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वषष 4 अॊक – 34 एक बायत ेठ बायतवशेषाॊक भई 2020 ी देवै कु भाय ववेदी उऩामुत, रखनऊ सॊबाग डा. अनुयाग मादव सहामक आमुत, रखनऊ सॊबाग ी सोभऩार, ाचामष ी अॊचर ससेना, उऩ-ाचामष मास/PRAYAS भाससक तकारम सभाचाय ऩिका कैीम ववमारम कानऩ य कट (वतीम ऩार) इस अॊक भै जो फीत गमा सो गमा, जो आने वारा है वह अऻात है,रेककन वतषभान तो हभाये हाथ भै है। 1 एक बायत ेठ बायत 2 भेघारम के न 3 भाह के रेखक 4 बाषा सॊगभ 5 भेघ का घय है जो: भेघारम 6 GROUP SONG AND DANCE EK BHARAT SHRESHTH BHARAT 7 ऩुतक सभीा 8 PLEDGE on various issues 9 भेघारम ववमारम करा दीघाष से 10 CELEBRATION OF CONSTI- TUTION DAY 11 वव ऩमाषवयण ददवस 12 सावधानी है फह त जऱयी अनेकता भै एकता मह कहावत हभाये बायत देश ऩय सही फैठती है मकक हभाये देश बायत भै ववसबन काय की सबनताएॊ ह , कपय बी महाॊ ऩय रोग भै एकता देखने को सभरती है। हभाये देश भै ववसबन धभ दहॊ दू, भुरभ, ससख, इसाई आदद के रोग यहते ह।एक देश भै इतने धभ के रोग होने के फावजूद हभाये देश भै रोग एक दूसये से झगते नहीॊ ह औय अनेकता भै एकता का ऩरयचम देते है। हभाये देश की सभटी ही क छ ऐसी है कमहाॉ ऩय एक फाय जो आ जाता है , कपय उसका भन इस बूसभ को छोने का नहीॊ कयता है। हभाये देश भै ववसबन काय की बाषाएॊ दहॊ दी, भयाठी, फॊगारी, गुजयाती, कनड, तसभर, तेरगू , भरमारभ, असभी, फोडो, गायो, खासी, हरयमाणवी, ऩॊजाफी, उदू ष आदद फोरी जाती है. इसके फावजूद बी रोग एक दूसये को सभझते ह औय ेभ बाव से यहते है। हभाये देश भै अनेकता भै एकता की सुगॊध उसी तयह से पै री है जैसे धयती ऩय ववसबन काय के पू र खरते ह। सबी पू र की खुशफू अरग-अरग तयह की होतहै रेककन सबी पू र वातावयण को सुगॊधधत कयते ह। इसी काय हभाये देश भै अनेक काय की ववसबताएॊ होते मे बी सबी का रम एक ही है कक हभ एकजुट होकय यहै औय ऩूयी दुननमा को एक बायत ेठ बायत का सॊदेश दै। सोभ ऩार, (ाचामष ) हभाये ेयणाोत एक बायत ेठ बायत ाचामष सॊदेश गामत देवा ककर गीतकानन, धमातु ते बायतबूसभबागे । वगाषऩवगाषऩ भागषबूते, बवत बूम ऩुरषा सुयवा ॥

प्रा /PRAYAS · 2020. 10. 3. · प्रा/prayas ास “_” ुस् ा ा ा त्रि ा ंद्री व द् ा ा ु ैं (द्वी

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  • वषष 4 अॊक – 34 “एक बायत शे्रष्ठ बायत” ववशषेाॊक भई 2020

    श्री देवेंद्र कुभाय द्वववेदी उऩामुक्त, रखनऊ सॊबाग

    डा. अनयुाग मादव सहामक आमुक्त, रखनऊ सॊबाग

    श्री सोभऩार, प्राचामष

    श्री अॊचर सक्सेना, उऩ-प्राचामष

    प्रमास/PRAYAS भाससक “ई” ऩुस्तकारम सभाचाय ऩत्रिका

    कें द्रीम ववद्मारम कानऩुय कैं ट (द्ववतीम ऩारी)

    इस अॊक भें

    जो फीत गमा सो गमा, जो आने वारा है वह अऻात है,रेककन वतषभान तो हभाये हाथ भें है।

    1 एक बायत शे्रष्ठ बायत

    2 भेघारम के नतृ्म

    3 भाह के रेखक

    4 बाषा सॊगभ

    5 भेघों का घय है जो: भेघारम

    6 GROUP SONG AND DANCE EK BHARAT SHRESHTH BHARAT

    7 ऩुस्तक सभीऺा

    8 PLEDGE on various issues

    9 भेघारम ववद्मारम करा दीघाष से

    10 CELEBRATION OF CONSTI-TUTION DAY

    11 ववश्व ऩमाषवयण ददवस

    12 सावधानी है फहुत जरूयी

    अनेकता भें एकता मह कहावत हभाये बायत देश ऩय सही फैठती है क्मोंकक हभाये देश बायत भें ववसबन्न प्रकाय की सबन्नताएॊ हैं, कपय बी महाॊ ऩय रोगों भें एकता देखने को सभरती है। हभाये देश भें ववसबन्न धभों दहॊद,ू भुस्स्रभ, ससख, इसाई आदद के रोग यहत ेहैं।एक देश भें इतने धभों के रोग होने के फावजूद हभाये देश भें रोग एक दसूये से झगड़त ेनहीॊ हैं औय अनेकता भें एकता का ऩरयचम देत े है। हभाये देश की सभट्टी ही कुछ ऐसी है कक महाॉ ऩय एक फाय जो आ जाता है, कपय उसका भन इस बूसभ को छोड़ने का नहीॊ कयता है। हभाये देश भें ववसबन्न प्रकाय की बाषाएॊ दहॊदी, भयाठी, फॊगारी, गुजयाती, कन्नड, तसभर, तरेगू, भरमारभ, असभी, फोडो, गायो, खासी, हरयमाणवी, ऩॊजाफी, उदूष आदद फोरी जाती है. इसके फावजूद बी रोग एक दसूये को सभझत ेहैं औय पे्रभ बाव से यहत ेहै। हभाये देश भें अनेकता भें एकता की सुगॊध उसी तयह से पैरी है जैसे धयती ऩय ववसबन्न प्रकाय के पूर खखरत े हैं। सबी पूरों की खुशफ ूअरग-अरग तयह की होती है रेककन सबी पूर वातावयण को सुगॊधधत कयते हैं। इसी प्रकाय हभाये देश भें अनेकों प्रकाय की ववसबताएॊ होत ेहुमे बी सबी का रक्ष्म एक ही है कक हभ एकजुट होकय यहें औय ऩूयी दनुनमा को एक बायत शे्रष्ठ बायत का सॊदेश दें।

    सोभ ऩार, (प्राचामष)

    हभाये पे्रयणास्रोत एक बायत शे्रष्ठ बायत

    प्राचामष सॊदेश

    गामस्न्त देवा् ककर गीतकानन, धन्मास्तु त ेबायतबूसभबागे । स्वगाषऩवगाषस्ऩद् भागषबूत,े बवस्न्त बूम् ऩुरुषा् सुयत्वाद् ॥

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास”एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 2

    देश के प्रनत ननष्ठा सबी ननष्ठाओॊ से ऩहरे आती है औय मह ऩूणष ननष्ठा है क्मोंकक इसभें कोई प्रतीऺा नहीॊ कय सकता कक फदरे भें उसे क्मा सभरता है।

    भेघारम के नतृ्म

    भेघारम भे नतृ्म के ववसबन्न रूऩ हैं, जो ननम्नवत हैं- का शाद सुक म्मनससएभ-यह एक वार्षिक वसंतोत्सव नतृ्य है जो बोवाई के समय ककमा जाता है।इसभे फारक तथा अवववादहत ऩववि फासरकामेँ, यॊगीन वस्ि तथा जेवय ऩहनकय नतृ्म कयते हैं। का-शाद-कैं जोह खसकें — मह नवीन घय भे गहृ प्रवेश के सभम कयन ेवारा नतृ्मोत्सव है, मह तीन चयणों भे –1) का शाद खरई सभमा, 2) का शाद क्मूतुई तथा 3) का शाद ब्रैऩ भे आमोस्जत होता है।मह नतृ्म भध्म यात्रि से अगरी सुफह तक होता है।भेघारम के जमॊनतमा उत्सव –मे उत्सव भुख्मत: भनुष्म तथा प्रकृनत व वातावयण के सॊतुरन हेत ुभनामे जात ेहैं।

    फेदीनखरभ उत्सव- जमॊनतमाजन का भहत्वऩूणष उत्सव है। स्जसे फुवाई के फाद जुराई भाह भें प्रनतवषष भनाते है। स्जसभ ेमुवा ऩुरुष हय घय की छत को फाॊस के खॊब े से ऩीटकय फुयी आत्भा, फीभायी व वामयस को दयू बगात ेहैं। मह रॊफे डॊड ेवाह-एत-नय की धाया भें रगाते हैं। रोग खॊबे ऩय कूदते हैं औय ऩानी के कीचड़ भें नाचते हुए उन्हें तोड़ देत ेहैं। धाया के ऩाय एक फड़ा खॊबा यखा जाता है औय दो सभूह खॊबा के कब्ज ेके सरए सॊघषष कयते हैं। रोग बगवान से अच्छी पसर हेतु प्राथषना कयते हैं। इस नतृ्म भें केवर ऩुरुष बाग रेत ेहैं।

    भेघारम के गायो उत्सव- वाॊगरा उत्सव- इस े100 ड्रभ मा नगाड़ा उत्सव कहते हैं, जो कक नवॊफय भ ेसात ददन तक भनामा जाता है| मह काभ की अवधध के अॊत तथा अच्छी पसर का प्रतीक है। मह उवषयता के देवता 'सत्मोंग' के सम्भान भें भनामा जाता है। मुवा औय फूढे, यॊग-त्रफयॊगे ऩरयधानों भें सज-ेधजे तथा ससय ऩय ऩोशाक ऩहन,े रॊफ ेफेरनाकाय ढोर की थाऩ ऩय नाचत ेहैं।भॊगोना मा चुगाना- मह गायो रोगों का एक अॊनतभ-सॊस्काय सभायोह है। भतृ व्मस्क्त की "आत्भा" के सरए अॊनतभ सॊस्काय के फाद गामन औय नतृ्म ऩूयी यात जायी यहता है, स्जस े"भॊगता (ग्राप्भ धचमा)" के रूऩ भें जाना जाता है।

    अॊचर सक्सेना, उऩ-प्राचामष

  • वषष 4 अॊक 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 3

    अगय रोग केवर जरूयत ऩय आऩको माद कयते हैं, तो फयुा भत भाननए फस्कक गवष कीस्जमे, क्मोंकक एक भोभफत्ती की माद तफ आती है जफ अॊधकाय होता है ।

    प्रकृनत के सुकुभाय कवव सुसभिानॊदन ऩन्त

    कवव सुसभिानॊदन ऩन्त का जन्भ कुभाांचर प्रदेश के अकभोड़ा स्जरा के अॊतगषत कौसानी ग्राभ भें सन 1900 ई. भें हुआ था। इनके भाता-वऩता ने फचऩन भें इनका नाभ गुसाईं दत्त यखा था इनकी भाॉ का ननधन इनके जन्भ के कुछ घॊटों फाद ही हो गमा इनके वऩता का नाभ गॊगादत्त ऩन्त था। भाॉ का ननधन हो जान ेके कायण इनका ऩारन-ऩोषण इनकी दादी के हाथों हुआ। केवर सात सार की उम्र भें ही इन्होने सफस ेऩहरी फाय छॊद-यचना की।अऩनी आगे की ऩढाई कयन ेके सरए मे जफ अकभोड़ा आमे तफ इन्होंनें अऩना नाभ सुसभिानॊदन ऩन्त यख सरमा। इसस ेऩहरे इनका नाभ गुसाईं दत्त था। प्रायस्म्बक सशऺा ऩूयी कयके 1919 भें प्रमाग के म्मोय सेंट्रर कॉरेज भें अध्ममन के सरए प्रवशे ककमा। सुसभिानॊदन ऩन्त जी ने ऩत्रिका का बी सम्ऩादन ददमा, स्जसका नाभ ―रूऩाब‖ था। इसके फाद कई सारों तक मह आकाशवाणी ने उच्च ऩद ऩय आसीन यहे ऩन्त जी न ेअऩना ऩूया जीवन अवववादहत ही त्रफतामा औय अऩना जीवन भाॉ-बायती के चयणों भें सभवऩषत कय ददमा। इनकी रूधच कववत भें फचऩन से ही कुछ ज्मादा थी।सन 1950 ई. भें मह आकाशवाणी भें सम्फद्ध हुए औय प्रमाग भें यहकय सादहत्म-सजृन कयते यहें।इनके ―करा‖ औय ―फूढा चाॉद‖ ऩय सादहत्म अकादभी, ―रोकामतन‖ ऩय सोववमत औय ―धचदम्फया‖ ऩय ऻानऩीठ ऩुरूस्काय प्राप्त हुए। इनकी शुरुआती यचनाओॊ ―वीणा‖, ―ग्रॊधथ‖, ―ऩकरव‖, औय ―गुॊजन‖ भें इन्होने प्रकृनत के ववसबन्न रूऩों का सुन्दय असबनन्दन ककमा है। काव्म-दृस्ष्ट के ववकास भें इनके काव्म-सॊकरन ―ऩकरव‖ की यचना ―ऩरयवतषन‖ का ववशेष भहत्व है।इनके सॊकरन ―मुगान्त‖ की यचनाओॊ भें ऩुयानी व्मवस्था को ववनष्ट कयके नई व्मवस्था राने का रूऩ ददखाई देता है। इनके ―मुगवाणी‖ औय ―ग्राम्मा‖ सॊकरनों की यचना भें इसी ववचायधाया को असबव्मस्क्त सभरी है। इनकी बाषा सदा ही धचिभमी यही है औय फड़ ेही भनोयभ त्रफम्फों की मोजना कयती है।उऩभा, रूऩक, उत्प्रेऺा आदद सादृश्मभूरक अरॊकाय इन्हें फहुत वप्रम हैं। इनकी काव्म-यचनाओॊ को ऩढकय मह ननणषम नहीॊ हो ऩाता कक मे कवव अधधक हैं मा ववचायक इनका काव्म नायी, प्रकृनत, भानवतावाद, तथा चतेनावाद से नघया हुआ हैं। इनकी भतृ्मु 21 ददसम्फय, 1977 को हुई।

    गुरुदेव यफीन्द्रनाथ टैगोय

    यवीन्द्रनाथ टैगोय, स्जनको गुरुदेव के नाभ से बी जाना जाता है, प्रससद्ध फॊगारी रेखक, सॊगीतकाय, धचिकाय औय ववचायक थे। उनकी यचनामों भें, उऩन्मास- गोया, घये फाइये, चोखेय फारी, नष्टनीड़, मोगामोग। कहानी सॊग्रह: गकऩगुच्छ, सॊस्भयण: जीवनस्भनृत, छेरेफेरा, रूस के ऩि; कववता: गीताॊजसर, सोनाय तयी, बानुससॊह ठाकुयेय ऩदावरी, भानसी, गीनतभाकम, वराका। नाटक: यक्तकयवी, ववसजषन, डाकघय, याजा, वाकभीकक प्रनतबा, अचरामतन, भुक्तधाया, शासभर हैं। वह ऩहरे ग़ैय-मूयोऩीम थे स्जनको 1913 भें सादहत्म के सरए नोफर ऩुयस्काय ददमा गमा। वे एकभाि कवव हैं स्जनकी दो यचनाएॉ दो देशों का याष्ट्रगान फनीॊ - बायत का याष्ट्र-गान 'जन गण भन' औय फाॉग्रादेश का याष्ट्रीम गान 'आभाय सोनाय फाॉग्रा' उनकी ही यचनाएॉ हैं।

    भतृ्मु 7 अगस्त 1941

    जन्भ 7 भई 1861

    जन्भ : 20 भई 1900

    भतृ्म ु: 28 ददसॊफय ,

    1977

    भाह के रेखक

    अगय आऩ दनुनमा से अऩने सरए सवषशे्रष्ठ ऩाना चाहत ेहै, तो आऩको दनुनमा को अऩना सवषशे्रष्ठ देना बी होगा।

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 4

    अऩनी शस्क्तमों ऩय बयोसा कयने वारा कबी असपर नहीॊ होता।

    बाषा सॊगभ

    एक बायत शे्रष्ठ बायत कामषक्रभ के अॊतगषत बाषा सॊगभ कामषक्रभ भें प्रत्मेक फुधवाय को प्रात् कारीन प्राथषना सबा भें भेघारम प्रदेश की बाषा गायो बाषा स े ववद्माधथषमों को ऩरयधचत कयामा गमा।इस कामषक्रभ के अॊतगषत गायो बाषा के प्रायॊसबक ऩरयचम शब्दों जैसे कक क्मा, कहाॉ, कैसे अच्छा, फारक-फासरका आदद स ेववद्माधथषमों को ऩरयधचत कयामा गमा।इस ेगायो, दहॊदी औय अॊगे्रजी बाषा भें दोहयामा गमा। इसी क्रभ भें छोटे-छोटे सयर वाक्मों जैसे कक- आऩ कैस े हैं? भैं ठीक हूॊ।आऩ कहाॊ यहत े हैं? आऩ कौन सी कऺा भें ऩढते हैं? आदद।एक बायत शे्रष्ठ बायत कामषक्रभ के अॊतगषत होनेवारे ववसबन्न कामषक्रभों के साभॊजस्म स ेववद्माधथषमों को भेघारम प्रदेश को जानने औय सभझने का

    अवसय प्राप्त हुआ।

    भेघारम भें, तीन बाषाएॉ प्रभखु हैं - अॊग्रेजी, खासी औय गायो। एक फड़ी आफादी है जो फोडो, फॊगारी, नेऩारी, अससभमा औय ससरेहटी (फॊगारी का फाॊग्रादेशी सॊस्कयण) बी फोरती है। महाॉ फोरी जाने वारी अन्म बाषाओॊ भें ऩणष, फामेट औय हाजोंग शासभर हैं।

    ऩूवोत्तय बायत के भेघारम याज्म के गायो ऩहाडड़माॉ, स्जरों तथा असभ व त्रिऩुया के कुछ बागों भें फोरी जाने वारी एक बाषा है। इसे फाॊग्रादेश के कुछ ऩड़ोसी ऺेिों भें बी फोरा जाता है।गायो बाषा का कोच एवॊ फोडो बाषाओ से, जो कक नतब्फती-फभी बाषा-ऩरयवाय की सदस्म हैं, इनसे ननकट साभीप्म है। गायो बाषा अधधकाॊश जनसॊख्मा द्वाया फोरी जाती है औय इसकी कई फोसरमाॊ प्रचसरत हैं, जैसे अफेंग मा अम्फेंग, अटोंग, अकावे (मा अवे), भात्ची दआुर, चोफोक, धचसक भेगभ मा सरॊगॊगभ, रुगा, गाया-गस््चॊग एवॊ भाटाफेंग।

    एक देश, अरग वेश बाषाएॊ बी न्मायी।

    हभको अऩनी भातबृूसभ प्राणों से बी प्मायी॥

    हभें गवष है

    गायो बाषा

    भेघारम

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 5

    अऩने को भनषु्म फनाने का प्रमत्न कयो, मदद उसभें सपर हो गमे, तो हय काभ भें सपरता सभरेगी।

    भाह के ऩाठक

    भेघारम का गठन असभ के अॊतगषत 2 अप्रैर, 1970 को एक स्वामत्तशासी याज्म के रूऩ भें ककमा गमा। एक ऩूणष याज्म के रूऩ भें भेघारम 21 जनवयी, 1972 को अस्स्तत्व भें आमा। इसकी उत्तयी औय ऩूवी सीभाएॊ असभ से औय दक्षऺणी तथा ऩस्श्चभी सीभाएॊ फाॊग्रादेश से सभरती हैं। भेघारम, स्जसका शास्ब्दक अथष है—भेघों का आरम मानी फादरों का घय, भूरत् एक ऩहाड़ी याज्म है। महाॊ भुख्मत् खासी, जमॊनतमा औय गायो आददवासी सभुदाम के रोग यहत े हैं। भेघारम के भध्म औय ऩूवी बाग, स्जसभें खासी औय जमॊनतमा ऩहाडड़माॊ हैं, एक ववशार ऩठायी ऺिे हैं। इस इराके भें ववस्ततृ भैदान, ऩहाडड़माॊ औय नदी-घादटमाॊ हैं। इस ऩठाय के दक्षऺणी इराके भें गहये खड्ड तथा खड़ी ढरानें हैं औय ऩहा ा़ड़ी की तरहटी ऩय सभतर बूसभ की सॊकयी ऩट्टी फॊग्रादेश की अॊतयाषष्ट्रीम सीभा के साथ रगी है। इसके नाभ से ही जादहय होता है, कक मे अत्माधधक वषाष वारा ऺेि है। अत्माधधक वषाष होने औय हय सभम फादरों आच्छाददत यहने के कायण इसका नाभ भेघारम ऩड़ा। भेघारम याज्म की स्थाऩना 1972 भें असभ के दो स्जरों को असभ से काटकय की गमी थी भेघारम शब्द का शस्ब्दक अथष है: भेघों का आरम मा घय। मह सॊस्कृत भूर से ननकरा है। इस शब्द की व्मुत्ऩवत्त करकत्ता ववश्वववद्मारम भें बूगोर ववबाग के प्राध्माऩक एभेरयटस डॉ॰ एस.ऩी॰चटजी द्वाया की गई थी। आयम्ब भें इसके नाभ ऩय काफी ववयोध हुआ, क्मोंकक अन्म ऩूवोत्तय याज्मों की बाॊनत, स्जनके नाभ उनके ननवाससमों से सॊफॊधधत थे, जैसे सभजोयभ: सभजो जनजानत, नागारैण्ड: नागा रोग, असभ: असोभ मा अहोभ रोग के नाभ ऩय है; ककन्तु भेघारम शब्द से स्थानीम गायो, खासी मा जमॊनतमा जनजानतमों के नाभ से कहीॊ सम्फस्न्धत नहीॊ होता है। ककन्तु कारान्तय भें इसे अऩना सरमा गमा।

    कृष्णा सागय, फायहवीॊ भानववकी

    अवऩषत गुप्ता कऺा सातवीॊ नम्रता कऺा ऩाॊचवीॊ

    भेघों का घय है जो: भेघारम

    एक फाय एक भोय था जो फहुत सुन्दय था, उसके ऩॊख फेहद खूफसूयत थे। एक ददन खूफ झभ–झभ फारयश हुई औय भोय नाचने रगा। नाचत ेहुए वह अऩनी खूफसूयती को ननहाय यहा था, ऩय अचानक उसका ध्मान उसकी आवाज ऩय गमा, जो कक फेहद फेसुया औय कठोय था। इस फात का एहसास होते ही वह फेहद उदास हो गमा औय उसके आॊखों भें आॊसू आ गएॊ। तबी अचानक, उसे एक कोमर गाती हुए सुनाई दी। कोमर की भधुय आवाज को सुनकय, भोय को उसकी कभी एक फाय कपय एहसास हुआ। वह सोचन ेरगा कक बगवान न ेउस ेसुॊदयता तो दी ऩय फेसुया क्मों फनामा। तबी एक देवी प्रकट हुई औय उन्होंने भोय से ऩछूा “भोय, तुभ क्मों उदास हो?”भोय ने देवी स ेअऩनी कठोय आवाज के फाये भें सशकामत की औय उनस ेऩूछा, “कोमर की आवाज इतनी भीठी है ऩय भेयी क्मों नहीॊ? इससरए भैं दखुी हूॉ।अफ भोय की फात सुनकय, देवी न ेसभझामा, “बगवान के द्वाया सबी का दहस्सा ननधाषरयत है, हय जीव अऩने तयीके स ेखास होता है। बगवान न ेउन्हें अरग–अरग फनामा है औय व ेएक ननस्श्चत काभ के सरए हैं। उन्होंन े भोय को सुॊदयता दी, शेय को ताकत औय कोमर को भीठी आवाज! हभें बगवान के ददए इन उऩहायों का सम्भान कयना चादहए औय स्जतना है उतने भें ही खुश यहना चादहए।”देवी की फातों को सुनकय भोय सभझ गमा कक दसूयों से तुरना नहीॊ कयनी चादहए फस्कक खुद के हुनय की सयाहना कयनी चादहए औय उस ेऔय ननखायना चादहए। भोय उस ददन सभझा कक हय व्मस्क्त ककसी न ककसी तयह स ेमूननक होता है । इस कहानी से हभें मह सशऺा सभरती है कक- खुद को स्वीकाय कयना ही खुशी का ऩहरा कदभ है। जो कुछ बी आऩके ऩास नहीॊ है, उसके सरए दखुी होने के फजाम, आऩके ऩास जो है, उसे स्वीकाय कयें।

    सशऺा सफसे शस्क्तशारी हधथमाय है स्जसे आऩ दनुनमा को फदरने के

    सरए उऩमोग कय सकते हैं

    भोय की सशकामत रघ ुकथा

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 6

    जीवन उसी का धन्म है जो अनेकों को प्रकाश दे प्रबाव उसी का धन्म है स्जसके द्वाया अनेकों भें आशा जाग्रत हो।

    November 2019- A Garo

    song “Bin ba dunglung,

    gaseye ukai…..”was per-

    formed in morning as-

    sembly. It is a Khasi

    song about how Khasis

    in the older days live

    through agriculture.

    GROUP SONG AND DANCE

    EK BHARAT SHRESHTH BHARAT

    December 2019- Har-

    vest song performed

    by primary students

    on Fun day. The lyrics

    are –“ Aaley aaley yon-

    ki , daatoekoy hool-

    iekay, aaley aaley do

    chabin akay”.

    January 2020- On the

    occasion of Republic

    Day a folk dance com-

    petition was orga-

    nized in which three

    groups- Garo, Khasi

    and Jayantiya partici-

    pated. Garo group was

    declaired the winner

    and awarded by our

    Principal Sir.

    February 2020- In

    morning assembly a

    Garo folk song- “ Aabri

    aachu simdinda, aiwa

    nakat ga paan mang,

    ama angko o

    achio,asoong reng-

    deng gata mang aiao”

    was performed.

    State day celebration

    On 21 January 2020,

    State Day of Meghalaya

    was celebrated in a very

    enthusiastic manner in

    our vidyalaya with some

    cultural activities.

    Group song- “Horu horu

    jhorona , chilchilo

    paani” performed by

    class-5 and a Garo folk

    dance – “Aio aio! Ooo

    angthila, ooo aama diye

    chong, aio aio tung kise

    kaato”enjoyed by all.

    TRIPTI GUPTA

    MUSIC TEACHER

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 7

    ऩुस्तक सभीऺा

    ऩसु्तक का नाभ: गीताॊजसर रेखक का नाभ: यफीॊद्रनाथ टैगोय

    प्रकाशन: भनोज प्रकाशन ऩषृ्ठ:172

    भकूम: 80/रु. भाि सॊस्कयण: आठवाॊ,2012

    आइ.एस.फी.एन.: 978-81-8133-321-6 गरुूदेव यफीॊद्रनाथ टैगोय एक ऐसे यचनाकभी थ,ेस्जनकी यचनात्भकता सुॊदयभ ् से सशवभ ्की ओय सहज रूऩ से प्रवादहत होती है।अऩनी यचनाओॊ भें इन्होंने जहाॊ सभाज भें व्माप्त ववसबन्न ववयोधाबासों को उकेया है,वहीॊ व्मस्क्त के भनोववऻान का ववश्रेषण कयत ेहुमे उसे जीवन भें आने वारी सभस्माओॊ से उफयने की ऐसी याह सझुाई है, स्जस ओय ककसी का ध्मान नहीॊ जाता। “गीताॊजसर” टैगोय की ऐसी गीत-सॊगीतभमी यचना है। जो भनषु्म के सास्त्वक भनोबाओॊ को ववसबन्न प्रतीकों द्वाया असबव्मक्त कयती है। श्रद्धा, सभऩषण, प्रेभ, ऺभा, भौन, बस्क्त जैसे बाव इसभें इस तयह वऩयोमे गमे हैं कक ऐसा रगता ही नहीॊ कक मह कोई भानवीम कृनत है। अद्द्ववतीम, ऩावन औय चभत्कृत कयने वारी ददव्म यचना है मह गीताॊजसर, स्जसे 1913 भें नोफर ऩयुस्काय से सम्भाननत ककमा गमा। मयूोऩीम देशों द्वाया सादहत्म के ऺेि भें ककसी बायतीम की मह प्रथभ स्वीकृनत थी।

    कामष उद्मभ से ससद्ध होत ेहैं, भनोयथों से नहीॊ।

    चीॊटी को देखा? चीॊटी को देखा?

    वह सयर, ववयर, कारी येखा तभ के तागे सी जो दहर-डुर,

    चरती रघु ऩद ऩर-ऩर सभर-जुर, मह है वऩऩीसरका ऩाॉनत! देखो ना, ककस बाॉनत

    काभ कयती वह सतत, कन-कन कनके चुनती अववयत।

    गाम चयाती, धूऩ खखराती, फच्चों की ननगयानी कयती

    रड़ती, अरय से तननक न डयती, दर के दर सेना सॊवायती, घय-आॉगन, जनऩथ फुहायती। चीॊटी है प्राणी साभास्जक,

    वह श्रभजीवी, वह सुनागरयक। देखा चीॊटी को? उसके जी को?

    बूये फारों की सी कतयन, छुऩा नहीॊ उसका छोटाऩन, वह सभस्त ऩथृ्वी ऩय ननबषय

    ववचयण कयती, श्रभ भें तन्भम वह जीवन की नतनगी अऺम। वह बी क्मा देही है, नतर-सी?

    प्राणों की रयरसभर खझरसभर-सी। ददनबय भें वह भीरों चरती, अथक कामष से कबी न टरती।

    कवववय सुसभिानॊदन ऩॊत सुबद्रा सक्सेना

    स्नातक सशक्षऺका साभास्जक ववऻान

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 8

    अॊत:कयण भनषु्म का सफसे सच्चा सभि, नन:स्वाथष ऩथप्रदशषक औय वात्सकमऩणूष असबबावक है, वह न कबी धोखा देता है, न साथ छोड़ता है औय न उऩेऺा कयता है।

    Taking PLEDGE on various issues

    of social and national concern under

    EK BHARAT SHRESHTH BHARAT

    1. PLEDGE on the various subjects

    provided as per the calendar of

    Activities under EBSB were taken

    in the morning assembly by the stu-

    dents as well as all the staff mem-

    bers of the vidyalaya.

    2. Pledge on various subjects was

    taken on rotation on Saturday eve-

    ry week as per the guidelines re-

    ceived.

    3. Students took the pledge on

    SWACHCHATA in the morning as-

    sembly.

    4. Pledge to SAVE WATER was tak-

    en by the students and they were

    also asked to motivate others to

    take the same pledge.

    5. Students and all the staff mem-

    bers also took pledge to „ SAY NO

    TO SINGLE USE PLASTIC‟ to save

    the environment and Mother Earth

    from this disastrous monster.

    weekly Quiz/Question Answer ses-

    sion on state Meghalaya under

    EK BHARAT SHRESTH BHARAT

    1. Quizzes on state Meghalaya under EBSB were conducted in the morning assembly and

    participation was taken by the all students of the vidyalaya.

    2. Quiz was conducted on rotation on Friday every week as per the guidelines received.

    3. Students took very active part on weekly Quiz/Question Answer session in the morn-

    ing assembly.

    4. Topics were related to Literal meaning of paired state, language spoken, rivers, festi-

    vals, national parks, heritage, state animal/bird etc.

    Q

    U

    I

    Z

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 9

    जीवन एक ऩाठशारा है, स्जसभें अनबुवों के आधाय ऩय हभ सशऺा प्राप्त कयत ेहैं।

    एक बायत शे्रष्ठ बायत भेघारम

    ववद्मारम करा दीघाष से

    एक बायत शे्रष्ठ बायत के अॊतगषत आवॊदटत भेघारम याज्म ऩय ववसबन्न कामषक्रभों के अॊतगषत ड्राइॊग औय ऩेंदटॊग तथा डडस्प्रे फोडष की ववषम वाय सज्जा भें ववद्माधथषमों ने ननमसभत रूऩ से प्रनतबाग

    ककमा। भेघारम के साॊस्कृनतक,साभास्जक,आधथषकऔय सादहस्त्मक ववशेषताओॊ से ऩरयधचत होकय उनका बरीबाॊनत प्रदशषन ककमा।

    श्रुनत त्रिवेदी, स्नातक सशक्षऺका करा

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 10

    ऊॉ चे उठो, प्रसपु्त को जगाओॊ, जो भहान ्है उसका अवरम्फन कयो ओय आगे फढो।

    Following activities are conducted under

    constitution day till the month of February

    2020

    1: Preamble and fundamental duties re-

    garding activity was conducted in a nice

    way by Mrs. Subhadra Saxena in the morn-

    ing assembly.

    2: pledge was taken in the morning assem-

    bly by all classes.

    3: essay writing competition was conduct-

    ed in the all classes.

    4: a lecture was delivered by Mrs. Monika

    Pandey in the topic of fundamental duties

    in front of students Indore Conference Hall

    lecture was very fruitful for student.

    5: online quiz competition was organized

    successfully in the 6th to 11th class.

    6: a beautiful skit was presented by the

    student regarding constituent assembly by

    the class 6th to 8th. Under the cultural

    program.

    CELEBRATION OF

    CONSTITUTION DAY

    सॊववधान ददवस हय सार 26 नवॊफय को भनामा जाता है। सार 1949 भें 26 नवॊफय के ददन ही बायत के सॊववधान भसौदे को अऩनामा गमा था। सॊववधान सबा ने 2 सार, 11 भहीने औय 18 ददन भें हभाये सॊववधान को तमैाय ककमा था। बायत का सॊववधान 26 जनवयी 1950 से राग ू ककमा गमा, इससरए ही 26 जनवयी को हभ गणतॊि ददवस भनात ेहैं। फता दें कक बायत सयकाय द्वाया ऩहरी फाय 2015 भें "सॊववधान ददवस" भनामा गमा। डॉ. बीभयाव अॊफेडकय के मोगदान को माद कयने औय सभाज भें सॊववधान के भहत्व का प्रसाय कयने के उद्देश्म से सॊववधान ददवस भनामा जाता है।

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 11

    उद्देश्म प्रास्प्त हेत ुकभष, ववचाय औय बावना का ध्रुवीकयण कयना चादहमे।

    ववश्व ऩमाषवयण ददवस 5 जनू

    ऩमाषवयण सुयऺा, जीवन यऺा

    सॊमकु्त याष्ट्र द्वाया घोवषत मह ददवस ऩमाषवयण के प्रनत वसै्श्वक स्तय ऩय याजननैतक औय साभास्जक जागनृत राने के सरए भनामा जाता है। इसकी शरुुआत 1972 भें 5 जून से 16 जून तक सॊमकु्त याष्ट्र भहासबा द्वाया आमोस्जत ववश्व ऩमाषवयण सम्भेरन से हुई। 5 जून 1973 को ऩहरा ववश्व ऩमाषवयण ददवस भनामा गमा। ऩमाषवयण के जवैवक सॊघटकों भें सकू्ष्भ जीवाण ु से रेकय कीड़-ेभकोड़,े सबी जीव-जॊत ु औय ऩेड़-ऩौधों के अरावा उनसे जुड़ी सायी जैव कक्रमाएॊ औय प्रकक्रमाएॊ बी शासभर हैं। जफकक ऩमाषवयण के अजैववक सॊघटकों भें ननजीव तत्व औय उनसे जुड़ी प्रकक्रमाएॊ आती हैं, जैसे: ऩवषत, चट्टानें, नदी, हवा औय जरवाम ुके तत्व इत्मादद।

    “प्रकृनत भें गहयाई से देखना शुरू कयो, तुम्हें सभझ आएगा कक सफ कुछ ककतना अच्छा है।”

    आइन्स्टाइन

  • वषष 4 अॊक – 34 “प्रमास” एक बायत शे्रष्ठ बायत - ववशषेाॊक भई - 2020 ऩषृ्ठ 12

    मदद अॊधकाय से रड़ने का सॊककऩ कोई कय रेता है तो एक अकेरा जुगन ूबी सफ अॊधकाय हय रेता है।

    ऩूखणषभा त्रिऩाठी ऩुस्तकारमाध्मऺा

    कृष्णा सागय फायहवीॊ भानववकी

    शगुन फायहवीॊ भानववकी

    सॊऩादक भॊडर

    KENDRIYA VIDYALAYA KANPUR, CANTT

    (SHIFT- 2)

    [email protected]

    [email protected]

    https://kanpurkvcantt.wordpress.com

    सावधानी है फहुत जरूयी

    कोववड-19 से फचाव के सरमे: फाय-फाय हाथ धोएॊ. हाथ धोने के सरए, साफुन औय ऩानी

    मा एककोहर वारा हैंड यफ इस्तभेार कयें. अगय कोई खाॊस मा छीॊक यहा है, तो उससे उधचत दयूी

    फनाए यखें. अऩनी आॊखें, नाक मा भुॊह को न छुएॊ. खाॊसने मा छीॊकने ऩय अऩनी नाक औय भुॊह को कोहनी मा

    दटश्मू ऩेऩय से ढक रें. अगय आऩ ठीक नहीॊ भहसूस कय यहे हैं, तो घय ऩय यहें. अगय आऩको फुखाय, खाॊसी है, औय साॊस रेने भें ऩयेशानी

    हो यही है, तो डॉक्टय के ऩास जाएॊ. ऩहरे ही कॉर कय रें. स्थानीम स्वास्थ्म प्राधधकयण के ननदेश भानें. अगय आऩ त्रफना जरूयत के अस्ऩतार/स्क्रननक वगैयह नहीॊ जात,े तो स्वास्थ्म देखबार सेवाएॊ ज़्मादा फेहतय तयीके से काभ कय ऩाती हैं स्जसे आऩ औय दसूये रोग सुयक्षऺत यहत ेहैं.

    कोववड 19

    सजृन सस ॊह कऺा ऩाॊचवीॊ