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Kamal design’s & engineering consultancy
1 | P a g e
KAMAL KISHOR
CIVIL ENGINEER
KAMAL
DESIGN’S &
ENGINEERING
CON SULTANCY
Address1:- shivaji nagar phase 2, daldal sevoni, mova, Raipur (c.g)
Address 2:- vill-chilapawan, post-jhalap, dist-mahasamund,(c.g.)
Kamal design’s & engineering consultancy
2 | P a g e
Description
The day of 16th august 2012 was first day my
engineering now that day comes before correct 4 year 16 august 2016 I have want
to published my first book, I have completed my bachelor of engineering in civil
with first division with honours. I have achive many more thing during during my
graduation. I thing for average class student who are wrote this description for there
first book is very big for her, and he want to published to the public and friends.
In the starting I don’t know about civil
engineering. When I practically study to the material so I intrestes about it. During
2nd or 3rd semester engineering design subject comes I am highlly interested, I draw
a drawing night and night, I even don’t know how much time pass over in drawing.
During 4th semester on offer comes comes for us from DCS,Raipur for autocad 1
month traing we will join. There I saw advance technology which are essy to work
and work to large project on it. After autocad I continoue my designing trainings I
do there REVET, 3dx MAX, STAADpro, vastu sastra. I am highlly intrestted in 3d
modelling.
I hope this book helps you to choose better plan, elevation, with vastu
sastra. And hope you like it.
This book includes :-
2D PLAN DESIGN
ELEVATION DESIGN
INTERIOR DESIGN
EXTERIOR DESIGN
SPACE MANAGEMENT
VASTU SASTRA
COMPLETE SOLUTION RELATED VASTU DOSH
KAMAL KISHOR
Kamal design’s & engineering consultancy
3 | P a g e
1 BHK PLAN (1 bedroom, 1 hall, 1 kitchen)
1 hall, 1 bedroom with attached toilet and hall
Total area= 828 sq ft
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38 | P a g e
Q. WHAT IS VASTU?
ANS- Vastu is the science of direction that combines all the five elements of nature
and balance them with the man and the material. Vastu Shastra is creating a
congenial settings or a place to live or work, in most scientific way taking advantages
of the benefits bestowed by the five elements called "Paanchbhootas" of the nature
thereby paving the way for enhanced health, wealth, prosperity and happiness in an
enlightened environment.
The world comprises of five basic elements, also known
as the Paanchbhootas. They are Earth, Water, Air, Fire and Space. Out of the nine
planets, our planet has life because of the presence of these five elements.
The Directions
The importance of orientation of a building is not only for saving
energy but also to have a better house design, which not only gives comfortable
living but also gives good health, prosperity and wealth to the house
owners/occupiers and these families. There lies a co-relation between the rotational
scenario of the planets and the house design and their
different directions with respect of NORTH. The building
of any type and its construction meets the purpose if
proper orientation has been given using suitable local
building material. It increases not only its life span but
also improves the condition of occupants. There are
instances where buildings are not planned according to required local orientation
were lost or deteriorated much faster then the buildings having built with proper
studies of orientation.
The proper orientation means the proper knowledge of all the eight
directions. It is a common knowledge that the direction from where the Sun arises
is known as East and where it sets as West and when one faces the East direction,
towards one's left is North and towards one's right is South. The corner where two
directions meet obviously is more significant since it combines the forces
emanating from both the directions. SO in all there are eight directions , North,
Northeast, East, Eastsouth, South, Southwest, West, Westnorth. Every direction
has its own significance and has its own construction. The basic rules of Vastu
Shastra are based on these eight directions.
Kamal design’s & engineering consultancy
39 | P a g e
Vastu is essential
Vastu forms the basics of each construction;
one must follow Vastu from the initial level i.e. from
choosing a plot to shift in the house. Everything should be
done according to Vastu principle since Vastu is not
merely a word but it is a SCIENCE and a bridge between
man and nature.
Vastu is followed while choosing a plot, how to choose a plot: the
shape, the nature of the soil. When and how to construct a house, how to do the
interiors, how to choose colour and when to shift. Vastu is such a deep science that
it is a pool of information and one can have any doubts cleared with proper
reasoning.
Vastu is unique
Vastu is a science that has originated from India. Feng shui is an art
of harnessing energies. Though both have a same objective, the benefit of
humanity but the principles are very different. I am a strict follower of Vastu as it
is originated from India and its based on our culture, traditions, geographical
conditions, climatical conditions and everything for India. And fengshui is
originated in China and based on their culture and traditions.
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40 | P a g e
नया साल हो या कोई तय्ोहार, अधिकाांश बिाई सांदशेों में आपके चाहन ेवाले आपके जीवन में सखु शाांधत एवां समधृि की कामनाएां
भेजते हैं। समधृि तो आपकी मेहनत पर धनभभर करती ह,ै लेधकन सखु और शाांधत के धलए आप क्या कर सकते हैं। सखु और शाांधत के
धलए धजतना जय्ादा आपका वय्वहार मायन ेरखता ह,ै उससे कहीं जय्ादा आपके घर का वासत्ु।
मकान को घर बनान ेके धलए जरूरी ह,ै पररवार में सखु-शाांधत का बना रहना। और ऐसा होन ेपर ही आपको सकूुन धमलता ह।ै यधद आप
घर बनवान ेजा रह ेहैं, तो वासत्ु के आिार पर ही नक्शे का चयन करें। अपन ेआधकभ टेक्ट से साफ कह दें, धक आपको वासत्ु के धहसाब
से बना मकान ही चाधहए। हाां यधद आप बना-बनाया मकान या फ्लैट खरीदन ेजा रह ेहैं, तो वासत्ु सांबांधित धनमन् बातों का िय्ान रख
कर अपन ेधलए सुांदर मकान तलाश सकते ह ै
कई बार ऐसा भी होता ह ैधक आप तमाम पजूा-पाठ करत ेहैं, लेधकन अचछे् फल नहीं धमलते, ऐसे में आप अपन ेघर के वासत्ुशासत््र पर
िय्ान दें। हम आपको बतान ेजा रह ेहैं, कुछ धटपस् जो बहुत सािारण हैं और उनसे आप अपने घर में सखु-शाांधत बनाय ेरखन ेमें सफल
हो सकते हैं।
घर के धलए जमीन खरीदना हो तो वास्तु आिाररत बातों का धवशेष ध्यान रखना चाधहए। ये भल ेही पढ़न ेमें बहुत कम शब्दों की
बातें हैं, लेधकन ये आपके घर को खशुहाल बनान ेमें अहम भधूमका धनभाती हैं।
1. ऐसी भधूम धजस पर जल्दी आग न जले या जलकर बझु जाए वह कभी फलदायी नहीं मानी जाती ह।ै
2. जो भधूम पधिम में ऊां ची एवां पवूभ की ओर से नीची हो, वह अधिक फलदायी मानी जाती ह।ै
3. भधूम खरीदते समय ध्यान रखें धमट्टी का रांग चाह ेजैसा भी हो, लेधकन वह धचकनी होनी चाधहए।
4. भधूम की धमट्टी यधद पीली या सफेद ह ैतो वह शभु मानी जाती ह।ै यधद लाल ह ैतो मध्यम और यधद काली ह ैतो ऐसी भधूम पर
घर या कायाभलय नहीं बनाना चाधहए।
5. यधद भधूम को खोदन ेपर धमटटी में हड्डी, फटा कपडा धमले तो उस भधूम पर रहना शभु नहीं होता ह।ै
6. धजस भधूम पर पहले श्मशान आधद रहा हो तो वह भधूम अशभु होती ह।ै
7. बडे-बडे पत्थरों वाली भधूम या धफर पवभत की ढाल में पडन ेवाली भधूम धनवास के धलए ठीक नहीं होती ह।ै इसे खरीदन ेसे
बचना चाधहए।
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41 | P a g e
प्लाट के ललए जमीन का चयन करने के ललए वास्तु लटप्स :
मकान धनमाभण के धलए वास्त ुअनसुार शभु भधूम का चयन करत ेसमय धनम्नधलधखत बाते मखु्तया ध्यान रखन ेवाली हें :
प्लाट के चारो कॉनभर समकोण पर हो अथाभत प्लाट का आकार आयताकार या वगाभकार हो. यधद प्लाट उत्तर-पवूभ धदशा
में बढ़ा हुआ हो तो भी ठीक ह ैपर दधिण-पधशम और दधिण-पवूभ में बढ़ा हुआ भखूांड उपयकु्त नहीं होता हें.
दो बडे प्लाट की बीच धस्थत एक अपेिाकृत छोटा प्लाट आधथभक समधृि के धलए उपयकु्त नहीं होता हें.
प्लाट के पवूभ, उत्तर एवां उत्तर पवूभ धदशा में कोई बडा या भारी धनमाभण नहीं होना चाधहए.
यधद प्लाट के उतर-पवूभ मे कोई पानी का स्थान हें तो यह शभु होगा पर दधिण-पधशम धदशा म ेपानी का स्थान कदाधप
नहीं होना चाधहए.
प्लाट समतल होना चाधहए, यही प्लाट समतल नहीं ह ेपर ढलान उत्तर या पवूभ धदशा की और होना चाधहए. दधिण या
पधशम धदशा की और का ढलान नहीं होना चाधहए.
प्लाट टी (T) पॉइांट पर नहीं होना चाधहए याधन प्लाट के धकसी भी धदवार पर पर आकार कोई रास्ता बांद नहीं हो जाना
चाधहए.
प्लाट मांधदर, मकबरा, शमशान के सामन ेनहीं होना चाधहए एवां उस पर मांधदर अथवा पीपल के पेड की छाया पडनी
चाधहए.
प्लाट की लिशाये:
पवूभमखुी प्लाट (East Facing Plot) : पवूभ को दखेता हुआ प्लाट धशिा, िमभ एवां अध्यात्म के कायभ म ेलग े
व्यधक्तयो के धलए उपयकु्त होता हें.
पधिम मखुी प्लाट (West Facing Plot) : पधिम को दखेता हुआ प्लाट समाज को सधवभस प्रदान करन ेवालों
लोगो जैसे की डाक्टर के धलए उपयकु्त होता हें.
उत्तर मखुी प्लाट (North Facing Plot) : उत्तर को दखेता हुआ प्लाट, सरकारी सेवा, पधुलस, सेना मे कम करन े
वालो के धलए उत्तम होता हें. यह अधिकारों में वधृि के धलए अच्छा हें.
दधिण मखुी (South Facing Plot) : दधिण को दखेता हुआ प्लाट व्यापाररयों एवां व्यापाररक सांस्थानों में कायभ
करन ेके धलए उपयकु्त होता हें.
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अपना घर अपना होता ह।ै यह जमुला हम जब भी सनुते हैं, एक अपनेपन का अहसास जरूर होता ह।ै लेधकन जब हम अपना घर
या कायाभलय बनवाएां तो भधूम चयन करत ेसमय वास्त ुशास्त्र को जरूर आिार बनाएां। साथ में ये उपाय जरूर आजमाएां...
भधूम ऐसी जगह न हो जहाां गली या रास्ते का अांत होता हो।
जहाां तीन रास्ते एक साथ धमलते हों, वहाां भधूम न लें। यह अशभु होती ह।ै
यधद भधूम खोदन ेपर हड्डी या फटा कपडा धमले तो भधूम अशभु होती ह।ै
यधद भधूम खोदते समय खप्पर धमले तो भधूम पर बनन ेवाला घर कलहकारी होता ह।ै
भधूम खरीदते समय ध्यान रखें भधूम का रांग कैसा भी हो लेधकन वह धचकनी होनी चाधहए।
धजस भधूम पर पहल ेकभी श्मशान रहा हो वह भधूम अपशकुनी होती ह।ै
भधूम का चयन करत ेसमय यह जरूर दखेें की भधूम बांजर न हो, उसमें कुछ न कुछ उत्पन्न होता हो।
भधूम में एक गड्डा खोदें, उसमें पानी भर दें। वहाां से पवूभ धदशा की और 100 कदम चलें। और लौट आएां। यधद उस
गड्डे में पानी परूा फुल ह।ै यधद पानी परूा भरा ह ैतो अत्यांत श्रेष्ठ ह।ै आिा खाली ह ैतो भधूम मध्यम फल दने ेवाली ह।ै
यधद परूा पानी सखू जाए तो भधूम व्यधक्त के धलए भाग्यशाली नहीं होती।
अपना मकान या कायभस्थल ऐसी जगह धबल्कुल भी न बनाएां धजसके उत्तर-पवूभ धदशा में ऊां च ेभवन, पवभत या पीपल का
पेड हो।
भधूम की धमट्टी पीली या सफेद ह ैतो वह श्रेष्ठ ह ैयधद लाल ह ैतो मध्यम और काल ेवणभ की धमट्टी ह ैतो ठीक नहीं मानी
जाती ह।ै
भवन के धलए भधूम खरीदते समय यह ध्यान रखें धक उसके उत्तर-दधिण में तालाब या नदी न हो ऐसी जगह िन का नाश
करती ह।ै
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घर की नींव रखन ेसे पहले इन बातों का रखें ध्यान
घर के धकसी भी भाग को जब तोडते हैं और धफर उसे दबुारा बनान ेसे वास्त ुदोष भांग दोष लगता ह।ै इसकी शाांधत के धलए वास्त ु
दवेता की पजूा की जाती ह।ै इसके अलावा यधद आप फ्लैट में रहते हैं तो घर में कलह, िन हाधन और रोगों के कारण आपकी
धजदांगी दुुःखमय भी हो सकती ह।ै
ऐसे में धकसी वास्तुधवशेषज्ञ या ज्योधतषाचायभ से नवग्रह शाांधत और वास्तुदवे का पजूा करवाना अधनवायभ हो जाता ह।ै वास्त ुप्राधि के
धलए अनषु्ठान, भधूम पजून, नींव खनन, कुआां खनन, धशलान्यास, द्वार स्थापना व गहृ प्रवेश आधद अवसरों पर वास्त ुदवे की पजूा
का धविान ह।ै ध्यान रखें यह पजून धकसी शभु धदन या धफर रधव पषु्य योग को ही कराना चाधहए।
वास्तु िेव पूजन के ललए आवश्यक सामग्री
रोली, मोली, पान के पत्त,े लौंग, इलाइची, साबतु, सपुारी, जौ, कपरू, चावल, आटा, काल ेधतल, पीली सरसों, िपू, हवन
सामग्री, पांचमेवा( काज,ू बादाम, धपस्ता, धकशधमश, अखरोट), गाय का शिु घी, जल के धलए ताांबे का पात्र, नाररयल, सफेद
वस्त्र, लाल वस्त्र, लकडी के 2 पटरे, फूल, दीपक, आम के पत्ते, आम की लकडी, पांचामतृ( गांगाजल, दिू, दही, घी, शहद,
शक्कर) आधद।
यलि घर की नींव रखना हो तो...
जल के धलए ताांबे का पात्र, चावल, हल्दी, सरसों, चाांदी का नाग-नाधगन का जोडा, अष्टिात ुकश्यप, 5 कौधडयाां, 5 सपुारी,
धसांदरू, नाररयल, लाल वस्त्र, घास, रेजगारी, बताश,े पांच रत्न, पाांच नई ई ांटें आधद। इसके बाद धकसी धवद्वान से पजून करवाएां
अगर घर छोटा या कम जगह का हो तो परेशान होन ेकी जरूरत नहीं। ऐसे में भी आप अपना घर वास्तु के धहसाब से बनवा सकते
हैं।
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ये 8 उपाय कर्ज में डूबने से बचाए ंतो क्यों न इन्हें आर्माएं -
बस ध्यान रखें धक काल ेरांग का कम प्रयोग और दीवारों पर मल्टीकलर न करवाएां। कुछ इस तरह के और भी धटप्स धजनस ेआप
अपन ेबढ़ते कजभ को कम कर सकते हैं यहाां धदए गए हैं। उम्मीद ह ैइन्हें आजमाकर आपकी कई परेशाधनयाां दरू हो जाएांगी।
इसके अलावा इन बातों पर भी ग़ौर करें...
पधिम की तरफ से सीधढयों के नीच ेआन ेपर भी कजभ बढ़ता ह।ै
पानी उत्तर धदशा में रखें और धकचन में नीला रांग न कराएां यह स्वास््य की नजर से ठीक नहीं ह।ै
अगर गैस पवूभ में रखना सांभव न हो, तो पधिम धदशा में छोटा सा आईना लगाएां। धजसमें गैस का प्रधतधबांब धदखाई द।े
उत्तर या पवूभ की दीवार पर उत्तर पवूभ की ओर लग ेदपभण लाभदायक होते हैं।
दपभण के फे्रम का रांग लाल, धसन्दरूी या मैरून नहीं होना चाधहए।
दपभण धजतना हल्का तथा बडे आकार का होगा उतना ही लाभदायक होगा।
घर के दधिण-पधिम धहस्से में टॉयलेट होन ेपर व्यधक्त पर कजभ का बोझा बढ़ता ही जाता ह।ै
कजभ की पहले धकस्त हमेशा मांगलवार को चकुानी चाधहए। ऐसा करने से आपका कजभ जल्दी उतर जाता ह।ै
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ये हैं वो समृलि के 11 सतू्र लजनसे आप अब तक थे अनजान
कई बार वास्तुदाेेष भी समधृि आेैर सफलता के राह की सबसे बडी बािा बन जाते हैं। ऐसे में अगर हम कुछ छाेेटे उपाय अपना
लें ताे ेदाेेषाेेेां काे ेदरू करके समधृि की राह आसान बनाई जा सकती ह।ै क्या आपके घर में वास्त ुदोष ह?ै अगर 'हाां' तो उसे
दरू करन ेके धलए घर की तोड-फोड धकए धबना भी घर के वास्तुदोष को दरू कर सकते हैं।
इसके साथ ही आप अपने घर को और भी आकषभक और खशुहाल बना सकते हैं। अगर आप इन 11 सरल वास्त ुसतू्रों को ध्यान में
रखकर कुछ उपाय करें तो आपकी तरक्की सखु समधृि को कोई नहीं रोक सकेगा।
1. घर में घडी पवूभ-उत्तर धदशा में लगाएां। इससे आपका समय अच्छा बीतता ह।ै
2. भोजन कि उत्तर पधिम में बनाएां ताधक स्वास््य ठीक रह ेआप बीमार न हों।
3. बैठक व्यवस्था उत्तर पवूभ या उत्तर पधिम में बनाएां ऐसे में सखु और समधृि में बढ़ोत्तरी होगी।
4. घर में टॉयलेट और स्नानघर को दधिण पधिम की ओर ही बनाएां। इससे लाभ ही लाभ धमलेगा। ध्यान रखें िर के चारों कोनें सरुधित
रखना चाधहए। वहाां टॉयलेट नहीं बनाना चाधहए। पवूभ व दधिण की धदशा में टॉयलेट बनवा सकते हैं। यही उनकी सही धदशा ह।ै
5. घर के शयन कि को दधिण पधिम में रखें। घर में सखु शाांधत रहगेी और लोगों का मन भी घर में लगा रहगेा।
6. अपने दस्तावेज हमेशा पवूभ उत्तर धदशा में रखें। ऐसे में आपके सांबांधित कायभ जल्दी सफल होंगे। धजनके पररवार में कोटभ कचहरी का
मामला चल रहा हो उनके धलए यह वास्त ुसतू्र काफी फायदमेांद ह।ै
7. पजूा का स्थान हमेशा ईशानकोण (उत्तर और पवूभ का कोना जहाां धमलता ह)ै में रखें इससे आपके मान-सम्मान में वधृि होगी।
8. धतजाेरेी को हमेशा पवूभ उत्तर व दधिण में ही रखें। धतजाेरेी भरी रहगेी।
9. धकचन दधिण पवूभ में होना बहुत महत्वपणूभ ह।ै आप जब भी खाना बनाए तो आपका मुांह पवूभ में होना चाधहए। क्योंधक यहाां से आग्नेय
कोण से आपके भाग्य में वधृि होती ह।ै यह आपके परेू पररवार के धलए सखु समधृि दतेा ह।ै
10.घर की पवूभ-उत्तर धदशा को खाली रखें। यहाां पर कोई भारी वस्त ुन रखें और घर के दधिण-पधिम धदशा यानी नैऋत्य कोण में भारी
वस्तुएां रख सकते हैं।
11. घर के ईशान कोण में टॉयलेट न बनवाएां। इस स्थान को हमेशा पधवत्र और साफ रखना चाधहए क्योंधक ईशान कोण भगवान धशव
और वास्तुदवे का मधस्तष्क माना जाता ह।ैयहाां आप भरा हुआ पानी का घडा, तुलसी का पौिा और एक दीपक रोज जलाते हैं तो
धनधित आपको इसके सकारातम्क पररणाम धमलते हैं।
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अमीर बनना चाहें, तो ये पाांच बातें अपनाएां
िनवान बनने के धलए िन कमाना के साथ िन बचाना भी जरूरी ह।ै कई बार कोधशश करन ेके बाद भी िन की बचत नहीं हो
पाती ह ैव कई आकधस्मक खच ेआपका बजट धबगाड दतेे हैं। वास्तुशास्त्र में कुछ ऐसे उपाए बताए गए हैं धजन्हें आजमाकर आप
िन की बचत कर सकते हैं।
नजदीक रखें िात ुका सामान
अगर आपका शयनकि प्रवेश द्वार के सामन ेवाली दीवार के बाएां कोन ेपर ह ैतो वहाां िात ुकी कोई चीज लटकाकर रख सकते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनसुार यह स्थान भाग्य और सांपधत्त का िेत्र माना जाता ह।ै ध्यान रह,े इस धदशा की दीवार पर दरारें या स्थान टूटा-
फूटा हो तो मरम्मत करवा दें। इस धदशा का कटा होना भी आधथभक नकुसान का कारण होता ह।ै
कबाड को घर पर ना रखें
घर हर सखु-दखु में आपका साथी होता ह।ै इसधलए कोधशश होनी चाधहए धक घर में टूटे-फूटे बतभन और कबाड जमा ना करें। इससे
घर में नकारात्मक उजाभ का सांचार होता ह।ै टूटा हुआ पलांग भी घर में नहीं रखना चाधहए। इससे आधथभक लाभ में कमी आती ह ै
और खचभ बढ़ता ह।ै अक्सर लोग घर की छत पर या सीढ़ी के नीच ेटूटा- फूटा सामान जमा करके रखते हैं जो िन वधृि में बािक
होता ह।ै
िन रखन ेकी धदशा
िन में वधृि और बचत के धलए धतजोरी अथवा िन रखन ेकी अलमारी को दधिण की दीवार के पास कुछ इस तरह रखें धक इसका
मुांह उत्तर धदशा की ओर रह।े पवूभ धदशा की ओर अलमारी का मुांह होन ेपर भी िन में वधृि होती ह,ै लेधकन उत्तर धदशा उत्तम मानी
गई ह।ै
नल से पानी न टपकन ेदें
नल से पानी का टपकते रहना वास्तुशास्त्र में आधथभक नकुसान का बडा कारण माना गया ह।ै बहुत से लोग इसे अनदखेा कर जाते
हैं। वास्त ुके अनसुार नल से पानी का टपकते रहना िीरे- िीरे िन खचभ होन ेका सांकेत दतेा ह।ै इसधलए कहा जाता ह ैधक जल ह ै
तो कल ह।ै
जल की धनकासी
घर का पानी धकस धदशा में धनकल रहा ह,ै इस बात पर अक्सर लोग ध्यान नहीं दतेे। जल की धनकासी कई चीजों को प्रभाधवत
करती ह।ै धजनके घर में जल की धनकासी दधिण अथवा पधिम धदशा में होती ह ैउन्हें आधथभक समस्याओ ां के साथ अन्य कई तरह
की परेशाधनयों का सामना करना पडता ह।ै ध्यान रखें धक उत्तर धदशा एवां पवूभ धदशा में जल की धनकासी को आधथभक दृधष्ट से शभु
माना गया ह।ै
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47 | P a g e
सखु पान ेके धलए ये 6 उपाय आजमाएां
सखु की चाहत हर धकसी को होती ह।ै इसके चलते ही लोग पररश्रम करत ेहैं ताधक िन के जररए सखु को प्राि धकया जा सके।
लेधकन सखु मन से भी धमलना चाधहए। इसके धलए घर का वास्त ुबेहतर होन ेबेहद जरूरी ह।ै
घर में नीले रांग के प्लाधस्टक और मनी प्लाांट के पौि ेको नीले कलश में रखें। ऐसा करन ेपर घर में सुख समधृि बनी
रहती ह।ै
घर में मौजदू रसोई घर को दधिण या दधिण-पधिम धदशा में बनाएां। और दीवारों का रांग लाल, नारांगी या गलुाबी रखें
चलू्ह ेऔर जठेू बरतन िोन ेकी स्लैब अलग-अलग होनी चाधहए।
घर के सदस्यों के अच्छी सेहत के धलए रसोईघर में दवाइयाां नहीं रखनी चाधहए।
फें गशईु के अनसुार घर में धवांड चाइम लगान ेसे सकारात्मक ऊजाभ बनी रहती ह।ै
घर में डै्रगन की मधूतभ अथवा धचत्र रखन ेसे घर को सरुिा कवच प्राि होता ह।ै
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48 | P a g e
ये 7 उपाय हों साथ तो धजांदगी बन सकती ह ैखास
वास्त ुधजांदगी पर कैसे प्रभाव डालता ह?ै इस बात को आप आजमा कर ही समझ सकते हैं। भल ेही वास्तु के उपाय भल ेही छोटे-
छोटे होते हैं, लेधकन धजांदगी में ये बहुत कारगर धसि होते हैं।
ऐसे ही कुछ वास्तु उपाय आजमाकर, धजांदगी को खशुनमुा बनाया जा सकता ह ै
पजूाघर में बाांसरुी रखना बहुत शभु माना जाता ह।ै
यधद घर में मछलीघर रखते हैं तो इसे ईशान के समीन रखें।
शयनकि में बैड के सामन ेशीशा न रखें। यधद मजबरूी हो तो इसे ढककर रखें।
घर के माधलक का शयनकि हमशेा दधिण या नैऋत्य कोण में होना चाधहए। यधद यह सांभव नहीं हो तो उसका धबस्तर
नैऋत्य कोण में लगाएां।
घर में हांसता बच्चा धकस ेअच्छा नहीं लगता इसीधलए शयनकि में हांसते बच्च ेके धचत्र लगाएां। ऐसा करना शभु होता ह।ै
स्वागत कि में सोफे दरवाज ेके एकदम सामन ेन रखें।
यधद आप धकसी नकारात्मक ऊजाभ वाली जगह कैसे शमशान आधद से आ रह ेहैं तो स्नान करन ेके बाद ही घर में प्रवेश
करें।
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49 | P a g e
घर में जरूर रखें ये 6 भाग्यशाली चीजें
फें गशईु के कुछ छोटे-छोटे धटप्स आपकी लाइफ में महत्वपणूभ बदलाव ला सकते हैं। यहाां कुछ ऐसी खास चीजों के बारे में बताया
जा रहा ह,ै धजसे आपको अपन ेघर में जरूर लगाना चाधहए, क्योंधक ऐसा माना जाता ह ैधक इससे आपका भाग्य जागता ह ैऔर
लाइफ में आपको बेहतर पररणाम दखेन ेको धमलते हैं।
1. भाग्यशाली तीन टाांगों वाला मेंढक: तीन टाांगों वाला मेंढक बहुत भाग्यशाली माना जाता ह।ै फें गशईु के अनसुार मुांह में
धसक्के धलए हुए तीन टाांगों वाले मेंढक की उपधस्थधत बहुत महत्वपणूभ होती ह।ै इसे अपन ेघर के भीतर मखु्य दरवाज ेके आसपास
रखना चाधहए। मेंढक को रसोई या शौचघर के भीतर ना रखें। ऐसा करना दभुाभग्य को आमांधत्रत करता ह।ै
2. समृलि के िेवता हैं लाल ां ग बुिा : अगर आपको आधथभक सफलता पाना ह ैतो लॉधफां ग बिुा धनधित ही आपकी मदद
करेगा। अपन ेधलधवांग रूम में मयु द्वार से धतरछी धदशा में एक लाधफां ग बिुा बैठा दें। ऐसा करन ेपर घर में सखु और समधृि में
बढ़ोतरी होती ह।ै ध्यान रखें लॉधफां ग बिुा मयु द्वार के एकदम सामन ेन रखें। बिुा समधृि के दवेता हैं। इनकी मसु्कान में ही समधृि
ह।ै
3. गोल्डन ल श : फें गशईु की मान्यता ह ैधक घर में मछधलयाां रखन ेसे सौभाग्य बढ़ता ह।ै ये िन, मान-समान में वधृि करने का
एक कारगर उपाय ह।ै गोल्डन धफश अपन ेशयनकि, रसोईघर अथवा शौचघर में कभी न रखें। मछली घर को अपने ड्रॉइांगरूम में
रखें।
4. डै्रगन का जोडा : फें गशईु के अनसुार डै्रगन का जोडा समधृि का प्रतीक ह।ै इनके पैर के पांजों के मोती सबसे ज्यादा उजाभ
सांजोए हुए होते हैं। फें गशईु में डै्रगन को चार धदव्य प्राधणयों में धगना जाता ह।ै डै्रगन येंग यानी परुुषत्व, धहमत और बहादरुी का
प्रतीक ह,ै इसमें अपार शधक्त होती ह।ै डबल डै्रगन को यूां तो धकसी भी धदशा में रखा जा सकता ह,ै लेधकन पवूभ धदशा में रखना
सबसे ज्यादा लाभदायक ह।ै चीनी सांस्कृधत और फें गशईु में डै्रगन को बहूत समान धदया जाता ह ैऔर इसे शिु मानते हैं।
5. समृलि लेकर आते हैं तीन लसक्के : फें गशईु के अनसुार घर के दरवाज ेमें लाल ररबन से बांिे धसक्के लटकान ेसे घर में िन
और समधृि आती ह।ै ध्यान रखें धसफभ तीन धसक्के ही लगाएां और वह भी दरवाज ेके अांदर की ओर। बाहर धसक्के लगान ेसे लक्ष्मी
द्वार पर ही ठहर जाती हैं। धसक्के हमेशा मख्य दरवाज ेपर ही लगाना चाधहए।
6. खुशहाली का प्रतीक कछुआ : फें गशईु में कछुए को शभु माना जाता ह।ै इसे घर में रखन ेसे कामयाबी के साथ िन-दौलत
और खशुहाली भी आती ह।ै कछुए को ऑधफस या मकान की उत्तर धदशा में रखना चाधहए। ध्यान रखें कछुए को जब भी रखें तो
उसका चेहरा अांदर की ओर होना चाधहए तभी धदशा शभु होगी।इस ेकभी जोडे में न रखें।
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घर को इन 8 उपायों से बनाएां खशुनमुा
पररवार को खशुनमुा बनाना ह,ै तो सबसे जरूरी होता ह ै'हांसमखु रहना'। और यह तब हो सकता ह ैजब आपके घर का वास्त ु
बेहतर हो। वास्तुशास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, धजन्हें आजमाकर आप घर के वास्त ुको ठीक कर सकते हैं।
घर में असली पौि ेरखना शभु होता ह।ै
घर का हर कमरा रोशनी से भरा और हवादार होना चाधहए। ताधक सयूभ की रोशनी के साथ सकारात्मक ऊजाभ घर में प्रवेश
कर सके।
टॉयलेट उत्तर-पवूभ में नहीं होना चाधहए। इससे िन जल्दी खचभ हो जाता ह।ै
पदों का रांग हल्का होना चाधहए। लेधकन चाहें तो गहरे रांग के पद ेदधिण या पधिम में प्रयोग कर सकते हैं।
यधद कमरे में डे्रधसांग टेबल रखना हो तो उत्तर-पवूभ या पवूभ में रख सकते हैं।
कमरे में सोफा, टीवी और कूलर उत्तर धदशा की ओर रखें।
घर के अांदर प्रवेश द्वार की दायीं ओर धफश पॉट रखें। इससे घर में िन बढ़ता ह।ै
यधद पलांग के नीच ेजगह हो तो उसमें धबस्तर या ऑफ सीजन के कपडे रखें। पलांग के नीच ेके स्थान को कूडाघर न
बनाएां। इससे पधत-पत्नी के बीच मतभदे की धस्थधतयाां पैदा होती हैं।
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ममरर का सही र्गह करें उपयोग
फें गशुई की दनुनया में ममरर यानी शीश ेका बहुत इंपॉर्टेंर्ट रोल होता है। छोर्टी र्गहों को बडा ददखाने का ये सबसे अच्छा र्ररया होते हैं। और अगर इन्हें सही तरीके स ेयूर् ककया र्ाए तो ये घर में सुख-समदृ्धि भी लाने का काम करते हैं।
हालांकक, एक सच ये भी है कक अगर इन्हें ठीक तरीके से और सही र्गह पर न यरू् ककया र्ाए तो इनका असर अच्छे से ज्यादा बरुा हो सकता है। लेककन यहां र्ानत ेहैं शीशों के कुछ र्रूरी रख रखाव पर ताकक आपके घर और जर्ंदगी में भी सखु-समदृ्धि आ सके।
बेडरूम- आइडडयली बेडरूम में शीशा नहीं होना चादहए, लेककन पसजनल ड्रमेसगं स्पेस के चलत ेहमें इस ेअपने रूम में राना ही होता है। इसके मलए परेशान होने की र्रूरत नहीं है। एक बात हमेशा याद रखें कक ड्रमेसगं रे्टबल के शीश ेमें आपके बेड की परछाई न ददख रही हो।
शीश ेमें बेड का ररलेक्शन ददखने से कपल्स की लाइफ में ककसी तीसरे की एंट्री हो सकती है। साथ ही शीशा लगाने के मलए सबसे सही दीवार होती है नॉथज या ईस्र्ट डायरेक्शन की। साउथ डायरेक्शन में इस ेलगाने से बचें, हां, साउथ-ईस्र्ट में लगाया र्ा सकता है।
एक पतला स्रे्टयरकेस यानी सीदियों का रास्ता घर में एक पतला सा सीदियों का रास्ता आपके घर में कई तरह के ममसफॉच्र्यनू ला सकता है। अगर आपके घर में भी ऐसी कोई र्गह है तो यहां की ननगेदर्टव एनर्ी को दरू राने के मलए सीदियों के साथ ऊपर र्ाती हुई दीवार पर एक लबंा शीशा लगाएं।
आप सीदियों की लैंडडगं स्पेस पर भी यह शीशा लगा सकत ेहैं। इससे छोर्टी और कमर्ोर र्गहों पर भी अच्छी एनर्ी आती है। बाथरूम में भी एक फुल-लेंथ शीशा लगाने से यह वहां से ननकलने वाली ननगेदर्टव एनर्ीस को अर्ॉबज कर लेता है। यहां भी फुल-लेंथ शीशा लगाना चादहए और इस बात का भी ध्यान रखना चादहए कक उस शीश ेमें र्टॉयलेर्ट सीर्ट न नर्र आए।
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घर में रखें 8 बातों का ध्यान ये समस्या नहीं, हैं समाधान
हम सभी कहते हैं घर एक मांधदर होता ह।ै इस मांधदर में आने पर हमें सकूुन धमलता ह।ै मन को शाांधत धमलती ह।ै यह तभी होगा जब
आप वास्त ुसांबांधित कुछ बातों को दरधकनार न करत ेहुए इन्हें आजमाएांगे।
वास्त ुसांबांधित ये बातें छोटी-छोटी होती हैं लेधकन काम बडे करती हैं। कुछ वास्त ुधटप्स आप भी आजमाएां और घर में खधुशयाां
और समधृि का प्रवेश पाएां।
घर के मुख््य द्वार पर पेड-पौि ेलगवाएां।
घर में जतेू-चप्पल रखन ेका रैक बनवाएां और उसे हमेशा पधिम की ओर ही रखें।
घर के सामन ेसाइधकल, स्कूटर, बाइक, स्कूटी रखन ेकी जगह धबल्कुल भी न बनबाएां।
घर के मखु्य द्वार पर कभी भी कोई भारी चीज न लटकाएां। इससे काम में रुकावट आती ह।ै
घर में साफ सफाई, कलर, पॉधलश आधद सब ठीक से रखें। इससे घर में सकारात्मक ऊजाभ आती ह।ै
घर की धखडधकयों एवां दरवाजों पर पद ेधखले हुए रांगों वाले लगाएां। आप यहाां गलुाबी, हल्का नीला, हरा आधद
सकारात्मक रांगों का उपयोग कर सकते हैं।
घर में कभी भी एक सीि में दरवाज ेनहीं होन ेचाधहए। यधद ऐसा करना मजबरूी हो तो बीच में दरवाज ेपर पवन घांटी(
म्यधुजकल बैल या स्फधटक बॉल) आधद लटका दें। इससे प्रभाव शभु होता ह।ै
घर में धखडधकयाां सम सांख्या में होनी चाधहए। सम सांख्या यानी 4,6,8,12,16,18 आधद। लेधकन ध्यान रखें सम
सांख्या में शनू्य नहीं आना चाधहए। जैसे 10, 20, 30, 40।
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बेहतर धजांदगी के धलए ये 11 वास्त ुधटप्स
हमारे आस-पास बहुत कुछ ऐसा घधटत होता ह।ै धजसे हम न चाहते हुए भी नकार नहीं सकते ऐसे में कुछ वास्त ुधटप्स आजमाकर
आप इन पररधस्थधतयों से सामना कर एक बेहतर धजांदगी जी सकते हैं। यहाां कुछ ऐसे ही वास्त ुधटप्स धदए जा रह ेहैं धजनस ेहम अपन े
घर, भधूम और अपनी धदनचयाभ को बेहतर बना सकते हैं।
घर के द्वार के सामन ेमांधदर, खांभा व गड्डा शभु नहीं मान ेजाते हैं।
िन धक धतजोरी का मुांह उत्तर धदशा की ओर होना चाधहए।
सीधढ़यों के नीच ेपजूा घर, शौचालय व रसोई घर नहीं बनाना चाधहए।
घर के नैऋत्य भाग में धकरायदारों और अधतधथयों को नहीं ठहराना चाधहए।
घर का बाहरी सामान नैऋत्य कोण, दधिण या पधिम में रखना चाधहए।
घर का हल्का सामान उत्तर, पवूभ व ईशान में रखना चाधहए।
घर के वायव्य कोण में अधतधथ घर, कुां वारी कन्याओ ां का शयन कि, ड्राइांग रूम, सीधढ़याां या अन्न भांडार गहृ बनबाए जा
सकते हैं।
कोधशश करें धक धखडधकयाां उत्तर या पवूभ में अधिक तथा दधिण या पधिम में कम बनाएां।
भवन की प्रत्येक मांधजल में छत की ऊां चाई 12 फुट रखनी चाधहए
।
दीवारों की मोटाई सबसे ज्यादा दधिण में, उससे कम पधिम में, उससे कम उत्तर में, सबसे कम पवूभ में रखें।
बेसमेंट की ऊां चाई कम से कम 9 फीट तल से ऊपर हो ताधक प्रकाश और हवा आ-जा सके।
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Agar apko ghar, shop, ya kuch bhi design karana hai
to apko kuch sawalo ke jawab dene honge:-
apke plote ka size kya hai lambai (length) aur chodhai
(width)
agar charo length saman ni hai to apko rought diagram bana
ke dena hoga
ghar ka gate ya fir road apko batana hoga
kitana BHK ka banana hai ye apko batana hoga
apna budget ek estimate ker apko batana hoga
bhavisya me upper me aur manzila emarat manana hai to
pahale se batana hoga
agar koi khas reqirement hogi to batana hoga
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ADD 1:- shijaji nagar, phase 2, daldal shivoni, Raipur (c.g)
ADD 2:- chilapawan, post-jhalap, dist-mahasamund (c.g)
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