View
308
Download
13
Category
Preview:
DESCRIPTION
अपने शुद्ध चैतन्य की प्रतीति सदा बनी रहे इसके लिए शास्त्रों ने श्रद्धा, भक्ति, ध्यान और योग को माध्यम माना है। इन सोपानों पर आरोहण करके हम मुक्ति के शिखर को पाते हैं। जो इनमें स्थित हो जाता है उसका देह बंधन से मोक्ष हो जाता है। ............ प्रस्तुत ग्रन्थ 'मनीषा पंचकं' ब्रह्म विद्या के साधकों के लिए मणि के समान है जिसके आलोक में वे साधना मार्ग का दर्शन स्पष्टतः कर सकते हैं।
Citation preview
Recommended