गब की एकत अखड ् त व बबकस के बिए आगे आय … आज हम शहीद-ए-आजम भगत स ह का 108 वा जम सदव मनाने जा रहे ह । इ दौरान हम अपना अतीत देख कते ह की हमारे मा-बाप, दादा-दादी व् हमारे प ु रख ने सक तरह े गरीबी और अभाव भरा जीवन जीया है अगर हम अपना इसतहा देखे तो पाए गे की आज सदन हमारी बीती प ु त हमारे सिए क ु छ एक ही उदाहरण रख पाये सजको याद कर हम गवव कर क सन देह इके पीछे उनकी गरीबी, अानता और अभाब ही सजमेवार था सजने उनकी कमर इ कदर तोड़ दी की हमारे प ू ववज अपनी फि, पश ु पािन व पेट पािन तक ही समट कर रह गए । एक वत वो भी था जब हमारे गॉव का कोई भी यसि 8 व े यादा नह पढ पाता था िेसकन गॉव म व. पवन क ु मार न 1988 म ववथम बी0 ए0 की सिी हा सि करके सशा का जो एक सिसिा श ु ऱ सकया था वो आज भी िगातार जारी है उनके बाद गॉव के इसतहा म ववथम बी0 ए0 करने वािी िड़की म ज ू बािा, ववथम इ सलिश म एम0 ए0 व ववथम बी0 एि0 करने वािी िड़की इ द ू बािा, ववथम कॉमव म बी0 ए0 व एम0 कॉम0 की उपासि िेने वािे म ु के श मैहरा व् रर पि मैहरा, ववथम कॉमव म बी0 ए0 व् एम0 कॉम0 करने वािी िड़की ररपी, ववथम एम0 ए0 ी0 (जोिोजी) व बी0 एि करने बािी िड़की सिपि व एम0 ए0 ी0 (कैसमरी) व बी0 एि , ववथम राजनीसतक शा म एम0 ए0 की सिी हा सि करने वािी िड़की अन ु बािा, ववथम बी0 टेक0 की उपासि िेने बािा िड़का बिसबदर क ु मार, ववथम नसग का कोव करने वािी िड़की तन ु बािा, ववथम एयर होटे का कोव करने बािी िड़की प ू जा देवी, ववथम ए0 आई0 इ0 इ0 इ0 जैी कसिन वेश परीा को पा कर एन0 आई0 आई0 टी0 हमीरप ु र म बी0 टेक0 करने बािा िड़का अ श ु ि,ववथम ी0 ी0 एन0 ए0 का कोव करने वािे राजीव क ु मार व् रर क ू व, ववथम सशमिा सवसविािय म वेश पाने व् सशमिा सवसविािय े एि0 एि0 बी0 जैी मानजनक सिी ा करने वािे , राय व रारीय सखिािी व कोच असमत क ु मार चौिरी, ववथम सि0 एि0 ए0 सि0 एच0 एच0 (पैशि एज़ ू केशन) करने बािे शेखर मेहरा, ववथम एम0 बी0 ए0 करने बािे ु समत क ु मार व इन िोग के पद सचह पे चिे हुए अय अियन रत य ु वा व य ु वसतया ऐे बहुत े बि त उदहारण ह जो की हमारे गा व म सशा के े म नये े नये आयाम व सकसतवमान थासपत कर रहे ह आज हम अपनी इ य ु वा पीढ़ी पर गवव करते ह सजहने अपनी किी मेहनत के दम पर यह म ु काम हा सि सकया है और हम यह प ू री उसमद है की यही िोग आगे चि कर माटर ऑफ़ सफिॉफी व् िॉरेट जैी उच व मान जनक उपासिया भी हा सि करगे । हमन और हमारे अय नवय ु वको व् नवय ु वसतय ने अपने आपको ासबत कर सदया है की हम क ु छ भी हा सि कर कते ह और हम ु त सदमाग नह ह यह आज उन िोगो के म ु ह पर जोरदार थपड़ ह जो आज भी हम िोगो को अनपढ़ और सपछड़ा हुआ मझते थे . अब हम शैणीक तौर पर सकी े सपछे नही ह िेसकन सफर भी एक बात जो हम ोचन के सिये मजब ू र करती है की हमारे गा व म इतन पढे सिखे य ु वक और य ु वसतय