Upload
expertjatak
View
15
Download
6
Embed Size (px)
DESCRIPTION
good
Citation preview
भ्रा�मरी� सा�धना�
म� दुर्गा�� का� ही� एका स्वरुप ही� भ्रा�मरी� दे�व�।म� का� दे�ही सा� असा�ख्य भ्रामरी उत्त्पन्न हुए जि"सासा� दे�त्य का� वध हुआ।इसालि'य� म� का� ना�म हुआ भ्रा�मरी� दे�व�।व�स्तव म) म� ना� दे�त्य का� नाही* बल्कि-का उसा नाका�री�त्मका विवचा�री का� वध विकाय� "0 सा1ष्टि3 का0 का3 दे� रीही� था�।नाका�री�त्मका विवचा�री हीम�री� अन्देरी भी� ही�,"0 का� हीम) दे�त्य7 का� श्रे�णी� म) '� "�कारी खड़ा� कारी दे�त� ही�।नाका�रीत्मका विवचा�री0 का� का�रीना ही� हीम काई काई ब�री सा�धना� कारीना� परी भी� साफ' नाही* ही0 प�त� ही�।क्य?का� हीम�री� अन्देरी इतना� नाका�रीत्मका उ"�� ही0त� ही�,सा�धना� का� प्रवित,विवष्टिध का� प्रवित,साफ'त� का� प्रवित,का� हीम चा�हीकारी भी� साका�री�त्मका मना का� विनाम��णी नाही* कारी प�त� ही�।औरी ख�साकारी दे�व वर्गा� का� सा�धना�ओ म) त0 सा�धका का0 पCणी� साका�री�त्मका ही0ना� आवश्यका ही�।प्रस्त?त सा�धना� इसा� विवषय परी ही�।म� भ्रा�मरी� सा�धका का� नाका�री�त्मका उ"�� परी अपना� असा�ख्य भ्रामरी7 सा� प्रही�री कारीत� ही�।य� य? काही� का� व0 भ्रामरी नाही* बल्कि-का म� ही� ही� "0 भ्रामरी रूप म) सा�धका का� नाका�री�त्मका उ"�� परी प्रही�री कारीत� ही�।औरी उसाका� ना�श कारीत� ही�।तब सा�धका दे�व वर्गा� का� सा�धना7 म) साफ'त� प्र�प्त कारीत� ही� ही�।
विवष्टिध: सा�धना� विकासा� भी� का1 ष्णी� पक्ष का� अ3म� सा� आरीम्भ का� "� साकात� ही�।य� सा�भीव ना ही0 त0 का0ई भी� रीविवव�री सा� कारी�।परी अ3म� उत्तम ही�।आपका� म?ख देक्षिक्षणी का� औरी ही0।सा�मना� ब"0ट परी '�' वस्त्र विबछा� कारी म� का� का0ई भी� लिचात्र स्था�विपत कारी�।अब साद्गुSरु पC"ना सा�पन्न कारी काम सा� काम एका म�'� र्गा?रु म�त्र कारी�।विफरी र्गाणी�श पC"ना तथा� भी�रीव पC"ना कारी�।अब म� का� पC"ना सा�म�न्य विवष्टिध सा� कारी�।'�' प?ष्प अप�णी कारी�।क्य?का� य� म� भ्रा�मरी� का� सा�धना� ही� अतT र्गा?'�ब का� फC '0 का� रीसा म� का0 भी0र्गा म) अप�णी कारी�।क्य?का� भ्रामरी फC '0 का� रीसा ही� प�त� ही�,इसा सा�धना� म) म� भी� उसा� रीसा का� प�ना कारीत� ही�।सा�धना� का� ब�दे री0ज़ य� रीसा विकासा� व1क्ष का� "ड़ा म) डा�' दिदेय� कारी�।देXपका का0ई भी� त�' का� 'र्गा�य�।"0 का� एका घं�ट� तका "'त� रीही�।अब म� सा� प्र�था�ना� कारी� का� म� अप म�री� साभी� नाका�री�त्मका उ"�� का0 साम�प्त कारी देXजि"य� "0 म?झे� सा�धना� म) ब�ध� दे�त� ही�। अब देXपका का� '0 परी त्र�टका कारीत� हुए विनाम्ना म�त्र का� "�प कारी�।इसाम) म�'� का� का0ई "रूरीत नाही* ही�।बसा एका घं�ट� विनात्य "�प ही0र्गा� औरी क्रम 7 दिदेना तका चा'त� रीही�।आख7 म) देदे� ही0ना� परी उन्ही) ब�दे भी� विकाय� "� साकात� ही� परीन्त? जि"तना� ही0 साका� देXपका का� औरी दे�खत� रीही�।इसा सा�धना� म) सा�धका का0 काई भ्रामरी7 का� आव�ज़ सा?ना�य� दे� साकात� ही�।य� म� ही� ही� अतT डारी� नाही*।घंबरी�हीट ही0ना�,सारी देदे� ही0ना� ,क्र0ध आना� स्व�भी�विवका ही�,क्य?का� आपका� नाका�री�त्मका उ"�� आपसा� बहुत प्र�म कारीत� ही� त0 आसा�ना� सा� छा0ड़ात� नाही* ही�।म� का� प्रही�री "ब उसा उ"�� परी पड़ात� ही� त0 सा�धका का0 य� तका'�फ ही0त� ही� ही�।अतT ध�य� ध�रीणी कारी�।औरी साफ'त� प्र�प्त कारी�।