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सĘची मȉĘची एक Ůयास अंक 1.8 7 माच, 2014 मू: .10 राीय खा स रा क़ानून और उसस े आगे: भोजन का अिधकार, लोकतं और सामािजक ाय इस अंक म: • झारखंड म िवरोध के बावजूद िजंदल के ील ांट को हरी झंडी • रावाद का मौसम • अब सादाियकता की काट बने अरिवंद के जरीवाल

Sacchi Mucchi, March 2014

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Page 1: Sacchi Mucchi, March 2014

स ची म ची एक यासअक 18 7 माच 2014 म 10

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजनका अिधकार लोकत और सामािजक ाय

इस अक म

bull झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडीbull रावाद का मौसमbull अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल

ामी मक काशक व सादक बॉबी रमाकात फोन 9839073355एल पी एफ ताज इव बसमट तलसी माग चौक लखनऊ स मित

कराकर सी-2211 इिरा नगर लखनऊ स कािशत िकया

सादक मलएस आर दारापरी 9415164845राजीव यादव 9415164845

शहनवाज आलम 9452800752रोमा 9415254919

योग यादव 9454587851नागश िपाठी 9452112004अरिवद मित 9839835032

सरिभ अवाल

सलाहकार मलरािजर सरकलदीप नरपणालाल सराणामधा पाटकरअणा रॉय

किवता ीवावयोग यादवअजीत झा

रिव िकरण जनज पी िसहडॉ सनीलम

वापीय पतासदीप ए-893 इिदरा नगर लखनऊ-226016

फोन 0522-2347365ई मल ashaashramyahoocom

िवापनसजीव पाडय 9918864999दवश पटल 9455037799

िवतरणवभचाय पाडय 9415256848

दीप िसह

िवशय सची

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत औरसामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकारअिभयान 3

झारखड म िवरोध क बावजद िजदलक ील ाट को हरी झडीआदोलनकािरय पर लाठी चाज - कषक टीनवाला 7

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल - सदीप पाडय 12

रावाद का मौसम - अपवा न 14

म नािक - भगतिसह (1931) 18

वाराणसी की था - न िकशोर नदन 29

सिजत सघष - राल यका 32

अहमदाबाद म रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान क पाचव अिधवशन का य

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राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

राीय खा सरा क़ानन और उसस आगभोजन का अिधकार लोकत और सामािजक

ायरोजी रोटी अिधकार अिभयान

अहमदाबाद म रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान का पाचवा अिधवशन

अहमदाबाद 1-3 माच 2014दश क 15 रा स िविभसामािजक सगठन जनसगठनसाओ और समदाय क 2000स ादा लोग जो रोज़ी रोटीअिधकार अिभयान क सद कप म लोक अिधकार लोकतऔर सामािजक ाय पर क ितपाचव अिधवशन म सििलत

ए सामािजक समानता शोषणस मि बिनयादी अिधकारको सिनित करन और बहतरसमाज की ापना क िलए चलरह सभी अिहसाक जमीनीजनसघष और आोलन कित अपनी एकजटता कट करतह

हम सब समाज क मसलऔर समाओ जस सचनाक अिधकार जवाबदयता कीमाग ाचार भिम अिधहणिमक का शोषण करन औरविचत तबक क अिधकार काउघन करन वाली नीितयकी िखलाफत करत ए अपन जीवन की आित दन वाल सभी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 3

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

सघष शील सािथय की शहादतको नमन करत ह

हम बत िथत होकर ासवाओ क अभाव कपोषण सततभखमरी क िशकार होकर मरजान वाल ब मिहलाओ पष औरतीसर िलग वाल समदाय क ितसवदना और ःख करत हहम मानत ह िक मात सवाओ का अभाव मिहलाओ का जीवनख कर दता ह इन सबको कोबचाया जा सकता ह

हम उन सभी महनतकश हजारिकसान क ित भी ाजिलअिप त करत ह िजन शोषणकारी नीितय क िखलाफअपनी आजीिवका को बचन कासघष करत ए आहा करनापड़ी साथ की उन लोग को भीाजिल िजन सादाियकऔर जाितगत िहसा म अपनाजीवन खो िदया

हम इस बात की िनदा करत ह िक दश की आजादी क67 साल बाद भी आबादी कोभोजन पोषण ा िशाआजीिवका सामािजक सराशाित और सामािजक ाय जस बिनयादी हक भी उपल नह ह

हम दिलत असकआिदवािसय मिहलाओिनशजन और तीसर िलग क

लोग क साथ लगातार हो रहभदभाव की भी िनदा करत ह

हम इस बात की िनदाकरत ह िक दश कीआजादी क 67 सालबाद भी आबादी कोभोजन पोषणा िशाआजीिवका

सामािजक सराशाित और सामािजकाय जस बिनयादीहक भी उपल नहह हम दिलतअसकआिदवािसयमिहलाओ

िनशजन औरतीसर िलग क लोगक साथ लगातार होरह भदभाव की भीिनदा करत ह

दश क लोकत म िजस तरहअसहमित ि करन वालजनआोलन और गरीबसमथ क नीित िनमा ण क िलएसघष करन वाल को िजस तरह स दबाया जा रहा ह उसस हम बत

िचितत ह यहा तक िक िकसानमजर मिहलाओ धािम कअसक छा यवाओलिगक असक सिहत सभीतबक क अिहसक-शाितपण जनआोलन और अिधकारमागन वाल महनतकश लोगको भी रा बत ही ताकतवरऔर र तरीक स कचल रहा हभारतीय लोकत म िवरोध औरअसहमित करन क िलएदायरा सीिमत हो रहा ह इसकहम भोजन क अिधकार लोकतकी मजबतीऔर सामािजकायक ित अपना सघष जारी रखन की ितबता करत ह

हम िपतसाक वाऔर मिहलाओ क िखलाफिहसा क िव चल रह सघषऔर जनसमथ क लोकतािकराजनीितक ताकत क पम सघष कर रह सिहत सभीआोलन क साथ खड़ होन कीितबता करत ह

हम डटीओ म ापारसमझौत अ अतरा ीयापार समझौत और फसलपर जीएम तकनीक क योग कोअनमित िदए जान की भनाकरत ह िजनक माम स दशकी खा सभता की वाऔर सभावनाओ को ख करन की कोिशश की जा रही ह

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राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

नवउदार पजीवाद शासनवा लोकतािक म कोख करन क यास कितससाधन की बशम ट औरनागिरक सगठनndashजन सघषका गला घटन की सरकारकी लगातार चल रही कोिशशक पिरणाम प ामीणअथ वा की मज़बत इमारतखडहर हो गयी ह और सरकारपर स लोग का भरोसा उठतागया ह आजादी क बाद अबतक ऐसा कभी नह आ अमीरक उपभोग क िलए लोग कआजीिवका क ससाधन औरसाव जिनक-िनजी साझदारी कनाम पर सामदाियक सपिय कोछीन जान और कारपोरट समहक लाभ क िलए दश की सदााकितक ससाधन को बाट जान की नीितय और काम की कड़ीभना करत ह

हम ldquoगजरात क किथत िवकासमाडलrdquo को परी तरह स खािरजकरत ह िजस पर दशवािसयको भरोसा करन को कहा जारहा ह हम मानत ह िकldquoगजरात क शोषणकारी िवकासमाडलrdquo न असमानता को औरबढ़ाया ह साथ ही नवउदारपजीवादी वा क साथ-साथ िपतसाक ताकत कोभी ादा मजबत िकया हइसक अलावा यह गरीब और

हािशय पर खड़ समदाय किवरोध को कचलगा हमार दशक धम िनरप-लोकतािकndashजनकाणकारी तान-बान कोननाबत कर दगा हमऐसी ताकत क िखलाफ औरवष २००२ म ए एक खासअसक समदाय क नरसहारक मामल म गजरात म चल रहसघष और आोलन क साथएकजट रहन और सघष म उनकसाथ रहन की घोषणा करत ह

रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान अिधवशन म जान ज़

हम सभी महनतकश उादकऔर िनमा णकता ओ िजनममिहला िकसान आिदवासीदिलत खितहर मजरऔरछोट-मझौल िकसान छोट पशपालकसीमा िकसान मआरकारीगर और अ महनतकशलोग शािमल ह और िजन खती की वा को सरितिकया ह को हम दश की िकसानआधािरत खा सरा औरसभता वा की रीढ़ मानत ह य ही हमार जन सघष की मलताकत ह

हम ढ सकित ह िक सभीमहनतकश वग क इज़त स जीवन जीन क िलए आवयकवतन काम की सरा बहतरऔर शोषण म मानवीय काय -दशाए म क़ानन क कठोरियायन और सामािजकसरा (िजसम पशन मातलाभ ा सवा समािहत ह)हत भावी काननी अिधकार कोहािसल करन क िलए सघष करग और इस मत स चल रह सघषको अपना समथ न दग

हम इस बात की अपनी ढ़माता दोहरात ह िक खासरा को कवल खा सभतास ही ा िकया जा सकता हहम सभी कामगार क िलए उिचतमजरी सानजनक सामािजकसरा और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़ सकितह हम सभी ब िकशोर-िकशोिरय विचत और कमजोरसमह क उन अिधकार क िलएअपनी ढ़ ितबता एक बारिफर मजबती स दोहरात ह ढिनय करत ह िजसमसभी ब पष मिहलाओ और तीसर िलग स सिधतलोग को पया िविवधता औरगणवापण पोषक भोजन सिहतअिनवाय सवाए िमलना चािहए

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राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

हम मानत ह िक कई राम अिभयान क लगातार सघष और समित यास क चलतलोग क बिनयादी अिधकार(जस रोजगार गारटी ापकसाव जिनक िवतरण णालील म मा भोजनलोकािपकत आईसीडीएसमात लाभ और सामािजकसरा पशन आिद) को हािसलकरन म उखनीय सफलतािमली ह यह सघष हम उजा भी दता ह

हम माग करत ह िक ाकितकआपदाओ सादाियक-जाितगतिहसा एव िवापन स भािवतलोग की आजीिवका और पोषणसिहत खा सरा का हकसिनित िकया जाए

हम ितरोध क साथ याद करत हदिण एिशया खासतौर पर मऔर उर-पव भारत कमीरघाटी उरी ीलका पािकानऔर य अफगािनानआिद क उन लोग कोिजनकी िजदिगया टकराव औरिहसा न छीन ली हम मानत ह िकटकराव वाल म गभीर खा

असरा की िित ह िजसकासमाधान िकय जान की अिनवाय जरत ह हम पनः ढ़ता कसाथ यह बात करत ह िकइन म सामा िित बहालकरन म शाित ाय और पया और पोषक भोजन तक पचअिनवाय कारक ह

हम इस बात कीअपनी ढ़ मातादोहरात ह िक खासरा को कवलखा सभता स हीा िकया जा सकता

ह हम सभीकामगार क िलएउिचत मजरीसानजनकसामािजक सरा

और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़सकित ह

खा सरा क अिधकार कोसरित करन क िलए शाि

अिनवाय ह इस म शाितबहाल करन नागिरक ततासिनित करन लोकतािकतरीक स सघष -दशन करन और टकराव को ख करन किलए ान सरित होना चािहएइन इलाक म क़ानन का राजािपत हो और को सिनकछाविनय स म िकया जाए

हम लोग क भोजन और असबिधत हकदािरय क िलएएकजट सघष क अिभयान कोजारी रखन की ितबता करत ह साथ ही खा सभताऔर जल-जगल-जमीन जस ससाधन क सरण िकसानऔर किष क सरण विचतसमह क म और लोकतको सरित करन की िदशा मअिभयान को आग ल जान कासक लत ह

हम भोजन क अिधकार कोहािसल करन क िलए चल रहविक आोलन और साथएकजटता अिभकरत ह औरभोजन क अिधकार क िलए दिणएिशयाई आदोलन क िलए कामकरन का िनण य लत ह

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झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

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झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

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झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 2: Sacchi Mucchi, March 2014

ामी मक काशक व सादक बॉबी रमाकात फोन 9839073355एल पी एफ ताज इव बसमट तलसी माग चौक लखनऊ स मित

कराकर सी-2211 इिरा नगर लखनऊ स कािशत िकया

सादक मलएस आर दारापरी 9415164845राजीव यादव 9415164845

शहनवाज आलम 9452800752रोमा 9415254919

योग यादव 9454587851नागश िपाठी 9452112004अरिवद मित 9839835032

सरिभ अवाल

सलाहकार मलरािजर सरकलदीप नरपणालाल सराणामधा पाटकरअणा रॉय

किवता ीवावयोग यादवअजीत झा

रिव िकरण जनज पी िसहडॉ सनीलम

वापीय पतासदीप ए-893 इिदरा नगर लखनऊ-226016

फोन 0522-2347365ई मल ashaashramyahoocom

िवापनसजीव पाडय 9918864999दवश पटल 9455037799

िवतरणवभचाय पाडय 9415256848

दीप िसह

िवशय सची

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत औरसामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकारअिभयान 3

झारखड म िवरोध क बावजद िजदलक ील ाट को हरी झडीआदोलनकािरय पर लाठी चाज - कषक टीनवाला 7

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल - सदीप पाडय 12

रावाद का मौसम - अपवा न 14

म नािक - भगतिसह (1931) 18

वाराणसी की था - न िकशोर नदन 29

सिजत सघष - राल यका 32

अहमदाबाद म रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान क पाचव अिधवशन का य

2

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

राीय खा सरा क़ानन और उसस आगभोजन का अिधकार लोकत और सामािजक

ायरोजी रोटी अिधकार अिभयान

अहमदाबाद म रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान का पाचवा अिधवशन

अहमदाबाद 1-3 माच 2014दश क 15 रा स िविभसामािजक सगठन जनसगठनसाओ और समदाय क 2000स ादा लोग जो रोज़ी रोटीअिधकार अिभयान क सद कप म लोक अिधकार लोकतऔर सामािजक ाय पर क ितपाचव अिधवशन म सििलत

ए सामािजक समानता शोषणस मि बिनयादी अिधकारको सिनित करन और बहतरसमाज की ापना क िलए चलरह सभी अिहसाक जमीनीजनसघष और आोलन कित अपनी एकजटता कट करतह

हम सब समाज क मसलऔर समाओ जस सचनाक अिधकार जवाबदयता कीमाग ाचार भिम अिधहणिमक का शोषण करन औरविचत तबक क अिधकार काउघन करन वाली नीितयकी िखलाफत करत ए अपन जीवन की आित दन वाल सभी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 3

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

सघष शील सािथय की शहादतको नमन करत ह

हम बत िथत होकर ासवाओ क अभाव कपोषण सततभखमरी क िशकार होकर मरजान वाल ब मिहलाओ पष औरतीसर िलग वाल समदाय क ितसवदना और ःख करत हहम मानत ह िक मात सवाओ का अभाव मिहलाओ का जीवनख कर दता ह इन सबको कोबचाया जा सकता ह

हम उन सभी महनतकश हजारिकसान क ित भी ाजिलअिप त करत ह िजन शोषणकारी नीितय क िखलाफअपनी आजीिवका को बचन कासघष करत ए आहा करनापड़ी साथ की उन लोग को भीाजिल िजन सादाियकऔर जाितगत िहसा म अपनाजीवन खो िदया

हम इस बात की िनदा करत ह िक दश की आजादी क67 साल बाद भी आबादी कोभोजन पोषण ा िशाआजीिवका सामािजक सराशाित और सामािजक ाय जस बिनयादी हक भी उपल नह ह

हम दिलत असकआिदवािसय मिहलाओिनशजन और तीसर िलग क

लोग क साथ लगातार हो रहभदभाव की भी िनदा करत ह

हम इस बात की िनदाकरत ह िक दश कीआजादी क 67 सालबाद भी आबादी कोभोजन पोषणा िशाआजीिवका

सामािजक सराशाित और सामािजकाय जस बिनयादीहक भी उपल नहह हम दिलतअसकआिदवािसयमिहलाओ

िनशजन औरतीसर िलग क लोगक साथ लगातार होरह भदभाव की भीिनदा करत ह

दश क लोकत म िजस तरहअसहमित ि करन वालजनआोलन और गरीबसमथ क नीित िनमा ण क िलएसघष करन वाल को िजस तरह स दबाया जा रहा ह उसस हम बत

िचितत ह यहा तक िक िकसानमजर मिहलाओ धािम कअसक छा यवाओलिगक असक सिहत सभीतबक क अिहसक-शाितपण जनआोलन और अिधकारमागन वाल महनतकश लोगको भी रा बत ही ताकतवरऔर र तरीक स कचल रहा हभारतीय लोकत म िवरोध औरअसहमित करन क िलएदायरा सीिमत हो रहा ह इसकहम भोजन क अिधकार लोकतकी मजबतीऔर सामािजकायक ित अपना सघष जारी रखन की ितबता करत ह

हम िपतसाक वाऔर मिहलाओ क िखलाफिहसा क िव चल रह सघषऔर जनसमथ क लोकतािकराजनीितक ताकत क पम सघष कर रह सिहत सभीआोलन क साथ खड़ होन कीितबता करत ह

हम डटीओ म ापारसमझौत अ अतरा ीयापार समझौत और फसलपर जीएम तकनीक क योग कोअनमित िदए जान की भनाकरत ह िजनक माम स दशकी खा सभता की वाऔर सभावनाओ को ख करन की कोिशश की जा रही ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 4

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

नवउदार पजीवाद शासनवा लोकतािक म कोख करन क यास कितससाधन की बशम ट औरनागिरक सगठनndashजन सघषका गला घटन की सरकारकी लगातार चल रही कोिशशक पिरणाम प ामीणअथ वा की मज़बत इमारतखडहर हो गयी ह और सरकारपर स लोग का भरोसा उठतागया ह आजादी क बाद अबतक ऐसा कभी नह आ अमीरक उपभोग क िलए लोग कआजीिवका क ससाधन औरसाव जिनक-िनजी साझदारी कनाम पर सामदाियक सपिय कोछीन जान और कारपोरट समहक लाभ क िलए दश की सदााकितक ससाधन को बाट जान की नीितय और काम की कड़ीभना करत ह

हम ldquoगजरात क किथत िवकासमाडलrdquo को परी तरह स खािरजकरत ह िजस पर दशवािसयको भरोसा करन को कहा जारहा ह हम मानत ह िकldquoगजरात क शोषणकारी िवकासमाडलrdquo न असमानता को औरबढ़ाया ह साथ ही नवउदारपजीवादी वा क साथ-साथ िपतसाक ताकत कोभी ादा मजबत िकया हइसक अलावा यह गरीब और

हािशय पर खड़ समदाय किवरोध को कचलगा हमार दशक धम िनरप-लोकतािकndashजनकाणकारी तान-बान कोननाबत कर दगा हमऐसी ताकत क िखलाफ औरवष २००२ म ए एक खासअसक समदाय क नरसहारक मामल म गजरात म चल रहसघष और आोलन क साथएकजट रहन और सघष म उनकसाथ रहन की घोषणा करत ह

रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान अिधवशन म जान ज़

हम सभी महनतकश उादकऔर िनमा णकता ओ िजनममिहला िकसान आिदवासीदिलत खितहर मजरऔरछोट-मझौल िकसान छोट पशपालकसीमा िकसान मआरकारीगर और अ महनतकशलोग शािमल ह और िजन खती की वा को सरितिकया ह को हम दश की िकसानआधािरत खा सरा औरसभता वा की रीढ़ मानत ह य ही हमार जन सघष की मलताकत ह

हम ढ सकित ह िक सभीमहनतकश वग क इज़त स जीवन जीन क िलए आवयकवतन काम की सरा बहतरऔर शोषण म मानवीय काय -दशाए म क़ानन क कठोरियायन और सामािजकसरा (िजसम पशन मातलाभ ा सवा समािहत ह)हत भावी काननी अिधकार कोहािसल करन क िलए सघष करग और इस मत स चल रह सघषको अपना समथ न दग

हम इस बात की अपनी ढ़माता दोहरात ह िक खासरा को कवल खा सभतास ही ा िकया जा सकता हहम सभी कामगार क िलए उिचतमजरी सानजनक सामािजकसरा और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़ सकितह हम सभी ब िकशोर-िकशोिरय विचत और कमजोरसमह क उन अिधकार क िलएअपनी ढ़ ितबता एक बारिफर मजबती स दोहरात ह ढिनय करत ह िजसमसभी ब पष मिहलाओ और तीसर िलग स सिधतलोग को पया िविवधता औरगणवापण पोषक भोजन सिहतअिनवाय सवाए िमलना चािहए

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 5

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

हम मानत ह िक कई राम अिभयान क लगातार सघष और समित यास क चलतलोग क बिनयादी अिधकार(जस रोजगार गारटी ापकसाव जिनक िवतरण णालील म मा भोजनलोकािपकत आईसीडीएसमात लाभ और सामािजकसरा पशन आिद) को हािसलकरन म उखनीय सफलतािमली ह यह सघष हम उजा भी दता ह

हम माग करत ह िक ाकितकआपदाओ सादाियक-जाितगतिहसा एव िवापन स भािवतलोग की आजीिवका और पोषणसिहत खा सरा का हकसिनित िकया जाए

हम ितरोध क साथ याद करत हदिण एिशया खासतौर पर मऔर उर-पव भारत कमीरघाटी उरी ीलका पािकानऔर य अफगािनानआिद क उन लोग कोिजनकी िजदिगया टकराव औरिहसा न छीन ली हम मानत ह िकटकराव वाल म गभीर खा

असरा की िित ह िजसकासमाधान िकय जान की अिनवाय जरत ह हम पनः ढ़ता कसाथ यह बात करत ह िकइन म सामा िित बहालकरन म शाित ाय और पया और पोषक भोजन तक पचअिनवाय कारक ह

हम इस बात कीअपनी ढ़ मातादोहरात ह िक खासरा को कवलखा सभता स हीा िकया जा सकता

ह हम सभीकामगार क िलएउिचत मजरीसानजनकसामािजक सरा

और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़सकित ह

खा सरा क अिधकार कोसरित करन क िलए शाि

अिनवाय ह इस म शाितबहाल करन नागिरक ततासिनित करन लोकतािकतरीक स सघष -दशन करन और टकराव को ख करन किलए ान सरित होना चािहएइन इलाक म क़ानन का राजािपत हो और को सिनकछाविनय स म िकया जाए

हम लोग क भोजन और असबिधत हकदािरय क िलएएकजट सघष क अिभयान कोजारी रखन की ितबता करत ह साथ ही खा सभताऔर जल-जगल-जमीन जस ससाधन क सरण िकसानऔर किष क सरण विचतसमह क म और लोकतको सरित करन की िदशा मअिभयान को आग ल जान कासक लत ह

हम भोजन क अिधकार कोहािसल करन क िलए चल रहविक आोलन और साथएकजटता अिभकरत ह औरभोजन क अिधकार क िलए दिणएिशयाई आदोलन क िलए कामकरन का िनण य लत ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 6

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 7

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 3: Sacchi Mucchi, March 2014

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

राीय खा सरा क़ानन और उसस आगभोजन का अिधकार लोकत और सामािजक

ायरोजी रोटी अिधकार अिभयान

अहमदाबाद म रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान का पाचवा अिधवशन

अहमदाबाद 1-3 माच 2014दश क 15 रा स िविभसामािजक सगठन जनसगठनसाओ और समदाय क 2000स ादा लोग जो रोज़ी रोटीअिधकार अिभयान क सद कप म लोक अिधकार लोकतऔर सामािजक ाय पर क ितपाचव अिधवशन म सििलत

ए सामािजक समानता शोषणस मि बिनयादी अिधकारको सिनित करन और बहतरसमाज की ापना क िलए चलरह सभी अिहसाक जमीनीजनसघष और आोलन कित अपनी एकजटता कट करतह

हम सब समाज क मसलऔर समाओ जस सचनाक अिधकार जवाबदयता कीमाग ाचार भिम अिधहणिमक का शोषण करन औरविचत तबक क अिधकार काउघन करन वाली नीितयकी िखलाफत करत ए अपन जीवन की आित दन वाल सभी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 3

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

सघष शील सािथय की शहादतको नमन करत ह

हम बत िथत होकर ासवाओ क अभाव कपोषण सततभखमरी क िशकार होकर मरजान वाल ब मिहलाओ पष औरतीसर िलग वाल समदाय क ितसवदना और ःख करत हहम मानत ह िक मात सवाओ का अभाव मिहलाओ का जीवनख कर दता ह इन सबको कोबचाया जा सकता ह

हम उन सभी महनतकश हजारिकसान क ित भी ाजिलअिप त करत ह िजन शोषणकारी नीितय क िखलाफअपनी आजीिवका को बचन कासघष करत ए आहा करनापड़ी साथ की उन लोग को भीाजिल िजन सादाियकऔर जाितगत िहसा म अपनाजीवन खो िदया

हम इस बात की िनदा करत ह िक दश की आजादी क67 साल बाद भी आबादी कोभोजन पोषण ा िशाआजीिवका सामािजक सराशाित और सामािजक ाय जस बिनयादी हक भी उपल नह ह

हम दिलत असकआिदवािसय मिहलाओिनशजन और तीसर िलग क

लोग क साथ लगातार हो रहभदभाव की भी िनदा करत ह

हम इस बात की िनदाकरत ह िक दश कीआजादी क 67 सालबाद भी आबादी कोभोजन पोषणा िशाआजीिवका

सामािजक सराशाित और सामािजकाय जस बिनयादीहक भी उपल नहह हम दिलतअसकआिदवािसयमिहलाओ

िनशजन औरतीसर िलग क लोगक साथ लगातार होरह भदभाव की भीिनदा करत ह

दश क लोकत म िजस तरहअसहमित ि करन वालजनआोलन और गरीबसमथ क नीित िनमा ण क िलएसघष करन वाल को िजस तरह स दबाया जा रहा ह उसस हम बत

िचितत ह यहा तक िक िकसानमजर मिहलाओ धािम कअसक छा यवाओलिगक असक सिहत सभीतबक क अिहसक-शाितपण जनआोलन और अिधकारमागन वाल महनतकश लोगको भी रा बत ही ताकतवरऔर र तरीक स कचल रहा हभारतीय लोकत म िवरोध औरअसहमित करन क िलएदायरा सीिमत हो रहा ह इसकहम भोजन क अिधकार लोकतकी मजबतीऔर सामािजकायक ित अपना सघष जारी रखन की ितबता करत ह

हम िपतसाक वाऔर मिहलाओ क िखलाफिहसा क िव चल रह सघषऔर जनसमथ क लोकतािकराजनीितक ताकत क पम सघष कर रह सिहत सभीआोलन क साथ खड़ होन कीितबता करत ह

हम डटीओ म ापारसमझौत अ अतरा ीयापार समझौत और फसलपर जीएम तकनीक क योग कोअनमित िदए जान की भनाकरत ह िजनक माम स दशकी खा सभता की वाऔर सभावनाओ को ख करन की कोिशश की जा रही ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 4

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

नवउदार पजीवाद शासनवा लोकतािक म कोख करन क यास कितससाधन की बशम ट औरनागिरक सगठनndashजन सघषका गला घटन की सरकारकी लगातार चल रही कोिशशक पिरणाम प ामीणअथ वा की मज़बत इमारतखडहर हो गयी ह और सरकारपर स लोग का भरोसा उठतागया ह आजादी क बाद अबतक ऐसा कभी नह आ अमीरक उपभोग क िलए लोग कआजीिवका क ससाधन औरसाव जिनक-िनजी साझदारी कनाम पर सामदाियक सपिय कोछीन जान और कारपोरट समहक लाभ क िलए दश की सदााकितक ससाधन को बाट जान की नीितय और काम की कड़ीभना करत ह

हम ldquoगजरात क किथत िवकासमाडलrdquo को परी तरह स खािरजकरत ह िजस पर दशवािसयको भरोसा करन को कहा जारहा ह हम मानत ह िकldquoगजरात क शोषणकारी िवकासमाडलrdquo न असमानता को औरबढ़ाया ह साथ ही नवउदारपजीवादी वा क साथ-साथ िपतसाक ताकत कोभी ादा मजबत िकया हइसक अलावा यह गरीब और

हािशय पर खड़ समदाय किवरोध को कचलगा हमार दशक धम िनरप-लोकतािकndashजनकाणकारी तान-बान कोननाबत कर दगा हमऐसी ताकत क िखलाफ औरवष २००२ म ए एक खासअसक समदाय क नरसहारक मामल म गजरात म चल रहसघष और आोलन क साथएकजट रहन और सघष म उनकसाथ रहन की घोषणा करत ह

रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान अिधवशन म जान ज़

हम सभी महनतकश उादकऔर िनमा णकता ओ िजनममिहला िकसान आिदवासीदिलत खितहर मजरऔरछोट-मझौल िकसान छोट पशपालकसीमा िकसान मआरकारीगर और अ महनतकशलोग शािमल ह और िजन खती की वा को सरितिकया ह को हम दश की िकसानआधािरत खा सरा औरसभता वा की रीढ़ मानत ह य ही हमार जन सघष की मलताकत ह

हम ढ सकित ह िक सभीमहनतकश वग क इज़त स जीवन जीन क िलए आवयकवतन काम की सरा बहतरऔर शोषण म मानवीय काय -दशाए म क़ानन क कठोरियायन और सामािजकसरा (िजसम पशन मातलाभ ा सवा समािहत ह)हत भावी काननी अिधकार कोहािसल करन क िलए सघष करग और इस मत स चल रह सघषको अपना समथ न दग

हम इस बात की अपनी ढ़माता दोहरात ह िक खासरा को कवल खा सभतास ही ा िकया जा सकता हहम सभी कामगार क िलए उिचतमजरी सानजनक सामािजकसरा और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़ सकितह हम सभी ब िकशोर-िकशोिरय विचत और कमजोरसमह क उन अिधकार क िलएअपनी ढ़ ितबता एक बारिफर मजबती स दोहरात ह ढिनय करत ह िजसमसभी ब पष मिहलाओ और तीसर िलग स सिधतलोग को पया िविवधता औरगणवापण पोषक भोजन सिहतअिनवाय सवाए िमलना चािहए

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 5

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

हम मानत ह िक कई राम अिभयान क लगातार सघष और समित यास क चलतलोग क बिनयादी अिधकार(जस रोजगार गारटी ापकसाव जिनक िवतरण णालील म मा भोजनलोकािपकत आईसीडीएसमात लाभ और सामािजकसरा पशन आिद) को हािसलकरन म उखनीय सफलतािमली ह यह सघष हम उजा भी दता ह

हम माग करत ह िक ाकितकआपदाओ सादाियक-जाितगतिहसा एव िवापन स भािवतलोग की आजीिवका और पोषणसिहत खा सरा का हकसिनित िकया जाए

हम ितरोध क साथ याद करत हदिण एिशया खासतौर पर मऔर उर-पव भारत कमीरघाटी उरी ीलका पािकानऔर य अफगािनानआिद क उन लोग कोिजनकी िजदिगया टकराव औरिहसा न छीन ली हम मानत ह िकटकराव वाल म गभीर खा

असरा की िित ह िजसकासमाधान िकय जान की अिनवाय जरत ह हम पनः ढ़ता कसाथ यह बात करत ह िकइन म सामा िित बहालकरन म शाित ाय और पया और पोषक भोजन तक पचअिनवाय कारक ह

हम इस बात कीअपनी ढ़ मातादोहरात ह िक खासरा को कवलखा सभता स हीा िकया जा सकता

ह हम सभीकामगार क िलएउिचत मजरीसानजनकसामािजक सरा

और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़सकित ह

खा सरा क अिधकार कोसरित करन क िलए शाि

अिनवाय ह इस म शाितबहाल करन नागिरक ततासिनित करन लोकतािकतरीक स सघष -दशन करन और टकराव को ख करन किलए ान सरित होना चािहएइन इलाक म क़ानन का राजािपत हो और को सिनकछाविनय स म िकया जाए

हम लोग क भोजन और असबिधत हकदािरय क िलएएकजट सघष क अिभयान कोजारी रखन की ितबता करत ह साथ ही खा सभताऔर जल-जगल-जमीन जस ससाधन क सरण िकसानऔर किष क सरण विचतसमह क म और लोकतको सरित करन की िदशा मअिभयान को आग ल जान कासक लत ह

हम भोजन क अिधकार कोहािसल करन क िलए चल रहविक आोलन और साथएकजटता अिभकरत ह औरभोजन क अिधकार क िलए दिणएिशयाई आदोलन क िलए कामकरन का िनण य लत ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 6

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 7

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 4: Sacchi Mucchi, March 2014

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

सघष शील सािथय की शहादतको नमन करत ह

हम बत िथत होकर ासवाओ क अभाव कपोषण सततभखमरी क िशकार होकर मरजान वाल ब मिहलाओ पष औरतीसर िलग वाल समदाय क ितसवदना और ःख करत हहम मानत ह िक मात सवाओ का अभाव मिहलाओ का जीवनख कर दता ह इन सबको कोबचाया जा सकता ह

हम उन सभी महनतकश हजारिकसान क ित भी ाजिलअिप त करत ह िजन शोषणकारी नीितय क िखलाफअपनी आजीिवका को बचन कासघष करत ए आहा करनापड़ी साथ की उन लोग को भीाजिल िजन सादाियकऔर जाितगत िहसा म अपनाजीवन खो िदया

हम इस बात की िनदा करत ह िक दश की आजादी क67 साल बाद भी आबादी कोभोजन पोषण ा िशाआजीिवका सामािजक सराशाित और सामािजक ाय जस बिनयादी हक भी उपल नह ह

हम दिलत असकआिदवािसय मिहलाओिनशजन और तीसर िलग क

लोग क साथ लगातार हो रहभदभाव की भी िनदा करत ह

हम इस बात की िनदाकरत ह िक दश कीआजादी क 67 सालबाद भी आबादी कोभोजन पोषणा िशाआजीिवका

सामािजक सराशाित और सामािजकाय जस बिनयादीहक भी उपल नहह हम दिलतअसकआिदवािसयमिहलाओ

िनशजन औरतीसर िलग क लोगक साथ लगातार होरह भदभाव की भीिनदा करत ह

दश क लोकत म िजस तरहअसहमित ि करन वालजनआोलन और गरीबसमथ क नीित िनमा ण क िलएसघष करन वाल को िजस तरह स दबाया जा रहा ह उसस हम बत

िचितत ह यहा तक िक िकसानमजर मिहलाओ धािम कअसक छा यवाओलिगक असक सिहत सभीतबक क अिहसक-शाितपण जनआोलन और अिधकारमागन वाल महनतकश लोगको भी रा बत ही ताकतवरऔर र तरीक स कचल रहा हभारतीय लोकत म िवरोध औरअसहमित करन क िलएदायरा सीिमत हो रहा ह इसकहम भोजन क अिधकार लोकतकी मजबतीऔर सामािजकायक ित अपना सघष जारी रखन की ितबता करत ह

हम िपतसाक वाऔर मिहलाओ क िखलाफिहसा क िव चल रह सघषऔर जनसमथ क लोकतािकराजनीितक ताकत क पम सघष कर रह सिहत सभीआोलन क साथ खड़ होन कीितबता करत ह

हम डटीओ म ापारसमझौत अ अतरा ीयापार समझौत और फसलपर जीएम तकनीक क योग कोअनमित िदए जान की भनाकरत ह िजनक माम स दशकी खा सभता की वाऔर सभावनाओ को ख करन की कोिशश की जा रही ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 4

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

नवउदार पजीवाद शासनवा लोकतािक म कोख करन क यास कितससाधन की बशम ट औरनागिरक सगठनndashजन सघषका गला घटन की सरकारकी लगातार चल रही कोिशशक पिरणाम प ामीणअथ वा की मज़बत इमारतखडहर हो गयी ह और सरकारपर स लोग का भरोसा उठतागया ह आजादी क बाद अबतक ऐसा कभी नह आ अमीरक उपभोग क िलए लोग कआजीिवका क ससाधन औरसाव जिनक-िनजी साझदारी कनाम पर सामदाियक सपिय कोछीन जान और कारपोरट समहक लाभ क िलए दश की सदााकितक ससाधन को बाट जान की नीितय और काम की कड़ीभना करत ह

हम ldquoगजरात क किथत िवकासमाडलrdquo को परी तरह स खािरजकरत ह िजस पर दशवािसयको भरोसा करन को कहा जारहा ह हम मानत ह िकldquoगजरात क शोषणकारी िवकासमाडलrdquo न असमानता को औरबढ़ाया ह साथ ही नवउदारपजीवादी वा क साथ-साथ िपतसाक ताकत कोभी ादा मजबत िकया हइसक अलावा यह गरीब और

हािशय पर खड़ समदाय किवरोध को कचलगा हमार दशक धम िनरप-लोकतािकndashजनकाणकारी तान-बान कोननाबत कर दगा हमऐसी ताकत क िखलाफ औरवष २००२ म ए एक खासअसक समदाय क नरसहारक मामल म गजरात म चल रहसघष और आोलन क साथएकजट रहन और सघष म उनकसाथ रहन की घोषणा करत ह

रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान अिधवशन म जान ज़

हम सभी महनतकश उादकऔर िनमा णकता ओ िजनममिहला िकसान आिदवासीदिलत खितहर मजरऔरछोट-मझौल िकसान छोट पशपालकसीमा िकसान मआरकारीगर और अ महनतकशलोग शािमल ह और िजन खती की वा को सरितिकया ह को हम दश की िकसानआधािरत खा सरा औरसभता वा की रीढ़ मानत ह य ही हमार जन सघष की मलताकत ह

हम ढ सकित ह िक सभीमहनतकश वग क इज़त स जीवन जीन क िलए आवयकवतन काम की सरा बहतरऔर शोषण म मानवीय काय -दशाए म क़ानन क कठोरियायन और सामािजकसरा (िजसम पशन मातलाभ ा सवा समािहत ह)हत भावी काननी अिधकार कोहािसल करन क िलए सघष करग और इस मत स चल रह सघषको अपना समथ न दग

हम इस बात की अपनी ढ़माता दोहरात ह िक खासरा को कवल खा सभतास ही ा िकया जा सकता हहम सभी कामगार क िलए उिचतमजरी सानजनक सामािजकसरा और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़ सकितह हम सभी ब िकशोर-िकशोिरय विचत और कमजोरसमह क उन अिधकार क िलएअपनी ढ़ ितबता एक बारिफर मजबती स दोहरात ह ढिनय करत ह िजसमसभी ब पष मिहलाओ और तीसर िलग स सिधतलोग को पया िविवधता औरगणवापण पोषक भोजन सिहतअिनवाय सवाए िमलना चािहए

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 5

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

हम मानत ह िक कई राम अिभयान क लगातार सघष और समित यास क चलतलोग क बिनयादी अिधकार(जस रोजगार गारटी ापकसाव जिनक िवतरण णालील म मा भोजनलोकािपकत आईसीडीएसमात लाभ और सामािजकसरा पशन आिद) को हािसलकरन म उखनीय सफलतािमली ह यह सघष हम उजा भी दता ह

हम माग करत ह िक ाकितकआपदाओ सादाियक-जाितगतिहसा एव िवापन स भािवतलोग की आजीिवका और पोषणसिहत खा सरा का हकसिनित िकया जाए

हम ितरोध क साथ याद करत हदिण एिशया खासतौर पर मऔर उर-पव भारत कमीरघाटी उरी ीलका पािकानऔर य अफगािनानआिद क उन लोग कोिजनकी िजदिगया टकराव औरिहसा न छीन ली हम मानत ह िकटकराव वाल म गभीर खा

असरा की िित ह िजसकासमाधान िकय जान की अिनवाय जरत ह हम पनः ढ़ता कसाथ यह बात करत ह िकइन म सामा िित बहालकरन म शाित ाय और पया और पोषक भोजन तक पचअिनवाय कारक ह

हम इस बात कीअपनी ढ़ मातादोहरात ह िक खासरा को कवलखा सभता स हीा िकया जा सकता

ह हम सभीकामगार क िलएउिचत मजरीसानजनकसामािजक सरा

और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़सकित ह

खा सरा क अिधकार कोसरित करन क िलए शाि

अिनवाय ह इस म शाितबहाल करन नागिरक ततासिनित करन लोकतािकतरीक स सघष -दशन करन और टकराव को ख करन किलए ान सरित होना चािहएइन इलाक म क़ानन का राजािपत हो और को सिनकछाविनय स म िकया जाए

हम लोग क भोजन और असबिधत हकदािरय क िलएएकजट सघष क अिभयान कोजारी रखन की ितबता करत ह साथ ही खा सभताऔर जल-जगल-जमीन जस ससाधन क सरण िकसानऔर किष क सरण विचतसमह क म और लोकतको सरित करन की िदशा मअिभयान को आग ल जान कासक लत ह

हम भोजन क अिधकार कोहािसल करन क िलए चल रहविक आोलन और साथएकजटता अिभकरत ह औरभोजन क अिधकार क िलए दिणएिशयाई आदोलन क िलए कामकरन का िनण य लत ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 6

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 7

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 5: Sacchi Mucchi, March 2014

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

नवउदार पजीवाद शासनवा लोकतािक म कोख करन क यास कितससाधन की बशम ट औरनागिरक सगठनndashजन सघषका गला घटन की सरकारकी लगातार चल रही कोिशशक पिरणाम प ामीणअथ वा की मज़बत इमारतखडहर हो गयी ह और सरकारपर स लोग का भरोसा उठतागया ह आजादी क बाद अबतक ऐसा कभी नह आ अमीरक उपभोग क िलए लोग कआजीिवका क ससाधन औरसाव जिनक-िनजी साझदारी कनाम पर सामदाियक सपिय कोछीन जान और कारपोरट समहक लाभ क िलए दश की सदााकितक ससाधन को बाट जान की नीितय और काम की कड़ीभना करत ह

हम ldquoगजरात क किथत िवकासमाडलrdquo को परी तरह स खािरजकरत ह िजस पर दशवािसयको भरोसा करन को कहा जारहा ह हम मानत ह िकldquoगजरात क शोषणकारी िवकासमाडलrdquo न असमानता को औरबढ़ाया ह साथ ही नवउदारपजीवादी वा क साथ-साथ िपतसाक ताकत कोभी ादा मजबत िकया हइसक अलावा यह गरीब और

हािशय पर खड़ समदाय किवरोध को कचलगा हमार दशक धम िनरप-लोकतािकndashजनकाणकारी तान-बान कोननाबत कर दगा हमऐसी ताकत क िखलाफ औरवष २००२ म ए एक खासअसक समदाय क नरसहारक मामल म गजरात म चल रहसघष और आोलन क साथएकजट रहन और सघष म उनकसाथ रहन की घोषणा करत ह

रोज़ी रोटी अिधकार अिभयान अिधवशन म जान ज़

हम सभी महनतकश उादकऔर िनमा णकता ओ िजनममिहला िकसान आिदवासीदिलत खितहर मजरऔरछोट-मझौल िकसान छोट पशपालकसीमा िकसान मआरकारीगर और अ महनतकशलोग शािमल ह और िजन खती की वा को सरितिकया ह को हम दश की िकसानआधािरत खा सरा औरसभता वा की रीढ़ मानत ह य ही हमार जन सघष की मलताकत ह

हम ढ सकित ह िक सभीमहनतकश वग क इज़त स जीवन जीन क िलए आवयकवतन काम की सरा बहतरऔर शोषण म मानवीय काय -दशाए म क़ानन क कठोरियायन और सामािजकसरा (िजसम पशन मातलाभ ा सवा समािहत ह)हत भावी काननी अिधकार कोहािसल करन क िलए सघष करग और इस मत स चल रह सघषको अपना समथ न दग

हम इस बात की अपनी ढ़माता दोहरात ह िक खासरा को कवल खा सभतास ही ा िकया जा सकता हहम सभी कामगार क िलए उिचतमजरी सानजनक सामािजकसरा और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़ सकितह हम सभी ब िकशोर-िकशोिरय विचत और कमजोरसमह क उन अिधकार क िलएअपनी ढ़ ितबता एक बारिफर मजबती स दोहरात ह ढिनय करत ह िजसमसभी ब पष मिहलाओ और तीसर िलग स सिधतलोग को पया िविवधता औरगणवापण पोषक भोजन सिहतअिनवाय सवाए िमलना चािहए

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 5

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

हम मानत ह िक कई राम अिभयान क लगातार सघष और समित यास क चलतलोग क बिनयादी अिधकार(जस रोजगार गारटी ापकसाव जिनक िवतरण णालील म मा भोजनलोकािपकत आईसीडीएसमात लाभ और सामािजकसरा पशन आिद) को हािसलकरन म उखनीय सफलतािमली ह यह सघष हम उजा भी दता ह

हम माग करत ह िक ाकितकआपदाओ सादाियक-जाितगतिहसा एव िवापन स भािवतलोग की आजीिवका और पोषणसिहत खा सरा का हकसिनित िकया जाए

हम ितरोध क साथ याद करत हदिण एिशया खासतौर पर मऔर उर-पव भारत कमीरघाटी उरी ीलका पािकानऔर य अफगािनानआिद क उन लोग कोिजनकी िजदिगया टकराव औरिहसा न छीन ली हम मानत ह िकटकराव वाल म गभीर खा

असरा की िित ह िजसकासमाधान िकय जान की अिनवाय जरत ह हम पनः ढ़ता कसाथ यह बात करत ह िकइन म सामा िित बहालकरन म शाित ाय और पया और पोषक भोजन तक पचअिनवाय कारक ह

हम इस बात कीअपनी ढ़ मातादोहरात ह िक खासरा को कवलखा सभता स हीा िकया जा सकता

ह हम सभीकामगार क िलएउिचत मजरीसानजनकसामािजक सरा

और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़सकित ह

खा सरा क अिधकार कोसरित करन क िलए शाि

अिनवाय ह इस म शाितबहाल करन नागिरक ततासिनित करन लोकतािकतरीक स सघष -दशन करन और टकराव को ख करन किलए ान सरित होना चािहएइन इलाक म क़ानन का राजािपत हो और को सिनकछाविनय स म िकया जाए

हम लोग क भोजन और असबिधत हकदािरय क िलएएकजट सघष क अिभयान कोजारी रखन की ितबता करत ह साथ ही खा सभताऔर जल-जगल-जमीन जस ससाधन क सरण िकसानऔर किष क सरण विचतसमह क म और लोकतको सरित करन की िदशा मअिभयान को आग ल जान कासक लत ह

हम भोजन क अिधकार कोहािसल करन क िलए चल रहविक आोलन और साथएकजटता अिभकरत ह औरभोजन क अिधकार क िलए दिणएिशयाई आदोलन क िलए कामकरन का िनण य लत ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 6

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 7

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 6: Sacchi Mucchi, March 2014

राीय खा सरा क़ानन और उसस आग भोजन का अिधकार लोकत और सामािजक ाय - रोजी रोटी अिधकार अिभयान

हम मानत ह िक कई राम अिभयान क लगातार सघष और समित यास क चलतलोग क बिनयादी अिधकार(जस रोजगार गारटी ापकसाव जिनक िवतरण णालील म मा भोजनलोकािपकत आईसीडीएसमात लाभ और सामािजकसरा पशन आिद) को हािसलकरन म उखनीय सफलतािमली ह यह सघष हम उजा भी दता ह

हम माग करत ह िक ाकितकआपदाओ सादाियक-जाितगतिहसा एव िवापन स भािवतलोग की आजीिवका और पोषणसिहत खा सरा का हकसिनित िकया जाए

हम ितरोध क साथ याद करत हदिण एिशया खासतौर पर मऔर उर-पव भारत कमीरघाटी उरी ीलका पािकानऔर य अफगािनानआिद क उन लोग कोिजनकी िजदिगया टकराव औरिहसा न छीन ली हम मानत ह िकटकराव वाल म गभीर खा

असरा की िित ह िजसकासमाधान िकय जान की अिनवाय जरत ह हम पनः ढ़ता कसाथ यह बात करत ह िकइन म सामा िित बहालकरन म शाित ाय और पया और पोषक भोजन तक पचअिनवाय कारक ह

हम इस बात कीअपनी ढ़ मातादोहरात ह िक खासरा को कवलखा सभता स हीा िकया जा सकता

ह हम सभीकामगार क िलएउिचत मजरीसानजनकसामािजक सरा

और सगठन बनान कअिधकार क ित ढ़सकित ह

खा सरा क अिधकार कोसरित करन क िलए शाि

अिनवाय ह इस म शाितबहाल करन नागिरक ततासिनित करन लोकतािकतरीक स सघष -दशन करन और टकराव को ख करन किलए ान सरित होना चािहएइन इलाक म क़ानन का राजािपत हो और को सिनकछाविनय स म िकया जाए

हम लोग क भोजन और असबिधत हकदािरय क िलएएकजट सघष क अिभयान कोजारी रखन की ितबता करत ह साथ ही खा सभताऔर जल-जगल-जमीन जस ससाधन क सरण िकसानऔर किष क सरण विचतसमह क म और लोकतको सरित करन की िदशा मअिभयान को आग ल जान कासक लत ह

हम भोजन क अिधकार कोहािसल करन क िलए चल रहविक आोलन और साथएकजटता अिभकरत ह औरभोजन क अिधकार क िलए दिणएिशयाई आदोलन क िलए कामकरन का िनण य लत ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 6

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 7

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 7: Sacchi Mucchi, March 2014

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ीलाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी

चाज कष क टीनवाला

माच 8 2014 को म जमशदपरक पास असनबोनी म थाऔर टका मकिन दख रहा था मन अ लोग को अपनी िफ कारा इटरनट पर इस मकिनको िदखान का यास िकया मन कई खबसरत इलाक म समयगजारा इस उीद म िक व इसरा स क ग लिकन रिडिमिवकास भिव का ढाचा बदलरहा ह

झारखड रा की ापना साल2000 म ई और िवकास कउाद स यह रा होगया रा की सरकार न एकक बाद एक िवकास की 108 बड़ीयोजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनम ील ाटखनन सीमट एव िवत आिदशािमल ह म असनबोली मएक जनसनवाई म शािमल आिजसका आयोजन झारखड राषण िनयण बोड ारा िकया

गया था तािक िजदल ील औरपावर िलिमटड को एक वष म 6िमिलयन टन ील ाट क िलएहरी झडी दी जा सक इस ाटका नाम जानबझकर ीनफीडइटीटड ील ाट रखा गया

म कमार चद माड क साथथा यह नाम कोलहन क एकआदोलनकारी और राजनता कतौर पर इमाल होता हऔर यहसदभ दन क िलए इमाल होता

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 7

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 8: Sacchi Mucchi, March 2014

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

ह िक दिण झारखड म अब ाह

झारखड रा कीापना साल 2000म ई और िवकास कउाद स यह रा हो गया राकी सरकार न एक कबाद एक िवकास की108 बड़ी योजनाओ क िलए समझौत परहार िकए इनमील ाट खननसीमट एव िवतआिद शािमल ह

उनक जमशदपर ित आवासपर आप भगत िसह गाधी औरजयकाश नारायण की तीरिस और का मरम की तीरक साथ दख सकतह जो िक 19वीशताी म अज क िखलाफसथाल िवोही थ जहा एक ओरपर समदाय क िलए लोग न हिथयार उठा िलए थ वह माड दाकाननी िया म िवास रखतह वह और उनकी पी सालगीसथाली भिम समा पर पनवा सऔर आिदवािसय क अिधकारको लकर 80 क शआती दशकस काम करत रह ह माड दा क

िलए कछ श म कहा जाए तोमनोरम वाय और दया िवनोदीवह इस अी लड़ाई क अनभवीसिनक ह

जमशदपर म हर ओर उोग हिजस साइबर कफ म बठकर म यहटाइप कर रहा उसम कटर कडटॉप पर जमशदजी टाटा कीतीर सान क तौर पर लगीह िजसक नीच िलखा ह lsquoहमारसापकrsquo जमशदपर को टाटानगर क नाम स भी जाना जाताह इसम करीब 18 गाव आतह िजनम सकची कालीमाटीगोलमित और सोनारी भी शािमलह जो सभी भारत क सौ सालपरान ील टाउन क पड़ोसीबन लिकन य सभी लब समयतक इस क िलए लाभदायकरह सव थम अज न रलवक िलए वन की कटाई का कामिकया सथाल न इसका िवरोधिकया और दोबारा िवरोध िकयाजब अज और बाद म भारतसरकार न वन और भिम स वनसमदाय को अलग करक दखन का काम िकया छोटा नागपरटनसी ए 1908 सथालपरगना टनसी ए 1949 औरसिवधान की पाचवी और छठीअनसिच म इस मामल को जिदया

माच 8 2014 को हमन जमशदपर की उपनगरीयउपा हौजपॉज नगरीयता स टकारा पाकर बाद म तरमादीहक बरबाद पव त को पार करकयरिनयम कारपोरशन ऑफइिडया िलिमटड क ाटस को पारिकया तो मर शरीर म झनझनीपदा होन लगी जस म रिडएशनको महसस कर रहा था और इसइलाक म रिडएशन की अिधकतासाफ महसस हो रही थी

इसक कछ िकलोमीटर बाद सड़ककछ री पर थी और हमअिवकिसत भारत म आ गएथ परी तरह स साफ सथरीगिलयाऔर सथाल क घर- िमीस बन ए मब साफ औरताजगी भर और स दर यह ाह पाच हजार साल बीत चकह स दर िकनार वाली िखड़िकयािजसपर सजावट ई थी इस सबम पशओ क चार और फस काइमाल िकया गया था

जस ही हम आसनबोली की तरफचल सभी सड़क अित िमली हमन एक मिकलभरासफर िकया और अचानक अपन आपन आपको हमन िवकास कीदौड़ म शािमल वा कािहा पाया कपनी सरकार यहामौजद थी धल उड़ाती ई उनलोग पर जो सड़क क िकनार-

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 8

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 9: Sacchi Mucchi, March 2014

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

िकनार पदल चल रह थ यासाईकल चला रह थ जस घरघन हो रह थ एक मटल िडटरऔर एक बकधारी पिलसवालािदखाई िदया लोग अपन हाथ मअपन मतदाता पहचान प िलएए थ और सड़क क बीच मएक लाइन बनाकर खड़ थ तािकतलाशी क बाद आग जा सक हम एक वाहन म थ और इसी इसीलहर म शािमल थ लोग अपनीतलाशी द रह थ इनम व लोग थ जो अपनी जमीन गवा चक थ औरजो उ वापस नह िमलगी

इसी तरह क पमान पर सभीभिम अिधहण िकए जात हयह कवल असनबोली की बातनह ह इसक अलावा इसस लग 12 गाव और ह िजनपर कपनीसरकार की नजर ह चोतरोितलामडा घोतीबा िदगरसईकनीकोला कदापाल लोखडीबधा िबरगाव लालमोहनपरआजादबी गोपालपरआसनबोनी अपन आपम काह इसक रा म पड़न वाल गावअिधक जनसावाल होन ककारण एक टाउन का प ल चकह जहा अिधक कान ह अिधकलोग ह और जो कोई भिम रखतह व इस बचन क इक ह इनमस अिधकतर लोग कपनी सरकारक दलाल बन ए ह यह कवलअदालत म एक छोटी सी कागजी

लड़ाई बनकर रह गई हऔर साल2004 स ही पिलस कस चल रहह िजस दस साल का समय बीतचका ह

पहली जनसनवाई म करीब350 लोग न भाग िलया औरजो समान सा ारा जनवरीम आयोिजत की गई थीिवरोधकता ओ न सफलतापव कइस जनसनवाई को कवािदया था और एडीसी को इसजनसनवाई को दोबारा आयोिजतकरना पड़ा इस जनसनवाई काआयोजन एक खल ान परिकया गया और िवरोधकता जोवाव म र थ और समथ कवहा मौजद थ

इस बार परी तरह स जनसनवाईको मनज कर िलया गया यहिित साल की कोिशश क बादआई गाव क बीचो बीच एकपचायत भवन म िजस तक पचन क िलए एक सकरा राा जाताथा और ज पर जान क िलएएक छोटा सा राा बनाया गयाथा जो कपनी सरकार क िलएआरित रखा गया था पिलसबल हिथयार क साथ मद थाऔर भवन क अदर समथ क कीभीड़ थी

गर सथाली मिहलाए जोचमकदार नई सािड़य म मौजदथ उ िजल की सीएसआर

िवग ारा सािड़या पहल ही दीजा चकी थ अपन नए कपड़का आनद लती ई िदखाई दरह थ मान कपनी सरकार कसमथ न म एक सग हो रहा होभावहीन पाउडर शट पहन अिधकारी मच पर थ जो ानीयसमथ क का सामना कर रह थ जोचार तरफ िबखर ए थ चमकदारसािड़य म और उनक पीछ एकबिरकस की तरह पीछ मौजदथ साड़ी वाली मिहलाओ क पीछऔर समथ क दीवार बनाए खड़थ और उसक बाद पिलसवालखड़ थ इन सबक पीछ कछ लोगिवरोध म बनरऔर िलए नारबाजीकर रह थ लिकन य लोग मच किनकट भी नह पच सकत थइनक िलए पहल स ही सभी राबद करक रख गए थ

जस ही हम वहा पच और सामन की तरफ स वश िकया माडदा को ानीय कपनी समथ कन रोक िलया और िचान लग lsquolsquo य लोकल नह ह य नता हहट साल नताrsquorsquo तभी मच स एकल टीचर बनमाली महतो जोगोटीबा स थ िवरोध की अगवाईकरत ए माइक हाथ म लकरबोलन लग िक lsquolsquoहम लोकल हआप हम बोलन दीिजए rsquorsquoइसपर कपनी क समथ क न िवरोधिकया और िचान लग कपनीसमथ का न माड दा को और

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 9

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 10: Sacchi Mucchi, March 2014

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

उनक सािथय को मच स नीच उतार िदया और उ धकल करसड़क पर फक िदया और उनकीिपटाई की यह सब सभा क सामन आ िपछल दो साल म माड दाको िजतना म जानता उन पहली बार अपना धय खोयािवडबना दिखए िक कोई दलालनाराज नह आ या उिजत नहआ

उसी समय धा मी म सभाभवन का पीछ का िहा टटगया इसक बाद कपनी सरकारन तरत दशनकािरय पर लाठीचाज करवा िदया इसम कपनी कानीय समथ कऔर भाड़ क ग ड भी शािमल थ उन बास उखाड़िलएऔर पर स हमला िकयाव दशनकािरय को गािलया द रह थ और चोट पचा रह थइनम मिहलाए भी उनका साथ दरही थ इस घटना म कछ लोगबरी तरह घायल हो गए 22 सालक वीन महतो को इतनी चोटलगी िक उ अताल लकरजाना पड़ा िजनक सर पर पाचटाक लगान पड़ एक बढ़ आदमीको सर पर चोट क कारण बरीतरह खन बहा सभा की समािक बाद हम वहा स लौट आएऔर दशनकािरय की खबरगीरीम लग गए यह तय आ िकहम गाव और पिलस स र एकमदान म जमा हग एक बजग

ि इस बात पर जोर द रह थ िक हम सबको घर जाकर अपन हिथयार और लाठी डड लकरआना चािहए और पिलस परहमला बोल दना चािहए लिकनउनकी इस बात पर िकसी न कोईान नह िदया कदम कदम परकहानी म बदलाव आता रहा औरजो लोग िततर िबतर हो गए थ िफर स एकजट होन लग औरमदान म lsquolsquoिजदल मदा बादrsquorsquo कनार गज उठ हर कोई आग कबार म सोच रहा था यह बातसभी की समझ म आ चकी थी िकजनसनवाई की पटकथा पहल स िलखी जा चकी थी अब यह साफहो चका था िक लड़ाई पहल स भी मिकल हो गई ह ानीयसमाचार चनल भी दशनकािरयस सवाल पछन पच गया औरअिधक स अिधक लोग जमा होत गए

इसक बाद हम घायल को लकरजागोड़ा पिलस शन गए औरएफआईआर दज कराई रा मवीन महतो की कई बार पियाबदलनी पड़ी उन कहा िकिजसन मरा सर फोड़ा ह म उसककिज को 7व स लकर 10वतक शन पढ़ाता आ रहा िकसी न महतो स पछा िक उसन त चोट पचाई ह तो इसबात पर सभी हस पड़ भा य स हम यरिनयम कारपोरशन ऑफ

इिडया िलिमटड की एलस म थ जो सोिवयत सघ की 70 क दशककी वन तीत हो रही थी

जागोड़ा की पिलस आशा कअनसार ही थी उनक कस िबनािकसी कावट क दज कर िलएगए थ जबिक एक कस दज करवान क िलए सकड़ लोग कीभीड़ मौजद थी तहरीर िलखी गईऔर दोबारा िलखी गई अतालकी िरपोट जोड़ी गईऔर िफर हटादी गई

आसनबोनी म बाद म एक घट मजनसनवाई समा कर दी गईपिलस की गाड़ी वापस जागोड़ापिलस थान लौट आई थकमाद पिलसवाल दशनकािरय कसाथ खल लान म ताजा दमहोन लग उस शाम को जब हमवापस हो रह थ तो हम अनकसथाल मिहलाओ क ज कबीच स गजर जो सगीत पर नकर रह थ गाववाल बाहा पजाका उव मना रह थ हमारसभी वनवासी समदाय म यहवसत उव का अवसर होता हकोान म जब साल क पड़ परपहली किलया आती ह तब यहउव मनाया जाता ह

अगल िदन सबह माड दा न गहराई स समाचार प पढ़ाहडलाइन चौकान वाली थी-lsquolsquoिजल को हरा िसगनलrsquorsquo

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 10

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 11: Sacchi Mucchi, March 2014

झारखड म िवरोध क बावजद िजदल क ील ाट को हरी झडी आदोलनकािरय पर लाठी चाज - कष क टीनवाला

lsquolsquo22000 करोड़ ील ोजकी बाधा समाrsquorsquoऔर बत कछकवल भात खबर न सही खबरछापन की कोिशश की िफर भीइसक म प पर हरी झडीिमलन की घोषणा थी समाचारएबल न खबर छापी िक सवालउठाए गए और उनका जवाबिदया गया जमशदपर टलीाफन खबर छापी िक लबोरटरी बडसाइस जबिक यह सारा मामलाचनावी ह और ितलर सा कीहा

हम एक लोकत होन का दावाकरत ह और हमार मसरोकार ा ह जबिक चनावआन वाला ह दश म 4 माच कीशाम स ही चनावी आचार सिहतालगी ई ह सरकार नई योजनाएलाग नह कर सकती ह लिकनकपनी सरकार चल रही हजनसनवाई 8 माच को आयोिजतई जबिक 7 माच को माड दाऔर उनक सािथय न िलिखत मिडी कलर को सिचत िकयाथा िक चनावी आचार सिहता काउघन िकया जा रहा ह वत मानिवधायक रामदास सोरन न भी इसबाबत झारखड क म चनावअिधकारी को सिचत िकया था िकयह जनसनवाई आचार सिहताका उघन ह इस सबध म दशक म चनाव आय वीएससपथ को नई िदी एक मल भी

िकया गया था इसिलए अब भीयह आशा बनी ई ह िक इस जनसनवाई को शायद र कर िदयाजाए

सिवधान की 5वऔर 6ठी अनसची मिकए गए ावधान कीिवकास क नाम परअनदखी िपछल 20साल स हो रही हऔर कपनी सरकारको फायदा पचायाजा रहा ह वीरामोइली का पन आजभी बहतरीन तरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरीक िलए सकड़नदीाम-अनक

अचानक मौत लिकनइसक बाद भी हर योजना को लाग

करन की ितबताजएसपीएल क वा का कहनाह िक योजना को 40-60 महीनम काय प म लाया जाएगागिणत साफ ह हरी झडी िमलन क बाद भी कपनी सरकार भिम

अिधहण स र ह कपनी न कवल 285 एकड़ भिम की मागकी ह यह अफवाह भी फलाईजा रही ह िक कपनी न कछिह पर का हािसल कर िलयाह यह मामला बड़ र परभिम अिधहण का ह जो तसामन आए ह उनक अनसारअिधकतर लोग की भिम िबकचकी ह िबना उनक हारक और तब हजा ना ीकारन क िलए उािहत िकया जाएगाकपनी सरकार को चािहए 1417एकड़-1132 एकड़ जसा िकभिम शल ह कपनी जभिम को क म लन का कामश करगी जनसनवाई क िदनबनमाली महतो न करीब 1200लोग क िवरोध का एक िवरोधपतयार िकया ह िजसम िजदलका िवरोध करन वाल लोग कमतदाता पहचान प भी शािमलह

सिवधान की 5व और 6ठीअनसची म िकए गए ावधानकी िवकास क नाम पर अनदखीिपछल 20 साल स हो रही हऔर कपनी सरकार को फायदापचाया जा रहा ह वीरामोइली का पन आज भी बहतरीनतरीक स काम कर रहा हऔर हर िनयमगीरी क िलएसकड़ नदीाम-अनक अचानकमौत लिकन इसक बाद भी हर

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 11

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 12: Sacchi Mucchi, March 2014

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

योजना को लाग करन कीितबता

इस समय चनाव करीब ह औरकोई भी राजनीितक दल इस पीक बार म नह सोच रह ह िजस

पर हम सभी िनवास करत ह यहहम लोग का दािय ह जो इसमामल की गभीरता को समझतह और सभािवत बहतर तरीक किहमायती ह

(कष क टीनवाला एकिफकार ह उनकी हाल ही कीिफ ह कौनकाची मगा वाटसौज सघष साद sang-harshsamvadorg)

अब सादाियकता की काट बन अरिवदकजरीवाल

सदीप पाडय

दश म नर मोदी की लहरह उनक धान मी पद कउीदवारी की घोषणा स जस

भारतीय जनता पाट म जान आगई ह कास व भाजपा राीयर पर अमरीका जसी िदलीयणाली चाह रह थ ीय दलम स काफी कोिशश क बाद भीकोई सही अथ म राीय दल नहबन पा रहा था

एक वष पहल बन दल आमआदमी पाट न भारतीय राजनीितम धमाकदार वश िकया हअपन पहल ही चनाव म उस अािशत सफलता िमली औरउसन िदी म सरकार भी बना लीभल ही वी उस ठीक स चलान मसफल नह रही

अब उसन अगल आम चनावहत अपनी दावदारी ठकी ह

उसन सभी दल क राजनीितकसमीकरण तो िबगाड़ िदएह िदलीय सघष को उसन िकोणीय बना िदया ह जहानर मोदी और भाजपा यह मानकर चल रह थ िक कास कोहरान म उ कोई खास िदतनह आएगी अब उनक सामन अचानक एक नई चनौती खड़ीहो गई ह िजसक िलए व तयारनह थ भाजपा का परा चारअिभयान कास क िवरोध परकित था कास क ाचारको मा बनाकर उसन कास कोतो बचाव की मा म ला िदया थाऔर कास को भी लगन लगाथा िक अगला चनाव उसक िलएजीतना मिकल होन वाला ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 12

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 13: Sacchi Mucchi, March 2014

अब सादाियकता की काट बन अरिवद कजरीवाल - सदीप पाडय

लिकन अरिवद कजरीवाल कउभार न नर मोदी कोकरिदया ह कास ारा नर मोदीकी सरकार पर 2002 म गजरातम मसलमान क नरसहार मसिलता क आरोप का तो कोईन कोई जवाब मोदी द ही दत थ कभी व कास पर आामकहोत तो कभी अपना बचावकरत मोदी क िखलाफ धमिनपताकत की लड़ाई कमजोर पड़न लगी थीायालय उ बरी कररह ह और िजन िवदशी सरकार न उनका बिहार िकया आ था वभी अब नरम पड़न लगी ह

इसी बीच अरिवद कजरीवाल न भाजपा और कास की मकशअबानी स साठ-गाठ का आरोपलगा िदया यह ऐसा आरोप हिजसका जवाब दत मोदी स नहबन रहा ह

यह तो िकसी स िछपा ह नह िकभाजपा न भी धीर-धीर कास कही तरीक अपना िलए ह उस भी तमाम दशी-िवदशीऔोिगकघरान वध-अवध चदा दत हअवध पसा लग नह तो उनचनाव म िजनम चनाव आयोगन खच की सीमा लाख म तयकर रखी ह करोड़ पए कस खच करग करोड़ खच नह करग तोजीतग कस लिकनआप न िदखािदया ह िक चनाव आयोग ारा

तय सीमा क अदर भी खच करचनाव जीता जा सकता ह

सौज ThinkingYouth (wikimediaorg)

नर मोदी क अबानी व अडानीस सध खली बात ह एकराजनीित का एक उोगपित स सध होता ह यह भी सबकोमाम ह अरिवद कजरीवालन तो उजागर कर िदया ह िककस मकश अबानी को फायदापचान क िलए ाकितक गसक दाम बढ़ाए गए इस म परराजनीितक दल को जस साप सघगया हो कोई अबानी क प यािवरोध म बोलन को तयार नहलिकन अदर ही अदर िमली भगततो ह ही इसका अा उदाहरणह लखनऊ म िजस तरह सहाराकनी क मख सत राय कोिगरतार कर वन िवभाग क गहाऊस म रखा गया सत रायक भी सभी राजनीितक दल स मधर सध ह बाल ठाकर

िज मई छोड़ कह जात नहदखा गया सत राय क बट कीशादी म आए थ ऐसा बतायाजाता ह िक सत राय नताओिखलािडय व िफी कलाकारक काल धन का बधन करत ह

अरिवद न काल धन की राजनीितक िखलाफ मोचा खोल िदया हअब भाजपा भी काल धन काइमाल राजनीित म तो करतीही ह तो कोई यह भी नह कहसकता िक अरिवद क आरोप झठह भाजपा चली थी कास काचार की पोल खलन और वहअपन ही खल म फस गई

यह साफ ह िकसादाियकता कारथ अब यिद कोईरोक पाएगा तो वहऔर कोई धम िनपताकत नह बिअरिवद कजरीवालहग नर मोदी कमसब पर पानी फरन की तयारी म ह आपहो सकता ह िक सादाियकताक म पर नर मोदी को नघरा जा सक मोदी भी भरपरकोिशश कर रह ह िक उनकीसादाियकछिवखहो इसक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 13

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 14: Sacchi Mucchi, March 2014

रावाद का मौसम - अपवा न

िलए उन अपन को िकसी सघपिरवार क नता स जोड़न क बजाएसरदार पटल और महाा गाधीस जोड़न की कोिशश की ह

िकत अरिवद कजरीवाल न यहघोषणा कर िक जहा स मोदीचनाव लड़ग व भी वह स लड़ग मोदी क िलए सकट खड़ा करिदया ह अब गजरात क बाहर स यिद मोदी चनाव म खड़ होत हतो जहा पहल उनकी जीत पीमानी जा रही थी अब कजरीवालन सबको सशय म डाल िदयाह शीला दीित को करारी हारदन क बाद अब कोई अरिवदकजरीवाल को ह म नह ल

सकता

अरिवद कजरीवाल न दावा िकयाह िक आप सौ सीट जीतगीिजसक साथ योग यादव जसाचनाव िवशलषक हो तो उसकदाव का ठोस आधार होगा सौसीट लाकर आप सरकार बनान नह तो बनवान की भिमका म तोआ ही जाएगी यह बयान दकरिक ाचार स बड़ी समा इसदश क िलए सादाियकता हिक ाचार तो शायद काननबना कर ख िकया जा सकताह लिकन सादाियक सोच स िनपटना एक किठन चनौती हअरिवद न भाजपा क िलए सकटगहरा िदया ह यह साफ ह िक

सादाियकता का रथ अब यिदकोई रोक पाएगा तो वह औरकोई धम िनप ताकत नह बिअरिवद कजरीवाल हग नरमोदी क मसब पर पानी फरन कीतयारी म ह आप

अरिवद कजरीवाल िजनक ऊपरअणा हजार क ाचार िवरोधीआदोलन क श म सादाियकहोन का भी आरोप लगा न अबसादाियकता क िखलाफ भिमका लत ए िदखा िदया िकव न िसफ ाचार क िखलाफ हबि हरक बराई क िखलाफ हऔर बड़ स बड़ िवरोधी क छड़ान की कािबिलयत रखत ह

रावाद का मौसमअपवा न

मरठ क एक िनजी िविवालयम भारत-पािकान क बीचए िकट मच म पािकानकी जीत पर कमीरी छा कीखशी जािहर करन पर ानीयछा ारा उनकी िपटाई औरतोड़-फोड़ क बाद तीन िदन किलए िछयासठ छा क िनलबन

(िनासन नह) और िफरlsquoउनकी िहफाजत क िलएrsquo उउनक घर भजन क िविवालयक फसल क बाद उन छा परराोह की धाराए लगान स लकर उ वापस लन तक औरउसक बाद भी जो ितियाएई हव रावादी नज़िरए मा की

उपयोिगता को समझन क िलहाजस काफी िशाद हआज यहखबर आई ह िक टर नॉएडाक शारदा िविालय म भीछह छा को छाावास स ऐसीही घटना क बाद िनकाल िदयागया ह िजनम चार कमीरी हमामला इतना ठडा ह ऐसी

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 14

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 15: Sacchi Mucchi, March 2014

रावाद का मौसम - अपवा न

िनराशा जािहर करत ए फसबकपर िटणी की गयी हऔर उसकबाद तनाव बढ़ गया ह

रोशोमन िनयम क अनसार घटनाक एकािधक वण न आ गए हऔर तय करना मिकल ह िकइनम स कौन सा तपरक हानीय (राीय या रावादी)त यह ह िक पािकानीिखलािड़य क दशन और िफरउस टीम की जीत पर कमीरीछा न पािकान िजदाबाद कनार लगाए िजसस भारतीय टीमकी हार स पहल स ही खीानीय छा म रोष फल गयािनलिबत कमीरी छा का कहनाह िक व हर उस िखलाड़ी कदशन पर ताली बजा रह थ जो अा खल रहा था बहतरटीम पिकान क जीतन परउनका खशी जािहर करना कह स रािवरोधी नह कहा जा सकताउनक मतािबक इसक बाद उपीटा गया और तोड़-फोड़ कीगई

शासन न िहसा और तनावक कारण कमीरी छा कोतीन िदन क िलए िनलिबतकरत ए उ lsquoअपनी िहफाजतमrsquo गािजयाबाद तक पचायाअगल िदन छा पर तोड़-फोड़धािम क िवष और घणा फलान और िफर राोह की धाराओ

क तहत मामल दज िकए गएराोह क मामल पर कमीरक ममी और िवप न जबकड़ा ऐतराज जताया और बाकीहलक स भी हरानी जािहर की गईतो पिलस न यह कहत ए धाराहटा ली िक ततीश क बाद पायागया िक ऐसा कोई मामला बनताही नह था मामला िकसन दज िकया और िकसक कहन पर

जो ऐसा समझ रह हिक नर मोदी नीतइस दल की राजनीितका ाकरण अबबदल गया ह व उसकी इस िजद कोिक कामीरी छापर राोह कामामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकत ह िक उसकीराजनीितक भाषा कीमल सरचना परानी

ही हपिलस क मतािबक िविवालयकी िशकायत िमलन पर उसन कारवाई की सरी ओरिविवालय क कलपित औरकलसिचव दोन ही इसस इनकार

कर रह ह ान रह कलपितमसलमान ह और कलसिचविह यानी िविवालय कदोन ही म अिधकािरय परिकसी प की ओर स भी आरोपलगाना मिकल नह जो हो यहरावादी उाह म की गई पिलसकी अितरकपण कारवाई थी यहायः सबन माना इसिलए इसमामल क र िकए जान पर राहतकी सास ली गई

राोह की धारा वापस लन पर लिकन भारतीय जनता पाटको ऐतराज ह उसन चनावआयोग स िशकायत की ह िक कमीरी छा क िखलाफराोह का मामला वापस िलयाह वह कह रही ह िक उरदश सरकार न चनाव म एकसदाय िवशष को फसलान किलए यह िकया ह ा बतान कीज़रत ह िक यह समदाय कौन हभारतीय मसलमान और कमीरीमसलमान म अितागत चतनाको लकर जो फक ह उस िमटात ए भारतीय जनता पाट अपनीlsquoिहवादी रावादी राजनीितrsquoक अनकल ही आचरण कर रहीह इसस यह भी साफ़ हो जाताह िक इस पाट का इरादा शाितस अिधक तनाव क बन रहन मह जो लोग इस दल को भारतकी एकता बनाए रखन का िजादना चाहत ह उ इसी एक घटना

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 15

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 16: Sacchi Mucchi, March 2014

रावाद का मौसम - अपवा न

पर इसकी ितिया स सावधानहो जाना चािहए जो ऐसा समझरह ह िक नर मोदी नीत इसदल की राजनीित का ाकरणअब बदल गया ह व उसकी इसिजद को िक कामीरी छा परराोह का मामला बन रहनाचािहए दखकर समझसकतह िकउसकी राजनीितक भाषा की मलसरचना परानी ही ह

उधर कमीर म िर यत तरान िमत पीपस डमोिटक पाटऔर यासीन मािलक न इस भारतीय रा क कमीर िवरोधीख का एक और नमना बतायाह जम क रोज़ इस लकरराापी िवरोध आयोिजतिकया गया इन नताओ न इामी रा क सगठन (ओआईसी) स कामीरी छा क िलएिवशष वा करन का आहिकया ह इसस उनकी राजनीितएक बार और ई ह वहकामीिरयत को इामी भाषा मही पिरभािषत करना चाहती हपािकान की मी न इस घटनाक बाद कमीरी छा क िलएअपना िदल और दरवाजा खोलन का ऐलान िकया ह और हािफ़जसईद न भी भारतीय रावाद किशकार कामीरी छा को दावतदी ह कामीरी नौजवान क िलएयह जो उदारता उमड़आई ह वहमानवीय नह इामी ह यह भी

साफ़ ह िक िर यत िजस कामीरीाया की माग कर रही ह वहसमावशी नह ह

पािकान की मी न इस घटना क बादकमीरी छा क

िलए अपना िदल औरदरवाजा खोलन काऐलान िकया ह औरहािफ़ज सईद न भीभारतीय रावाद किशकार कामीरीछा को दावत दीह कामीरी

नौजवान क िलए यहजो उदारता उमड़आई ह वह मानवीयनह इामी ह यहभी साफ़ ह िकिर यत िजस

कामीरी ाया कीमाग कर रही ह वहसमावशी नह ह

इन पिय क िलख जात वकमीरी छा पर रािरोधीधाराए नह ह तो ा कमीरीसमह का िवरोध वापस िलयाजाएगा उसी तरह कमीरी

छा पर और कड़ी कारवाईकी माग करत ए जो रावादीधरन पर हा व अपनी दरीसमटगयह सभव नह ह िकदोन ही ितयोगी रााद की होड़म शािमल ह

भारत िवरोधी कमीरी नता इस छा की अिभि की तताका मामला बता रह ह जानत ए भी िक ऐसा नह ह उनकमतािबक़ अिधकािरय का दाियथा िक व कमीरी छा कीिहफाजत करत न िक उिनलिबत करक घर भज दतउ और हम सबको इस मामलम ईमानदार होना चािहए ाकमीरी आज़ादी क िहमायतीपिडत को िहफाजत द पाएा सभी कमीरी पिडत भारतीयऔर िहवादी ष क तहतकमीर स भाग िनकल उन भारतीय चार कह कर हादउव का िवरोध िकया था यानह कमीरी लड़िकय क हीगाना गान पर पाबदी लगाई थी यानह सिवधानसार व अपन पम अिभि की इसतता कीमाग करत ह िबना उस पर यकीनिकए उनस अिधक ईमानदार इनछा म स एक क िपता थ िजन अपन ब को सरित घर भज दन क िविवालय क फसल क िलएउस धवाद िदया

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 16

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 17: Sacchi Mucchi, March 2014

रावाद का मौसम - अपवा न

यह सवाल ज़र िकया जानाचािहए िक कमीरी छा परहमला करन वाल छा परआपरािधक मामल नह दज ए ा इसिलए िक उनकी िहसारावादी िहसा थी यह भी िकइसक पहल कमीरी नौजवान परिसफ कमीरी होन क कारण जोहमल ए ह उन पर कारवाई नह ई कमीरीनौजवान भारत मआसानी क शकक दायर म आ जात ह मसलमान भी उ मकान दन मिहचकत हा इस सारी बातस कमीिरय को यह नह बतायाजाता िक व अ भारतीय जस नह मान जात और उ अलगस अपनी भारतीयता सािबत करनीहोगी

कमीिरय म भारत क ित ह होना चािहए भारतीय राज़र अपन भीतर कमीर कोसमटना चाहता ह लिकन फौजीताकत क बल पर कमीिरय मभारतीय रा क ित म पदाकरन की कोिशश वसी ही ह जस परानी िफ म म चोपड़ा यााण नाियकाओ क साथ करतथ उनका अपहरण करक उनपिरवार वाल को धमिकया दकरया उसक मी को उसक सामन जलील करक व उस खद स मोहत करन को मजबर करनाचाहत थ इस दश क म-दशन

नह बलाार मानता था

जस िगत मामल म यहसच ह वस ही रा क सग मआप िकसी म जबरन राम पदानह कर सकत भारतीय राकमीरी यवाओ को भारतीयताका ाद िदलान क िलए औरउनम अपन ित िवास जगान क िलए स बल क अलावाधान मी छावि योजना जस आकष ण भी दता ह िशासाओ को कमीरी छा कोशािमल करन क िवशष ावधानकरन क कीय िनदश ह उमरअा न कहा ह िक इन छाको कम स कम इस बात को यादरखना था लिकन यह तो मखरीदना आ ा भारतीय रा(रा) नागिरक को सिवधाएदकर वफादारी वसलना चाहताह

िशवम िवज न ठीक ही िलखा हिक यह दरअसल रावाद माकी समा ह ा रावाद िबनािकसी ितप क अपन िलएजोश पदा कर सकता ह हमरावादी भावना कब और सताती ह रावाद और ायाम फक ह िवारवादी औरसवादी भारतीय रावाद किवरोध म ा कोई असवादीऔर समावशी रावाद ािवतिकया जा सकता ह ा ऐसी

िनया की कना की जा सकतीह जसा िशवम चाहत ह जहािजस जहा भी िजतनी दर जस भी रहन की ािहश हो रहन की इजाजत हो भारतीय इसकीसिवधा अवय चाहत ह सरको इसकी इजाजत नह दनाचाहत र रावाद रोिमलाथापर क मतािबक़ आवासीभारतीय का गण ह तो ाअमरीका या यरोप उनक िलएमा डॉलर या यरो अज न कीजगह ह वहा बठ कर जब व नरमोदी क िलए अिभयान चलात हया भारत म मिम और ईसाईघणा की राजनीित क िलए पस स लकर हर तरह का सहयोग करत ह तो ा मोदी को वीसा न दन वाला अमरीका उनपर मकदमाचलाता ह ा अमरीकी उनकिखलाफ धरना करत ह और उनपर हमल करत ह

रावाद समा अवधारणाह कोडकलम म रा की ऊजा आवयकता क िलए अिनवाय मानी गई परमाण िबजलीपिरयोजना का िवरोध करनवालसात हजार तिमल ामीण पररािरोध क मक़दम स लकरिबनायक सन तक को राोहक आरोप म उकद की सज़ातक इस धारा की मढ़ता क अनकउदाहरण ह ा कल को राीययसवक सघ का िवरोध या

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 17

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

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स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 18: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

सावरकर की आलोचना को भीराोह म िगना जाएगा

कमीिरय को भारतीय रावादक अनकल करन क िलए मरठक छा और उाही रावादीपिलसकिम य और भाजपा कीितिया मददगार नह होतीरा की कना को यथाथ बनन क िलए उस लोग को ीकारकरना होता हतभी वह हकीकतबनता ह आज़ादी क समयआिदवािसय न भारतीय रा कोलकर सदह जािहर िकया थाआज भी उस रा को परा करन क िलए उ अपन जगल खदाननिदया छोड़त जान को मजबरिकया गया हवरना राोह काआरोप झलना पड़ा ह उनक िलएहमन आज तक सगिठत आवाज़

नह उठाई ह

आिदवासी ह या उरपव कलोग भारतीय रा की कनाअभी भी सबक िलए सहजीकाय नह हो पाई ह ानरह रा का सव समावशी औरमानवीय मा होना एक बड़ीचनौती ह हम मसलमानआिदवािसय कमीिरयउरपव क िनवािसय स राकी मधारा म शािमल होन को कहत ह मानो यही ाभािवकहबीसव सदी नए रा क बनन और टटत जान की सदी रही हसोिवयत सघ चकोावािकयाका िबखराव इलड औरआयरलड का कनाडा औरबक का तनाव और अरब एव

अीकी िनया म ऐस उदाहरणह िक कोई भी रावाद सरितनह ह और अितम तौर परपरा नह हपािकानी रावादको बाला बची और अरावादी कनाओ स जझत रहना पड़ा ह भारतीय रावादम िजनकी आा हव िनगाह कादायरा बड़ा कर तो माम होगािक व िकसी खास नाइसाफी किशकार नह ह व यह भी याद रखिक अगर रावाद गम सलाख स िकसी समदाय या ि पर दागिदया जाएगा तो उस अपनी दागीदह स भी नफरत हो जाएगीमरठ म और कमीर म इस परठहरकर िवचार करना सबक िलएसहतमद ही होगा

(सौज kafilaorg)

म नािक भगतिसह (1931)

यह लख भगत िसह न जल म रहत ए िलखा था और यह 27 िसतर 1931 को लाहौर क अखबार ldquoद पीपल ldquo म कािशत आ इस लख म भगतिसह न ईर िक उपिित पर अनक तकपण सवाल खड़िकय ह और इस ससार क िनमा ण मन क ज मन क मन म ईर की कना क साथ साथ ससार ममन की दीनता उसक शोषण िनया म ा अराजकता और और वग भद की िितय का भी िवषणिकया ह यह भगत िसह क लखन क सबस चिच त िह म रहा ह

तता सनानी बाबा रणधीर िसह 1930-31 क बीच लाहौर क सल जल म कद थ व एक धािम क

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 18

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 19: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

ि थ िज यह जान कर बत क आ िक भगतिसह का ईर पर िवास नह ह व िकसी तरह भगतिसह की कालकोठरी म पचन म सफल ए और उ ईर क अि पर यकीन िदलान की कोिशश कीअसफल होन पर बाबा न नाराज होकर कहा ldquoिसि स तारा िदमाग खराब हो गया हऔर तम अहकारीबन गए हो जो िक एक काल पद क तरह तार और ईर क बीच खड़ी ह इस िटणी क जवाब म हीभगतिसह न यह लख िलखा

एक नया उठ खड़ा आह ा म िकसी अहकार ककारण सवशिमान सव ापीतथा सव ानी ईर क अिपर िवास नह करता मरकछ दो ndash शायद ऐसा कहकरम उन पर बत अिधकार नहजमा रहा ndash मर साथ अपन थोड़ स सक म इस िनष परपचन क िलय उक ह िक मईर क अि को नकार करकछ ज़रत स यादा आग जारहा और मर घमड न कछहद तक मझ इस अिवास किलय उकसाया ह म ऐसी कोईशखी नह बघारता िक म मानवीयकमज़ोिरय स बत ऊपर मएक मन और इसस अिधककछ नह कोई भी इसस अिधक

होन का दावा नह कर सकतायह कमज़ोरी मर अर भी हअहकार भी मर भाव का अगह अपन कामरडो क बीच मझ िनरकश कहा जाता था यहा तकिक मर दो ी बटकर कमारद भी मझ कभी-कभी ऐसा कहतथ कई मौक पर ाचारीकह मरी िना भी की गयीकछ दो को िशकायत ह औरगीर प स ह िक म अनचाहही अपन िवचार उन पर थोपता और अपन ाव को मनवालता यह बात कछ हदतक सही ह इसस म इनकारनह करता इस अहकार कहाजा सकता ह जहा तक अचिलत मत क मकाबल हमारअपन मत का सवाल ह मझ िनय ही अपन मत पर गव हलिकन यह िगत नह हऐसा हो सकता ह िक यह कवलअपन िवास क ित ायोिचतगव हो और इसको घमड नहकहा जा सकता घमड तो यक ित अनिचत गवकी अिधकताह ा यह अनिचत गव हजो मझ नािकता की ओर ल

गया अथवा इस िवषय का खबसावधानी स अयन करन औरउस पर खब िवचार करन क बादमन ईर पर अिवास िकया

ा यह अनिचत गवह जो मझ

नािकता की ओरल गया अथवा इसिवषय का खब

सावधानी स अयनकरन और उस परखब िवचार करन कबाद मन ईर परअिवास िकया

म यह समझन म परी तरह स असफल रहा िक अनिचत गवया वथािभमान िकस तरह िकसीि क ईर म िवास करन क रा म रोड़ा बन सकता हिकसी वाव म महान ि कीमहानता को म माता न ndashयह तभी हो सकता ह जब मझ भी थोड़ा ऐसा यश ा हो गयाहो िजसक या तो म योय नह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 19

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 20: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

या मर अर व गण नहह जो इसक िलय आवयक हयहा तक तो समझ म आता हलिकन यह कस हो सकता ह िकएक ि जो ईर म िवासरखता हो सहसा अपन िगतअहकार क कारण उसम िवासकरना ब कर द दो ही रासव ह या तो मन अपन को ईर का िती समझन लग या वह य को ही ईरमानना श कर द इन दोनो हीअवाओ म वह सा नािकनह बन सकता पहली अवाम तो वह अपन िती कअि को नकारता ही नह हसरी अवा म भी वह एक ऐसीचतना क अि को मानताह जो पद क पीछ स कितकी सभी गितिविधय का सचालनकरती ह म तो उस सवशिमानपरम आा क अि स हीइनकार करता यह अहकारनह ह िजसन मझ नािकताक िसा को हण करन किलय िरत िकया म न तो एकिती न ही एक अवतारऔर न ही य परमाा इसअिभयोग को अीकार करन किलय आइए त पर गौर करमर इन दो क अनसार िदीबम कसऔर लाहौर षडय कसक दौरान मझ जो अनावयकयश िमला शायद उस कारण म

वथािभमानी हो गया

मरा नािकतावाद कोई अभीहाल की उि नह ह मन तोईर पर िवास करना तब छोड़िदया था जब म एक अिसनौजवान था कम स कम एककालज का िवाथ तो ऐस िकसीअनिचत अहकार को नह पाल-पोस सकता जो उस नािकताकी ओर ल जाय यिप म कछअापक का चहता था तथा कछअ को म अा नह लगताथा

मझ िवाि कअनक आदश क बारम पढ़न का खबमौका िमला मन अराजकतावादी नताबाकिनन को पढ़ाकछ सावाद किपता मास को

िक अिधक लिननाी व अलोग को पढ़ा जोअपन दश म

सफलतापव क ािलाय थ य सभीनािक थ

पर म कभी भी बत महनतीअथवा पढ़ाक िवाथ नह रहाअहकार जसी भावना म फसन काकोई मौका ही न िमल सका मतो एक बत ला भाव कालड़का था िजसकी भिव क बारम कछ िनराशावादी कित थीमर बाबा िजनक भाव म म बड़ाआ एक िढ़वादी आय समाजीह एक आय समाजी और कछभी हो नािकनह होताअपनीाथिमक िशा परी करन क बादमन डी0 ए0 वी0 ल लाहौरम वश िलया और पर एक सालउसक छाावास म रहा वहासबह और शाम की ाथ ना कअितिर म घट गायी मजपा करता था उन िदन मपरा भ था बाद म मन अपन िपता क साथ रहना श िकयाजहा तक धािम क िढ़वािदताका ह वह एक उदारवादीि ह उ की िशा स मझ तता क य क िलय अपन जीवन को समिप त करन की रणािमली िक व नािक नह हउनका ईर म ढ़ िवास हव मझ ितिदन पजा-ाथ ना किलय ोािहत करत रहत थइस कार स मरा पालन-पोषणआ असहयोग आोलन किदन म राीय कालज म वशिलया यहा आकर ही मन सारीधािम क समाओ ndash यहा तक

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 20

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 21: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

िक ईर क अि क बार मउदारतापव क सोचना िवचारनातथा उसकी आलोचना करनाश िकया पर अभी भी मपा आिक था उस समयतक म अपन ल बाल रखताथा यिप मझ कभी-भी िसया अ धम की पौरािणकताऔर िसा म िवास न होसका था िक मरी ईर कअि म ढ़ िना थी बादम म ािकारी पाट स जड़ावहा िजस पहल नता स मरासक आ व तो पा िवासन होत ए भी ईर क अिको नकारन का साहस ही नह करसकत थ ईर क बार म मरहठ पव क पछत रहन पर व कहतlsquorsquoजब इा हो तब पजा करिलया करोrsquorsquo यह नािकता हिजसम साहस का अभाव ह सरनता िजनक म सक म आयाप ा आदरणीय कामरडशची नाथ सााल आजकलकाकोरी षडय कस क िसलिसलम आजीवन कारवास भोग रह हउनकी पक lsquoबी जीवनrsquo ईरकी मिहमा का ज़ोर-शोर स गानह उन उसम ईर क ऊपरशसा क प रहाक वदाक कारण बरसाय ह 28 जनवरी1925 को पर भारत म जो lsquoिदिरवोशनरीrsquo (ािकारी) पचा बाटा गया था वह उ क बौिक

म का पिरणाम ह उसमसव शिमान और उसकी लीलाएव काय की शसा की गयीह मरा ईर क ित अिवासका भाव ािकारी दल म भीिटत नह आ था काकोरीक सभी चार शहीद न अपन अिम िदन भजन-ाथ ना मगजार थ राम साद lsquoिबिलrsquoएक िढ़वादी आय समाजी थसमाजवाद तथा सावाद मअपन वहद अयन क बावजदराजन लाहड़ी उपिनषद एव गीताक ोक क उारण की अपनीअिभलाषा को दबा न सक मन उन सब म िसफ एक ही ि कोदखा जो कभी ाथ ना नह करताथा और कहता था ``दश न शामन की ब लता अथवा ान कसीिमत होन क कारण उ होताह वह भी आजीवन िनवा सनकी सजा भोग रहा ह पर उसन भी ईर क अि को नकारन की कभी िहत नह की

इस समय तक म कवलएक रोमािक आदशवादीािकारी था अब तक हमसर का अनसरण करत थअब अपन क पर िज़दारीउठान का समय आया था यहमर ािकारी जीवन का एकिनणा यक िब था lsquoअयनrsquoकी पकार मर मन क गिलयारम गज रही थी ndash िवरोिधय ारा

रख गय तक का सामना करन योय बनन क िलय अयनकरो अपन मत क प म तक दन क िलय सम होन क वा पढ़ोमन पढ़ना श कर िदया इसस मर परान िवचार व िवास अतप स पिरत ए रोमास कीजगह गीर िवचार न ली लीन और अिधक रहवाद न हीअिवास यथाथ वाद हमाराआधार बना मझ िवािक अनक आदश क बार मपढ़न का खब मौका िमला मन अराजकतावादी नता बाकिननको पढ़ा कछ सावाद क िपतामास को िक अिधक लिननाी व अ लोग को पढ़ाजो अपन दश म सफलतापव काि लाय थ य सभी नािकथ बाद म मझ िनरल ामीकी पक lsquoसहज ानrsquo िमलीइसम रहवादी नािकता थी1926 क अ तक मझ इसबात का िवास हो गया िक एकसवशिमान परम आा कीबात िजसन ाड का सजनिददशन और सचालन िकयाएक कोरी बकवास ह मन अपन इस अिवास को दिश त िकयामन इस िवषय पर अपन दो स बहस की म एक घोिषत नािकहो चका था

मई 1927 म म लाहौर मिगरार आ रलव पिलस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 21

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 22: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

हवालात म मझ एक महीनाकाटना पड़ा पिलस अफ़सर न मझ बताया िक म लखनऊ मथा जब वहा काकोरी दल कामकदमा चल रहा था िक मन उ ड़ान की िकसी योजना परबात की थी िक उनकी सहमितपान क बाद हमन कछ बम ािकय थ िक 1927 म दशहरा कअवसर पर उन बम म स एकपरीण क िलय भीड़ पर फ कागया िक यिद म ािकारी दलकी गितिविधय पर काश डालन वाला एक व द तो मझ िगरार नह िकया जायगा औरइसक िवपरीत मझ अदालत ममखिबर की तरह पश िकय बगरिरहा कर िदया जायगा और इनामिदया जायगा म इस ाव परहसा यह सब बकार की बात थीहम लोग की भाित िवचार रखन वाल अपनी िनदष जनता पर बमनह फ का करत एक िदन सबहसी0आई0 डी0 क विरअधीकी मन न कहा िक यिद मन वसा वनह िदया तो मझ परकाकोरी कस स सित िवोहछड़न क षडय तथा दशहराउपव म र हाओ क िलयमकदमा चलान पर बा हग और िक उनक पास मझ सजािदलान व फासी पर लटकवान क िलय उिचत माण ह उसीिदन स कछ पिलस अफ़सर न

मझ िनयम स दोनो समय ईरकी ित करन क िलय फसलानाश िकया

म जानता िक िजसण री का फ़ामरी गद न पर लगगाऔर मर पर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndashवह अिम णहोगा म या मरीआा सब वहसमा हो जायगीआग कछ न रहगाएक छोटी सी जझतीई िज़गी िजसकीकोई ऐसी गौरवशालीपिरणित नह हअपन म य एकपरार होगी ndash यिदमझम इस ि स दखन का साहस होपर अब म एक नािक थाम य क िलय यह बात तयकरना चाहता था िक ा शािऔर आन क िदन म ही मनािक होन का द भरता

या ऐस किठन समय म भी म उनिसा पर अिडग रह सकता

बत सोचन क बाद मन िनयिकया िक िकसी भी तरह ईर परिवास तथा ाथ ना म नह करसकता नह मन एक ण किलय भी नह की यही असलीपरीण था और म सफल रहाअब म एक पा अिवासी थाऔर तब स लगातार इसपरीण पर खरा उतरना आसानकाम न था lsquoिवासrsquo क कोहलका कर दता ह यहा तक िकउ सखकर बना सकता ह ईरम मन को अिधक सानादन वाला एकआधार िमल सकताह उसक िबना मन को अपन ऊपर िनभ र करना पड़ता हतफ़ान और झझावात क बीचअपन पाव पर खड़ा रहना कोईब का खल नह ह परीाकी इन घिड़य म अहकार यिदह तो भाप बन कर उड़ जाताह और मन अपन िवास कोठकरान का साहस नह कर पातायिद ऐसा करता ह तो इसस यहिनष िनकलता ह िक उसकपास िसफ़ अहकार नह वरन कोईअ शि ह आज िबलकलवसी ही िित ह िनण य कापरा-परा पता ह एक साह कअर ही यह घोिषत हो जायगािक म अपना जीवन एक य

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 22

म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
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म नािक - भगतिसह (1931)

पर ोछावर करन जा रहा इस िवचार क अितिर और ासाना हो सकती ह ईर मिवास रखन वाला िह पनज पर राजा होन की आशा करसकता ह एक मसलमान याईसाई ग म ा समि कआन की तथा अपन क औरबिलदान क िलय परार कीकना कर सकता ह िक मा आशा क म जानता िक िजस ण री का फ़ामरी गद न पर लगगा और मरपर क नीच स ता हटगा वहपण िवराम होगा ndash वह अिमण होगा म या मरी आासब वह समा हो जायगी आगकछ न रहगा एक छोटी सीजझती ई िज़गी िजसकी कोईऐसी गौरवशाली पिरणित नह हअपन म य एक परार होगीndash यिद मझम इस ि स दखन का साहस हो िबना िकसी ाथ क यहा या यहा क बाद परारकी इा क िबना मन अनासभाव स अपन जीवन कोतताक य पर समिप त कर िदयाह िक म और कछ कर हीनह सकता था िजस िदन हमइस मनोवि क बत-स पषऔर मिहलाए िमल जायग जोअपन जीवन को मन की सवाऔर पीिड़त मानवता क उारक अितिर कह समिप त कर ही

नह सकत उसी िदन मि क यगका शभार होगा व शोषकउीड़क और अाचािरय कोचनौती दन क िलय उिरत हगइस िलयनह िक उ राजा बननाह या कोई अ परार ाकरना ह यहा या अगल जम या मोपरा ग म उतो मानवता की गद न स दासताका जआ उतार फ कन और मिएव शाि ािपत करन क िलयइस माग को अपनाना होगाा व उस रा पर चलग जोउनक अपन िलय ख़तरनाक िकउनकी महान आा क िलय एकमा कनीय राा ह ाइस महान य क ित उनकगव को अहकार कहकर उसकागलत अथ लगाया जायगा कौनइस कार क घिणत िवशषणबोलन का साहस करगा या तोवह मख ह या धत हम चािहएिक उस मा कर द िकवह उस दय म उिलत उिवचार भावनाओ आवग तथाउनकी गहराई को महसस नहकर सकता उसका दय मास कएक टकड़ की तरह मत ह उसकीआख पर अ ाथ क तकी छाया पड़न स व कमज़ोर होगयी ह य पर भरोसा रखन कगण को सदव अहकार की सा दीजा सकती ह यह खपण औरकद ह पर चारा ही ा ह

आलोचना और त िवचारएक ािकारी क दोनो अिनवाय गण ह िक हमार पव ज न िकसी परमआा क ित िवासबना िलया था अतः कोई भीि जो उस िवास को सताया उस परम आा क अिको ही चनौती द उसको िवधमिवासघाती कहा जायगा यिदउसक तक इतन अका ह िकउनका खडन िवतक ारा नह होसकता और उसकी आा इतनीबल ह िक उस ईर क कोपस होन वाली िवपिय का भयिदखा कर दबाया नह जा सकतातो उसकी यह कह कर िना कीजायगी िक वह वथािभमानी हयह मरा अहकार नह था जोमझ नािकता की ओर ल गयामर तक का तरीका सतोषद िसहोता ह या नह इसका िनण यमर पाठक को करना ह मझ नह म जानता िक ईरपर िवास न आज मरा जीवनआसानऔर मरा बोझ हलका करिदया होता उस पर मर अिवासन सार वातावरण को अश बना िदया ह थोड़ा-सारहवाद इस किवमय बनासकता ह िक मर भाय कोिकसी उाद का सहारा नहचािहए म यथाथ वादी मअः कित पर िववक कीसहायता स िवजय चाहता इस

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 23

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 24: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

य म म सदव सफल नह आ यास करना मन का कत ह सफलता तो सयोग तथावातावरण पर िनभ र ह कोई भीमन िजसम तिनक भी िववकशि ह वह अपन वातावरण कोतािकक प स समझना चाहगाजहा सीधा माण नह ह वहादश न शा का मह ह जबहमार पव ज न फरसत क समयिव क रह को इसक भतवत मान एव भिवको इसकऔरकहा स को समझन का यासिकया तो सीध पिरणाम क किठनअभाव म हर ि न इन को अपन ढ़ग स हल िकया यहीकारण ह िक िविभ धािम क मतम हमको इतना अर िमलताह जो कभी-कभी वमन तथाझगड़ का प ल लता ह नकवल पव और पिम क दशन ममतभद ह बि क गोलाध क अपन िविभ मत म आपसम अर ह पव क धम मइाम तथा िह धम म ज़रा भीअनपता नह ह भारत म हीबौ तथा जन धम उस ाणवादस बत अलग ह िजसम यआय समाज व सनातन धम जस िवरोधी मत पाय जात ह परान समय का एक त िवचारकचावा क ह उसन ईर को परान समय म ही चनौती दी थी हरि अपन को सही मानता ह

भा य की बात ह िक बजायपरान िवचारक क अनभव तथािवचार को भिव म अानताक िव लड़ाई का आधार बनान क हम आलिसय की तरह जोहम िस हो चक ह उनक कथनम अिवचल एव सशयहीन िवासकी चीख पकार करत रहत ह औरइस कार मानवता क िवकास कोजड़ बनान क दोषी ह

यिद आपका िवासह िक एक

सवशिमानसव ापक औरसवानी ईर हिजसन िव कीरचना की तो कपाकरक मझ यह बतायिक उसन यह रचना की क औरसताप स पण िनयाndash अस ख कशात अन

गठबन स िसतएक भी ि तो परीतरह सत नही ह

िसफ िवास और अ िवासख़तरनाक ह यह मि को

मढ़और मन को ितियावादीबना दता ह जो मन अपन कोयथाथ वादी होन का दावा करताह उस सम ाचीन िढ़गतिवास को चनौती दनी होगीचिलत मत को तक की कसौटीपर कसना होगा यिद व तकका हार न सह सक तो टकड़-टकड़ होकर िगर पड़गा तब नयदश न की ापना क िलय उनकोपरा धराशायी करक जगह साफकरनाऔर परान िवास की कछबात का योग करक पनिन माणकरना म ाचीन िवास कठोसपन पर करन क समआ मझ परा िवास हिक एक चतन परमआा का जोकित की गित का िददशन एवसचालन करता ह कोई अिनह ह हम कित म िवासकरत ह और सम गितशीलआोलन का य मन ाराअपनी सवा क िलय कित परिवजय ा करना मानत हइसको िदशा दन क पीछ कोईचतन शि नह ह यही हमारादशन ह हम आिक स कछ करना चाहत ह

यिद आपका िवास ह िक एकसवशिमान सव ापक औरसवानी ईर ह िजसन िवकी रचना की तो कपा करकमझ यह बताय िक उसन यह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 24

म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
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म नािक - भगतिसह (1931)

रचना की क और सतापस पण िनया ndash अस खक शात अन गठबन स िसत एक भी ि तो परीतरह सत नही ह कपया यहन कह िक यही उसका िनयम हयिद वह िकसी िनयम स बधाह तो वह सवशिमान नह हवह भी हमारी ही तरह िनयमका दास ह कपा करक यह भीन कह िक यह उसका मनोरजनह नीरो न बस एक रोम जलायाथा उसन बत थोड़ी सा मलोग की हा की थी उसन तो बत थोड़ा ख पदा िकयाअपन पण मनोरजन क िलयऔर उसका इितहास म ाानह उस इितहासकार िकस नामस बलात ह सभी िवषल िवशषणउस पर बरसाय जात ह प उसकी िना क वा स कालपत ह भसना करत ह ndash नीरो एकदयहीन िनद यी एक चगजखा न अपन आन क िलय कछहजार जान ल ल और आज हमउसक नाम स घणा करत हतब िकस कार तम अपन ईरको ायोिचत ठहरात हो उसशात नीरो को जो हर िदन हरघट ओर हर िमनट अस खदता रहा और अभी भी द रहाह िफर तम कस उसक मका प लन की सोचत हो जोचगज खा स क ण अिधक

ह ा यह सब बाद म इन िनदषक सहन वाल को परार औरगलती करन वाल को दड दन किलय हो रहा ह ठीक ह ठीक हतम कब तक उसि को उिचतठहरात रहोग जो हमार शरीरपर घाव करन का साहस इसिलयकरता ह िक बाद म मलायम औरआरामदायक मलहम लगायगालिडएटर सा क वापककहा तक उिचत करत थ िकएक भख ख़वार शर क सामन मन को फ क दो िक यिद वहउसस जान बचा लता ह तोउसकी खब दखभाल की जायगीइसिलयम पछता िक उस चतनपरम आा न इस िव औरउसम मन की रचना कीआन टन क िलय तब उसमऔर नीरो म ा फक ह

तम मसलमानो और ईसाइयोतम तो पव ज म िवास नहकरत तम तो िहओ की तरहयह तक पश नह कर सकतिक तः िनदष िय कक उनक पव ज क कम काफल ह म तमस पछता िकउस सवशिशाली न श ारािव क उि क िलय छः िदनतक पिरम िकया औरक िदन वह कहता ह िकसब ठीक ह बलाओ उस आजउस िपछला इितहास िदखाओउस आज की पिरिितय का

अयन करन दो हम दखग िक ा वह कहन का साहसकरता ह िक सब ठीक हकारावास की काल-कोठिरय स लकर झोपिड़य की बिय तकभख स तड़पत लाख इानस लकर उन शोिषत मज़र स लकर जो पजीवादी िपशाच ाराखन चसन की िया को धय पव किनाह स दख रह ह तथा उसमानवशि की बबा दी दख रहह िजस दखकर कोई भी ििजस तिनक भी सहज ान हभय स िसहर उठगा और अिधकउादन को ज़रतम लोग मबाटन क बजाय सम म फ क दनाबहतर समझन स लकर राजओ क उन महल तक िजनकी नवमानव की हिय पर पड़ी ह-उसको यह सब दखन दो औरिफर कह ndash सब कछ ठीक ह और कहा स यही मरा हतम चप हो ठीक ह तो म आगचलता

और तम िहओ तम कहत होिक आज जो क भोग रह ह य पव ज क पापी ह और आज कउीड़क िपछल ज म साध पष थ अतः व सा का आनट रह ह मझ यह मानना पड़ताह िक आपक पव ज बत चालाकि थ उन ऐस िसागढ़ िजनम तक और अिवासक सभी यास को िवफल करन

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 25

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 26: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

की काफ़ी ताकत ह ायशाक अनसार दड को अपराधीपर पड़न वाल असर क आधारपर कवल तीन कारण स उिचतठहराया जा सकता ह व ह ndashितकार भय तथा सधार आजसभी गितशील िवचारक ाराितकार क िसा की िनाकी जाती ह भयभीत करन किसा का भी अ वह हसधार करन का िसा ही कवलआवयक ह और मानवता कीगित क िलयअिनवाय ह इसकाय अपराधी को योय औरशाििय नागिरक क प मसमाज को लौटाना ह िक यिदहम मन को अपराधी मान भील तो ईर ारा उ िदय गय दड की ा कित ह तम कहतहो वह उ गाय िबी पड़जड़ी-बटी या जानवर बनाकर पदाकरता ह तम ऐस 84 लाख दडको िगनात हो म पछता िकमन पर इनका सधारक क पम ा असर ह तम ऐस िकतन िय स िमल हो जो यह कहतह िक व िकसी पाप क कारणपव जम गधा क प म पदा एथ एक भी नह अपन पराण स उदाहरण न दो मर पास तारीपौरािणक कथाओ क िलए कोईान नह ह और िफर ा तपता ह िक िनया म सबस बड़ापाप गरीब होना ह गरीबी एक

अिभशाप ह यह एक दड ह मपछता िक दड िया की कहातक शसा कर जो अिनवाय तःमन को और अिधक अपराधकरन को बा कर ा तारईर न यह नह सोचा था याउसको भी य सारी बात मानवताारा अकथनीय क क झलन की कीमत पर अनभव स सीखनीथ तम ा सोचत हो िकसीगरीब या अनपढ़ पिरवार जस एक चमार या महतर क यहापदा होन पर इान का ाभाय होगा चिक वह गरीब हइसिलय पढ़ाई नह कर सकतावहअपन सािथय स ितरत एवपिर रहता ह जो ऊची जाितम पदा होन क कारण अपन कोऊचा समझत ह उसका अानउसकी गरीबी तथा उसस िकयागया वहार उसक दय कोसमाज क ित िनर बना दत हयिद वह कोई पाप करता ह तोउसका फल कौन भोगगा ईरवह य या समाज क मनीषीऔर उन लोग क दड क बारम ा होगा िज दी ाणन जानबझ कर अानी बनाय रखा तथा िजनको तारी ान कीपिव पक ndash वद क कछ वासन लन क कारण कान म िपघलसीस की धारा सहनकरन की सजाभगतनी पड़ती थी यिद व कोईअपराध करत ह तो उसक िलय

कौन िज़दार होगाऔर उनकाहार कौन सहगा मर ियदो य िसा िवशषािधकारय लोग क आिवार ह य अपनी हिथयाई ई शि पजीतथा उता को इन िसाक आधार पर सही ठहरात हअपटान िसयर न िलखा थािक मन को बस अमर मिवास िदला दो और उसक बादउसकी सारी सि ट लोवह बगर बड़बड़ाय इस काय मतारी सहायता करगा धम कउपदशक तथा सा क ािमयक गठबन स ही जल फासीकोड़ और य िसा उपजत ह

म पछता तारासव शिशाली ईर हर िको नह उस समय रोकताह जब वह कोई पाप या अपराधकर रहा होता ह यह तो वहबत आसानी स कर सकता हउसन नह लड़ाक राजाओ की लड़न की उता को समािकया और इस कार िवयारा मानवता पर पड़न वालीिवपिय स उस बचाया उसन अज क मि म भारत कोम कर दन की भावना नहपदा की वह नह पजीपितयक दय म यह परोपकारी उाहभर दता िक व उादन कसाधन पर अपना िगतसि का अिधकार ाग द

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 26

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

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स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 27: Sacchi Mucchi, March 2014

म नािक - भगतिसह (1931)

और इस कार कवल सण िमक समदाय वरन सममानव समाज को पजीवादीबिड़य स म कर आपसमाजवाद की ावहािरकता परतक करना चाहत ह म इस आपक सवशिमान पर छोड़दता िक वहलागकर जहा तकसामा भलाई की बात ह लोगसमाजवाद क गण को मानत ह व इसक ावहािरक न होन का बहाना लकर इसका िवरोधकरत ह परमाा को आन दोऔर वह चीज को सही तरीकस कर द अज की कमतयहा इसिलय नह ह िक ईरचाहता ह बि इसिलय िकउनक पास ताकत ह और हममउनका िवरोध करन की िहतनह व हमको अपन भ मईर की मदद स नह रख हबि बक राइफल बमऔरगोिलय पिलस और सना कसहार यह हमारी उदासीनताह िक व समाज क िव सबस िननीय अपराध ndash एक रा कासर रा ारा अाचार पण शोषण ndash सफलतापव क कर रहह कहा ह ईर ा वह मनजाित क इन क का मज़ा ल रहाह एक नीरो एक चगज उसकानाश हो

ा तम मझस पछत हो िक मइस िव की उि तथा मानव

की उि कीाा कस करता

ईर म िवासिवापी ह औरदशन अिवकिसत इसकीउि का य उनशोषक की ितभाको ह जो परमााक अि काउपदश दकर लोगको अपन भ मरखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविशिित का अिधकारएव अनमोदन चाहत थ सभी धम

समदाय प औरऐसी अ साएअ म िनद यी औरशोषक साओिय तथा वगकी समथ क हो जातीह राजा क िवहर िवोह हर धम मसदव ही पाप रहा हठीक ह म त बताता चास

डारिवन न इस िवषय पर कछकाश डालन की कोिशश कीह उस पढ़ो यह एक कितकी घटना ह िविभ पदाथक नीहािरका क आकार मआकिक िमण स पी बनीकब इितहास दखो इसी कारकी घटना स ज पदा ए औरएक ल दौर म मानव डािव नकी lsquoजीव की उिrsquo पढ़ो औरतपरा सारा िवकास मनारा कित क लगातार िवरोधऔर उस पर िवजय ा करन कीचा स आ यह इस घटना कीसवतः सबस स ाा ह

तारा सरा तक यह हो सकताह िक एक बा अा यालगड़ा पदा होता ह ा यहउसक पव ज म िकय गय कायका फल नह ह जीविवानवाओ न इस समा कावािनक समाधान िनकाल िलयाह अवय ही तम एक औरबचकाना पछ सकत होयिद ईर नह ह तो लोग उसमिवास करन लग मराउर स तथा ह िजसकार व त तथा आाओ म िवास करन लग अरकवल इतना ह िक ईर म िवासिवापी ह और दशन अिवकिसत इसकी उि का यउन शोषक की ितभा को हजो परमाा क अि का

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 27

म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
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म नािक - भगतिसह (1931)

उपदश दकर लोग को अपन भ म रखना चाहत थ तथाउनस अपनी िविश िित काअिधकार एव अनमोदन चाहत थ सभी धम समदाय पऔर ऐसी अ साए अम िनद यी और शोषक साओिय तथा वग की समथ कहो जाती ह राजा क िव हरिवोह हर धम म सदव ही पापरहा ह

मन की सीमाओ को पहचानन पर उसकी ब लता व दोषको समझन क बाद परीा कीघिड़य म मन को बहारी स सामना करन क िलय उािहतकरन सभी ख़तर को पषक साथ झलन तथा सताएव ऐय म उसक िवोटको बाधन क िलय ईर ककािनक अि की रचनाई अपन िगत िनयम तथाअिभभावकीय उदारता स पण ईर की बढ़ा-चढ़ा कर कनाएव िचण िकया गया जबउसकी उता तथा िगतिनयम की चचा होती ह तोउसका उपयोग एक भय िदखान

वाल क प म िकया जाता हतािक कोई मन समाज क िलयख़तरा न बन जाय जब उसकअिभभावक गण की ााहोती ह तो उसका उपयोग एकिपता माता भाई बहन दोतथा सहायककी तरह िकया जाताह जब मन अपन सभी दोारा िवासघात तथा ाग दन स अ ष म हो तब उस इस िवचार स साना िमलसकती ह िक एक सदा सादो उसकी सहायता करन कोह उसको सहारा दगा तथा वहसवशिमान ह और कछ भी करसकता ह वावमआिदमकालम यह समाज क िलय उपयोगीथा पीड़ा म पड़ मन क िलयईर की कना उपयोगी होतीह समाज को इस िवास किव लड़ना होगा मन जबअपन पर पर खड़ा होन कायास करता ह तथा यथाथ वादीबन जाता ह तब उस ा कोएक ओर फ क दना चािहए औरउन सभी क परशािनय कापष क साथ सामना करनाचािहए िजनम पिरिितया उस पटक सकती ह यही आज मरी

िित ह यह मरा अहकार नहह मर दो यह मर सोचन कातरीका ह िजसन मझ नािकबनाया ह ईर म िवास औररोज़-ब-रोज़ की ाथ ना को ममन क िलय सबस ाथ औरिगरा आ काम मानता मन उन नािक क बार म पढ़ाह िजन सभी िवपदाओ काबहारी स सामना िकया अतः मभी एक पष की भाित फासी कफ की अिम घड़ी तक िसरऊचा िकयखड़ा रहना चाहता

हम दखना ह िक म कस िनभापाता मर एक दो न मझ ाथ ना करन को कहा जबमन उस नािक होन की बातबतायी तो उसन कहा lsquorsquoअपन अिम िदन म तम िवास करन लगोगrsquorsquo मन कहा lsquorsquoनह ारदो ऐसा नह होगा म इस अपन िलय अपमानजनक तथा होन की बात समझाता ाथ कारण स म ाथ ना नहकगाrsquorsquo पाठक और दोा यह अहकार ह अगर ह तोम ीकार करता

(सौज hilleleorg)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 28

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

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काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
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वाराणसी की था - न िकशोर नदन

वाराणसी की थान िकशोर नदन

िच सौज कन वीलड (flickrcom)

काशी नगरी िवनाथ की दाता क दरबार कीयह कबीर की भिम ब की वणा-कणा-धार कीफट डालकर हम लड़ात आया ह पहचान ली-टन दग नह िवरासत मल-महत-ार की

1दो और तरह क दग कापहल हम िहसाब चािहएमार बय हजार बघर

अब तक आज जवाब चािहएभाषा-वश बदलकर ठगता िफतरत नर-सहार की

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 29

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

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स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 30

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
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वाराणसी की था - न िकशोर नदन

टन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

2ा कसर था इशरत का जोमासम का खन बहाया

इतनी नफ़रत इतनी पशताबद बराबर रहम न आया

बड़-बड़ को धल चटात आह हर लाचार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

3िदी की लालच म रलीयाद बनारस की अब आईहर हर मोदी खद बन बठभल गय िशव की भताई

िकस पर गव रदत जन को सास िमल उधार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

4यिद िवकास की धारा समरस

मिम दिलत कषक ओझलकट रह िनध न जनता कोल धिनय स मसल-ओखल

तझको धनपितय की िचा उनक धन-िवार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

5

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वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 31: Sacchi Mucchi, March 2014

वाराणसी की था - न िकशोर नदन

जस साड़ी बन बनारसवस ही िरत बनता ह

मजमा भीड़ तमाशा जो होवह तो मानव को चनता ह

नह चलगी यहा िसयासत िरत क ापार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

6यहा अजान-आरती गज भर बलता जीवन म रसहोन दग लाल न गगामानवता की शान बनारस

राह िदखायी मचद न म दया उपकार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

7हम लड़ाकर कर िसयासतयह हमको ीकार नह हवह न हमारा नायक होगािजसक िदल म ार नह ह

किठन परीा ह िववक की िचा यह ससार कीटन दग नह िवरासत मल- महत-ार की

(सौज दवश पटल)

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 31

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
  • सजित सघरष - राहल यदका
Page 32: Sacchi Mucchi, March 2014

सिजत सघष - राल यका

सिजत सघष राल यका

तार िलए एक िदन िनदय घम लनाएक गरीब बिढ़या का उािहत हो हाथ चम लनातार जीवन का यादगार अनभव बन सकता ह

तार शोध का िवषय या तार गीत का दद बन सकता हतम इस बाद म याद करएक उपलि मानकर

एक िवजयी मान द सकत होऔरिफर एक बारएक और िदन क िलए

उसी अपिरवित त सड़क उसी बिढ़या की ओर लौटकरअपन ldquoअनभवrdquo का दायरा बढ़ा सकत हो

अपन सघष की सची म एक और सघष जोड़ सकत होअपनी ldquoकना की िनयाrdquo म िक िजसक तम भायिवधाता हो

उनकी तकदीर का ख मोड़ सकत होलिकनतम पहल नह हो

और न भी इस सड़क इस बिढ़या स अनभव पाए हअपन ान और सघष क आयाम बढ़ाए ह

इितहास साी हऔर आन वाला व भी दखगा

इस सड़क इस बिढ़या को ान और अनभव का ोत बनत एिक यह तारा एक िदन का खद स सिजत अनभव खद खड़ा िकया गया सघष

उस सड़क और उस बिढ़या क ितिदन जीवन का कठोर स ह

स ची म ची एक यास ndash 7 माच 2014प 32

  • राषटरीय खादय सरकषा क़ानन और उसस आग भोजन का अधिकार लोकततर और सामाजिक नयाय - रोजी रोटी अधिकार अभियान
  • झारखड म विरोध क बावजद जिदल क सटील पलाट को हरी झडी आदोलनकारियो पर लाठी चारज - करष कटीनवाला
  • अब सामपरदायिकता की काट बन अरविद कजरीवाल - सदीप पाणडय
  • राषटरवाद का मौसम - अपरवाननद
  • म नासतिक कयो ह - भगतसिह (1931)
  • वाराणसी की वयथा - ननद किशोर नदन
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