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Daily Current Affairs Quiz For
IAS। State PCS Exam 28 August 2018
ह िंदी माध्यम By
eMock Test
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प्रश्न 1 - हाल ही में नागर विमानन महावनदेशालय ने ड्र ोन
के िाविज्यिक उपयोग हेतु अंवतम वदशा-वनदेश जारी वकये
हैं। वनम्नवलज्यित में से कौन इन वदशा-वनदेशो ंमें शावमल
नही ंहै?
(a) इनके द्वारा िाद्य सामानो ंकी विक्री नही ंकी जा
सकेगी।
(b) सभी नागररक ड्र ोन का संचालन केिल वदन के समय
में ही वकया जा सकेगा।
(c) हिाई अडे्ड के वनकट ड्र ोन का संचालन उस हिाई अडे्ड
की अनुमवत से होगा।
(d) कें द्रीय िुविया एजेंवसयो ंके स्वावमत्व िाले नैनो ड्र ोन के
वलये पंजीकृत और विवशष्ट पहचान संख्या जारी नही ंकी
जाएगी।
उत्तर – (c) हिाई अडे्ड के वनकट ड्र ोन का संचालन उस
हिाई अडे्ड की अनुमवत से होगा।
स्पष्टीकरण-
ड्र ोन मानि रवहत विमानो ंको कहा जाता है, वजनका
उपयोग शहर के विवभन्न इलाको ंका हिाई वचत्रि करने,
िन्य जीिो ंकी वनगरानी में, आपदा राहत कायों आवद में
वकया जा सकता है। हाल ही में नागर विमानन
महावनदेशालय ने ड्र ोन के िाविज्यिक उपयोग हेतु अंवतम
वदशा-वनदेश जारी वकये हैं। यह वदशा-वनदेश 1 वदसंिर,
2018 से प्रभािी होगें।
ड्र ोन नीति:
ड्र ोन द्वारा पेलोड् की वड्लीिरी को स्पष्ट रूप से
अस्वीकार कर वदया है, अर्ाात ड्र ोन को ई-कॉमसा
कंपवनयो ंद्वारा सामान के वितरि के वलये उपयोग
नही ंवकया जा सकता है।
सभी नागररक ड्र ोन का संचालन केिल वदन के समय
में ही वकया जा सकेगा।
ड्र ोन की उडान, दृवष्ट की दृश्य रेिा के भीतर तक
होगी, जो आम तौर पर 450 मीटर तक मानी गई है।
राष्टर ीय तकनीकी अनुसंधान संगठन तर्ा कें द्रीय
िुविया एजेंवसयो ंके स्वावमत्व िाले नैनो ड्र ोन को
छोडकर, शेष सभी ड्र ोनो ंके वलये पंजीकृत और
विवशष्ट पहचान संख्या जारी की जाएगी।
ड्र ोन कुछ प्रवतिंवधत स्र्ानो ंजैसे हिाई अडे्ड,
अंतरााष्टर ीय सीमा के पास, तट रेिा के नज़दीक, राि
सवचिालय पररसरो ंके आसपास उडान भरने से
प्रवतिंवधत हैं।
ड्र ोन रिनीवतक दृवष्ट से महत्त्वपूिा स्र्ानो,ं सैन्य
प्रवतष्ठानो ंतर्ा राजधानी में विजय चौक के्षत्र में
संचावलत नही ंवकये जा सकते हैं।
नागर विमानन महावनदेशालय (DGCA), नागर
विमानन मंत्रालय का एक संिद्ध कायाालय है, जो
भारत के िाहर ि इसके भीतर विमान पररिहन
सेिाओ ंके विवनयमन और वसविल विमान विवनयमन,
विमान सुरक्षा तर्ा उडन योग्यता मानको ंके प्रितान के
वलये उत्तरदायी है।
प्रश्न 2 - अंतरााष्टर ीय न्यायालय के सन्दभा में असत्य कर्न
का चुनाि कीवजए:
(a) यह संयुक्त राष्टर का प्रधान न्यावयक अंग है।
(b) इसका मुख्यालय हेग में ज्यस्र्त है।
(c) इसकी स्र्ापना रोम संविवध से हुई र्ी।
(d) इसके वनिाय सम्बज्यित राष्टर ो ंपर िाध्यकारी होते हैं।
उत्तर – (c) इसकी स्र्ापना रोम संविवध से हुई र्ी।
स्पष्टीकरण-
पवकस्तान जेल में िंद भारत के कुलभूषि यादि का
मुकदमा अंतरराष् टर ीय न्यायालय में चल रहा है।
अंतरराष् टर ीय न्यायालय संयुक्त राष्टर का प्रधान न्यावयक
अंग है और इस संघ के पांच मुख्य अंगो ंमें से एक है।
इसकी स्र्ापना संयुक्त राष्टर संघ के घोषिा पत्र के
अंतगात हुई है। इसका उद्घाटन अवधिेशन 18 अपै्रल
1946 ई. को हुआ र्ा। इस न्यायालय ने अंतरााष्टर ीय
न्याय के स्र्ाई न्यायालय की जगह ली र्ी। अंतरााष्टर ीय
न्यायालय हेग, नीदरलैंड् में ज्यस्र्त है और इसके
प्रशासन व्यय का भार संयुक्त राष्टर संघ पर है।
अंतररााष्टर ीय न्यायालय संविवध में सज्यिवलत समस्त राष्टर
अंतररााष्टर ीय न्यायालय में िाद प्रसु्तत कर सकते हैं।
इसका के्षत्रावधकार संयुक्त राष्टर संघ के घोषिापत्र
अर्िा विवभन्न; संवधयो ंतर्ा अवभसमयो ंमें पररगवित
समस्त मामलो ंपर है। इसके के्षत्रावधकार का विस्तार
उन समस्त वििादो ंपर है वजनका संिंध संवधवनिाचन,
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अंतररााष्टर ीय विवध प्रश्न, अंतररााष्टर ीय आभार का
उलं्लघन तर्ा उसकी क्षवतपूवता के प्रकार एिं सीमा से
है।
अंतररााष्टर ीय न्यायालय को परामशा देने का के्षत्रावधकार
भी प्राप्त है। िह वकसी ऐसे पक्ष की प्रार्ाना पर, जो
इसका अवधकारी है, वकसी भी विवधक प्रश्न पर अपनी
सिवत दे सकता है।
अंतरााष्टर ीय न्यायालय के अवभयोग दो तरह के होते है:
वििादास्पद विषय तर्ा परामशी विचार। वििादास्पद
विषय के मुकदमो ंमें दोनो राि के वलए न्यायालय का
वनिाय वनभाना आिश्यक होता है। जिवक परामशी
विचार वसिा न्यायालय की राय होते है, पर इन विचारो ं
के सिान के कारि िह िहुत प्रभािशाली होते हैं।
अंतरराष्टर ीय आपरावधक न्यायालय (ICC) की स्र्ापना
रोम संविवध से हुई र्ी। अंतरराष्टर ीय आपरावधक
न्यायालय एक स्र्ायी न्यायावधकरि है, वजसमें
जनसंहार, मानिता के व़िलाफ़ अपराध, युद्ध अपराधो ं
और आक्रमि का अपराध के वलए अपरावधयो ंके
व़िलाफ़ मुकदमा चलाया जाता है। अंतरराष्टर ीय
आपरावधक न्यायालय भी हेग, नीदरलैंड् में ज्यस्र्त है।
प्रश्न 3 - हाल ही में चचाा में रही अंकसमुद्र झील कहााँ ज्यस्र्त
है?
(a) पंजाि–हररयािा के्षत्र
(b) गुजरात–महाराष्टर के्षत्र
(c) असम-मेघालय के्षत्र
(d) हैदरािाद–कनााटक के्षत्र
उत्तर – (d) हैदरािाद–कनााटक के्षत्र
स्पष्टीकरण-
हाल ही में चचाा में रही अंकसमुद्र झील हैदरािाद–कनााटक
के्षत्र में ज्यस्र्त है। यह हजारो ंप्रिासी पवक्षयो ंऔर स्र्ानीय
प्रजावतयो ंका प्रजनन कें द्र है। इसे राि के िन्यजीि िोड्ा
द्वारा िन्यजीि संरक्षि अवधवनयम, 1972 की धारा 36 A के
तहत् पक्षी अभ्यारण्य घोवषत वकया गया है। यह हैदरािाद–
कनााटक के्षत्र का पहला पक्षी अभ्यारण्य है।
प्रश्न 4 - हाल ही में स्पाइसजेट का Q-400 एयरक्राफ्ट चचाा
में र्ा। वनम्नवलज्यित में से वकस कारि से िह चचाा में र्ा?
(a) यह रािेल विमान का भारतीय िजान है, वजसे भारत
सरकार स्पाइसजेट से िरीदेगी।
(b) यह जैि ईंधन से उडान भरने िाला भारत का पहला
विमान है।
(c) इस विमान ने केरल के िाढ़ राहत अवभयान में अतुल्य
सहयोग वदया।
(d) इसे भारत की िायुसेना में शावमल वकया गया है।
उत्तर – (b) यह जैि ईंधन से उडान भरने िाला भारत का
पहला विमान है।
स्पष्टीकरण-
27 अगस्त, 2018 को जैि ईंधन चावलत देश के प्रर्म
विमान ने उडान भरी।
स्पाइस जेट के इस विमान ने 27 अगस्त, 2018 को
देहरादून से उडान भरी तर्ा इंवदरा गांधी अंतरराष्टर ीय
हिाई अड्डा, वदल्ली में लैंवडं्ग की।
भारत में अपने तरह के इस प्रर्म प्रयोग के वलए जैि
ईंधन देहरादून ज्यस्र्त भारतीय पेटर ोवलयम संस्र्ान ने
तैयार वकया र्ा।
स्पाइसजेट ने अपने 78 सीटर कू्य400 टिरे प्रॉप
विमान के जररये देहरादून से वदल्ली के िीच सिल
उडान भर कर यह उपलज्यि हावसल वकया।
इस विमान में ईंधन के तौर पर इंवड्यन इंस्टीटू्यट
ऑि पेटर ोवलयम द्वारा जेटर ोिा यानी रतनजोत के
िीजो ंसे विशेष रूप से तैयार 25 प्रवतशत जैि ईंधन
वमलाया गया।
प्रश्न 5 - ‘एओलस’ के सन्दभा में वनम्नवलज्यित कर्नो ंपर
विचार कीवजए:
1. यह एक हिा-संिेदन उपग्रह है जो िैविक हिाओ ंको
टर ैक करेगा।
2. यह कॉपरवनकस कायाक्रम का भाग है।
3. कॉपरवनकस कायाक्रम यूरोपीय संघ और यूरोपीय
अंतररक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा पयाािरिीय क्षवत को टर ैक
करने और आपदा राहत कायों में सहायता के वलए संयुक्त
प्रयास है।
उपयुाक्त कर्नो ंमें से कौन से कर्न सही हैं?
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(a) केिल 1 और 2
(b) केिल 2 और 3
(c) केिल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर – (d) 1, 2 और 3
स्पष्टीकरण-
यूरोपीय अंतररक्ष एजेंसी (ESA) ने िैविक हिाओ ंको टर ैक
करने के वलए फ्ांसीसी गुयाना से कक्षा में एक हिा-संिेदन
उपग्रह ‘एओलस’ लॉन्च वकया है। यह उपग्रह पृथ्वी से 320
वकलोमीटर की ऊंचाई पर स्र्ावपत जाएगा। यह
कॉपरवनकस प्रोजेक्ट का वहस्सा है, जो यूरोपीय संघ और
यूरोपीय अंतररक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा पयाािरिीय क्षवत को
टर ैक करने और आपदा राहत कायों में सहायता के वलए
संयुक्त प्रयास है।
इसका नाम ग्रीक पौराविक कर्ाओ ंमें भगिान द्वारा
हिाओ ंके रिरिाि के वलए नावमत “एओलस” के नाम पर
रिा गया है। इसे िेहतर मौसम पूिाानुमान और सहायता
आपदा राहत कायों को सक्षम करने के वलए वड्ज़ाइन
वकया गया है। यह एक ड्ोप्लर हिा वलड्र से लैस है – जो
अंतररक्ष से िैविक हिा पैटना को मापने के वलए वड्ज़ाइन
वकया गया एक उन्नत लेजर वसस्टम है। एयरिस द्वारा
वनवमात एओलस, िास्तविक उपग्रह के रूप में दैवनक
आधार पर िैविक पिन-घटक-प्रोफ़ाइल अिलोकन करने
के वलए सुसज्यित पहला उपग्रह होगा।
Ongoing Test Series
UPPCS Prelims 2018
Total no of test – 24
(UP Special – 1, Current affairs – 4,
Subject wise – 6, GS Full Length – 8, CSAT
Full Length – 5)
Start from – 10 July 2018
Language of test – Hindi
Free test – GS Test 1
IAS Mains 2018 Total no of test – 12 (General Study full
length – 8, Essay – 2, English – 2, Hindi – 2)
Start from – 10 July 2018
Language of test – Hindi
Free test – test no 1
Upcoming Test Series
UPPCS Mains 2018
Total no of test – 12
General Study 1 Test – 2
General Study 2 Test – 2
General Study 3 Test – 2
General Study 4 Test – 2
Hindi Test – 2
Essay Test – 2
Language of test – Hindi
IAS Prelims 2019
Total no of test – 32
{General Study – 27 Test + CSAT – 5 Test}
Subjective test – 12
Current affairs test – 5
India year book – 1
Economic Survey & Budget -1
GS (Full Length) – 8
CSAT (Full Length) – 5
Language of test – Hindi
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