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यशपाल
जन्म:3 दि�सम्बर, 1903 ई.फ़ि�रोजपुर छावनी, पंजाब, भारत
मृत्यु:26 दि�संबर, 1976 ई.भारत
काय क्षेत्र: उपन्यासकार, लेखक, फ़िनबंधकार
भाषा: हि*ं�ीफ़िवषय: जनजागरण
वो दुफ़िनया, दि�व्या, �ेशद्रो*ी, फूलों का कुता , हिपंजरे की उड़ान, ज्ञान�ान
पुरस्कार ‘�ेव पुरस्कार' (1955)‘सोफ़िवयत लैंड ने*रू पुरस्कार' (1970) ‘मंगला प्रसा� पारिरतोफ़िषक' (1971) ‘पद्म भूषण' साफ़ि*त्य अका�मी पुरस्कार
क*ानी कॆ बारॆ मे एक आ�मी के मार जाने पर उसकी बु�ी मां और उसकी बहु और बहु के बच्चै को
कसे पाल पोसे फ़िग उसके पफ़ित फ़िक म्रिJत्यु *ो गई *ै और उसके पस खाने के पैसे भी न*ी थे| ईसलिलए बुदि� मा को पैसे कमने के लिलए ऊन्*े खबु जा बेच्ना प�त्ा *ै लेफ़िकन अभिभ उस लड्के को मरे १ दि�न *ी हुअ था इसके कारण ऊन्*े रेना आ र* थ और उन्से कोइ भी खरबुजे नफ़ि* खरिर� र*ा था मत जी के बहु फ़िक तफ़िबयत खराब थी थो ऊसके लिलए �वा खरिर�ने के लिलए पैसे
चफ़ि*ए थे तो एक लड्क को उस्को �ेख्कर रे*ेम आ र* था पर भी कपडॆ लोगो को भिभन्न रुप मे बाता था इस वाच्* से लेग उस बुडी मा को �ेखकर वा उनके पस नफ़ि* आ सखा उसे पता चला की उनके घर मे खाने के लिलए कुछ नफ़ि* था कुफ़िक उन्के बचे्च के लिलए उन्*ोने सब कुछ �े दि�या था क्यु फ़िक उस्के बे�े को नाग था तो उसे बचने के लिलए