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Page 1: इंसानियत का जनाज़ा

इं�सा�नि�यत का� ज��ज़ा�

आज हम साभ्य और सा�ज�� ब� गए,

आधे� निहन्दू आधे� म�स्लम�� ब� गए,

अब भी� रग म! बहत� लहू का� र�ग त# एका ह$,

नि%र क्य आज धेम' ह� हम�र� पहचा�� ब� गए ?

निकासा�� दे�खा� ह$ भीगवा�� का#?

निकासा�� ख़ु�दे� का� दे.दे�र निकाय� ह$?

बसा प�नि/त# और म0लनिवाय का1 ज�ब�� पर,

आज र�म और रह�म का� मका�� ब� गए!

इं�सा�नि�यत का� प्य�र भीर� ग�लश� म!,

र�जिजश# और सा�जिजश# का� ग�लदे�� लग गए !

ग$र मजहब� सा��� म! खा�जर उत�र��,

आज धेम'परस्त# का� ईम�� ब� गए!

सा�थ सा�थ दे�खा� थ� हम��, ज�ग-ए आज़ा�दे. का� धे8प-छाँ�:वा!

अ�ग्रे�ज� ग#लिलय �� भी� �ह= निकाय�,हम�र� सा�� म! भी�देभी�वा!

त# नि%र क्य अचा��का गल�-का8 चा� शमश�� ब� गए ?

आज�दे ह#त� ह� क्य भी�रत और प�निकास्त�� ब� गए?

आज त�ज त्य#ह�र म! जश्न म����,

ज$सा� दिदेल का� टू8टू� अरम�� ब� गए!

म�सा8म चा�हर पर फ़ी1का1 सा� ह�सा� भी�,

अब चा�दे लम्ह का� म�हम�� ब� गए!

Page 2: इंसानियत का जनाज़ा

हर गल�, हर कासाब� म! लिसासाका रह� ह$ जिंजEदेग� ,

अप� सा� निबछाँड़�� का� गम म! निबलखा रह� ह$ जिंजEदेग�,

ब�दे कामर� का� उदे�सा का#�# म! दुबका� रह��,

जिंजEदेग� ज��� का� यह� अब �ए आय�म ब� गए!

त�र�खा: 01.06.2013 म�सा�निफ़ीर


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