2
जतनी खुशी जिले , सारी सिेट ले कु छ ददन ही चलते सास के जसलजसले आवाज दे उह संग चलने को सफर पर अब दूर कर ले अपने ,सब जशकवे और जगले शाजलनी शिा"कब दकसकी जजदगी का सूरज यहां ढले या होने वाला पल ि दकसको पता चले हर पल है कीित, ना था यूं गवां कहा रौशनी जिले ,दीये के जबन जले .... " शाजलनी शिाजवकट घडी जसर पे खड़ी लगा जहर का बाण घायल हररयाली पड़ी कोई बचा लो ाण जगंल ि दगंल कर दो शावक दो शेर पल ि एक जशकारी करता उन चारो को ढेर पाररतं ि सब जीवो का अपना है थान ाकृजतक आवास का इनके ना करना नुकसान शाजलनी शिा

जितनी खुशी मिले

Embed Size (px)

Citation preview

  • ,

    ,

    "

    ,

    , .... "