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जय माता जी: दाता आप सबको सदा सुखी रखे और खूब खुशीयाँ जी.डी. , हमने पढ़ा कौन-सा शुभ और कौन-सा अशुभ होने पर उसका हमारे जीवन पर होता है ? एक का होना आव क है , िजससे हमारे जीवन पार हो जाए। Tkhou esa dk;Z dk egRo हमारा जीवन लगभग 90 शत हमारे काम पर होता है , हमारा पूरा अपने काम पर होना और साथ-साथ का होना भी बहुत है , काम होगा तभी हम शा से , तभी हम और हमारा खुश और सुखी रहेगा।

Tkhou esa dk;Z dk egRoschoolofastroscience.com/docs/2410151753412Graho ke fall.pdfहोताहै।इस तरहका करना चाहता तोवह का करे।इसतरह

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  • जय माता

    जी: दाता आप सबको सदा सखुी रखे और खूब खुशीयाँ ।

    जी.डी. ,

    हमने पढ़ा कौन-सा शभुऔर कौन-सा अशभु होने पर उसका हमारेजीवन पर होता है ? एक का होनाआव क है, िजससे हमारे जीवन पार हो जाए।

    Tkhou esa dk;Z dk egRo

    हमारा जीवन लगभग 90 शत हमारे काम पर होता है, हमारा परूाअपने काम पर होना और साथ-साथ का होना भी बहुतहै, काम होगा तभी हम शा व से , तभीहमऔर हमारा खुशऔर सखुी रहेगा।

  • बहुत से का होता, एक भी दसूरेसे होता है। ऐसे एक ऐसा ढंूढना हो जाता है,

    िजससे आपका जीवन से चल सके जो अपनी रा यारा बठैा हो और उस पर दु न न हो। एकऔर बात

    सामने आती है, वह अकेला बठैा हुआ है तो उसको जगाया जा सकता

    है।

    के का न होना

    कई का कोई होता है।तरह-तरह के करके अपना जीवन यापन कर रहे एक बात, इस संसार कोई भी जीव बरुा है,आपने अपने जीवन तरह-तरह के

    लोग ,जो का करके अपना करने करते ,अपने-अपने माहौल के पदैा हुआ है।

    इंसान भी जानवर के

    इंसान भी के ऊपर पदैा होते इंसान िजस व जानवर से हाव-भाव चलना, का , भागना या भी के का

    जैसे रा है तो वह शरे का है, वशृभ रा है तो वह बलैका होता है। है तो वह केकड़े का है और के से

    भी भी इंसान के अंदरआती है। आपने देखा होगा कई लोगहाथी तरह चलते तो कई लोग खरगोश तरह। कोई भी इस धरती पर बरुा इंसानहै, चाहे वह कैसा भी करता हो, सवाल यह पदैा होता है

  • है ?जब ने तो आपकौन होते ? उसकाकरने वाले आपको को बरुा या कहने का कोई है।ने जो उस को है वह सबसे उ और होता है।

    खराब होने पर

    श के साथ का : श रा हो या श के साथ हो याश खराब उन पर पड़ती हो तो इस तरह के सहनशीलता होगी।इस तरह के उतावलापन बहुत होता है और ऐसा

    -बाजी करता है। इस तरह के को ऐसा करना जो -सामान को बेचने वाला हो।

    जैसे:- सेल लगाने के , चाहे वह या सेल का हो।

    जब श पर पड़ती है तो शु खराब होता, शु होने पर नकदवाले बहुत चलते , या शो से वाले माल यहाँ

    पर सेल लगाकर बेचना

    शु के घर अशभु

    जब और शु तो के कमी आ जाती है। इस तरह के कारहता है, इस तरह का करने के तरह

    होता, कई तरह के रोग इस तरह के को होते जैसे: धात ्

    जैसे: घर मे होने से को भाई और के मे कमी आती है, ऐसेऔर मंगल खराब हो जाते , इस करने वाला

  • होता है। इस तरह का करना चाहता तो वहका करे। इस तरह का भी उसके होता है, हुई

    का धंधा ऐसे के होता है, के भी होते

    खराब का श खराब होना

    खराब होने का है श का खराब होना, है इस तरह केके कोई बना , हाँ से सीखकर उस कोआगे बढ़ा सकता है। घमूने- के भी ऐसे के है, िजनके खराब होते वह भवन का करते इसके िजनकाश होता है, ऐसा इंसान अपने पास कई तरह के को रखकर करवाता है,

    खराब होने पर इंसान खुद दसूरे के पास काम करता है।

    मंगल बद वाला

    मंगल शभु होने पर इंसान , -वाला बनता है, मंगल नेक होने पर एक तरफसोच वाला इंसान होगा। मेहनत से के ऐसे के बहुत से -यार होते

    , मंगल बद होने पर इंसान के नरमी होती है। मंगल बद एक बहुतबड़ी पहचान है, ऐसे इंसान का टेड़ा होता है। मंगल बद वाले इंसान

    कमी , आ जाना, इधर-उधर भटकते रहना ,इनका बधु से का कोई संबंध होता है और इस तरह के आधेपागल होते इस तरह के को मांस बेचने का , झटके का उनके

    रहता है।

    बधु खराब वाला कुछ कर सकता

  • जब बधु होता है तो कबतूर जैसी होती इस तरहके आंखे बहुत खूबसरूत होती , कहा जाता है िजसका बधु

    तो , बधु बरुा तो परूा उसके कोई ,एक बात है बधु खराब के साथ बठैा है तो आपने देखा होगा

    ऐसे लोग देह व इनसे करते , उन का बधु खराब होताहै।

    आपने एक बड़े बाबा के पकड़े जाने खबर आई वह को केपर चलाते थे, वह करते थे, ऐसे का बधुखराब होता है।

    करते , खराब वाले

    शभु वाला इंसान का माथा चोड़ा होगा, हाथ होगी।इस तरह का जो है होगा इस का होता है, इसके

    खराब वाले के जाते , केपर रखकर भगवान पजूा करते , ऐसे का अंतकरण खराब

    हो चकुा होता है। ऐसा अपने को शराब के पसेै देकर है, इसतरह के को कुछ समझते। ऐसे के ,

    के आते जूआ-खाने के , को नचवाने के , यह सभीखराब वाले करते इस तरह का के जीवन का बहुत बरुा होता है।

    शु खराब होने पर

  • िजस का शु होता है उस का बचपन, जवानी और बढ़ुापाबहुत होते , इसके िजनका शु खराब होगा, तो इस तरह के

    सहनश कमी होती है। इस तरह के का कोई भी परूा होपाता। इस तरह के सीजनल बहुत तरह से कर सकते ,इनको आव कता होती है, यह लोग चलने वाला करसकते। इन का देर तक काम मन इन कामन अशांत होता है।

    श काम धंधे का सुख

    श वाले और साँप जैसी होती सांप से हुईगोल रंगत सफेद या लाल , हुए याइस तरह का बहुत देर झपकाने वाला होता है। श होने पर

    कामकाज सखु , वह अपने को खुष रखने वाला होताहै, इसके श खराब होने पर पर रहकर करता है।

    श का करंट है राहु

    राहु हो तो बहुत होता है, बरुा फल देगा, ऐसेहोता, िजससे वह दरू तक सोच रखता हो और फल कर

    सके। इस तरह का सीधा-सीधा सा सरल से का होता है। सबुह परजाना और शाम को सीधा आ जाना, न से लेना न से देना। अपना

    कर रहा है तो सीधा करके घर आ जाना, राहु शभु हो तो इस तरह का इंसानसोच-समझ वाला होता है।

    राहु खराब होने पर दो तरह से तोड़ता है

  • राहु खराब होने पर इंसान को दो तरह से है या तो बहुत डाल देता है याअलग-अलग करके बहुत कमाई करवा देगा। इस तरह के

    कमाई होती है और मोटे भी होते ऐसा जो भी करेगा, िजतना भीकरेगा, और अपने से करता है। इस तरह के को

    धोखा देकर भाग खड़े होते राहु अशभु होने पर इंसान धोखेबाज , चोर, डाकूहोता , जो दसूरे का खाकर रफू- हो जाता है, राहु

    खराब वाले इंसान को बदनामी है।

    केतु खराब होने पर इंसान

    िजस तरह से बधु खराब होने पर िजंदगी बेकार हो जाती है। इंसान कुछ भी कर सकता,इसी तरह से केतु खराब होने पर इंसान िजंदगी कुछ भी कर सकता। केतु खराब

    होने पर दसूरे आप मदद केतु वाले के भी से ,से होते , केतु खराब वाला इंसान हुआ तो अपने

    को भगा देगा बहुत होगा।

    कई बहुत कड़वा बोलते उनके पास जब रोगी जाता है वह अपनेरोगी को डांटते इन के मंगल और शु होते , िजससे वह तो

    बन जाते , उनका केतु खराब हो जाता है, िजससे वह अपने आपकोहो यार समझते और सामने वाले को बेवकूफ समझते ऐसे कड़वे उपदेश देते

    अब जो आपको पढ़ाया जाएगा वह अब तक भी ष इस षय के बारेपढ़ाया गया। चाहे वह ‘‘ ष ” या का

    आपको और के साथ पढ़ाई करनी है, िजससे आपका आने वालाबेहतर हो सके।

  • िजस का है, चाहे वह भी घर बठैा हो उस सेहत बहुतहोगी, हाथ-पावं सुंदर, मजबतू होते , के बाद को

    देखा जाता है चाहे भी घर हो, होना आव क है।हुआ या अपनी रा हुआ या अपने घर हुआ तो इस

    इंसान सहनश , बहुत होगा। इंसान के जीवन यह काशभु होना आव क होता है, िजससे उसका जीवन व चल सके।

    मंगल भी घर शभु हो सकता है, भले वह सातवां या आठवां घर नहो। भले और थोड़ी कमी हो, आपका मंगल है तो सब कुछ

    हो जाएगा, हमारे चलने वाला खून मंगल होता है। मंगल होनेपर इंसान मेहनत ताकत, ताकत, भी को सनुने के प त ्उसको

    सफलता के साथ करना, पद पर पहंुचने ताकत भी मंगल देव देतेमंगल का शभु होना आव क है।

  • ‘‘लाल ‘‘ सबसे ऊंचा ‘‘ देव’’को गया है।

    देव को गया है, सांसेहुई तो आप जी सकते। जो भागते और दौड़ते थकता, उसका

    मंगल और बहुत का होता है, यह होना का होनाकर देता है, उसका और मंगल बहुत होता है। यह सभी

    हो गए तो इंसान का जीवन बहुत हो जाएगा।

    ‘ ’ वाले का

    होने पर इंसान का बहुत चलता है, उस को ,सांस, दादा, बाबा का सखु आपसी तालमेल होता है। ऐसा इंसानजीवन बहुत पद पर पहंुचता है। ऐसे का माथा चोड़ा होता है, भी

    को सोच कर करने बहुत होती है।

    चार का होना बेहद

    भी को करने श , आपको , , और मंगल देते इनका शभु होना आव क है। सबसे पहला और बड़ा धन होता है काया, और

    काया तभी होगी जब , , और मंगल , खराबहुआ तो सहनश हो जाएगी। खराब होने पर मन खराब हो गया

    व गहराई से सोचने और समझने श का खराब हो जाना। खराब हुआतो इंसान और अपने को खराब कर लेना, उतावलेपन के अंदर

    करना और अपने लाभ का बेड़ा करना, गलत ले लेनामंगल खराब हो जाए मार-काट करना, से लड़ाई-झगड़े करना, िजससे श

    के अंदर , व तरह शा का ले लेना

  • चार को देखने के प त ्इनको साईड कर देना और सेकोई खराब है तो उसको अलग कर देना , साथ उसके बारेरख लेना इस खराब से इस हो सकती है, समयउसका बाद सकते , तरह से गणना जाएगीयह आपको आगे आने समझाऊंगा।

    कौन अमीर होगा, कौन कमाएगा या कौन तरह कमाईकरेगा या िजंदगी

    गुजारेगा ? कौन अपर , या िजंदगी गजुारेगा ? या बहुतिजंदगी होगा। यह पापी लेते और पापी होते

    शु , श , राहु, केतु यह पापी बनते

    उदाहरण के : राहु आपको सोच- दे रहा है, राहु आपको ताकत दे रहा हैतो कोई ताकत आपको रोक सकती, राहु है और श खराब हैतो ऐसे आपके बहुत दरू तक के , आप लागू कर सकते है,

    इन को लागू करवाते श देव जी।

    आपका राहु और श , शु है तो यह आपकेऔर जोश को देगा आपको कमाने देगा, मेहनत भी करवा देगा,कमाने देगा। इस तरह के के करते , भीबहुत करते श देव जी सखु के देवता है। राहु होने पर वह बहुत

  • दरू तक सोच रखता है, हाँ इस तरह के थोड़े से घमंडी होते साथसाथ शु न होने के कारण इस तरह का बनने से पीछे रह जाता है,

    ऐसा का व पद पर होता है, इसतरह का कुछ भी कर सकता है, इस तरह के धनी होतेहै।

    शु और केतु शभु होने से जीवन सफल

    िजस का शु होता है और राहु व श थोड़े कमजोर तो भी इस तरह केको आती अकेला शु को इतना जोश व

    ताकत देता है िजससे जीवन के खर पर पहंुचने रखता है।शु और केतु तो इंसान अपने जीवन सफलता करता है यह

    है।

    गलती करके मासमू बनने वाले तेज

    आप कोई करते तो उसके का होना आव क है जो लड़काआए करके और उसके मासमू बन करके अपने घर को बेवकूफबनाने है समझ इस तरह लड़का या जीवन कामयाब है,इसके जो अपने मा-ँबाप, से डरकर, दबुक कर बठै जाता है वहजीवन कायम हो पाएगा। ऐसे कामयाबी का आधार रहजाती है। इस तरह का कर सकता और करेगा तो केसहारे कर पाएगा।

    के के जीना

  • आपने देखा होगा, एक भले शरारती पदैा हो,वह अपने के के अपने देगा, तो इस तरह काजीवन बहुत कामयाब होता है, इसके जो अपनी

    भी चीज को पाने के रहता है। इस तरह का आपके घर को डूबोदेगा, इस तरह का करना तो दरू, घर को और डूबो देगा। श ,मन और तन तो यह अपने आप हो जाते

    “केतु” है सोच

    केतु आपको देता है और यह सोच देता है को समझकरकरना हारकर भी जीते हुए , जीत और हार के होती है।जीत और हार सबसे पहले अपने मन से होती है। जो को सखु देकर खुद संतोशकर लेता है ऐसे इंसान का केतु बहुत होता है। उस को जीवनपर पहंुचने से कोई रोक सकता।

    िजस का केतु और श होगा तो उसका शु अपने आप हो जाताहै। इस तरह का करने बहुत होते िजस श

    आदत होती है ऐसा जीवन बहुत ऊंचे पर पहंुचता है,आपने को अयाश देखा होगा, भी पाई जाती है,

    इस तरह कड़वे बोल बोलते और इसके जो कड़वे बोल बोलतेवह शा भी कर सकते

    के पर

    पहंुचने के शु आधार

  • सभी शु का होना बेहद है उसको शाऐसा इंसान जीवन सभी के को भोगता है और जीवन बड़ी सफलताकरता है।

    “ ” शभु वाले इंसान काम-वासना कम

    अपने घर बठैा हो भले खराब हो अपनी रा बठैा हो भले खराब हो औरअपने घर और रा होकर बठैा हो तो तो पौ बारह होगा। इस तरह के

    के होते और इन काम वासना होती हैऔर इन श और केतु के गुण होते

    इन को माफ करने होती है, खुशी केकरना , थोड़े से के होते शु वाला बहुत

    मीठा बनकर अपना है, शभु वाला होकर भीबात करेगा तो सामने वाले को लगेगा मेरा माँ या बाप मझुे डाट रहे , जैसे मेरा

    मझुे डांट रहा है, इस तरह के शा भोग से को दरू रहते

    बधु खराब हुआ तो का फल भी खराब होगा

    आपके सभी होने के भी आदमी हो सकता है और बधुके कारण, बधु खराब होने पर सभी के फल खराब हो जाते हमारे

    का ढांचा बधु कहलाता है, श हमारे समाईहुई और खराब हो गया तो समझो सब कुछ खराब हो गया।

  • बधु खराब हो गया तो हमारे श खराब हो जाती , चाहे हाथ हो, परैहो, पेट हो या भी अंग इसका बरुा

    पर पड़ता है, ऐसे को अपनी पर भरोसा होता है। पर हो तोअपने श पर होता और श पर भरोसा हो तो अपनी भरोसाहोता।

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    सबसे पहले शभु के बारे गणना करना आव क है,और बधु के बारे गणना करना आव क है। आपका सभी

    गणना के बाद बधु है, तो आप आगे ओर चल सकते उसके बादशभु और पापी के बारे आप कर

    सबसे पहले आपको यह देखना होगा, बधु और केतु न हो, मंगल और बधुन हो, बधु और न हो। यह खराबी के पहले को

    देती है। यह सभी एक तरह खून खराबी के रोग देते ,मंगल के साथ बधु हो गया तो एक अलग ¬ का तेजाब श के बनता है जो

    , , डमेैज तक हो जाता

  • बधु, के साथ गया तो स हो जाएगी, के अंदरहवा चलेगी तो खून कहाँ से चलेगा? यहाँ पर श पर बरुा पडेग़ा। ऐसे सामनेवाले को करने के बहुत , उन कोअपने ऊपर लागू कर सकते।

    बहुत सीधी और सरल सी बात है आपका बधु , तो सब कुछ औरबधु खराब तो समझो हो गया सब कुछ खराब।

    बहुत बरुा मेल है ‘‘बधु और केत”ु

    बधु और केतु पर जीवन ऊंचाई पर पहंुच सकते हो, जब वाणीऔर पर आपका होगा तो आप जीवन कर पाओगे, तोइस से बधु गणना करनी और बाद औरपापी

    बधु तो बधु बेकार तो बेकार। राहु,श , केतु से डरती है ‘‘लाल ” वाले और बधु से डरते

    ऐसे के शभु और पापी खराब भी तो भी ऐसा बहुत मालामाल होगा,उनके उपाय करते जाईये वह आगे बढ़ते ऐसे या तो 34 साल से पहले बड़े

  • या 34 साल के बाद बड़े , बधु खराब हुआ तो चाहे 34 सालिजंदगी या 34 साल बाद िजंदगी खराब हो जाती है।

    8, 9, 12 बधु बहुत खराब होता है, 9 बधु के बारे तो कहा जाता है,भेद होगा। भेद होने का होता पहले तो यह होता औरऔरत का पता चलता है, 9 और 12 घर बधु के साथ वाला कोई भी

    हो बधु ऐसे सभी का श हो जाता है।

    12 घर के अंदर बधु के साथ कोई भी बठेै हुए तो के उपरांत बहुतबरेु शु हो जाती है। उसके बाद पता चलता है कहाँ जाकर खड़ा होगा,

    ऐसा अपने घर को हाथी तरह आगे बढ़ने वाला इंसान हो जाता है,अपने को छोड़कर। 9 घर बधु के साथ कोई भी बठैा हो तो उसका भी

    श हो जाता है उस से इंसान के बरेु हालात पदैा होने

    तीसरे घर बधु वाला उपदेश देने वाला

    तीसरे घर बधु होने से को देने वाला बन जाता है, खुदभी पर चलता उन को अपने जीवन उतारता। बधु इंसानके श या के श ताकत और बधु होती

    आज आप समझे ‘‘लाल ” वाले और बधु से डरते?

  • आज आपने सीखा से का जाता है। जीवनआपको ऊंचे और नीचे पर बधु पहंुचाता है, काम फंसे-फंसे हालात पदैा करता हैतो बधु करता है और काम कामयाब करके खु याँ भी बधु है।

    अब आप जान गए और बरेु का आंकलन जाता है। कोई भीबधु से जाता है।

    का समय है इसका आंकलन आव क होता है। समय के के अंदरकोई इंसान सबुह 8:20 पर पदैा हुआ है उसका के समय हुआ है।पहले दो साल िजंदगी होगी, तीसरे साल िजंदगी होगी, चार से छःसाल िजंदगी वो शु का समय होगा।

    आप दर और उसके प त ् का ण कर ,उसके बाद आपको आगे और अपने आप पता चलती जाएंगी, जैसेआप सभी जानते फसल तभी पदैा है जब बीज बोया जाता है पौधा होता है

    दाना आने के फसल पदैा होती है, इसी तरह से इंसान का जीवनहोता है। आपका िजतना अनभुव होता चला जाएगा आप उतने ष

    होते चले बाद आप एक कुशल श बन

    कुषल षी बनने के आपको परूा समय देना होगा और वमेहनत के साथ इसे सीखना होगा और उससे पहले आप एक का

    करना है और िजससे आप अपने तथा दसूरे के जीवन के साथ नआज आपको के बारे बताया गया इस बारे बताया गया और सेगणना करनी है ?

    अब आपको यह पढ़ाया जाएगा कौन सा घर बठैकर - देता है इसकाकरना - चीज का कारक बनता है यह बताया जाएगा और उसके

  • आगे कैसे बनेगी, बन जाने पर बनेगा इसके बारेजाएगा।

    उदाहरण के : का 8:20 बजे का हुआ है तो वह उसके पहले दो साल के , तीसरा साल का होगा। 4 से 6 साल आयुशु देखी जाएगी, 7-12 साल का मंगल का देखा जाएगा, 13-14 साल बधु केइस तरह से आगे के बारे जाना जाएगा।

    कोई भी खराब हो, जैसे का बधु का खराब है तो उस 13-14साल पता चल जाएगा आगे चलकर यह कैसा या िजस घरबधु बठैा हुआ उस से भी वह सामनेआ जाएगी। चाहे शा , या भी हो।

    बधु खराबी सात साल आयु आ गई, तो ऐसे बधु खराबी केहालात उसके मा-ँबाप पर उसके माँ-बाप का कामकाज खराब होगा,

    छोटा है तो सेहत भी खराब करेगा, ऐसे बधु सेहत, औरखराबी देते पसेै खराबी के योग को भोगने और सेहत से खराबी

    वह को भोगने करने के लायक 15 साल आयुआता है भले वह 12 साल आयु तो हो जाता है। इस 15 साल से ऊपर जबभी कोई आएगा उसके फल वह भोगेगा इसी तरह कोई बरुा आएगाउसके फल भी भोगेगा।

    , जो आपको पढ़ाया गया है इसके बारे करना आव क है।साथ आपको बात याद रखनी है का समय है और

    आगे गणना और िजस बढ़ेगी तो आगे के शु और यह तय

  • करना है इंसान के ऊपर कौन से का चल रहा है। उसके बाद आपको पता चलेगाइस के जीवन और बरुा होगा।

    आपको बहुत का बताया जाएगा राजयोग,का योग, , कहाँ से यह पदैा होती है। आज जो आपको पढ़ाया गया है

    इसका गहराई से करना है, इस से आगे दोभी जुड़ी हुई है।