14
1 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869 ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES – 2019 MOCK – 1 (CSAT-7) उर पुिका उर:1)(c) ाा: परिे द यह कहा गया है , “भाितीय िजनकयकमशन ािा दान की जाने वाली कशा सुकवधाओ अभाव के कािण युवाओ घि-वापसी की समा अकधसुप है। उदाहिण के कलए एक किण : सऊदी अिब के युवा अकनवासी भाितीय (NRI)इसम कही भी यह उेख नही कया गया है यह केवल भाितीय युवाओ ही चकलत है। इसकलए कव(a) गलत है। घि वापसी का अथ भाित वापस आना है। कशा पूिी किने के पात सऊदी अिब जाना नही है। इसकलए कव(b) भी गलत है। यह कहा गया है , “अनेक वतथमान औि भूतपूवथ NRI, इस िजत ले समय तक िचुके , उन के सा कये गए साााि से पता चलता है भाितीय िजनकयकमशन ािा CBSE से भाितीय अतिाथर ीय कवधालय की खला अनेक शहि चलाई जाती , पिु वहा कई भी अवि-ातक या ातक महाकवधालय नही ह। इसकलए कव(c) सही है। 'घि वापसी' कैसे िका जाये , परिे द इसका कई उेख नही है। इसकलए कन (d) से कई ऐसा कनथ नही कनकाला जा सकता है। उर:2)(b) ाा: परिे द के चौे अनुे द कािण का उेख कया गया है , कजन लग ने अपने जीवन के चिम उादक वथ वहा कबता कदए , यह भली-भाकत ात है USA या अऩ यूिपीय देश की भाकत GCC देश देशीकिण के अवसि अकत अलपि औि वे अपने आप कसी ि की भूकम नही फसा पाते ह। ये सऊदी कनवासी, अपने आप ऐसी कवकच िक पाते , जहा वे सार कतऱप से अपनी पहचान एक सऊदी के ऱप किते , पि वे भाितीय पासपथ धािक ह। इसकलए कव(b) सही उि है। कन 1 औि 3 परिे द के कवय से बाहि ह। कन 1 कहा गया है , भाितीय इसकलए भाित भेजा जाता है सऊदी िजगाि नही हता है। ताक ऱप से यह गलत है परिे द कहा गया है भाितीय अपनी कशा पूिी किने के कलए भेजा जाता है। कन 3 पूिी तिह से सभथ से बाहि है। उर:3)(d) ाा: अनुे द की कतीय पि के अनुसाि, मकहलाओ के कलए कवकश ऱप से कनधाथरित का भी वही असगकत दकशथत हने की सभावना है। इसकलए, कन 1 मकहलाओ आिण दे ने का समथन नही कि िहा। कतीय अनुे द की पाचवी पि के अनुसाि, सी का आवतथन एक ऐसी समा है कजसका सामना पुर ता िय दन किना हगा। इसकलए, कन 2 भी मकहलाओ आिण दे ने का समथन नही कि िहा। चौे अनुे द की अकतम पिय आिण की तुलना बैसाखय से किते यह कहा गया है सिकाि परिवाि बाकलका कशशुओ कशकत किने ता कौशल दान किने के कलए अव ाहन दे ना चाकहए। इसकलए, कन 3 मकहला आिण का समथन नही कया गया है। इसकलए, कव(d)उर:4)(b) ाा: कव(a) गलत है। 4 अनुे द से तीन परिे द मकहला आिण की चचाथ से भिा है , कु परिे द का ि समाज की दशाओ सुधाि लाने के कलए मकहला आिण की अपयाथता पि केित िहा है। परिे द मकहला आिण मकहला सशिीकिण के एक अग के ऱप दे खा गया है। यह कवकव(b) की तुलना कम उपयुि है। कव(b) है चूपरिे द मकहलाओ के सशिीकिण मकहला आिण की अपयाथता की चचाथ हती है। चौे अनुे द का अकतम वा आिण की तुलना बैसाखी से किता है ता पूिी तिह से ऱपातिक नीकत की ही माग किता है। इस काि, कव(b) ही सही उि है। कव(c) भी गलत है चुनकी इसके चचाथ केवल चौे अनुे द के कतीय वा की गयी है। कव(d) भी गलत है चूइसकी चचाथ केवल चौे अनुे द है। उर:5)(a) ाा: कन 1 सही है। पहले अनुे द के पहले वा से इसका अनुमान लगाया जा सकता है। लेखक नीकतगत कण आमूल-चूल परिवतथन का सुझाव दे ता है। इस काि हम कह सकते उपयुि नीकत का अभाव भी एक कािण है।

ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES 2019 MOCK 1 (CSAT-7) · व्याख्या: परिच्छेद में यह कहा गया है कक, “भाितीय

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1 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES – 2019

MOCK – 1 (CSAT-7)

उत्तर पुस्तिका

उत्तर:1)(c)

व्याख्या: परिचे्छद में यह कहा गया है कक, “भाितीय

िाजनकयक कमशन ों द्वािा प्रदान की जाने वाली कशक्षा सुकवधाओों

अभाव के कािण युवाओों में घि-वापसी की समस्या अकधक

सुपष्ट है। उदाहिण के कलए एक प्रकिण : सऊदी अिब के

युवा अकनवासी भाितीय (NRI)।” इसमें कही ों भी यह उले्लख

नही ों ककया गया है कक यह केवल भाितीय युवाओों में ही

प्रचकलत है। इसकलए कवकल्प (a) गलत है।

घि वापसी का अर्थ भाित वापस आना है। कशक्षा पूिी किने

के पश्चात सऊदी अिब क जाना नही ों है। इसकलए कवकल्प

(b) भी गलत है।

यह कहा गया है कक, “अनेक वतथमान औि भूतपूवथ NRI, ज

इस िाजतोंत्र में लमे्ब समय तक िह चुके रे्, उन के सार् ककये

गए साक्षात्काि ों से पता चलता है कक भाितीय िाजनकयक

कमशन ों द्वािा CBSE से सम्बद्ध भाितीय अोंतिाथष्टर ीय कवद्यालय ों

की श्रोंखला त अनेक शहि ों में चलाई जाती हैं, पिनु्त वहाों

क ई भी अवि-स्नातक या स्नातक महाकवद्यालय नही ों हैं।

इसकलए कवकल्प (c) सही है। 'घि वापसी' क कैसे ि का जाये,

परिचे्छद में इसका क ई उले्लख नही ों है। इसकलए कर्न (d)

से क ई ऐसा कनष्कर्थ नही ों कनकाला जा सकता है।

उत्तर:2)(b)

व्याख्या: परिचे्छद के चौरे् अनुचे्छद में कािण ों का उले्लख

ककया गया है, कजन ल ग ों ने अपने जीवन के चिम उत्पादक

वर्थ वहाों कबता कदए हैं, उन्हें यह भली-भाोंकत ज्ञात है कक USA

या अन्य यूि पीय देश ों की भाोंकत GCC देश ों में देशीकिण के

अवसि अकत अलपि हैं औि वे अपने आप क “ककसी व्यक्ति

की भूकम नही ों” में फों सा हुआ पाते हैं। ये सऊदी कनवासी, अपने

आप क ऐसी कवकचत्र क्तिकर् में पाते हैं, जहााँ वे साोंस्कर कतक

रूप से अपनी पहचान एक सऊदी के रूप में किते हैं, पि वे

भाितीय पासप र्थ धािक हैं।

इसकलए कवकल्प (b) सही उत्ति है।

कर्न 1 औि 3 परिचे्छद के कवर्य के्षत्र से बाहि हैं। कर्न 1 में

कहा गया है, भाितीय बच् ों क इसकलए भाित भेजा जाता है

कक उन्हें सऊदी में ि जगाि प्राप्त नही ों ह ता है। तथ्यात्मक

रूप से यह गलत है क् ोंकक परिचे्छद में कहा गया है कक

भाितीय बच् ों क अपनी कशक्षा पूिी किने के कलए भेजा जाता

है।

कर्न 3 पूिी तिह से सन्दभथ से बाहि है।

उत्तर:3)(d)

व्याख्या: प्रर्म अनुचे्छद की कद्वतीय पोंक्ति के अनुसाि,

मकहलाओों के कलए कवकशष्ट रूप से कनधाथरित क र्ा में भी वही

असोंगकत प्रदकशथत ह ने की सोंभावना है। इसकलए, कर्न 1

मकहलाओों क आिक्षण देने का समर्थन नही ों कि िहा।

कद्वतीय अनुचे्छद की पाोंचवी ों पोंक्ति के अनुसाि, सीर् ों का

आवतथन एक ऐसी समस्या है कजसका सामना पुरुर् ों तर्ा

क्तिय ों द न ों क किना ह गा। इसकलए, कर्न 2 भी मकहलाओों

क आिक्षण देने का समर्थन नही ों कि िहा।

चौरे् अनुचे्छद की अोंकतम द पोंक्तिय ों में आिक्षण की तुलना

बैसाक्तखय ों से किते हुए यह कहा गया है कक सिकाि क

परिवाि ों क बाकलका कशशुओों क कशकक्षत किने तर्ा उन्हें

कौशल प्रदान किने के कलए अवश्य प्र त्साहन देना चाकहए।

इसकलए, कर्न 3 में मकहला आिक्षण का समर्थन नही ों ककया

गया है।

इसकलए, कवकल्प (d)।

उत्तर:4)(b)

व्याख्या: कवकल्प (a) गलत है। 4 अनुचे्छद ों में से तीन में

परिचे्छद मकहला आिक्षण की चचाथ से भिा हुआ है, ककनु्त

परिचे्छद का स्वि समाज की दशाओों में सुधाि लाने के कलए

मकहला आिक्षण की अपयाथप्तता पि केक्तित िहा है। परिचे्छद

में मकहला आिक्षण क मकहला सशिीकिण के एक अोंग के

रूप में देखा गया है। यह कवकल्प कवकल्प (b) की तुलना में

कम उपयुि है।

कवकल्प (b) सत्य है चूोंकक परिचे्छद में मकहलाओों के

सशिीकिण में मकहला आिक्षण की अपयाथप्तता की चचाथ

ह ती है। चौरे् अनुचे्छद का अोंकतम वाक् आिक्षण की तुलना

बैसाखी से किता है तर्ा पूिी तिह से रूपाोंतिक नीकत की ही

माोंग किता है। इस प्रकाि, कवकल्प (b) ही सही उत्ति है।

कवकल्प (c) भी गलत है चुनकी इसके सम्बन्ध में चचाथ केवल

चौरे् अनुचे्छद के कद्वतीय वाक् में की गयी है।

कवकल्प (d) भी गलत है चूाँकक इसकी चचाथ केवल चौरे्

अनुचे्छद में हुई है।

उत्तर:5)(a)

व्याख्या: कर्न 1 सही है। पहले अनुचे्छद के पहले वाक् से

इसका अनुमान लगाया जा सकता है। लेखक नीकतगत

दृकष्टक ण में आमूल-चूल परिवतथन का सुझाव देता है। इस

प्रकाि हम कह सकते हैं कक उपयुि नीकत का अभाव भी

एक कािण है।

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2 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

कर्न 2 गलत है - यद्यकप यह कर्न अपने आप में सही ह

सकता है, पिनु्त पहले अनुचे्छद में इसे कवकनमाथण के्षत्र की

कनिोंति असफलता का कािण नही ों बनाया जा सकता है।

वािव में जुडाव त िहेगा ही, भले ही के्षत्र में सफलता ह या

असफलता।

कर्न 3 भी गलत है क् ोंकक इसमें उपि ि परिचे्छद के

सन्दभथ का अभाव है- इस कर्न का उपय ग एक परर्क

सन्दभथ में दूसिे अनुचे्छद के पहले वाक् में गकतशील

दृकष्टक ण की आवश्यकता पि ज ि डालने के कलए ककया गया

र्ा।

उत्तर:6)(a)

व्याख्या: कर्न (a) सही है क् ोंकक यह उपि ि परिचे्छद में

कदए गये कवकनमाथण के्षत्र के सभी पक्ष ों की समग्र रूप से बात

किता है। आिम्भ में यहााँ लेखक भाित के कवकनमाथण के्षत्र की

समस्याओों की बात किता है औि उनके समाधान जैसे-

नीकतगत दृकष्टक ण में आमूल-चूल परिवतथन इत्याकद का सुझाव

भी देता है।

कर्न (b) औि (c) सही हैं क् ोंकक यह केवल परिचे्छद के

कुछ अोंश ों की ही बात किते हैं।

उत्तर:7)(d)

व्याख्या: कर्न 1 सत्य है। चूोंकक परिचे्छद के प्रर्म वाक् के

अनुसाि, समाज के रूप में परित्यि ल ग ों के कलए भी

सवोच् न्यायालय ने मरतु्यदोंड क आजीवन कािावास में

परिवकतथत कि कानून की सही प्रकिया में मूल्य की अकभपुकष्ट

की है।

कर्न 2 सत्य है चूोंकक परिचे्छद के तरतीय वाक् के अनुसाि

न्यायालय ने ऐसी प्रर्ा क उत्पीडन बताया है।

कर्न 3 भी सत्य है चूोंकक परिचे्छद के तरतीय वाक् के

अनुसाि, मरतु्यदोंड के कैकदय ों क अोंतहीन प्रतीक्षा से गुजािना

कैकदय ों के जीवन के मूल अकधकाि का उल्लोंघन किता है।

उत्तर:8)(c)

व्याख्या: कवकल्प (a) गलत है चूोंकक परिचे्छद में कही ों भी इस

बात की चचाथ नही ों है कक न्यायपाकलका िाष्टर पकत से अकधक

शक्तिशाली है।

कवकल्प (b) भी गलत है, यद्यकप परिचे्छद की अोंकतम पोंक्ति में

इस बात की चचाथ है कक अन्य सभ्य समाज में मरतु्यदोंड क

समाप्त कि कदया गया है, लेककन यह कवकल्प (b) में कर्न

की अकभपुकष्ट नही ों किता।

कवकल्प (c) सही उत्ति है, चूोंकक परिचे्छद इस बात के सार्

आिोंभ ह ता है कक मरतु्यदोंड क आजीवन कािावास में

परिवकतथत कि कानून की उकचत प्रकिया में मान वधथन ककया

गया है। तब, तरतीय वाक् में यह कहा गया है कक मरतु्यदोंड

पाए अपिाकधय ों क इस प्रकाि प्रतीक्षाित िखना, इन कैकदय ों

के जीवन के प्रकत मूल अकधकाि का उल्लोंघन कि उनका

उत्पीडन किना है। इसकलए, परिचे्छद का केिीय भाव

मरतु्यदोंड कदए गए अपिाकधय ों का अकधकाि है।

कवकल्प (d) गलत है। यद्यकप परिचे्छद में कवलोंब क उनकी

मरतु्यदोंड क आजीवन कािावास में परिवकतथत का मूल कािण

बताया गया है; कही ों भी इस बात की चचाथ नही ों है कक ऐसी

क्तथर्कतय ों से बचने के कलए बोंकदय ों क शीघ्रतापूवथक फाोंसी पि

चढा कदया जाना चाकहए। यह इस परिचे्छद की सीमा के पिे

है।

उत्तर:9)(c)

व्याख्या: कर्न 1 असत्य है चूोंकक प्रर्म वाक् के अनुसाि,

डी.डी.यू.जी.जे.वाई. क सोंघीय सिकाि द्वािा स्वीकाि ककया

गया है तर्ा इसकी पे्रिणा गुजिात सिकाि द्वािा लागू ककये

गए समान पर्-प्रदशथक परिय जनाओों से प्राप्त हुई है।

परिचे्छद में केवल ग्रामीण के्षत्र ों क डी.डी.यू.जी.जे.वाई. से

प्र त्साहन प्राप्त ह ने की बात कही गयी है तर्ा इसमें शहिी

के्षत्र ों की क ई चचाथ नही ों है। इसकलए, कर्न 2 भी गलत है।

इसकलए, कदए गए द न ों ही कर्न असत्य हैं।

उत्तर:10)(d)

व्याख्या: कवकल्प (a) गलत है। परिचे्छद के छठे वाक् में यह

कहा गया है कक ऊजाथ मोंत्रालय नही ों बक्ति ग्रामीण

कवद्युतीकिण कनगम इस परिय जना के कलए केिीय एजेंसी

है।

कवकल्प (b) में कदया गया कर्न सत्य है जैसा कक स्पष्ट रूप से

इस परिचे्छद की पाोंचवी ों पोंक्ति में दशाथया गया है कक

आि.जी.जी.वी.वाई. क नयी प्रणाली में इसके ग्रामीण घर्क

के रूप में सक्तिकलत कि कलया गया है।

कवकल्प (c) में कदया गया कर्न भी सत्य है, चूोंकक इसकी चचाथ

कदए गए परिचे्छद के तरतीय वाक् में की गयी है।

चूाँकक कवकल्प (b) औि (c) द न ों ही सही हैं, इसकलए, कवकल्प

(d) सही उत्ति है।

उत्तर:11)(b)

व्याख्या: (a) असत्य। परिचे्छद में इस कर्न की चचाथ नही ों है।

(b) सत्य। अनुकूलन की हमािी क्षमता...........स्वयों जलवायु

क प्रभाकवत किती है। लेखक का यह कहना है कक हममें

पिवकतथत वाताविण से अनुकूलन थर्ाकपत किने की क्षमता है।

यह एक और्कध है। तर्ा जलवायु परिवतथन की तुलना एक

ि ग से की गयी है। सार् ही यह भी कहा गया है कक और्कध

या हमािी अनुकूलन क्षमता ि ग क हवा दे िही है।

(c) असत्य। जनसोंख्या वरक्तद्ध, वायु प्रदूर्ण में वरक्तद्ध या कमी,

वातानुकूलन योंत्र तर्ा गाकडयाों िय किने की वकधथत क्षमता,

तर्ा अन्य सामाकजक एवों आकर्थक परिवतथन जलवायु परिवतथन ों

के प्रकत अनुकूलन में हमािे सहायता किें गे।

(d) असत्य। यह कर्न न त परिचे्छद में कदया गया है, न ही

इसे कनष्कर्थ रूप में ही प्राप्त ककया जा सकता है।

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3 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

उत्तर:12)(c)

व्याख्या: कर्न 1 असत्य है। परिचे्छद के अनुसाि, “यही कािण

है कक आई.पी.सी.सी. जलवायु वैज्ञाकनक ..... जलवायु में भकवष्य में

आने वाले परिवतथन ों क उजागि किने के कलए उपय ग में लाने

हेतु”। इस कायथ में आने वाली ककठनाई की क ई चचाथ नही ों है।

कर्न 2 सत्य है। परिचे्छद क उद्धरत किें त , “कपछले कुछ

दसक ों में देखे गए परिवतथन ों क प्राकर कतक तर्ा मानव-कनकमथत

कािण ों के मेल के रूप में सवोत्तम रूप से दशाथया जा सकता है।

कर्न 3 भी सत्य है। परिचे्छद में से पुनः उद्धरत किें त , “अन्य

परिवतथन कम सुपरिकचत ह ोंगे, कुच्छ आश्चयथजनक बातें भी घर्

सकती हैं।

इस प्रकाि, सही उत्ति है कवकल्प (c), 2 तर्ा 3 सत्य हैं।

उत्तर:13)(b)

व्याख्या: वि क मध्य में अकधकतम ह ना आवश्यक है। वि

क शून्य के नजदीक अोंक प्राप्त किने वाले कवद्याकर्थय ों औि

अत्यकधक उच् अोंक प्राप्त किने वाले कवद्याकर्थय ों क भी

दशाथना चाकहए।

कवकल्प (a) गलत है क् ोंकक यह अत्यकधक अोंक प्राप्त किने

वाले कवद्याकर्थय ों की सोंख्या शून्य कदखाता है, अर्ाथत यह शून्य

अोंक प्राप्त किने वाले कुछ कवद्याकर्थय ों क भी कदखाता है, ज

प्रश्न में नही ों कदया गया है।

कवकल्प (c) गलत है क् ोंकक यह अत्यकधक उच् अोंक प्राप्त

किने वाले कवद्याकर्थय ों की उच् सोंख्या कदखाता है।

कवकल्प (b) सही है क् ोंकक यह मध्य में अकधकतम है औि

अकतवादी अोंक प्राप्त किने वाले बहुत कम कवद्याकर्थय ों क भी

कदखाता

उत्तर:14)(a)

व्याख्या:

1. F, D के पकश्चम में है।

2. B, E के पूवथ में है।

3. A, E के उत्ति में है।

4. C, A के पूवथ में है।

A, C, E औि B के सापेक्ष F औि D की क्तथर्कत ज्ञात नही ों है।

इसकलए, जब तक F औि D क समक ण कत्रभुज पि नही ों

माना जाता है, तब तक अन्य चाि गाोंव ों के सापेक्ष F औि D

की क्तथर्कत से सोंबोंकधत क ई कनष्कर्थ नही ों कनकाला जा सकता।

गाोंव A, B औि E कनकश्चत रूप से एक समक ण कत्रभुज बनाते

हैं।

इस प्रकाि, कवकल्प (a) सही उत्ति है।

उत्तर:15)(b)

व्याख्या: माना कक लडक ों की सोंख्या = x

तब, लडककय ों की सोंख्या (लडक ों से 20% अकधक है) = x +

(20/100)x = (120/100)x = (6/5)x

कक्षा में लडके औि लडककय ों के कुल सोंख्या 66 है।

इस प्रकाि, x + (6x/5) = 66

हल किने पि हम पाते हैं x = 30

इसकलए, लडककय ों की सोंख्या = 66 - 30 = 36

अब, कक्षा में 4 नई लडककय ों के प्रवेश लेने के बाद लडककय ों

की कुल सोंख्या = 36 + 4 = 40

लडक ों की सोंख्या औि लडककय ों की सोंख्या का नया अनुपात

= 30 : 40 = 3 : 4

इस प्रकाि, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:16)(b)

व्याख्या: विवि I :

शहि में n ल ग ों की औसत आयु = 42 साल

n ल ग ों की कुल आयु = 42n

सत्यापन के दौिान यह पता चला कक एक व्यक्ति की आयु क

उसकी वािकवक आयु से 20 साल कम मान कलया गया र्ा।

इसकलए शहि में n ल ग ों की कुल सही आयु (42n +20)

साल ह नी चाकहए।

इस सुधाि के बाद औसत आयु में 1 की वरक्तद्ध ह ती है, अर्ाथत

नयी औसत आयु = 42 + 1 = 43

अब, 42n + 20 = 43n

गणना किने पि हम पाते हैं, n = 20

विवि II :

अकतरिि 20 वर्ों क शहि में सभी n ल ग ों में समान रूप से

कवकतरित किना ह गा। चूोंकक औसत आयु में 1 साल की वरक्तद्ध

ह ती है, अतः यह बताता है कक प्रते्यक व्यक्ति की आयु में 1

साल की वरक्तद्ध हुई।

20 वर्ों के कलए, प्रते्यक की आयु में 1 साल की वरक्तद्ध किने के

कलए, n = 20

इस प्रकाि, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:17)(c)

व्याख्या: माना कक विु का अोंककत मूल्य x रू. है।

छूर् = 10%

तब, कबिय मूल्य = x – x का 10% = (9x/10)

Page 4: ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES 2019 MOCK 1 (CSAT-7) · व्याख्या: परिच्छेद में यह कहा गया है कक, “भाितीय

4 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

अब, = (9x/10) = 6750

या x = Rs. 7,500

प्रश्नानुसाि, यकद कबिय मूल्य 7,500 रु. है, तब सकचन द्वािा

अकजथत लाभ 50% है।

इसकलए, लागत या िय मूल्य = Rs. 5,000

इसकलए, विु क 6,750 रु. में बेचने पि लाभ का विकवक

प्रकतशत = (लाभ/ िय मूल्य) x 100 = (1750/5000) × 100

= 35%

इसकलए, कवकल्प (c) सही उत्ति है।

उत्तर:18)(a)

व्याख्या: वगाथकाि जलाशय की भुजा = 8 मी.

इसकलए, वगाथकाि जलाशय का के्षत्रफल = 8 × 8 = 64 मी.2

अब, वगथ का के्षत्रफल, वगाथकाि पाकथ के के्षत्रफल का 1/8वाों

कहस्सा है।

इसकलए, पाकथ का के्षत्रफल = 64 × 8 = 512 मी.2

माना कक आयताकाि पाकथ की चौडाई = x

अतः, आयताकाि पाकथ की लम्बाई = 2x

अतः, इस आयताकाि पाकथ का के्षत्रफल = (2x) (x) = 512

या, 2x2 = 512

गणना किने पि हम पाते हैं x = 16 मी.

लोंबाई = 2x = 32 मी.

इसकलए, कवकल्प (a) सही उत्ति है।

उत्तर:19)(d)

व्याख्या: चूोंकक पूिे वर्थ में दुकानदाि द्वािा बेचे गए कबसु्कर् के

कवकभन्न ब्ाोंड की प्रकतशत कबिी ज्ञात नही ों है, अतः बेचे गए

कबसु्कर् B के पैकेर् ों की सोंख्या कनधाथरित नही ों की जा सकती।

उत्तर:20)(b)

व्याख्या: अपै्रल 2009 में बेचे गए बसु्कर् ों के कुल पैकेर् ों की

सोंख्या = 7300

माचथ में बेचे गए बसु्कर् ों के कुल पैकेर् ों की सोंख्या = 11500

प्रकतशत वरक्तद्ध = (115 – 73)/73 × 100 = (42/73) × 100 =

57.5% = 58% (लगभग)

अतः, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:21)(b)

व्याख्या: 8 मकहलाओों में से 3 का चयन 8C3 तिीके से औि 7

पुरुर् ों में से 4 का चयन 7C4 तिीके से ककया जा सकता है।

अब, 3 मकहलाओों के चयन का प्रते्यक तिीका 4 पुरुर् ों के

चयन के प्रते्यक तिीके से सोंबोंकधत है।

अतः, उन तिीक ों की सोंख्या कजसमें 3 मकहलाओों औि 4

पुरुर् ों की एक सकमकत क 8 मकहलाओों औि 7 पुरुर् ों के एक

समूह से कनयुि ककया जा सकता है = 8C3 × 7C4 = 56 x

35 = 1,960

आइए अब 3 मकहलाओों औि 4 पुरुर् ों की एक सकमकत का

पता लगाते हैं कजसमें श्ीमती X औि श्ी Y पहले से ही सदस्य

ह ों।

इस केस में, हम शेर् 7 मकहलाओों में से 2 अन्य का चयन 7C2

तिीक ों से कि सकते हैं औि शेर् 6 पुरुर् ों में से 3 अन्य का

चयन 6C3 तिीके से कि सकते हैं।

इसकलए, उन तिीक ों की सोंख्या कजसमें एक सकमकत इस तिह

बनायी जा सकती है कक श्ीमकत X औि श्ी Y द न ों हमेशा

शाकमल ह ों = 7C2 × 6C3 = 21 x 20 = 420

अतः, आवश्यक सकमकतय ों की सोंख्या कजसमें श्ीमकत X औि

श्ी Y द न ों एक सार् नही ों ह ते = 1960 - 420 = 1,540

इस प्रकाि, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:22)(a)

व्याख्या: समुच्य {2, 4, ... 50} में कुल अवयव ों की सोंख्या =

25

समुच्य X औि समुच्य {2, 4, ... 50} में उभयकनष्ठ सोंख्याएों

10, 20, 30, 40 औि 50 हैं = यानी 5 सोंख्याएों ।

कदये गए समुच्य से यादृक्तच्छक रूप से चुनी गई सोंख्या के

समुच्य X में भी ह ने की प्राकयकता = 5/25 = 1/5

इसकलए, कवकल्प (a) सही उत्ति है।

उत्तर:23)(c)

व्याख्या: वकील, छात्र के दायी ों ओि है, ज कक ककव औि

वकील के बीच में खडा है। इसकलए, हमािे पास है:

ककव, छात्र, वकील

नरतक व्यापािी के बायी ों ओि है। इसकलए, हमािे पास हैः

नरतक, व्यापािी

चूोंकक ककव औि व्यापािी एकदम छ ि पि हैं, अतः बाईों से दाईों

ओि तक की व्यवथर्ा इस प्रकाि बन जाती है:

ककव, छात्र, वकील, नरतक, व्यापािी

स्पष्टतः, वकील बाएों से तीसिे थर्ान पि है।

इस प्रकाि, (c) वाोंकछत उत्ति है।

प्रश्न संख्या 24 से 25 का स्पष्टीकरण:

कवद्याकर्थय ों की कुल सोंख्या = 1800

यह ज्ञात है कक एक कतहाई कवद्यार्ी मकहलाएों हैं। इस प्रकाि,

छात्राओों की सोंख्या = (173) × 1800 = 600

छात्र ों की कुल सोंख्या = 1800 – 600 = 1200

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5 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

यह ज्ञात है कक 65 प्रकतशत छात्र स्नातक कि िहे हैं।

इस प्रकाि, स्नातक क सेज में दाक्तखल छात्र ों की कुल सोंख्या =

(65/100) × 1200 = 780

स्नातक त्ति क सेज में दाक्तखल छात्र ों की कुल सोंख्या = 1200

– 780 = 420

सार् ही, यह ज्ञात है कक कवद्याकर्थय ों की कुल सोंख्या का

63(173) प्रकतशत स्नातक क सेज में है।

स्नातक क सेज में दाक्तखल कवद्याकर्थय ों की कुल सोंख्या =

63(173) × (17100) × 1800 = 1140

स्नातक त्ति क सेज में दाक्तखल कवद्याकर्थय ों की कुल सोंख्या =

1800 – 1140 = 660

स्नातक क सेज में दाक्तखल छात्राओों की कुल सोंख्या = स्नातक

क सेज में दाक्तखल कवद्याकर्थय ों की कुल सोंख्या - स्नातक

क सेज में दाक्तखल छात्र ों की कुल सोंख्या = 1140 – 780 =

360

स्नातक त्ति क सेज में दाक्तखल छात्राओों की कुल सोंख्या =

छात्राओों की कुल सोंख्या – स्नातक क सेज में दाक्तखल छात्राओों

की कुल सोंख्या = 600 – 360 = 240

इस सूचना क कनम्न प्रकाि से ताकलकाबद्ध ककया जा सकता

है:

कोसस छात्र छात्राएं

स्नातक 780 360

स्नातक त्ति 420 240

कुल 1200 600

उत्तर:24)(b)

व्याख्या: वाोंकछत अोंति = 420 - 360 = 60

अतः, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:25)(a)

व्याख्या: वाोंकछत अनुपात = 420 : 240 = 7 : 4

अतः कवकल्प (a) सही उत्ति है।

उत्तर:26)(d)

व्याख्या: साहसी ल ग प्रशोंसा के पात्र हैं कर्न क , माना

जाना चाकहए कक सभी साहसी ल ग प्रशोंसा के पात्र हैं।

कचत्र से,

कवकल्प (a) एक मान्य कनष्कर्थ है। यह उस कचत्र से देखा जा

सकता है कक प्रशोंसा के पात्र ल ग ों का समूह औि साहसी

ल ग ों का समूह ओविलैप ह िहा है।

कवकल्प (b) एक मान्य कनष्कर्थ है। यह देखा जा सकता है कक

साहसी औि प्रशोंसा के पात्र ल ग ों के बीच का के्षत्र कुछ

ओविलैप कि िहा है।

कवकल्प (c) भी एक मान्य कनष्कर्थ है। अोंतरिक्ष याकत्रय ों का

समूह प्रशोंसा के पात्र ल ग ों के समूह से ओविलैप ह िहा है।

कवकल्प (d) एक अमान्य कनष्कर्थ है। यह आकर कत से देखा जा

सकता है कक वैज्ञाकनक औि साहसी ल ग ों में ओविलैप नही ों

ह सकता।

उत्तर:27)(b)

व्याख्या: कनतीश का कर्न इस बात पि बल दे िहा है कक

कदल्ली की वायु गुणवत्ता में ऑड-इवन कनयम के बाद सुधाि

हुआ है क् ोंकक चाि पकहया वाहन द्वािा ह ने वाला वायु प्रदूर्ण

घर्ा है। िमेश इससे असहमत है। उसके अनुसाि रिप र्थ

कहती है कक कदल्ली के वायु प्रदूर्ण में चाि पकहया वाहन का

य गदान बहुत कम है। इसे कवकल्प (b) में व्यि ककया गया

है।

कवकल्प (a) गलत है क् ोंकक िमेश, कनतीश के इस कर्न से

असहमत है कक कदल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधाि हुआ है।

कवकल्प (c) गलत है, क् ोंकक कदल्ली की वायु प्रदूकर्त है अर्वा

नही ों, इस बािे में िमेश कुछ नही ों कहता औि केवल ऑड-

इवन रूल की चचाथ किता है। कवकल्प (d) भी गलत है क् ोंकक

िमेश कनतीश के कर्न से असहमत है औि समझाता है कक

चाि पकहया वाहन का य गदान कदल्ली के प्रदूर्ण में बहुत कम

है, इस प्रकाि ऑड-इवन रूल का प्रभाव नगण्य है। उसने

कदल्ली की वायु गुणवत्ता की कगिावर् के बािे में कुछ नही ों

कहा।

उत्तर:28)(d)

व्याख्या: यह पता किने के कलए कक दुकानदाि क समान

आकाि के ककतने पैकेर् ों की आवश्यकता है, हमें ऐसी सोंख्या

की आवश्यकता है। ज 403, 465 औि 496 की गुणज ह ।

पैकेर् ों की नू्यनतम सोंख्या प्राप्त किने के कलए, हमें 403, 465

औि 496 का महत्तम समापवतथक कनकालना ह गा। (403,

465 औि 496) ककग्रा. का महत्तम समापवतथक = 31 ककग्रा.

अब, 403 ककग्रा. चावल क पैक किने के कलए आवश्यक

पैकेर् की सोंख्या = (403/31) = 13

इसी प्रकाि, 465 ककग्रा. गेंहों क पैक किने के कलए आवश्यक

पैकेर् की सोंख्या = (465/31) = 15

औि 496 ककग्रा. मके्क क पैक किने के कलए आवश्यक

पैकेर् की सोंख्या = (496/31) = 16

इस प्रकाि, नू्यनतम आवश्यक पैकेर् की सोंख्या = 13 + 15

+ 16 = 44

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6 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

इस प्रकाि, कवकल्प (d) सही उत्ति है।

उत्तर:29)(a)

व्याख्या: वगथ की भुजा = 14 से.मी. वरत्त के चाि चतुर्ाथश (वरत्त का

चतुर्थ भाग), वगथ के चाि ों ककनाि ों में उपक्तथर्त हैं।

इसकलए, वरत्त की कत्रज्या = 14/2 से.मी. = 7 से.मी.

वगथ ABCD का के्षत्रफल = 142 से.मी.2 = 196 से.मी.2

प्रते्यक चतुर्ाांश का के्षत्रफल = (r2)/4 से.मी.2 = (22/7 ×

72)/4 से.मी.2 = 77/2 से.मी.2

इसकलए, चाि चतुर्ाांश का के्षत्रफल = 4 × 77/2 से.मी.2 = 154

से.मी.2

छायाोंककत भाग का के्षत्रफल = वगथ ABCD का के्षत्रफल – चाि 4

चतुर्ाांश का के्षत्रफल = 196 से.मी.2 – 154 से.मी.2 = 44 से.मी.2

अत: कवकल्प (a) सही उत्ति है।

उत्तर:30)(b)

व्याख्या: पिीक्षा में सक्तिकलत ह ने वाले उिीदवाि ों की कुल

सोंख्या = 200

माना कक अनुत्तीणथ उिीदवाि ों की सोंख्या = x

उत्तीणथ उिीदवाि ों की सोंख्या = 200 – x

अब प्रश्नानुसाि हम पाते हैं, 200 × 39 = 30x + 60(200 –

x)

या, 20 × 39 = 3x + 6(200 – x)

या, 780 = 3x + 1200 – 6x

या, 3x = 420

या x = 140

उत्तीणथ उिीदवाि ों की सोंख्या = 200 – x = 200 – 140 =

60

अतः, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:31)(c)

व्याख्या: माना कक अयस्क की मात्रा 'x' कक.ग्रा. है।

बबाथद अयस्क = x का 30% = (30x/100)

उपय ग में लाया गया शेर् अयस्क = x का 70% =

(70x/100)

उपय ग ककये गए शेर् अयस्क में से केवल 40% शुद्ध ल हा

है।

यानी, (40/100) × (70x/100) = 56000 कक.ग्रा.

या x = 2,00,000 कक.ग्रा.

उत्तर:32)(c)

व्याख्या: प्रतीक * वाली फलक की सिुख फलक पि प्रतीक

@, -, + औि $ हैं।

इस प्रकाि, हमािे पास केवल एक प्रतीक बचा, अर्ाथत 8

इसकलए, प्रतीक * वाली फलक की सिुख फलक पि प्रतीक

8 है।

अतः, कवकल्प (c) सही उत्ति है।

उत्तर:33)(a)

व्याख्या: परिचे्छद इस बात की चचाथ किता है कक ि कधत ह ने से

आपके सोंबोंध ककस प्रकाि खिाब ह जाएों गे औि आप अकेले पड

जाएों गे। इसकलए कवकल्प (a) सही उत्ति है। कवकल्प (c) ठीक

इसके कवपिीत बात कहता है औि इसकलए गलत है।

कवकल्प (b) गलत है क् ोंकक यहाों ि ध के स्वास्थ्य सोंबोंधी

पहलुओों की चचाथ नही ों की गई है। कवकल्प (d) भी गलत है

क् ोंकक परिचे्छद में तकथ हीनता औि बुक्तद्धमत्ता की चचाथ नही ों की

गई है।

उत्तर:34)(b)

व्याख्या: परिचे्छद कववाह औि अन्य प्रकाि के सोंबोंध ों के अोंति

की व्याख्या किने के कलए बेकन औि अोंड ों की उपमा का

प्रय ग किता है। कववाह में प्रकतबद्धता ह ती है, जबकक अन्य

प्रकाि के सोंबोंध ों में केवल जुडाव ह ता है। इसकलए कवकल्प

(b) सवाथकधक उपयुि उत्ति है।

कवकल्प (a) गलत है क् ोंकक परिचे्छद में सूअि ों के मन कवज्ञान

की चचाथ नही ों की गई है। कवकल्प (c) औि कवकल्प (d) भी

गलत हैं क् ोंकक लेखक कववाह पूवथ सोंबोंध ों की कनोंदा नही ों कि

िहा है। लेखक केवल कववाहपूवथ सोंबोंध एवों वैवाकहक सोंबोंध ों

की तुलना कि िहा है।

उत्तर:35)(b)

व्याख्या: कर्न 1 गलत है क् ोंकक परिचे्छद के सन्दभथ में

सोंबोंध ों में छलावा या प्रवोंचना नही ों है। उनमें केवल कववाह की

तुलना में प्रकतबद्धता का िि कम है। कर्न 2 भी गलत है

क् ोंकक यहाों पि सभी प्रकाि के सोंबोंध ों की नही ों बक्ति केवल

कववाह के गुण ों की चचाथ की गई है।

कर्न 3 सही है क् ोंकक लेखक कववाह औि अन्य प्रकाि के

सोंबोंध ों में प्रकतबद्धता के िि की तुलना कि िहा है। इसकलए,

कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:36)(c)

व्याख्या: कर्न (1) गलत है। परिचे्छद के आधाि पि यह नही ों

कहा जा सकता कक गाोंधी आधुकनक युग की अकधकति

समस्याओों का समाधान कि चुके ह ते।

कर्न (2) सही है। परिचे्छद लालच क पे्रम से प्रकतथर्ाकपत

किने के गाोंधीवादी कवचाि की चचाथ कि िहा है। उनके कवचाि

औि कसद्धाोंत समसामाकयक समस्याओों के समाधान के कलए

सोंदभथ ग्रोंर् के रूप में हैं। इस प्रकाि यह कनष्कर्थ कनकाला जा

सकता है कक गाोंधी का दशथन भकवष्य में एक बेहति कवश्व

कनकमथत किने में सहायक ह सकता है।

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7 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

कर्न 3 गलत है। परिचे्छद में व्यक्तिवाद के दशथन के सोंबोंध

में कुछ भी उले्लख नही ों ककया गया है। इस प्रकाि कवकल्प (c)

सही उत्ति है।

उत्तर:37)(c)

व्याख्या: इस कहानी में चचाथ की गई है कक ककस प्रकाि

अधूिी सूचना के कािण कवश्व पिमाणु युद्ध के कगाि पि पहुोंच

गया र्ा औि येल्तकसन के धैयथ के कािण आपदा की सोंभावना

क र्ाल कदया गया। इसकलए कवकल्प (c) सही उत्ति है।

कवकल्प (a) गलत है। कहानी में पिमाणु क्षमता सोंपन्न एवों

पिमाणु क्षमता कवहीन देश ों की चचाथ नही ों की गई है। कवकल्प

(b) भी गलत है। परिचे्छद में अकहोंसा के कसद्धाोंत ों की चचाथ

नही ों की गई है। कवकल्प (d) भी गलत है। परिचे्छद में धैयथ के

महत्व क दशाथया गया है। हालाोंकक यह पिमाणु हमला ह ने

के बाद का नही ों है।

उत्तर:38)(c)

व्याख्या: कवकल्प (a) गलत है। परिचे्छद के कर्न का अर्थ

यह नही ों है कक नागरिक अपने नेताओों पि कवश्वास न किने के

द र्ी हैं। इसके कहने का अर्थ यह है कक नेताओों क ल ग ों

का कवश्वास जीतना चाकहए। कवकल्प (b) भी गलत है। ल क

नेतरत्व क सत्ता या शक्ति प्राप्त किने के माध्यम के रूप में

नही ों देखा जाना चाकहए। इसका अर्थ यह है कक नेताओों क

सत्ता का भूखा नही ों ह ना चाकहए बक्ति नेतरत्व क सेवा उनु्मख

ह ना चाकहए।

कवकल्प (c) सही है। कवश्वास सावथजकनक जीवन का साि ह ता

है। इसकलए यह सवाथकधक महत्वपूणथ वाोंकछत गुण है।

कवकल्प (d) गलत है। परिचे्छद अपने सोंदभथ क स्पष्ट नही ों

किता। इसकलए यह मान लेना गलत ह गा कक यह ल कतोंत्र

के सोंबोंध में चचाथ कि िहा है। इस प्रकाि परिचे्छद सामान्य

प्रकिण के कवर्य में है ककों तु कवकल्प (d) कवशेर् रूप से

ल कतोंत्र के सोंबोंध में है।

उत्तर:39)(b)

व्याख्या: कवकल्प (a) गलत है। परिचे्छद शासक ों हेतु कदशा-

कनदेश के सोंबोंध में चचाथ नही ों किता है। यह केवल पकश्चमी

दशथन में नैकतकता सोंबोंधी तीन कवकभन्न मत ों के सोंदभथ में चचाथ

किता है।

कवकल्प (b) सही है। उपय कगतावादी कसद्धाोंत अकधकतम

ल ग ों (बहुमत) के अकधकतम सुख (या लाभ) का समर्थन

किता है। इस प्रकाि अल्पसोंख्यक ों के अकधकाि ों की िक्षा

नही ों की जा सकती है।

कवकल्प (c) गलत है। काोंर् की नैकतकता कहती है कक कतथव्य

नैकतकता का कें द्र कबोंदु है। इसका अर्थ यह नही ों है कक

परिणाम ों का कवचाि कबिुल ककया ही नही ों गया है। कवकल्प

(d) भी गलत है। अििु नैकतकता के कलए सद्गुण ों की

आधािभूत महत्ता क स्पष्ट किते हैं। इससे हम यह कनष्कर्थ

कनकाल सकते हैं कक सद्गुण वाोंकछत हैं। ककों तु इसका अर्थ यह

नही ों है कक अििु के नैकतकता सोंबोंधी कसद्धाोंत उन व्यक्तिय ों

पि लागू नही ों ह ते कजनमें क ई भी सद्गुण नही ों ह ता है।

उत्तर:40)(a)

व्याख्या: परिचे्छद में यह चचाथ की गई है कक जलवायु

परिवतथन से उच् भूकम के्षत्र में कनवास किने वाली प्रजाकतयाों

कवलुक्तप्त के कगाि पि कैसे पहुाँच जाएों गी। इस प्रकाि कवकल्प

(a) सही उत्ति है।

कवकल्प (b) गलत है क् ोंकक परिचे्छद में पहाडी औि मैदानी

के्षत्र ों की सुभेद्यता के सोंबोंध में चचाथ नही ों की गई है। इसी

प्रकाि कवकल्प (c) गलत है क् ोंकक परिचे्छद में व्यापक

कवलुक्तप्त की चचाथ नही ों की गई है। कवकल्प (d) भी गलत है

क् ोंकक यहाों पि यह उले्लख नही ों ककया गया है कक क्ा

जलवायु परिवतथन के प्रभाव ों का सही रूप से पता लगाया जा

सकता है या नही ों।

उत्तर:41)(d)

व्याख्या: परिचे्छद में यह चचाथ की गई कक ककस प्रकाि अन्य

ल ग ों के सद्गुण ों की प्रशोंसा की जानी चाकहए औि उन्हें

प्र त्साकहत किना चाकहए। इस प्रकाि कवकल्प (d) सही उत्ति

है ज अचे्छ गुण ों क बढावा देने के महत्व क स्पष्ट किता है।

कवकल्प (a) औि कवकल्प (b) गलत हैं क् ोंकक परिचे्छद प्रशोंसा

के सोंबोंध में चचाथ कि िहा है चापलूसी के सोंबोंध में नही ों।

यद्यकप प्रशोंसा वािकवक औि ईमानदाि मूल्याोंकन का

परिणाम ह ती है वही ों चापलूसी सामान्य रूप से कपर्पूणथ

औि भ्रामक ह ती है। कवकल्प (c) ग़लत है क् ोंकक यद्यकप

आल चना भी आवश्यक ह ती है, ककनु्त परिचे्छद में इसकी

चचाथ नही ों की गयी है।

उत्तर:42)(b)

व्याख्या: परिचे्छद में यह चचाथ की है कक हाँसी हमािी कप्रतिक्षा

प्रणाली क ककस प्रकाि मजबूत किती है औि हमें सुन्दि

कदखाती है। इस प्रकाि कवकल्प (b) सही उत्ति है (हाँसी के

शािीरिक औि सौन्दयथपिक लाभ)।

कवकल्प (a) ग़लत है क् ोंकक परिचे्छद कही ों भी नही ों कहता कक

यहााँ तक कक अोंकतम अवथर्ा के ि ग ों के कलए भी हाँसी

सवोत्तम दवा है। कवकल्प (c) ग़लत है क् ोंकक यहााँ होंसी के

सामाकजक आयाम ों की चचाथ नही ों की की गयी है। कवकल्प (d)

भी ग़लत है। भले ही हाँसी से व्यक्ति सुोंदि प्रतीत ह ता है,

ककनु्त यह श्रोंगाि (मेकअप) की आवश्यकता क सोंपूणथ रूप से

समाप्त नही ों कि सकती।

उत्तर:43)(c)

व्याख्या: परिचे्छद इस बात की चचाथ किता है कक व्यक्ति क

असफलताओों में भी सकािात्मक ह ना चाकहए। इसकलए

कवकल्प (c) सही उत्ति है।

Page 8: ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES 2019 MOCK 1 (CSAT-7) · व्याख्या: परिच्छेद में यह कहा गया है कक, “भाितीय

8 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

कवकल्प (a) गलत है क् ोंकक यद्यकप यह कशक्षक औि कवद्यार्ी

की कहानी है ककनु्त यहााँ कशक्षण के महत्व पि प्रकाश नही ों

डाला गया है। कवकल्प (b) ग़लत है क् ोंकक कवद्यार्ी ने वािव

में क ई बकलदान नही ों ककया र्ा। यह विुत: यहाों तक कक

नकािात्मक परिक्तथर्कतय ों में भी, केवल सकािात्मक दृकष्टक ण

से देखने का एक तिीका र्ा। कवकल्प (d) भी गलत है क् ोंकक

यह कहानी सहानुभूकतशीलता के सोंबोंध में नही ों है। यह साहस

औि धैयथ के सोंबोंध में अकधक है।

उत्तर:44)(b)

व्याख्या: परिचे्छद इस बात की चचाथ किता है कक ककस

प्रकाि कर्य ड ि रूजवेल्ट जैसे एक महान व्यक्ति ने स्वीकाि

ककया कक वह भी गलती कि सकते हैं। इसकलए, यहााँ यह

सोंदेश कदया जा िहा है कक व्यक्ति क अपनी गलती स्वीकाि

किनी चाकहए। इसकलए कवकल्प (b) सही उत्ति है।

कवकल्प (a) ग़लत है क् ोंकक लेखक यह सुझाव नही ों दे िहा है

कक व्यक्ति क सवोत्कर ष्टता प्राप्त किने का प्रयास नही ों किना

चाकहए। लेखक केवल यह कहता है कक व्यक्ति क अपनी

गलकतयााँ स्वीकाि किनी चाकहए। कवकल्प (c) ग़लत है क् ोंकक,

यद्यकप रूजवेल्ट अपनी गलकतय ों क स्वीकाि किने में

ईमानदाि रे् ककनु्त यहााँ िाजनीकत में ईमानदािी औि उसकी

उपय कगता के सोंबोंध में चचाथ नही ों की गई है। कवकल्प (d) भी

ग़लत है क् ोंकक सत्य के मानवता का मौकलक सद्गुण ह ने

का तथ्य इस परिचे्छद का केिीय कवचाि नही ों है।

उत्तर:45)(b)

व्याख्या: समय बचाने के कलए हम नाम का केवल प्रर्म

अक्षि उपय ग किें गे।

यहाों A यानी अोंशुल, B यानी भूकमका, C यानी कचोंरू्, D यानी

देव औि E यानी इला।

माना कक A यानी अोंशुल की उम्र x वर्थ है।

जैसा कक हम जानते हैं कक A, B, C, D औि E प्रते्यक की आयु

में 2 वर्थ का अोंतिाल है औि उनकी आयु का य ग 60 ह ता

है।

अतः, B, C, D औि E की आयु कनम्नकलक्तखत प्रकाि से ह गी :

B की आयु = x + 2

C की आयु = x + 4

D की आयु = x + 6

E की आयु = x + 8

प्रश्नानुसाि,

x + (x + 2) + (x + 4) + (x + 6) + (x + 8) = 60

5x + 20 = 60

x = 8

इसकलए, C की आयु (यानी कचोंरू्) = x + 4 = 8 + 4 = 12 वर्थ

अतः, कवकल्प (b) सही उत्ति है।

उत्तर:46)(c)

व्याख्या: एक बेरे् की सास की इकलौती बेर्ी” उसकी बहु

कनकलती है।

इसे परिवाि वरक्ष (family-tree) के रूप में नीचे कदए अनुसाि

प्रिुत ककया जा सकता है:

इस प्रकाि, कवकल्प (c) सही उत्ति है।

उत्तर:47)(c)

व्याख्या: स नाक्षी दाएों छ ि से 9वें थर्ान पि है औि िेखा,

स नाक्षी के बायी ों औि चौरे् थर्ान पि है। इसकलए, िेखा दाएों

छ ि से 13वें थर्ान पि है।

िेखा के बायी ों औि बच् ों की सोंख्या = 40 - 13 = 27

इस प्रकाि, िेखा बाएाँ से 28वें थर्ान पि है।

इसके अलावा, पद्मा बाएों छ ि से 13वें थर्ान पि है।

स्पष्टतः, पद्मा औि िेखा के बीच में 14 ल ग हैं।

इस प्रकाि, कवकल्प (c) सही उत्ति है।

उत्तर:48)(b)

व्याख्या: विवि I :

माना कक आिों कभक िाकश औि चिवरक्तद्ध ब्याज दि िमशः P

औि R है।

5 वर्ों में िाकश द गुनी ह जाती है, अर्ाथत कुल िाकश = 2P

10 वर्ों में िाकश कफि से द गुनी ह जाती है, अर्ाथत कुल िाकश

= 4P

इसी प्रकाि, 15 वर्ों में कुल िाकश = 2 × 4P = 8P

विवि II:

चिवरक्तद्ध ब्याज़ के सूत्र का प्रय ग किते हुए, हम पाते हैं:

5 वर्ों के बाद कुल िाकश, 2P = P (1+R/100)5

या (1 + R/100)5 = 2

या 1+R/100 = 21/5

माना कक िाकश 7 वर्ों के बाद 8 गुना ह जाती है।

इस प्रकाि, 8P = P (1+R/100)n = P (2n/5)

या 2n/5 = 23

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9 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

या n/5 = 3, अर्ाथत n = 15 वर्थ

उत्तर:49)(c)

व्याख्या: यहाों, प्रते्यक लोंबाई क सर्ीकता से मापा जाना है।

इसका तात्पयथ है कक वे सोंख्याएों , ज इन सभी चाि सोंख्याओों

क कवभाकजत किेंगी, रे्प की लोंबाई के रूप मान ली जा

सकती हैं, अर्ाथत रे्प की लोंबाई इन सभी 4 सोंख्याओों की

गुणज़ है।

चूोंकक यहाों अकधकतम सोंभव लोंबाई पूछी गयी है, अतः हमें इन

सोंख्याओों का म.स.प. कनकालना ह गा।

(144, 168, 84, 96) का म.स.प. = 12

इस प्रकाि, रे्प की सबसे अकधक लोंबाई = 12 मी.

उत्तर:50)(a)

व्याख्या: विवि I

उन उिीदवाि ों की सोंख्या कजनके पास तीन ों नही ों रे् =

उिीदवाि ों की कुल सोंख्या - ऐसे उिीदवाि ों की सोंख्या

कजनके पास कम से कम एक चीज़ र्ी।

उिीदवाि ों की कुल सोंख्या = 150

ऐसे उिीदवाि ों की सोंख्या कजनके पास कम से कम एक

चीज़ र्ी = A B C, जहाों A उन सोंख्याओों का

समुच्य है कजनके पास एक वाहन है, B उन सोंख्याओों का

समुच्य है कजनके पास एक घि है औि C उन सोंख्याओों का

समुच्य है कजनके पास एक म बाइल फ न है।

हम जानते हैं कक A B C = A + B + C - {A

B + B C + C A} + A B C

इसकलए, A B C = 70 + 50 + 60 - {20 + 15 +

30} + 10

या A B C = 125

इस प्रकाि, ऐसे उिीदवाि ों की सोंख्या कजनके पास इनमें से

एक भी नही ों र्ा = 150 – 125 = 25

विवि II :

प्रश्न में दी गयी जानकािी क नीचे कदए अनुसाि, वेन आिेख

के रूप में प्रिुत ककया जा सकता है:

स्पष्टः, वेन आिेख से यह स्पष्ट है कक :

ऐसे उिीदवाि ों की सोंख्या कजनके पास उपि ि चीज़ ों में से

कम से कम एक चीज़ र्ी, अर्ाथत वाहन, घि औि म बाइल

फ न = 125

इसकलए उिीदवाि ों की कुल सोंख्या कजनके पास तीन ों में से

कुछ भी नही ों र्ा = 150 – 25 = 25

उत्तर:51)(c)

व्याख्या: माना कक वह विुओों की x सोंख्या खिीदता है।

अतः, कुल ि.मू. = 30x

कुल कव. मू. = 2 + 4 + 6 + 8 ........ x पद

कुल कव. मू., कुल ि. मू. से कम से कम 30% अकधक ह ना

चाकहए, यानी 2 + 4 + 6 + 8 .... x पद > 1.3 × (30 x)

या 2 (1 + 2 + 3 + .... x पद) > 39x

या x(x + 1) > 39x

या x2 + x > 39x

या x2 – 38x > 0

या x > 38

इस प्रकाि, व्यापािी क कम से कम 38 इकाई बेचना

चाकहए।

उत्तर:52)(d)

व्याख्या: अोंक 50 में से प्रदान ककए जाते हैं। इस प्रकाि,

ककसी भी कवर्य में उच् अध्ययन हेतु आवश्यक नू्यनतम अोंक

= 50 का 60% = 30 अोंक

अतः, ककसी भी कवर्य में 30 औि इससे अकधक अोंक वाले

छात्र उि कवर्य में उच् अध्ययन या आगे की पढाई कि

सकते हैं।

एक कवर्य में अहथता प्राप्त किने वाले छात्र ों का प्रकतशत =

[(अहथता प्राप्त छात्र ों की सोंख्या) / (कुल छात्र] × 100

भौकतकी में अहथता प्राप्त छात्र ों का प्रकतशत = (30/60) × 100

= 50%

िसायन में अहथता प्राप्त छात्र ों का प्रकतशत = (35/65) × 100

= 53.8%

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10 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

गकणत में अहथता प्राप्त छात्र ों का प्रकतशत = (21/45) × 100 =

46.67%

जीव-कवज्ञान में अहथता प्राप्त छात्र ों का प्रकतशत = (28/50) ×

100 = 56%

इस प्रकाि, हम देखते हैं कक अहथता प्राप्त छात्र ों की सोंख्या

जीव-कवज्ञान में सवाथकधक हैं।

उत्तर:53)(b)

व्याख्या: गकणत में कुल छात्र ों की सोंख्या 45 है।

हमें ज्ञात है कक 50% छात्र, प्रकतय कगता में भाग लेने य ग्य हैं।

इस प्रकाि, कुल य ग्य छात्र ों की सोंख्या = 45 का 50% =

22.5

इस प्रकाि, कम से कम 23 छात्र प्रकतय कगता में भाग लेने हेतु

य ग्य हैं।

अब, ताकलका से हम देख सकते हैं कक

30 औि इससे अकधक अोंक िखने वाले छात्र ों की सोंख्या = 21

औि

20 औि इससे अकधक अोंक िखने वाले छात्र ों की सोंख्या = 40

इस प्रकाि, नू्यनतम आहथता अोंक अवश्य ही 20 औि इससे

अकधक ह ना चाकहए।

कवकल्प (c) सही नही ों है, चूोंकक हमें वैसे छात्र ों की सोंख्या ज्ञात

नही ों है ज 25 या इससे अकधक के परिसि में अोंक िखते हैं।

अतः, कवकल्प (b) सवाथकधक उपयुि उत्ति है।

उत्तर:54)(d)

व्याख्या: ककपल भािती से ऊों चा है, लेककन कर ष्णा से छ र्ा है।

सुदेश भािती से ऊाँ चा है|इस प्रकाि, ककपल, कर ष्णा औि

सुदेश सभी भािती से ऊों चे हैं औि इस प्रकाि कक्षा में सबसे

छ रे् नही ों ह सकते।

अोंकतम कर्न व्याख्या किता है कक भािती सुम ना से ऊों ची

नही ों है। यह कदखाता है कक भािती की ऊों चाई सुम ना के

बिाबि है या उससे कम है। यकद भािती औि सुम ना द न ों

की ऊों चाई बिाबि ह ती, त उन द न ों क कक्षा में सबसे छ रे्

व्यक्तिय ों के रूप में माना जाता।

इस प्रकाि, हमािे पास यह तय किने के कलए पयाथप्त आोंकडे

नही ों हैं कक कौन सबसे छ र्ा है, क् ोंकक भािती औि सुम ना

एक ही ऊों चाई की ह सकती हैं।

उत्तर:55)(a)

व्याख्या: कत्रभुज की भुजाओों की लोंबाई की माप से, अर्ाथत 3,

4 औि 5 से, हम यह कनष्कर्थ कनकाल सकते हैं कक कत्रभुज एक

समक ण कत्रभुज है। (क् ोंकक 3-4-5 एक पाइर्ाग िस कत्रसमूह

है)

एक समक ण कत्रभुज में, कत्रभुज के परिगत खी ोंचे गये वरत्त की

कत्रज्या कणथ की लम्बाई से आधी ह ती है।

कदए गए कत्रभुज में, कणथ = 5)43( 22

इसकलए, कत्रभुज के परिगत वरत्त की कत्रज्या = 5/2 = 2.5

इकाई।

उत्तर:56)(c)

व्याख्या: ताि की लोंबाई = वगथ का परिमाप = 4 ×

= 4 × 324 = 4 × 18 = 72 सेमी

माना कक अधथवरत्त की कत्रज्या r सेमी. है।

अब अधथवरत्त का परिमाप = वगथ का परिमाप = 72 सेमी

या (r + 2r) = 72 सेमी.

या r × (22/7 + 2) = 72 सेमी.

या r × 36/7 = 72 सेमी.

या r = (72 × 7)/36 = 14 सेमी.

इसकलए, वाोंकछत के्षत्रफल = r2/2 = (22/7) × (14 × 14)/2

= 308 सेमी.2

उत्तर:57)(c)

व्याख्या: मेजि ने एल.ओ.सी. जाने के कलए सामान्य से 25

कमनर् पूवथ ही बेस कैं प छ ड कदया औि 7:30 A.M. पि

एल.ओ.सी. पहुोंच गया। इस प्रकाि, वह अपने सामान्य समय,

अर्ाथत 7:55 A.M. से 25 कमनर् पूवथ एल.ओ.सी. पहुोंचा ह गा।

अब, यह कदया गया है कक एल.ओ.सी. तक पहुोंचने में 20

कमनर् का समय लगता है। इसकलए, सामान्य समय, कजस पि

वह एल.ओ.सी. पहुोंचने के कलए बेस कैं प छ डा किता है,

7:35 A.M. ह ना चाकहए।

उत्तर:58)(c)

व्याख्या: माना कक MBA स्नातक ों की प्रािों कभक सोंख्या x है।

अब, चूोंकक अोंकतम क्षण ों में उनमें से द ल ग एक बहुिाष्टर ीय

कों पनी में सक्तिकलत ह गए, कजसके कािण शेर् प्रते्यक व्यक्ति

क अकतरिि 2000 रु. का य गदान देना पडा।

इस प्रकाि, प्रकतव्यक्ति अोंकतम धनिाकश – प्रकतव्यक्ति प्रािों कभक

धनिाकश = 2,000

या [48000/(x – 2)] – 48000/x = 2000

या 48 [2/x(x – 2)] = 2

या x(x – 2) = 48 = 8 × 6

अतः, x = 8

उत्तर:59)(c)

व्याख्या: चूोंकक सकमकत में कम से कम एक मकहला ह नी

चाकहए, अतः द सोंभाकवत क्तथर्कतयाों बनती हैं।

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11 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

स्तथिवि I : सकमकत में एक मकहला औि एक पुरुर् ह ।

चयन किने के सोंभाकवत तिीक ों की सोंख्या, S1 = 3C1 x 3C1 =

3 × 3 = 9

स्तथिवि II: सकमकत में द मकहलाएों ह औि क ई भी पुरुर् न

ह ।

चयन किने के सोंभाकवत तिीक ों की सोंख्या, S2 = 3C2 × 3C0

= 3 × 1 = 3

इस प्रकाि, चयन किने के सोंभाकवत कुल तिीके = S1 + S2 =

9 + 3 = 12

उत्तर:60)(b)

व्याख्या: माना कक बाई, वाइड औि द बले्लबाज़ ों द्वािा बने

िन ों की सोंख्या िमशः x, y औि z है:

इसकलए, x + y + z = 232 (i)

द बले्लबाज ों द्वािा बनाए गए िन, वाइड से बने िन ों का 26

गुना हैं, अर्ाथत z = 26y (ii)

बाय की सोंख्या वाइड की तुलना में 8 अकधक, अर्ाथत x = y

+ 8 (iii)

समीकिण (iii) औि समीकिण (ii) से x औि z का मान

समीकिण (i) में िखने पि, हम पाते हैं:

y = 8 औि z = 208

िाम औि श्याम द्वािा बनाए गए िन ों का अनुपात 6 : 7 र्ा।

इसकलए, माना कक िाम औि श्याम द्वािा बनाए गए िन िमशः

6r औि 7r हैं।

z = 6r + 7r = 13r = 208

r = 16

िाम द्वािा बनाए गए कुल िन = 6r = 16 × 6= 96

उत्तर:61)(b)

व्याख्या: हम जानते हैं कक आयत का के्षत्रफल लोंबाई ×

चौडाई ह ता है।

माना कक L औि B िमशः आयत की लोंबाई औि चौडाई हैं।

इसकलए वािकवक आयत का के्षत्रफल, A = L × B

अब, नए आयत का के्षत्रफल = 1.4L × 0.4 B = (1.4 × 0.4)

(L × B) = 0.56 A

इस प्रकाि, नया के्षत्रफल वािकवक के्षत्रफल का 56% है,

अर्ाथत् के्षत्रफल में 44% की कमी ह िही है।

उत्तर:62)(c)

व्याख्या: वि के D खोंड में प्रदूर्ण के िि में कनिोंति औि

त्वरित कमी ह ती है। इस प्रकाि, यह कहा जा सकता है कक

सिकाि काफी हद तक प्रदूर्ण के मुदे्द का मुकाबला किने में

सफल िही है। C खोंड में, सिकाि के प्रयास ों के परिणाम का

प्रभाव आिोंभ ह चुका र्ा। लेककन, यह कहना ज़ल्दबाज़ी

ह गी कक सिकाि अपने उदे्दश्य में सफल िही है। E खोंड में

वायु प्रदूर्ण का िि क्तथर्ि ह जाता है। औि प्रदूर्ण के िि

में क ई भािी कमी नही ों ह ती।

उत्तर:63)(b)

व्याख्या: ‘B’ खोंड में प्रदूर्ण के िि में लगाताि वरक्तद्ध ह ती है,

ज कदल्ली में प्रदूर्ण फैलाने वाले वाहन ों औि उद्य ग ों की

सोंख्या में भािी वरक्तद्ध का सोंकेत दे सकता है। हालाोंकक खोंड ‘A’

में प्रदूर्ण वरक्तद्ध के नवजात लक्षण मौजूद हैं, लेककन वे खोंड

‘B’ कजतने प्रबल नही ों हैं।

उत्तर:64)(b)

व्याख्या:

उन छात्र ों की सोंख्या ज केवल हॉकी खेलते हैं = 50% –

15% = 35% of 200 = 70

उन छात्र ों की सोंख्या ज केवल बैडकमोंर्न खेलते हैं = 30% –

15% = 15% of 200 = 30

उन छात्र ों की सोंख्या ज द न ों खेल खेलते हैं = 15% of 200

= 30

इसकलए, कक्षा में उन छात्र ों की कुल सोंख्या ज इनमें से क ई

एक या द न ों खेलते हैं = 70 + 30 + 30 = 130

इसकलए, उन छात्र ों की सोंख्या ज इनमें से कुछ भी नही ों खेलते

हैं = 200 – 130 = 70

उत्तर:65)(b)

व्याख्या: कवकल्प (a) असत्य है। सूअि ों से मनुष्य में प्रत्यक्ष

सोंचिण दुलथभ भले है ककनु्त ऐसा ह अवश्य सकता है।

कवकल्प (c) भी असत्य है। सूअि ों औि मनुष्य ों द न ों के एक

सार् सोंिकमत ह ने की बात की चचाथ एक सामान्य या आम

घर्ना के रूप में नही ों हुई है। जहाों तक परिचे्छद के सन्दभथ

का प्रश्न है, ऐसा कसफथ एक बाि हुआ है।

कवकल्प (b) सही कनष्कर्थ है। परिचे्छद में इस बात की चचाथ

की गयी है कक 1918 के कवर्ाणुओों के वोंशज मानव ों में

सोंचारित हुए है।

कवकल्प (d) असत्य है क् ोंकक परिचे्छद में सूअि ों में इस

कवर्ाणु के कर्के िहने की बात की गयी है। यह इस तथ्य की

ओि इों कगत किता है कक यह अब भी सूअि ों में कायम है।

ककसी भी मामले में इसे कार्ा नही ों जा सकता।

नोट: प्रश्न क वेन आिेख द्वािा भी हल ककया जा सकता है।

उत्तर:66)(c)

व्याख्या: (a) असत्य है। फवेला ब्ाज़ील के अकधकााँश बडे

नगि ों के छ ि ों पि क्तथर्त हैं। उनके यहााँ अवक्तथर्त ह ने के कई

कािण हैं। प्रर्मतः, यह ककसी नगि की सीमा में कनमाथण हेतु

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12 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

शेर् एक मात्र उपलब्ध भूकमखोंड हैं। भूकम की उपलब्धता में

कमी के कािण फवेलानगि के बाहिी छ ि ों पि क्तथर्त ह ते हैं।

इसकलए फवेलाओों की वरक्तद्ध का कािण भूकम की उपलब्धता में

कमी क बताया जाना असत्य है।

(b) असत्य है। परिचे्छद में कनमाथण सामग्री की उपलब्धता में

कमी की क ई चचाथ नही ों की गयी है।

(c) सत्य है। रिओ डी जेनेरिय की तीव्र वरक्तद्ध...........इन्हें

ब्ाजील में फवेला के नाम से जाना जाता है औि आवास की

इस कमी के कािण फवेलाओों की सोंख्या में वरक्तद्ध हुई है।

(d) असत्य है। यद्यकप फवेलाओों में व्याप्त कनधथनता की चचाथ

त है, इसे उनकी वरक्तद्ध के कािण ों के रूप में उद्धरत नही ों

ककया गया

उत्तर:67)(b)

व्याख्या: (a) असत्य है। इन कािण ों क मकलन बक्तिय ों की

वरक्तद्ध के कलए उत्तिदायी कािक ों के रूप में नही ों दशाथया गया

है।

(b) सत्य है। प्रर्मतः, यह नगि की सीमा में कनमाथण हेतु

उपलब्ध एक मात्र भूकमखोंड है। कद्वतीय, उद्य ग नगि के छ ि ों

पि ही क्तथर्त ह ते हैं। बहुत से ल ग ों क काम की आवश्यकता

ह ती है, इसकलए वे कािखान ों के कनकर् बस जाते हैं।

(c) असत्य है। इसे परिचे्छद में कािण रूप में उद्धरत नही ों

ककया गया है।

(d) असत्य है। इस परिचे्छद में इन कािक ों की क ई चचाथ

नही ों है।

उत्तर:68)(b)

व्याख्या: (a) असत्य है। बचाये गए धन क कबजली तर्ा जल

जैसी आधािभूत सुकवधाएों उपलब्ध किाने पि व्यय ककया जा

सकता है। श्म पि ह ने वाले व्यय क बचा कि कबजली तर्ा

जल पि व्यय ककया जा सकता है, उन्हें प्राकधकारिय ों द्वािा

उपलब्ध नही ों किाया जाता।

(b) सत्य है। रिओ डी जेनेरिय के प्राकधकािी....थर्ाई आवास

के कनमाथण हेतु आवश्यक सामग्री।

(c) असत्य है। इनकी चचाथ परिचे्छद में नही ों की गयी है।

(d) असत्य है। प्राकधकािी नही ों बक्ति थर्ानीय कनवासी

श्मशक्ति प्रदान किते हैं।

उत्तर:69)(d)

व्याख्या: कर्न (a) असत्य है क् ोंकक परिचे्छद में इस बात की

चचाथ की गयी है कक “बैंककों ग कवकनयम देश ों के बीच कभन्न-कभन्न

ह ते हैं, औि कुछ देश प्रते्यक व्यक्ति के समावेशन क

सुकनकश्चत किने हेतु बैंक ों क इस बात के कनधाथिण की

अनुमकत देते हैं कक नए ग्राहक ों क स्वीकाि किते समय उन्हें

पहचान का कौन-सा प्रमाणपत्र स्वीकाि किना है।”

कर्न (b) असत्य है क् ोंकक पहचान प्रमाण के अभाव क

ग्राहक ों क बैंक खात ों के प्रकत अकभगम प्रदान न किने के

कािण के रूप में बताया गया है, जन पय गी सेवा सोंबोंधी

िसीद या पट्टा अनुबोंध प्रमाण क नही ों।

कर्न (c) गलत है क् ोंकक लेखक के अनुसाि “ककसी बैंक

तक भौकतक कनकर्ता सामान्यतः मन में उठने वाली पहली

चुनौती है। यह मन में उठने वाली प्रर्म चुनौती है, सवाथकधक

महत्वपूणथ नही ों।

कर्न (d) सत्य है क् ोंकक इस बात की चचाथ है कक “ककनु्त इस

बात की कचोंता बढती जा िही है कक के.वाई.सी. अकधक

प्रकतबोंधात्मक ह ती जा िही है कजससे थर्ानीय बैंक ों तर्ा ल ग ों

की कवत्त तक पहुाँच ककठन ह ती जा िही है एवों कवकासशील

अर्थव्यवथर्ाओों के कवकास के अवसि ों क इससे क्षकत ह िही

है।”

उत्तर:70)(d)

व्याख्या: कर्न 1 असत्य है क् ोंकक के.वाई.सी. के कनयम कवत्त

तक ल ग ों की पहुाँच क ककठन बना िहे हैं, असोंभव नही ों।

कर्न 2 गलत है चूोंकक परिचे्छद में ल क प्राकधकारिय ों द्वािा

के.वाई.सी. दिावेज ों क कनगथत किने में ह ने वाली ककठनाई

की क ई चचाथ नही ों है।

परिचे्छद में यह कहा गया है कक “ककनु्त इस बात क लेकि

कचोंता बढ िही है कक के.वाई.सी. औि अकधक प्रकतबोंधात्मक

ह ती जा िही है कजससे थर्ानीय बैंक ों तर्ा ल ग ों की कवत्त तक

पहुाँच ककठन ह ती जा िही है एवों कवकासशील अर्थव्यवथर्ाओों

के कवकास के अवसि ों क इससे क्षकत ह िही है। इससे यह

स्पष्ट ह जाता है कक कर्न 3 सही कवकल्प है।

उत्तर:71)(b)

व्याख्या: परिचे्छद यह व्यि किता है- “..र्ीम, इस अनुमान

पि पहुोंची है कक चिमा की िचना लगभग 4.47 अिब वर्थ

पूवथ हुई ज कपछले अनुमान ों के अनुसाि या उनके सदृश्य हैं।”

एक नये अध्ययन के अनुसाि, चिमा की िचना 4.47 अिब

वर्थ पूवथ हुई। यह अध्ययन हमें उस बडी र्क्कि के सोंबोंध में

भी सोंकेत प्रदान किता है कजसके फलस्वरुप परथ्वी औि

चिमा की िचना हुई र्ी। एक कवशाल प्रािों कभक-ग्रह औि

प्रािों कभक-परथ्वी के बीच बडी र्क्कि के फलस्वरूप चिमा

की िचना हुई। पिनु्त इस र्क्कि के समय क लेकि

अकनकश्चतता है। अप ल के अन्तरिक्ष याकत्रय ों द्वािा वाकपस लाये

गये चिमा के नमून ों की आयु क लेकि अभी भी कववाद है।”

इन वाक् ों से कसद्ध ह ता है कक उत्ति (b) है क् ोंकक कर्न 2

औि 3 सही हैं। परिचे्छद में कही ों भी यह नही ों कहा गया है कक

कपछले अध्ययन ों में चिमा की आयु का अनुमान 4.47 अिब

वर्थ लगाया गया र्ा।

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13 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

उत्तर:72)(c)

व्याख्या: इोंपैक्ट कसगे्नचि का अर्थ है बडी र्क्कि के अोंश।

परिचे्छद में यह व्यि ककया गया है: कवशाल र्क्कि के

अवशेर् ों के समय के िकमक कवकास का प्रकतरूप बना कि

औि उन परिणाम ों क पर्िीले उिाकपोंड में दजथ प्राचीन

र्क्कि के ताप हिाक्षि से व्यवक्तथर्त कि र्ीम इस अनुमान

पि पहुोंची है कक चिमा की िचना 4.47 अिब वर्थ पूवथ हुई है,

यह कपछले कई अनुमान ों के सदृश्य ही है। उिाकपोंड ों में

पायी जाने वाली सबसे प्राचीन सौि-मोंडलीय सामग्री लगभग

100 कमकलयन वर्थ अकधक पुिानी है। इससे प्रदकशथत ह ता है

कक उत्ति कवकल्प (c) है।

उपि ि से यह भी स्पष्ट है कक कवकल्प (a) औि (d) गलत हैं।

परिचे्छद में आगे व्यि ककया गया है कक इनसे

अनुसन्धानकताथओों क वेिा जैसे प्राचीन कपोंड पि सबसे

पहले हुई बम्बबािी के इकतहास का अनुमान लगाने में

सहायता प्राप्त ह सकती है। इससे प्रदकशथत ह ता है कवकल्प

(b) भी गलत है।

उत्तर:73)(b)

व्याख्या: पूिा परिचे्छद एक नये अध्ययन की चचाथ किता है

ज चिमा की वािकवक आयु कसद्ध कि सकता है। इसकलए

कवकल्प (b) सही है।

परिचे्छद व्यि किता है कक, “इस बडी र्क्कि के समय के

बािे में अकनकश्चतता है। इसकलए कर्न (a) गलत है।

कवकल्प (c) औि (d) सही कवकल्प नही ों हैं, क् ोंकक ये परिचे्छद

का मुख्य उदे्दश्य नही ों हैं। ये अध्ययन की प्रकिया के दौिान

ह ने वाली ख जें हैं।

उत्तर:74)(b)

व्याख्या: 1. सही है। लेखक द्वािा कदया गया पहले कािण से

सोंकेत कमलता है कक उस समय उच् कवत्तीय घार्ा र्ा।

2. सही है। लेखक द्वािा कदए गये तीसिे कािण से सोंकेत

कमलता है कक कवदेशी मुद्रा बाजाि में अक्तथर्िता र्ी।

3. गलत है। चौरे् कािण में लेखक कहता है कक सिकाि का

बैंक के स्वाकमत्व औि ऋण प्रदाता के रूप में आपसी कहत ों

का र्किाव भी ह ता। सिकाि मुद्रा नीकत की कवकनयामक नही ों

है।

4. सही है। दूसिा, ऊों ची लागत से सिकाि द्वािा अकधक ऋण

लेने पि ि क नही ों लगती र्ी। इसकलए उत्ति है 1, 2 & 4

अर्ाथत b।

उत्तर:75)(c)

व्याख्या: (a) गलत है। परिचे्छद में कहा गया है कक ऐसा क ई

प्रमाण नही है कक RBI बाजाि कवकनयामक औि ऋण प्रदाता

के रूप में असफल हुआ है।

(b) गलत है। यद्यकप वाक् सही है, पि यह कदए गये प्रश्न का

उत्ति नही ों देता है।

(c) सही है। दूसिा अनुचे्छद - ऐसा क ई प्रमाण नही

है.....प्रकतभूकत बाजाि। लेखक यह कहने का प्रयास कि िहा है

कक वतथमान समय में RBI की भूकमका में क ई द र् नही ों है,

इसकलए व्यवथर्ा से छेडछाड किने की क ई आवश्यकता

नही ों है।

(d) गलत है। परिचे्छद में ऐसा कुछ भी नही ों है कक कजससे यह

सुझाव कमलता ह कक ऋण प्रबन्धन क मुोंद्रा नीकत से परर्क

नही ों ककया जा सकता।

उत्तर:76)(b)

व्याख्या: (a) गलत है। कहतधािक ों के बीच ककसी असहमकत

के सोंबोंध में नही ों कहा गया है।

(b) सही है। इसकलए सामूकहक रूप से उप-के्षत्र ों की आपस

में तुलना, सेब औि सन्ति ों के थर्ान पि कनमू्ब औि केले के

बीच तुलना ह जाएगी।

(c) गलत है। परिचे्छद में कही ों भी यह नही ों कहा गया है कक

सेवा असीकमत है।

(d) गलत है। अनुचे्छद कहता है की य जना आय ग द्वािा

जमीनी िि पि कायथ ककये गये

उत्तर:77)(d)

व्याख्या: (a) गलत है। पहला प्रयास र्ा......द न ों ही के्षत्र ऐसे हैं

ज शे्णी प्रधान है।

(b) गलत है। यह एक सही कनणथय कलया गया र्ा कक लाभ-

कनिपेक्ष ह ने की कवश्वसनीयता या मूल्याोंकन के कलए शे्णी-

कनधाथिण ही एकमात्र समाधान नही ों ह सकता है।

(c) गलत है। यद्यकप लेखक कहता है, “तर्ाकप, मध्यवती

सोंथर्ाएों , जैसे शे्णी-कनधाथिण सोंथर्ाएों ......सदैव ही पूणथतय

द र्मुि नही ों ह ती हैं। अोंत में लेखक सुझाव देता है,

“इसकलए......लाभ-कनिपेक्ष का मूल्याोंकन।”

(d) सही है। यह एक सही कनणथय कलया गया र्ा कक लाभ-

कनिपेक्ष ह ने की साख या कवश्वसनीयता मूल्याोंकन के कलए

शे्णी कनधाथिण ही एकमात्र समाधान नही ों ह सकता है।

प्रश्न 78 और 79 के विए वनरे्दश: आइए एक-एक किके

प्रते्यक कर्न का कवशे्लर्ण किते हैं:

1. F, ज कक C के एकदम सामने बैठा है, क D के ठीक दायी ों

ओि बैठना है। इस व्यवथर्ा िम क कनम्नानुसाि दशाथया जा

सकता है:

2. B, D औि C के बीच में बैठा है। इसके अकतरिि, BA के

ठीक सामने बैठा है।

Page 14: ALL INDIA PRELIMS TEST SERIES 2019 MOCK 1 (CSAT-7) · व्याख्या: परिच्छेद में यह कहा गया है कक, “भाितीय

14 AIPTS 2019 (CSAT - 7) (H) Answer Key Byju’s Classes: 9205881869

स्पष्टतः, E वह थर्ान धािण किता है ज अभी तक रिि है।

इसकलए, हमें अोंकतम व्यवथर्ा िम कनम्नानुसाि कदखाई देता है:

उत्तर:78)(d)

व्याख्या: यह स्पष्ट है कक F औि E, A के पड सी हैं। अतः,

कवकल्प (d) सही उत्ति है।

उत्तर:79)(a)

व्याख्या: यह स्पष्ट है कक D, E के कवपिीत बैठा है।

अतः, कवकल्प (a) सही उत्ति है।

उत्तर:80)(b)

व्याख्या: चाि कदन पहले चाि पौध ों की औसत ऊाँ चाई = 48

से.मी.

चाि कदन पहले चाि पौध ों की औसत ऊाँ चाई का य गफल =

48 × 4 = 192 से.मी.

चूोंकक पौध ों की ऊाँ चाई में प्रकतकदन 0.5 से.मी. की वरक्तद्ध ह ती

है।

इसकलए, चाि कदन ों में चाि पौध ों की कुल ऊाँ चाई में वरक्तद्ध =

(0.5 × 4) × 4 = 8 से.मी.

चाि पौध ों की वतथमान ऊाँ चाई का य गफल = 192 से.मी. + 8

से.मी. = 200 से.मी.

नई जडी-बूर्ी लगाने से पहले वतथमान औसत ऊाँ चाई =

4

200

= 50 से.मी.

नई जडी-बूर्ी लगाने के बाद, औसत ऊाँ चाई में 2 से.मी. की

वरक्तद्ध ह ती है।

अब, नई जडी-बूर्ी लगाने के बाद नई औसत ऊाँ चाई = 50

+ 2 = 52 से.मी.

पाोंच पौध ों की ऊाँ चाइय ों का नया य गफल = 52 × 5 = 260

से.मी.

नए पौध ों की ऊाँ चाई = 260 – 200 = 60 से.मी.

इस प्रकाि, कवकल्प (b) सही उत्ति है।