30
J.B. COLLEGE, JORHAT (AUTONOMOUS) जे . बी. कॉलेज, जोरहाट (वाय�) DEPARTMENT OF HINDI िहदी िवभाग UNDERGRADUATE PROGRAMME B.A honors (Hindi) This syllabus (based on CBCS syllabus) is prepared by the Faculty concerned to the Board of Study (Hindi).The same has been approved by the Board of Study (Hindi) on 06.4.2018 and forwarded to Academic Council, J.B. College for final approval. Any query may kindly be addressed to the concerned Faculty. On behalf of Board of Studiii (Hindi)

(AUTONOMOUS) जेबी कॉलेजजोरहाट · सूरदास का का पा ांश- मरगीत पद-संख्या: 1- 5 . गोकुल

  • Upload
    others

  • View
    6

  • Download
    0

Embed Size (px)

Citation preview

  • J.B. COLLEGE, JORHAT (AUTONOMOUS)

    ज.े बी. कॉलेज, जोरहाट (स्वाय�)

    DEPARTMENT OF HINDI

    िहन्दी िवभाग

    UNDERGRADUATE PROGRAMME B.A honors (Hindi)

    This syllabus (based on CBCS syllabus) is prepared by the Faculty concerned to the Board of Study (Hindi).The same has been approved by the Board of Study (Hindi) on 06.4.2018 and forwarded to Academic Council, J.B. College for final approval. Any query may kindly be addressed to the concerned Faculty.

    On behalf of Board of Studiii (Hindi)

  • Name of the Programme : B.A Honours Hindi

    Programme Outcomes

    िहन्दी से सम्बिन्धत �ित�ा पा��म� म� हमारे दशे के िव�िव�ालय� म� एक�पता दखेने को नह� िमलती ह।ै िजसके कारण कुछेक के्ष�� के िव�ाथ� �भािवत नजर आते ह�। इसे ध्यान म� रखते �ए िव�िव�ालय अनुदान आयोग ने एक पा��म बनाया ह ै िजसका नाम ह ैचॉइस बेस्ड �ेिडट िसस्टम। जो आयोग के �ेिडट िसस्टम फामूर्ले पर आधा�रत ह।ै हमारा महािव�ालय एक स्वाय� महािव�ालय ह।ै एकेडेिमक काउंिसल ने इस बदलाव को ध्यान म� रखते �ए चॉइस बेस्ड �ेिडट िसस्टम पर आधा�रत आयोग के पा��म को स� 2016-17 से लागू करने का फैसला �कया ह।ै िहन्दी िवषय के िलए ग�ठत अध्ययन बोडर् क�

    बैठक म� कुछ बदलाव� के साथ िहन्दी (�ित�ा) पा��म को �हण �कया गया ह ैिजनम� कोर कोसर् के कुल 14

    ��-प� और िवषय पर आधा�रत ऐिच्छक पा��म के 4 ��-प� ह� िजनसे िहन्दी सािहत्य और भाषा के

    िविभ� पहलु� क� जानकारी िमलती ह।ै जो छा�� को �भावी ढ़ंग से वृि�मुखी होने म� सहायता करती ह।ै

  • CBCS Progrmme

    Course Structure- Hindi Honours

    Semester

    Course No

    Course Code

    Course Title Course Type

    Marks Distribution Remark

    1st

    C-01 HINC101 िहन्दी सािहत्य का इितहास (रीितकाल तक) History of Hindi Literature( upto riti kaal)

    Theory TH TH-IA

    Total

    C-02 HINC102 िहन्दी सािहत्य का इितहास (आधुिनक काल) /History of Hindi Literature (modern period)

    Theory 80 20 100

    2nd

    C-03 HINC201 आ�दकालीन और मध्यकालीन िहन्दी किवता / Ancient and Medieval Hindi Poetry

    Theory 80 20 100

    C- 04 HINC202 आधुिनक िहन्दी किवता (छायावाद तक) /Modern Hindi poetry

    Theory 80 20 100

    3rd

    C- 05 HINC301 छायावादो�र िहन्दी किवता /Postliberation Hindi Poetry Theory 80 20 100

    C- 06 HINC302 भारतीय का�शा� और िहन्दी आलोचना/ Indian Poetics and i Criticism in Hindi

    Theory 80 20 100

    C- 07 HINC303 पा�ात्य का�शा� /Western Poetics Theory 80 20 100

    SEC-01 HINS301 भाषा - कौशल/ Skill of Language 40 10 50

    4th

    C- 08 HINC401 भाषा िवज्ञान और िहन्दी भाषा/ Language studies &Hindi Language

    Theory 80 20 100

    C- 09 HINC402 िहन्दी उपन्यास/ Hindi Novel Theory 80 20 100

    C- 10 HINC403 िहन्दी कहानी/ Hindi Story Theory 80 20 100

    SEC- 02

    HINS401 अनुवादकौशल / Skill of translation 40 10 50

    5th

    C- 11 HINC501 िहन्दी नाटक और एकांक�/ Hindi Drama and one act Play Theory 80 20 100

    C- 12 HINC502 िहन्दी िनबन्ध और अन्य ग� िवधाएँ/ Hindi Essays and other Prose Varieties

    Theory 80 20 100

    DSE-01 HIND501 असिमया भाषा और सािहत्य/ Assamese Language and Literature

    Theory 80 20 100

    DSE-02 HIND502 �योजनमूलक िहन्दी/ Functional Hindi Theory 80 20 100

    6th

    C- 13 HINC601 िहन्दी क� सािहित्यक प�का�रता/ Literary Journalism in HIndi/ Theory 80 20 100

    C- 14 HINC602 �योजनमूलक िहन्दी/ Functional Hindi

    Theory 80 20 100

    DSE-03 HIND601 तुलसीदास/ Tulsidas

    Theory 80 20 100

    DSE-04 HIND602 �ेमचंद/ Premchand Theory 80 20 100

    Generic Elective

  • 1st GE HING101 िहन्दी सािहत्य का इितहास/ History of Hindi Literature

    Theory 80 20 100

    2nd GE HING201 ग� सािहत्य/ Literature in Prose Theory 80 20 100

    3rd GE-03 HING301 िहन्दी का� और का�शा�/ Hindi Poetry and Poetics

    Theory 80 20 100

    4th GE-04 HING401 �योजनमूलक िहन्दी/ Functional Hindi Theory 80 20 100

  • Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi

    SEMESTER-I

    COURSE TITLE: िहन्दी सािहत्य का इितहास (रीितकाल तक) COURSE CODE: HINC-101 COURSE NO: C- 03 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    िहन्दी सािहत्य के �िमक िवकास �ारा हम� हमारी मध्यकालीन सांस्कृितक िवरासत क� �दशा , दशा और सािहित्यक गितिविधय� का पता चलता है; िजस ेतीन कालखण्ड� म� बाँटकर अध्ययन क� �वस्था क� गई ह।ै िहन्दी क� सािहित्यक गितिविधय� क� िवकास-या�ा म� िविभ� पड़ाव� को जाने िबना उसका मूल्यांकन संभव नह� ह।ै इसे ध्यान म� रखते �ए पा��म बनाया गया है ; ता�क छा�� को िहन्दी क� सही �दशा, दशा का पता चल सके। वे उसका लाभ उठाते �ए अपने ल�य क� ओर बढ़ सक� । इकाई- I आ�दकाल कक्षाएँ - 15; अंक- 20

    िहन्दी सािहत्य के इितहास-लेखन क� परम्परा; काल-िवभाजन और नामकरण आ�दकालः सामान्य प�रचय ,िस� सािहत्य, नाथ सािहत्य, जैन सािहत्य, रासो सािहत्य, लौ�कक सािहत्य के सामान्य प�रचय

    इकाई- II पूवर् मध्यकाल (भि�काल) का िनगुर्ण का� कक्षाएँ - 15; अंक- 20 सामान्य प�रचय, संत का� और सूफ�-का� तथा इनके �मुख किवय� (कबीर दास और जायसी) का सािहित्यक प�रचय व इनक� िवशेषताएँ

    इकाई-III पूवर् मध्यकाल (भि�काल) का सगुण का� कक्षाएँ - 15; अंक- 20 सामान्य प�रचय, वैष्णव भि� का उदय एवं िवकास, �ी सम्�दाय और वल्लभ सम्�दाय का प�रचय; रामभि� का� और कृष्णभि� का� का सामान्य प�रचय और इनक� िवशेषताएँ

    इकाई-IV उ�र मध्यकाल (रीितकाल) कक्षाएँ - 15; अंक- 20

    सामान्य प�रचय और इनक� िविभ� का�धाराएँ (रीितब�, रीितिस� और रीितमु�)

    सन्दभर् �ंथ- 1.िहन्दी सािहत्य का इितहास- आचायर् रामचन्द शुक्ल 2.िहन्दी सािहत्य का इितहास- डॉ. पूरनचन्द टण्डन, िवनीता कुमारी,जगतराम एंड संस, नई �दल्ली 3.िहन्दी सािहत्य का इितहास- सं. नगेन्�-हरदयाल 4.िहन्दी सािहत्यः उ�व और िवकास- आचायर् हजारी �साद ि�वेदी

  • Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi

    SEMESTER-II

    COURSE TITLE: �हदी सािहत्य का इितहास (आधुिनक काल) COURSE CODE: HINC-102 COURSE NO: C- 03 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    आधुिनक काल म� पा�ात्य �भाव के फलस्व�प कई सामािजक और ढाँचागत प�रवतर्न दखेने को िमले िज नसे सािहत्य क� �दशा बदली। इस काल म� िहन्दी सािहत्य म� कई नई िवधा� का जन्म �आ। िवशेष �प से ग� क� िविभ� िवधा� का िवकास इस काल क� मह�वपूणर् दने ह।ै िजसने एक नये मूल्य-बोध को जन्म �दया , िजसक� उपादयेता आज भी ह।ै प�रवतर्न का िनत्यत्व एक नई �दशा क� ओर इशारा करती ह।ै छा� उसस े�भािवत �ए बगैर नह� रह पाते। इस बात को ध्यान म� रखते �ए इसे पा��म म� जगह �दया गया ह।ै

    इकाई- I कक्षाएँ - 15; अंक- 20 सामान्य प�रचय; प�रिस्थितयाँ- राजनैितक, सामािजक, आ�थक, धा�मक, सांस्कृितक नवजागरणः सामान्य प�रचय इकाई- II कक्षाएँ - 15; अंक- 20

    भारतेन्द ुयुग, ि�वेदी युग, छायावाद

    इकाई- III कक्षाएँ - 15; अंक- 20 �गितवाद, �योगवाद, नई किवता एवं अन्य समकालीन किवता� का सामान्य प�रचय

    इकाई- IV कक्षाएँ - 15; अंक- 20 िहन्दी ग� का िवकास- स्वाधीनता पूवर् और स्वाधीनो�र (उपन्यास, कहानी, नाटक, िनबन्ध का सामान्य प�रचय)

    संदभर् �ंथ-

    1. िहन्दी सािहत्य का इितहास- आचायर् रामचन्� शुक्ल 2. िहन्दी सािहत्य का सुबोध इितहास- बाबू गुलाब राय 3. िहन्दी सािहत्य: उ�व और िवकास-आचायर् हजारी �साद ि�वेदी 4. िहन्दी सािहत्य का इितहास- सं. नगे�-हरदयाल 5. िहन्दी सिहत्य का दसूरा इितहास- डॉ. ब�न �सह

  • Detailed Syllabus for Core Course

    B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-II COURSE TITLE: आ�दकालीन और मध्यकालीन िहन्दी किवता COURSE CODE: HINC-201 COURSE NO: C- 03 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    िहन्दी सािहत्य क� एक अिविच्छ� धारा आ�दकाल से �वािहत होती रही ह ै िजस पर तदयुगीन प�रिस्थितय� का �भाव दखेा जा सकता ह।ै किवय� ने अपनी किवता� के माध्यम से उस ेदशार्ने का �यास �कया। अतः उनक� रचना� को जान ेबगैर उस युग का मूल्यांकन संभव नह�। अतः इस काल के �मुख किव� क� किवता� के िनधार्�रत पद� का सम्यक् अध्ययन इस प� का �मुख उ�ेश्य रहा ह।ै

    पा�पुस्तक- '�ाचीन और मध्यकालीन िहन्दी का�' स.ं �ो. पूरनचन्द टण्डन; �काशक- राजपाल एण्ड सन्ज़, कश्मीरी गेट, �दल्ली-6 इकाई- I िव�ापित क� पदावली कक्षाएँ -15; अंक- 20

    पा�ांश- भि�-सम्बन्धी पदः 1, 2, 3 �ंृगार-सम्बन्धी पदः 13,18, 25

    इकाई-II कक्षाएँ -20; अंक- 25 सूरदास का का� पा�ांश- �मरगीत पद-संख्या: 1- 5

    गोकुल लीला पद-संख्या: 1- 5 तुलसीदास का का� पा�ांश- िवनयपि�का- पद-संख्या- 1- 5 दोहावली- 1-5

    इकाई-III कबीर क� किवता कक्षाएँ -15; अंक- 20 पा�ांश- दोहा-संख्याः-1-10 जायसी का का�-प�ावत नागमती िवयोग खण्ड (केवल बारहमासा)

    इकाई-IV कक्षाएँ -10; अंक- 15

    िबहारी – पा�ांश- भि�परक दोह-े 26-35 पा�ांश- नीितपरक दोह-े 38-47

    घनानन्द- पा�ांश- घनानन्द क� किवता- 1-5

  • सन्दभर् �ंथ- 1. िव�ापितः अनुशीलन एवं मूल्यांकन- डॉ. वीरेन्� �ीवास्तव 2. जायसी- िवजयदवे नारायण साही

    Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi

    SEMESTER-II

    COURSE TITLE: आधुिनक िहन्दी किवता (छायावाद तक) COURSE CODE: HINC-202 COURSE NO: C- 03 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    िहन्दी सािहत्य के आधुिनक काल का �ारम्भ 1850 ईo से माना जाता है िजसका मूल कारण पा�ात्य �भाव रहा। साथ ही, पा�ात्य संसाधन� से �ब� होन े के कारण हमारी सोच म� प�रवतर्न होने लगा। रा�ीयता के बीज अंकु�रत �ए। िजसका �भाव �त्यक्ष और परोक्ष �प से िहन्दी का� पर भी पड़ा। अतः �स्तुत प� म� इस काल के �मुख किवय� के िनधार्�रत किवता� का सम्यक् अनुशीलन ही उ�ेश्य ह।ै पा�पुस्तक- आधुिनक का� सं�ह, स.ं डॉ. रामवीर �सह, िव. िव. �काशन, वाराणसी इकाई- I कक्षाएँ -15; अंक- 20

    भारतने्द ुका का�- पा�ांश- िहन्दी भाषा- 1-10 ह�रऔध का का�-पा�ांशः ि�य�वास- 31, 35

    इकाई-II कक्षाएँ -15; अंक- 20

    मैिथलीशरण गु� का का� पा�ांशः कैकेयी अनुताप, उ�मला यशोधरा- (1) सिख, वे मुझस ेकहकर जात ेरामनरेश ि�पाठी का का� पा�ांश- पिथक ('का� सुषमा' स)े

    इकाई-III कक्षाएँ -15; अंक- 20

    जयशंकर �साद का का�- पा�ांश- कामायनी- ��ा सगर् िनराला का का�- पा�ांश- जूही क� कली, सन्ध्या सुन्दरी, बाँधो न नाव, िभक्षुक, िवधवा

    इकाई-IV कक्षाएँ -15; अंक- 20 सुिम�ानन्दन पंत का का�- पा�ांश- ताज, भारत माता, नौका िवहार, दतू झरो, �थम रिश्म महादवेी वमार् का का�-पा�ांश- म� नीर भरी दखु क� बदली, यह मिन्दर दीप नीरव जलन े दो, रे पपीह ेपी कहाँ|

  • Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi

    SEMESTER-III COURSE TITLE: छायावादो�र िहन्दी किवता COURSE CODE: HINC301 COURSE NO: C- 05 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    छायावादो�र काल म� हर के्ष� म� बदलाव दखेा गया। सािहित्यक दिृ� से दे ख� तो िजतना प�रवतर्न िपछले सौ वष� म� नह� �आ था उतना 50 वष� म� दखेन ेको िमला। इस काल म� आजादी क� छटपटाहट दखेन ेको िमली। पर स्वाधीनता के बाद स्वाधीनता क� अपेक्षा� म� �ास दखेन ेको िमला िजसन ेकेवल बुि�जीवी वगर् को ही नह� आम आदमी को भी झकझोर कर रख �दया। िजसके कारण स्वाधीनो�र किवता� म� िव�ोही स्वर दखेन ेको िमलता ह।ै अतः �स्तुत प� म� �मुख किवय� के िनधार्�रत किवता� का सम्यक् अनुशीलन ही उ�ेश्य रहा ह।ै पा�पुस्तक- आधुिनक का� सं�ह, स.ं डॉ. रामवीर �सह, िव. िव. �काशन, वाराणसी इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक -20 केदारनाथ अ�वाल – खेत का दशृ्य, पक्षी �दन नागाजुर्न - कािलदास, बादल को िघरत ेदखेा ह ै

    इकाई-II कक्षाएँ-15; अंक -20 रामधारी �सह '�दनकर' – �भाती, बु�दवे माखनलाल चतुव�दी - कैदी और को�कला, पुष्प क� अिभलाषा इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक -20 सि�दानन्द हीरानन्द वात्सायन 'अज्ञेय' – यह दीप अकेला, साँप के �ित

    िग�रजा कुमार माथुर - कुआर क� दोपहरी, पन्�ह अगस्त इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक -20 भवानी �साद िम� - गीत फरोस, लुहार- से सव��र दयाल सक्सेना- सूखे पीले प�े ने कहा, िववशता संदभर् �ंथ-

    1. �गितशील का�धारा और केदार नाथ अ�वाल – रामिवलास शमार्; िहन्दी बुक सेन्टर, �दल्ली 2. नई किवता और अिस्तत्ववाद

  • 3. किवता का यथाथर्वाद- परमानन्द �ीवास्तव

    Detailed Syllabus for Core Course

    B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-III COURSE TITLE: भारतीय का�शा� और िहन्दी आलोचना COURSE CODE: HINC302 COURSE NO: C- 06 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    भारतीय का�शा�ीय �चतन का के्ष� ब�त �ापक रहा ह।ै हमारी सािहित्यक अिस्मता और िचन्तन �कस �कार िवज्ञानसम्मत और ऊजार्वान था। हमारा का�शा�ीय िचन्तन और परम्परा केवल संस्कृत ही नह� िहन्दी म� भी �कतनी �ापक थी। उसके बारे म� जानन ेका अवसर यह प� �दान करता ह।ै जो भाषायी संरचना को समझन ेऔर संवरन ेका अवसर �दान करता ह।ै िजसस ेछा�� क� समीक्षात्मक शि� म� वृि� होगी। इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक -20 का�लक्षण, का�-हतेु, का�-�योजन, का�-गुण एव ंशब्दशि� इकाई-II कक्षाएँ-15; अंक -20

    िन�िलिखत सं�दाय� का सामान्य प�रचय दीिजए – रस, ध्विन, रीित, व�ोि�, औिचत्य इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक - 20

    छन्द: स्व�प, प�रभाषा एवं �कार िन�िलिखत छंद� का सोदाहरण प�रचय – मन्�ाकांता, किव�, सवैया, दोहा, रोला, सोरठा, �तूिवलिम्बत, रािधका, मािलनी, चौपाई अलंकार: स्व�प, प�रभाषा एव ं�कार िन�िलिखत अलंकार� का सोदाहरण प�रचय – अनु�ास, यमक, �ेष, उपमा, �पक, उत्�ेक्षा.असंगित, िवभावना, िनदशर्ना, अितशयोि�

    इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक -20 िहन्दी आलोचना का इितहासः उ�व और िवकास िहन्दी आलोचना के �मुख आलोचक- आचायर् रामचं� शुक्ल, रामिवलास शमार् और नामवर �सह संदभर् �थंः-

    1. का�शा� – भगीरथ िम�ा 2. का� के तत्व - आचायर् दवेेन्� नाथ शमार्

  • 3. भारतीय, पा�ात्य का�शा� तथा िहन्दी आलोचना- रामचन्� ितवारी; िव. िव. �काशन, वाराणसी

    4. भारतीय एवं पा�ात्य का�शा� - डा. अचर्ना �ीवास्तव 5. भारतीय एवं पा�ात्य का�शा� – गणपितचन्� गु�; लोकभारती �काशन, इलाहावाद 6. अलंकार मु�ावली- दवेेन्�नाथ शमार्

    Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-III COURSE TITLE: पा�ात्य का�शा� COURSE CODE: HINC303 CREDITS: 07 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    िहन्दी सािहत्य पर तकनीक� �प से पा�ात्य का�शा� का �भाव बड़ ेपैमान ेपर दखेा जाता ह ैिजसके तकनीक� पक्ष को जान ेबगैर समकालीन सािहत्य का मूल्यांकन अधूरा-सा लगता ह।ै पा�ात्य का�शा�ीय परंपरा और उसके मूलभूत समीक्षात्मक प�ितय� को जानना ज�री ह।ै इस प� म� उनक� िव�ेषण प�ित , समीक्षा , वाद आ�द को इस प� म� स्थान �दया गया ह।ै उपयु� िवषय� क� जानकारी दनेा ही इस प� का उ�ेश्य रहा ह।ै इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक -20 प्लेटो - का� संबंधी मान्यताएँ

    अरस्तू - का� िस�ांत ल�जाइनस – का� म� उदा� अवधारणा

    इकाई-II कक्षाएँ-15; अंक -20 वडर्स्वथर्- का� भाषा का िस�ान्त �ोचे – अिभ�ंजनावाद कॉल�रज- कल्पना और फैन्टेसी।

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक -20 टी. एस. इिलयट - िनव�यि�कता का िस�ांत आइ. ए. �रचडसर् - मूल्य िस�ांत, सं�ेषण िस�ान्त

    इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक -20 माक्सर्वादी समीक्षा, स्वछंदतावाद, यथाथर्वाद, शैली िवज्ञान संदभर् �थंः-

    1. का�शा� – भगीरथ िम� 2. का� के तत्व - आचायर् दवेेन्�नाथ शमार् 3. पा�ात्य का�शा� – नगेन्�; नेशनल पिब्ल�सग हाऊस, �दल्ली

  • 4. रीित िस�ान्त और शैली िवज्ञान – सूयर्कान्त ि�पाठी; अमन �काशन 5. शैली िवज्ञान और शैली िव�ेषण- पाण्डये शिशभूषण 'शीतांशु'

    Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-IV COURSE TITLE: भाषा िवज्ञान और िहन्दी भाषा COURSE CODE: HINC401 COURSE NO: C- 08 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 �कसी भी सािहत्य क� संरचना म� भाषा क� बारी�कय� क� महत्वपूणर् भूिमका होती ह।ै जो िजतना ही िजस भाषा क� संरचना को अच्छी तरह जानता ह ै वह उतन ेही अच्छे तरीके स ेसािहत्य के ममर् को समझ पाता ह।ै िवशेष कर अनुवाद क� गुणव�ा को बनाये रखन ेम� भाषायी संरचना को जानना ब�त आवश्यक होता ह।ै भाषा िवज्ञान अध्ययन क� वह शाखा ह ैिजसम� भाषा क� उत्पित , स्व�प, िवकास आ�द का वैज्ञािनक एवं िव�ेषणात्मक अध्ययन �कया जाता ह।ै इस पा��म के अध्ययन स ेभाषा क� �कृित के साथ-साथ मानव जीवन म� भाषा क� मह�ा को जानने का अवसर िमलेगा। साथ ही, इसके सै�ािन्तक पक्ष , भारतीय आयर्भाषा� का ऐितहािसक िवकास, िलिप के उ�व और िवकास, दवेनागरी िलिप क� जानकारी दनेा भी इस प� का उ�ेश्य रहा ह।ै

    इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक -20 भाषा और भाषा िवज्ञानः प�रभाषा, स्व�प एव ं�कार भाषा िवज्ञान का अन्य शा�� से संबंध इकाई-II कक्षाएँ-15; अंक -20 स्विनम िवज्ञान- स्व�प, प�रभाषा और �कार (शाखा), वागेिन्�य� और स्वन� का वग�करण �िपम िवज्ञान- स्व�प, प�रभाषा और �कार पद िवभाग- नाम, आख्यात, उपसगर् और िनपात इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक -20 वाक्य िवज्ञान – स्व�प, प�रभाषा एवं �कार अथर् िवज्ञान - स्व�प, प�रभाषा एवं अथर् प�रवतर्न के कारण और �दशाएँ इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक -20 िहन्दी भाषाः उ�व एवं िवकास

    िहन्दी बोिलय� का वग�करण दवेनागरी िलिप का िवकास-�म एव ंमानक

    संदभर् �ंथः- 1. भाषा िवज्ञान - भोलानाथ ितवारी 2. िहन्दी भाषा – भोलानाथ ितवारी 3. िहन्दी भाषा का इितहास- डॉ. धीरेन्� वमार् 4. िहन्दी भाषाः उ�व और िवकास – हरदवे बाहरी

  • 5. िहन्दी भाषा क� िलिप संरचना - भोलानाथ ितवारी 6. नागरी िलिपः उ�व और िवकास – ओम �काश झा�रया; वाणी �काशन

    Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi

    SEMESTER-IV COURSE TITLE: िहन्दी उपन्यास COURSE CODE: HINC402 COURSE NO: C- 09 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    ग� िवधा�, िवशेषकर कथा सािहत्य म� उपन्यास सािहत्य क� एक िवशेष भूिमका रही ह।ै उपन्यास सािहत्य के िवकास के िविभ� कालखण्ड� म� रिचत उपन्यास� के माध्यम से हम� उसक� �दशा और दशा का प�रचय िमलता ह।ै इसी को ध्यान म� रखकर इस प� म� िन� उपन्यास� को स्थान �दया गया ह।ै ता�क समय सापेक्ष प�रवेश क� जानकारी �ा� �कया जा सके । इकाई-I कक्षाएँ-15 अंक -20 �ेमचन्द का उपन्यास सािहत्य व 'गबन' ( संिक्ष�) उपन्यास

    इकाई-II कक्षाएँ-15; अंक -20 जैनेन्� कुमार का उपन्यास सािहत्य व 'त्यागप�' उपन्यास इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक -20 म�ू भंडारी का उपन्यास सािहत्य व 'महाभोज' उपन्यास

    इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक -20 अमृतलाल नागर का उपन्यास सािहत्य व 'मानस का हसं' (संिक्ष�) उपन्यास संदभर् �ंथः-

    1. उपन्यास सािहत्य का इितहास – डॉ. गुलाब राय, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 2. िहन्दी उपन्यास का िवकास – डॉ. मधुरेश, सुिमत �काशन, इलाहाबाद 3. िहन्दी का ग� सािहत्य – डॉ. रामचं� ितवारी, िव�िव�ालय �काशन, वाराणसी 4. आधुिनक िहन्दी उपन्यास – 2 खण्ड – डॉ. नामवर �सह, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 5. आधुिनकता और िहन्दी उपन्यास – डॉ. इं�नाथ मदान, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 6. �ितिनिध िहन्दी उपन्यास 2 खण्ड – डॉ. चमन लाल, ह�रयाणा सािहत्य अकादमी, पंचकुला

  • Detailed Syllabus for Core Course

    B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-IV COURSE TITLE: िहन्दी कहानी COURSE CODE: HINC-403 COURSE NO: C- 10 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    िहन्दी कथा सािहत्य क� दसूरी महत्वपूणर् िवधा कहानी ह।ै िजसका अध्ययन �कए िबना कथा सािहत्य अधूरा लगता ह।ै कहानी कम समय, कम घटना और कम पा�� के माध्यम स ेब�त कुछ कह जाता ह।ै जो हमारी सोच को एक नया आकार �दान करता ह ै । समयानुसार कहानी क� कथावस्तु और �पिवधान म� प�रवतर्न होता रहा ह ैऔर उससे कहानी क� �दशा बदलती र ही ह।ै इस पा��म म� कहानी क� िवकास या�ा क� जानकारी इन कहािनय� के माध्यम से जा ना सके। िह न्दी के �िस� कहानीकार� क� कहािनय� से जीवन के तमाम महत्वपूणर् िबन्द�ु क� समझ हो सके। सन् साठ के बाद क� कहािनय� के बदले �ए तेवर क� भी जानकारी िमल सके। इन्ह� सब को ध्यान म� रख कर इन कहािनय� को पा��म म� जगह �दया गया ह।ै

    इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक -20 उसने कहा था (चं�धर शमार् 'गुलेरी'), पूस क� रात (�ेमचंद)

    इकाई-II कक्षाएँ-15; अंक -20 हार क� जीत (सुदशर्न), पाज़ेब (जैनेन्� कुमार)

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक -20 तीसरी कसम (फणीशवरनाथ 'रेण'ु), िमस पाल (मोहन राकेश) इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक -20 प�रन्द े(िनमर्ल वमार्), दोपहर का भोजन (अमरकांत)

    संदभर् �ंथ-

    1. िहन्दी कहानी का इितहास – डॉ. गोपाल राय, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 2. कहानी नई कहानी – डॉ. नामवर �सह, राधाकृष्ण �काशन, नई �दल्ली 3. नई कहानी: संदभर् और �कृित – दवेीशंकर अवस्थी, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 4. िहन्दी कहानी का िवकास – मधुरेश, सुिमत �काशन, इलाहावाद

  • 5. िहन्दी कहानी क� िवकास ���या – आनंद �काश 6. एक दिुनया समानांतर – स.ं राज�� यादव, राधाकृष्ण �काश

    Detailed Syllabus for Core Course

    B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-IV COURSE TITLE: िहन्दी नाटक और एकांक� COURSE CODE: HINC-501 COURSE NO: C- 11 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    ग� िवधा� म� नाटक सािहत्य सवार्िधक सश� एवं �भावशाली िवधा ह।ै हमारे यहाँ संस्कृत नाटक� क� एक लम्बी परम्परा रही ह।ै ना� सािहत्य हमारी ता�कक क्षमता को बढ़ाता ह।ै साथ ही, सटीक िवषय �ितपादन और �त्यु�र क� क्षमता भी बढ़ाता ह।ै िजसके कारण इसक� उपादयेता सवर्िव�दत ह।ै भारतेन्द ुयुग के नाटक� म� जहाँ लोक चेतना दखेन ेको िमलती ह ैवही रंगकमर् के िविवध आयाम और समस्या� क� अिभ�ि� परवत� नाटक� म� दखेन ेको िमलती ह।ै िजस ेजानन ेका अवसर इस प� से िमलेगा। साथ ही, समय सापेक्ष एकांक� नाटक� क� पहचान सन् 1920 के दशक म� दखेन ेको िमली िजसके माध्यम से सामािजक समस्या� को बड़ ेही सहज �प म� जानन ेका अवसर यह प� �दान करता ह।ै

    इकाई-I कक्षाएँ -15; अंक -20 भारतेन्द ुह�र�न्� का नाटक सािहत्य व 'अंधेर नगरी' नाटक

    इकाई -II कक्षाएँ-15; अंक -20 जयशंकर �साद का नाटक सािहत्य व 'स्कन्दगु�' नाटक

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक -20 मोहन राकेश का नाटक सािहत्य व 'आषाढ़ का एक �दन' नाटक इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक-20 पा�पुस्तक- छोटे नाटक- सं. शुकदवे �सह; अनुराग �काशन, वाराणसी पा� एकांक�-

    1. औरंगजेब क� आिखरी रात - राम कुमार वमार् 2. िवषकन्या - गोिवनवल्लभ पंत 3. और वह जा न सक� – िवष्णु �भाकर

  • संदभर् �ंथ- 1.�हदी का ग� सािहत्य – डॉ. रामचं� ितवारी, िव�िव�ालय �काशन, वाराणसी 2.एकांक� और एकांक�कार – रामचरण मह��

    Detailed Syllabus for Core Course

    B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-IV COURSE TITLE: िहन्दी िनबन्ध और अन्य ग� िवधाएँ COURSE CODE: HINC-502 COURSE NO: C- 12 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    िहन्दी सािहत्य म� िन बन्ध� क� महत्वपूणर् भूिमका रही ह।ै िनबंध हमारी वैचा�रक क्षमता के िव�ेषण का रास्ता �दखलाता ह।ै �स्तुत पा��म म� िहन्दी सािहत्य के िविभ� �कार के ऐसे चु�नदा िनबंध� को रखा गया ह ैिजनसे िव�ा�थय� का ज्ञानव�र्न हो सके। इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20 सरदार पूणर् �सह - मजदरूी और �ेम आचायर् रामचन्� शुक्ल - क�णा इकाई -II कक्षाएँ-15; अंक-20

    आचायर् हजारी �साद ि�वेदी - दवेदा� िव�ािनवास िम� - मेरे राम का मुकुट भीग रहा ह ै

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20 िशवपूजन सहाय - महाकिव जयशंकर �साद डॉ. नगेन्� - दादा स्वग�य बालकृष्ण शमार् 'नवीन' इकाई-IV कक्षाएँ -15; अंक-20 रामवृक्ष बेनीपुरी - रिजया िवष्णुकान्त शा�ी - ये ह� �ोफेसर शशांक

    संदभर् �ंथ- 1. िहन्दी के �मुख िनबंधकार : रचना और िशल्प – डॉ. गणेश खरे 2. िहन्दी िनबधं और िनबंधकार – डॉ. रामचन्� ितवारी, िव�िव�ालय �काशन, वाराणसी 3. िहन्दी का ग� सािहत्य – डॉ. रामचन्� ितवारी, िव�िव�ालय �काशन, वाराणसी 4. िनबंध िनकष – डॉ.पी. एन. झा, असम िहन्दी �काशन, गुवाहाटी

  • Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi

    SEMESTER-VI COURSE TITLE: िहन्दी क� सािहित्यक प�का�रता COURSE CODE: HINC-601 COURSE NO: C- 13 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    सािहित्यक प�का�रता का िहन्दी सािहत्य म� महत्वपूणर् योगदान रहा ह ैिजसक� मह�ा को समझत े�ए पा��म म� स्थान �दया गया है । िविभ� प�-पि�का� ने िहन्दी सािहत्य को एक नई �दशा दी है तथा समय क� मांग के अनुसार िहन्दी सािहत्य क� सटीक आलोचना कर मागर्दशर्न �कया ह।ै प�का�रता का प�रचय और �वृि�य� से हम� समसामियक सोच, िव�ेषण और मूल्य-बोध का प�रचय िमलता ह ैजो हम� एक अच्छे प�कार और प�का�रता के मूल्य को ही नह� वरन ्एक अच्छे प�कार को �कन-�कन चुनौितय� का सामना करना पड़ता ह ैऔर �कस मोड़ पर अिधक सावधानी बरतन ेक� आवश्यकता ह,ै के बारे म� जानकारी दतेा ह।ै इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20

    सािहित्यक प�का�रताः अथर्, अवधारणा और मह�व भारतेन्दयुुगीन सािहित्यक प�का�रताः प�रचय और �वृि�याँ

    इकाई -II कक्षाएँ-15; अंक-20 ि�वेदीयुगीन सािहित्यक प�का�रताः प�रचय और �वृि�याँ �ेमचन्द और छायावादयुगीन सािहित्यक प�का�रताः प�रचय और �वृि�याँ

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20

    स्वातं�यो�र सािहित्यक प�का�रताः प�रचय और �वृि�याँ

    इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक-20 मह�वपूणर् प�-पि�काएँ - बनारस अखबार, भारत िम�, िहन्दी �दीप

    संदभर् �ंथ-

    1. िहन्दी प�का�रता – डॉ. धीरेन्�नाथ �सह 2. िहन्दी प�का�रता का वृहद ्इितहास – अजुर्न ितवारी 3. आधुिनक प�का�रता – डॉ. अजुर्न ितवारी, िव�िव�ालय �काशन, वाराणसी 4. प�का�रताः प�रवेश और �वृि�याँ – पृथ्वीनाथ पाण्डये; लोक भारती �काशन, इलाहावाद

  • Detailed Syllabus for Core Course B.A. (Honours) Hindi SEMESTER-VI COURSE TITLE: �योजनमूलक िहन्दी COURSE CODE: HINC-602 COURSE NO: C- 14 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 सािहत्य भाषा को �ित�ा द ेसकता ह ैले�कन िवस्तार नह�। भाषा को िवस्तार दतेा ह ैउसका �योजनमूलक स्व�प। �योजनमूलक भाषा के �प म� िहन्दी को वैि�क �सार िमला ह।ै िहन्दी के �योजनमूलक स्व�प के िवकास के कारण ही आज सम्पूणर् भारत म� ही नह� बिल्क िव� म� भी िहन्दी को समझने और बोलने वाले िमल जाते ह�। िहन्दी का िवकास आज राजक�य माध्यम� के �ारा नह� बिल्क दसूरे माध्यम� से हो रहा है, िजनम� चलिच�, दरूदशर्न उ�ोग और �ापार का योगदान अिधक ह।ै आज िहन्दी के �योजनमूलक संदभ� से जो के्ष� जुड़ े�ए ह� उसका ज्ञान अ�जत करने हतेु �योजनपरक िहन्दी को पा��म म� स्थान �दया गया ह।ै इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20 �योजनमूलक िहन्दी: अवधारणा, स्व�प, िवशेषताएँ, सीमाएँ एव ंउपयोिगता िहन्दी भाषा के िविवध �प: बोलचाल क� िहन्दी, संपकर् भाषा, रा�भाषा एवं राजभाषा िहन्दी क� शैिलयाँ: िहन्दी, उदूर् और िहन्दसु्तानी संिवधान म� िहन्दी इकाई -II कक्षाएँ -15; अंक-20

    िहन्दी के �योग के्ष� : भाषा �युि� क� संकल्पना एव ंभाषा �युि� के �कार- वा�ार् क्षे�, वा�ार् शैली एवं वा�ार् �कार

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20 �योजनमूलक िहन्दी के �मुख �कार: कायार्लयी िहन्दी, �ावसाियक िहन्दी

    इकाई-IV कक्षाएँ -15; अंक-20 प�ः स्व�प, �कार एवं �योग �ावसाियक प�ाचारः स्व�प एव ं�योग प�-लेखन �वहार: �टप्पणी तथा मसौदा-लेखन संदभर् �ंथ-

    1. �योजनमूलक िहन्दी - िवनोद गोदरे 2. �योजनमूलक िहन्दी - दगंल झाल्टे 3. �योजनमूलक िहन्दी क� नई भूिमका- कैलाशनाथ पाण्डये; लोकभारती �काशन, इलाहाबाद 4. सरकारी कायार्लय� म� िहन्दी का �योग – गोपीनाथ �ीवास्तव

  • 5. �साशिनक िहन्दी - पूरनचन्द टण्डन 6. �साशिनक िहन्दी - कैलाशचन्� भा�टया

    Detailed Syllabus for iiiiiiiiii iiiiiiii iiiiiiii

    Sub: Hindi SEMESTER-V COURSE TITLE: असमीया भाषा और सािहत्य COURSE CODE: HIND-501 COURSE NO: DSE-01 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 यह प� असमीया भाषा और सािहत्य से संबंिधत ह।ै िहन्दी के िव�ा�थय� के िलए अध्ययन क� दिृ� से यह प� नया ह।ै सािहत्य चाह ेजहाँ का भी हो ; �कन्त ुसािहित्यक �वृि�याँ थोड़-ेब�त अंतर के बावजूद लगभग एक जैसी होती ह�। असमीया एक आधुिनक भारतीय आयर्भाषा ह।ै इसके उ�व और िवकास क� जानकारी आवश्यक ह।ै साथ ही, सािहित्यक गितिविधय� क� जानकारी भी आवश्यक ह।ै िजसे ध्यान म� रखत े�ए इस प� म� असमीया सािहत्य के इितहास का एक सामान्य प�रचय ( आ�दयुग से रोमां�टक युग तक) �दया गया ह।ै �ीमंत शंकरदवे और माधवदवे क� चचार् के िबना असमीया सािहत्य क� कल्पना ही अधूरी है, इस बात को भी ध्यान म� रखा गया ह।ै इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20 असमीया भाषाः उ�व और िवकास वैष्णवयुग के किव�य शंकरदवे और माधवदवे का सािहित्यक और सामािजक अवदान पंचाली सािहत्य का सामान्य प�रचय इकाई -II कक्षाएँ-15; अंक-20

    पा� वरगीत- शंकरदवे - नारायण काह ेभगित क� तेरा, पावँ प�र ह�र कर� ँिवनित, नारायन क� गित करई माधवदवे – अरे माई! तोहार तनय यदमुिण, केिल करे वृन्दावन म�

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20 रोमां�टक युग का स्व�प एवं इस युग के �ितिनिध सािहत्यकार(ल�मीनाथ बेजब�आ, चन्� कुमार आगरवाला और निलनीबाला दवेी) इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक-20

    ज्योित�साद अगरवाला: जीवनवृ� ज्योित�साद अगरवाला क� िन�िलिखत किवता� का अध्ययन- पा� गीत- िव� िवजयी नौजवान, मेरे भारत क�, तेरे मेरे आलोक क� या�ा पा� किवताएँ- जनता का आह्वान, िव�िशल्पी, म� िशल्पी

    संदभर् �ंथ- 1. असमीया सािहत्य का इितहास - िच� महतं, असाम �हदी �काशन, माछखोआ, गुवाहाटी 2. असमीया सािहत्य िनकष – सं.- भूपेन रायचौधुरी, िव�िव�ालय �काशन िवभाग, गुवाहाटी िव�िव�ालय

  • 3. तुलनात्मक सािहत्य क� भूिमका – इन्�नाथ चौधुरी, नेशनल पिब्ल�शग हाऊस, नई �दल्ली 4.असमीया सािहत्य क� �परेखा – स.ं- उप��नाथ गोस्वामी, असम रा�भाषा �चार सिमित, गुवाहाटी 5. असम के बरगीत – बापचन्� महन्त 6. असमीया सािहत्य का प�रचयात्मक इितहास- डॉ. ए. एन. सहाय 7. ज्योित �भा- संचयन व अनुवाद—दवेी�साद वागड़ो�दया; �काशक- मुरलीधर जालान फाउण्डशेन, जालाननगर,िड�ुगढ़

    Detailed Syllabus for iiiiiiiiii iiiiiiii iiiiiiii Sub: Hindi

    SEMESTER-V COURSE TITLE: �योजनमूलक िहन्दी COURSE CODE: HIND-502 COURSE NO: DSE-02 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20

    सािहत्य भाषा को �ित�ा द ेसकता ह ैले�कन िवस्तार नह�। भाषा को िवस्तार दतेा ह ैउसका �योजनमूलक स्व�प। �योजनमूलक भाषा के �प म� िहन्दी को वैि�क �सार िमला ह।ै िहन्दी के �योजनमूलक स्व�प के िवकास के कारण ही आज सम्पूणर् भारत म� ही नह� बिल्क िव� म� भी िहन्दी को समझने और बोलने वाले िमल जाते ह�। िहन्दी का िवकास आज राजक�य माध्यम� के �ारा नह� बिल्क दसूरे माध्यम� से हो रहा ह,ै िजनम� चलिच�, दरूदशर्न उ�ोग और �ापार का योगदान अिधक ह।ै आज िहन्दी के �योजनमूलक

    संदभ� से जो के्ष� जुड़ े�ए ह� उसका ज्ञान अ�जत करने हतेु �योजनपरक िहन्दी को पा��म म� स्थान �दया गया ह।ै इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20 संचार माध्यम लेखन- 1: िविवध संचार माध्यम: प�रचय एवं �कार

    �� माध्यम लेखनः रेिडयो ��-दषृ्य माध्यम लेखनः टेिलिवजन और �फल्म तकनीक� माध्यमः इंटरनेट

    इकाई -II कक्षाएँ-15; अंक-20 संचार माध्यम लेखन- 2: रेिडयो-लेखन- समाचार, धारावािहक, फ�चर

    रेिडयो नाटक- अवयव, �प और �िविध इंटरनेटः साम�ी-सृजन, संयोजन एव ं�ेषण

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20 अनुवाद का स्व�प, प�रभाषा, �कार ���या एव ंमह�व इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक-20 पा�रभािषक शब्दावली: स्व�प, प�रभाषा, िवशेषताएँ एव ंिनमार्न िस�ान्त

    संदभर् �ंथ- 1. अनुवाद िवज्ञान- भोलानाथ ितवारी

  • 2. संचार माधयम लेखन- गौरीशंकर रैणा 3. �योजनमूलक िहन्दी – िवनोद गोदरे

    Detailed Syllabus for iiiiiiiiii iiiiiiii iiiiiiii

    Sub: Hindi SEMESTER-VI COURSE TITLE: तुलसीदास COURSE CODE: HIND-601 COURSE NO: DSE-03 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 िवषय आधा�रत ऐिच्छक पा��म क� िवशेष भूिमका होती ह।ै भि�काल को िहन्दी सािहत्य का स्वणर्युग भी कहा जाता ह ैिजसम� तुलसीदास का िवशेष स्थान ह।ै िजसे जान ेबगैर िहन्दी सिहत्य का अध्ययन अधूरा ह।ै उनक� अनमोल िनिध के कुछ अंश� को इस पा��म म� स्थान �दया गया ह।ै उनका साधारण �ि�त्व �कस �कार लोकनायकत्व को च�रताथर् करता ह।ै उसके बारे म� इस पा��म से जानकारी िमलती ह।ै उनका का� लोकमंगल का का� ह ै। इसीिलए आज भी तुलसीदास क� रचनाएँ �ासंिगक ह� । िजसे जानना ज�री ह।ै इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20

    1. रामका� धारा म� तुलसी का स्थान 2. तुलसी का महाका�त्व 3. तुलसी क� भि�-प�ित 4. तुलसी का समन्वयवाद 5. तुलसी क� भाषा

    इकाई –II कक्षाएँ-15; अंक-20 रामच�रतमानस का उ�रकाण्ड (वण्यर्-िवषय; भि�, ज्ञान और दशर्न )

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20 िवनय पि�का म� तुलसी क� भि�-भावना

    पा�पद- अब ल� नसानी, अब न नसैह�; राम जपु, राम जपु, राम जपु बावरे; खोटो खरो रावरो ह�; काह ेको �फरत मूढ़ मन धायो; नाथ स� कौन िबनती क�र सुनाव�

    इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक-20 किवतावली

    पा�पद- अवधेस के �ारे सकार� गई; पुरत� िनकसी रघुबीर बधू; सीस जटा उर बा� िबसाल; सुिन सुंदर बैन सुधारस-साने;

    गीतावली पा�पद-आँगन �फरत घुटु�विन धाए; तू दिेख दिेख री!; ये उपही कोउ कँुवर अहरेी

    संदभर् �ंथ- 1. तुलसी का� मीमांसा – डॉ. उदयभानु �सह, राधाकृष्ण �काशन, नई �दल्ली 2. तुलसीदास – स.ं डॉ. उदयभानु �सह, राधाकृष्ण �काशन, नई �दल्ली 3. तुलसीदास जीवनी और िवचारधारा- डॉ. राजाराम रस्तोगी

  • 4. तुलसी और उनका का� – डॉ. उदयभानु �सह, राधाकृष्ण �काशन, नई �दल्ली 5. िवनय पि�का : एक मूल्यांकन – डॉ. ह�रचरण शमार् 6. तुलसीदास – डॉ. वासुदवे �सह – अिभ�ि� �काशन, इलाहाबाद

    Detailed Syllabus for iiiiiiiiii iiiiiiii iiiiiiii Sub: Hindi SEMESTER-VI COURSE TITLE �ेमचन्द COURSE CODE: HIND-602 COURSE NO: DSE-04 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 िहन्दी सािहत्य म� ग�-लेखन का �ारम्भ आ�दकाल से माना जाता ह।ै पर, सािहित्यक �प से ग�-लेखन का आरम्भ भारतेन्द ुयुग से माना जाता ह।ै ले�कन इस काल म� भी ग� का िवकिसत �प िनखर कर नह� आ पाता। 20व� सदी के आरम्भ म� कथाकार �ेमचन्द का उदय एक युगान्तकारी घटना थी, िजन्ह�ने अपने सािहत्य से केवल िहन्दी-जगत को ही नह�, पूरे भारतवषर् को �कािशत �कया। वे केवल कहानीकार और उपन्यासकार ही नह� , नाटककार और िनबंधकार भी थे। ऐसे सािहत्यकार के बारे म� जानना ज�री हो जा ता ह।ै इसे ध्यान म� रखकर इस िवशेष प� म� �ेमचन्द को स्थान �दया गया ह।ै

    इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20

    �ेमचन्द का उपन्यास सािहत्य व 'िनमर्ला' उपन्यास

    इकाई –II कक्षाएँ-15; अंक-20 �ेमचन्द के िनबन्ध व 'सािहत्य का उ�ेश्य' शीषर्क िनबन्ध

    इकाई-III कक्षाएँ-15; अंक-20

    �ेमचन्द का नाटक सािहत्य व 'कबर्ला' नाटक

    इकाई-IV कक्षाएँ-15; अंक-20 �ेमचन्द का कहानी सािहत्य व िनधार्�रत कहािनयाँ- पंच परमे�र, सुजान भगत, कफ़न, बड़ ेघर क� बेटी,

    बूढ़ी काक� संदभर् �ंथ-

    1. �ेमचंद – डॉ. रामिवलास शमार्, राधाकृष्ण �काशन, नई �दल्ली 2. िहन्दी का ग� सािहत्य- डॉ. रामचं� ितवारी, िव�िव�ालय �काशन, वाराणसी 3. िहन्दी कहानी का इितहास - भाग 1, 2, 3, – डॉ. गोपाल राय, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 4. उपन्यास सािहत्य का इितहास – डॉ. गोपाल राय, राजकमल �काशन, नई �दल्ली 5. िहन्दी कहानी का िवकास – मधुरेश – सुिमत �काशन, इलाहावाद

  • 6. आधुिनक िहन्दी उपन्यास ( दो खंड) – डॉ. नामवर �सह, राजकमल �काशन, नई �दल्ली Detailed Syllabus for Generic Elective Courses Sub : Hindi SEMESTER-I

    COURSE TITLE : िहन्दी सािहत्य का इितहास COURSE CODE: HING-101 COURSE NO: DSE-01 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 िहन्दी ऐिच्छक पा��म के िव�ा�थय� को िहन्दी सािहत्य के इितहास का ज्ञान ज�री ह।ै ऐसे ब�त से िव�ाथ� ह� जो सामान्य ऐिच्छक िहन्दी पढ़कर �ातको�र कक्षा� म� नामांकन करात ेह�। सािहत्य के इितहास-लेखन क� परंपरा , काल िवभाजन , नामकरण और िविभ� कालखण्ड� क� सािहित्यक गितिविधय� क� जानकारी जब तक नह� होगी तब तक िव�ाथ� का ज्ञान अधूरा माना जाएगा। यही कारण ह ै�क इस तरह के प� को पा��म म� स्थान �दया गया ह।ै इकाई- I आ�दकाल कक्षाएँ - 15 अंक- 20

    िहन्दी सािहत्य के इितहास-लेखन क� परम्परा; काल-िवभाजन और नामकरण; सामान्य प�रचय, िस� सािहत्य, नाथ सािहत्य, जैन सािहत्य, रासो सािहत

    इकाई- II पूवर् मध्यकाल (भि�काल) कक्षाएँ - 12 अंक- 16 िनगुर्ण–सगुण धाराः सामान्य प�रचय, इनके किवय�- कबीर, जायसी, सूर और तुलसी का सामान्य प�रचय

    इकाई-III उ�र मध्यकाल (रीितकाल) कक्षाएँ - 12 अंक-16 सामान्य प�रचय रीितकालीन का� क� धाराएँ रीितब� का�; रीितिस� का�; रीितमु� का�

    इकाई-IV आधुिनक काल कक्षाएँ - 19 अंक- 28 सामान्य प�रचय भारतेन्द ुयुग, ि�वेदी युग, छायावाद, �गितवाद, �योगवाद एवं नई किवता का

    सामान्य प�रचय सन्दभर् �ंथ-

    1. िहन्दी सािहत्य का सुबोध इितहास - बाबू गुलाब राय 2. िहन्दी सािहत्य का सुगम इितहास - हरेराम पाठक

  • 3. िहन्दी सािहत्य का संिक्ष� इितहास – िव�नाथ ितवारी

    Detailed Syllabus for Generic Elective Courses Sub : Hindi SEMESTER-II

    COURSE TITLE : ग� सािहत्य COURSE CODE: HING-201 COURSE NO: DSE-02 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 संस्कृत सािहत्य म� ग� -लेखन क� सुदीघर् परंपरा रही है , ले�कन िहन्दी म� इसका आगमन ब�त बाद म� �आ । 19व� शताब्दी के बाद िहन्दी म� ग� सािहत्य क� इतनी उ�ित �ई �क इस काल को ग� काल क� संज्ञा द ेदी गई ह।ै आधुिनक काल के पहले ग� अिवकिसत भले ही रहा हो , ले�कन उसका अभाव नह� रहा था। इसके िवकास म� भारतेन्द ुयुग का महत्वपूणर् योगदान रहा ह।ै िहन्दी ग� का �ौढ़तम �प ि�वेदी युग के बाद �दखाई पड़ता ह।ै ग� के िविभ� िवधा� क� दिृ� से भी यह युग वैिवध्यपूणर् �दखाई पड़ता ह।ै इस प� म� ग�-सािहत्य क� समस्त िवधा� को नह� , केवल उपन्यास, कहानी और िनबंध को जगह दी गई ह।ै इसे पढ़कर िव�ाथ� िहन्दी ग� सािहत्य क� जानकारी को बढ़ा सक� गे। इकाई- I कक्षाएँ - 15 अंक- 20

    पा� उपन्यास - काली आँधी - कमले�र इकाई-II कक्षाएँ -15 अंक- 20

    पा�पुस्तक- ग� फुलवारी संपादक मण्डल अध्यक्ष- शहाबु�ीन शेख; �. राजपाल, �दल्ली पा� कहानी-

    आँसु� क� होली - �ेमचन्द आितथ्य - यशपाल मवाली - मोहन राकेश चीफ क� दावत - भीष्म साहनी अकेली - म�ू भंडारी

    इकाई-III कक्षाएँ -15 अंक- 20

    पा�पुस्तक- ग� फुलवारी, संपादक मण्डल अध्यक्ष- शहाबु�ीन शेख; �. राजपाल, �दल्ली पा�ांश-

    गप-शप (िनबन्ध) – नामवर �सह म� धोबी � ँ(िनबन्ध) - िशवपूजन सहाय सुभान खाँ (रेखािच�) - रामवृक्ष बेनीपुरी

    सदाचार का तावीज़ (�ंग्य) - ह�रशंकर परसाई

  • महात्मा गाँधी (संस्मरण) - रामकुमार वमार्

    इकाई- IV कक्षाएँ - 15 अंक- 20 पा� नाटक- �ुवस्वािमनी - जयशंकर �साद पा�पुस्तक- ग� फुलवारी, संपादक मण्डल अध्यक्ष- शहाबु�ीन शेख; �. राजपाल, �दल्ली

    आवाज़ का नीलाम (एकांक�) - धमर्वीर भ

    Detailed Syllabus for Generic Elective Courses Sub : Hindi SEMESTER-III

    COURSE TITLE : िहन्दी का� और का�शा� COURSE CODE: HING-301 COURSE NO: DSE-03 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 इस प� म� िहन्दी का� के सै�ािन्तक और �ावहा�रक पक्ष को स्थान �दया गया ह।ै ता�क छा�� को हमारी का� परम्परा के िविवध �प� क� जानकारी िमल सके। व ेइसका लाभ उठाकर अपन ेको सािहित्यक �प से संवारन ेम� सहायक ह�गे। इसी कारण िविभ� कालखण्ड� क� किवता� को इस प� म� स्थान �दया गया ह ै। िजसस ेिहन्दी परम्परा का आभास िव�ा�थय� को �ा� हो। साथ ही, का�शा� के िविभ� अग� एव ंउपांग� क� भी चचार् क� गयी ह।ै इस प� का ल�य छा�� को िहन्दी का� परम्परा व का�शा� का सामान्य प�रचय दनेा ही मा� ह।ै पा�पुस्तक- का� सुषमा, स.ं सत्यकाम िव�ालंकार; �काशक- नया सािहत्य; कश्मीरी गेट, �दल्ली इकाई-I कक्षाएँ-15; अंक-20

    कबीर के पद - 1, 2, 3 सूर के पद-1, 2, 3 तुलसी(किवतावली-से)- 2, 3, 4 रसखान- पद-4, 5 भूषण-(किव�)1, 2, 3

    इकाई -II कक्षाएँ-15 अंक-20 अयोध्या�सह उपाध्याय 'ह�रऔध' - कृष्ण - छ्टा जयशंकर �साद - आँसू

    महादवेी वमार् - मेरे दीपक रामधारी �सह '�दनकर'- िहमालय के �ित ह�रवंश राय 'ब�न'- नीड़ का िनमार्ण सि�दानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'- नदी के �ीप

    इकाई-III पा�पुस्तक- का�ांग कौमुदी- स.ं कन्हयैा �सह कक्षाएँ-15; अंक-20 िविवध सम्�दाय� का सामान्य प�रचय – ध्विन; रस; अलंकार; व�ोि�; रीित; औिचत्य

    इकाई-IV पा�पुस्तक- का�ांग कौमुदी- स.ं कन्हयैा �सह कक्षाएँ-15; अंक-20 अलंकार का स्व�प एवं भेद िन�िलिखत अलंकार� का सोदाहरण प�रचय-

  • शब्दालंकार –अनु�ास , यमक अथार्लंकार- उपमा, �पक

    उभयालंकार- संकर, संसृि� छंद का स्व�प एव ंभेद िन�िलिखत छंद� का सोदाहरण प�रचय- वा�णक छन्द – सवैया, मन्�ाकांता, किव� माि�क छन्द – रोला, दोहा, सोरठ Detailed Syllabus for Generic Elective Courses

    Sub : Hindi SEMESTER-IV

    COURSE TITLE : �योजनमूलक िहन्दी COURSE CODE: HING-401 COURSE NO: DSE-04 CREDITS: 06 NO. OF CLASSES: 60 Total MARKS: 100 END SEMESTER: 80 INTERNAL ASSESSMENTS: 20 सािहत्य भाषा को �ित�ा द ेसकता ह ैले�कन िवस्तार नह�। भाषा को िवस्तार दतेा ह ैउसका �योजनमूलक स्व�प। �योजनमूलक भाषा के �प म� िहन्दी को वैि�क �सार िमला ह।ै िहन्दी के �योजनमूलक स्व�प के िवकास के कारण ही आज सम्पूणर् भारत म� ही नह� बिल्क िव� म� भी िहन्दी को समझने और बोलने वाले िमल जाते ह�। िहन्दी का िवकास आज राजक�य माध्यम� के �ारा नह� बिल्क दसूरे माध्यम� से हो रहा है, िजनम� चलिच�, दरूदशर्न उ�ोग और �ापार का योगदान अिधक ह।ै आज