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पा य म अ भक प स म त अ य ो. (डॉ.) नरेश दाधीच
कुलप त वधमान महावीर खलुा व व व यालय कोटा (राज थान)
संयोजक / सम वयक एवं सद य वषय सम वयक ो. डी. एस. चौहान
ग णत वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु
सद य स चव/सम वयक डॉ. अशोक शमा सह आचाय, राजनी त व ान वधमान महावीर खलुा व व व यालय, कोटा
सद य 1. ो. वी. पी. स सेना
भतूपूव कुलप त एव ंसेवा नवतृ ोफेसर जीवाजी व व व यालय वा लयर (म य देश)
4. डॉ. ऐ. के. माथुर सेवा नवृ त सह आचाय ग णत वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु
7. डॉ. वमलेश सोनी या याता - ग णत राजक य नातको तर महा व यालय कोटा (राज.)
2. ो. एस. सी. राजवंशी ग णत वभाग, इ ट यूट ऑफ इंजी नय रगं ए ड टे नोलॉजी भ डल, रोपड़ (पजंाब)
5. डॉ. के. एन. सहं सह आचाय ग णत वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु
8. डॉ. के. के. म ा या याता - ग णत एम. एस. जे. महा व यालय भरतपरु (राज.)
3. ो. एस. पी. गोयल ग णत वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु
6. डॉ. परेश यास सहायक आचाय ग णत वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु
9. डॉ. के. एस. शेखावत या याता - ग णत राजक य क याण महा व यालय, सीकर (राज.)
संपादन तथा पाठ लेखन संपादक ो. आर. सी. चौधर
सेवा नवतृ ोफेसर ग णत वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु
2. राकेश पा डेय या याता – ग णत वभाग एस. एस. जैन सबुोध नाको तर
महा व यालय,जयपरु
4. डॉ. श लनी जैन एसो सएट ोफेसर – ग णत वभाग राज थान इंजी नय रगं कॉलेज फॉर वमे स भकंरोटा, जयपरु
1. डॉ. वमलेश सोनी याखाता-ग णत
राजक य क याण महा व यालय, कोटा (राज.)
3. डॉ. के.के म ा या याता- ग णत वभाग राजक य एम.एस. जे. नातको तर महा व यालय, भरतपरु
अकाद मक एवं शास नक यव था ो. (डॉ.) नरेश दाधीच
कुलप त वधमान महावीर खुला व व व यालय कोटा (राज.)
ो. (डॉ.) एम.के. घड़ो लया नदेशक
सकंाय वभाग
योगे गोयल भार
पा य म साम ी उ पादन एव ं वतरण वभाग
पा य म उ पादन योगे गोयल
सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खलुा व व व यालय कोटा (राज.)
पुनः उ पादन :अग त,2010 ISBN-13/978-81-8496-039-6 इस साम ी के कसी भी अंश को व.म.ख.ु व. कोटा क ल खत अनुम त के बना कसी भी प म अथवा म मयो ाफ (च मु ण) वारा या अ य पनुः ततु करने क अनुम त नह ंह।
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MT-06
वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा
सं या मक व लेषण एवं स दश कलन इकाई इकाई पृ ठ सं या इकाई 1 प र मत अ तर 6—39 इकाई 2 प र मत अ तर - 2 40—62 इकाई 3 समान अंतराल वारा अंतवशन 63—88 इकाई 4 असमान अंतराल वारा अंतवशन 89—111 इकाई 5 क य अ तर अंतवशन 112—131 इकाई 6 तलोम अंतवशन 132—151 इकाई 7 सं या मक अवकलन 152—170 इकाई 8 सं या मक समाकलन 171—186 इकाई 9 बीजीय तथा अबीजीय समीकरण के सं या मक हल 187—208 इकाई 10 रे खक बीजीय समीकरण 209—232 इकाई 11 साधारण अवकल समीकरण के सं या मक हल 233—254 इकाई 12 स दश कलन 255—270 इकाई 13 अवकल सकंारक 271—238 इकाई 14 अवकल सकंारक के अनु योग 239—309 इकाई 15 रेखा, पृ ठ एव ंआयतन समाकल 310—368
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तावना
तुत पु तक "सं या मक व लेषण एव ंस दश कलन" वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा वारा ता वत पा य मानसुार बी. एस. सी. भाग वतीय के ग णत वषय- ततृीय न -प के अ ययन अ यापन हेतु सिृजत क गई है । ग णत जैसे वषय क विृ त को यान म रखते हु ए पु तक म अं ेजी श द का समु चत योग कया गाया है । पु तक क व भ न इकाइय को व वान लेखक वारा लखा गया है । लेखक ने पु तक को त यपरक बनाने के लए मानक थ क सहायता ा त क है, इनके रच यताओं के लए कृत तापन इन पिं तय के मा यम से तुत है । यह पु तक व या थय के लए तयोगी पर ाओं हेतु भी सह मागदशन दान करने म सहायक होगी ।
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इकाई–1 : प र मत अ तर (Finite differences) इकाई क प रेखा
1.0 उ े य 1.1 तावना 1.2 एव ंअ ातंर संकारक (∆)
1.2.1 अ ांतर सारणी 1.2.2 अ ातंर संकारक के गणुधम
1.3 प चातंर एव ंप चांतर संकारक (∆) 1.3.1 प चातंर सारणी 1.3.2 प चातंर संकारक के गणुधम
1.4 अ गामी अ तर सू 1.5 अ तर कलन का मूलभूत मेय 1.6 व थापन सकारक (E)
1.6.1 व थापन संकारक के गणुधम 1.7 अवकल संकारक (D) 1.8 संकारक ∆, ∆,E,एव ंD म स बधं 1.9 कसी फलन म समान दरू वाले पद म अ ात पद ात करना 1.10 साराशं 1.11 श दावल 1.12 वमू यांकन न के उ तर 1.13 अ यास न
1.0 उ े य इस इकाई के अ ययन के प चात ्आप
1. कसी दये हु ए फलन के व भ न म के अ ांतर एव ंप चातंर ात कर सकगे। 2. संकारक ∆, ∆, E, एव ंD के गणुधम एव ंइनके स बधं को जान सकगे । 3. समदरू थ ि थत x के मान पर f(x) के मान ात होने पर, दये हु ए x पर f(x) के
अ ात मान को ात कर सकगे ।
1.1 तावना सं या मक व लेषण (Numerical–analysis),ग णत शा क एक मह वपणू शाखा है । इसक सहायता से ग णत क सम याओं के सं या मक हल (Numerical solution) ात कये जा सकत ेह । जब कसी सम या का वै ले षक (analytical) या यथाथ (exact) हल ात नह जा सकता हो, तो हम सं या मक हल क आव यकता होती है । उदाहरण के लये,
य द हम कसी अवकल या समाकल समीकरण का ( )y f x के प म हल ात नह है या
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ात करना स भव नह है, तो हम x के कसी वशेष मान के लये y का अनमुा नत (approximated) मान सं या मक व लेषण क व धय वारा ा त कर सकत ेह। सं या मक व लेषण के अ ययन हेत ुहम कुछ मूलभतू अवधारणाओं को समझना होगा। इस इकाई म हम कुछ संकारको यथा अ ांतर (∆), प चातंर (∆), व थापन (E) एव ं(D) संकारको एव ंइनके गणुधम , अनु योग एव ंइनके स बधं के बारे म अ ययन करगे । य द अ तराल [a, b] म x के येक मान के लये y = f (x) सतत ्हो, इस फलन क सहायता से x (a ≤ x ≤ b) के येक मान के लये y का मान ात कया जा सकता है । य द f (x) अ ात हो, ले कन x के कुछ मान के लये संगत y के मान ात ह , तो प र मत अंतर (Finite–differences) क सहायता से फलन का अनमुा नत सि नकट मान ात कर सकत ेह ।
इस इकाई म हम वतं चर ( x ) के समान अ तराल पर मान के संगत आ त चर (y) के मान ात होने पर, x के वशेष मान के लये y का मान ात करने क व ध का भी अ ययन करगे ।
1.2 अ ांतर एवं अ ांतर संकारक (∆) (Forward difference and forward difference operator)
माना y = f (x), x का फलन है । यहा,ँ x को वत चर (Independent variable or argument) एव ंसंगत मान y को आ त चर (dependent variable) या वि ठ (entry) कहते है,। माना x के मागत समदरू थ (equidistant) मान a, a+h, a+2h,………….,a+nh ह। x के मागत मान का अ तर h, अ तर का अ तराल (Interval of differencing)कहलाता है । माना y के संगत मान मश:
( ), ( 2 ),............, ( )f a f a h f a nh ह। इ ह मश:
, 2, ,............,a a h a h a nhy y y y से भी द शत करत ेह । कसी फलन के अ ांतर को
न न कार प रभा षत करत ेह: थम अ ांतर (First forward difference) : फलन f( x ) का x = a पर थम
अ ांतर, x = a+h एव ं x = a पर फलन के संगत मानो f(a+h) एव ंf(a) का अ तर होता है । इसे ∆ f(a) से द शत करत ेह । अथात, x =a पर f( x ) का थम अ ांतर, ∆ f(a) = f(a+h)– f(a) ……… (1) यहाँ संकारक ∆, अ ांतर संकारक (Forward difference operator) कहलाता है । इस संकारक को '' डेल '' कहत ेह । पनु: x =a+h पर फलन f( x ) का थम अ ांतर,
∆ f (a+h)=f (a+2h)–f (a+h), x =a+2hपर फलन f( x ) का थम अ ांतर,
∆ f(a+2h)=f (a+3h)–f (a+2h), ………………………………………………………..
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………………………………………………………… एव ं x = a+(n–1)hपर f( x ) थम अ ांतर, ∆ f ( 1 )a n h = f(a+nh)– f ( 1 )a n h यापक प म थम अ ांतर को न न कार से प रभा षत करत ेहै: ∆ f ( x )= f( x +h)– f( x ) ……..2 जहा ँh अ तर का अ तराल है। द तीय अ ांतर(Second forward difference) : फलन f( x ) का x = a पर वतीय अ ांतर, x = a+h एव ंx=a पर फलन के संगत थम अ ांतर ∆ f(a+h) एव ं∆ f(a) का अ तर होता है । इसे ∆2f(a) वारा द शत करत ेह । अथात ्x =a पर f( x ) का वतीय अ ांतर, ∆2f(a) =∆f (a+h)–∆f(a)
=[f(a+2h)–f (a+h)]–[f(a+h)–f (a)] (समीकरण(2) से)
=f(a+2h)–2f(a+h)+f(a) इसी कार, x =a+h पर f( x ), वतीय अ ांतर,
2 f(a+h)=∆f (a+2h)–∆f(a+h) =[f(a+3h)–f(a+2h]–[f(a+2h)–f(a+h)] =f(a+3h)–2(a+2h)+f(a+h)
यापक प म वतीय अ ांतर को न न कार से प रभा षत करत ेह: 2 f( x )=∆ f( x +h)–∆f( x ) …..3
इसी कार हम ततृीय, चतुथ एव ंउ च अ ांतर को प रभा षत कर सकत ेह। यापक प म n व अ ांतर को न न कार से प रभा षत करत ेह:
1 1( ) ( ) ( )n n nf x f x h f x ……4 समीकरकण (2) एव ं (3), समीकरण (4) क वशेष ि थ तया ँह । यहा ँn, अ ांतर का म (order) कहलाता है तथा n म n, ∆ क घात न होकर संकारक ∆ क n बार
पनुराविृ त है । अ ांतर को प र मत अ तर (finite difference) भी कहत ेह ।
1.2.1 अ ांतर सारणी :
कसी फलन f( x ) के व भ न म के अ ांतर को सारणीब कया जा सकता है । इससे हम x के व भ न मान पर उ च म के अ ांतर ात करने म आसानी होती है।
अ ांतर सारणी वतं चर
x वि ठ
y =f (x)
थम अ ांतर
∆ f (x)
वतीय अ ातंर
2 ( )f x
ततृीय अ ांतर
2 ( )f x
चतथु अं ातर 4 ( )f x
a f (a)
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f (a+h)–f(a) =∆f(a)
a + h f (a+h) f (a+h)– f(a) = 2f (a)
f (a+2h) –f(a+h) = f (a+h)
2f (a+2h)– 2f (a) = 3f (a)
a+2h f (a+2h) f (a+2h)– f (a+h) = 2f (a+h)
3f (a+h)
– 3f (a)
= 4 f(a)
f (a+3h)– f (a+2h) 2f (a+2h) = f (a+2h) = 3f (a+h)
a+3h f (a+3h) f (a+3h)– f (a+2h)
= 2f (a+2h) ........ f (a+4h) – f (a+3h) ........
= f (a+3h) a +4h f (a+4h) ........ ......... ...... ........ ........
अ ांतर सारणी बनाने हेत ु न न या अपनात ेह: (i) थम त भ म वतं चर = x एव ं वतीय त भ म संगत वि ठ y = f(x) का
मान लखत ेह । (ii) ततृीय त भ म, वतीय त भ के येक f(x) के मान को उसके बाद आने वाले f(x)
के मान म से घटाकर लखत ेह । यह थम अ ांतर (∆ f (x)) होता है । (iii) चतथु त भ म, ततृीय त भ के येक थम अ ांतर को उसके बाद आने वाले थम
अ ांतर म से घटाकर लखत ेह । यह वतीय अ ांतर 2( ( ))f x होगा । (iv) इसी कार आगे आने वाले त भ म 3 4( ), ( ),......f x f x के मान लखत ेह । जब
कसी त भ म येक मान समान आ जाये या केवल एक ह मान रहे, तो इसे या को वह ंरोक देत ेह । अ ांतार सारणी के त भ का थम मान [f(a)] अ ग पद (leading term)एव ंआगे आने वाले
येक त भ के थम मान [ 2( ), ( ).......]f a f a अ ग अ ांतर (leading forward differences) कहलात ेह ।
1.2.2 अ ांतर संकारक के गणुधम
इस भाग म हम अ ांतर संकारक ∆ के व भ न गणुधम का अ ययन करेग। 1. अचर फलन का अ ांतर शू य होता है, अथात ∆ (अचर फलन) =0
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माण: माना f (x) = C,जहाँ C, जहा ँC एक अचर है । य द अ तर का अंतराल h हो, तो अ ांतर क प रभाषा से ∆ f(x)= f(x+h)–f(x)
=C–C =0
या ∆C=0, अथात हम कह सकत ेह क कसी अचर फलन या अचर रा श पर ∆ का मान शू य होता है।
2. रै खकता गणुधम (Linearity property):
1 2 1 2[ ( ) ( )] ( ) ( )C f x C g x C f x C g x जहा,ँ C1,C2 अचर ह । माण: य द अ तर का अ तराल h है, तो अ ांतर या ∆ क प रभाषा से,
L.H.S.= 1 2[ ( ) ( )]C f x C g x 1 2 1 2[ ( ) ( )] [ ( ) ( )]C f x h C g x h C f x C g x
1 2[ ( ) ( )] [ ( ) ( )]C f x h f x C g x h g x
1 2( ) ( )C f x C g x = R.H.S. वशेष ि थ त: (i) य द C2 =0 हो तो
1 2( ) ( )C f x C g x अथात ∆, अचर रा श के साथ म व नमेय नयम का पालन करता है । य द C2 = C1 =1 हो, तो ∆[f(x)+g(x)]=∆f(x)+∆g(x) अथातXCCत ∆ दो फलन के योग पर बटंन नयम (distributive law) का पालन करता है ।
3. घातांक का नयम (law of indices): . ( ) ( )m n m nf x f x
माण: हम जानते ह क n , ∆ क n बार पनुरावृ त को द शत करता है , अथात n = ∆.∆.............n बार
अत: .m n f (x)=(∆.∆………..m बार) (∆.∆……..n बार) f (x)
= {∆.∆………(m+n)बार }f(x) = ( )m n f x
4. दो फलन के गणुन का अ ांतर (प र मत अ तर) : ∆[f(x).g(x)]=f(x+h)∆g(x)+g(x)∆f(x)
माण : य द अ तर का अ तराल h, हो,तो L.H.S.=∆ [f(x) g(x)] = f (x+h) g(x+h)– f(x) g(x)
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=f(x+h) g(x+h)– f(x+h) g(x)+f(x+h) g(x)–f(x) g(x) f(x+h)g(x) को जोड़ने व घटाने पर)
= f(x+h)[g(x+h)–g(x)]+g(x)[f(x+h)–f(x)] = f(x+h)∆ g(x)+g(x)∆f(x)
(∆ क प रभाषा से) = R.H.S.
5. दो फलन के भागफल का अ ांतर (प र मत अ तर):
( ) ( ) ( ) ( ) ( )[ ]( ) ( ) ( )
f x g x f x f x g xg x g x h g x
माण: अ तर का अ तराल h होने पर,
L.H.S.=∆[ ( )( )
f xg x
]= ( )( )x h
g x h
– ( )( )
f xg x
= ( ) ( ) ( ) ( )( ) ( )
g x f x h f x g x hg x h g x
( ) ( ) ( ) ( ) ( ) ( ) ( ) ( )( ) ( )
g x f x h f x g x f x g x f x g x hg x h g x
(अंश म f(x)g(x) जोड़ने व घटाने पर)
= ( )[ ( ) ( )] ( )[ ( ) ( )]( ) ( )
g x f x h f x f x g x h g xg x h g x
= ( )g x ∆ ( ) ( )( ) ( )f x f x
g x h g x
∆ g(x)
=R.H.S.
1.3 प चांतर एवं प चांतर संकारक () (Backward difference and backward difference operator) माना y = f (x), x का फलन है एव ंx के a, a+h, a+2h,……..मान के लए, संगत y के मान मश:f (a),f (a+h),f (a+2h),…………..ह। फलन f (x) के कसी ब द ुपर प चांतर को न न कार प रभा षत करत ेह थम प चांतर (first backward difference): कसी फलन f (x) का x=a पर थम
प चातंर, फलन के x=a एव ंx=a–h पर संगत मान f (a) एव ंf (a–h) का अ तर है । इसे f (a) से द शत करत ेह । अत: फलन f (x)का x=a पर थम प चातंर f (a)= f (a)– f (a–h)
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यहंा,ँ , प चांतर संकारक (backward difference operator) कहलाता है। सकेंत को ने ला (nabla) कहत ेह । पनु :f (x) का x=a+h पर थम प चातंर, f (a+h)=f (a+h)– f (a) इसी तरह x के अ य मान पर फलन के प चांतर ात कर सकत ेह ∆ यापक प म f(x) के थम प चांतर को न न प म प रभा षत करत ेह: f (x)= f (x)– f (x–h) द तीय प चांतर (second backward difference) : फलन f (x) के x=a पर वतीय प चांतर को 2 f (a) से दे शत करत े ह और इसे न न कार प रभा षत
करते ह 2f (a)= ∆ f (a)– f (a–h)
= [f (a)– f (a–h)] – [f (a–h)– f (a–2h)] ( क प रभाषा से)
= f (a) – 2f (a–h) + f (a–2h) इसी कार x के अ य मान पर f (x) के वतीय प चांतर ात कये जा सकत ेह । यापक प म फलन f (x) के n व प चांतर को न न कार प रभा षत करत ेह
1 1( ) ( ) ( )n n nf a f x f x h जहा,ँ h अ तर का अ तराल है । यहा,ँ∆ संकारक के समान, n , क n बार पनुराविृ त को द शत करता है, अथात
n f (x)=( .…………….n बार) f (x) ट पणी: f (x) के x=a पर अ ांतर म, f (x) कोx के उ तरव त मान पर फलन के संगत मान f (x+h) म से घटात ेह, जब क उसी ब द ुपर प चातंर म, f (x) म से x के पवूवत मान पर फलन के संगत मान f (x–h) को घटात ेह ।
1.3.1 प चातंर सारणी (Backward difference table):
प चातंर सारणी बनाने के लये हम अ ांतर सारणी बनाने वाल या को ह अपनात ेह । अ तर यह होता है क, जहा ँहमन ततृीय त भ म पहला मान ∆ f (a) ा त कया था, प चांतर सारणी म वह मान ∆ f (a+h) होगा । इसी कार ततृीय त भ के अ य मान f (a+h),∆f (a+2h),…..के थान पर उ तरो तर ∆f (a+2h), ∆f (a+3h),……ह गे अथात a के थान पर (a+h) एव ं∆ के थान पर रखकर मान ा त कये जा सकत ेह । इसी कार चतुथ त म म अ ांतर सारणी म ा त मान म a के थान पर (a+2h), पांचव त भ म a के थान पर (a+3h), इ या द त था पत करके प चातंर सारणी के मान ात कये जा सकत ेह । प चांतर सारणी
न नानसुार होगी प चातंर सारणी
वंत चर x
वि ठ
थम प चांतर
व तय प चांतर
∆2 f (x)
ततृीय प चांतर
∆3 f (x)
चतुथ प चातंर
∆4 f (x)
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y = f (x) f (x)
a f (a) f (a+h) – f(a) = ∆2f (a + 2h) a + h f (a + h) f(a+2h)–f (a+h)
=∆2f (a+2h)
f(a+2h)–f (a+h) = f (a+2h)
∆2f(a+2h)–2f(a+2h) =∆3f (a+3h)
a + 2h f(a + 2h) f(a+3`h)–∆fa+2h) = ∆2f (a+3h)
3f (a+4h)
–3f (a+3h) =4f a+4h) f(a+3h)–f (a+2h)
= ∆ f (a+3h) ∆2f(a+4h)–∆2f (a+3h)
=∆3 f (a+4h)
a + 3h f(a + 3h) f(a+4h)–2f(a+3h) = 2 f (a+4h) f(a+4h)–f(a+3h) = ∆ f (a +4h) a + 4h f(a+4h)
1.3.2 प चातंर संकाकर के गणुधम
प चातंर सकंारक () उन सभी गणुधम का पालन करता है जो अ ांतर संकारक' के होत ेह । अथात ्
1. अचर फलन का प चांतर शू य होता है, अथात ्य द f (x)= C हो तो f (x) = C=0
2. रै खकता गणुधम (Linearity property):
1 2 1 2[ ( ) ( )] ( ) ( )C f x C g x C f x C g x 3. घातांक का नयम (Law of indices):
. ( ) ( )m n m nf x f x 4. दो फलन के गणुन का प चांतर.
[ ( ). ( )] ( ) ( ) ( ) ( )f x g x f x g x g x h f x 5. दो फलन के भागफल का प चांतर :
( ) ( ) ( ) ( ) ( )( ) ( ) ( )
f x g x h f x f x h g xg x g x g x h
इन सभी गणुधम का स यापन क प रभाषा के योग से आसानी से कया जा सकता है ।
14
1.4 अ गामी अ तर सू (Advance difference formula) अ गामी अ तर सू क सहायता से फलन के कसी मान को, कसी वशेष ब द ुपर फलन के व भ न अ ांतरो के पद म य त कया जा सकता है । यह सू न न कार से द शत कया जाता है
2 31 2 3( ) ( ) ( ) ( ) ( )
n n nf a nh f a C f a C f a C f a +………………………+ ( )n f a माण: माना y= f (x) , x का फलन है जो अ तराल [a,b] म प रभा षत एव ं
सतत है । य द अ तराल [a,b] को h ल बाई के उपअ तराल म वभािजत कर, तो x =a, a+h, a+2h,……….,a+nh=b तथा y के संगत मान F (a), f (a+h), f (a+2h),…………..,f (a+nh)होगे । यहाँ h, अ तर का अ तराल है । अभी ट सू को हम ग णतीय आगमन व ध से स करगे । अ ांतर क प रभाषा से,
( ) ( ) ( )f a f a h f a ( ) ( ) ( )f a h f a f a ……………..(1)
प रणाम (1) म a को a + h से त था पत करने पर, ( ) ( ) ( )f a h f a f a h
( ) ( ) [ ( ) ( )]f a f a f a f a (प रणाम(1)से)
2( ) ( ) ( ) ( )f a f a f a f a ( के रै खकता गणुधम से)
2( ) 2 ( ) ( )f a f a f a …………………….(2) प रण।म (1) एव ं(2) से स होता है क अभी ट सू n = 1 एव ंn = 2 लये स य है। माना अभी ट सू n = m के लये स य है, अथात ्
3 2 32 3( ) ( ) ( ) ( )
mf a mh f a C f a C f a +……………..+ m f (a) …………………(3)
अब हम इसे n=m+1 के लये स य स करगे । प रणाम (1) म a को (a+ mh) से त था पत करने पर,
{ ( 1) } ( ) ( )f a m h f a mh f a mh (3) से मान रखने पर,
21 2{ ( 1) } ( ) ( ) ( )
m mf a m h f a C f a C f a 3 3
1( ) ......... ( ) [ ( ) ( )m m mC f a f a f a C f a
2 32 3( ) ( ) ( ) ...... ( )]
m m m mC f a f a C f a f a 2
1 2 1( ) ( 1) ( ) ( ) ( )m m mf a C f a C C f a
3 13 2( ) ( ) ........ ( )
m m mC C f a f a
15
1 1 21 2( ) ( ) ( )
m mf a C f a C f a 1 3 1
3 ( ) ...... ( ),m mC f a f a
10 1(1m m m m
r r rC C C C
के योग से) अत: अभी ट सू n=m के लये स य होने पर n=m+1 के लये भी स य है । अत: ग णतीय आगमन स ा त से n के येक पणूक या मान के लये सू स य है । इस सू को न न कार से भी लखा जा सकता है
21 2 ......
n n na nh a a a ay y c y c y y
ट पणी: इस सू के योग हेत ुx के िजस मान के लये y का मान ात करना है, उसे a+nh मान कर n का मान ात करत ेह । सू म, अ ांतर सारणी से ा त अ ग पद एव ंअ ग अ ांतर के योग से f(a+nh) का मान ात करत ेह । यहा ँx=a को मूल ब द ु(origin) कहत ेह ।
1.5 अ तर कलन का मूलभूत मेय (Fundamental theorem of difference calculus) इस भाग म हम अ तर कलन (difference calculus) क एक मह वपणू मेय, जो क मूलभूत मेय (fundamental theorem) कहलाती है, को स या पत करगे । ाकथन (Statement) : य द फलन f (x), चर x म n को ट (degree) का बहु पद हो
एव ं x के मान समान अ तराल पर हो, तो का f (x) का n वां अ ा तर अचर एव ं(n+1)वां अ ा तर शू य होगा अथात ्
( )n f x = अचर रा श एव ं 1n f(x)=0 माण: य द f (x), चर x म n को ट का बहु पद हो, तो इस न न कार से लखा जा
सकता है f(x)= 1 21 2 1 0.....
n n nn n na x a x a x a x a
………….(i)
यहाँ n एक धना मक पणूाक एव ं 0 1 2, , ,....., na a a a अचर ह, साथ ह अ ग गणुांक (leading coefficient) an अशू य है । समीकरण (i) म x के थान परx+h त था पत करने पर
F (x+h)= 1 21 2( ) ( ) ( )n n n
n n na x h a x h a x h
+……………………….+ 1 0( )a x h a ……….(ii) अ ांतर क प रभाषा से, ∆ f (x)= f (x+h)= f (x)
समीकरण (i) एव ं(ii) से मान रखकर सरल करने पर, ∆ f(x)= 1 11[( ) ] [( ) ]
n n n nn na x h x a x h x
2 22 1[( ) ] ...... [( ) ]
n nna x h x a x h x
या 1 2 31 2( )n n n
n n nf x na hx b x b x
16
2 1....... b x b ……………..(iii)
( वपद मेय से (a + 1 2 2( 1)) .....2
( n n n n nn nna a a a
के योग से) जहाँ 1 2 1, ,....... nb b b अचर रा श ह । स बधं (iii) द शत करता है क n को ट के बहु पद का थम अ तर, (n–1) को ट का बहु पद है ।पनु: वतीय अ ांतर क प रभाषा से,
2 f (x)= ∆f (x+h)– ∆f (x) समीकरण (iii) के योग से, 2 f (x)= 1 21[ ( ) ( )
n nn nna h x h b x h
32 2 1( ) .... ( ) ]
nnb x h b x h b
1 2 31 2 2 1[ ....... ]
n n nn n nna hx b x b x b x b
दवपद मेय के योग एव ंसरल करने पर, 2 2 2 4
1 2( ) ( 1)n n
n n nf x n n a h x c x c x
+……………………..+ 3 2c x c ……(iv)
स बधं (iv) से द शत होता है क n को ट के बहु पद का वतीय अ तर,(n–2) को ट का बहु पद है । उपयु त व ध क n बार पनुराविृ त करने पर, f(x) का n वां अ तर, (n–n) अथात शू य को ट का बहु पद ा त होगा । अत:
( ) [ ( 1)( 2).......{ ( 1)}]n n n nnf x a n n n n n h x
= 0[ ( 1)( 2)......3.2.1] nna n n n h x = ! nna n h …………………..(v)
जो क एक अचर रा श है । अ ांतर के गणुधम (1) से हम जानते ह क अचर रा श का अ ांतर शू य होता है, अत: (v) से
1 ( ) [ ( )]n nf x f x (घातांक नयम से) [ ! ]nna n h = 0
अथात ् n को ट के बहु पद का (n+1) वहा ँअ ांतर शू य होगा । साथ ह (n+1) से अ धक म के अ ा तर भी शू य होगे । यह स करना था । ट पणी: इस मेय का वलोम (converse) भी स य है अथात जब वत चर के मान समान अ तराल पर हो और कसी फलन का n वां अ तर अचर हो, तो वह फलन n को ट का बहु पद होगा । वशेष ि थ त : य द f(x)= mx हो, तो
( !)n m nx n h य द m=n
17
= 0 , य द m < n
1.6 व थापन संकारक (shift operator) माना y=f(x), x का एक फलन है । माना x के मागत समदरू थ मान a, a+h, a+2h,……………………..... पर फलन का मान मश:
( ), ( ), ( 2 ),...........f a f a h f a h है I संकारक E इस कार प रभा षत होता है E f(a) = f(a+h) ………..(1)
संकारक E, व थापन संकारक (shift or displacement operator) कहलाता है । यह फलन के मान म वतं चर को एक मान आगे व था पत करता है अथात h मान क वृ कर देता है ।
पनु: 2E f(a)= E [E f(a)] =E f (a+h) ((i) से) =f (a+h+h) (E क प रभाषा से........... (ii) =f(a+2h)
इसी कार, 3 2( ) [ ( )]E f a E E f a
=E f (a+ 2h) ((ii) से) =f (a+ 3h) (E क प रभाषा से)
यापक प म, E को न न कार प रभा षत करत ेह ( )nE f x = f(x+nh)
यह ं nE , E क n बार पनुराविृ त को द शत करता है, जो फलन म वतं चर को n मान आगे व था पत कर देता है अथात वतं चर म nh मान क वृ कर देता है ।
तलोम संकारक 1 1:E E को न न कार प रभा षत करत ेह 1E f (a)=f (a – h)
इसी कार, 2 1 1( ) [ ( )]E f a E E f a
= 1 ( )E f a h ( 1E क प रभाषा से) = f (a–h–h) (पनु: 1E क प रभाषा से) =f (a– 2h)
यापक प म 1E को न न कार प रभा षत करत ेह nE f (x) = f (x – nh)
अथात nE , f (x) म x को nh मान पहले व था पत कर देता है । ट पणी: 1, 0E =1
2. [ ( )] ( )n nEf x E f x
3. nE का ता पय है, 1E क n बार पनुरावृ त , अथात 1( )n nE E
18
1.6.1 व थापन सकंारक के गणुधम
इस भाग म हम व थापन संकारक के व भ न गणुधम का स माण अ ययन करगे । (i) अचर फलन या अचर रा श म संकारक E कोई प रवतन नह करता है। माण : माना f (x) = c एक अचर फलन है, जहाँ c एक अचर रा श है । अचर फलन
क प रभाषा से, f (x) = f (x + h) = c ……….(i) अब, संकारक E क प रभाषा से, E f (x) = f (x + h)
= c ((i) से) =f (x) (पनु: (i) से)
अथात ्E f (x) = f (x) या E (c)= c अत: संकारक E अचर फलन या अचर रा श म कोई प रवतन नह करता है ।
2. रै खकता गणुधम : 1 2 1 2[ ( ) ( )] ( ) ( ),E c f x c g x c Ef x c Eg x
जहाँ 1c और 2c अचर है । माण: L.H.S.= 1 2[ ( ) ( )]E c f x c g x
1 2( ) ( )c f x h c g x h (E क प रभाषा से) = 1 2( ) ( )c Ef x c Eg x (पनुः E क प रभाषा से) = R.H.S.
वशेष ि थ त :
1. य द 1c = 2c =1 हो, तो [ ( ) ( )] ( ) ( )E f x g x Ef x Eg x
अथात संकारक E, दो फलन के योग पर बटंन नयम का पालन करता है ।
2. य द 2c =0 हो, तो E[ 1c f(x)]= 1c E f(x) अथात E, अचर रा श के लये म व नमेय नयम का पालन करता है ।
3. धाताकं नयम : [ ( )] ( )m n m nE E f x E f x
माण L.H.S.= [ ( )]m nE E f x = (E.E.E…………..m बार) (E.E.E…………….n बार) f (x) =(E.E.E…………….(m+n) बार) f (x) = ( )m nE f x = R.H.S.
19
इस प रणाम को न न कार भी स कया जा सकता है L.H.S.= [ ( )]m nE E f x
[ ( )]mE f x nh
(E क प रभाषा से)
= ( )mE f x nh = f (x +mh + nh) (E क प रभाषा से) = ( )f x m nh = ( )m nE f x (पनुः E क प रभाषा से) = R.H.S.
वशेष ि थ त : य द n = – m हो, तो 0[ ( )] ( ) ( ) ( )m m m mE E f x E f x E f x f x
1.7 अवकल संकारक (Differential operator) (D):
अवकलन ग णत म हम ddx
के बारे म अ ययन कर चुके ह । इसे हम D से
द शत करगे अथात ् dDdx
या ( ) ( ( )).dDf x f xdx
अवकलन संकारक D के व भ न गणुधम का अ ययन पवू म कर चुके ह । अ ा तर संकारक ∆, संकारक D के समान ह गणुधम का पालन करता है । अ तर केवल यह है क प र मत अ तर कलन म जहा ँहम वतं चर और आ त चर म एक साथ प रवतन के अनपुात का अ ययन करत ेह, वह ंअवकलन ग णत म ऐसे अनपुात के सीमा त मान (limiting value) का अ ययन करत ेह जब वतं चर म वृ अ य त अ प (h→0) हो ।
अथात lim
0( ) ( )( ) ( )h
d f x h f xDf x f xdx h
आगे हम D एव ं∆ के स बधं क चचा करगे ।
1.8 संकारक ∆ , , E एवं D म स बंध (Relations between the operators ∆ , , E and D) 1. संकारक E तथा ∆ म व नमेय नयम का पालन करत ेह । माण: (∆ ) f(x)= ∆ [E f (x)]
=∆ [f (x+h)] (E क प रभाषा से) = ∆ f (x+h) = f (x + 2h) – f (x + h) (∆ क प रभाषा से) = E f (x+h)–Ef(x) (E क प रभाषा से)
20
= E[f(x+h)– f (x)] (E के रे खकता गणुधमसे) = E [ ∆ f (x) ] (पनुः ∆ क प रभाषा से)] =(E ∆) f (x)
अत: ∆ E E ∆ 2. स करना है: E1+ माण: अ ांतर क प रभाषा से ∆ f(x)=f(x+h)–f(x)
= E f(x)–f(x) [ E f (x)=f (x+h) ] या E f (x)= f (x)+ ∆ f (x)
= (1+∆) f (x) अत: E 1 + 3. En (1 )n माण : अ गामी अ तर सू से,
21 2( ) ( ) ( ) . ( ) ..... ( )
n n nf x nh f x C f x C f x f x या 21 2( ) (1 ..... )
n n n nE f x c c f(x) [ ( ) ( )]nE f x f x nh
( ) (1 ) ( )n nE f x f x ( वपद मेय से) अत: (1 )n nE वशेष ि थ त: n=1 रखने पर स बधं (2), E = (1+∆) ा त हो जाता है ।
4. 1– 1E माण: प चांतर क प रभाषा से
( ) ( ) ( )f x f x f x h 1( ) ( )f x E f x (E–1 क प रभाषा से) 1(1 ) ( )E f x अत: ∆ 1 1 E या 1– ∆ E–1 5. ∆ ∆ E–1 या ∆ E ∆ माण: प चांतर क प रभाषा से
∆ ( ) ( ) ( )f x f x f x h = ( )f x h (∆ क प रभाषा से) अत: ∆ E–1
पनु: ∆ क प रभाषा से ( ) ( ) ( )f x f x h f x = ( )f x h ( क प रभाषा से) =∆ ( )Ef x (E क प रभाषा से) अत: ∆ E-1
6. (∆ − ) ∆
21
माण: ((∆) f (x) = ∆ [ f (x) [ ( ) ( )]f x f x h ∆ क प रभाषा से
= ∆ ( ) − ∆ ( − ℎ) ∆ क रे खकता से = ∆ ( ) − [ ( ) − ( − ℎ)] ∆ क प रभाषा से
= ∆ ( ) − ∆ f (x) ∆ क प रभाषा से
=(∆ − ∆) f (x) अत: ∆ = ∆ –
दसूर व ध : स बधं (4) एव ं(5) क सहायता से इस स बधं को इस कार स कया जा सकता है
∆ − ∆ − ∆ E–1 ( ∆ E–1) ∆ (1 – E–1) ∆∆ (∆ 11 )E
7. (1 + ∆) (1− c) 1 माण: (1+∆) 1− ∆) f (x)= (1 + ∆) [ f (x)–∆ f (x)]
= (1 + ∆) [ f (x) – {f (x) – f (x – h)}] ( क प रभाषा से)
= (1 + ∆) [ f (x – h) ] = f (x – h) + ∆ f (x – h) = f (x – h) + f (x) – f (x – h)
(∆क प रभाषा से) = f(x)
अत: (1 + ∆) (1 + )1 दसूर व ध : स बधं (2) से, E 1 + एव ंस बधं (4) से ∆ = 1 – E–1
या E–1 = 1 –, अत : (1 + ∆) (1 – ∆) = E.E–1 = E0 = 1 (E के घातांक नयम से)
8. E ehD माण: टेलर मये से हम जानते ह क
2( )( ) ( ) ( ) ''( ) ..... ( ) .....
2! !
nnh hf x h f x hf x f x f x
n
चू ं क f (x)= ( )df xdx
D f(x), 2
22
( )''( ) ( )d f xf x D f xdx
इ या द,
अत :2 2
( ) ( ) ( ) ( ) ......2!
h Df x h f x hDf x F x
+ 2
!
nh Dn
f(x)+……………………
22
2( ) ( )1 ...... .... ( )2! !
nhD hDhD f xn
= ( )hDe f x अत : f (x + h)= hDe f (x) या E f (x) = hDe f (x) (E क प रभाषा से) अत : E hDe
9. D 1h
2 3 4
.......2 3 4
माण: संबधं (8) से, E hDe ………………..(i) संबधं (2) से, E 1 + ∆ …………(ii) (i) एव ं(ii) से,
hDe = 1+∆ दोन ओर log लेने पर, loge (
hDe )= loge (1 + ∆) या hD loge e = loge (1 + ∆) ( loge
nm = n loge m)
या 2 3 4
........2 3 4
hD
( loge =1 एव ंlog ेणी के सार से)
या 2 3 41 .......
2 3 4D
h
10. 2 3 41 .......
2 3 4D
h
माण: सबधं (8) से , E hDe या hDe E–1
(1 )hDe ( E–1 = 1 – ∆) दोन ओर log लेने पर, –hD= loge (1 – ) या hD – loge (1 – ) log ेणी के सार से,
23
2 3 4
.....2 3 4
hD
या 2 3 41
2 3 4D
h
ट पणी: loge (1+x) = x –2 3 4
...........,2 3 4x x x
एव ं – loge (1–x)= x +2 3 4
...........,2 3 4x x x
1.9 कसी फलन म समान दरू वाले पद मे अजात पद ात करना (To find missing term in a equidistant terms of the given function) य द कसी फलन के, वतं चर के समदरू थ मान पर दये हु ए मान म से एक या अ धक पद अ ात ह , तो हम संकारक E एव ं∆ क सहायता से उन अ ात पद को न न ल खत दो व धय वारा ात कर सकत ेह ।
(1) अ ांतर सारणी के योग से : माना f (x) के दये हु ए मान म से n मान ात ह एव ंशेष अ ात ह । अ ांतर सारणी बनाने हेत ु ात एव ंअ ात मान दोन का सारणी म योग करत ेह ।n मान ात होने पर, फलन f (x) को (n –1) को ट का बहु पद मानत ेहु ए n वाँ अ ांतर शू य लेत ेह अथात
n f (x)=0. इस या म हम िजतने पद अ ात ह उतनी ह समीकरण ा त हो जायगी । इन समीकरण को हल करके अ ात पद ात कये जा सकत ेह ।
(2) संकारक E के योग से: व ध (1) क तरह इस व ध म भी n ात मान के लये फलन f (x) का n वाँ अ ा तर शू य मान लेत ेह । अत:
n f (x) = 0 या ( 1)nE f (x) = 0 (E=1+∆ से) या { 1 21 2 ....... ( 1) }
n n n n n nE c E c E f(x) = 0 या 1 21 2( ) ( ) ( )
n n n n nE f x c E f x c E f x +………………….+ ( 1)n f(x) = 0 या f (x+nh)– 1 2( 1 ) ( 2 )
n nc f x n h c f x n h ……………………..+ ( 1)n f (x) = 0 ………………..(i)
अब हम स बधं (i) को, x के दये हु ए वशेष मानॉ x = a, a+h,…... म से उतने मानी के लये ा त करत ेह िजतने पद अ ात ह । उदाहरण के लये, य द एक ह पद अ ात है,तो x = a संबधं (i) मे रखकर एक समीकरण ा त करते ह ।इस समीकरण को हल करने पर अ ात पद ा त हो जाता है ।इसी कार, य द दो पद अ ात ह , तो संबधं (i)
24
म x = a एव ंx = a+h रखकर दो समीकरण ा त करत ेह । इन समीकरण को हल करने पर दोन अ ात पद ात हो जायगे । उपरो त दोन व धया ँआगे दये गये उदाहरण से और प ट हो जायेगी।। उदाहरण 1 न न ल खत आंकड़ के लये अ ांतर सारणी एव ंप चातंर सारणी बनाइये:
X 0 5 10 15 20 25 f (x) 0 7 26 63 124 215
हल : अ ांतर सारणी दये हु ए आकड़ो के लये अ ांतर सारणी न नानसुार होगी
x y = f (x) ∆ f (x) 2 f (x) 3 f (x) 0 0
∆ f (0) = 7 5 7 2 f (0) = 12 ∆ f (5) = 19 3 f (0) = 6 10 26 2 f (5) = 18 (10) 37f 3 f (5) = 6 15 63 2 (10) 24f (15) 61f 3 (10) 6f 20 124 2 (15) 30f (20) 91f 25 215 प चातंर सारणी: प चांतर सारणी म अ ांतर सारणी के समान ह सं या मक 'मान ा त ह गे ले कन व भ न ब दओंु पर प चांतर न नानसुार ह गे x Y= f (x) ∆ f (x) 2 f (x)
3 f (x) 0 0 ∆ f (5) = 7 5 7 2 (10) 12f ∆ f(10)=19 3 f (15)=6 10 26 2 (15) 18f (15) 37f 3 (20) 6f 15 63 2 (20) 24f (20) 16f 3 (25) 6f 20 124 2 (25) 30f (25) 91f 25 215
दोन सार णय म ततृीय अ तर अचर ह । अत: चतथु अ तर शू य ह गे ।
25
उदाहरण 2. न न का मान ात क िजये
(i)∆ , 1cx
ab h (ii) ∆ (x!) , h=1 हल: (i) cxab =a∆ cxb ( a अचर है)
=a[ ( 1)c x cxb b ] (∆ क प रभाषा से, h = 1) =a[ cx c cxb b ] = ( 1)cx cab b =a ( 1) , 1c cxb b h
(ii) ∆ (x!)= { (x+1)!}–(x!) (∆ क प रभाषा से , h = 1 = (x+1)(x!)–(x!) (n! = n (n–1) ! से)
= (x+1–1) (x!) = x (x!)
उदाहरण 3. न न का मान ात क िजये:
(i) 2 (3 xe ) (ii) 2 2 4
2 2( 1)
x xa aa
जहाँ h = 1
हल: (i) 2 (3 xe ) = 3 3 xe (3 अचर है)
= 3( )x h xe e (∆ प रभाषा से)
3 ( 1)x he e 3 1h xe e ( ( 1he )अचर है)
=3( 1he ) ( )x h xe e = 3 3 1h x h xe e e
3 1 1h x he e e = 3 23 1h xe e
दसूर व ध: 2 (3 xe )=3 2 xe
= 3 2( 1) xE e ( E 1 + ) = 3 2( 2 1) xE E e = 3 2( 2 )x x xE e Ee e = 3( 2 2x h x h xe e e ) (E प रभाषा से) = 23( 2 1)h h xe e e =3 2( 1)h xe e
26
(ii) 2 2
2 2 42 2 2 2
12 [ ]( 1) ( 1)
x xa x a x a aa a
1( 2−1)
2 = अचर है
2( 1) 4 4( 1) 42 2
1 ( ) ( )( 1)
x x x xa a a aa
2 2 4 42 2
1 [( 1) ( 1) ]( 1)
x xa a a aa
( क प रभाषा से , h = 1)
= 2 2 2 42 21 .( 1) [ ( 1) ]
( 1)x xa a a a
a
= 2 2 421 [ ( 1)
( 1)x xa a a
a
]
= 2( 1) 2 2 4( 1) 421 [( ) ( 1)( )]
( 1)x x x xa a a a a
a
2 2 2 4 42 21 [( 1) ( 1) 1 ]( 1)
x xa a a a aa
2 2 2 2 42
1 .( 1)[ ( 1)( 1) ]( 1)
x xa a a a aa
2 2 2 4( 1)x xa a a उदाहरण 4: न न के मान ात क िजये.
(i) ( )n nx (ii) ( ), 1n cxab h (iii) n ax be
हल: (i) अ तर कलन क मलूभूत मेय से, य द अ तर का अंतराल h हो, तो ( ) ( !)n n nx n h ( 1, ( ) ( !)n nn na f x a n h )
य द h=1 हो ,तो ( ) !n nx n
(ii)उदाहरण 2 (i) क तरह हल करने पर, ( ) ( 1)cx c cxab a b b
पनु : ∆ से सं या कराने पर 2 ( ) [ ( 1) ]cx c cxab a b b ( 1)c cxa b b ( ( 1)ca b अचार है)
( 1)( 1)c c x cxa b b b (∆ क प रभाषा से)
( 1)( 1)c c cxa b b b
2 42 2
1( 1)
x xa aa
27
2( 1)c cxa b b अथात ्
2 2( ) ( 1)cx c cxab a b b पनु: 3 2( ) ) [ ( 1) ]cx c cxab a b b
= 2( 1)c cxa b b ( 2( 1)ca b अचर है) = ( 1)( 1)[ ]c c x cxa b b b (∆ क प रभाषा से) = 2( 1) ( 1)c c cxa b b b
3( 1)c cxa b b इस व ध को n बार दोहराने पर,
( ) ( 1) , 1n cx c n cxab a b b h
(iii) ( ) ( . )ax b ax b b axe e e e e
(be अचर है)
= ( )[ ]b a x h axe e e ( क प रभाषा से) = ( 1)b ah axe e e
पनुः 2 ( ) [ ( 1) ]ax b b ah axe e e e = ( 1)b ah axe e e ( ( 1)b ahe e अचर है) = ( )( 1)[ ]
ahb a x h axe e e e (पनु: क प रभाषा से) = ( 1)( 1)b ah ah axe e e e = 2( 1)b ah axe e e
इस व ध को n बार दोहराने पर ( ) ( 1)n ax b b ah n axe e e e
उदाहरण 5 मान ात क िजये :
(i) 3(2 )(3 2 )4 3 )x x x
(ii) 10 2 3 4(1 )(2 )(3 )(4 )ax bx cx dx
हल : f (x) = (2 – x) (3 – 2x) (4 – 3x) (6 4 3 2)(4 3 )x x x
=(6 – 7x + 22x )(4–3x) =24 – 28x+ 28x –18x+ 2 221 6x x =24 – 46x+ 2 329 6x x
अंत: 3 3 2 3( ) (24 46 29 6 )f x x x x
= 3 3 3 2 3 3(24) 46 ( ) 29 ( ) 6 ( )x x x (बटंनता से) =0 – 460 + 290 – 6 (3! 3h )
( अचर = 0,अ तर कलन क मूलभतू मेय से n mx य द n>m एव ं m mx =(m! mh )
28
=–36 3h या –36 य द h=1 हो। दसूर व ध : ( ) (2 )(3 2 )4 3 )f x x x x
=(–x)(–2x)(–3x)+ x क दो या दो से कम घात के पद = 36x x क दो या दो से कम घात के पद
अत : 3 3 3 3( ) ( 6 )f x x (दो घात का बहु पद) = 3 36 0x (अ तर कलन क ' मलूभूत मेय से) =6(3!) 3h ( ( ! )n n nx n h =–36 3h इस कार, हम f(x) के पणू सार क आव यकता नह ंहोती है ।
(ii) यहा ँf (x)=(1–ax)(2–b2x ) 3 4(3 )(4 )cx dx
=(–ax)( 2 3 4( )( )( )bx cx dx x क दस घात से कम घात के पद'
= 10abcdx x म नौ घात का बहु पद 10 10 10 10( ) ( )f x abcdx (x म नौ घात का बहु पद)
= abcd ( 10 10 ) 0x (अ तर कलन क मूलभूत मेय से)
= abcd (10!) 10h उदाहरण 6 स क िजये
(i)
23 6 , 1xx h
E
(ii)
2
2 , 1x x
xx
e Ee e hE e
(iii) 2 2sin( )sin( ) 2(cosh 1) sin( ) 1sin( )
x hx h x hE E x h
हल: (i) L.H.S.= 2
3xE
= 2
3( 1)E xE ( 1E )
=2
32 1E E xE
1 32E E x
= 3 3 1 32Ex x E x = 3 3 3( 1) 2 ( 1)x x x
[ ( ) ( )Ef x f x h एव ंh=1] = 3 2 3 3 2( 3 3 1) 2 ( 3 3 1)x x x x x x x
29
=6x (सरल करने पर) =R.H.S.
(ii) L.H.S.2
2
x x
x
e EeE e
2 1
2
( 1) .( 1)
x x
x
E e eE E e
(E क प रभाषा एव ंE=1+∆ से) 2 1
12( 2 ) ( 2 1)
x
x
eE EE E e
2 1
12 1( 2 ) ( 2
x
x x x
eE Ee e e
(E क प रभाषा से)]
2 11
2( 2 ) ( 2 1)
x
x
eE Ee e e
(2 1)1
2( 2 ) ( 1)
x xeE Ee
2 1 11 2( 1)
xE E ee
2 1 1 1 11 2( 1)
x x xEe e E ee
2 1 1 1 1 11 2( 1)
x x xe e ee
(E क प रभाषा से)
2 2 11 2( 1)
x x xe e ee
2 21 2 1( 1)
xe e ee
= 221 ( 1)
( 1)xe e
e
= xe =R.H.S.
(iii) L.H.S. = 2 2 sin( )sin( )
sin( )x hx h
E E x h
= (E2
1 ( 2 1)sin( )2 )sin( )sin( )
E E x hE x hE x h
30
( 1E एव ं2
12E EE
, पवू उदाहरण क तरह सरल करने
पर) =[ sin( 2 ) 2sin( ) sinx h x h x ]
sin( 3 2sin( 2 sin( )sin( 2 )
x h x h x hx h
= sin( 2 ) sin 2sin( )x h x x h sin( 3 ) sin( ) 2sin( 2 )
sin( 2 )x h x h x h
x h
3 32sin cos 2sin( 2 )
2 2x h x h x h x h x h
3 32sin cos 2sin( 2 )2 2
sin( 2 )
x h x h x h x h x h
x h
( कोण म त के सू , sinA+sin B 2Sin sin( ) cos( )2 2
A B A B के योग से)
=[2 sin(x+h)cos h–2 sin (x+h)] 2sin( ) cos 2sin( )
sin( 2 )x h x h
x h
=2(cosh–1) sin(x+h)+ 2(cosh 1)sin( 2 )sin( 2 )
x hx h
=2(cos h–1)[sin(x+h)+1] =R.H.S.
उदाहरण 7. न न सारणी म y का अ ात मान ात क िजये: X 0 1 2 3 4
Y 1 3 9 ? 81 हल: दये हु ए आकड म चार मान ात ह, अत: चौथे अ तर को शू य मानगे ।
अत: 4 0y या 4 ( ) 0f x या 4( 1) ( ) 0E f x ( 1 )E या 4 3 24 6 4 1 ( ) 0E E E E f x ( वपद सार से) या 4 3 2( ) 4 ( ) 6 ( ) 4 ( ) ( ) 0E f x E f x E f x Ef x f x या ( 4 ) 4 ( 3 ) 6 ( 2 ) 4 ( ) ( ) 0f x h f x h f x h f x h f x
(E क प रभाषा से) 1h है,अत:
31
( 4) 4 ( 3) 6 ( 2) 4 ( 1) ( ) 0f x f x f x f x f x X = 0 रखने पर,
(4)4(3) 6 (2) 4 (1) (0) 0f f f f सारणी से मान रखने पर, 81 4 (3) 6(9) 4(3) 1 0f या124 4 (3) 0f या (3) 31f अत: x=3 पर y का मान 31 है ।
अ ांतर सारणी वारा हल : इस अ ात मान को अ ांतर सारणी म चौथे अ ांतर को शू य मानत ेहु ए भी ात कर सकत ेह । दये हु ए मान के लये अ ांतर सारणी न न होगी :
x Y 2 y 2 y 3 y 4 y 0 1 2 1 3 4 6 y –19 2 9 y –15 124 – 4y y – 9 105 – 3y 3 Y 90 – 2y 81 – y 4 81
माना x=3 पर अ ात मान y है ।
... 4 y=0 अत: 124 – 4y = 0 या y = 31 अत:y का अ ात मान 31 है ।
उदाहरण 8. न न सारणी म अ ात रा शया ँ ात क िजये : x 2.0 2.1 2.2 2.3 2.4 2.5 2.6
y 0.135 1y 0.111 0.100 4y 0.082 0.074 हल: जब आकड़ क सं या अ धक हो या एक से अ धक मान अ ात हो, तो संकारक E क सहायता से हल करना सु वधाजनक होता है । अत: इसे हम E क सहायता से हल करगे । दये हु ए मान म से y के पाँच मान ात ह, अत: पाँचवा अ तर शू य लेने पर
5 ( ) 0f x या 5( 1) ( ) 0E f x ( 1E ) या 5 5 4 5 3 5 2 51 2 3 4( 1)E c E c E c E c E f (x) = 0
( वपद सार से)
32
या 5 4 3 2( ) 5 ( ) 10 ( ) 10 ( ) 5 ( ) ( ) 0E f x E f x E f x E f x Ef x f x या 5 5 4 10 3 10 2f x h f x h f x h f x h
5 0f x h f x 0.1h ह, अत:
0.5 5 0.4 10 0.3 10 0.2f x f x f x f x 0.1 0f x f x ......(i)
(i) म x=2 रखने पर,
2.5 5 2.4 10 2.3 10 2.2 2 0f f f f f या 0.082–5 4 110(0.100) 10(0.111) 5( ) (0.135) 0y y या 5 1 45 0.163y y या 1 4 0.0326y y …….(ii) अब (i) म x= 2.। रखने पर,
(2.6) 5 2.5 10 2.4 10 2.3 5 2.2 2.1 0f f f f f f या 0.074–5(0.082)+10 4 10y (0.100)+5(0.111)– 1y =0 या 10 4 1y y =0.781 ........(iii) समीकरण (ii) एंव (iii) को हल करने पर,
1 0.123y एव ं 4y =0.0904 उदाहरण 9. न नतम घात का बहु पद ात क िजये जो न न मान हण है:
X 0 1 2 3 4 5 6 7 y 0 7 26 63 124 215 342 511 साथ ह x= 10 पर y का मान ात क िजये ।
हल : बहु पद ात करने के लये अ गामी अ तर सू का योग करगे । दये हु ए मान के लये आ ातंर सारणी न नानसुार होगी x y y 2y 3y 0 0 = f (0) 7 = f (0) 1 7 12 = 2 f (0) 19 6 = 3 f (0) 2 26 18 37 6 3 63 24 61 6 4 124 30
33
91 6 5 215 36 127 6 6 342 42 169 7 511
यहा ँ तीसरे अ तर अचर ह, अत: चौथा अ तर तुम 4 f (0) शू य होगा । अत: अ गामी अ तर सू का तीसरे अ तर तक सार करने पर,
212
n nf a nh f a n f a f a
+ 3( 1)( 2) ( )6
n n n f a
a=0,h= अ तर का अ तराल = 1, एव ंn = x लेने पर (a+nh = x n = x)
f(x) = f(0) + x 2( 1)(0) (0)2
x xf f
+ 3( 1)( 2) (0)6
x x x f
अ ांतर सारणी से मान रखने पर,
F (x) = 0 + x (7) + ( 1) ( 1)( 2)(12) (6)2 2
x x x x x
सरल करने पर, F(x) = 3 23 3x x x यह दये हु ए आकड के लये अभी ट बहु पद है ।
10x पर 3 210 10 3 10 3 10y f = 1000+300+30 = 1330.
उदाहरण 10. अ तर सारणी के योग से अनु म 8,12,19,29,42 का छठा पद ात क िजये ।
हल: दये हु ए अनु म के लये अ तर सारणी न नानसुार होगी X f(x) ∆ f(x) 2 ( )f x 1 8 4 2 12 3 7 3 19 3
34
10 4 29 3 13 5 42
यहाँ तीसरा अ तर शू य होगा, अत: अ गामी अ तर सू का दसूरे अ तर तक सार करने पर,
1 22
n nf a nh f a n f a f a
यहा,ँ a=1, h=1 एव ंa+nh=6 या n=5
अत : 5 5 11 5 1 1 5 1 2 12
f f f f
या f(6)=8+5 4 10 3 58 अत : अनु म का छटा पद 58 है।
उदाहरण 11. य द 0 3, 1 6, 2 8, 3 12f f f f तथा तीसरा अ तर अचर हो, तो f (6) ात क िजये । हल: यहाँ x=0,1,,2,3 पर f(x) के मान मश: – 3,6,8, 12 है, िजनके लये अ ांतर सारणी इस कार है: X f x f x 2 f x 3 f x 0 –3 9 1 6 –7 2 9 2 8 2 4 3 12
चू ं क तीसरा अ तर अचर है, अत: अ गामी सू का तीसरे अ तर तक सार करने पर,
212
n nf a nh f a n f a f a
31 26
n n nf a
यहाँ a = 0, h =1 एव ंa+nh=6 0 .1 6n या n = 6 अत:
2 36.5 6.5.46 0 6 0 0 02 6
f f f f f
अ तर सारणी से मान रखने पर, (6) 3 6(9) 15( 7) 20(9) 126f
35
अत: f (6) =126 उदाहरण 12. एक शहर क जनसं या न नानसुार है वष 1921 1931 1941 1951 जनसं या (लाख म)
46 66 81 93
य द जनसं या म वृ दर यह रहे तो 1981 एव ं1991 क जनसं या ात क िजये । हल : दये गये आकड़ो के लये अ तर सारणी न नानसुार होगी
X f(x) f(x) ∆2 f(x) ∆3 f(x) 1921 46
20 1931 66 –5
15 2 1941 81 –3
12 1951 93
यहाँ ततृीय अ तर अचर होगा, अत: अ गामी सू का ततृीय अ तर तक सार करने पर,
212
n nf a nh f a n f a f a
316
n nf a
यहा ँa=1921, h=10 एव ंa+nh=1981 लेने पर n=6 तथा a+nh =1991 लेने पर n= 7 अत: सू म पहले n=6 लेने पर,
26.51981 1921 6 1921 19212
f f f f
36.5.4 19216
f
= 46 + 6(20)+15(–5)+20(2) =131
एव ंn = 7 लेने पर,
26.61991 1921 7 1921 19212
f f f f
37.6.5 19216
f
= 46 + 7 (20) + 21 (–5) + 35 (2) = 151
36
अत: 1981 म जनसं या 131 लाख एव ं1991 म 151 लाख होगी । वमू यांकन न
1. य द f (x)= 2 हो, तो ∆ ( )) का मान होगा (i)2 (ii) –2 (iii) 0 (iv) 1
2. य द अ तर का अ तराल h हो, तो ∆ (2) का मान होगा (i) (2 h) (2)f f (ii) (2) (2 h)f f (iii) (2 )f h (iv) 2h
3. य द अ तर का अ तराल 2 हो, तो f(2) मान होगा (i) (2) (4)f f (ii) (2) (0)f f (iii) (4) (2)f f (iv) 2
4. य द f(x), 5 घात का बहु पद है, तो न न म से स य है
(i)6 ( ) 0f x (ii) 5 ( )f x अचर
(iii) 7 ( ) 0f x (iv) 4 ( )f x अचर
(a) केवल स य है (b) (i) और (ii) स य है (c) (i), (ii), एव ंस य है (d)चार स य ह
5. य द f(x) = 5 एव ंh = 3 तो E f(x) का मान होगा (i) 5 (ii) 8 (iii)2 (iv) 0
6. य द E व थापन संकारक एव ंD अवकल संकारक हो, तो इनके म य स बधं' होगा (i) D hE (ii) E hde (iii)E 1D (iv) ED 1
7. संकारक E एव ं∆ म स बधं है (i) E+1 (ii) 1 E (iii) E 1 (iv) E 1
8. य द समदरू थ x के मान के लये,y के 7 मान म से 5 मान ात एव ं2 मान अ ात हो, तो कौन सा अ तर शू य मानत ेह?
9. 2 3( ) ( 1)( 1)( 1), 1f x ax bx cx h हो, तो
6 ( )f x का मान होगा (i) abc (ii) abc (iii) (5!) (iv) abc शू य
10. n mx का मान होगा
(i) (n!) nh य द n= m एव ंशू य य द n> m (ii) n mx य द n> m एव ंशू य य द n = m (iii) n mx य द n m एव ंशू य य द n < m (iv) सदैव शू य
37
1.10 सारांश इस इकाई म हमने प र मत अ तर यथा अ ांतर एव ं प चातंर के बारे म अ ययन कया। व भ न संकारको यथा , ,E एव ंD के व भ न गणुधम का अ ययन कया। अ तर कलन क मूलभतू मेय से हमने जाना क n घात के बहु पद का n वां अ तर अचर एव ं (n+1) वाँ अ तर शू य होता है । अ तर कलन के मह वपणू सू अ गामी अ तर सू का नगमन कया एव ं इसके अनु योग के बारे म अ ययन कया । समदरू थ x के मान के लये दये हु ए y या f (x) के मान म से कुछ मान अ ात होने पर उ ह अ ांतर सारणी या संकारक E क सहायता से ात कर सकत े ह । समदरू थ x के मागत मान का अ तर h, अ तर का अ तराल कहलाता है । हमने प र मत अ तर कलन के व भ न संकारको म स बधं का अ ययन कया । इस इकाई के अ ययन के प चात ्हम दये हु ए आकड़ से न नतम घात का वह बहु पद ात कर सकत ेह जो दये हु ए मान को हण करे और इस बहु पद क सहायता से x
के मान के लये y के मान ात कर सकत ेह ।
1.11 श दावल सं या मक व लेषण Numerical analysis प र मत अ तर Finite differences संकारक Operator अ ांतर Forward difference प चातंर Backward difference व थापन Shift Displacement आ त चर Dependent Variable वतं चर Independent Variable
अ तर का अ तराल Interval of differencing समदरू थ Equidistant अ ग पद Leading term अ गामी अ तर सू Advancing difference Formula घात/ को ट Degree अवकल संकारक Differential operator म Order
1.12 वमू यांकन न के उ तर 1.(iii) 2.(i) 3.(ii) 4.(c) 5.(i) 6.(ii) 7.(iii) 8.पाँचवां अ तर अथात 5 0y 9.(ii) 10. (i)
38
1.13 अ यास न 1. य द y= 3 5 7x x हो, तो x=–1,0,1,2,3,4,5 के लये y के मान ात करके अ ांतर
सारणी बनाइये और स क िजये क दये हु ए फलन का चौथा अ तर शू य है । 2. न न ल खत आकड़ॉ के लये प चांतर सारणी बनाइये एव ं व भ न प चातर के मान
ात क िजये । X 1 2 3 4 5 6 Y 0 0 2 6 12 20
साथ ह यह भी बताइये क कौन से म के प चातंर अचर ह? (उ तर: दसूरे म के प चांतर अचर ह, 2 y =2)
3. मान ात क िजये :
(i) 6 2 3(5 1)(6 1)(7 1), 1x x x h
(उ तर: 210 (6!))
(ii) 1 2[ ]n n n nx bx cx (उ तर: n! nh )
4. न न के मान ात क िजये :
(i) cos( )ax b (ii) [ ( 1)( 2)], 1x x x h
(iii) ( cos )x x
(iv)
2[ log3 ]xe x (उ तर: (i) 1 12sin cos
2 2ah ax b ah x
(i) 3 1 2x x
(ii)
1 12sin sin2 2
h x h h
(iii) 2 2 2log 1 1 log3 )x h hhe e e xx
5. न न के मान ात क िजये
(i)4 ( )xae (ii)
2 (cos 2 )x (उ तर: (i) a(e– 41) xe , (ii)
24sin cos(2 2 ))h x h
6. स क िजये क
(i)
log log 1f x
f xf x
(ii)
2 3
3 2
6 , 1(1 )
x hEx x
7. अ तर कलन क मूलभूत मेय को सकथन स क िजये ।
39
8. य द y=f(x),x का फलन एव ंअ तर का अ तराल h हो, तो अ गामी अ तर सू का तपादन क िजये ।
9. न न सारणी म अ ात रा श ात क िजये । X 100 101 102 103 104 f(x) 2 2.0043 ? 2.0128 2.0170
(उ तर: 2.0086) 10. न न सारणी म अ ात पद ात क िजये:
X 1 2 3 4 5 6 7 8 f(x) 1 8 ? 64 ? 216 343 512
(उ तर: f(3)=27, f(5)=125 11. न नतम घात का यह बहु पद ात क िजये जो न न ल खत मान को हण करे :
X 0 1 2 3 4 5 Y 0 3 8 15 24 35
साथ ह x = 6 7 एव ं8 पर y के मान ात क िजये । (उ तर: y= 2x +2x ; x=6 पर y=48 , x=7 पर y=63, x=8 पर y=80)
12. एक शहर क जनसं या न न सारणी वारा द गई है : वष 1901 1911 1921 1931 जनसं या (लाख म)
35.2 40.5 47.3 55.4
य द जनसं या वृ इसी दर से हो, तो 1961 म जनसं या ात क िजये । (उ तर: 85.5 लाख)
40
इकाई–2 : प र मत अ तर–2 इकाई क परेखा 2.0 उ े य 2.1 तावना 2.2 मगु णत फलन
2.2.1 प रभाषा 2.2.2 मगु णत फलन के अ तर 2.2.3 छ घातांक का घातांक नयम
2.3 यु म मगु णत के अ तर 2.4 दये हु ए बहु पद को मगु णत संकेतन म य त करना
2.4.1 सीधी व ध या गणुांक क तुलना करने क व ध 2.4.2 अ तर सारणी व ध 2.4.3 वल न गणुांक व ध या संि ल ट भाग व ध
2.5 शू य के अ तर 2.5.1 प रभाषा 2.5.2 पनुराविृ त स बधं
2.6 संकेत के पथृ करण वारा कुछ सवस मकाएँ ा त करना 2.7 साराशं 2.8 श दावल 2.9 वमू यांकन न के उ तर 2.10 अ यास न
2.0 उ े य इस इकाई म हम कसी बहु पद को मगु णत संकेतन म य त करने एव ंइस संकेतन म इसके उ तरातर अंतर ात करने क व ध का अ ययन करगे । इस इकाई के अ ययन के प चात आप
1. मगु णत फलन के बारे म जान सकगे । 2. कसी बहु पद को मगु णत संकेतन म य त कर सकगे । 3. मगु णत फलन के अ तर ात कर सकगे एव ं इसक सहायता से कसी दये हु ए
बहु पद के व भ न म के अ ांतर ात कर सकगे । 4. यु म मगु णत एव ंइसके अ तर के बारे म जान सकगे । 5. बहु पद के भाग क संि ल ट व ध को समझ सकगे एव ंइसक सहायता से बहु पद को
मगु णत संकेतन म य त कर सकगे । 6. शू य के अ तर के बारे म जान सकगे । 7. संकेत के पथृ करण वारा कुछ सवस मकाएँ स कर सकगे ।
41
2.1 तावना मगु णत फलन का अ ययन प र मत अ तर कलन म मह वपणू है । इसक सहायता
से कसी बहु पद के उ तरो तर अंतर या अ ांतर बगरै अंतर सारणी क सहायता से आसानी से ात कये जा सकत ेह । मगु णत फलन एक वत चर x का फलन होता है, जो x और h के गणुक (nh) के अ तर से ा त व भ न पद का गणुन होता है । कसी बहु पद को मगु णत संकेतन म य त करने क तीन व धय का अ ययन करगे । इन तीन व धय म से संि ल षत भाग (synthetic division) व ध वारा दो बहु पद के भाग को आसानी से हल कया जा सकता है । इस व ध का सं या मक व लेषण म मह वपणू थान है। साथ ह हम शू य के अ तर के बारे म अ ययन करगे । इसे ा त करने के लये n mx का मान ात करके x=0 रखत ेह । इसे
0n m या [ 0]n m
xx से य त करत े है । यहा ँn एव ंm धना मक पणूाक ह । संकेत के पथृ करण वारा कुछ सवस मकाएँ आसानी से स क जा सकती ह । हम इस इकाई म इस व ध का भी अ ययन करगे ।
2.2 मगु णत फलन ((Factorial Function)
2.2.1 प रभाषा : x के मगु णत फलन को x(n) वारा द शत करत ेह और इसे न न कार प रभा षत कया जाता है:
( ) ( )( 2 ).........( 1 )nx x x h x h x n h ........(1)
जहा ँn एक धना मक पणूाक है तथा h,x के समदरू थ मान के अ तर का अ तराल है। ( )nx को 'x क घात n मगु णतं’’ (x raise to the power factorial n) पढ़त ेह । ( )nx म n गणुनख ड ह िजनम पहला गणुनख ड x और उ तरो तर गणुनख ड म h का
हास होता जाता है और यह (n – 1) h तक होता है ।
उदाहरण के लए य द n=3 हो, तो (3)x =x(x–h)(x–2h) होगा ।
वशेष ि थ त : य द अ तर का अ तराल h=1 एव ं x एक पणूाक इस कार हो क x>(n–1) तो
( )nx =x(x–1)(x–2)..............(x– ( 1)x n
या x(n)= ( 1)( 2).....( 1).( )( 1)....3.2.1
( ) 1)....3.2.1x x x x n x n x n
x n x n
या ( ) !( )!
n xxx n
[ ! ( 1)( 2)...3.2.1]p p p p
साथ ह , य द n=0 हो, तो
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(0) ! ! 1( 0)! !
x xxx x
एव ंn=1 हो, तो (1) ! [( 1)!]
( 1)! ( 1)!x x xx x
x x
[ ! ( 1)!]p p p
2.2.2 मगु णत फलन के अ तर (Differences of factorial function)
इस भाग म हम मगु णत फलन के अ तर, वशेषत: अ ांतर ात करने क व ध का अ ययन करगे ।
अ ांतर क प रभाषा से ( ) ( ) ( )f x f x h f x
जहा ँh, अ तर का अ तराल है । य द f(x)= ( )nx , तो
[( )( )( 2 )....( 1 )]x h x h h x h h x h n h
( मगु णत फलन क प रभाषा से) [( ) ( )( 2 )....( 2 )]x h x h x h x n h
2 ...... 2 2x x h x h x n h x n h 2 ...... 2 ] 1x x h x h x n h x h x n h
[ पनु: मगु णत फलन क प रभाषा से] = ( 1) ( )nx nn अत: 1nx nhx n …………(i)
पनु. ( ) ( 1)n nx nhx = nh[ ( 1) ]nx (nh अचर है) =nh [(n–1)h ( 2) ]nx (स बधं (i) म n के थान पर (n–1) रखने पर, ( 1) ( 2)( 1) )n nx n hx अत: 2 ( ) 2 ( 2)( 1)n nx n n h x ........... (ii) पनु.: 3 ( ) 2 ( 2)[ ( 1) ]n nx n n h x
=n(n–1) 2 ( 2)[ ]nh x =n(n–1) 2 ( 3)[( 2) ]nh n hx (स बधं (i) म n के थान पर (n–2) रखने पर, 32 )nx n hx
अत: 3 ( ) 3 ( 3)( 1)( 2)n nx n n n h x ........... (iii) यापक प म m वाँ अ तर होगा (m≤n)
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( ) 1 2 ...... 1 n mm n mx n n n x m h x य द n=m अथात ्इस या को n बार दोहराने पर हम न न प रणाम ा त होगा
(N) n (n n)[n(n 2).......3.2.1]h xm x = n! (0)nh x = n! nh ( (0)x =1)
अत: ( ) !n n nx n h ………….(iv) वशेष ि थ त : 1. य द m>n हो, तो
( ) ( )m n m n n nx x ( के घातांक नयम से) nk nx (K=m–n>0)
!k nn h
(iv) से) = 0 (n! nh अचर है)
य द अ तर का अ तराल h=1 हो, तो
( ) ( 1) 2 ( ) ( 2), ( 1) ,....n n n nx nx x n n x एव ं( ) !n nx n
ट पणी : 1. वशेष ि थ त (2) से प ट है क h=1 होने पर मगु णत फलन पर सकारक ∆, अवकल सकारक D क तरह प रणाम देता है । अत: मगु णत संकेतन न य त बहु पद के लये, अवकलन के साधारण नयम वारा व भ न म के अ तर आसानी से ात कये जा सकत ेह । इसके लये हम अ तर सारणी बनाने क आव यकता नह ंहोती है । य द h=1 न हो, तो ( )nx के r व (r≤n) अ तर के लये, ( )nx का r बार अवकलन करके rh से गणुा करत ेह । यहा ँ ( )nx म n को छ घातांक (pseudo exponent) मानत ेहु ए अवकलन क या करत ेह । इस लये ( )nx को nx क तरह मान लेत ेह । 2. चू ं क मगु णत फलन के अ तर ात करने म अवकलन के नयम का योग होता है, इस लये य द फलन का अ तर ात हो और हम पनु: फलन ा त करना हो, तो समाकलन के नयम का योग कया जा सकता है ।
उदाहरण के लये, य द फलन f(x) का थम अ तर ( )nx हो, तो f(x) का मान होगा
( 1)1( 1)
nxh n
स यापन:
111 1
1 1
nnxf x x
h n h n
= ( 1 1)1 [( 1) ]( 1)
nn hxh n
= ( )nx
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2.2.3 छ घातांक का घातांक नयम (Law of indices for pseudo exponent): ( ) ( ) ( )( )K n K nx x Kh x
माण : L.H.S ( ) ( )( )K nx x Kh =[ ( )( 2 )...( 1 )]x x h x h x K h ( )( )....( 1 )]x Kh x Kh h x Kh n h
2 .... 1 1 .... 1x x h x h x k h x kh x k h x k n h = ( )K nx वशेष ि थ त : य द h=1 हो, तो
n k nx k x k x उदाहरण के लये, य द K=2 एव ंn = 3 हो, तो
(2) (3) (5)( 2)x x x 2.3 यु म मगु णत (Reciprocal Factorials)
भाग (2.2) म हमने nx को प रभा षत कया । इस भाग म हम x(–n) को प रभा षत करगे । इसे यु म मगु णत कहत े है । ( )nx को मगु णत फलन के पद म न न कार प रभा षत करते ह:
( )nx = ( )1 1
( ) ( )( 1 )...( )nx nh x nh x n h x h
उपरो त प रणाम को न न कार से ा त कया जा सकता है : . मगु णत फलन क प रभाषा से हम जानते ह क ( n) x(x h)(x 2 h)........(x n 2 h)(x n 1h)x
या ( ) ( )( 2 )......( 2 )( 1 )nx x x h x h x n h x n h
या ( n) (x 1)x .(x 1 )x n h …….(i) इस स ब ध म n=0 रखने पर,
(0) ( 1) ( )x x x h
या ( 1) (0)(1)1 1 ( 1)
( ) ( )x x
x h x h
……(ii)
पनु: स बधं (i) म n=–1 रखने पर, ( 1) ( 2) ( 2 )x x x h
या ( 1)
( 2)
( 2 )xx
x h
या ( 1)
( 2)
( 2 )xx
x h
[ स बधं (i) से ( 1) 1
( )x
x h
]
या ( 2) (2)1
( 2 )x
x h
इसी कार,
45
( 3)(3)
1 1( )( 2 )( 3 ) ( 3 )
xx h x h x h x h
( 4)(4)
1 1( )( 2 )( 3 )( 4 ) ( 4 )
xx h x h x h x h x h
यापक प म, ( ) 1
( )( 2 )....( )nx
x h x h x nh
या ( ) ( )1
( )n
nx x nh
यहा ँ ( )nx को यु म मगु णत कहत ेह, जहाँ n एक धना मक पणूाक है । वशेष ि थ त: य द अ तर का अ तराल h = 1 हो, तो
( )( )
1 1( 1) ( 1)( 2)....( )
nnx x x x x n
2.3.1 यु म मगु णत के अ तर (Differences of reciprocal factorial)
अ ांतर क प रभाषा से, ( ) ( ) ( )( )n n nx x h x , जहा ँh अ तर का अ तराल है ।
अब, यु म मगु णत क प रभाषा से, ( )
( ) ( )
1 1( ) ( )
nn nx x h nh x nh
1 1
1n nx nhx n h
11 1 ...... 1 1x n h x n h h x n h n h
1...... 1x nh x nh n x nh n h
1 11 ...... 2 1 ....x n h x