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भभभभभभभ भभभभभ भभभ भभभभभभ भभ भभ भभ भभभभभभ भभ भभभभभभभ भभभभभभभभ भभ भभभ भभ भभभभभभ भभभभभ भभभभभभभभभ भभभ भभभभभ भभभभभ भभ भभ भभभभभभभभभ भभभ भभ भभभ भभभ भभभभभभभ भभभभभभभभभभभ भभभ भभभ भभ भभभभभ भभ भभभभ भभभभभ भभ भभभभभभभभभ भभभभभ भभ भभ भभभभ भभ भभभभभभ भभ भभभभ भभ भभभ भभभभभभभभ भभभभभ भभभभभ भभभभभ भभ भभ,भभ भभ भभभभ भभभभभभभ भभ भभभभभभ भभभ भभ भभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभभभभभभभभभ भभभभभभ भभ भभभभ भभ भभ भभ भभ भभभ भभभभभ भभभभ भभ भभ भभभ भभभभ भभ भभभभ भभभ भभभभभभ भभभभभ भभभभभ भभभभ भभभभभभभभ भभभभभ भभभभ भभ,भभभभभ भभ भभभभभ,भभभभ भभ भभभभभ,भभभभभ भभ भभभभभ,भभ भभ भभभभभ भभ भभभभभभभभभ भभ भभ भभभभभभभ भभभभ भभ भभभभ भभभ भभ भभभभभ भभभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभ भभ भभभभ भभ भभभभभ भभभभभभभभभ भभभभ भभभभभभ भभभभभभभभभभभ भभभभभ भभभ भभभभ भभ भभभभभभ भभभभभभभ भभभभ भभ भभभभभभभभभ भभभभभ भभ भभभभ भभभभभभ भभभभभभभ भभ भभभभभभ भभभभ भभभभभ भभ भभभ भभ भभ भभभभभ भभभभ भभभभभ भभभ भभ भभ भभ भभभभभ भभभ भभभ भभभभ भभ

भ्रामरी साधना

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Page 1: भ्रामरी साधना

भ्रा�मरी� सा�धना� 

म� दुर्गा�� का� ही� एका स्वरुप ही� भ्रा�मरी� दे�व�।म� का� दे�ही सा� असा�ख्य भ्रामरी उत्त्पन्न हुए जि"सासा� दे�त्य का� वध हुआ।इसालि'य� म� का� ना�म हुआ भ्रा�मरी� दे�व�।व�स्तव म) म� ना� दे�त्य का� नाही* बल्कि-का उसा नाका�री�त्मका विवचा�री का� वध विकाय� "0 सा1ष्टि3 का0 का3 दे� रीही� था�।नाका�री�त्मका विवचा�री हीम�री� अन्देरी भी� ही�,"0 का� हीम) दे�त्य7 का� श्रे�णी� म) '� "�कारी खड़ा� कारी दे�त� ही�।नाका�रीत्मका विवचा�री0 का� का�रीना ही� हीम काई काई ब�री सा�धना� कारीना� परी भी� साफ' नाही* ही0 प�त� ही�।क्य?का� हीम�री� अन्देरी इतना� नाका�रीत्मका उ"�� ही0त� ही�,सा�धना� का� प्रवित,विवष्टिध का� प्रवित,साफ'त� का� प्रवित,का� हीम चा�हीकारी भी� साका�री�त्मका मना का� विनाम��णी नाही* कारी प�त� ही�।औरी ख�साकारी दे�व वर्गा� का� सा�धना�ओ म) त0 सा�धका का0 पCणी� साका�री�त्मका ही0ना� आवश्यका ही�।प्रस्त?त सा�धना� इसा� विवषय परी ही�।म� भ्रा�मरी� सा�धका का� नाका�री�त्मका उ"�� परी अपना� असा�ख्य भ्रामरी7 सा� प्रही�री कारीत� ही�।य� य? काही� का� व0 भ्रामरी नाही* बल्कि-का म� ही� ही� "0 भ्रामरी रूप म) सा�धका का� नाका�री�त्मका उ"�� परी प्रही�री कारीत� ही�।औरी उसाका� ना�श कारीत� ही�।तब सा�धका दे�व वर्गा� का� सा�धना7 म) साफ'त� प्र�प्त कारीत� ही� ही�।

विवष्टिध: सा�धना� विकासा� भी� का1 ष्णी� पक्ष का� अ3म� सा� आरीम्भ का� "� साकात� ही�।य� सा�भीव ना ही0 त0 का0ई भी� रीविवव�री सा� कारी�।परी अ3म� उत्तम ही�।आपका� म?ख देक्षिक्षणी का� औरी ही0।सा�मना� ब"0ट परी '�' वस्त्र विबछा� कारी म� का� का0ई भी� लिचात्र स्था�विपत कारी�।अब साद्गुSरु पC"ना सा�पन्न कारी काम सा� काम एका म�'� र्गा?रु म�त्र कारी�।विफरी र्गाणी�श पC"ना तथा� भी�रीव पC"ना कारी�।अब म� का� पC"ना सा�म�न्य विवष्टिध सा� कारी�।'�' प?ष्प अप�णी कारी�।क्य?का� य� म� भ्रा�मरी� का� सा�धना� ही� अतT र्गा?'�ब का� फC '0 का� रीसा म� का0 भी0र्गा म) अप�णी कारी�।क्य?का� भ्रामरी फC '0 का� रीसा ही� प�त� ही�,इसा सा�धना� म) म� भी� उसा� रीसा का� प�ना कारीत� ही�।सा�धना� का� ब�दे री0ज़ य� रीसा विकासा� व1क्ष का� "ड़ा म) डा�' दिदेय� कारी�।देXपका का0ई भी� त�' का� 'र्गा�य�।"0 का� एका घं�ट� तका "'त� रीही�।अब म� सा� प्र�था�ना� कारी� का� म� अप म�री� साभी� नाका�री�त्मका उ"�� का0 साम�प्त कारी देXजि"य� "0 म?झे� सा�धना� म) ब�ध� दे�त� ही�। अब देXपका का� '0 परी त्र�टका कारीत� हुए विनाम्ना म�त्र का� "�प कारी�।इसाम) म�'� का� का0ई "रूरीत नाही* ही�।बसा एका घं�ट� विनात्य "�प ही0र्गा� औरी क्रम 7 दिदेना तका चा'त� रीही�।आख7 म) देदे� ही0ना� परी उन्ही) ब�दे भी� विकाय� "� साकात� ही� परीन्त? जि"तना� ही0 साका� देXपका का� औरी दे�खत� रीही�।इसा सा�धना� म) सा�धका का0 काई भ्रामरी7 का� आव�ज़ सा?ना�य� दे� साकात� ही�।य� म� ही� ही� अतT डारी� नाही*।घंबरी�हीट ही0ना�,सारी देदे� ही0ना� ,क्र0ध आना� स्व�भी�विवका ही�,क्य?का� आपका� नाका�री�त्मका उ"�� आपसा� बहुत प्र�म कारीत� ही� त0 आसा�ना� सा� छा0ड़ात� नाही* ही�।म� का� प्रही�री "ब उसा उ"�� परी पड़ात� ही� त0 सा�धका का0 य� तका'�फ ही0त� ही� ही�।अतT ध�य� ध�रीणी कारी�।औरी साफ'त� प्र�प्त कारी�।