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suresh-mishra
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भगवान शिव सृष्टि के आद्य गुरु हैं। उनके भिन्न - भिन्न रूपों की साधना भक्त करते हैं। भक्तों को शिव आराधना से आत्म तृप्ति प्राप्त होती है। वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक भारतीय मानस भगवान् शिव को पूजता रहा है। शिव की दयालुता, उनके समान करुणावरुणालय कौन है? "शिव समान दाता नहीं" कहकर कवियों ने उनकी उदारता को प्रकट किया है।
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