Upload
om-verma
View
143
Download
4
Embed Size (px)
DESCRIPTION
भगवान दादा की गिनती हास्य कलाकारों में होती है, क्योंकि उन्होने सैकड़ों फिल्मों में ऐसे रोल किए, लेकिन वे उससे कहीं ज्यादा थे। 19940-50 के दशक में वे फिल्मों के नायक और निर्देशक हुआ करते थे और इतने नृत्य–निपुण थे कि अच्छे–अच्छे नचैयों की छुट्टी कर देते। उनके सधे हुए धीमे स्टेप्स इतने लुभावने थे कि उसकी नकल अमिताभ बच्चन, गोविंदा, मिथुन चक्रवर्ती, ऋषि कपूर आदि कई अभिनेताओं ने सहर्ष की। टीवी सीरियल ‘बाजे पायल’ में आशा पारिख ने उन्हें जानी-मानी नृत्यांगनाओं के समक्ष प्रस्तुत कर उनका उचित सम्मान किया। भगवान किशोरकुमार जैसे हरफनमौला कलाकार थे। बासठ साल के फिल्म करियर में उन्होने वह सब किया जो एक रचनाधर्मी कलाकार कर सकता है। 500 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अदाकारी के जलवे दिखाए और 36 फिल्मों के निर्माता और निर्देशक रहे। अन्य कंपनियों की फिल्मों का निर्देशक भी किया। अपनी कमाई के बल पर वे बंगला, गाड़ी और स्टुडियों के मालिक बने और अंत में सब कुछ गँवाकर फक्कड़ जिंदगी गुजारी, लेकिन कभी कोई गिला शिकवा नहीं किया। अपनी मिसाल वे आप थे। भगवान दादा ने अपनी निर्माण संस्था जागृति-पिक्चर्स के बैनर तले कई सफल कॉमेड़ी फिल्में बनाईं। वे लो बजट फिल्में बनाते थे। 1938 से 49 तक वे स्टंट और एक्शन फिल्में बनाते रहे, जो श्रमिक वर्ग द्वारा पसंद की जाती। 1951 में उन्होंने नाच-गानों और हँसी मजाक से भरपूर ऐसी फिल्म बनाई, जिसका नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। यह थी, ‘अलबेला’ जिसमें सी. रामचंद्र का संगीत था और जिसके गाने लता मंगेशकर और स्वयं सी. रामचंद्र ने चितलकर नाम से गाए थे, जो आज भी बड़े चाव से सुने और पसंद किए जाते हैं। मसलन ‘धीरे से आजा री अँखियन से निंदिया’, ‘शाम ढले खिड़की तले तुम सीटी बजाना छोड़ दो’, ‘बलमा बड़ा नादान रे’, ‘प्रीत की न जाने पह
Citation preview
2. 2 | P a g e . , , , , , , - , - - , , . 25 3. 3 | P a g e , 1913 - , , , , - , , , - , , , , , , - , - - - , , , 500 36 4. 4 | P a g e , 1918 1930 ( ) , - , .. ( ) , 1934 -- , , , ,, , , 1936 , 1942 1948 1938-40 - , - . 1940 , , ,, ,, 1951 - , 5. 5 | P a g e . . , , , , , , ,, , - , -- (46) (48) . - , , - (48) . , 6. 6 | P a g e , 3 2002 89 .., .., ,, .. (FTII), .. 7. 7 | P a g e