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पåरचाियका (2020-21) के Æþीय स Öकृत िवĵिवīालय 1 पåरचाियका PROSPECTUS 2020-21 ÿधान सÌपादक ÿो. परमेĵर नारायण शाľी लपित CHIEF EDITOR PROF. PARAMESWAR NARAYAN SHASTRY Vice-Chancellor के Æþीय स Öकृत िवĵिवīालय, िदÐली - ५८ (स सद के अिधिनयम के Ĭारा Öथािपत) Central Sanskrit University, Delhi - 58 Established by An act of Parliament

Prospectus 2020 21 Hindi - RSkSadmission.rsks.in/Prospectus__hindi.pdf · 2020. 8. 1. · Uanª\ g2ÖDpS YkÁPnlalY^ L Dt g2_±R STk ÿ[ÆVW Dx ]hßd UtSt hò> \k_S g_Dk_ Wt 6gt ]7

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  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय1

    प रचाियकाPROSPECTUS

    2020-21

    धान स पादको. परमे र नारायण शा ी

    कुलपित

    CHIEF EDITORPROF. PARAMESWAR NARAYAN SHASTRY

    Vice-Chancellor

    के ीय सं कृत िव िव ालय, िद ली - ५८(संसद के अिधिनयम के ारा थािपत)

    Central Sanskrit University, Delhi - 58Established by An act of Parliament

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय2

    काशककुलसिचव

    के ीय सं कृत िव िव ालय56-57, इ टीट्यूशनल ए रया, जनकपुरी

    नई िद ली-110058

    PublisherREGISTRAR

    Central Sanskrit University56-57, Institutional Area, Janakpuri

    NEW DELHI-110058

    Website : www.sanskrit.nic.in© Central Sanskrit University, New Delhi

    Printer

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय3

    शाि तपाठ:

    ॐ ौ: शाि तर त र ं शाि त: पिृथवी शाि तराप: शाि तरोषधय: शाि त:वन पतय: शाि तिव े दवेा: शाि तब शाि त: सव शाि त:।

    शाि तरेव शाि त: सा मा शाि तरेिध।।यतो यत: समीहसे ततो नो अभयङ्कु ।श न: कु जा यो भय न: पशु य:।।

    सव भव त ुसिुखन: सव स त ुिनरामया:।सव भ ािण प य त ुमा कि द ्द:ुखभा भवेत।्।

    सह नाववत ुसह नौ भनु ु सह वीय करवावह।ैतजेि व नावधीतम त ुमा िवि षावह।ै।

    ॐ शाि त: शाि त: शाि त:।

    PRAYER FOR PEACE

    Peace to the space, peace to the earth, peace to all medicinal plants.Peace to the vegetation, peace to all gods of the world, peace to the

    creator of the universe, Peace to everything,may the same peace come to me as well.

    May we be fearless of all that threatens us.Bless all the people and all our cattle with Your beneficence.

    May all be comfortable, may all be healthy,May all see good things in life,

    may nobody see misfortune in his life.

    May we stay together, eat together,do great deeds together.

    May we be glorious,may there be no dissensions amongst us.

    May there be peace, and peace, and peace, to the whole universe.

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय4

    तीक िच

    के ीय सं कृत िव िव ालय के तीक िच म चार ओर स ेिघरे हए लाल, सफेद और काले रंग के त भ ा ड के आ म व गणु -स व, रजस,् और तमस ् के तीक ह। इस तरह ि गणुा मक प च म स व और रज गणु स ेप रपणू िव िव ालय पवू चार त भ म अ तवत सफेद और र त भ को सिूचत करता ह।ै वह ऊपरी भाग म योऽनूचान: स नो महान्1 यह येयवा य वेदािद िव ाओ ंका तीकभतू ह।ै म डल के बाय भाग म ि गणु क यि जका लाल,

    सफेद और काली रेखाएँ ु धतरंग क तरह ऊपर से नीच ेक ओर म से बढ़ रह ह। य े के संयोग से ु ध कृित क िव ाकार अिभ यि क ि या को ितपािदत करती ह।ै इस अिभ यि म के ीय सं कृत िव िव ालय, सं कृत के चार के ारा यापनशील हो, अपनी भा सव

    कािशत करते हए मलूको म िवराज रहा ह,ै यह ितपािदत होता ह।ै म डल के दाय भाग म पनु: ि गणु और तीन वण वाली रेखाएँ अधः उ व म स ेअपन ेल यभतू ान को के ित जाने के इ छुक के ीय सं कृत िव िव ालय का ल य ितपािदत करती ह। के म सयूािभमखु पु प के ीय सं कृत िव िव ालय के ऋतानकूुल वभाव व (स य के अनकूुल वभाव के अनु प) को बताता ह।ै पु पवृ त म लगा प यगुल अ यदुय-िन: ेयस प धम के त व को बताता ह।ै पु प के अ तवत म यभाग म CSU (Central Sanskrit University) नामक अं ेजी िलिप का अ र मकुुिलत प क तरह अिवकिसत से िवकिसत व प तक ले जान ेका तीक ह।ै

    1 न हायनैन पिलतैन िव ेन न ब धुिभ:

    ऋषय ि रे धम योऽनूचान: स नो महान॥् (महाभारत-श यपव 50.40)

    (मानव क मह ा न तो उ स,े न बाल पकन े स,े न धन से और न तो ब धवुग स े ात होती ह,ै अिपत ु

    ऋिषपर परानसुार मानव-जाित म जो अ ययनशील (वेदवेदाङ्गत व ) ह,ै वह महान ्ह।ै)

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय5

    ि एवं येय

    ि

    वैि क प र े य म सं कृत िश ा क ग रमा क सं थापना के िलए

    के ीय सं कृत िव िव ालय का िव तरीय िव िव ालय के प म

    उपलि ध सिुनि त करना।

    येय

    सं कृत िव ा क सम शाखाओ ं का सवाङ्गीण िवकास तथा

    आधिुनक णािलय के ारा सं कृत संसाधन का उ नयन करना।

    सं कृत, पािल तथा ाकृत भाषाओ ं म इन भाषाओ ं के पर पर

    सां कृितक अ त:स ब ध के प र े य म िश ण व अनसु धान का

    यव थापन करते हए भािषक िविवधता तथा सां कृितक बहलता का

    उ नयन।

    इन भाषाओ ंक ान णािलय म दाशिनक एवं वै ािनक त व

    का संर ण एवं समु नयन तथा इन ान णािलय का सां कृितक

    धरोहर के साथ स ब ध थािपत करते हए सचूना और संचार

    ौ ोिगक के उपकरण के मा यम स े इनक उपल धता सिुनि त

    करना।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय6

    पुरोवाक्

    भारत सरकार ारा सं कृत आयेाग 1956 क अनशुंसा के अनु प देश म सं कृत िश ण के ो नयन के िलय ेराि य सं कृत सं थान क थापना 1970 म क गई थी।

    सं थान के पार प रक सं कृत िश ण के संवधन और स सारण के े म योगदान, इसके े काशन एवं दलुभ सं कृत पा डुिलिपय के संर ण तथा ब धन को मह व दतेे हए, भारत सरकार ने इसे 7 मई, 2002 स ेमािनत िव िव ालय का दजा दान िकया। िवगत दशक म सं कृत िश ा के े म अ णी भिूमका का िनवाह करता हआ यह सं थान िनर तर गित के सोपान पर आरोहण करता आया ह।ै प रणाम व प भारत सरकार ने इस सं थान को िदनांक 17 अ ैल 2020 को के ीय सं कृत िव िव ालय के प म वीकृित दान क । के ीय सं कृत िव िव ालय िव का सबसे बड़ा सं कृत िव िव ालय ह ैतथा देश का एकमा बहप रसरीय सं कृत िव िव ालय भी ह।ै िद ली म ि थत मु यालय के अित र स पणू भारत वष म के ीय सं कृत िव िव ालय के बारह प रसर सं कृत क ाचीन गु कुल णाली म आधिुनक ान-िव ान के नवाचार , नवो मषे तथा अिभनव

    िविधय के सम वय का िवल ण उदाहरण ततु करते ह। िव िव ालय ने िवगत वष म उ रपवू रा य म अपनी गितिविधय का िवशषे सार िकया ह।ै वतमान समय सं कृत क अभतूपवू संभावनाओ ंका काल ह,ै िजनक च रताथता म यह िव िव ालय भी पणू प स ेसि य ह।ै िव िव ालय अ त शा ीय, वै ािनक, ािविधक, ौ ोिगक य एवं आयवुद आिद िवषय म अ ययन, अ यापन एवं अनसु धान हते ुसतत गितशील ह।ै सं कृत िश ा के े म नवीन आयाम को थािपत करने के िलए वतमान सामािजक आव यकताओ ंके अनु प के ीय सं कृत िव िव ालय अ सर ह।ै

    मझुे आशा ह ैिक इस सि यता का िद दशन स 2020-21 के िलये कािशत ततु प रचाियका से हो सकेगा।

    स ार भ पर म के ीय सं कृत िव िव ालय के सम त प रसर के िनदशेक , ा यापक , अिधका रय , छा व कमचा रय का हािदक अिभन दन करता ह।ँ

    सह नाववतु सह नौ भुन ु सह वीय करवावहै।तेजि व नावधीतम तु मा िवि षावहै।।

    ॐ त सत ्ॐ

    ो. परमे र नारायण शा ीकुलपित

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय7

    िवषय-सूची िवषय पृ सं या शाि तपाठ तीक िच ि तथा येय परुोवाक्

    के ीय सं कृत िव िव ालय 1. प रचय 2. उ े य 3. शासन 4. मखु काय

    के ीय सं कृत िव िव ालय - वेशािद िवषयक सामा य िनयम 1. वशे के िनयम व पाठ्य म2. वेशिनरि त और ती क का वेश 3. सरुि त धनरािश 4. उपि थित व अवकाश िनयम 5. शु क-िववरण 6. छा क याण प रषद ्7. अनशुासन 8. रैिगंग-िनषेध-अिधिनयम 9. छा विृ 10. छा को दये सिुवधाएँ 11. छा ावास 12. प रसर क सिमितयाँ 13. शिै क गितिविध ितिथप (स 2020-21)

    के ीय सं कृत िव िव ालय के िविभ न प रसर 1. गङ्गानाथ झा प रसर, याग (उ र दशे) 2. ी रणवीर प रसर, ज म ू(ज म-ूक मीर) 3. ी सदािशव प रसर, परुी (उडीसा)

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय8

    4. गु वायरू प रसर, ि शरू (केरल) 5. जयपरु प रसर, जयपरु (राज थान) 6. लखनऊ प रसर, लखनऊ (उ र दशे) 7. राजीव गा धी प रसर, शङ्ृगेरी (कणाटक) 8. वदे यास प रसर, बलाहार (िहमाचल दशे) 9. भोपाल प रसर, भोपाल (म य दशे) 10. क.जे.सोमयैा प रसर, मु बई, (महारा ) 11. एकल य प रसर, अगरतला (ि परुा) 12. ी रघनुाथ क ित प रसर, दवे याग (उ राख ड) प रिश1. सभी प रसर म वीकृत आधिुनक व शा ीय िवषय 2. रैिगंग िवरोधी शपथ प 3. िचिक सा माण प

    ===========================================================

    आव यक सूचना

    इस पिु तका म विणत िकसी भी िनयम का संशोधन/प रवधन या िनर त करने का स पणू अिधकार कुलपित, के ीय सं कृत िव िव ालय, िद ली के अधीन होगा।

    िकसी भी अिन य क ि थित म कुलपित, के ीय सं कृत िव िव ालय, िद ली का िनणय अि तम एवं सवमा य होगा।

    िकसी याियक िववाद क अव था म याय का े िद ली यायालय े तक ही सीिमत रहगेा।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय9

    के ीय सं कृत िव िव ालय, िद ली

    1. प रचय राि य-सं कृत-सं थान क सं थापना अ टूबर, 1970 म सोसाइटी पंजीकरण अिधिनयम 1860 (1860 का अिधिनयम XXI) के अ तगत पंजीकृत एक वाय संगठन के प म परेू दशे म सं कृत के सम िवकास तथा ो नयन हते ुहई थी। अपने िनमाण काल से ही यह भारत-सरकार ारा पणू पणे द िनिध ह।ै यह सं कृत के चार- सार तथा िवकास हते ुशीष िनकाय के प म कायरत रहा ह ैतथा सं कृत िव ा के िवकास हते ुिविभ न योजनाओ ंतथा काया वयन म मानव संसाधन िवकास म ालय क सहायता करता रहा ह।ै सं कृत भाषा के संर ण, सार तथा िवकास और इसके सभी प क िश ा हते ु1956 म भारत सरकार, िश ा मं ालय ारा थािपत ‘सं कृत आयोग’ क िविभ न सं तिुतय के भावी काया वयन हते ुइसन ेएक के ीय अिभकरण के प म भिूमका िनभाई है।

    सं थान के पार प रक सं कृत िश ण के संवधन और स सारण के े म योगदान, इसके े काशन और इसके ारा 58,000 से भी अिधक दलुभ सं कृत पा डुिलिपय के संर ण तथा ब धन को मह व दते ेहए, भारत सरकार ने इसे 7 मई, 2002 स ेमािनत िव िव ालय का दजा दान िकया, जो अिधसचूना सं या एफ. 9-28/2000 य ू3 के अ तगत ह ैतथा िजस ेिव िव ालय अनदुान आयोग क अिधसचूना सं या एफ 6-31/2001 (सी.पी.पी.-1), िदनांक 13 जनू 2002 से अनगुत िकया गया।

    िवगत दशक म सं कृत िश ा के े म सं थान ने अ णी भिूमका का िनवाह िकया। फलतः भारत सरकार ने राि य-सं कृत-सं थान को भारत के राजप सं सी.जी.-डी.एल-अ-17042020-219068 िदनांक 17 अ ैल, 2020 के अनसुार के ीय सं कृत िव िव ालय के प म वीकृित दान क । िजसके अनसुार राि य सं कृत सं थान िदनांक 30 अ ैल, 2020 स ेके ीय सं कृत िव िव ालय के प म िति त हआ।

    2. िव िव ालय के मूल उ े य - सं कृत भाषा के चार- सार के िलए िश ण, अनसुंधान और िव तार क सिुवधा दान करना और ान क अ य शाखाओ ंका िव तार और ो नयन करना, अपने शिै क काय म म मानिवक , सामािजक िव ान और िव ान म एक कृत पाठ्य म का िवशषे प से ावधान करना; िश ण एवं अिधगम ि या और अंतर-िवषया मक अ ययन और अनसुंधान म नवाचार को बढ़ावा दनेे के िलए उिचत उपाय करना; सं कृत और सं कृत पारंप रक िवषय के े म सम िवकास, संवधन, संर ण और अनसुंधान के िलए नई पीढ़ी को िशि त एवं िशि त करना।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय10

    3. मुख काय के ीय सं कृत िव िव ालय अपने उ े य क ाि हते ु िन निलिखत मखु काय म और

    ि याकलाप म कायरत ह:ै िविभ न रा य म प रसर क थापना। मा यिमक, पवू नातक, नातक एवं नातको र तर पर पर परागत प ित स ेसं कृत िश ण तथा

    सं कृत के िविभ न े म िव ावा रिध (पीएच.डी.) उपािध हते ुशोध-काय का संचालन व सम वयन। िश ा शा ी (बी.एड.) तथा िश ाचाय (एम.एड;) तर पर िश क िश ण का संचालन करना। उभयिन अिभ िच वाली संयु प रयोजनाओ ंके ायोजन म अ य संगठन स ेसहयोग करना। सं कृत पु तकालय , पा डुिलिप सं हालय क थापना और दलुभ पा डुिलिपय एवं मह वपणू

    थ का स पादन तथा काशन करना। वीकृत िनधा रत पाठ्य म/शोध को संतोषजनक प से पणू करके िनधा रत परी ाए ँउ ीण करने

    वाले यि य को उपािधयाँ और िड लोमा/ माण-प दान करना। िविजटरिशप, फेलोिशप, छा विृ याँ, परु कार तथा पदक का सं थापन एवं उनको दान करना। मु वा यायपीठ के मा यम स ेदरू थ िश ा-काय म का संचालन करना। सं कृत, पािल तथा ाकृत के ो नयन हते ु मानव संसाधन िवकास म ालय, भारत सरकार क

    योजनाओ ंको के ीय अिभकरण के प म काया वियत करना।

    ==================================================================

    सं कृत के िवकास के िलए दस-वष य भावी योजना मिवज़न एवं िमशन के अंतगत अ ादशी-प रयोजनाएं

    ाना मक सािह य अनवुाद प रयोजना पांडुिलिपय का संपादन एवं काशन िडिजटल एवं ऑन-लाईन प रयोजना ी मकालीन पाठ्य म प रयोजना समकालीन सािह य प रयोजना सां यकालीन िव ालय प रयोजना ौ ोिगक अनकूुलन प रयोजना क यटूर िश ा प रयोजना ि वािषक सं कृत पु तक मेला प रयोजना जनता तक पहचँ प रयोजना श दशाला प रयोजना दलुभ पु तक का पनु: काशन प रयोजना आवासीय िश ण प रयोजना सं कृत-आधिुनक िवषय क समकेन प रयोजना इ टरनेट प रयोजना के िलए सहायता बाल सािह य प रयोजना सं कृत प रयोजना के मा यम स ेयोग सं कृत मा यम से आयवुद

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय11

    1. वेश के िनयम व पाठ्य म

    के ीय सं कृत िव िव ालय म अ यापन यव था - के ीय सं कृत िव िव ालय िन निलिखत परी ाओ ंके पाठ्य म क यव था करता ह।ै

    परी ा नाम समक ताशैि क पाठ्य म1. ा शा ी(ि वष य पाठ्य म)

    2. शा ी(ि वष य पाठ्य म/ 6 स ा )

    3 शा ी ित ा(ि वष य पाठ्य म/ 6 स ा )

    4 आचाय(ि वष य पाठ्य म/ 4 स ा )

    िश ण पाठ्य म5 िश ाशा ी(ि वष य पाठ्य म)

    6 िश ाचाय(ि वष य पाठ्य म/ 4 स ा )

    7 िड लोमा पाठ्य म (एकवष य पाठ्य म)

    शोध पाठ्य म8 िव ावा रिध

    उ रम यमा/उ चमा यिमक/ इ टरमीिडयट

    बी.ए.--

    बी.ए. (ऑनस)--

    एम.ए.

    बी.एड्.

    एम.एड्.

    िड लोमा

    पी.-एच. डी.

    आय ुके स दभ म भारत सरकार एवं दशे सरकार के िनयम अनपुालनीय ह गे।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय12

    शैि क पाठ्य म

    ा शा ीा शा ी म वेशाथ िनयम -

    1. ा शा ी हते ुप रसर म वशे के िलये मु यालय/संब प रसर ारा वशे परी ा आयोिजत क जायगेी, िजसम पवूम यमा परी ो ीण छा अथवा िविधवत ् थािपत िकसी बोड स ेसं कृत िवषय लेकर सकै डरी या दशम क ा उ ीण छा अथवा सं कृत िवषय के िबना दशम क ा उ ीण छा तथा महिष सा दीपिन राि य वदे िव ा ित ान ारा वदेभषूण उ ीण छा ा शा ी पाठ्य म म वशे हते ुसि मिलत हो सकते ह।

    2. यह पाठ्य म दो वष म स प न होता ह,ै येक वष म 6-6 प होत ेह एवं एक अिनवाय अित र प संगणक िश ण का होता ह।ै

    3. छा क यनूतम आय ु15 वष होनी चािहए।

    ा शा ी थम वष एवं ि तीय वष का पाठ्य म

    थम प - याकरण (अिनवाय) ि तीय प - सािह य (अिनवाय) तृतीय प - अं ेजी (अिनवाय) चतुथ प - िह दी िह दी ऐि छक बंगला उिडया नेपाली डोगरी मलयालम क नड गजुराती मराठी मिणपरुी

    पंचम प - ऐि छक राजनीित शा अथशा इितहास समाजशा गिणत भगूोल ष प - ऐि छक वेद याकरण सािह य यौितष दशन का मीरशवैदशन स म प - क यटूर

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय13

    शा ी (बी.ए.)

    शा ी पाठ्य म म वेशाथ िनयम - शा ी पाठ्य म हते ुप रसर म वशे के िलय ेमु यालय/प रसर ारा वशे परी ा आयोिजत क जाती ह,ै िजसम सि मिलत होने के िलए िन निलिखत परी ाओ ंम स ेिकसी एक म उ ीण होना अिनवाय ह ै- 1. उ र म यमा/ ा शा ी 2. मा यता ा िकसी सं कृत िव िव ालय या सं कृत प रषद ्स ेपर परागत णाली स ेउ ीण क गई

    इ टरमीिडएट समक परी ा। 3. सं कृत िवषय सिहत उ च मा यिमक/इ टरमीिडएट परी ा। 4. महिष सा दीपिन राि य वदेिव ा ित ान, उ जैन क वेदिवभषूण परी ा। 5. शा ी पाठ्य म म वशेाथ चनुे गये भाषा/आधिुनक िवषय, उ रम यमा/ (बारहव क ा सं कृत

    िवषय सिहत) तक पढ़े हए होने चािहए। 6. बारहव क ा म सं कृत नह होने पर अिनवाय प से वशे परी ा ारा वशे िलया जाएगा। 7. छा क यनूतम आय ु17 वष होनी चािहए।

    शा ी का पाठ्य म शा ी परी ा ि वष य वािषक / 6 सेमे टर म स प न होती ह।ै सभी स ा म 7-7 प होते ह। थम प - याकरण / याय

    ि तीय प - अं ेजी (अिनवाय)

    तृतीय प (ऐि छक) - िह दी बंगला उिड़या नपेाली डोगरी मलयालम क नड़ मिणपरुी

    चतुथ प (ऐि छक) - राजनीितशा दशन इितहास अथशा समाजशा िह दी सािह य अं ेजी सािह य प चम एवं ष प (अधोिलिखत म से कोई एक) न य याकरण ाचीन- याकरण सािह य सवदशन िस ा त यौितष फिलत यौितष न य याय याय वशैिेषक मीमांसा अ ैतवदेा त धमशा िविश ा तैवदेा त सां ययोग पौरोिह य शु लयजवुद का मीरशवैदशन रामान दवेदा त जैनदशन परुाणेितहास बौ दशन वदे-वदेाङ्ग स म प - क यटूरिट पणी - शा ी ततृीय वष (प चम व ष स ा ) म अ म प पयावरण िश ा का होगा।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय14

    शा ी ित ा (बी.ए. ऑनस)

    शा ी ित ा पाठ्य म म वेशाथ िनयम - शा ी ित ा पाठ्य म म वशेाथ शा ी पाठ्य म म उि लिखत वशे िनयम का अनपुालन करना होगा।

    शा ी ित ा का पाठ्य म शा ी ित ा परी ा 6 समेे टर म स प न होती ह।ै सभी स ा म 7-7 प होते ह। शा ी पाठ्य म म उि लिखत सात प शा ी ित ा पाठ्य म म भी ह गे। इसके अित र शा ी ित ा ततृीय वष (प चम व ष स ा ) म अ म प पयावरण िश ा का होगा, नवम प शा ीय िवषय (शा ी पाठ्य म के प चम एवं ष प म उि लिखत कोई एक िवषय जो पंचम एवं ष प म चयिनत िवक प न हो) तथा दशम प गत सं कृत भाषा (Advance Sanskrit Language) का होगा।

    आचाय (एम.्ए.)

    आचाय क ा म वेश के िलए िन निलिखत परी ाय मा य ह :-शा ी के ीय सं कृत िव िव ालय अथवा अ य कोई सं कृत िव िव ालय या मा यता ा सं था।िशरोमिण म ास िव िव ालय, अ नामलाई िव िव ालय, ी वकटे र िव िव ालय, ित पित।िव द ्म यमा कनाटक सरकार, बगलुशा भषूण ( ीिलिमनरी) केरल सरकार, ि वे म्बी.ए. (Orintal Learning) मा यता ा िव िव ालयबी.ए. सं कृत िवषय के साथ मा यता ा िव िव ालय स।े

    िवशेष िनयम -1. आचाय पाठ्य म म िवषय चयन से पवू उस िवषय का शा ी/समक तक अ ययन अिनवाय ह।2. िजन िव ािथय ने बी.ए. (सं कृत) अथवा वेदालंकार/िव ालंकार/समक क उपािध ा कर ली ह,ै वे

    आचाय तर पर सािह य/ धमशा /सां ययोग/सवदशन/फिलत यौितष/कमका ड िवषय ल ेसकते ह। बी.ए. (सं कृत दशन सिहत) उ ीण छा आचाय तर पर अ तै वदेा त भी ले सकते ह।ै

    3. सं कृत म बी.ए. (आनस) उ ीण छा आचाय तर पर वेद/ याकरण/सािह य/धमशा / सां ययोग/फिलत यौितष/्सवदशन/कमका ड इ यािद िवषय ले सकते ह।

    4. िकसी एक िवषय म आचाय परी ा उ ीण एम.्ए. (सं कृत) छा , आचाय तर पर, िन निलिखत िवषय को

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय15

    छोडक़र कोई भी अ य िवषय ल ेसकते ह। (विजत िवषय) िस ा त योितष,् वदे, न य याय, न य याकरण, मीमांसा। लेिकन न य याय/न य याकरण आिद िवषयो म आचाय छा िस ा त यौितष,् ाचीन याय और याकरण आिद िवषय म आचाय हते ु(तथा इसके िवपरीत) वशे ल ेसकते ह।

    5. सं कृत म न िव ान एक िवषय के प म पढ़े हए छा आचाय तर पर िस ा त यौितष िवषय ले सकते ह।

    िट पणी:- आचाय पाठ्य म म वशे के इ छुक छा अपन ेआवेदन प म िवषय के चयन हते ु ाथिमकता के म से िवषय का उ लेख करगे।

    6. आचाय पाठ्य म म कुल चार स ा होगे िजसम येक स ा पाचँ प ह ग । ित स ा चार प वीकृत शा पर आधा रत ह ग ेतथा पंचम प सभी शा के छा के िलए सामा य होगा। ित प पणूाक

    50 ह। ित प का समय तीन घंटे होगा। परी ाथ िन निलिखत शा िवषय म स ेकोई एक शा अ ययन के िलए चनु सकता ह।ै

    अिनवाय िवषय - न य याकरण ाचीन याकरण सािह य िस ा त यौितष ् फिलत यौितष सवदशन धमशा जैनदशन बौ दशन सां ययोग न य याय यायवैशिेषक मीमांसा अ तैवदेा त परुाणेितहास वेद पौरोिह य

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय16

    िश ण पाठ्य म

    िश ाशा ी (बी.एड्.)

    यह पाठ्य म दो वष (चार स ा ) के िनयिमत िश ण हते ुके ीय सं कृत िव िव ालय क िश ाशा ी उपािध के िलए संचािलत होता ह।ै

    वेश के सामा य िनयम1. िकसी भी मा यता ा िव िव ालय/समिव िव ालय से यनूतम 50 ितशत अकं के साथ शा ी अथवा

    बी.ए. सं कृत सिहत/आचाय/एम.ए. सं कृत अथवा समक परी ो ीण छा ितवष आयोिजत होने वाली िश ाशा ी वशे परी ा म सि मिलत हो सकते ह। उसम उ ीण छा को वरीयता म स ेिश ाशा ी पाठ्य म म वशे िदया जाता ह।ै इसके िलए िनयमावली आवेदन प के साथ िव िव ालय ारा अलग से सा रत क गई ह।ै

    2. वशेाथ क आय ुपरी ा िवभाग ारा िनधा रत िदनांक तक 20 वष स ेकम नह होनी चािहये।

    3. इस पाठ्य म म वशे के िलए 10+2+3 िश ा णाली के अ तगत 15 वष क िश ा का पणू होना अिनवाय ह।ै

    4. इस पाठ्य म म भारत सरकार के ारा िनधा रत आर ण णाली का पालन सिुनि त िकया जाता ह।ै पर परागत पढ़े अथात ्शा ी/आचाय उ ीण छा के िलए 80 ितशत तथा आधिुनक धारा के अ तगत बी.ए. (सं कृत) सिहत अथवा एम.ए. सं कृत उ ीण छा के िलए 20 ितशत थान िनधा रत ह। प रसरीय आर ण भी ह ैयथा 20 ितशत प रसर छा एवं 30 ितशत उस े के छा के िलय।े

    पाठ्य म(क) सै ाि तक सै ाि तक प के अ तगत थम वष म सात प तथा ि तीय वष म पांच प ह। येक प 100 अकं का ह।ै

    (ख) ायोिगक :- ायोिगक काय थम वष म 400 अंक एवं ि तीय वष म 400 अंक का होगा। दो वष के िलए अंक का कुल योग - सै ाि तक 1200+ ायोिगक 800 = 2000

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय17

    िश ाचाय (एम.एड्)

    यह पाठ्य म दो वष (चार स ा ) के िनयिमत िश ण हते ुके ीय सं कृत िव िव ालय क िश ाचाय उपािध के िलए संचािलत होता ह।ै

    वेश के सामा य िनयम1. िकसी भी मा यता ा िव िव ालय स े यनूतम 55 ितशत अंक के साथ आचाय/एम.ए. सं कृत अथवा

    समक परी ो ीण तथा िश ाशा ी (बी.एड्.) परी ो ीण छा िव िव ालय ारा ितवष आयोिजत होने वाली ‘िश ा-आचाय’ वशे परी ा म सि मिलत हो सकते ह। उसम उ ीण छा को वरीयता म स ेिश ाचाय पाठ्य म म वशे िदया जाता ह।ै इसके िलये िनयमावली आवेदन प के साथ िव िव ालय से अलग से सा रत क जाती ह।ै

    2. वशेाथ क आय ुपरी ा िवभाग ारा िनधा रत िदनांक तक 23 वष होनी चािहये।3. इस पाठ्य म म वशे के िलए 10+2+3+2 िश ा णाली के अ तगत 17 वष क िश ा का पणू होना

    अिनवाय ह ैएवं बी.एड्./िश ाशा ी भी उ ीण होना अिनवाय ह।ै4. इस पाठ्य म म भारत सरकार के ारा िनधा रत आर ण णाली का पालन सिुनि त िकया जाता ह।ै पर परागत

    अ ययन करने वाले अथात ्आचाय उ ीण छा के िलए 80 ितशत तथा आधिुनक धारा के अ तगत एम.ए. सं कृत उ ीण छा के िलए 20 ितशत थान िनधा रत ह।

    पाठ्य म(क) सै ाि तक सै ाि तक पाठ्य म के अ तगत थम एवं ि तीय स ा , येक म तीन सै ाि तक प एवं दो ऐि छक

    प तथा ततृीय एवं चतथु स ा , येक म दो सै ाि तक प एवं एक ऐि छक प िनधा रत ह। इस तरह 16 सै ाि तक प ह गे। येक प 100 अंक का ह।ै

    (ख) ायोिगक (क) लघशुोधिनब ध एवं मौिखक परी ा 100 (75+25) (ख) िश तुा 100 (50+50) (ग) ायोिगक काय 200 (75+75+25+25) कुल योग सै ाि तक 1600+ ायोिगक 400 2000

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय18

    िड लोमा पाठ्य म

    * योग एवं आयुवद सािह य िड लोमा पाठ्य म् * वा तुशा िड लोमा पाठ्य म

    वेश के सामा य िनयम

    1. वशे हते ु अ यथ को सं कृत िवषय सिहत सीिनयर सेके डरी (+2) अथवा समक परी ा उ ीण होना अिनवाय ह।ै

    2. पठन-पाठन का मा यम सं कृत ही होगा।

    3. चनुे गए प रसर म िनधा रत िड लोमा पाठ्य म वशे हते ु40 सीट िनधा रत क गई ह। उनम स े30 सीट पार प रक धारा के छा के िलए और 10 सीट आधिुनक धारा के छा के िलए िनधा रत क जा सकती ह।

    4. पाठ्य म 6 माह येक के दो स ा म पणू होगा।

    5. पाठ्य म के कोस म 50 अंक के 5 प होगे।

    6. 50 अकं के येक प म 40 अंक सै ाि तक एवं 10 अकं ायोिगक के िलए िनधा रत ह ग।

    7. योग एवं आयवुद सािह य िड लोमा कोस क परी ा म सि मिलत होने के िलए यनूतम 90% उपि थित अिनवाय होगी।

    िड लोमा पाठ्य म का शु क एवं अ यिवध जानकारी के ीय सं कृत िव िव ालय कवेबसाइट sanskrit.nic.in पर उपल ध है।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय19

    अनुस धान पाठ्य म

    िव ावा रिध (पी.-एच.्डी.)

    के ीय सं कृत िव िव ालय वयं अथवा अपने अ तगत सभी प रसर अथवा स ब ता ा सं थान के मा यम स े दान क जान ेवाली शोधोपािध को िव ावा रिध (पी-एच.्डी.) के नाम से अिभिहत करता है।

    प जीकरण क अहता1. व ेसभी िव ाथ , जो सं कृत के िकसी भी िवषय म आचाय/एम.ए. (सं कृत), त समक उपािध, के ीय

    सं कृत िव िव ालय के प रसर , िव िव ालय अनदुान आयोग ारा मा यता ा िव िव ालय , मािनत िव िव ालय म कम स ेकम 55 ितशत अकं के साथ उ ीण ह तथा संयु ाक् शोध-परी ा म अहता म म उ ीण ह , प जीकरण के िलए आवेदन प हते ुअह ह गे। अनसुिूचत जाित/अनसुिूचत जनजाित/िद यांग अ यिथय के िलए सं कृत िवषय स ब आचाय परी ा म यनूतम 50 ितशत अंक होना अिनवाय ह।ै

    2. िव िव ालय के प रसर एवं अ य महािव ालय /िव ालय के अ यापक अनसु धाता िज ह ने आचाय अथवा एम.ए. सं कृत परी ा 55 ितशत अंक के साथ उ ीण क ह ै‘अ यापक-शोधाथ , के प म आवेदन कर सकते ह। िक त ुउनका नामांकन िव िव ालय अनदुान आयोग (य.ूजी.सी.) के िनयमानसुार ही होगा।

    3. व ेसभी िवदशेी िव ाथ िज ह ने भारत के िकसी मा यता ा िव िव ालय से सं कृत के िकसी शाखा म नातको र उपािध यनूतम 55 ितशत अंक के साथ अथवा उसके समान ेणी म उ ीण क ह,ै भारत-सरकार

    के िवदशे-म ालय एवं मानव संसाधन िवकास म ालय के मा यम से शोध-छा के प म वशे के िलये आवदेन कर सकते ह।

    िव ावा रिध वेश परी ा के ीय सं कृत िव िव ालय शोध प जीकरण हते ु येक वष िव ाव रिध वशे परी ा का आयोजन करता

    ह।ै परी ा-नामांकनािद िव ावा रिध वशे परी ा िवव रणका म दखेी जा सकती ह।ै

    प जीकरण क ि या िव ावा रिध वशे परी ा म वरीयता म से अह घोिषत छा िनि त अविध तक शोध ा प के साथ अपना आवदेन-प शोध-िनदशक ारा अ सा रत कराकर स ब प रसर म जमा करेगा। त प ात ्प रसर क थानीय शोध सिमित शोधािथय क तथा उनके ारा िनधा रत शोध-िवषय एवं शोध- ा प क समी ा करेगी। िनदशेक उिचत आवदेन-प को िनधा रत ितिथ तक के ीय शोध-म डल म िवचार एवं वीकृित हते ुके ीय सं कृत िव िव ालय नई िद ली को ेिषत करग।े के ीय सं कृत िव िव ालय के शोध िवभाग ारा वीकृित के प ात ्स ब प रसर को िनणय क सचूना ा होन ेके बाद छा अपना वशे शु क जमा कर पंजीकरण क ि या पणू कर सकेगा। प रसर के अित र िव िव ालय के मु यालय म भी शोध काय िकया जा सकता ह।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय20

    िविभ न पाठ्य म म वेश हेतु अपेि त माणप

    1. पवू उ ीण परी ाओ ंक उ ीणता के िवषय म िव िव ालय अथवा मा यता ा सं था से ा माणप ।2. ज मितिथ माणप (मिै क या त समक परी ा का माणप ) िजसम ज म ितिथ भी मािणत क गई हो।3. च र माणप (पवू सं था के ाचाय ारा)।4. थाना तरण माणप (टी.सी.)।5. िन मण माणप (माइ ेशन सिटिफकेट)।

    िट पणी - िनदशेक िवशेष प रि थितय म िकसी छा को थाना तरण माण प एवं िन मण माण-प बाद म ततु करने क छूट दे सकते ह िक त ुउिचत अविध के अ दर इसे ततु न करन ेपर छा का नाम िनर त कर

    िदया जायेगा।6. पवू परी ा म ा अङ्क क िवषयानसुार अकं प (माकशीट)।7. डा एवं पाठ्येतर विृ य म वीणता ाि का माण-प (यिद हो तो)। आवदेक को अपने आवदेन प के साथ उपयु माण प क स यािपत ितिलिपयां अव य संल न करनी चािहये। वशे के समय मलू माण-प मांगने पर िदखाएं। अ प एवं अस यािपत माण प ािद वशेाथ वीकार नह िकये जायगे।

    प रधान

    के ीय सं कृत िव िव ालय के प रसर म िश ाशा ी/िश ाचाय को छोडक़र शेष छा -छा ाओ ंके िलए साद ेप रधान का िनयम ह।ै िश ाशा ी/िश ाचाय के छा -छा ाओ ंहते ुप रधान संबंिधत प रसर के िवभागा य ारा सिुनि त होगा।

    2. वेश िनर तीकरण और ती क का वेश

    जो छा वशे वीकृत हो जाने पर वशे स ब धी सम त औपचा रकताएं यथासमय पणू नह करगे उनके नाम वशे सचूी स ेिनर त कर िदय ेजायगे तथा उनके थान पर ती ा सचूी म रखे गय ेछा को वरीयता म स े वशे िदया

    जायेगा। ती ा सचूी म जो छा वशे के वरीयता म म वशे यो य ह ग ेउ ह भी िनधा रत समय पर वशे स ब धी सभी औपचा रकताय पणू करते हए वशे लेना होगा।

    िवशेष सचूना -(क) आवदेन प एवं माण प ािद म कोई भी अस य सचूना दनेे पर और के ीय सं कृत िव िव ालय ारा

    िनधा रत यो यताओ ंम कमी होने पर आर भ म वशे हो भी गया हो तो भी िबना कारण बताये उस छा का वेश िनर त कर िदया जायेगा और उसके िलए िव िव ालय का कोई भी दािय व नह होगा।

    (ख) इन िनयम म तथा के ीय सं कृत िव िव ालय ारा इनसे पवू या समय-समय पर कािशत या िनिद िनयम म अ तर होने पर िव िव ालय ारा िनिद िनयम अि तम प से वीकाय ह ग।े

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय21

    3. सुरि त धनरािश

    (क) यिद वशे ा छा िव िव ालय प रसर छोड़कर जाता ह ैतो उस ेसरुि त धनरािश के अित र िलया गया कोई भी शु क लौटाया नह जायेगा।

    (ख) सरुि त धन रािश परी ा फल कािशत होने के बाद अथवा स ावसान पर ही लौटायी जायेगी। यिद कोई छा बीच म उ रािश को वापस लेगा तो उस छा का वशे िनर त हो जायेगा एवं िकसी भी प रि थित म उस छा का पनु: वशे नह होगा।

    4. उपि थित व अवकाश िनयम

    के ीय सं कृत िव िव ालय क येक क ा म छा क िनयिमत उपि थित आव यक ह।ै िबना िलिखत ाथना-प के लगातार 10 िदन तक क ा म अनपुि थित रहने पर छा का नाम िव िव ालय स े िनर त कर िदया

    जायेगा। िक त ुिनदेशक अनपुि थित के कारण स ेस तु होन ेपर पनु: वशे भी कर सकगे। उस ि थित म छा को पनु: वशे शु क जमा कराना होगा।

    ाक् शा ी, शा ी व आचाय परी ा म वशेाहता के िलय े एक िश ास ा (स ा परी ा णाली के संदभ म) म छा क 75 ितशत उपि थित अिनवाय ह।ै अथात ्छा को एक िश ा स /िश ास ा म कुल या यान िदवस का अिधकतम 25 ितशत अवकाश िदया जायेगा। यह अवकाश िनदशेक क पवू अनमुित से िन निलिखत आधार पर वीकृत होगा -

    1. सि ब धत िवभागा य क अनशंुसा पर िबना िचिक सक य माण-प के एक शैि क स म एक बार केवल 10 िदन तक का अवकाश।

    2. एक शिै क स म पंजीकृत िचिक सा अिधकारी ारा छा क अ व थता के माण-प के आधार पर 20 िदन का िचिक सक य अवकाश।

    िवशेष: उपयु दोन कार के अवकाश का लाभ पणू शैि क स क ि स ेह ैन िक स ा क ि स।े यिद िकसी शिै क स के थम स ा म पवू पणू अवकाश का लाभ ा कर िलया हो तो अि म स ा म यह लाभ

    ा नह होगा।

    3. िश ाशा ी व िश ाचाय परी ा म वशेाहता के िलए एक स ा म सै ाि तक प म 80% व ायोिगक काय म 90% उपि थित अिनवाय ह।ै अथात ्िवभागा य क अनशंुसा पर िनदशेक ारा सै ाि तक प म अिधकतम 20% व ायोिगक काय म अिधकतम 10% अवकाश िदया जायेगा। ऐस ेछा को इसके अित र अ य कोई भी अवकाश देय नह होगा।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय22

    परी ा के स दभ म उपि थित म छूट1. के ीय सं कृत िव िव ालय के कुलपित िवशेष प र थित म एक शिै क स म एक बार उपि थित ितशत

    म 5% क छूट दे सकते ह। पर त ुइसके िलए संब प रसर /महािव ालय /आदश िव ापीठ के िनदशेक छूट दनेे हते ुवधै कारण को दशाते हए संब छा के मामले कुलपित को अ सा रत करग।े

    2. एक प रसर से दसूरे प रसर अथवा एक महािव ालय स ेअ य महािव ालय/प रसर म थाना त रत होने वाले छा क िपछली सं थाओ ंम उपल ध उपि थित क अपेि त उपि थित क ितशत गणना म सि मिलत कर िलया जाएगा। लिेकन जो छा प ाचार के मा यम से ारि भक पाठ्य म म पढ़ रह ेह, वे िव िव ालय ारा समय-समय पर जारी िकए गये िनयम ारा अनिुब धत ह गे।

    3. उपयु सभी िनयम के लाग ूहोने पर भी कोई छा जो िव िव ालय स ेिनकाला जा चकुा ह,ै अथवा िन कािसत हआ ह ैअथवा िकसी भी एक अविध के िलए परी ा के अयो य पाया गया ह,ै तो इसे िव िव ालय के िकसी भी परी ा म सि मिलत नह िकया जा सकेगा।

    4. वांिछत उपि थित के पणू होन ेपर कोई छा बीमारी के कारण वािषक परी ा म बैठन ेम असमथ होता ह ैतो िचिक सा अिधकारी के मािणत करने पर वह अगले वष क परी ा म पवूछा के प म बैठ सकता ह।ै अगले वष वह अ ययनाथ क ाओ ंम उपि थत हो सकता ह ैिक त ुवह िनयिमत छा नह माना जायेगा और छा विृ का अिधकारी नह होगा।

    िवशेष: िकसी एक परी ा म कोई भी छा िकसी अ य िव िव ालय/के ीय सं कृत िव िव ालय क अ य परी ा म एक ही समय म परी ा दनेे का अिधकारी नह होगा।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय23

    5. शु क िववरण

    प रसर म वशे वीकृत होने पर येक छा को िन निलिखत शु क एवं सरुि त धनरािश ( पये म) परेू स के िलए आर भ म ही जमा करानी होगी।

    प रचाियका शु क = . 150/-(प रचाियका क मुि त ित यिद चाहते ह तो)

    शैि क पाठ्य म का शु क

    . िववरण ा शा ी शा ी/ आचाय िव.वा.सं. ित ाशा ी (शोध)1. वेश आवेदन प - - - 100 2. वशे शु क 125 125 125 1503. सरुि त धन पु तकालय 150 150 150 50004. नामांकन शु क 30 30 30 1005. प रचय प 50 50 50 506. पि का शु क 75 75 75 1007. ड़ा शु क 100 100 100 1008. छा कोष शु क 400 400 400 5009. िविवध विृ शु क 120 120 120 20010. कला/कृित शु क 50 50 50 50011. परी ा शु क - - - 500 योग . 1100 . 1100 . 1100 . 6800

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय24

    िश ण पाठ्य म का शु क

    िश ाशा ी व िश ाचाय हेतु साधारण शु क

    .सं. िववरण थम वष ि तीय वष शु क . शु क . 1. वशे शु क 500 500 2. पु तकालय सरुि त धन 500 500 3. नामांकन शु क 100 100 4. प रचय प 50 50 5. पि का शु क 100 100 6. ड़ा शु क 100 100 7. छा कोष शु क 400 400 8. िविवध विृ शु क 150 150 9. कला/कृित शु क 100 100 योग . 2000 . 2000

    िश ाशा ी िवशेषछा कोष

    .सं. िववरण थमवष ि तीयवष शु क . शु क . 1. वशे हते ुसामा य शु क 2000 2000 2. िवभागीय पि का 400 400 3. िश णोपकरणमजंषूा 500 500 4. िविवध विृ शु क 2000 2000 5. संगणक य काय 100 100 6. संगो ी 100 100 7. सामिूहक छायािच - 200 8. िविश या यान - 300 योग . 5100 . 5600

    िश ाशा ी शु क महायोग = . 5100+ . 5600 = . 10700/-

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय25

    िश ाचाय िवशेषछा कोष

    थमवष ि तीयवष .स.ं िववरण (दो स ा ) (दो स ा ) शु क . शु क . 1. वशे हते ुसामा य शु क 2000 2000 2. िवभागीय पि का 450 450 3. िश णोपकरणमंजषूा 500 500 4. िविवध विृ शु क 2000 2000 5. िश तुा 500 500 6. संगो ी 400 500 7. संगणक य काय 100 200 8. छायािच - 200 9. िविश या यान 150 250 योग . 6100 . 6600 िश ाचाय शु क योग - . 6100+ . 6600 = . 12700

    छा ावास शु क .स ं िववरण शु क 1. वशे शु क 300 2. छा ावास सरुि त रािश 2000 3. िव तु शु क 700 4. रख-रखाव शु क अ याय 1000 कुल . 4000

    छा -कोष छा कोष का ब ध एक सिमित के अधीन है। प रसर के िनदेशक सिमित के अ य ह ग ेतथा इसम एक अ यापक छा क याण अिधकारी के प म रहग।े क ाओ ंम वशे के समय बनी यो यता सचूी म स ेसभी क ाओ ंस ेएक-एक सव थम थान ा छा सिमित के सद य ह ग।े छा कोष के मद के साथ िलया गया धन िकसी बक म रखा जायेगा। एकाउ ट का संचालन िनदशेक एवं अनभुाग अिधकारी संयु प स ेकरगे। प रसर के अ य धन स ब धी मद के समान छा कोष का भी लेखा िनरी ण करवाया जायेगा।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय26

    6. छा क याण प रषद्

    िव िव ालय के सभी प रसर म िनयमानसुार ‘छा क याण प रषद’् काय करेगी। प रषद ्म यो यता म स ेयेक क ा स ेपवू परी ा म सबस ेअिधक अंक ा छा ितिनिध के प म मनोनीत ह गे।

    रा ीय सेवा योजना रा ीय सवेा योजना काय म का मखु िस ा त ह ैिक इसका आयोजन छा के पर पर सहयोग से होता ह।ै साथ ही छा एवं अ यापक क समाज सवेा के ित पर पर सहभािगता दशे के िवकास क िदशा म गहन अनभुिूत कराएगी। एतदथ िव िव ालय के सभी प रसर म रा ीय सवेा योजना क एक संयोजक एवं एक सह संयोजक के नतेृृ व म एक-एक इकाई थािपत होगी।

    7. अनुशासन

    येक छा -छा ा को िव िव ालय प रसर के गौरव को बढ़ाने के िलए सद ्आचरण से रहना होगा। पान, त बाकू एवं अ य नशीले पदाथ खाना विजत ह।ै िव िव ालय क सभी शै िणक विृ य म भाग लनेा अिनवाय ह।ै प रसर के भवन, फन चर आिद को कोई हािन पहचँाय ेजाने पर छा का नाम प रसर से िनर त िकया जायेगा तथा

    ितपिूत रािश छा स ेली जायगेी।

    आचार संिहता

    आचार संिहता प रसर के सभी छा अनशुासन के सम त िनयम का स ती स ेपालन करग।े 1. छा को आ मानशुासन का पालन करना चािहए और क ाओ ंम िनयिमत उपि थित रखनी चािहए। 2. छा को िकसी भी कार क अनशुासनहीनता पर उ ह यथोिचत द ड िदया जायेगा। छा ारा

    अ य त ग भीर दु यवहार या अनशुासनहीतना का दोषी पाये जाने पर/ मािणत होने पर अनशुासन सिमित क अनशुंसा पर छा को िव िव ालय स ेिन कािसत भी िकया जा सकता ह।ै

    3. कोई छा यिद प रसर क स पि का नकुसान करता ह ैतो वह अनशुासना मक कायवाही के यो य माना जायगेा तथा नकुसान हई स पि क भरपाई के िलए वह िज मदेार होगा।

    4. छा स ेअपे ा क जाती ह ैिक वे प रसर क ग रमा को बनाए रखगे। उ ह ऐसी िकसी भी अवांिछत गितिविधय म भाग लनेे स ेस त मना िकया जाता ह,ै जो प रसर क ग रमा के िवपरीत हो।

    5. प रसर म वयं या उनके ारा िहसंा फैलाने, शाि त भंग करने, अपनी बात जबद ती मनवाने का यास करन ेपर प रसर क अनशुासन सिमित उस छा को दि डत कर सकती ह।ै

    7. अनशुासन सिमित क अनशुंसा पर िनदेशक का िनणय अि तम एवं सवमा य होगा। 8. प रसर म कालांश के समय छा ारा मोबाइल फोन का उपयोग सवथा विजत ह।ै

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय27

    8. रैिगंग िनषेध अिधिनयम

    िव िव ालय अनदुान आयोग रैिगंग िनषेध अिधिनयम-2009 के िनयम-6.3 (क) िदनांक 17 जनू, 2009 के अनसुार प रसर म रैिगंग द डनीय अपराध ह।ै

    रैिगंग म िन निलिखत अपराध सि मिलत ह - 1. रैिगंग हते ुउकसाना। 2. रैिगंग का आपरािधक षड्यं । 3. रैिगंग के समय अवैध ढंग स ेएक होना तथा उ पात करना। 4. रैिगंग के समय जनता को बािधत करना। 5. रैिगंग के ारा शालीनता और नैितकता भंग करना। 6. शरीर को चोट पहचँाना। 7. गलत ढंग स ेरोकना। 8. आपरािधक बल योग। 9. हार करना, यौन स ब धी अपराध अथवा अ ाकृितक अपराध। 10. बलात ् हण। 11. आपरािधक ढंग स ेिबना अिधकार दसूरे के थान म वशे करना। 12. स पि से सि ब धत अपराध। 13. आपरािधक धमक । 14. मसुीबत म फँस े यि य के ित उपयु म स ेकोई अथवा सभी अपराध करना। 15. उपयु म स ेकोई एक अथवा सभी अपराध पीिड़त के िव करने हते ुधमकाना। 16. शारी रक अथवा मानिसक प से अपमािनत करना। 17. रैिगंग क प रभाषा से सि ब धत सभी अपराध।

    रैिगंग के अ तगत आने वाले काय िन निलिखत कोई एक अथवा अनेक काय रैिगंग के अ तगत आएँग े- क िकसी छा अथवा छा ारा नए आने वाल ेछा का मौिखक श द अथवा िलिखत वाणी ारा उ पीड़न

    अथवा दु यवहार करना। ख छा अथवा छा ारा अनशुासनहीनता का वातावरण बनाना िजससे नए छा को क , आ ोश,

    किठनाई, शारी रक अथवा मानिसक पीड़ा हो। ग िकसी छा स ेऐसे काय को करने के िलए कहना जो सह सामा य ि थित म न करे तथा िजससे छा म

    ल जा, पीड़ा अथवा भय क भावना उ प न हो।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय28

    घ व र छा ारा िकया गया कोई ऐसा काय जो िकसी अ य अथवा नए छा के चलते हए शैि क काय म बाधा पहचँाए।

    ड़ नए अथवा िकसी अ य छा का दसूर को िदए गए शैि क काय को करने हते ुबा य कर शोषण करना। च नए छा का िकसी भी कार से आिथक शोषण करना। छ शारी रक शोषण को कोई भी काय/िकसी भी कार का यौन शोषण, समलिगक हार, नंगा करना,

    अ ील तथा काम स ब धी काय हते ुिववश करना, अंग चालन ारा बरेु भाव क अिभ यि करना, िकसी कार का शारी रक क िजससे िकसी यि अथवा उसके वा य को हािन पहँुचे।

    ज मौिखक श द ारा िकसी को गाली दनेा, ई-मेल, डाक, पि लकली िकसी को अपमािनत करना, थानाप न अथवा क दाय देना या सनसनी पैदा करना िजससे नए छा को घबराहट हो।

    झ कोई काय िजसस ेनए छा के मन मि त क अथवा आ मिव ास पर दु भाव पड़े। नए अथवा िकसी छा को कुमाग पर ल ेजाना तथा उस पर िकसी कार क भतुा िदखाना।

    ञ रैिगंग िनषेध संपक हते ुटोल नं0 - 1800-180-5522 दरूभाष सं या - 09871170303, 09818400116 (केवल अ याव यक संदभ म) बेवसाईट www.antiragging.in

    सं था य ारा रैिगंग िवरोधी क जाने वाली कायवाही - रिगंग िवरोधी दल अथवा स बि धत िकसी यि के भी ारा रैिगंग क सचूना ा होने पर सं था य तरु त सिुनि त कर िक या कोई अवैध घटना हई ह ैऔर यिद हई ह ैतो वह वयं अथवा उसके ारा अिधकृत रैिगंग िवरोधी सिमित से सचूना ाि के 24 घंटे के भीतर ाथिमक दज कराए या रैिगंग स ेसि ब धत िविध के अनसुार सं तिुत द।े रैिगंग के अ तगत िन निलिखत अपराध आते ह-

    रैिगंग क घटनाओ ंपर शासिनक कायवाही - रैिगंग िनषेध अिधिनयम-2009 के िनयम 9.1 (ख) के अनसुार रैिगंग म संिल छा /छा ा के िलए िन निलिखत द ड का ावधान ह।

    9.1 िकसी छा को रैिगंग का दोषी पाए जाने पर सं था ारा िन निलिखत िविध अनसुार द ड िदया जाएगा :- क. रैिगंग िवरोधी सिमित उिचत द ड के स ब ध म उिचत िनणय लेगी अथवा रैिगंग क घटना के व प एवं

    ग भीरता को दखेते हए रैिगंग िवरोधी दल द ड हते ुअपनी सं तिुत दगेा। ख. रैिगंग िवरोधी सिमित रैिगंग िवरोधी दल ारा िनधा रत िकए गए अपराध के व प और ग भीरता को देखते

    हए िन निलिखत म कोई एक अथवा अनेक द ड दगेी। 1. क ा म उपि थित होने तथा शिै क अिधका रय स ेिनल बन। 2. छा विृ /छा अ येताविृ तथा अ य लाभ को रोकना/वंिचत करना। 3. िकसी टे ट/परी ा अथवा अ य मू यांकन ि या म उपि थित होने स ेवंिचत करना। 4. परी ाफल रोकना।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय29

    5. िकसी ादिेशक, रा ीय अथवा अ तरा ीय मीट, खेल, यवुा महो सव आिद म सं था का ितिनिध व करन ेस ेवंिचत करना।

    6. छा ावास से िन कािसत करना। 7. वेश र करना। 8. सं था से 04 स तक के िलए िन कासन करना। 9. िव िव ालय प रसर से िनि त अविध तक िन कासन करना। 10. रैिगंग करने अथवा रैिगंग करन ेके िलए भडक़ाने वाले यि य क पहचान न हो सके तो िव िव ालय

    सामिूहक द ड का आ य ल।े

    ग. रैिगंग िवरोधी सिमित ारा िदए गए द ड के िव अपील ( ाथना) िन निलिखत से क जा सकेगी 1. िकसी िव िव ालय स ेस ब महािव ालय/िव ालय होने पर कुलपित स।े 2. िव िव ालय का आदशे होन ेपर कुलािधपित से। 3. संसद के अिधिनयम के अनसुार िनिमत रा ीय मह व का सं थान होने पर उसके चेयरमेन अथवा

    चांसलर अथवा ि थित के अनसुार।

    9. छा वृि

    उ े य:- िव िव ालय म अ ययन कर रह ेछा को छा विृ दनेे का मखु उ े य सं कृत िश ा हण करन ेहते ुछा को ो सािहत करना ह।ै

    छा विृ क पा ता -(क) िव िव ालय म िनयिमत प से अ ययन करने वाले छा -छा ाओ ंको छा विृ दनेे पर िवचार िकया जायेगा।(ख) छा विृ क अहता के िलए गत परी ा म यनूतम 40 ितशत अकं होना अिनवाय ह।ै िश ा-शा ी म िव

    छा के गत परी ा म 60 ितशत अकं होने चािहये।(ग) छा विृ वरीयता म स ेदी जायगेी। िजन छा को पाठ्य म के थम वष म छा विृ वीकृत हो गई ह ैउनके

    िलए पाठ्य म के अि तम वष तक छा विृ चाल ूरहगेी, यिद वे येक वष म उ ीण होते हए यो यता म म आयग।े जो छा िकसी िवषय या प म ो नत िकय ेजाते ह या परूक परी ा के िलए रह गये ह, उनके शषे वष म उनको छा विृ दनेे पर िवचार नह िकया जायेगा।

    (घ) छा विृ याँ शषे ह तो ि तीय या ततृीय वष के यो यता म म आन ेवाले उन छा को भी छा विृ दी जा सकती ह ैिजनको पवू वष या वष म छा विृ नह िमली हो।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय30

    छा विृ य क सं या िव िव ालय के बजट म ावधान होने एवं पाठ्य म के चलते रहने पर ितवष िन निलिखत छा विृ याँ उपल ध ह गी - (क) ाक्-शा ी िनधा रत थान म स े60 ितशत छा को (ख) शा ी/शा ी ऑनस िनधा रत थान म स े60 ितशत छा को (ग) िश ाशा ी िनधा रत थान म स े60 ितशत छा को (घ) आचाय िनधा रत थान म स े60 ितशत छा को (ङ) िश ाचाय िनधा रत थान म स े60 ितशत छा को (च) िव ावा रिध 30 छा विृ याँ येक वष

    छा विृ दान करने के िनयम(क) छा विृ छा क शै िणक गित, अ छे आचरण एवं िनयिमत उपि थित पर िनभर करेगी।(ख) वष म केवल 10 माह के िलए ही छा विृ दी जायेगी।(ग) येक वष या पाठ्य म म उ ीण होन ेवाल ेछा का ितवष छा विृ के िलए नवीन चनुाव िकया

    जायेगा। छा विृ पाने वाले िजन छा न ेअपना पाठ्य म परूा कर िलया ह ैया िकसी ख ड म उ ीण हो चकेु ह, उनको अि म वष या पाठ्य म म छा विृ यो यता म से दी जायेगी।

    (घ) इन िनयम के अ तगत िकसी भी छा विृ पान ेवाल ेछा को िकसी अ य थान से छा विृ वतेन या पा र िमक पाने क छूट नह होगी। इस तरह क िकसी भी विृ ा करने क ि थित म िव िव ालय म छा विृ ा करने स ेपवू उसे वह विृ छोड़नी होगी और यिद कोई धन ा िकया हो तो वह वापस करना होगा। वष भर म ा छा विृ क धनरािश के बराबर से कम तक कोई छा नकद या िकसी अ य प म आकि मक परु कार ा करने पर छा विृ पाने के अयो य नह होगा। इसी कार छा को िव िव ालय ारा द िन:शु क िश ा, वा याय हते ुछा वास, पु तक एवं यातायात सिुवधा (छूट) ा करने क

    अनमुित भी होगी।

    छा विृ क रािश येक पाठ्य म के िलए छा विृ क रािश (मािसक) िन निलिखत ह ै- 1. ाक्-शा ी 600 . 2. शा ी 800 . 3. िश ाशा ी 800 . 4. आचाय 1000 . 5. िश ाचाय 1000 . 6. िव ावा रिध 8000 . एवं ितवष 8000 . सांयोिगक रािश।

  • प रचाियका (2020-21) के ीय सं कृत िव िव ालय31

    िट पणी:- सांयोिगक धनरािश शोध छा ारा ततु यय-िववरण के आधार पर दान क जायगेी। शोध छा यह धनरािश पु तक- य, शोध-स ब धी या ा, लखेन तथा टंकण स ब धी काय म यय कर सकता ह।ै छा विृ क रािश को िव िव ालय ारा िकसी भी समय कम या अिधक िकया जा सकता है। छा विृ क ाि और उसको जारी रखने के िलए येक क ा म िनयमानसुार 75 ितशत उपि थित और िव िव ालय के अनशुासन का सवथा पालन अिनवाय ह।ै िकसी भी अ यापक या कमचारी ारा छा के िव अनशुासनहीनता क िशकायत ा होन ेपर छा विृ थिगत या िनर त क जा सकेगी।

    छा विृ के िलए चयन क ि या िजस क ा म छा ने वशे िलया ह, उसम छा विृ ा करन ेके िलए छा को िनधा रत आवेदन प भर कर िनदशेक क सवेा म ततु करना होगा। आवेदन प क जांच के बाद, छा विृ िनयम के आधार पर यो यता म से िनदशेक छा विृ वीकृत करग।े

    अविध -(क) सामा यतया छा विृ क अविध एक स म 10 माह क होगी।(ख) शोध छा विृ सामा यत: दो वष (24 माह) के िलए होगी।(ग) छा विृ क अहता होने पर छा विृ क अविध पाठ्य म के थम या ि तीय वष (जसैी प रि थित हो) क

    पवू स ेलकेर अि तम तक होगी।(घ) जो छा विृ एक बार िनर त कर दी जायेगी, वह के ीय सं कृत िव िव ालय क पवू वीकृित के िबना पनु:

    ार भ नह क जायेगी।(ङ) उ म आचरण तथा िनयिमत उपि थित छा विृ को जारी रखने क ाथिमक शत ह। िकसी मास म िकसी

    क ा तथा प म 75 ितशत स ेकम उपि थित वाले छा को तब तक छा विृ नह दी जायगेी, जब तक वह उपि थित क कमी को पणू कर 75 ितशत तक उपि थित नह कर लेता। छा क उपि थित पणू होने पर भी 30 िदन से अिधक िनर तर अनपुि थित पर उस अविध क छा विृ िनर त हो जायगेी। ऐसे छा को 10 माह क अविध म स ेअनपुि थित के समय को काटकर शेष समय क छा विृ का ही भगुतान िकया जायेगा।

    भुगतान छा विृ का भगुतान िव िव ालय स ेिव ीय वीकृित और रािश िमलने पर ही िकया जा सकेगा। सामा यत: उपि थितय के आधार पर छा विृ सिमित क अनशुंसा पर छा विृ के भगुतान का आदेश येक मास के थम स ाह म िव िव ालय प रसर के िनदशेक ारा िकया जायेगा। वशे या �