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उपसर्ग,प्रत्यय,श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द विलोम शब्द ,पर्यायवाची शब्द
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का�र्य�
परि�र्यजना�
हिं �दी�
उपसर्ग� - वे� शब्दी��श ज किकासी� शब्दी सी� प�वे� लगका� उसी शब्दी का� अर्थ� बदील दी�ते� ! उन् # उपसीग� का ते� % !
ज!सी� -
1- स�स्कृ त उपसर्ग� -
( उपसर्ग� ) ( उपसर्ग� स नि�र्मि��त शब्द )
1. अनित अनितशय , अत्य�चा�र , अनितस�र
2. आ आजी�व� , आकृ�र , आजी�निवकृ�
3. परिर परिर��प , परिरचाय , परिर��ण
4. नि� नि�प"ण , नि�र्ग� , नि�बन्ध
5. उप उपकृ�र , उप��� , उपय%र्ग
2- नि&न्द( कृ उपसर्ग�
( उपसर्ग� ) ( उपसर्ग� स नि�र्मि��त शब्द )
1. अ अचा त , अ�र , अश�न्त
2. अ� अ��%ल , अ�जी�� , अ��चा�र
3. भर भरसकृ , भर��र , भरप ट
4. दु दुबल� , दुर्ग�� , दुस&
5. उ� उ��स� , उ�त�स , उ�चा�स
3- अरब� - फा�रस� कृ उपसर्ग�
( उपसर्ग� ) (अर्थ� ) ( �व�� शब्द )
1. अल अल�स्त अलबत्ता� , अलब ल�
2. बद &��त� बदत��जी , बदब0
3. कृ� अल्प कृ�जी%र, कृ�सिस�
4. ब अ�"स�र ब��� , बद3लत
5. &� स�र्थ &�र�जी , &�सफार
4- उपसर्ग� कृ4 भ�5नित प्रय"क्त &%� व�ल अन्य अव्यय
1. कृ� / कृ" - कृ�प"रुष , कृ" प"त्र
2. सिचार - सिचारकृ�ल , सिचार�य"
3. स& - स&चार , स&कृ�<
4. अ / अ� - अ��नित , अध�� , अ�न्त
5. अन्तर - अन्त���द , अन्तर्ध्याय���
प्रत्यय - प्रत्र्यर्य वे शब्दी��श ! , जिजसीका� स्वेते�त्र
अस्तिस्तेत्वे ना , ते� औ� ज किकासी� शब्दी का� प�छे�
लगका� उसीका� अर्थ� में# किवेशिशष्टते� र्य� परि�वेते�ना
ल� दी�ते� ! ! शब्दी2 का� पश्चा�ते ज अक्ष� र्य� अक्ष�
सीमें� लग�र्य� ज�ते� ! उसी� प्रत्र्यर्य का ते� ! !
1. अ� - ��� , चाल�
2. आ - सिलखा� , भ0ल�
3. आव - ब&�व , कृट�व
4. इयल - �रिरयल , अनिAयल
5. ई - ब%ल� , &5स�
6. उकृ - इच्छु" कृ, भिभक्षु"कृ
7. कृर - जी�कृर , निर्ग�कृर
8. औत� - ��3त� , निफार3त�
9. आव�� - डर�व�� , स"&�व��
10. व�ई - स"�व�ई , कृटव�ई
कृ त प्रत्यय
1. ईना - ग्रा�में�ण , का8 ल�ना
2. ते: - अते: , स्वेते:
3. आई - पण्डि;<ते�ई , ठका8 ��ई
4. का - चमेंका , धमेंका
5. इल - फे� किनाल , जटिCल
6. सी� - ऐसी� , वे!सी�
7. ऐ�� - बहुते��� , सीवे���
8. वे�ना - धनावे�ना , ग8णवे�ना
9. ल - श�तेल , श्र्य�मेंल
10. में�त्र - ल�शमें�त्र , ��चमें�त्र
तभिHत प्रत्यय
श्रु"नितस�भिभन्ना�र्थ�कृ शब्द
र्य� शब्दी च�� शब्दी2 सी� मिमेंलका� बना� ! श्रु8किते+सीमें +भिJन्न +अर्थ� ,इसीका� अर्थ� ! . सी8नाना� में# सीमें�ना लगना� वे�ल� किकान्ते8 भिJन्न अर्थ� वे�ल� दी शब्दी अर्थ��ते वे� शब्दी ज सी8नाना� औ� उच्चा��ण का�ना� में# सीमें�ना प्रते�ते 2 , किकान्ते8 उनाका� अर्थ� भिJन्न -भिJन्न 2 ,श्रु8कितेसीमेंभिJन्न�र्थ�का शब्दी का ल�ते� %
शब्दी अर्थ� अ�सी - अ�श = का� ध� - कि स्सी�
अ�ते - अत्र्य = सीमें�प्ते - ना�च
अन्न -अन्र्य = अना�ज -दूसी��
अभिJ��में -अकिवे��में = सी8�दी� -लग�ते��
अम्ब8ज - अम्ब8मिध = कामेंल -सी�ग�
अकिनाल - अनाल = वे� -आग
अश्व - अश्में = घोड़ा� -पत्थ�
अकिनाष्ट - अकिनाष्ठ = �किना - श्रुद्धा� �ना
अच� - अना8च� = ना चलना� वे�ल� - नाVका�
अमिमेंते - अमें�ते = बहुते - शत्र8
अJर्य - उJर्य = किनाJ�र्य - दीना2
अस्ते - अस्त्र = आWसी� - शिर्थर्य��
अशिसीते - अशिशते = का�ल� - Jर्थ��
अघो� - अर्घ्यर्य� = में�ल्र्य - प�ज� सी�मेंग्रा�
अल� - अशिल = सीखी� - J[��
अवेमिध - अवेध� = सीमेंर्य - अवेध का\ J�षा�
आ�किते - आ�ते� = दुः_खी - ध�प-दी�प
आहूते - आहुकिते = किनामें�कित्रते - में
आसीना - आसीन्न = ब!ठना� का\ वेस्ते8 - किनाकाC
आवे�सी - आJ�सी = मेंका�ना - झलका
शब्दी अर्थ�
आJ�ण - आमें�ण = आJ�षाण - में�ण तेका
आर्त्त� - आर्द्र� = दुःखी� - ग�ल�
ऋते - ऋते8 = सीत्र्य - मेंVसीमें
का8 ल - का� ल = वे�श - किकाना���
का� ग�ल - का� का�ल = दीरि�र्द्र - ड्डी� का� ढाँ�Wच�
काg किते - काg ते� = �चना� - किनाप8ण
का�न्तिन्ते - क्रा�न्तिन्ते = चमेंका - उलCफे� �
काशिल - काल� = कालर्य8ग - अधखिखील� फे� ल
काकिपश - काप�श = मेंCमें!ल� - वे�ना�2 का� ��ज�
का8 च - का� च = स्तेना - प्रस्था�ना
शब्दी अर्थ�
निवल%� शब्द (निवपर�त�र्थ�कृ शब्द)
किकासी� शब्दी का� किवेप��ते र्य� उल्C� अर्थ� दी�ना� वे�ल� शब्दी
का किवेलमें शब्दी का ते� %। दूसी�� शब्दी में# का � ज�ए
ते एका - दूसी�� का� किवेप��ते र्य� उल्C� अर्थ� दी�ना� वे�ल�
शब्दी किवेलमें का ल�ते� %। अते: किवेलमें का� अर्थ� ! -
उल्ट� य� निवर%ध� अर्थ� द � व�ल� ।
‘अ’
अ�त- किवेषाअर्थ- इकितेअन्धकृ�र- प्रका�शअल्प�य"- दी�घो��र्य8अ�"र�र्ग- किवे��गअ�"जी- अग्राजअसिधकृ- न्र्य�नाअर्थ�- अनार्थ�अनितवनिM- अना�वेgमिष्टअ�"पस्थिOनित- उपण्डिस्थाकिते
‘आ’
आदिद- अ�तेआर्ग���- गतेआग्र&- दुः��ग्रा आकृष�ण- किवेकाषा�णआद��- प्रदी�नाआलस्य- स्फू� र्तिते�आदश�- र्यर्थ�र्थ�आय- व्यर्य
‘र्ग’र्ग��- ठ�<�र्गन्द�- सी�फ़र्ग&र�- उर्थल�ग़र�ब- अमें��र्ग"ण- दीषा, अवेग8णग़लत- सी � ‘प’
प्य�र- घोgण�पतल�- मेंC�प�प- प8;र्यपनितव्रत�- का8 लC�प्रलय- सीgमिष्टपनिवत्र- अपकिवेत्रप्रश्न- उर्त्त�प0ण�- अप�ण�
‘कृ’कृ तज्ञ- काg तेर्घ्यनाक्रय- किवेक्रार्यकृ����- खीच� का�ना�क्र0 र- दीर्य�ल8कृच्चा�- पक्का�कृट"- मेंध8�निक्रय�- प्रकितेकिक्रार्य�कृAव�- में�ठ�क्र" H- श�न्तेकृ��- किनाष्कामें�
‘�’�0कृ- वे�च�लमि�तव्यय- अपव्यर्य�%क्षु- ब�धना�3खिखाकृ- शिलखिखीते���वत�- दी�नावेते��&�त्��- दुः��त्में����- अपमें�ना�ध"र- काC8मि�त्र- शत्र8
पय��यव�चा� शब्द (स����र्थ< शब्द)
जिजना शब्दी2 का� अर्थ� में# सीमें�नाते� ते� !, उन् # सीमें�ना�र्थ�कार्य� पर्य��र्यवे�च� शब्दी का ते� ! र्य� किकासी� शब्दी-किवेश�षा का� शिलए प्रर्य8क्त सीमें�ना�र्थ�का शब्दी2 का पर्य��र्यवे�च� शब्दी का ते� %। र्यद्यकिप पर्य��र्यवे�च� शब्दी2 का� अर्थ� में# सीमें�नाते� ते� ! ल�किकाना प्रत्र्य�का शब्दी का\ अपना� किवेश�षाते� ते� ! औ� J�वे में# एका-दूसी�� सी� हिंका�शिचते भिJन्न ते� %। पर्य��र्यवे�च� शब्दी2 का� प्रर्यग का�ते� हुए किवेश�षा सी�वेध�ना� ब�तेना� च�कि ए। अते: पर्य��र्यवे�च� का� अर्थ� ! - स��� अर्थ� द � व�ल़ा� ।कि न्दी� J�षा� में# एका शब्दीका� सीमें�ना अर्थ� वे�ल� काई शब्दी में# मिमेंल ज�ते� %।
असी8� - दीना8ज, किनाश�च�, ��क्षसी ,दी!त्र्य ,दी�नावेअमेंgते – प�र्य�षा , सी8ध� ,अमिमेंर्य ,सीमें ,सी8�Jग ,मेंध8 अज8�ना - धना�जर्य , प�र्थ� , J��ते ,ग��<�वेध��� काVन्ते�र्य ,ग8<�का� श
नादी� - सीरि�ते� ,तेटिCना� ,आपग� ,किनाम्नाग� ,ते��किगण� , वे�कि ना� ,स्रोतेस्तिस्वेना� ना�वे - नाVका� ,ते�भिण ,ते�� ,ना!र्य� ,वेकि त्र ,<2ग� पgथ्वे� - J�,J�मिमें , ध�ते� ,धरि�त्र�,वेसी8न्ध�� , में�टिदीना�,
इच्छा� - का�मेंना� ,च� , आका��क्ष� ,मेंना�र्थ ,स्पृg � ,वे��छे� , ई � ,अभिJल�षा� इन्र्द्र - सी8��श ,सी8��न्र्द्र ,सी8�पकिते ,शच�पकिते ,दी�वे�न्र्द्र ,दी�वे�श , कामेंल - ��ज�वे ,प8;<��का ,जलज ,प�काज ,सी�ज ,सी�रु , नाशिलना ,ते�में�सी ,का� ज,अ�किवेन्दी,
पत्र - पत्ता� ,दल ,पल्लव ,पण� , . . निकृसलय पण्डि]डत - प्र�ज्ञ ,कृ%निवद ,���ष� , . . निवद्वा�� ,स"ध� ,निवचाक्षुण प"ष्प - फा0 ल ,कृ" स"�, स"�� ,प्रस0� , . प"हुप ,फा" ल्ल
त�र� - �क्षुत्र ,सिसत�र� ,उड" ,त�रकृ तलव�र - असिस ,कृ प�ण ,कृरव�ल . चान्द्र&�स ,खाडbर्ग द��त - दन्त ,रद ,निद्वाजी ,�"खा�"र
स�ध" - स�ध0 ,स�त ,वcर�र्ग� ,स�न्य�स� , �&�त्�� प"त्र - स"त, ब ट� ,त�य ,आत्�जी , . त�"जी ,�न्द� ,अपत्य प"त्र� - स"त� ,ब ट( ,त�य� ,आत्�जी� , त�"जी� ,�न्दिन्द�� ,दुनि&त�
अग्निf� - आर्ग ,अ�ल,प�वकृ ,हुत�श�,कृ श��" ,द&� ,वमिg ,ज्व�ल� , कृनिपल,भिशखिखा ,ध"�र्ध्याव्जी अनितसिर्थ - अभ्य�र्गत ,प�हु� ,आर्गन्त"कृ ,� &��� अश्व - घो%A� ,&य ,ब�न्दिजी ,घो%टकृ ,त"र�र्ग ,सcन्धव चारण - पcर ,प�द ,प�5व ,पर्ग ,पद
ध� - श्रु� ,सम्पसित्ता ,सम्पद� , लक्ष्�� ,निवत्ता ,अर्थ� ब�दल - पय%द ,जीलजी ,अम्ब"द ,� घो ,व�रिरद ,जीलधर ,��रद ,पय%धरब्रा�ह्मण - निद्वाजी ,भ0स"र ,भ0द व ,निवप्र ,पण्डि]डत निवष्ण" - &रिर ,श्रु�पनित ,लक्ष्��पनित ,चात"भ"�जी ,र��पनित ,र� श ,चाक्रप�भिण ,जी��द�� ,�"कृ" न्द
ब�ल - का� श ,काच ,का8� तेल ,शिचका8 � ,जC�,शिश�रु .
काल� - में8का8 ल ,काशिलका� ,का�का ,ज�लका
बहुते - प्रJ�ते ,प्रच8� ,अपरि�मिमेंते ,अमिमेंते ,अप�� , किवेप8ल
��ध� - काg ष्ण बल्लJ ,काg ष्णकिप्रर्य� , रि�किप्रर्य�
��मिधका� ,वेgषाJ�ना8सी8ते� ,वेgषाJ�ना8दुःल���
वेgषाJ�ना8ज� ,बgज��ना�