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पुत्र की प्राप्तिप्त, कार्य# लिसद्धि%, वर प्राप्तिप्त, वधु प्राप्तिप्त, �ोर्या ध� मि)ल,े ज)ी� जार्यदात मि)ले, ध� मि)ले, साईं दर्श#�, )� की र्शाप्ति-त, र्शतु्र र्शांत हो�ा, व्यापार )ें वृद्धि%, बांझ को भी बच्च ेकी प्राप्तिप्त हो, इच्छि6त वास्तु की प्राप्तिप्त, पनित का �ोर्या प्रे) मि)ले, परीक्षा )ें सफलता, र्यात्रा का र्योग, रोग नि�वारण, कार्य# लिसद्धि%, सव# )�ोका)�ा पूत;, इत्र्यादिद|