अपयश, इन सबको अपन ही कमगो क समजचत रल क रप म सीकार करक अपनी तरर स अचछ स अचछा परयास करत रहना चादहए.

जहा सतोष - वहा शाबत. जहा शाबत - वहा सख.

पाससक अथवा पॉलीथीन चा दपशवी आपण ककती सहज-पण वापरतो. पढ ता पाससक च काय होत कणास ठाऊक! पाससक पयाचवरणास घातक आह. कारण पाससक ची दपशवी सडनशील नसत. पाससक चा दपशशची नस-गतीक बवलवाट लागत नाही. शतका-नशतक ही अशीच राहत.

सधाचा सवच पाससक दपश-वयाची एक पायवाट तयार कली, तर पथीला ताचा 4200 परिलक-णा होतील. पाससक कालातरान जमीनीत मरत, झाडाचा मळापयचन जात व झाड व दपक कमी होतात. पाणी जबमनीत मरत नाही व बवदहरीच पाणी कमी होत. नाल पाससक न भरतात, पाणी अडन, तात अपाय-कारक जीवाण रोरावतात, व अनन बवषबाधा होत. पाससक ह पयाचव-रणास, बवशषतः बवदहरी निी व सम-दरास, िबषत करणाऱा पदहला बारा कारणा मधल एक कारण आह.

जर एक वयजति आयषय भर, पा-ससक चा दपशवयाचा वापर योगय, कमी ककवा न करणाच ठरवल, तर ता एका वयजति मळ 22000 दपशवया पयचवारणातन कमी होतील. ही कनसगाचला कलली रार मोठी मित ठरल. ती वयजति तमही अस शकता, अस शकता काय, आता असणारच! चला, या उनाळात आपण जनया कपडयाचा दपशवया कर, ताच वापर.पाससकचा दपशवी ला रोजचा वापरातन तडीपार कर.

करणार ना?

जचतर: सफान लइजो, पाससक िध फासलल कासव

सख की खोज

ACTNOWADOPT A CHILD WITH T 1 DIABETES NOW

Do you know a underprivileged child with Type1Diabetes?

Gift the child a life...Connect them to UDAAN.

9822024117 | 8550960555www.udaankids.org

Page 8: 2000 2009 2011 2013 2016 7 2017 8

UDAAN SMILE | APRIL 2020 | #1 8फोटो नयज

इनसशलन थड ठवा, कवना कवदत उपकरणाच!

• रोटो मध िाखवला परमाण िोन मातीची भाडी घा, अस की एका भाडयामध िसर सहज मावल.

• मोठा भाडया मध वाळचा एक थर करा व तावर छोट भाड ठवा.

• िोन भाडया मधली जागा वाळन व पाणान भरा.• हया आतला छोटा भाडया मध इ सललन ठवा.• छोटा भाडयावर माबतची थाळी झाकण महणन ठवा.• हया झाकण-थाळी वर पाणी राह िया.

हया उपकरणाची अजधक मादहती खालील सकत सळावर पहा www.youtube.com/watch?v=ZtL7c75NNwM

ACTNOWADOPT A CHILD WITH T 1 DIABETES NOW

Adopt a child for...One week: Rs 825 onlyOne month: Rs 3500 onlyThree months: Rs 10,500 onlyOne year: Rs 42,000 only

For Donation call 9823040323Bank transferName: UDAANAccount No:01131450000842IFCI code: HDFC0000113Branch: HDFC bank, Akashwani, Aurangabad, 431001*Donations are covered in 80 G tax exemptions.

उडान न िारत क पहल राषटीय T1D चलज "वन अप" का आयोजन ६,७,८ अकबर २०१७ को नकया। इसक अतगवत महाराषट क सबस ऊच शशखर कलसबाई (५४०० फीट) पर दश क २३ टाइप १ बचचो न टक नकया। शजसम ४ बच, जली भपल , मजरा बवव , नकल ततवारी और शलश जन उडान पररवार क थ। चारचो बचचो न अपन अनशासन और शिद स यह सातबत कर भदया नक उडान क बच नकसी स कम नही ह। इटरनशनल डायतबटीज फडरशन (IDF) क अधयकष डॉ सभदकोट और डायतबटीज इनडया सशचव डॉ बसी साब न सिी बचचो का परोताहन नकया । डॉ अचवना सारडा और एवरसटर रफीक शख न "वन अप" टक म िाग ल कर सिी बचचो को मागवदशवन भदया ।

दश क दसर राषटीय T1D चलज "वन अप" का आयोजन २०१८ म नकया गया। शजसक अतगवत दश क अलग अलग शहरचो स २६ टाइप १ बचचो न चनदरखानी पास, भहमालयन टक म िाग णलया ,इसम विव बहादर और सौरि इटक उडान पररवार स थ । विव और सौरि न अपन टक की शारीररक और मानशसक तयारी २ महीन पहल स ही करनी शर कर दी थी । उडान की सचाणलका डॉ अचवना सारडा न टक म लगन वाली िररत की वसए दोनचो बचचो को महया करवाई और उनका मनोबल बढाया ।

४४ व इटरनशनल सोसाइटी फॉर पनडयनटक एड एडोलसट डायतबटीज (ISPAD) २०१८ का आयोजन हदराबाद म ११-१४ अकबर क बीच हआ । गौरतलब ह नक ४४ साल म पहली बार ISPAD का आयोजन िारत म हआ । ISPAD क उदाटन समारोह का मखय आकरवि उडान क २१ टाइप १ बच थ । इन बचचो न तवशव िर स आय हए १००० स िी जादा डॉकसव क सामन अपन नत दारा िारत की झाकी का अदबित परदशवन नकया । ५ T1Mom और डॉ अचवना सारडा न पर जोश स बचचो का साथ भदया। ६०० नकलो मीटर की दरी तय कर अपन कला का परदशवन बचचो क आतम तवशवास का परततक ह शजसक णलए ISPAD की राषटीय ननदशशका डॉ अज तवरमानी और अतरराषटीय ननदशशका Dr Kim Dinaghue न सिी बचचो की िरपर तारीफ की।

िारत क राषटीय डायतबटीज सघटन World Congress of Diabe-tes क ९ व मीनटग म दश क ४० T1D यवक और यवततयचो का चयन नकया गया व उन Young Lead-er of Diabetes in India(YLDI) घोतरत नकया गया। सबस बडा गट उडान पररवार स था (१८ YLDI)। World Congress of Diabetes का आयोजन जयपर म २८ फरवरी स ३ माचव 2019 क बीच हआ था।

www.udaankids.org | [email protected] | 9822024117, 8550960555

@child.diabetes.udaan @udaan_t1d @udaant1d