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Annual Letter from Bill Gates

Annual Letter from Bill Gates

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Annual Letterfrom Bill Gates

इथियोपिया म जरमना गल सवासथय चौकी पर गरामीण सवासथय की परगति को दरशान वाल चारटस को गौर स दख रहा ह. पिछल पाच वरषो क दौरान मानव सथिति को सधारन क लिए आकडो और मापन क परयोग म हई परगति स म परभावित हआ ह (डालोचा, इथियोपिया, 2012).

परगति का मापन

औदयोगिक यग क एक परतिरप-भाप क इजन- स हम 21 वी सदी म विशव को सधारन की दिशा म बहत कछ सीख सकत ह.

छटटियो क दौरान मन ‘मोसट पॉवरफल आइडिया इन द वरलड’ पढी। विलियम रॉसन की इतिहास की इस उतकषट पसतक म उन बहत सारी खोजो क बार म बताया गया जिनम भाप की ताकत का दोहन किया गया. इन सबम सबस महतवपरण इजनो की उरजा उतपादन को मापन का एक तरीका था और साथ ही एक माइकरोमीटर जिस ‘लॉरड चासलर’ का नाम दिया गया था जोकि छोटी स छोटी दरी को नापन म भी समरथ ह.

रासन लिखत ह कि मापन क ऐस उपकरणो क कारण ही खोजकरताओ को यह जानन म मदद मिली कि कया उनकी डिजाइन म वदधि सबधी परिवरतनो स कोई सधार हआ ह, कया उचचतर गणवतता क हिसस बन, परदरशन बहतर हआ और बहतर इजन बनान क लिए वाछित कोयल की कम खपत वाल इजन बन. रासन लिखत ह कि भाप की शकति म नवोतपादो न एक बडा सबक सिखाया: सटीक मापन क बिना खोज ‘’दरलभ और दोषपरण’’ हो सकती ह लकिन इसक साथ यह खोज ‘’बहत आम’’ या मामली बात भी हो सकती ह.

वासतव म हमार फाउडशन का काम ऐसी दनिया का निरमाण करना ह जिसम भाप क इजनो को नही बनाना ह. लकिन पिछल वरष म बार-बार यह विचार मझ मथता रहा ह कि मानव सथिति को सधारन क लिए मापन

1805 क करीब शर किया गया द ‘लॉरड चासलर’ माइकरोमीटर, लखक विलियम रॉसन क अनसार यह औदयोगिक कराति क खोजकरताओ क लिए अशदधता को समापत करन क लिए मापन का एक ऐतिहासिक उपकरण था.

इथियोपिया क सामदायिक सवासथय कारयकरताओ क एक गट क साथ बठक. समच दश म सवासथय सवाओ को दन वाल 34,000 परशिकषित कारयकरताओ की मदद स सवासथय क कषतर म बहत कछ हासिल किया गया ह (डालोचा, इथियोपिया, 2012).

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बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 1

कितना अधिक महतवपरण ह. रोसन बतलात ह कि आप आशचरयचकित परगति हासिल कर सकत ह अगर आप एक निशचित लकषय तय करत ह और एक ऐसा मापक खोज लत ह जो आपको लकषय की ओर आग बढन को पररित करता हो. यह ऐसी फीडबक वववसथा होगी जोकि वासतविक उतपादन और वाछित उतपादन क अतर को सवय समायोजित करगी. यह एक बनियादी बात परतीत होती ह लकिन मर लिए आशचरयजनक ह कि यह कितन मौको पर नही की जाती ह और इस ठीक करना कितना कठिन होता ह.

अपन पहल क वारषिक पतरो म मन भख, गरीबी और बीमारी को कम करन क लिए नवोतपाद की ताकत पर बहत ज या दा

जोर दिया ह. लकिन कोई भी नवीन उतपाद चाह वह नया टीका हो अथवा बीज की सधरी हई परजाति, इसका परभाव नही हो सकता ह अगर यह उन लोगो तक नही पहचता ह जिनह इसस लाभ मिल. इसी कारण स इस वरष क पतरो म मन इस बात पर विचार किया कि मापन म इन उपकरणो का नया, परभावी तरीको स उपयोग करन म नवीन उतपाद कितन महतवपरण ह और इनकी जररत रखन वाल कलीनिक, पारिवारिक खतो और ककषाओ म इनकी सवाए कितनी उपयोगी होगी.

हमारा फाउडशन इन परयासो म मदद कर रहा ह लकिन हम और अनय को और भी अधिक परयास करन की जररत ह. इस बात को सोचत हए कि सारी दनिया म बजट की हालत कितनी तग ह, सरकार जिन कारयकरमो क लिए पसा खरच करती ह, उचित तौर पर उनक परभावी होन की माग करती ह. इन मागो को परा करन क लिए हम यह तय करन क लिए बहतर मापन उपकरणो की जररत ह कि कौन सा तरीका कारगर ह और कौन कारगर नही ह.

इस पतर म म उन जोरदार उदाहरणो पर जोर दगा जिनह मन पिछल वरष दखा ह कि किस तरह मापन एक अतर पदा कर रहा ह. कोलाराडो म, मलिडा और मन जाना कि किस तरह स एक सकल डिसटरिकट अधयापको की उपयोगिता को बहतर बनान और इसक मापन म अगरणी भमिका निभा रहा ह. इथियोपिया म मन दखा कि सयकत राषटर दवारा लकषयो को पान क लिए कस एक गरीब दश न अपन नागरिको को बहतर सवासथय सवाए महयया कराई. नाइजीरिया म मन दखा कि किस तरह डिजीटल कराति पोलियो उनमलन क अभियान म मापन क उपयोग को बहतर बना सकती ह. सल फोनस, सटलाइटस और ससत ससरस की मदद स हम आकडो को बढती गति और सकषमता स इकटठा कर सकत ह और इनको वयवसथित कर सकत ह. आधनिक दिनो क य ‘लॉरड चासलरस’ शिकषा और कषि एव अनय सवासथय परयासो म परगति की गति को तज करन म मददगार होग.

विशव का रिपोरट कारड

एक कारोबार का मखय उददशय लाभ को बढात रहना होता ह. कारोबार का परबधन सार काम तय करता ह कि कस गराहक सतषटि को सधारा जाए या नए उतपाद की कषमताओ को सधारा जाए. इस तरह स लाभ बढगा और यह एक ऐसी वयवसथा को विकसित करगा जोकि नियमित आधार पर परवोकत बातो का मापन कर. अगर मनजर गलत उपाय आजमात ह या अपन परतिदवदवियो स बहतर नही कर पात ह तो लाभ की मातरा कम हो जाती ह. बिजनस पतरिकाए और बिजनस सकलस विशलषित करत ह कि किन उपायो का कपनिया इसतमाल करती ह और किन कपनियो न विशष रप स अचछा या खराब परदरशन किया ह. इस तरह क विशलषण स दसरी कपनिया लाभ उठाती ह, अपन परतियोगियो क परदरशन स व जानती ह कि कौन सी यकतिया और रणनीतिया काम करती ह और कौन काम नही करती ह. पिछल 50 वरषो क दौरान कारोबार म शरषठता लान को मापन की समझ म नाटकीय सधार हआ ह.

मलिडा और मन साउथ हाई सकल म अधयापको क साथ भोजन किया (डनवर, को, 2012).

मशाकरी गाव म एक पोलियो दल की टीकाकरण योजना की समीकषा की (कबी राजय, नाइजीरिया, 2011).

कारोबार स ठीक उलट, जहा लाभ ही एक मातर ‘’आधार रखा’’ ह, फाउडशनस और सरकारी कारयकरम भी अपन लकषय निरधारित करत ह. अमरिका म हमार फाउडशन का मखय धयान शिकषा सधार पर ह इसलिए हमार उददशयो म शामिल ह कि उन बचचो की सखया घटाए जोकि हाई सकल क बाद पढाई छोड दत ह. गरीब दशो म हमारा धयान सवासथय, कषि और परिवार नियोजन पर होता ह. एक लकषय को दखत हए आप तय करत ह कि इस हासिल करन क लिए आपको किन परमख परिवरतनशील वसतओ को बदलन की जररत ह, ठीक इसी तरह स एक कारोबार कपनी क अदर गराहक सतषटि जस उददशयो को चनती ह और बदलाव एक योजना विकसित करता ह और इस मापन का तरीका अपनाता ह. समायोजन करन क लिए आप जानकारी दन को एक मापन की तरह उपयोग करत ह. म सोचता ह कि बहत सार परयास असफल होत ह कयोकि व सही उपाय पर जोर नही दत ह या फिर व इस सचचाई क साथ करन म परयापत निवश नही करत ह.

म सोचता ह कि एक महतवपरण लकषय चनन और इस पान क लिए मापन का इसतमाल करन का सबस अचछा उदाहरण यनिसफ का टीकाकरण कारय ह जोकि अससी क दशक म जिम गराट क नततव म किया गया था. बहत कम लोगो न गराट क बार म सना होगा लकिन दनिया पर उनका परभाव उतना ही महतवपरण ह जितना कि हनरी फोरड अथवा थॉमस वाटसन जस कारोबारी दिगगजो का ह.

सरोत: वशविक सवासथ‍य दरशन सथान और विशव सवासथय सगठन

टीकाकरण का कषतर बढ रहा हपिछल तीन दशको क दौरान अधिकाधिक बचचो को डिपथीरिया-टिटनसपरटसिस टीको को लगाया गया जोकि बचचो की तीन पराणघातक बीमारियो स सरकषा करता ह और यह समच टीकाकरण अभियान कषतर का एक मजबत सकतक ह.

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अससी क दशक म UNICEF क परमख क तौर पर जिम गराट न खतरनाक बीमारियो क खिलाफ अधिकाधिक बचचो को टीका लगान क वशविक परयास म चार चाद लगाए. यहा व 1994 क नरसहार म अपन पालको स अलग हो गए एक बचच को लिए ह (नियामटा, रवाडा, 1994).

बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 3

सरोत: सयकत राषटर

सदी क विकास लकषयवरष 2000 म परमख विकास ससथाओ और दनिया क सार दशो न सदी क विकास लकषयो पर अपनी सहमति दी थी और इनस गरीबतम लोगो क जीवन म सधार करन म महतवपरण परगति करन म मदद मिली.

बाल मतय दर म कमी कर

लिग आधारिक समानता को उननत बनाए और महिलाओ को सशकत बनाए

सारवभौमिक पराथमिक शिकषा को हासिल कर

अतयधिक गरीबी और भख का समापत कर

विकास क लिए वशविक भागीदारी

परयावरणीय निरनतरता को सनिशचित कर

एचआईवी-एड‍स, मलरिया, और अनय बीमारियो का सामना कर

माताओ क सवासथय को सधार

गराट न सारी दनिया क अससी फीसद बचचो को जीवन बचान वाल टीक लगान का एक महतवाकाकषी लकषय रखा था. गरीब दशो म यह सरल काम नही था कयोकि तब उनम एक फकस मशीन, दरसचार का सरवाधिक आधनिक उपकरण थी. लकिन जब गराट न एक भारी भरकम आकड इकटठा करन वाली वयवसथा को सथापित किया तो व बदलाव को लान म सकषम हो गया था. व इस बात को दख सकत थ कि कौन स दश अपनी टीकाकरण वाल कषतर की दरो को बढान म सफल रह थ और इसक जरिए व दसर दशो को ऐसा करन म मदद कर सक थ. इस अभियान म जो दश पीछ रह गए थ, व शरमिदा हए थ और उनहोन समसया को मिटान क लिए और अधिक ससाधन लगाए और धयान दिया जोकि व आकडो क बिना नही कर सकत थ. हजारो वकनीनटरो और गराट क परयासो स दनिया म आवशयक टीको को लन वाल बचचो की सखया जहा अससी क दशक म कवल 17 फीसद थी, वह 1990 तक 75 फीसदी हो गई। इस तरह परतयक वरष लाखो बचचो का जीवन बचाया गया.

दख का विषय ह कि इसक कछ लाभ दीरघकालिक लाभ सथायी नही रह सक. एक बार टीकाकरण क लकषय पर होन क बाद दानदाता दशो का धयान कही और चला गया और बहत स दशो म टीकाकरण की कवरज दर फिर स नीच चली गई.

लकिन वरष 2000 म गराट की सजीव ताकत न सयकत राषटर का धयान आठ उददशयो पर कनदरित कर एक समझौता कराया जोकि विशव क गरीबतम दशो क नागरिको क जीवन को सधारन को लकर था. इन सहसराबदी विकास लकषयो (मिलनियम डवलपमट गोलस-एमडीजीस) को 189 दशो का समरथन मिला, और इनह हासिल करन क लिए सयकत राषटर न 2015 की समय सीमा तय की. यह पहली बार तय किए गए ऐस लकषय थ जिनक जरिए एक निशचित फीसदी सधार कछ महतवपरण कषतरो जस सवासथय, शिकषा और बनियादी आय स जड थ. बहत सार लोगो न सोचा कि यह समझौता भी ठड बसत म डाल दिया जाएगा और बहत सारी सरकारी घोषणाओ और सयकत राषटर की घोषणाओ की तरह स भला दिया जाएगा. लकिन चकि लकषय सपषट और ठोस थ, इनहोन उचचतम पराथमिकताओ म जगह बना ली. सरा एजसियो, दानदाता दशो और विकासशील दशो न दखा कि कौन स कारयकरमो को सबस कम कीमत पर

हासिल किया जा सकगा. उनहोन दखा कि बहत सार कारयकरम एक परभावशाली तरीक स परिणाम नही द सक. उनहोन उपायो की परभावशीलता का कडा मलयाकन करन की माग की. कछक मामलो म लकषयो को दशो को गरीब समरथक नीतिया बनान क लिए पररित किया गया.

जसी ही 2015 आएगा, सारी दनिया इस बात पर कडी निगाह डालगी कि वह इन लकषयो को लकर कसा परदरशन करती रही ह. हालाकि हम सभी लकषयो को हासिल नही करग लकिन हमन आशचरयजनक

टीकाकरण मझ पररित करता ह. यह कछ अदभत करना सभव बनाता ह: अपकषाकत ससत और सरल समाधान क साथ बचच की बीमारियो स सरकषा करता ह. यह यकति अवशय ही सभी बचचो को परणतया परतिरकषित बनाती ह. इसलिए मन टीकाकरण को बढावा दन क लिए नई योजनाओ का मारग परशसत करन वाल लोगो की पहचान करन क लिए Gates Vaccine Innovation Award तयार किया ह.

इस वरष क परापतकरता VillageReach क कषतर अधिकारी मारगरडा मासटिन ह, जो मोजामबिक म सवासथय दखभाल को बहतर बनान वाला एक गर-लाभकारी सगठन ह. उस कषतर म जहा मारगरडा कारय करती ह, आध लाग नजदीकी सवासथय चौकी स कम स कम दो घट की दरी पर रहत ह. वह बचचो को परतिरकषित होन स रोकन वाल कई अवरोधो को हटा कर टीकाकरण लॉजिसटिक सिसटम का निरीकषण करन म सहायक रही ह.

मोजामबिक म बचचो को टीक लगाकर जीवन को बहतर बनाना2013 गटस टीकाकरण नवपरवरतन अवारड परापतकरता

VillageReach क कारय क परिणामसवरप:

1 गरामीण सवासथय कदर म सटॉकआउट की मासिक घटना म: 80 परतिशत स 1 परतिशत गिरावट आई ह.

2 कोलड चन क कारय करन की समयावधि: 40 परतिशत स 96 परतिशत हो गया ह.

3 मल टीक लगवान वाल बचचो को परतिशत: 69 परतिशत स 95 परतिशत हो गया ह.

मारगरडा क कारयो की सीख को मोजामबिक, पर अफरीका, और भारत क भागो म भी सवासथय परणाली को बहतर बनान म उपयोग किया जा रहा ह. मझ आशा ह कि अनय लोग सभी बचचो तक टीक पहचान क लिए मारगरडा क कारयो का अनसरण करना जारी रखग.

मारगरीदा मातसिनह मोजामबीक क एक सवासथय कनदर म अपन चिकितसा करमियो और बीमारो क साथ (मापतो, मोजामबीक, 2013).

बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 5

परगति की ह और य लकषय रिपोरट कारड बन गए ह कि गरीबो को परभावित करन वाली बडी समसयाओ क खिलाफ दनिया न कसा परदरशन किया ह. अतयधिक गरीबी को मिटान क एमडीजी लकषय का आधा हिससा हमन निरधारित समय सीमा स पहल हासिल कर लिया ह, इसी तरह लोगो को सरकषित पय जल उपलबध करान का समानपात आधा कर दिया गया ह. बीस करोड स अधिक झगगी बसतियो म रहन वाल लोगो की जीवन सथितियो म लकषय स दोगना सधार हआ ह. लकिन कछ लकषय इतन अधिक महतवाकाकषी सतर पर तय किए गए थ कि व पर नही किए जा सकग. उदाहरण क लिए, हमन अविशवसनीय रप स शिशओ को जनम दन क दौरान मरन वाली महिलाओ की मौत को 75 फीसद तक कम करन का लकषय रखा था लकिन हम करीब 50 फीसद क सतर तक ही पहच सक ह.

इसी तरह हम एक सरवाधिक महतवपरण लकषय-पाच वरष स कम आय क बचचो की मौतो को दो तिहाई तक कम करना- चाहत थ लकिन अब हम अपन लकषय को कम करना होगा. इस मामल म हमन महतवपरण परगति की ह. मरन वाल बचचो की सखया 1990 म करीब 1 करोड 20 लाख थी लकिन 2011 म मरन वाल बचचो की सखया 69 लाख रह गई ह, इसका अरथ ह कि 1990 की तलना म अब दनिया म परतिदिन 14000 बचच कम मर रह ह पर हम 2015 तक बचचो की मौतो की सखया को दो तिहाई तक कम करन क लकषय तक नही पहच पाएग.

इसक अलावा कई निजी दश इस लकषय को परा करन की दिशा म आग बढ रह ह. इनम स एक दश

इथियोपिया ह जिसन एमडीजी लकषयो का इसतमाल अपनी पराथमिक सवासथय रकषण वयवसथा का कायाकलप करन क लिए किया जिसक परिणामसवरप यहा बालयावसथा म होन वाली मौतो की सखया म भारी गिरावट आई ह.

वशविक लकषय, सथानीय बदलाव

मझ अससी क दशक म इथियोपिया की तकलीफदह तसबीर की याद ह जब उततरपरवी अफरीका म फल अकाल क चलत दस लाख स जयादा लोगो की मौत हई थी. यह ऐसी दखद सथिति थी जब 1985 क लाइव कनसरट (सगीत कारयकरम), आशिक तौर पर लमब समय तक चल यदध, राजनीतिक असथिरता और इथियोपियावासियो की अनिशचितता न सारी दनिया का धयान अपनी ओर खीचा था. उनका दश बाल मतय दर समत परतयक सवासथय सकतक क मामल म दनिया म लगभग सबस नीच था.

सरोत: विशव बक

बचपन की मौत कम हो रही हटीको का सयोजन, मलरिया की रोकथाम और सधरी हई नवजात सवासथय रकषण न 1990 स दनिया म बाल मतय दर म कमी लान म मदद की ह-यह ऐसी परगति ह जोकि दनिया क 8 सदी क विकास लकषयो म स एक को पान म विशव को करीब लाती ह.

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करीब एक दशक पहल तसवीर बदलन लगी. इसका जयादातर शरय सभी इथियोपियाई नागरिको को बनियादी सवासथय सविधाए उपलबध करान का एक बडा सरकारी लकषय को जाता ह. जब इथियोपिया न वरष 2000 म एमडीजीस लकषयो पर हसताकषर किया तब दश न अपनी सवासथय महतवाकाकषाओ क सामन ठोस अको को रखना शर किया. एमडीजी लकषय क तहत बाल मतय दर को दो तिहाई तक कम करन की सफलता या असफलता क लिए ठोस परयास किया. इथियोपिया की एमडीजी लकषयो क परति परतिबदधता स इसकी पराथमिक सवासथय रकषण सवाओ को सधारन क लिए दानदाता दशो स अभतपरव मदद मिली.

इस लकषय को पान क लिए इथियोपिया को एक सफल मॉडल भारत क राजय करल म मिला, स राजय न अपनी बाल मतय दर को बहत कम कर लिया था और अनय बहत स सवासथय सकतको म सधार किया था और इसक पास सामदायिक सवासथय रकषण चौकियो का एक विशाल ततर (नटवरक) भी था. मापन का यह परमख लाभ ह, यह सरकारी नताओ को कषमता दता ह कि व विभिनन दशो क बीच तलना कर सक, यह पता लगा सक कि कौन सा दश अचछा काम कर रहा ह और सबस अचछी तरह स सीख रहा ह. करल क परतिनिधियो की मदद स इथियोपिया न 2004 म अपना सामदायिक सवासथय कारयकरम शर किया.

आज इथियोपिया म 15 हजार स जयादा सवासथय चौकिया ह जोकि साढ 8 करोड लोगो क गरामीण इलाक को दर दर तक पराथमिक सवासथय रकषण उपलबध करा रही ह. इन चौकियो पर 34 हजार सवासथय कारयकरता तनात ह जिनम स जयादातर यवा महिलाए ह जोकि एक वरष की बनियादी सवासथय टरनिग क बाद अपन समदायो की सवा कर रही ह.

वरष 2009 म मलिडा न इथियोपिया का दौरा किया और दखा कि इन सवासथय सधारो क चलत दश किस तरह स बदल रहा ह. पहल जहा सवासथय सवाए नही थी लकिन गरामीण कषतरो क असपतालो म टीको और दवाए बडी मातरा म मौजद थी. एक बार जहा सथानीय सतर पर बहत थोडी सवासथय विशषजञता थी,

पर मलिडा न दखा कि अब सवासथयकरमी बचचो क जनम म मदद कर रह थ, टीक लगा रह थ और परिवार नियोजन म मदद कर रह थ.

पिछल दशक क दौरान इथियोपिया की सरकार न दश क गरामीण इलाको म अतयधिक कपोषण और निरतर खादय कमी की चनौती का सामना करन क लिए सवासथय सवाओ का दायरा बढाया ह. यहा एक कारयकरता एक कषि शोध ससथान म सम क पौधो की सकर नसल तयार कर रहा ह (मलकासा, इथियोपिया, 2012).

काल, यदध और राजनीतिक अशाति क चलत 1980 क दशक म लाखो की सखया म लोग विसथापित हए जिसक चलत सारी दनिया स पसा और सहायता यहा पहचाई गई(इथियोपिया, 1984-1985).

बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 7

सदियो स एक क बाद एक सभी दशो म, पारिवारिक योजना बनान म अभिभावको की कषमता-यह तय करना कि उनह कब बचच चाहिए-सवासथय, समदधि और जीवन की गणवतता म अतयधिक सधार सहसबदध ह. लकिन अधिकाश उप-सहाराई अफरीका और दकषिण एशिया म, अभी भी लाखो महिलाओ को गरभनिरोधक उपलबध नही ह.

पिछल वरष, मन अपना अधिकाश समय यह जानन और अनय लोगो को बतान म बिताया कि (गरभनिरोधक, परिवार नियोजन क बार म जानकारी, और सवासथय सवाओ) पर पहच कयो महतवपरण ह, कई दशो म यह चनौती कयो ह, और इसका समाधान करन क लिए हम कया कर सकत ह. मर लिए, परगतिशील दशो की यातरा करना और महिलाओ स उनक कठिन समय म अपन बचचो को बहतर जीवन दन क लिए सघरष करन क बार म जानना सबस महतवपरण ह. कछ माह पहल, मझ नाइजर म सडी सनी नाम की एक मा मिली. उसक अब पाच बचच ह और उस दसर बचच क बाद स गरभनिरोधक क बार म नही पता. वह अभी भी और बचच चाहती ह, लकिन वह गरभनिरोधक इजकशन लगवान क लिए परतयक तीन माह म 10 मील पदल चलती ह कयोकि वह

जानती ह कि यह उसकी गरभावसथा म अतर रखन क लिए उसक और उसक बचच क लिए सवासथयपरद ह.

हर बार यातरा स लौटन पर, मर पास बहत सी कहानिया होती थी, जस सडी जसी महिलाए मर लिए पररणसरोत कयो ह. लोगो स मिलकर, मझ पहली बार पता चला कि बिल क वारषिक पतर की थीम कस लोगो की आवशयकताओ को परा करन म गरीब दशो की सहायता कर सकता ह, जो वितरण को बहतर बनान म मापन की भमिका निभाता ह.

2012 म मरा बडा परोजकट परिवार नियोजन पर लदन सममलन था, जिसका मझ परधानमतरी डविड कमरन और य.क. क अतरराषटरीय विकास विभाग क साथ नततव करना था. सममलन का उददशय गरभनिरोधक का उपयोग करना चाहन वाली और वरतमान म गरभनिरोधक का उपयोग करन वाली महिलाओ क बीच अतर समापत करन क बार म वशविक वारता करन म सहायता करना था.

दान दन वाल और परगतिशील दशो क बहत-स कषतरो-मारगदरशको क कई विभिनन सहयोगी, गरीब दशो म गर-लाभ

पिछल मारच म जब म पहली बार इथियोपिया गया तो मझ यह परगति दखन का मौका मिला. गरामीण इलाको म सर करत हए मन लोगो को सवासथय रकषण स जोडन की इथियोपिया की चनौती को अनभव किया. गरामीण इथियोपिया खती योगय जमीन क दर-दर तक फल इलाक स बना ह, इस इलाक की 85 फीसद आबादी दो एकड स भी कम जमीन क टकडो पर निरभर करती ह. य खत कभी-कभी बहत ऊबड खाबड रासतो स जड होत ह. रमना गल हलथ चौकी क रासत

नाइजर क एक दरसथ गाव म रहन वाली छह बचचो की मा, सादी, न अपन तीसर बचच क बाद गरभनिरोधको क बार म जाना था और इसक बाद उनहोन अपन बचचो क जनम म अतर रखना शर किया (नाइजर, 2012).

मापन, गरभनिरोधक, और परिवार क भविषय म निवश करनामलिडा गटस दवारा

क लिए कारय करन वाल लोग, और औषधीय कपनिया और अनय वयापारिक, धयान दन योगय महतवाकाकषी उददशय, जिस अभी परापत करना ह: 2020 तक विशव की सबस गरीब दशो की अतिरिकत 120 मिलियन महिलाओ और लडकियो को गरभनिरोधक उपलबध कराना ह.

जब हमन परोजकट परारभ किया था, तब हालाकि, मझ यह सवीकार करना पडा था कि म इतनी अधिक सखया क कारण हताश हो गया था. जनसखया पर आधारित सरवकषण कभी-कभार होत ह, और चकि गरभनिरोधक, सकस और लिग की भमिकाओ की तरह सवदनशील विषय ह, इसलिए सवाओ क वासतविक आकड परापत होना कठिन हो सकता ह. मझ नही लगा कि मर पास कभी इस बात का सही अनमान था कि वरतमान म किन महिलाओ क पास गरभनिरोधक ह या किनक पास गरभनिरोधक दवाओ की कमी ह, या इसम सधार क लिए वासतव म कया किया जाना चाहिए.

2012 म गरभनिरोधक का उपयोग करन वाली महिलाओ की आधार सखया बनाना बहत कठिन था. उनम स ऐसी महिलाओ की सखया का पता लगाना और भी कठिन था, जो गरभनिरोधक का उपयोग करना चाहती थी लकिन उनह गरभनिरोध दवाए उपलबध नही थी. उदाहरण क लिए, मन जाना कि कछ सवासथय चिकितसालयो न बताया कि गरभनिरोधक और कडोम को “सटॉक” म थ. हालाकि, कई महिलाए गरभनिरोधक इजकशन और इपलाट को पराथमिकता दती ह, कयोकि उनह अपन सकस सहयोगी क साथ कडोम का उपयोग करन म परशानी होती ह. परिणामसवरप, ऐसी महिलाओ की गणना नही की जा सकती, जिनह कवल गरभनिरोधक उपलबध थ, जिनका व उपयोग नही करना चाहती थी और नही कर सकी.

कई माह तक, सममलन क आयोजको न सही आधार सखया तयार करन क लिए कई सरोतो पर अधययन किया. यह आकलन करन क लिए परयापत निवश क साथ भविषय म कया परापत किया जा सकता ह, उनहोन दशो क ऐतिहासिक डटा म भी खोज की, जिनह परिवार नियोजन सवाओ म निवश किया गया था. इस परकार हमन 120 मिलियन महिलाओ क उददशय पर कारय किया.

अब परतयक दश उन अदवितीय चनौतियो क विशलषण क आधार पर योजनाए बना रहा ह, जिसका उनहोन सामना किया ह. परिणामसवरप, उनक किसी विशष परिसथिति म परमख अवरोध समापत हो गए थ-चाह वो फड, आपरति शरखला, अधिपरापति नीतिया, माग, सवासथय शिकषा, या कोई अनय कारक हो. दशो को सही टरक पर रखन म सहायता करन क लिए इन योजनाओ म सपषट उददशय शामिल ह. यह रोमाचक भाग ह, जहा हम दख सकत ह कि किस परकार मापन स लोगो को सवासथय परणाली दवारा सवाए उपलबध करान म वयापक परिवरतन होत ह.

सनगल एक परभावी उदाहरण ह. उनकी गरभनिरोधक आपरति शरखला को सधारना उनकी योजना का एक महतवपरण हिससा ह, और व उस मॉडल पर आधारित परिवरतन कर रह ह जिस पिछल वरष परारभिक रप स परीकषित किया गया था. परिणाम आशचरयजनक रप स परभावशाली थ: न कवल भरपर मातरा रखन वाली परायोगिक कलिनिकस को हटान क मामल म, बलकि महिलाओ को परदान किए जान वाल गरभनिरोधको की मातरा म (IUDs म 52 परतिशत, गरभनिरोधक इजकशनो म 61 परतिशत, खाई जान वाली गरभनिरोधक गोलियो म 73 परतिशत, और आरोपणो म 940 परतिशत की) भी वदधि हई.

लदन समिट की ऊरजा और अब उन दशो म जहा कारय हो रहा ह- वह सपषट ह. म निशचित ह कि हमार पास उपकरण महिलाओ क लिए उस ऊरजा को परिणाम म बदलन क लिए वविधयपरण और दीरघकालिक परतिबदधता ह.

बरिटिश परधानमतरी डविड कमरन क नततव म पिछल वरष परिवार नियोजन पर हई लदन शिखर बठक परिवार नियोजन और गरभनिरोधको की पहच उपलबध करान की जररत की जागरकता बढान की दषटि स बहत महतवपरण थी (लदन, इगलड, 2012).

डकार, सनगल क डॉमीनीक सवासथय कनदर म परिवार नियोजन पाइलट कारयकरमो न पिछल वरष गरभनिरोधको की पहच को बहत अधिक सधारा ह (डकार, सनगल, 2012).

बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 9

पर जात समय मन लोगो को सथानीय घास क बड-बड गटठर ल जात दखा, इसक दानो स यहा क लोग रोटिया बनात ह, मन लोगो को इधर उधर घमत दखा. कछक साइकिलो को छोडकर बहत ही कम अनय वाहन थ.

परान पड चक हर रग की सीमट की इस इमारत म सवासथय चौकी थी और यह मर अनमान स जयादा बडी थी, आप कह सकत ह कि कारयकरता इस सथान का अचछा खयाल रखत ह. इसक अदर दो सवासथय करमियो न मझ उनक काम आन वाल उपकरणो की आलमारी को दिखाया और इनम फॉलिक एसिड, विटामिन ए क सपलीमटस और मलरिया की दवाइया थी.

चौकी पर जयादातर सवाए कारयकरताओ दवारा उपलबध कराई जाती ह हालाकि व गरभवती महिलाओ और बीमार लोगो को दखन क लिए उनक घरो म भी जात ह. व सनिशचित करत ह कि परतयक घर म एक मचछरदानी हो ताकि परिवार को मलरिया स बचाया जा सक, एक गडढदार शौचालय हो, लोगो को फरसट एड की टरनिग मिली हो और व अनय बनियादी सवासथय और सरकषा क उपाय जानत हो. एक सवासथय कारयकरता न मझ बताया कि उसन इस वरष 41 परसतिया कराई ह और उनम स जयादातर उनक घरो पर कराई गई थी.

इस तरह क य सभी परयोग बनियादी ह लकिन तब भी इनहोन इस दश क लोगो क जीवन म नाटकीय सधार किया ह. बचपन म होन वाली मौत घट गई ह. और इसी तरह स परसव क दौरान महिलाओ की मौतो की सखया कम हो गई ह. गरभ निरोधक उपाय जयादातर महिलाओ की पहच क दायर म ह और व तय कर सकती ह कि कब उनह बचच चाहिए और कब नही. मलिडा फाउडशन क परिवार नियोजन क परति परतिबदधता को मजबत करन म अगरणी रही ह (नीच उनका फीचर दख).

डालोचा की एक यवा मा की कहानी पर मातर धयान द. सबसबिला नासिर का 1990 म जनम अपनी झोपडी क गद फरश पर हआ था. जीवन रकषक टीको या बनियादी सवासथय रकषण तक बहत कम पहच क कारण तब इथियोपिया क करीब 20 फीसद बचच अपनी उमर क पाचव वरष तक नही जी पात थ. सबसबिला क छह भाई बहनो म स दो की शिशओ की आय म मौत हो गई थी.

लकिन कछक वरषो पहल जब डालोचा म एक सवासथय चौकी खली तो गाव का जीवन बदलन लगा. पहली बार उसन गरभ निरोधको क बार म जानकारी हई, इसलिए अब वह तय कर सकती ह कि वह और उसका पति कब और बचचो क पालन पोषण क लिए तयार ह. पिछल वरष ऐसा समय आया जब सबसबिला गरभवती हो गई तो एक सवासथय कारयकरता न उसका नियमित परीकषण किया. इस कारयकरता न उस इस बात क लिए भी परोतसाहित किया कि वह अपन बचच को सथानीय सवासथय कनदर म जनम द, अपन घर पर नही जहा उसन अपन पहल बचच को जनम दिया था.

एक सामदायिक सवासथय कारयकरता नरिया अली म सबसबिला नासिर को सिखा रही ह कि वह अपनी नवजात बटी, अमीरा, की दखभाल कस कर (डालोचा, इथियोपिया, 2012).

28 नवबर को, सबसबिला को परसव पीडा हई , वह गधा गाडी पर सवार होकर सवासथय कदर पहची. वहा सात घट की परसव पीडा क दौरान एक दाई उसक बिसतर क पास रही. जलदी ही उसकी बटी क जनम क बाद, बचच को पोलियो और तपदिक की खराक दी गई. सवासथय कारयकरता न सबसबिला की बचची को डिपथीरिया, टिटनस, काली खासी, हपटाइटिस बी, मसतिषक जवर, निमोनिया, और खसरा स सरकषा क लिए टीक लगवान क लिए उस समय-सारणी वाला परतिरकषण कारड दिया.

परतिरकषण कारड म ऊपर का सथान उसकी बचची क नाम क लिए रिकत था. इथियोपियाई परपरा क अनसार, अभिभावक अपन बचच का नाम रखन क लिए परतीकषा करत ह, कयोकि बीमारी तजी स फलती ह, सवासथय दखभाल अपरयापत ह, और अकसर पहल सपताह म ही बचचो की मतय हो जाती ह. सबसबिला को भी अपन जनम क कई सपताह बाद तक नाम नही दिया गया था. और जब तीन वरष पहल उसकी पहली बचची का जनम हआ, उसन इस डर क साथ कि उसकी बचची जीवित नही रहगी, परपरा का पालन किया और नाम दन क लिए एक माह परतीकषा की.

लकिन सबसबिला क पहल बचच क जनम क बाद स अब इथियोपिया म बहत परिवरतन हो गए ह. इस समय, उसकी नवजात बचची क जीवित रहन की अधिक सभावनाओ क साथ, सबसबिला न उसका नाम रखन म कोई सकोच नही किया. टीकाकरण कारड क ऊपर रिकत सथान म, उसन अरबी म "अमीरा"-"परिसस" लिखा. सबसबिला का आशावादी दषटिकोण अकला मामला नही ह. दश को 2015 तक इस महतवपरण MDG लकषय को परापत करन और कई अभिभावको को जनम क दिन ही अपन बचचो का नाम रखन का विशवास दिलात हए, 1990 स इथियोपिया क सवासथय सबधी परयासो स शिश मतय दर म 60 परतिशत स अधिक कमी आई ह.

परगति का वरणन, लकषयो को निरधारित करना और उनक लिए परगति का मलयाकन करना ह. एक दशक पहल, गरामीण इथियोपिया म बचच क जनम या मतय का कोई आधिकारिक रिकॉरड नही था. Germana Gale Health Post म, मन दीवारो पर परतिरकषण, मलरिया, और सवासथय सबधी डटा चारट दख. परतयक सकतक म वारषिक लकषय और तिमाही लकषय था. नियमित रिपोरट जनरट करन क लिए यह सभी जानकारी सरकारी जानकारी सिसटम म जाती ह. कारयो की जानकारी लन और रिपोरट दखन और आवशयक कारयवाही करन क लिए सरकारी अधिकारी परतयक दो माह म मीटिग करत ह.

जब तक वशविक सवासथय म परगति करन क लिए मापन जोखिमपरण होगा, तब तक ठीक स कारय करना बहत कठिन ह. आपको सही तरीक स मलयाकन करना होगा, साथ ही ऐसा परिवश बनाना होगा, जहा समसयाओ पर सपषट रप स चरचा की जा सक, जिसस आप परभावी रप स आकलन कर सक कि कया कारय हो रहा ह और कया नही. टीकाकरण और अनय सविधाओ क लिए लकषय निरधारित करना, सरकारी सवासथय कारयकरताओ को परोतसाहित करता ह, लकिन यह निरीकषक को होन वाली समसयाओ स बचन क लिए बढा-चढा कर रिपोरट

करन क लिए भी उकसा सकता ह. इथियोपिया क परतिरकषण कारयकरम की परगति पर नजर रखन क लिए उसका परयास, सही समाधान क बहतर वितरण क लिए डटा का उपयोग करक-कठिन भाग-डटा स जानन का एक अचछा उदाहरण ह. इथियोपिया क टीकाकरण कवरज क हाल ही क राषटरीय सरवकषण म सरकारी आकलन क अतयधिक भिनन परिणाम बताए गए ह. इथियोपिया इस विरोध पर धयान नही दकर सबस अनकल डटा परदान कर सकता था. इसक बजाय, इसन मापन भिनन होन का कारण समझन क लिए सवततर विशषजञो की सहायता ली. उनहोन विसतत सवततर सरवकषण का कारय सौपा, जो बहत उचच कवरज-और बहत निमन कवरज का ठीक तरीक स निरधारित किया गया भौगोलिक खड ह. अब सरकार निमन परदरशन करन वाल कषतरो क लिए बहतर योजनाए बनान क लिए कारय कर रही ह.

MDG पर बनाई जान वाली इथियोपिया परगति अब उसक पडोसियो को धयान आकरषित कर रही ह. बिलकल इथियोपिया की तरह, जिस करल राजय क रप म जाना जाता ह, इथियोपिया विजिट करन क बाद उसक अनभव क बार म जानन क लिए मलावी, रवाडा, और नाइजीरिया सहित अनय दश अब सवासथय विसतार कारयकरम परसतत कर रह ह.

जरमना गल सवासथय चौकी पर मचछरदानी को दख रह ह। (डालोचा, इथियोपिया, 2012).

बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 11

पोलियो की समापति का मानचितरण

फाउडशन की सरवोचच पराथमिकता पोलियो उनमलन ह, जो कि मरा पराथमिक फोकस ह, और सटीक मापन क महतव का एक सशकत उदाहरण ह. 1988 क परारभ म, य.एस. सटरस फॉर डिजीज कटरोल एड परीवशन, रोटरी इटरनशनल, यनिसफ, और विशव सवासथय सगठन जस सगठनो क साथ ही, विशव क कई दशो न पोलियो उनमलन क लकषय क परति सहमति जताई थी. एक सपषट लकषय पर धयान कदरित करन की राजनीतिक इचछाशकति एव बड पमान पर परतिरकषण अभियानो हत धन उपलबध कराए जान स इस कषतर म उललखनीय परगति हासिल हो सकी. सन 2000 तक, इस विषाण को अमरिका, यरोप, और अधिकाश एशियाई भागो स निरमल कर दिया गया था.

विगत दो वरषो स पोलियो क वशविक मामलो की सखया 1,000 स भी कम ह, लकिन आखरी क कछ मामलो स

निपटना ही सबस कठिन चनौती ह. चचक जसी कछ बीमारियो क लिए-जो तवचा पर दिखाई दती थी-आप पता कर सकत ह कि व कहा दिखाई दती ह और उन कषतरो क बचचो म टीकाकरण पर धयान कदरित कर सकत ह. हालाकि, पोलियो की पषटि होन म हफतो लग जात ह, और पोलियो विषाण स गरसित 95 परतिशत स अधिक लोगो म कभी भी लकषण विकसित नही होत ह-इसलिए व विषाण को किसी भी अनय वयकति दवारा महसस किए बिना ही उस फला सकत ह. इसीलिए इस "गपत सचरण" कहा जाता ह. सकरमण को फलन स रोकन क लिए, सवासथय करमियो को पाच वरष स कम आय क लगभग सभी बचचो का टीकाकरण वरष म कई बार करना पडता ह ताकि पोलियो-परभावित दशो म परतिरकषण की सीमा को हासिल किया जा सक. ऐसा अनमान ह कि अफरीका और एशिया क उन भागो म इस सीमा का परतिशत 80 स 95 ह जहा अभी भी पोलियो मौजद ह. इन सीमाओ तक पहचन हत सगत कवरज सतरो को हासिल करन क लिए समयबदध, सटीक, सथानीय उपायो की आवशयकता ह ताकि आप दख सक कि आप कहा पर इस सीमा स नीच जा रह ह, और पता कर सक कि कया गलत हो रहा ह, और उस सधार सक.

पिछली जनवरी म, इस बीमारी स चली वरषो की लडाई क बाद, भारत न सपरण वरष म पोलियो का एक भी मामला न मिलन का जशन मनाया. अधिकाश लोगो न अपकषा की थी कि सघन शहरी आबादी, उततर म बड-बड गरामीण कषतरो, खराब साफ-सफाई, बडी सखया म असथिर आबादी, और हर वरष जनम लन वाल 2 करोड

इथियोपिया की सवासथय चौकियो म सटीक रिकॉरड जिनम नवजात शिशओ सबधी विवरण और अनय जानकारी उपलबध रहती ह, उनहोन म बाल मतय दर को कम करन और अधिकाधिक टीकाकरण कषतर को बढान म मदद की ह (डालोचा, इथियोपिया, 2012).

70 लाख स भी अधिक नवजात बचचो, जिनकी सखया उप-सहाराई अफरीका की कल आबादी स भी अधिक ह, क टीकाकरण की आवशयकता क चलत भारत स पोलियो को समापत करना सबस दषकर कारय ह. दश म हर जगह पर विषाण क परसार को रोकना उनमलन-अभियान क लिए पिछल दशक भर की सबस बडी उपलबध रही ह.

अब कवल तीन ही दश बच ह पोलियो कभी भी समापत नही हआ: नाइजीरिया,पाकिसतान, और अफगानिसतान. म चार वरष परव उततरी नाइजीरिया गया था ताकि यह समझन का परयास कर सक कि वहा पर उनमलन इतना कठिन कयो ह. मन दखा कि रोजमररा की लोक सवासथय सवाए विफल हो रही थी: आध स भी कम बचचो को नियमित टीकाकरण की सविधा मिल रही थी, और ऐस कोई भी विशवसनीय आकड नही थ कि परतयक कषतर म कितन बचच रहत ह. साथ ही, पोलियो अभियान क तहत परी की जान वाली गणवतता निगरानी की सामानय परकरिया भी काम नही कर रही थी. कवरज की गणवतता सबधी आकडो म वयापक भिननताए थी. यह समझन क लिए कि कया गलत हो रहा था, हमन निरणय किया कि गणवतता की निगरानी की एक और परत क रप म भारी निवश करन की आवशयकता ह. इसम मानचितर पर यादचछिक सथानो का चयन करना और उन सथानो पर रहन वाल बचचो की यादचछिक रप स जाच करना शामिल था कि उनका टीकाकरण किया गया ह या नही. इस कारय म विशष रप स परशिकषित करमियो की आवशयकता थी जो टीकाकरण अभियानो का करियानवयन करन वाल लोगो स सवततर रप स कारय कर. वह निषपकषता महतवपरण थी.

पोलियो कारयकरम म पता चली एक बडी समसया यह थी कि कषतर क कई छोट-छोट हिसस गावो क सथान और बचचो की सखया को दसतावजीकत करन वाल टीकाकरणकरताओ क हसतलिखित मानचितरो और सचियो स गायब थ. परिणामसवरप, बचचो का टीकाकरण नही हो पा रहा था. अकसर दो मानचितरो की सामा पर पडन वाल गाव किसी भी दल को नही सौप गए. मामलो को और भी कठिन बनान क लिए, कभी-कभी गावो क बीच की अनमानित दरी मीलो की थी, जिसस कछ टीकाकरणकरमियो दवारा अपन को सौपा गया कारय करना असभव हो गया.

पिछला परतिशतवरष 1988 स 2000 तक पोलियो क मामलो म 99 फीसद की गिरावट आई, मामलो की सखया 350, 000 थी जोकि 1000 मामलो स भी कम रह गई, लकिन तब भी पोलियो क वायरस की समापति करना चनौतीपरण ह. इस मामल म भारत एक अच‍छा उदाहरण ह: एक समय पर विशव क पोलियो क सबस जयादा मामल यही होत थ लकिन 2011 स दश पोलियोमकत ह, इसक लिए समापन क नए तरीको को लाभदायी माना जा सकता ह.

मामल

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खया

समच वशविक मामल *1/15/2013 क अनसार समच भारत क मामल

स रोत: विश व स वास थ य सगठन और वश विक पोलियो उन मलन अभियान

0

1,500

2,000

1,000

500

भारत स शनय मामलो की रिपोरट ह

पटना रलव सटशन म टीका लगान वालो का दल बचचो को पोलियो क टीक लगान की तयारी कर रहा ह (बिहार, भारत, 2010).

बिल गटस स 2013 वारषिक पतर 13

इस ठीक करन क लिए, पोलियो करमी दश क उततरी हिसस क सभी जोखिम भर कषतरो म गए. चरण दर चरण, उनहोन इन कषतरो का अनवषण किया और लोगो स बात की, और 3,000 समदायो को परतिरकषण अभियानो स जोडा. पहल स कही विसतत मानचितर तयार करन क लिए कारयकरम म उचच-रिजॉलयशन वाली उपगरह छवियो का भी उपयोग किया जा रहा ह. और चकि नए मानचितर सथानो क बीच सही दरी दरशात ह, अत: परबधक अब टीकाकरण करमियो को दिनभर का काम दत हए परभावी रप स कारय सौप सकत ह.

एक अनय समसया यह थी कि कछ टीम उन सथानो पर नही जा रही थी जो उनह सौप गए थ. इस समसया को ठीक करन क लिए, कारयकरम म गलोबल पोजीशनिग सिसटम (GPS) एपलिकशन स यकत फोन का उपयोग किया जा रहा ह जिस टीकाकरणकरमी को अपन साथ रखना होता ह. दिन की समापति पर मारगो को फोन स लपटॉप पर डाउनलोड किया जाता ह ताकि परबधक टीकाकरण करमी दवारा अपनाए गए मारग को दख सक और उसकी तलना सौप गए मारग स कर सक. इसस यह सनिशचित करन म सहायता मिलती ह कि जो कषतर छट गए ह वहा पन: पहचा जा सक ताकि बचचो को पोलियो स असरकषित न छोड दिया जाए.

उततरी नाइजीरिया म कवरज को अधिक सटीकता स मापन क लिए, नाइजीरिया की सरकार और उसक सहयोगियो को इन जस उपकरणो और दषटिकोणो स सामजसय बठान क लिए ठीक ढग स काम करत रहना होगा. लकिन परगति निशचित रप स हो रही ह, और अधिक स अधिक बचचो तक पहचा जा रहा ह.

पाकिसतान और अफगानिसतान म असरकषा का माहौल अभियान क लिए एक और चनौती ह. दिसबर माह म पाकिसतान म नौ पौलियो टीकाकरण करमियो की हतया कर दी गई थी. यह मर लिए अकलपनीय ह कि ऐस सवासथय करमियो को ही कयो लकषय बनाया गया, जिनका एकमातर लकषय बचचो क सवासथय म सधार

करना और पोलियो को खतम करना था. मरी नजर म व पीडित हीरो ह, और उनकी समति को सममान दन का सबस अचछा तरीका उनक उस कारय को परा करना ह जिसक लिए उनहोन अपनी जान नयोछावर कर दी. पोलियो कारयकरम जारी रहगा, जिसम करमियो की सरकषा को बहतर बनान और सामदायिक क नताओ की ओर स समरथन बढान जस अतिरिकत परयास शामिल होग. वशविक पोलियो समदाय अब ऐसी विसतत योजना बना रहा ह जो मर विचार म अगल छ: वरषो म हम पोलियो उनमलन का कारय परण करन म सहायक होगी.

उनमलन की पहल दवारा लाग की गई मापन परणालिया शिशओ क सामानय टीकाकरण सहित अनय सवासथय कलयाण गतिविधियो क लिए अमलय होगी, जिसका तातपरय ह कि पोलियो उनमलन की विरासत परतिवरष 400,000 स भी अधिक बचचो को अपग बनान वाल रोग को समापत करन मातर स कही आग जाएगी.

शिकषक की परगति क लिए परतिकरिया

अकटबर म, मलिडा और म कोलोराडो सथित वाली क पास थ, जहा हम बारहवी ककषा क दो दरजन बचचो क बीच बठ थ जो विवरणातमक कथतर साहितय लखन का तरीका सीख रह थ. आसपास दखन पर, मन दखा कि ककषा क एक तिहाई बचच लातिन अमरिकी थ, ईगल काउटी सकल डिसटरिकट क 6,300 बचचो म स लगभग आध लातिन अमरिकी ह, और डिसटरिकट म अगरजी भाषा सीखन वालो की सखया कोलोराडो म सरवाधिक ह.

तकनीक का चतराईपरण इसतमाल सवसथ समाजो को बनान म मदद कर सकता ह. नाइजीरिया म सटलाइट तसवीरो न हाथ स बनाए नकशो का सथान ल लिया ह जिसक चलत सवासथय कारयकरता उन गावो म पहच जात ह जिनम किनही कारणो स टीकाकरण नही हो सका ह.

भारत म पोलियो क अतिम जञात मामल रखसार खातन को उसकी मा शाबीदा बीबी ल जा रही ह (पशचिम बगाल, भारत, 2011).

हम वहा ककषा म सामन की ओर खडी वयकति, मरी ऐन सटावनी स मिलन गए थ, जो कोलोराडो की शिकषण परणाली की अनभवी थी, उनहोन काउटी सकल बोरड म अपनी सवाए दी थी, और ईगल वली हाई सकल म भाषा कला और बोली की शिकषिका का अपना वरतमान कारयभार सभालन स पहल एक सथानीय कॉलज म पढा चकी थी.

उस दिन ककषा म, मरी ऐन न 40-मिनट क पाठ म छातरो को सिखाया कि व अपन निबधो म दावो को सहारा दन क लिए साकषय का उपयोग किस परकार कर सकत ह, इसम "कयोकि," "परिणामसवरप," और "यदयपि" जस आरभिक शबदो का उपयोग करन क तरीक पर एक लघ-पाठ भी शामिल था. छातरो क बीच चहल-कदमी करत हए उनहोन अपन छातरो स अचछ परशन पछकर, और शानदार परतिभागिता करात हए उनह सलगन किया.

म और मलिडा दोनो दख सकत थ कि मरी ऐन विशषजञ शिकषिका कयो ह, उनह विदयालय की सरवशरषठ

शिकषिका का सममान दिया गया ह और व ईगल काउटी म शिकषण-मलयाकन परणाली की महतवपरण घटक ह. उस भमिका म, उनह अनय शिकषक-शिकषिकाओ का मलयाकन करन और परतिकरिया दन का परशिकषण परापत ह. उनका काम शिकषक-शिकषिकाओ का परदरशन मापन क वयापक दषटिकोण का एक भाग ह जिसम विदयारथियो क शिकषण को दरशान वाला परीकषण डटा, विशषजञ शिकषक-शिकषिकाओ और विदयालय क पराचारय की ओर स किए गए मलयाकन, और शिकषक-शिकषिकाओ क सबध म विदयारथियो दवारा किए गए सरवकषण शामिल होत ह. यह डिसटरिकट शिकषक-शिकषिकाओ को बहतर बनान म सहायता क लिए मिशरित उपायो का उपयोग करन वाला परारभिक परवरतक ह.

कछ वरष पहल म यह जानकार हरान रह गया था कि 90 परतिशत स अधिक शिकषक-शिकषिकाओ को सवय को बहतर बनान क तरीक पर कोई परतिकरिया नही मिलती. वरतमान म शिकषा क कषतर म होन वाली बहस वासतव म ऐस उपकरणो क करियानवयन पर सतत चरचा म महतवपरण भमिका निभाती ह जिसस शिकषिक की परभावातमकता को मापा जा सक और यह कि कया ऐसा मापन वासतव म सभव भी ह या नही. हम जानत ह कि यदि सभी शिकषक-शिकषिकाए सबस अचछ होन क जरा भी नजदीक होत, तो हमारी शिकषा परणाली असाधारण हो जाएगी.

सन 2009 क परारभ म, फाउडशन न मजरमट ऑफ इफकटिव टीचिग, या MET कहलान वाल परोजकट को धन उपलबध कराया, जो शिकषको को बहतर होन म सहायता क लिए एक मलयाकन एव परतिकरिया परणाली का निरमाण करन क तरीक को बहतर ढग स समझन क लिए 3,000 कलासरम शिकषक-शिकषिकाओ क साथ काम कर रहा ह. जनवरी 2013 म, हमन MET परोजकट क अतिम परिणाम घोषित किए. रिपोरट का निषकरष यह निकला कि शिकषक-शिकषिकाओ की परभावातमकता को मापन क परतयकष, दोहरान योगय और सतयापित किए जान योगय तरीक थ.

एक सवासथय कारयकरता पाकिसतान (हदराबाद, पाकिसतान, 2012) म एक बचच को पोलियो बद दता ह।

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MET न ऐस कई उपायो को रखाकित किया जिनह विदयालयो दवारा शिकषक-शिकषिकाओ का परदरशन आकन क लिए उपयोग करना चाहिए, इनम विदयारथियो क सरवकषण और कारयरत शिकषक-शिकषिकाओ का निरीकषण करन वाल मलयाकनकरताओ स परापत रिपोरट शामिल ह.

इन सिदधातो की शरआत करन म कोलोराडो अगरणी ह, और ईगल काउटी उसका मारग परशसत कर रहा ह. करीब 10 वरष परव डिसटरिकट न अपनी वरीयता-आधारित मलयाकन परणाली को नकार दिया और परदरशन-आधारित परणाली को अपनाया. यह उतना अचछा साबित नही हआ. शिकषक-शिकषिकाओ न इसका विरोध किया कयोकि उनक विचार म यह एक ऐसी तरटिपरण योजना थी जिसम विदयारथी परीकषणो पर अतयधिक जोर दिया गया था और इस अनय चिताओ क अलावा डिसटरिकट स बहत कम समरथन मिला था. वरष 2008 तक डिसटरिकट क कदरीय कारयालय म बड बदलाव हो चक थ, और विदयालय मडल न एक नई अधीकषक, डॉ. सडरा समायर, को नियकत किया, जिनस हम अपनी यातरा क दौरान मिल थ.

अब शिकषक-शिकषिकाओ को लगता ह कि परणाली उनह बहतर बनन म सहायता करती ह. सपरण विदयालयीन वरष क दौरान, ईगल काउटी क 470 म स परतयक शिकषक-शिकषिका का तीन बार मलयाकन होता ह और ककषा सतर पर कम स कम नौ बार निरीकषण होता ह. परकरिया की शरआत सलाहकार शिकषक-शिकषिका स होती ह, जो अपना 30 परतिशत समय ककषाओ म अपन सहकरमियो का निरीकषण करन और उनह सधार किए जान वाल कषतरो क बार म शिकषित करन म वयतीत करत ह. इसक बाद एक विशषजञ शिकषक/शिकषिका और पराचारय ककषाओ का निरीकषण

करत ह, इसम कछ परव सचना दवारा होत ह, और बाकी बिना परव सचना क होत ह. विशषजञ शिकषक/शिकषिकाए अपना 70 परतिशत समय इस कारय म लगात ह, परतयक मलयाकन कारय स पहल शिकषक-शिकषिकाओ स बात करत ह, और इसक बाद परतिकरिया परदान करत ह.

ईगल काउटी परणाली परभावशाली ह कयोकि यह परतयक शिकषक-शिकषिका को बहतर बनन म सहायता करन पर धयान कदरित करती ह. मलयाकनो का उपयोग शिकषक-शिकषिका को न कवल सकोर दन क लिए बलकि सधार क कषतरो और उनक सामरथय को मजबत बनान क तरीको पर विशिषट परतिकरिया दन क लिए भी किया जाता ह. आमन-सामन शिकषण क अलावा, सलाहकार और विशषजञ लोग सापताहिक सामहिक बठको का नततव भी करत ह, जिनम शिकषक-शिकषिकाए विदयारथियो क कारय और अपनी कशलताए विसतत करन हत सहयोग क लिए चरचा करत ह. ककषा निरीकषणो और छातर उपलबधियो क आधार पर शिकषक-शिकषिकाए वारषिक वतन वदधि और बोनस पान क योगय होत ह. अधीकषक, सडरा का कहना था, कि परणाली न शिकषक-शिकषिकाओ को बनाए रखन म सहायता की ह.

कोलोराडो राजय का कानन यह अनिवारय करता ह कि विदयालयीन वरष 2013-2014 तक, सभी शिकषक-शिकषिकाओ की आधी रटिग विदयारथियो क परीकषा परिणामो म होन वाल बदलावो पर और आधी अनय उपायो पर आधारित

ईगल वली हाई सकल जिपसम, कोलाराडो म, एक मासटर टीचर क तौर पर काम करन वाली मरी एन सटावनी (ऊपर जामनी रग क कपडो म) अपना समय छातरो को पढान और अधयापको का मलयाकन करन म बाटती ह (जिपसम, को, 2012).

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होनी चाहिए. सडरा और उनक सहयोगियो का कहना था कि उनह विदयारथी क परीकषा सकोर को मलयाकन परकरिया म सममिलित करन म कडा सघरष करना पडा ह. एक कारण: यह कि कछ कषतरो जस-कला और सगीत की अपकषा अनय कषतर जस गणित और विजञान विषयो म विदयारथी की बहतरी का परीकषण करना कठिन काम ह.

परोगराम को बजट सीमित होन की चनौतियो का भी सामना करना पडता ह. सलाहकार और विशषजञ शिकषक-शिकषिकाओ को अतिरिकत भगतान किया जाता ह, और चकि उनका अधिकाश समय परशिकषण और मलयाकन म वयतीत होता ह, अत: डिसटरिकट को उनक सथान पर अनय शिकषक-शिकषिकाओ की नियकति करनी पडती ह. हालाकि, मझ यह जानकर हरानी होती ह, कि विगत दो वरषो म बजट म कटौती क बावजद, ईगल काउटी अपनी मलयाकन एव सहायता परणाली को अकषणण रख पाया. विगत पाच वरषो म ईगल काउटी क विदयारथियो क परीकषा सकोर क बहतर होन का एक सभावित कारण यह परणाली भी ह.

मर विचार म अमरिका क K-12 शिकषा क कषतर म जो सरवाधिक महतवपरण परिवरतन हम कर सकत ह वह ह शिकषक-शिकषिका परतिकरिया परणालिया, जसी कि ईगल काउटी म ह जो यथोचित वितत पोषित, उचच गणवतता वाली, और शिकषक-शिकषिकाओ दवारा विशवसनीय ह. इन मापन परणालियो क लिए आवशयक ह कि व शिकषक-

शिकषिकाओ को उनक पशवर विकास म सहायता करन वाल उपकरण परदान कर. इन परयासो स मिलन वाल सबक शिकषक-शिकषिकाओ क परशिकषण कारयकरमो को बहतर बनान म सहायता करग. ऐस दश जहा सयकत राजय स बहतर शिकषण परणालिया ह, व आज हमस अधिक शिकषक-शिकषिका परतिकरिया परदान करत ह, लकिन मर विचार म किसी भी अनय दश दवारा अब तक किए गए कारय स भी बहतर कारय कर पाना सभव ह.

साउथ हाई सकल म अधययन करन वाल छातर (डनवर, को, 2012).

चौथी ककषा की अधयापिका करटनी आरटिस छातरो क साथ कॉरनलियस पराथमिक सकल स बात कर रही ह, उनकी ककषा MET परोजकट का हिससा ह (कॉरनलियस, एनसी, 2012).

आग की राह

विगत 15 वरषो म सबस गरीब लोगो का जीवन पहल स कही तजी स बहतर हो गया ह, फिर भी म आशावान ह कि हम अगल 15 वरषो म इसस भी बहतर करग. अतत:, मानव का जञान बढता जा रहा ह. हम इस HIV खराक जसी नई दवाईयो क आविषकार म और उनकी कीमतो म कमी आत जान म, और गरीब किसानो को अधिक उतपादक बनन दन वाल नए बीजो क निरमाण म, ठोस रप स दख सकत ह. इन उपकरणो क आविषकार क बाद स, इनह कभी भलाया नही जा सका-और व और भी बहतर होत गए.

सशयवादी लोग जतात ह कि हम नए उपकरणो को जररतमदो तक पहचान म सघरष कर रह ह. यही पर उपायो क उपयोग का आविषकार करन स बहत अतर आया ह. मन जिस परकरिया का वरणन किया-जिसम सपषट लकषय निरधारित करना, सही दषटिकोण अपनाना, और फिर परतिकरिया जानन क लिए परिणामो को मापन करना और दषटिकोण को लगातार परिशोधित करत जाना होता ह-न हम हर उस वयकति तक उपकरण और सवाए पहचान म सहायता की जिस इनस लाभ होगा. वितरण की कठिनाईयो को कम करन वाला यह आविषकार महतवपरण ह. वरषो परव क भाप क इजन क आविषकार का अनसरण करत हए, परगति करना "doomed to be rare and erratic." हम, वसतत:, इस सामानय बना सकत ह.

यदयपि म आशावादी ह, लकिन म अपन समकष आन वाली समसयाओ स अजान नही ह. परगति को बढात

जान म अगल 15 वरषो म ऐसी कई चनौतिया आएगी जिनका हम सामना करना होगा. दो समसयाए जो मझ सबस अधिक चिता म डालती ह उसम पहली यह कि हम सभवत: सवासथय और विकास परियोजनाओ हत भगतान करन क लिए आवशयक धन एकतरित न कर पाए, और दसरी यह कि हम सबस गरीब वयकति की सहायता क लिए सपषट लकषयो क निकट तक न पहच पाए.

ससाधनो क मामल म अचछी खबर यह ह कि कई विकासशील दशो म बढती अरथवयवसथा ह जिसस उनह अपन यहा क सबस गरीब लोगो की सहायता करन वाल अधिक समरपित ससाधन जटान म सहायता मिलती ह. उदाहरण क लिए, भारत, सहायता पर कम निरभर करता ह और धीर-धीर उस उसकी आवशयकता ही नही रह जाएगी.

य.क., नॉरव, सवीडन, कोरिया, और ऑसटरलिया जस कछ दश, अपनी सहायता बढात जा रह ह और जबकि जापान और नीदरलड जस पारपरिक उदार दाता दशो न उस कम कर दिया ह. सयकत राजय, फरास, जरमनी, और कनाडा जस कई दशो की दिशा असपषट ह.

फिर भी, सहायता महतवपरण ह. इसस, सबस गरीब दशो म रहन वाल लोगो की मलभत आवशयकताओ की परति करन म सहायता मिलती ह. इसस नए उपकरणो और सवाओ क निरमाण और उनक वितरण क लिए धन की आपरति होती ह. दरभागयवश, सभी समदध दशो म बड-बड घाटो क कारण सहायता क परति उदारता खतर म पडती जा रही ह. जब तक मतदाता अपनी उदारता क सकारातमक परभाव क परति अनभिजञ रहत ह, व जाहिर तौर पर अपनी घरल समसयाओ पर धयान कदरित करग. एक छोटा सा उदाहरण, चाह वह सतय हो या नही, कि सहायता की छोटी सी राशि क दरपयोग क कारण अकसर सपरण कषतर पर सदह हो सकता ह. सोचिए आपको निवश करन क परति कसा महसस होगा यदि आपका पढा हआ हर लख कवल खराब परदरशन करन वाल शयर क बार म हो न कि शानदार परदरशन करन वालो क बार म.

ऐतिहासिक रप स, सहायता क बार म, अधिकाशत: निवश की गई कल राशि क सदरभ म ही चरचा की गई ह. लकिन अब जबकि हम बाल मतय-दर जस सकतो को अधिक सटीक ढग स माप रह ह, लोग अब सहायता क परभाव को कठोर शरतो क अनरप दख पा रह ह-यानी व, लोगो को HIV का उपचार उपलबध कराना या उनह मरन क लिए छोड दन क बीच का अतर दख सकत ह. इस तरीक स परसतत किए जान पर, इस बात की बहतर सभावना होती ह कि सहायता लोगो का पराथमिकता बन जाए.

अगल 15 वरषो क सबध म मरी दसरी चिता यह ह कि कया विशव सपषट लकषय समह क परति साथ आ पाएगा. सयकत

मलिडा और मन ईगल काउटी सकलस की अधीकषिका सादरा समिसर और गरग डोन, पराचारय, ईगल वली हाई सकल स भट की (जिपसम, को, 2012).

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राषटर 2015 म वरतमान MDG की अवधि समापत होन क बाद क नए लकषयो का मानचितरण आरभ कर रहा ह. जसा कि पहल चरण म हआ ह, लकषयो का अगला समह काम करन वाल समहो को एकतरित करन म सहायता करगा, मतदाताओ को अपन उदारता समरथनो क परति जागरक करगा, और हम यह दखन दगा कि हम गरीबो तक समाधान पहचान क कषतर म कहा-कहा परगति कर रह ह.

MDG की सफलता का अरथ ह कि समसयाओ क वहद समह को शामिल करन क लिए उनका विसतार करन म वयापक हित ह. लकिन कई सभावित नए लकषयो को सरवसममत समरथन नही मिलता, और कई नए लकषयो को, या ऐस लकषयो को शामिल करना जो आसानी स मापन-योगय नही ह, परगति को समापत कर सकता ह.MDG सगत रह पाए कयोकि उनहोन विशव क सबस गरीब लोगो की सहायता पर धयान कदरित किया. MDG पर साथ मिलकर काम करन वाल आवशयक समहो का पहचान करना आसान था, और उनह सहयोग और परगति क लिए उततरदायी ठहराया जा सकता था. जब सयकत राषटर, जलवाय परिवरतन म कमी लान जस अनय महतवपरण लकषयो पर अनबध करता ह, तो यह धयान रखा जाना चाहिए कि कया काम करन वालो का भिनन समह और एक अलग परकरिया उन परयासो क लिए शरषठ हो सकती ह या नही.

मझ आशा ह कि इस पढन वाला हर वयकति यह जानकार उतसक होगा कि विगत 15 वरषो म सबस गरीब लोगो की सहायता करन क कषतर म

HIV दवा की कीमतो म कमी, इलाज म तजीवरष 2000 स HIV दवा की कीमतो म 99 फीसद स जयादा कमी हई ह, जबकि इलाज करवा रह लोगो की सखया नाटकीय तरीक स 80 लाख तक पहच गई ह.

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परति वरष परति बीमार पर एटीरिटरोवाइरल दवा की लागत इलाज करा रह लोगो की सखया

स रोत: UNAIDS, विश व स वास थ य सगठन और सीमा रहित दवाइया

डॉल

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लोग

सरोत: विशव बक

अतयधिक गरीबी म आधी कमीविशव बक अनमान लगाता ह कि परति दिन 1.25 डॉलर स कम आय पर रहन वाल लोगो का परतिशत 1990 तक आधा रह गया ह, इस तरह यह वरष 2015 की समय सीमा स पहल गरीबी को कम करन की सदी क विकास क लकषय को पान की दिशा म एक उपलबधि ह.

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1990 2015

(अनमानित)

20082005

जनस

खया

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रतिश

विशव न कितनी परगति की ह. यह एक ऐसी अचछी खबर जसा ह जो जीवन म एक ही बार होती ह और इसलिए इस अकसर उसी नजर स नही दखा जाता जस किसी नई महामारी क परकोप क बड झटक को दखा जाता ह. हम समय-समय पर उन उपलबधियो पर नजर डालनी चाहिए और उनका जशन मनाना चाहिए जिनह उचित लकषयो क साथ ही राजनीतिक इचछाशकति, उदार सहायता, और उपकरणो क आविषकार और उनक वितरण क माधयम स हासिल किया गया ह. इस बात न निशचित ही इस कारय क परति मरी परतिबदधता को गहराई परदान की ह.

बिल गटससह-अधयकष, बिल और मलिडा गटस फाउडशनजनवरी 2013

कोपटिक मिशन असपताल म भरमण क दौरान एचआईवी पीडित महिला फलोरस डाका और उनक बट सटीफन स बातचीत की (लसाका, जामबिया, 2012).

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